एलोवेरा जूस का रोजाना करें सेवन, मिलेंगे ये 5 प्रमुख फायदे

Consume aloe vera juice daily, you will get these 5 major benefits

14.11.2022 (एजेंसी)- एलोवेरा कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है और अगर आप इसके जूस को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो इससे आपको स्वास्थ्य संबंधित कई लाभ मिल सकते हैं। एलोवेरा जूस में अमीनो एसिड, लिग्निन, एंजाइम, खनिज, विटामिन, सैलिसिलिक एसिड और सैपोनिन नामक पोषक तत्व होते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि रोजाना एक गिलास एलोवेरा जूस का सेवन करने से आपको क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। पाचन क्रिया के लिए है लाभदायकएलोवेरा के जूस में लैक्सेटिव प्रोपर्टीज मौजूद होती हैं, जो आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को प्रोत्साहित करती हैं और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों को कम करने में मदद करती है।

यह गुण पुराने अल्सर के जोखिम कम करने में भी मदद कर सकता है। एलोवेरा का जूस पाचन क्रिया को डिटॉक्स करने में भी सहायक होता है। इसके अतिरिक्त यह जूस इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, पेट दर्द और पेट फूलने जैसी समस्याओं का भी प्राकृतिक रूप से इलाज कर सकता है। सूजन को कम करने में है मददगारसूजन को कम करने में भी एलोवेरा का जूस मदद कर सकता है। एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव मौजूद होता है।

यह प्रभाव सूजन की समस्या को दूर करने में काफी मदद करता है। एलोवेरा में पाया जाने वाला यह प्रभाव एलोवेरा के जूस में भी मौजूद होता है। हालांकि ध्यान रखें कि ये फायदे बाजार में मिलने वाले पैक्ड एलोवेरा जूस की बजाय घर पर बने जूस से ही मिल सकते हैं। खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में है प्रभावीअगर शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढऩे लगे तो यह हृदय रोग का कारण बन सकता है, इसलिए इसके स्तर को कम रखना जरूरी है।

कई अध्ययनों के मुताबिक, एलोवेरा के जूस में मौजूद हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव ब्लड लिपिड का स्तर संतुलित करके खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर कम कर सकता है। हालांकि अगर आप पहले से किसी हृदय रोग का सामना कर रहे हैं तो डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसे डाइट में शामिल करें।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में है सहायकएलोवेरा में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव मौजूद होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधारने में काफी मदद करता है। कई अध्ययनों के मुताबिक, एलोवेरा के जूस में बीटा कैरोटीन के साथ-साथ विटामिन-ष्ट की भी अच्छी मात्रा होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करके शरीर को कई तरह के संक्रमणों और रोगों से सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।

इसलिए रोजाना एलोवेरा का जूस पीएं। शरीर को करता है डिटॉक्सविषाक्त पदार्थों का जमाव होने से शरीर कई तरह के रोगों का घर बन सकता है, इसलिए यह आवश्यक है कि शरीर को डिटॉक्स करने वाली चीजों का सेवन किया जाए। एलोवेरा जूस एक प्राकृतिक क्लींजर है, इसलिए इसका सेवन शरीर को डिटॉक्स करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा रोजाना एक गिलास एलोवेरा का जूस पीने से मधुमेह को नियंत्रित रखने में भी मदद मिल सकती है।

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क्या आप भी है गले की खराश या जुकाम से परेशान? तो अपनाएं ये नुस्खा तुरंत मिलेगा निजात

31.10.2022  (एजेंसी)- मौसम में बदलाव के कारण इस समय लोगों को कई प्रकार के इंफेक्शन और बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, इसमें सर्दी, खांसी एवं जुकाम का खतरा सबसे अधिक होता है। चूंकि अभी सर्दी का मौसम अभी पूरी तरह आया नहीं है, तो ऐसे में कई व्यक्ति अभी तक ठंडे पानी, कोल्ड ड्रिंक्स, या लस्सी पीने की आदत छोड़ नहीं पाए हैं।

मगर इसकी वजह से उन्हें गले की खराश का सामना करना पड़ता है, ये एक ऐसी समस्या है जिसके शिकार होने के बाद ठीक से बात करना मुश्किल हो जाता है, यहां तक की भोजन करने में भी परेशानी होती है। गले की खराश कैसे करें दूर?दादी-नानी के जमाने के कई ऐसे नुस्खे हैं जो गले एवं नाक की बीमारियों से हमें छुटकारा दिला सकते हैं।

विशेष तौर पर गले की खराश से यदि आप परेशान हैं तो किचन में रखी इन चीजों का अवश्य उपयोग करें।मेथी:-मेथी एक बेहत सुगंधित मसाला है, यही कारण है कि कई रेसेपीज को तैयार करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसके लिए आप एक चम्मच मेथी दानों को एक कप पानी में उबाल लें। इसके गुनगुने पानी को छन्नी से छानकर पी जाएं।

मुलेठी और शहद:-मुलेठी को गले की खराश का रामबाण उपचार माना जाता है, यदि आप भी इस परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो एक चम्मच मुलेठी पाउडर लें तथा इसके साथ शहद को मिक्स कर लें। अब गुनगुने पानी के साथ इसके गरारे करें, इससे जल्द आराम प्राप्त होगा।

नमक और हल्दी के पानी के गरारे:-नमक एवं हल्दी का उपयोग हम अक्सर खाने का टेस्ट बढ़ाने के लिए करते होंगे, मगर इन दोनों का कॉम्बिनेशन गले की खराश से निजात दिलाने का कमा कर सकता है। इसके लिए आप एक ग्लास पानी को गैस स्टोव पर चढ़ाकर गुनगुना कर लें।

अब इसमें आधा चम्मच नमक एवं एक चम्मच हल्दी को मिक्स करके लगभग 5 बार गरारे करें, आपकी परेशानी आहिस्ता-आहिस्ता कम होने लगेगी।

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तैलीय त्वचा को प्राकृतिक रूप से मॉइस्चराइज करने के लिए अपनाएं ये तरीके

31.10.2022 – (एजेंसी)  तैलीय त्वचा होने की सबसे बड़ी चुनौती इसकी नमी संतुलन बनाए रखना है। कई लोग तो मॉइस्चराइजर का उपयोग करना ही छोड़ देते हैं क्योंकि इससे उन्हें त्वचा की तैलीयता बढऩे का डर रहता है। ऐसा करना गलत है क्योंकि त्वचा के प्रकार कुछ भी हो, मॉइस्चराइजिंग स्किन केयर रूटीन का अहम हिस्सा है।

आइए आज हम आपको पांच ऐसे तरीके बताते हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी तैलीय त्वचा को प्राकृतिक रूप से मॉइस्चराइज कर सकते हैं। दूध का करें इस्तेमालदूध में लैक्टिक एसिड होता है, जिसमें मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं। यह स्किन बैरियर फंक्शन को बनाए रखने में भी मदद करता है। लाभ के लिए एक चौथाई कप ताजे दूध में नींबू के रस की कुछ बूंदें डालकर अच्छी तरह मिलाएं और इसे अपने चेहरे पर लगाएं।

10 मिनट बाद अपने चेहरे को पानी से धो लें। ऐसा आप हफ्ते में एक बार कर सकते हैं। गुलाब की पंखुडिय़ां भी हैं प्रभावीगुलाब की पंखुडिय़ों का अर्क त्वचा पर एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव प्रदर्शित करता है और त्वचा के अतिरिक्त तेल को नियंत्रित करके इसे मॉइस्चराइज कर सकता है। लाभ के लिए एक सॉस पैन में थोड़ा गुलाब जल और एक कप गुलाब की पंखुडिय़ां डालकर इसे उबालें।

अब इस घोल को ठंडा करके छान लें, फिर इसमें एलोवेरा जेल मिलाकर इसे फ्रिज में रख दें। इस मिश्रण को रात में सोने से पहले अपने चेहरे पर लगाएं। एलोवेरा आएगा कामएलोवेरा न केवल आपकी तैलीय त्वचा को मॉइस्चराइज कर सकता है बल्कि इसे सूरज की हानिकारक किरणों से बचाए भी रख सकता है। लाभ के लिए एक कटोरी में एक चम्मच कारनौबा वैक्स, दो-तीन बड़ी चम्मच जोजोबा तेल और एक बड़ी चम्मच पानी मिलाएं।

अब इसे थोड़ा गर्म करके अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। ऐसा हर रात सोने से पहले करें। नींबू और शहद का मिश्रण लगाएंनींबू त्वचा के अतिरिक्त तेल को नियंत्रित करने का कार्य करता है, जबकि शहद एक बेहतरीन प्राकृतिक मॉइस्चराइजर का काम करता है। लाभ के लिए एक नींबू का रस निचोड़ें और उसमें शहद डालकर इसे अच्छी तरह मिलाएं और इसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 15 मिनट बाद त्वचा को पानी से धो लें।

सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसे हफ्ते में 1-2 बार दोहराएं। सूरजमुखी का तेल भी है कारगरसूरजमुखी के बीज के तेल में लिनोलिक एसिड होता है जो आपकी त्वचा को हाइड्रेट करता है और त्वचा के बैरियर को मजबूत करता है।

लाभ के लिए सूरजमुखी के तेल की कुछ बूंदें लें और इससे अपनी त्वचा की मालिश करें। ऐसा दिन में कम से कम एक बार करें ताकि आपकी त्वचा में नमी बनी रहे।

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कई पोषक गुणों से समृद्ध होता है आइस एप्पल, जानिए इसके सेवन के फायदे

26.10.2022 (एजेंसी) दक्षिण भारत के अत्यधिक लोकप्रिय फलों में से एक आइस एप्पल पौष्टिक फल है जिसे तमिल में टडगोला कहा जाता है। यह एक नारियल जैसा फल है जो अंदर से बर्फ की तरह लगता है। यह रसदार फल फाइटोन्यूट्रिएंट्स, कार्ब्स और कैल्शियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके अतिरिक्त, यह कम कैलोरी वाला फल हाइड्रेटिंग और कूलिंग गुणों से भी समृद्ध होता है।

आइए जानते हैं कि आइस एप्पल के सेवन से क्या-क्या फायदे मिलते हैं। त्वचा के लिए है लाभदायकआइस एप्पल एंटी-इंफ्लेमेटरी और कूलिंग गुणों से भरपूर होता है जो त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते हैं। ये गुण त्वचा की सूजन को दूर करने समेत दानों और चकत्ते का इलाज कर सकते हैं। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स कोलेजन का उत्पादन भी बढ़ाते हैं और हानिकारक मुक्त कणों से लडऩे में मदद करते हैं।

खुजली को शांत करने के लिए आप अपनी त्वचा के प्रभावित हिस्से पर आइस एप्पल के गूदे को भी लगा सकते हैं। वजन घटाने में है सहायकअगर आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो अपनी डाइट में आइस एप्पल को जरूर शामिल करें। इस स्वास्थ्यवर्धक फल में उच्च पानी की मात्रा आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखती है जिससे आप अनहेल्दी चीजों के सेवन से खुद को बचा सकते हैं।

इस फल में कैलोरी भी कम होती है जो वजन घटाने में मदद करती है। इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। मधुमेह को करे नियंत्रितकार्ब्स में कम और विटामिन और खनिजों से भरपूर आइस एप्पल का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए भी सुरक्षित है। इसमें मौजूद पोटेशियम की उच्च मात्रा इंसुलिन के बढ़े हुए उत्पादन को नियंत्रित करती है जिससे ब्लड शुगर का स्तर कम होता है।

एक अध्ययन के अनुसार, जिन मधुमेह रोगियों ने आइस एप्पल खाएं, उन्होंने अपने ब्लड शुगर के स्तर में कमी का अनुभव किया। रोजाना सुबह इसका सेवन करने से आपका संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। बालों को बनाता है मजबूतआइस एप्पल बालों का रूखापन और बेजानपन कम करके इन्हें मुलायम, स्वस्थ और चमकदार बना सकता है। यह एक प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में कार्य करता है और आपके बालों को मजबूत करने में मदद करता है। यह बालों से संबंधित समस्याओं जैसे स्प्लिट एंड्स, सन डैमेज, जल्दी गंजापन और बालों का समय से पहले सफेद होना कम करने में भी मदद करते हैं।

इसकी मदद से बालों का झडऩा भी कम होता है। हाइड्रेट करने समेत थकान करें दूरअगर किसी भी कारण आप खुद में डिहाइड्रेशन और कम ऊर्जा महसूस करें तो उस दौरान आइस एप्पल का सेवन जरूर करें।

इससे आपके शरीर पर कूलिंग प्रभाव पड़ेगा और प्राकृतिक रूप से डिहाइड्रेशन का इलाज होगा। इन फलों में पोटेशियम और सोडियम की उच्च मात्रा शरीर में द्रव और इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करती हैं।

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नारियल के इस्तेमाल से सेहत को मिलते हैं ये पांच फायदे

26.10.2022 – (एजेंसी) नारियल कई ऐसे गुणों से भरपूर होता है जो हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। नारियल का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। आप नारियल की स्वादिष्ट मिठाइयां बना सकते हैं, इसका तेल निकाल सकते हैं, गर्मियों में नारियल का पानी पीकर खुद को हाइड्रेट रख सकते या फिर घर में खुशबू के लिए इसकी मोमबत्तियां इस्तेमाल कर सकते हैं।

आज हम आपको नारियल से स्वास्थ्य को होने वाले पांच फायदे बताएंगे। ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायकनारियल फाइबर और स्वस्थ फैट से भरपूर होता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। इसकी वजह से यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में फायदेमंद है।

इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण आपके ब्लड शुगर के लेवल को सही रखते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्जिन नारियल तेल के इस्तेमाल से ब्लड शुगर और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में सुधार होता है। त्वचा के लिए है फायदेमंदनारियल आपकी त्वचा को मुलायम, हाइड्रेट और मॉइश्चराइज रखने का काम करता है।

इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट आपकी एंजिंग को कम करने और मृत त्वचा को हटाकर रंग निखारने में मदद करते हैं। नारियल तेल स्ट्रेच मार्क हटाने और होठों को फटने से बचाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

वजन घटाने के लिए करें इस्तेमालताजे नारियल से निकाले गए तेल में अन्य नारियल तेलों की अपेक्षा में ज्यादा मीडियम चेन फैटी एसिड होता है। इससे आपको वजन कम करने के लिए अनगिनत फायदे मिलते हैं। नारियल में मौजूद ट्राइग्लिसराइड्स शरीर की चर्बी को तेजी से खत्म करते हैं और भूख को कम कर देते हैं। यह आपकी पेट की चर्बी को कम करने और वजन घटाने में मददगार साबित होगा, इसलिए आप इसका इस्तेमाल जरूर करें।

नारियल का तेल बालों को लंबा और घना बनाने में मददगारनारियल तेल का इस्तेमाल सदियों से बालों की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा रहा है। इसके नियमित इस्तेमाल से बालों को लंबा, घना और चमकदार बनाया जा सकता है। नारियल तेल से सिर में पांच मिनट मसाज करने से न सिर्फ ब्लड सर्कुलेशन में वृद्धि होती है, बल्कि इससे बालों के खो चुके पोषण की भरपाई भी होती है।

नियमित नारियल तेल से मसाज करने पर बालों में रूसी की समस्या नहीं होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को देता है बढ़ावाआजकल बीमारियां बढ़ती जा रही हैं और सही खान-पान नहीं होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती जा रही है। इसे बढ़ाने के लिए आप रोजाना खाना पकाने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल करें।

इससे आपको स्वास्थ्य से जुड़े अन्य फायदे भी मिलेंगे। जो लोग नारियल के तेल में बना खाना खाते हैं, वो कई गंभीर बीमारियों से दूर रहते हैं। अन्य तेल में बने खाने को खाने से बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।

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सुबह खाली पेट पिए इस घास का जूस, मिनटों में नीचे आने लगेगा कोलेस्ट्रॉल

*ब्लड शुगर भी रहेगा कंट्रोल में*

22.10.2022 – (एजेंसी) व्हीटग्रास एक स्वास्थ्यवर्धक घास है। व्हीटग्रास जूस यानी गेहूं के जवारे से बने जूस को कुछ लोग संजीवनी भी कहते हैं। यह घास शरीर से गंदा कोलेस्ट्रॉल निकालने में काफी असरदार है। यह शरीर के अंदर जाकर सिर्फ 20 मिनट में खून में मिलकर अपना असर शुरू कर देती है। साथ ही इसमें एंटी-डायबिटिक गुण पाए गए हैं। जो ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखते हैं।

कोलेस्ट्रॉल करता है कमशरीर में गंदा कोलेस्ट्रॉल खून ले जाने वाली नसों को बीच से बंद कर देता है। जिससे दिल और दिमाग जैसे जरूरी अंगों तक जाने वाली ब्लड सप्लाई रुक जाती है। एक रिसर्च पेपर की मानें, तो व्हीटग्रास में हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव होता है, जो कोलेस्ट्रॉल कम कर सकता है। शोध में बताया गया है उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर संबंधी समस्या यानी हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से जूझ रहे चूहों को व्हीटग्रास जूस देने के बाद मल के द्वारा अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद मिली।

वहीं, एक शोध में यह भी देखा गया कि 10 हफ्तों तक व्हीटग्रास देने से ना सिर्फ गंदा कोलेस्ट्रॉल नीचे आया, बल्कि अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढऩे लगा।डायबिटीज को रखे कंट्रोल मेंखराब दिनचर्या और खानपान के चलते डायबिटीज एक आम बीमारी बन गई है। हालांकि अगर, इसे सही तरह से मैनेज न किया जाए, तो यह खतरनाक रूप ले सकती है। डायबिटीज को सिर्फ हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है।

ऐसे में व्हीटग्रास का सेवन मधुमेह में आराम दिलाता है। क्योंकि, कई शोधों में यह सामने आया है कि अंदर एंटी-डायबिटिक गुण पाए गए हैं। जो ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखते हैं।मोटापावजन कम करने के लिए भी व्हीटग्रास जूस का उपयोग किया जा सकता है। कई सारे न्यूट्रिशनिस्ट व्हीटग्रास को तेजी से वेट लॉस करने का शानदार तरीका मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस घास के अंदर मौजूद कंपाउंड भूख को कंट्रोल करके वेट लॉस में मदद करते हैं।

एक अन्य शोध में कहा गया है कि यंग व्हीटग्रास और अन्य क्लोरोफिल प्लांट वजन कम करने में प्रभावी और सुरक्षित होते हैं।चेहरे पर आएगी चमक2015 की एक रिसर्च के मुताबिक, व्हीटग्रास का सेवन करने से शरीर से गंदगी और टॉक्सिन्स निकलने लगते हैं। जिस वजह से चेहरे के दाग-धब्बे दूर होने लगते हैं और उसपर शीशे-सी चमक आ जाती है।

इसलिए अगर आप चेहरे की चमक बढ़ाना चाहते हैं, तो भी इस घास का उपयोग कर सकते हैं।ब्लड प्रेशरव्हीटग्रास का सेवन ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखता है। कहा जाता है कि इसमें मौजूद क्लोरोफिल उच्च रक्तचाप को कम करता है। इसे ब्लड प्रेशर रेगुलेट करने का सुरक्षित और प्रभावी तरीका बताया गया है।

व्हीटग्रास जूस को हाई ब्लड प्रेशर ही नहीं, सामान्य रक्तचाप वाले भी पी सकते हैं। दरअसल, इसे उच्च स्तर को कम करने के साथ ही ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने के लिए जाना जाता है।

व्हीटग्रास जूस बनाने की विधि

*एक गिलास पानी- दो चम्मच व्हीटग्रास पाउडर

*एक चम्मच नींबू का रसजूस बनाने की विधि

*सबसे पहले तीनों सामग्री को एक मिक्सर में डाल लें।

*अब इसे 2 से 3 मिनट तक अच्छी तरह ब्लेंड करें।

*इसके बाद थोड़ा सा और पानी डालें और थोड़ी देर मिक्स करें।

* फिर इसे एक गिलास में निकालकर छान लें।

* बस तैयार है व्हीटग्रास जूसव्हीटग्रास जूस का सेवन करने के टिप्स

*गेहूं के जवारे का जूस हमेशा ताजा ही पीना चाहिए।

*शुरुआत में व्हीटग्रास जूस को कम मात्रा में लें। इसकी मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं।

*अगर इसके सेवन से किसी को एलर्जी होती है, तो इसका सेवन बंद कर दें।

एक ही बार में अधिक मात्रा में इसे पीने से बचें। हमेशा इसकी सीमित मात्रा का ही सेवन करना लाभकारी होता है।- निरंतरता हर चीज में जरूरी है।

ठीक ऐसा ही व्हीटग्रास जूस के साथ भी है, इसलिए फायदे पाने के लिए रोजाना एक निर्धारित समय तक इसका सेवन करें। व्हीटग्रास मार्केट में आसानी से जूस, पाउडर और सप्लीमेंट के रूप में उपलब्ध है।

हालांकि, आप इसे घर पर ही उगाकर ताजा जूस भी निकाल सकते हैं।

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दिवाली के दौरान बढ़ जाती हैं अस्थमा रोगियों की परेशानी

*इन घरेलू उपायों से मिलेगी राहत*

22.10.2022 – (एजेंसी) दिवाली का त्यौहार जहां सभी के लिए खुशियां लेकर आता हैं, वहीँ अस्थमा मरीजों के लिए चिंता का कारण बनता हैं। अस्थमा एक फेफड़ों से जुड़ा रेस्पिरेटरी रोग है, जो न केवल हमारे श्वसन संबंधी स्वास्थ्य पर बल्कि दैनिक कार्यों को पूरा करने की हमारी क्षमता पर भी गहरा प्रभाव डालता है। अस्थमा से पीडि़त लोगों में वायुमार्ग संकीर्ण हो जाता है और बहुत अधिक बलगम पैदा करता है।

यह सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट, खांसी जैसी तकलीफों को बढ़ाने का काम करता हैं। दिवाली के दौरान फटाखों से धुआं और प्रदूषण होता हैं जो अस्थमा रोगियों के लिए घातक साबित होता हैं। ऐसे में जरूरत होती हैं कुछ घरेलू उपायों को आजमाने की ताकि दिवाली के दौरान अस्थमा के मरीजों में उठने वाली परेशानियों से बचा जा सकें। तो आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में…शहद सर्दी के मौसम में शहद का इस्तेमाल सर्दी-जुकाम के इलाज के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग गले में खराश को शांत करने और खांसी को रोकने के लिए किया जा सकता है।

खांसी अस्थमा के लक्षणों को और खराब कर सकती है। सर्दी और दिवाली के दिनों में आपको सावधान रहना चाहिए कि सर्दी न लगे। गर्म चाय में शहद मिलाकर पीएं या फिर एक चम्मच रोज सुबह 2 या 3 तुलसी के पत्तों के साथ लें।पिप्पली श्वसन विकारों का इलाज करने के लिए आयुर्वेद में पिप्पली का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह ठंड और खाँसी से राहत देती है और क्रॉनिक अस्थमा की स्थिति में बहुत उपयोगी है। यह बंद छाती को खोलने में सहायक होती है और हिचकी को कम करती है। शहद के साथ एक चौथाई चम्मच पिप्पली पाउडर को दिन में दो बार लें।

गर्भावस्था में, पिप्पली पाउडर को एक छोटी मात्रा में घी के साथ लिया जा सकता है। इसके अधिक सेवन से बचें क्योंकि यह गर्म होने के कारण पेट को परेशान कर सकती है।अदरकअगर आप जल्दबाजी में कोई रेमेडी तैयार करना चाहते हैं तो अदरक और हल्दी को मिक्स करके एक चाय भी बना सकते हैं और उसे गर्म गर्म पी जाएं। सबसे पहले थोड़े से अदरक को कस लें और उसे एक गिलास पानी के साथ उबाल लें।

अब इसमें आधी चम्मच हल्दी पाउडर भी एड कर दें। अगर इसे रोजाना दिन में दो बार पिया जाए तो यह आयुर्वेदिक रेमेडी अस्थमा अटैक आने की संख्या बेहद कम कर सकती है।लहसुन अस्थमा का सफल उपचार करने के लिए आपको लहसुन का इस्तेमाल करना चाहिए। लहसुन अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पाँच कलियाँ उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से अस्थमा का जड़ से इलाज होता है।अडूसाइस पौधे में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जिस वजह से यह औषधीय पौधा अस्थमा से राहत दिला सकता है।

यह वायुमार्ग और फेफड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है। अस्थमा में अडूसा के फायदे लेने के लिए 5-5 मिली अडूसा के पत्तों का रस शहद के साथ 2.5 मिली अदरक का रस मिलाकर सेवन करें।दालचीनी और शहदएक चम्मच शहद में एक चौथाई दालचीनी का टुकड़ा मिलाएं और इन दोनों को एक कप पानी के साथ उबलने के लिए रख दें। अब इसे 10 मिनट के लिए थोड़ा ठंडा होने के लिए छोड़ दें और उसके बाद शहद एड कर दें।

शहद को एक चम्मच से ज्यादा न डालें। इस रेमेडी का सेवन रोजाना एक बार कर सकते हैं। अधिक लाभ पाने के लिए इसे दो बार भी पी सकते हैं।कैफीनकैफीन में थियोफिलाइन की कई समानताएं हैं। थियोफिलाइन एक ब्रोन्कोडायलेटर दवा है जिसका उपयोग अस्थमा के रोगियों के फेफड़ों में वायुमार्ग को खोलने के लिए किया जाता है।

दवा के समान होने के कारण कैफीन एक अच्छा घरेलू उपचार हो सकता है जो आपके अस्थमा के लक्षणों को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। कैफीन कॉफी, चाय, कोको और विभिन्न कोला पेय में पाया जा सकता है। गर्म पेय पदार्थ भी जकडऩ वाले वायुमार्ग को खोलने में मदद करते हैं।

हल्दीहल्दी को मजबूत एंटी-एलर्जी गुणों के लिए जाना जाता है। हिस्टामाइन सूजन पैदा करने के लिए जाने जाते हैं। हल्दी हिस्टामाइन को प्रभावित करती है जो सूजन को रोक सकती है।

यह अस्थमा के लक्षणों को दूर कर सकता है और अस्थमा के हमलों को रोकने में आपकी मदद कर सकता है। अपने भोजन को प्रतिदिन हल्दी के साथ पकाएं।

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हादसे का शिकार होने से बची सप्तक्रांति एक्सप्रेस

*ड्राइवर ने बरती सावधानी, लगाई इमरजेंसी ब्रेक*

मुजफ्फरपुर 21 Oct. (RnsFJ)-दिल्ली से मुजफ्फरपुर जा रही सप्तक्रांति एक्सप्रेस शुक्रवार को हादसे का शिकार होते होते बच गई। यह घटना बिहार के चकिया की है।

रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे मजदूरों ने ट्रेन को रफ्तार से आता देख पोल को ट्रैक पर भी छोड़ दिया और वहां से भाग गए। पटरी पर पोल को देख ट्रेन ड्राइवर के होश उड़ गए, लेकिन ड्राइवर ने समझदारी दिखाई और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी।

पीपरा स्टेशन से लाइन क्लियर मिलने के बाद ट्रेन आगे की ओर सरपट भागने लगी। लाइन दोहरीकरण कार्य के दौरान बिछाए जा रही पटरी इंजन में फंस गई। इससे ट्रेन का संतुलन बिगड़ने लगा।

चालक को इसका अहसास हो गया, उसने अपनी सूझबूझ से गाड़ी चिन्तामनपुर कुंवर हाल्ट के समीप रोक ली। इसके बाद अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। गाड़ी करीब आधा घंटा से हाल्ट पर ही रुकी रही। इस कारण अन्य ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित हुआ। हादसे की वजह कई ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है।

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मशरूम से घर पर बनाएं ये चार आसान और जायकेदार व्यंजन, जानें रेसिपी

17.10.2022 – मशरूम में कई ऐसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। साथ ही मशरूम में कई महत्वपूर्ण खनिज और विटामिन भी पाएं जाते हैं। इसके अलावा, मशरूम में चोलिन नाम का एक खास पोषक तत्व होता है, जो मांसपेशियों की सक्रियता और दिमाग की क्षमता के लिए बेहद फायदेमंद है। आज हम आपको घर पर ही मशरूम से बनाने वाले चार स्वादिष्ट व्यंजन की रेसिपी के बारे में बताएंगे।

मशरूम नानइस रेसिपी के लिए सबसे पहले आप मैदा, पानी, नमक और चीनी को मिलाकर नान का आटा गूंथ लें और 20 मिनट तक छोड़ दें। अब स्टफिंग तैयार करने के लिए एक कढ़ाई में तेल गर्म करके प्याज को सुनहरा होने तक भूनें। इसमें कटे हुए मशरूम, मैश किए हुए हरे मटर, नमक, गरम मसाला, पनीर और हरी धनिया डालकर पकाएं। अब आटे की गोली बनाकर बेल लें और ऊपर से स्टफिंग डालकर बेक कर लें। मशरूम घी रोस्टसबसे पहले एक पैन में मशरूम को दही, हल्दी और नींबू के रस के साथ मिला लें।

अब अलग से गैस पर सूखी लाल मिर्च, लौंग, मेथी दाना, काली मिर्च, धनियां और जीरा को पांच मिनट भून लें और फिर इसमें लहसुन और इमली का पेस्ट डालकर मिक्सी में पेस्ट तैयार कर लें। इसके बाद एक पैन में घी डालें और तैयार किए पेस्ट के साथ मैरीनेट किए हुए मशरूम डालकर अच्छी तरह पका लें और फिर गरमा गरम परोसें। मशरूम टिक्का मसालाइसे बनाने के लिए थोड़े से दही में हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर, बेसन और गरम मसाला डालकर अच्छी तरह मिला लें।

अब एक कढ़ाई में तेल गरम करें और मैरीनेट किए हुए मशरूम तलें। इसके बाद एक पैन में तेल डालकर प्याज, जीरा, अदरक, लहसुन और टमाटर भूनें और फिर इसमें काजू, लाल मिर्च पाउडर, तेज पत्ते और नमक डालकर पेस्ट तैयार कर लें। अब गैस पर इस पेस्ट को पका लें और फिर मशरूम डालकर थोड़ा और पकाएं।

मशरूम सूपसबसे पहले एक बड़े सॉस पैन में मक्खन गरम करें और कटे हुए प्याज, लहसुन और अदरक को नरम होने तक पकाएं। अब इसमें कटे हुए मशरूम, थोड़ा सा आटा, पानी और सेलरी स्टिक डालकर मिश्रण को उबाल लें।

अब मिश्रण में तेज पत्ते और काली मिर्च पाउडर डालें और इसे 10 मिनट तक उबालें। उबालने के बाद, तेज पत्ते निकालकर मिश्रण को अच्छे से ब्लेंड करें और फिर सूप को दोबारा गरम करके परोसें। (एजेंसी)

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हाथों को आकर्षक बनाने के लिए इस्तेमाल करें ये 4 तरह की नेल पेंट

17.10.2022 – नाखूनों को आकर्षक बनाने के लिए कई महिलाएं नेल पेंट का इस्तेमाल करती हैं। ये पूरे लुक को बेहद खूबसूरत बनाने के साथ-साथ हाथों को आकर्षक बनाने में भी मदद करती हैं। अलग-अलग जगहों के लिए अलग-अलग की नेल पेंट इस्तेमाल की जाती हैं। बाजार में भी अब कई तरीके की नेल पेंट मौजूद हैं, जिसके कारण महिलाएं अक्सर कंफ्यूज हो जाती हैं।

आइए आज हम आपको चार बेहतरीन नेल पेंट के बारे में बताते हैं। मैट नेल पेंटमैट नेल पेंट काफी पसंद की जाती है। ये नेल पेंट आपके नाखूनों को बगैर चमक या शाइनिंग के एक चिकनी फिनिश देती है। इससे आपके हाथ बेहद खूबसूरत दिखते हैं। इस नेल पेंट में आप पेस्टल रंगों को चुन सकती हैं। इसे आप नॉर्मल दिनों में या किसी प्रोग्राम में भी लगा सकती हैं।

इसे लगाने से आपके नाखून चमकीले नहीं दिखेंगे, इसलिए दिन के प्रोग्राम में लगाने के लिए ये नेल पेंट बढिय़ा विकल्प है। क्रोम नेल पेंटक्रोम नेल पेंट में एक खास बात होती है कि यह नियमित नेल पेंट की तुलना में अधिक लंबे समय तक चलती है। इसे लगाने से नाखूनों पर एक बहुत ही खूबसूरत चमक आती है। अगर आपको रात की पार्टी में जाना है तो क्रोम नेल पेंट बिल्कुल सही है। अपने नाखूनों पर इसे दो बार लगाएं और इसके बाद हाई-शाइन टॉप कोट लगाएं।

ये आपके पूरे लुक पर चार चांद लगा देगी। ग्लिटर नेल पेंटअक्टूबर से दिसंबर के बीच बहुत शादी होती हैं और ऐसे मौकों के लिए ग्लिटर नेल पेंट बहुत अच्छा विकल्प है। ये आपके नाखूनों की चमक और ज्यादा बढ़ा देगी। ये आमतौर पर ट्रांसपेरेंट होती है और इसमें ग्लिटर के टुकड़े शामिल रहते हैं। नाखूनों पर बेस कोट लगाने के बाद ग्लिटर पेंट के दो कोट लगाएं और फिर ग्लॉस कोट लगा लें। ये नियमित या मैट नेल पेंट की तुलना में अधिक लंबे समय तक चलती है।

क्रीम नेल पेंटक्रीम नेल पेंट बहुत ही क्लासिक और सुरक्षित है। ये आपके नाखूनों को ग्लॉसी फिनिश लुक देती है। इसमें किसी प्रकार की मिलावट नहीं होती, इसलिए यह लंबे समय तक चलती है। हालांकि इसे हटाने के लिए आपको नेल पेंट रिमूवर की जरूरत पड़ेगी। इसके सिर्फ दो कोट लगाने से आपके हाथ आकर्षक दिखेंगे।

बाजार में यह नेल पेंट बहुत से रंगों में उपलब्ध है। आप अपने कपड़ों की मैचिंग या फिर पसंदीदा रंग में इसे खरीद सकती हैं। (एजेंसी)

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हंसने के ये फायदे जान जबरदस्ती रहेंगे खिलखिलाते

*जानें और दूसरों को भी हंसाए*

12.10.2022 – हंसमुख चेहरा सभी को पसंद आता हैं और लोग ऐसे लोगों को ज्यादा पसंद करते हैं जो हमेशा ही मुस्कुराते हुए मिलते हैं। आपकी यह मुस्कान जहां आपकी पर्सनलिटी को बेहतर बनाती हैं वहीँ आपकी सेहत को भी फायदा पहुंचाती हैं। जिस तरह अच्छी हवा, अच्छा खानपान सेहतमंद रहने के लिए जरूरी होता है, उसी प्रकार आपकी हंसी भी आपको स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाती है।

आपने मॉर्निंग वॉक के दौरान पार्क में लोगों को नकली हंसी हंसते हुए देखा होगा क्योंकि यह भी एक व्यायाम की तरह आपको सेहतमंद बनती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको हंसने के फायदे बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकर आप भी हमेशा खिलखिलाते रहेंगे। आइये जानते हैं हसने के ये फायदे…तनाव को करें फुर्रतनाव, दर्द और झगड़े आदि को खत्म करने की शक्ति हंसी से ज्यादा किसी में नहीं है।

आपके दिमाग और शरीर को कंट्रोल करने का जो काम हंसी कर सकती है, वह दुनिया की कोई दवा नहीं कर सकती। विशेषज्ञों के अनुसार हंसना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे आप सामाजिक बने रहते हैं और लोगों के साथ जुड़े रहने पर आपको तनाव या अवसाद जैसी समस्या नहीं सताती हैं।सकारात्मक ऊर्जाहंसी मजाक से आप अपने दिल व दिमाग के बोझ को कम करते हैं।

खुश रहने से आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आप इसे अपने इर्द-गिर्द भी फैलाते हैं। आप जो काम करते हैं, उस पर अच्छे से फोकस कर पाते हैं। हंसने से आपकी बॉडी रिलेक्स होती है। कुछ देर तक खुलकर हंसने से मांसपेशियां कम से कम 45 मिनट तक रिलेक्स महसूस करती हैं।इम्यून सिस्टम में होता हैं सुधार हंसने से शरीर में अधिक मेलेटोनिन का उत्पादन होता है जो दिमाग द्वारा रिलीज हार्मोन है।

इससे अच्छी नींद में मदद मिलती है। इससे नींद का पैटर्न भी सुधरता है। यही नहीं डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह रामबाण है। खुलकर हंसना इम्यून सिस्टम में सुधार की वजह भी बनता है। हंसी की वजह से इम्यून सिस्टम में संक्रमण विरोधी एंटीबॉडी के साथ ही खून में टी-कोशिकाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हो, सकती है। इसलिए किसी भी कीमत पर हंसी के साथ दिन शुरू करना जरूरी है।ठीक रहता है रक्त संचारयुनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड के शोधकर्ताओं का दावा है कि हंसने का संबंध शरीर के रक्त संचार से है।

उन्होंने अपने अध्ययन में प्रतिभागियों को दो समूहों में रखा। पहले समूह को कॉमेडी कार्यक्रम दिखाया और दूसरे को ड्रामा। शोध में पाया गया कि कॉमेडी कार्यक्रम देखने वाली प्रतिभागी जो खुलकर हंस रहे थे उनका रक्त संचार अन्य की अपेक्षा काफी बेहतर था।बीपी नॉर्मल और दिल मजबूतहंसने से हमारा बीपी नॉर्मल होता है। खासकर सिस्टॉलिक (सामान्य बीपी 120/80) बीपी। ध्यान रहे कि सामान्य बीपी की रीडिंग में 120 की रीडिंग सिस्टॉलिक और 80 को डायस्टॉलिक कहते हैं।

चूंकि हंसने से खून का बहाव तेज होता है तो हार्ट को पंप करने में भी यह मदद करता है। जब बीपी सामान्य रहेगा तो यह स्वाभाविक है कि दिल के लिए हंसी ही दोस्ती निभाएगी।दर्द से आराम दिलाएकई शोधों में यह पाया गया है कि स्पोंडलाइटिस या कमर के दर्द जैसे असहनीय दर्द में आराम के लिए हंसना एक प्रभावी विकल्प है। डॉक्टर लाफिंग थेरेपी की मदद से इन रोगों में रोगियों को आराम पहुंचाने का प्रयास करते हैं।

इतना ही नहीं, 10 मिनट तक ठहाके लगाने से आपको दो घंटे तक दर्द से राहत या नींद आ सकती है।सेक्स हॉर्मोन ऐक्टिवहंसने से शरीर में कई हॉर्मोंस ज्यादा ऐक्टिव होते हैं। उनमें सेक्स हॉर्मोंस भी शमिल हैं। मसलन: टेस्टास्टरोन, एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रोन आदि। इसका पॉजिटिव असर यह होता है कि लोगों की परफॉर्मेंस बेहतर हो जाती है। हंसी है यानी तनाव कम है।

जब तनाव कम होता है तो सहवास के समय ध्यान नहीं भटकता।स्किन करती हैं ग्लोचूंकि हंसी की वजह से शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा में इजाफा होता है तो इसका सकारात्मक असर हमारी स्किन पर भी पड़ता है।

यह असर एक दिन या एक महीने में नहीं होता। ऐसा देखा जाता है कि जो लोग हंसमुख होते हैं, उनकी स्किन ऐसे लोगों की तुलना में कुछ ज्यादा दमकती है जो हंसने में कंजूसी करते हैं। (एजेंसी)

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नेलपॉलिश लगाने के बाद सुखाना चाहते हैं जल्दी, आजमाए ये तरीके

12.10.2022 – समय के साथ फैशन का अंदाज भी बदलता रहता हैं। लड़कियां अपने लुक में निखार लाने के लिए फैशन से जुड़ी कई चीजें अपनाती हैं जिनमें से एक हैं नेलपॉलिश। यह आपको नाखुनों को आकर्षक दिखाने के साथ ही बेहतरीन लुक देने का काम करती हैं। लेकिन कई बार देखने को मिलता है कि नेलपॉलिश सूखने में काफी समय लग जाता हैं जिसकी वजह से महिलाएं कुछ भी काम नहीं कर पाती हैं।

कई बार नेलपेंट गीली होने की वजह से फैल भी जाती हैं और डिजाईन बिगड़ जाती हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए हैं जिसे आजमाने के बाद नाखुनों की नेलपॉलिश झट से सूख जाएगी और नेलपेंट खराब भी नही होगी। आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में…शेक अप द बॉटलनेल पॉलिश कितनी जल्दी सूखती है यह डिपेंड करता है कि आप किस तरीके से उसे लगाती हैं।

नेल पॉलिश को अगर कुछ दिनों के लिये छोड़ दिया जाए तो वह गाढी हो जाती है। इसलिये उसे लगाने से पहले उसमें थोडा़ सा एसिटोन मिला दें जिससे वह हल्की हो जाए और फिर उसे लगाएं।ठंडा पानी करें इस्तेमाल आप ठंडे पानी का इस्तेमाल करके नेल पेंट जल्दी से सुखा सकती हैं। जब भी आप नेल पॉलिश लगा रही हैं तो एक कटोरी में आइस वॉटर डालें। इसके बाद जब भी आप नेल पेंट दोनों नाखुनों पर लगा लें तो अपने हाथों को आइस वाटर में डूबोकर रखें। इससे नेलपेंट जल्दी सुख जाएगा।

टॉप कोट अधिकतर लड़कियां टॉप कोट लगाना भूल जाती है। जबकि टॉप कोट एक जेल होता है और इसका टेक्सचर पतला होता है। इससे नेलपॉलिश कितनी भी कोट लगाई जाए ये जल्दी से सूख जाती है। टॉप कोट को हल्के गीले नेलपेंट के ऊपर लगाने से भी नेलपॉलिश खराब नहीं होती है और ये जल्दी सूख जाती है।ब्लो ड्रायर का इस्तेमाल नेलपॉलिश जल्दी सुखाना चाहते हैं तो ब्लो ड्रायर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

हांलाकि कुछ लड़कियां इस आईडिया को पसंद नहीं करती है, लेकिन अगर आप चाहें तो ब्लो ड्रायर से नाखुनों को सुखा सकती हैं। इसके लिए बस आपको ब्लो ड्रायर को मिनिमम सेंटिग पर रखना होगा जिससे ये हीट न करे और केवल हवा दे। जिससे नेलपेंट आसानी से सूख जाए।ड्राइंग ड्रॉप्स का इस्तेमाल करके आप ड्राइंग ड्रॉप्स का इस्तेमाल करके नेल पेंट सुखा सकते हैं।

आपको बाजार में आसानी से ड्राइंग ड्राप्स मिल जाएंगे। नेल पॉलिश लगाने के बाद इसे अपने नाखुन पर लगाएं। इससे भी नेल पेंट बहुत ही आसानी से सुख जाएगा। यह ऑयल नाखुनों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। बेबी ऑयल आप बेबी ऑयल का इस्तेमाल नेल पेंट सुखाने के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा आप ऑलिव ऑयल भी नेल पेंट को सुखाने के लिए प्रयोग कर सकते हैं। एक कटोरी में बेबी ऑयल डालें।

इसके बाद इसमें अपनी उंगलियां डुबोकर रखें। इससे आपकी नेल पॉलिश जल्दी सुख जाएगी। पतली कोटिंग आपके नेलपेंट लगाने के तरीके पर भी यह निर्भर करता है कि नेलपेंट कितनी देर में सूखेगी। अगर आप नेलपेंट की थिक लेयर लगाती हैं तो उसे सूखने में काफी वक्त लगता है।

कई बार तो इसमें घंटों भी लग जाते हैं। इसलिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप नेलपेंट की थिन लेयर लगाएं। इससे आप उसे मैसी होने से बचा सकती हैं। (एजेंसी)

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केराटिन हेयर ट्रीटमेंट क्या है? जानिए इसके फायदे और नुकसान

10.10.2022 – केराटिन हेयर ट्रीटमेंट एक सेमी-परमानेंट हेयर स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट है। यह रासायनिक प्रक्रिया केराटिन (बालों में पाया जाने वाला एक रेशेदार प्रोटीन) की कमी को पूरा करके बालों को मुलायम और चमकदार बना सकती है। आमतौर पर हेयर स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट बालों में प्रोटीन बॉन्ड को तोड़ते हैं, लेकिन केराटिन हेयर ट्रीटमेंट बॉन्ड्स को तोड़े बिना बालों को सीधा कर सकता है।

आइए जानें कि यह ट्रीटमेंट कितना सुरक्षित है और यह किन बालों पर करवाना सही है। क्या केराटिन हेयर ट्रीटमेंट सुरक्षित है?केराटिन हेयर ट्रीटमेंट सुरक्षित है, लेकिन यह तब नुकसान पहुंचा सकता है जब ट्रीटमेंट के दौरान आपके बालों पर अधिक ब्लो ड्रायर या फ्लैट आयरन का इस्तेमाल किया जाए। हालांकि, अगर आप किसी भी नुकसान से बचना चाहते हैं तो इस ट्रीटमेंट के लिए एक अनुभवी हेयर स्टाइलिस्ट को ही चुनें।

केराटिन हेयर ट्रीटमेंट आपके बालों की कई समस्याओं को हल कर सकता है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है। केराटिन हेयर ट्रीटमेंट की तैयारी कैसे करें?इस ट्रीटमेंट से जुड़ी रिसर्च करें और केराटिन ट्रीटमेंट के लिए जाने से पहले ध्यान दें कि यह आपके बालों के प्रकार, बनावट और लंबाई के लिए उपयुक्त हो।

ट्रीटमेंट से एक हफ्ते पहले अपने बालों को डीप कंडीशन करें। यह आपके स्कैल्प को मॉइश्चराइज करेगा और ट्रीटमेंट के दौरान होने वाले नुकसान से बचाएगा। ट्रीटमेंट से दो दिन पहले हैवी शैंपू या तेल का इस्तेमाल करने से बचें। ट्रीटमेंट से पहले अपने हेयर स्टाइलिस्ट इससे जुड़े सवाल-जवाब करें। केराटिन हेयर ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है?आपके बालों के प्रकार, लंबाई, बनावट और मोटाई के आधार पर केराटिन हेयर ट्रीटमेंट करवाने में एक-दो घंटे का समय लग सकता है।

यह ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले हेयर स्टाइलिस्ट स्कैल्प से गंदगी हटाने के लिए सिर को क्लींजर से साफ करता है। इसके बाद वह बालों के सेक्शन करके इन पर केराटिन का घोल लगाता है और एक घंटे के बाद सिर को पानी से साफ करता है। फिर बालों पर हीट स्टाइलिंग टूल्स का इस्तेमाल होता है।

केराटिन हेयर ट्रीटमेंट के फायदेघुंघराले बालों वाले लोगों के लिए केराटिन हेयर ट्रीटमेंट बहुत अच्छा काम करता है। यह ट्रीटमेंट रूखे और बेजान बालों को ठीक कर सकता है। यह वॉल्यूमाइज्ड लुक बनाए रखने में भी कारगर है। इससे स्कैल्प में जलन या बालों के झडऩे जैसी कोई समस्या नहीं होती है। यह बालों का उलझाव कम करता है।

इससे बाल चमकदार और मुलायम होते हैं। यह आपके बालों को मजबूत करता है। इसकी मदद से हेयर स्टाइलिंग आसान हो जाती है। केराटिन हेयर ट्रीटमेंट के नुकसानइस ट्रीटमेंट के दौरान हीट स्टाइलिंग टूल्स का अधिक इस्तेमाल होता है तो इससे आपके बालों के क्यूटिकल्स को नुकसान पहुंच सकता है।

कुछ केराटिन ट्रीटमेंट फॉर्मलाडेहाइड मुक्त होने का दावा करते हैं, लेकिन यह सच नहीं हो सकता है। इसलिए इसका पता लगाने के लिए किसी विशेषज्ञ की राय लें कि आपके बालों के प्रकार के लिए फॉर्मलाडेहाइड कितना सुरक्षित है।

गर्भवती महिलाएं यह ट्रीटमेंट लेने से बचें क्योंकि इससे उन्हें काफी नुकसान पहुंच सकता है। (एजेंसी)

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पानी के अलावा सुबह-सुबह इन चीजों का भी करें सेवन

*मिलेंगे कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे*

10.10.2022 – आप अपने दिन की शुरुआत कैसे करते हैं, यह आपके स्वास्थ्य और उर्जा के स्तर को प्रभावित करता है, इसलिए सुबह उठते ही सबसे पहले क्या पीना चाहिए, ये जानना बेहद जरूरी है। अभी आप सबके दिमाग में एकमात्र पानी का ख्याल आ रहा होगा, लेकिन आज हम आपको अन्य कुछ ऐसी ड्रिंक्स के बारे में बताएंगे जिनका सुबह सेवन करने से स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है।

पानी के साथ सेब का सिरकासेब का सिरका कई लाभों से भरपूर है और स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है। आधे ग्लास पानी में एक बड़ी चम्मच सेब का सिरका मिलाकर सुबह उठने के बाद पी लें। ये कई हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है और ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में सहायक है। इसके अलावा ये हृदय को भी बेहतर रखता है। ऐसे लोग जो अपना वजन घटाना और मोटापा कम करना चाहते हैं, वो इसका सेवन जरूर करें।

ग्रीन टीएंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होने के कारण ग्रीन टी शरीर को कई बीमारियों से बचाती है और वजन घटाने में मदद करती है। सुबह-सुबह ग्रीन टी पीने से कई अन्य फायदे मिलते हैं। ये मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है और मोटापे को खत्म करती है। यह दिमाग को तेज करने में सहायक है और इसमें कैंसर से बचाव के गुण हैं। ग्रीन टी हृदय रोगों के जोखिम को भी कम करती है।

ब्लैक कॉफीब्लैक कॉफी में ऐसे कई स्वास्थ्यजनक पदार्थ शामिल हैं जो आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में काफी फायदेमंद है। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के साथ-साथ हाइड्रेटिंग में भी बहुत मददगार होती है। इसमें बहुत कम फैट होता है, लेकिन इसके सेवन से कोर्टिसोल नामक हार्मोन को बढ़ावा मिलता है। यह शुगर लेवल के स्तर को नियंत्रित करने और याद्दाश्त को मजबूत करने जैसी प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को भी प्रभावित करती है।

एलोवेरा का जूसएलोवेरा सबसे अच्छी प्राकृतिक चीजों में से एक है। एलोवेरा जूस में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से आपको अनगिनत फायदे मिलेंगे। ये गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सूजन को कम करने में मदद करता है और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, जो आंतों का रोग है, से पीडि़त लोगों के लिए यह काफी फायदेमंद है।

इसके अलावा ये त्वचा की समस्याओं को ठीक करने और पेट को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। टमाटर का जूसअगर आप अपने दिन की शुरुआत टमाटर के जूस से करते हैं तो इससे न केवल आपके शरीर बल्कि त्वचा को भी काफी फायदा मिलेगा।

टमाटर के जूस को पीने से शरीर को हाइड्रेट करने में मदद मिलती है, जिससे आपकी त्वचा खिल जाती है।

इससे शरीर को एसिडिटी से लडऩे में मदद मिलती है और इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण आप दिनभर एक्टिव महसूस करते हैं। (एजेंसी)

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रोजाना पीएं एक गिलास अंगूर का जूस, मिलेंगे कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे

09.10.2022 – पौष्टिक फलों की सूची में शुमार अंगूर का इस्तेमाल आमतौर पर फलों के सलाद या फिर स्मूदी में किया जाता है। वहीं, सेहत के प्रति सजग लोग इसके जूस का भी सेवन करते हैं, क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद कर सकते हैं।

चलिए आज हम आपको बताते हैं कि रोजाना एक गिलास अंगूर के जूस का सेवन करने से आपको क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। हृदय को स्वास्थ्य रखने में लाभदायकहृदय को स्वस्थ रखने में अंगूर के जूस का सेवन काफी मदद कर सकता है।

शोध के अनुसार, अंगूर के जूस में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और हृदय रोग से जुड़े इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद करते हैं।

इसके अतिरिक्त, यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मददगार है। इसमें मौजूद जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक हैं।शोध के मुताबिक, कॉनकॉर्ड किस्म के अंगूर के जूस में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दिमाग के न्यूरोनल सिग्नलिंग में सुधार ला सकते हैं।

इस शोध के लिए याददाश्त की कमी वाले 12 वृद्ध और वयस्कों को 12 हफ्ते के लिए कॉनकॉर्ड अंगूर के जूस का लगातार सेवन कराया गया था। जिसके परिणामों में शोधकर्ताओं ने उनकी याद रखने की शक्ति और व्यवहार में सुधार देखा था।

शोध के अनुसार, अंगूर के जूस में एंटी-कैंसर प्रभाव मौजूद होता है, जो कैंसर सेल्स को पनपने से रोकने में सहायक है। इसके अलावा, कई पोषक तत्वों से भरपूर अंगूर के जूस का सेवन धूम्रपान से होने वाले कैंसर के खतरे को भी दूर कर सकता है।

इसलिए जिन लोगों को ध्रूमपान करने की आदत या कैंसर है वे अपने डॉक्टर की सलाह लेकर अंगूर के जूस का सेवन शुरू करें।अंगूर के जूस का सेवन पेट संबंधित समस्याओं से राहत पाने और पाचन क्रिया को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी किया जा सकता है।

इसमें प्रीबायोटिक गुण होते हैं, जो शरीर में लैक्टिक एसिड का उत्पादन बढ़ाकर पाचन शक्ति को बेहतर करने का काम करते हैं और आंत को संक्रमण से बचाते हैं।

अगर आप पेट संबंधित समस्याओं से बचे रहना है तो अपनी डाइट में अंगूर के जूस को जरूर शामिल करें। बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में अंगूर के जूस का सेवन काफी मदद कर सकता है।

शोध के मुताबिक, अंगूर के जूस में रेस्वेराट्रोल नामक खास तत्व मौजूद होता है। यह एक प्रकार का पॉलीफेनोल है, जिसमें एंटी-ओबेसिटी प्रभाव पाया जाता है।

यह प्रभाव शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है और इससे बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जा सकता है। (एजेंसी)

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कपड़ों की ऑनलाइन खरीदारी के समय इन पांच बातों का रखें ध्यान

09.10.2022 – कपड़ों की ऑनलाइन शॉपिंग के कई फायदे हैं। इसमें आपको मनचाही कीमतों पर कपड़ों की बड़ी रेंज मिलने के साथ आपका कीमती समय भी बचाता है।

इसी तरह आपके पसंदीदा स्टोर उंगलियों पर होते हैं और डिस्काउंट के साथ कई ऑफर भी मिलते हैं।

हालांकि, कई बार इससे जुड़ी कुछ परेशानियां भी आती है, लेकिन चिंता की बात नही हैं। आज हम पांच ऐसी बातें बताएंगे, जिनकी मदद से आप ऑनलाइन शॉपिंग में होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं।

अपनी माप का ध्यान रखना है जरूरीजब आप स्टोर में जाकर कपड़ो की खरीदारी करते हैं तो आपके पास ड्रेसिंग रूम में जाकर उन्हें ट्राई करने का विकल्प होता है, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग में ऐसा संभव नहीं है।

वहीं, ऑनलाइन शॉपिंग में सबसे बड़ी परेशानी माप को लेकर होती है, क्योंकि हर एक ब्रांड के कपड़ो का माप अलग होता है।

इसलिए ऑनलाइन कोई भी आउटफिट खरीदते समय उसके माप पर खास ध्यान दें और अपनी फिटिंग के अनुसार ही ख्रीदारी करें।

रिव्यू पढ़कर करें निर्णयअममून वेबसाइट पर दिखाई जाने वाली तस्वीरों से उनमें मौजूद खामियों का पता लगाना मुश्किल होता है।

जबकि, इन दिनों कुछ ऑनलाइन कपड़ों में कुछ न कुछ खराबी सामने आ रही है। ऐसे में जरूरी है कि आप जो भी कपड़े खरीदने का मन बना रहे हैं उससे जुड़े रिव्यू जरूर पढ़ लें।

इससे आप कपड़े की सही स्थिति जान पाएंगे और ब्लैक मार्केटिंग से भी बच सकेंगे। सही फैब्रिक का चयन करेंकपड़े की ऑनलाइन खरीदारी करते समय उनके फैब्रिक पर ध्यान देना बेहद जरूरी है

क्योंकि इसका फैब्रिक उनकी शेल्फ लाइफ ही नहीं बल्कि लुक पर भी प्रभाव डालता है। अगर आप कपड़े के जरिए खुद को खास अवसरों पर अलग लुक देना चाहते हैं तो ऐसे में साटन, जेकक्वार्ड और वेलवेट का विकल्प चुन सकते हैं। वहीं, अगर आप एक लॉन्ग लास्टिंग कपड़े की तलाश में हैं तो आपके लिए सिल्क, पॉलिएस्टर और कॉटन विकल्प बेहतर होगा।

फिल्टर्स की मदद से खरीदारी करना होगा आसानआजकल ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर विभिन्न आउटफिट कैटेगेरी के साथ-साथ फिलटर्स भी उपलब्ध होते हैं।

इनकी मदद से आपके लिए अपनी पसंद और जरूरत अनुसार कपड़े खरीदना आसान हो सकता है। इन फिल्टर्स में साइज, रंग, ब्रांड, कीमत, डिस्काउंट, रेटिंग और डिलीवरी टाइम के साथ कई विकल्प मिलते हैं।

इन चीजों को सलेक्ट करने से आपके लिए ऑनलाइन कपड़े खरीदना बहुत आसान हो जाएगा। रिटर्न पॉलिसी पर भी ध्यान देना है

जरूरी कई बार लोग ऑनलाइन कपड़े खरीद तो लेते हैं, लेकिन जब वह उनके हाथ में आते हैं तो यह महसूस होता है कि यह वैसा नहीं है, जैसे कि उन्होंने सोचा था।

ऐसे में अगर किसी कपड़े पर नो रिटर्न पॉलिसी होगी तो आपके पैसे यूं ही बर्बाद हो जाएंगे। इसलिए रिटर्न पॉलिसी के साथ-साथ एक्सचेंज और डिलीवरी टाइम आदि चीजें भी जरूर देखें।

इससे आपको अच्छे कपड़े मिलने के साथ पैसे बर्बाद होने का खतरा भी कम हो जाएगा। (एजेंसी)

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हिचकी से हैं परेशान तो तुरंत राहत दिला सकती है काली मिर्च

08.10.2022 – हिचकी आना आज के समय में एक सामने समाया है। इसको चाहकर भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जी दरअसल वैसे तो ये कुछ मिनटों के लिए आती है और पानी पी लेने से दूर हो जाती है। हालाँकि कभी-कभी ये काफी देर तक परेशान कर सकती है।

जी हाँ और एक्सपर्ट्स का कहना है कि हिचकी की समस्या हमारे शरीर में मौजूद पसलियों और डायाफ्राम के बीच होती है। जी हाँ और इनमें स्थित इंटरकोस्टल मांसपेशियों का अचानक संकुचन होता है जो ऐंठन का रूप ले लेती है। ऐसे में यह ऐंठन आचनाक गले से टकराती है और हिचकी शुरू हो जाती है।

क्या आप भी अक्सर हिचकी के आने से काफी देर तक परेशान रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में भी हिचकी के कुछ कारगर उपायों के बारे में बताया गया है। आज हम आपको उन्ही उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। इलायची पाउडर- इसका इस्तेमाल करने के लिए पानी को उबालें और इसमें थोड़ा सा इलायची पाउडर डाल लें।

उसके बाद पानी को छान लें और गुनगुना होने पर इसे सिप-सिप करके पिएं।चीनी- इसका इस्तेमाल करने के लिए एक एक या आधा चम्मच चीनी लें और इसे मुंह में डालकर चबाएं।

आयुर्वेदिक नुस्खा- इसके लिए आपको काली मिर्च पाउडर की मदद लेनी होगी। जी हाँ, और ध्यान रहे आपको काली मिर्च पाउडर का सेवन नहीं करना है, बल्कि इसे सूंघना है।

ऐसे में इसके लिए सूती कपड़ा लें और इसमें काली मिर्च का पाउडर डालें। आप कपड़े की पोटली बनाएं और इसे सूंघें। (एजेंसी)

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रोज सुबह पीना चाहिए ब्रोकली के जूस

*जानिए क्या है इसके बेहतरीन फायदे*

08.10.2022 – ब्रोकली खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ब्रोकली के साथ उसका जूस भी शरीर को कई फायदे पहुंचा सकता है। जी दरअसल रोज इसके सुबह खाली पेट सेवन से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं दूर हो सकती है।

आपको बता दें कि ब्रोकली में फाइबर और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे शरीर के लिए जरूरी है। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा, इसमें प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, कैल्शियम, सेलेनियम, पॉलीफेनोल के साथ विटामिन ए भी पाया जाता है।

अब हम आपको बताते हैं ब्रोकली के जूस के अद्भुत फायदे।इम्यूनिटी- विटामिन सी से भरपूर ब्रोकली का जूस रोज सुबह खाली पेट पीने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है, जो आपके शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से दूर रखता है।खराब कोलेस्ट्रॉल- शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (ड्ढड्डस्र ष्द्धशद्यद्गह्यह्लद्गह्म्शद्य) का हाई लेवल दिल की बीमारी का कारण बनता है।

इसके चलते दिल का दौरा भी पड़ सकता है। हर दिन सुबह ब्रोकली का जूस पीने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल होता है। इसमें फाइबर पाया जाता है, खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।मजबूत हड्डियां- ब्रोकली हड्डियों के लिए भी फायदेमंद होता है। जी दरअसल इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियां को मजबूत बनाता है और इससे जुड़ी बीमारियों को भी दूर रखता है।

डायबिटीज- ब्रोकली का जूस एंटी ऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होता है जिसके चलते ये डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। हर दिन सुबह खाली पेट ब्रोकली का जूस पीने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।स्किन- ब्रोकली के जूस स्किन को भी फायदा पहुंचा सकता है।

जी दरअसल इसमें विटामिन-सी होता है, जो आपकी स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाता है। (एजेंसी)

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घर में रॉक गार्डन बनाने के लिए इन बातों को ध्यान में रखना है जरूरी

07.10.2022 – अगर आप अपने घर को अलग लुक देना चाहते हैं तो यकीन मानिए रॉक गार्डन बनाने का आइडिया आपने लिए बेस्ट रहेगा। इसके लिए आपको गार्डन में इस्तेमाल होने वाली चीजों और बजट को ध्यान में रखते हुए शुरूआत करने की जरूरत है। यह गार्डन बनाते समय पत्थर से लेकर पौधे चुनने तक, कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

अगर आप घर की सजावट के लिए खूबसूरत रॉक गार्डन बनाना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें। पर्याप्त रोशनी वाली जगह का करें चुनावरॉक गार्डन देखने में तभी आकर्षक लगते है जब यह सही जगह पर बने हों। ऐसे में आपको सबसे पहले ऐसी जगह चुननी होगी, जहां रॉक गार्डन को पर्याप्त रोशनी मिल सके।

ये मानव निर्मित गार्डन खुले और धूप वाली जगह पर ही अच्छे लगते हैं। आप अपनी छत पर रॉक गार्डन बना सकते हैं या फिर अगर आपके बाहर खुली जगह है तो आप उसमें भी रॉक गार्डन बना सकते हैं। चीजों की लिस्ट बनाएंरॉक गार्डन को तैयार करने से पहले एक लिस्ट बनाएं और उसमें उन चीजों को शामिल करें जिनकी जरूरत है।

उदाहरण के लिए कौनसे पौधे चाहिए और सूरज की रोशनी के लिए इन्हें किस तरह की जगह पर लगाना है। ध्यान रखें कि रॉक गार्डन के पौधों को सूखी मिट्टी की आवश्यकता होती है। रॉक गार्डन के पौधों के चारों ओर एक खूबसूरत परत बनाने के लिए अलग-अलग पत्थरों का प्रयोग करना भी अच्छा है।

सही गमले और कंटेनर का करें चयनअपने रॉक गार्डन के लिए आप मिट्टी के गमले या फिर प्लास्टिक की बड़ी बोतलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए कांच के कंटेनरों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि गमले और कंटेनर लगभग छह इंच लंबे हो और उनमें नीचे की ओर छेद हो ताकि मिट्टी से अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके। गमलों और कंटेनर के नीचे एक प्लेट रखें ताकि उनमें से निकलने वाला पानी न फैलें।

रॉक गार्डन में लगाएं फूल वाले पौधेफूल वाले पौधों से आपका रॉक गार्डन और ज्यादा खूबसूरत बन सकता है इसलिए इन्हें भी अपने गार्डन में जगह दें। आप अपने रॉक गार्डन में ये फूल वाले पौधे लगा सकते हैं

पास्क: यह पौधा वसंत ऋतु में जल्दी खिलता है।

लैवेंडर: सुंदर बैंगनी फूल वाला यह पौधा थोड़ी उपजाऊ मिट्टी में तेजी से पनपते हैं।

कोलंबिन: इस बारहमासी पौधे के फूलों का एक अनूठा आकार होता है, जो चिडिय़ों को आपके गार्डन में आकर्षित करता है।

अपने गार्डन को दें एक स्टाइल और थीमएक अच्छा रॉक गार्डन बनाने के लिए छत को एक स्टाइल और थीम दें और उस लिहाज से फर्नीचर सजाएं। इसके साथ छत के फर्श को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह गार्डन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

ऐसी फ्लोरिंग स्टाइल का चुनाव करें जो थीम के अनुरूप और आपके बजट के मुताबिक हो। अगर आप बास्केट या लटकाने वाले गमलों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप उसमें विभिन्न फूल, हर्ब्स और सब्जियां भी उगा सकते हैं। (एजेंसी)

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कपड़ों में लग गए हैं पसीने के दाग तो आपके काम आएगा नींबू

07.10.2022 – दुनियाभर में महंगे से महंगा कपड़ा भी पसीने के दाग की वजह से खराब हो जाते हैं। कई बार इनकी वजह से आपको दोस्तों के सामने शर्मिंदा होना पड़ सकता है। वैसे तो कपड़े से पसीने के दाग हटाना आसान काम नहीं है, जी हाँ और ऐसा इसलिए क्योंकि पसीने के दाग वाले कपड़े पर ब्रश रगडऩे से पसीने वाली जगह कमजोर हो जाती है, जिससे कपड़ा फट भी सकता है।

ऐसे में अगर आप भी अपनी कोई महंगी ड्रेस सिर्फ इसलिए नहीं पहन पा रहे क्योंकि उसमें पसीने के दाग लगे हुए हैं तो टेंशन छोडि़ए और पसीने के दाग हटाने के लिए आप इन उपायों को आजमा सकते हैं। आइए बताते हैं।नींबू- पसीने के दाग को आसानी और सस्ते में साफ करने के लिए नींबू के रस को पानी में मिलाकर दाग वाली जगह लगा दें और बाद में इसे धो लें।

बेकिंग सोड़ा- बेकिंग सोड़ा कपड़ों से दाग मिटाने में बहुत कारगर है। वैसे आप पसीने के दाग को मिटाने के लिए बेकिंग सोडे को पानी में डालकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सफेद सिरका- पसीने के दाग कपड़ों से हटाने के लिए कपड़ों को धोते समय हल्के गर्म पानी में एक ढक्कन सफेद सिरका मिलाएं। इसके बाद इसमें कपड़े को डूबो दें, इससे दाग छूट जाएंगे।

लिक्विड डिटर्जेंट- कपड़े पर दाग लगने के तुरंत बाद उसे गुनगुने पानी में भिगो दें, फिर कपड़े को पानी से निकालकर इस पर लिक्विड डिटर्जेंट लगाकर 5’0 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। उसके बाद एक सॉफ्ट ब्रश की मदद से दाग को रगड़कर कपड़े को साफ पानी से धो लें। यकीनन इससे दाग जल्द ही साफ हो जाएगा।

सोडा वाला पानी- कपड़ों को नींबूं या फिर सोडा वाले पानी में पूरे 10 मिनट के लिए भिगो कर रख दें। ऐसा करने से आपके कपड़े से दाग तो जाएगा ही और साथ में उन कपड़ो में से अच्छी खुशबूदार महक भी आएगी। (एजेंसी)

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बालों की सही देखभाल के लिए पता होना चाहिए उनका प्रकार

*जानिए कैसे हैं आपके बाल*

04.10.2022 – अमूमन आपने विशेषज्ञों को यह कहते हुए सुना होगा कि बालों के प्रकार के अनुसार ही हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। उसके बाद ही उनसे बालों को फायदा होता है। इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि आपको अपने बालों का प्रकार पता हो। आइए हम आपको पांच तरह के बालों के प्रकार के बारे में बताते हैं ताकि आप उसी के हिसाब से अपने बालों की सही देखभाल कर सकें।

सीधे बालकई महिलाएं सीधे बाल पाने के लिए हेयर रिबॉन्डिंग या फिर हेयर स्मूदनिंग जैसे ट्रीटमेंट्स का सहारा लेती हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी होती हैं जिनके बाल कुदरती सीधे होते हैं। सीधे बाल भी तीन प्रकार के होते हैं। इनमें महीन, पतले और मोटे बाल शामिल हैं। सीधे बालों को पोषण देने के लिए हमेशा सोडियम मुक्त माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल करना चाहिए।

इसके साथ ही चौड़े दांतों वाली कंघी के इस्तेमाल से उन्हें उलझने से बचाया जा सकता है। वेवी बालअगर आपके बाल लहराते हुए यानी इन पर एस बनता है तो ये वेवी प्रकार के बाल होते हैं। वेवी बालों को धोने के बाद कंडीशनर का इस्तेमाल जरूर करें। यह आपके बालों को सीधा और स्मूद बनाता है और इससे बालों में स्टाइलिंग करना भी आसान हो जाता है।

वहीं, किसी भी तरह की हेयर स्टाइलिंग के लिए अपने हाथों पर थोड़ी सी हेयर स्टाइलिंग क्रीम लें और उसे अपने बालों पर लगाएं। घुंघराले बालघुंघराले बाल सी आकार के होते हैं और ऐसे बाल हर किसी को आकर्षित करते हैं। हालांकि, घुंघराले बालों की देखभाल करना आम बालों की अपेक्षा थोड़ा मुश्किल होता है।

अगर घुंघराले बालों वाली महिलाएं यह चाहती हैं कि उनको हेयर स्टाइलिंग में कोई परेशानी न हो तो उन्हें स्टाइलिंग से पहले अपने बालों को हाइड्रेटिंग शैंपू से धोना चाहिए। यह बालों को अच्छे से साफ करने के साथ-साथ उन्हें भरपूर पोषण देने में भी मदद करेगा।

कॉयल हेयरये बाल आमतौर पर सीधे, लहरदार और घुंघराले की तुलना में अधिक नाजुक होते हैं। इसका कारण है कि इनमें अपेक्षाकृत कम परतें होती हैं। कॉयल बालों को तीन भागों में बांटा गया है, जिन्हें टाइप 4 ए, टाइप 4 बी और टाइप 4 सी के नाम से जाना जाता है।

ये बाल प्राकृतिक रूप से बहुत घुंघराले होते हैं और इनकी अतिरिक्त देखभाल करना महत्वपूर्ण है। लोक्स बाललोक्स या ड्रेडलॉक बाल वाले लोग 1800 ईसा पूर्व में भारत में दिखाई दिए, जबकि अफ्रीका में ये पहली बार 500 ईसा पूर्व में दिखाई दिए।

यह रस्सी की तरह दिखते हैं जिनमें ब्रेडिंग स्टाइलिंग ज्यादा की जाती है। इस प्रकार के बालों को संवारने में काफी समय और मेहनत लगती है। इसके अतिरिक्त, इन बालों की सफाई करना और सुलझाना सामान्य बालों की तुलना में थोड़ा मुश्किल होता है। (एजेंसी)

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रात में सोने से पहले नाभि में डाले गुलाब जल, होंगे ये बेहतरीन फायदे

04.10.2022 – गुलाब का फूल कई लोगों को पसंद होता है और ठीक इसी तरह गुलाबजल सभी इस्तेमाल करते हैं। गुलाब जल स्किन के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। जी हाँ और गुलाब जल के इस्तेमाल से त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं खत्म होती हैं इसी के साथ ही स्किन ग्लोइंग और क्लीन नजर आती है। जी दरअसल रेगुलर बेसिस पर चेहरे पर गुलाब जल लगाने से चेहरा आकर्षक नजर आता है। हालाँकि क्या आप जानते हैं गुलाब जल सिर्फ चेहरे पर नहीं बल्कि नाभि पर भी लगाने से भी स्किन को काफी फायदा मिलता है।

जी हाँ और सबसे खासकर अगर रात को सोने से पहले नाभि पर गुलाब जल लगाया जाए तो ये स्किन की सभी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार होता है। आइए आपको बताते हैं।गुलाब जल के पोषक तत्व – जी दरअसल गुलाब जल में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल्स और विटामिन सी जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो स्वास्थ्य और स्किन दोनों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।

नाभि में गुलाब जल डालकर सोने के फायदे -चेहरे की गंदगी को खत्म- नियमित तौर पर रात के समय नाभि में गुलाब जल डालकर सोने से स्किन की गंदगी को खत्म करने में मदद मिलती है। जी दरअसल नाभि का सीधा कनेक्शन चेहरे से होता है जब कोई रात में इसमें गुलाब जल डालकर सोता है तो स्किन को अंदर से मॉइश्चर मिलता है। इसी के साथ ये स्किन के बैक्टीरिया को खत्म कर गंदगी को क्लीन करने का काम करता है।

डार्क सर्कल को कम- नींद न पूरी होने की समस्या, थकान, लगातार स्क्रीन देखने के कारण कई लोगों की आंखों के नीचे डार्क सर्कल हो जाते हैं। हालाँकि रात को नाभि में गुलाब जल डालकर सोने से डार्क सर्कल से राहत मिलती है।सनबर्न में बेहतरीन- गुलाब जल की तासीर ठंडी मानी जाती है और नियमित तौर पर नाभि में गुलाब जल डालकर सोने से सनबर्न की समस्या से राहत पाई जा सकती है।

जी दरअसल गुलाब जल में मौजूद पोषक तत्व स्किन को अंदर से हील करने में मदद करते हैं, जिससे सनबर्न से राहत पाई जा सकती है।

एक्ने को खत्म- रात को नाभि पर गुलाब जल की कुछ बूंदें डालकर सोने से एक्ने की समस्या खत्म हो सकती है। इसके अलावा अगर आपके चेहरे पर एक्ने, पिंपल्स और दाग हैं तो रात को रूई की मदद से गुलाब जल नाभि पर लगाएं। (एजेंसी)

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ना करें प्लास्टिक बोतल में पानी पीने की गलती

*सेहत को होते हैं ये नुकसान*

03.10.2022 – आजकल के समय में देखने को मिलता हैं कि लोग प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने के आदी हो गए हैं। अमीर हो या गरीब सभी पानी पीने के दौरान प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल करने लगे हैं। अमीर लोग पैक पानी तो गरीब खाली हो चुकी बोतल में पानी भरकर।

लेकिन क्या आपको पता है कि प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना सेहत के लिए बेहद हानिकारक माना गया है। हमारे जीवन की हिस्सा बन चुकी प्लास्टिक की बोतलें केमिकल्स और बैक्टीरिया से भरी हुईं होती हैं। प्लास्टिक चाहे किसी भी तरह की हो, प्रकृति और सेहत दोनों के लिए नुकसानदायक ही है।

आज हम आपको यहां प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने के कुछ हानिकारक प्रभावों की जानकारी देने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में…अनहेल्दी कॉन्टेंटप्लास्टिक में हानिकारक रसायन ही नहीं होते, प्लास्टिक की बोतलों में जमा होने पर पानी में फ्लोराइड, आर्सेनिक और एल्यूमीनियम जैसे हानिकारक पदार्थ भी पैदा होते हैं, जो शरीर के लिए जहर हो सकते हैं।

तो, प्लास्टिक की बोतलों से पानी पीने का मतलब होगा धीमा जहर पीना, जो धीरे-धीरे और लगातार आपके स्वास्थ्य को खराब करेगा।कैंसर का खतरा प्लास्टिक का प्रयोग करने की वजह से इसमें पाए जाने वाले रसायन से सीधा शरीर का संपर्क होता है। इससे अनेक बीमारियों से शरीर घिर जाता है।

प्लास्टिक में पाए जाने वाले रसायन जैसे सीसा, कैडमियम और पारा शरीर में कैंसर, विकलांगता, इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी जैसे गंभीर रोग उत्पन्न करते हैं और इससे बच्चों का विकास भी प्रभावित होता है।हाई शुगर की समस्या आजकल, हमें ज्यादातर प्लास्टिक की बोतलों में पानी मिलता है और इसमें मौजूद हेल्थ कंटेंट को बढ़ाने के लिए, निर्माता इसे खरीदारों को आकर्षित करने के लिए विटामिन युक्त बताते हैं।

लेकिन यह और भी हानिकारक है, क्योंकि इसमें फूड शुगर और हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप जैसे हानिकारक तत्व होते हैं।हाइपोथायरायडिज्म का कारणबीपीए यानी कि बिस्फेनॉल थायराइड हार्मोन रिसेप्टर की मात्रा कम करता है। जिससे हाइपोथायरायडिज्म जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।

प्लास्टिक अन्य तरह से भी हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। एक शोध के अनुसार प्लास्टिक की बोतल में ईडीसी, यानी की एंडोक्राइन डिस्सेंटिंग केमिकल जैसा बहुत ही खतरनाक और नुकसान देय रसायन पाया जाता है। जो कि इंसानी हार्मोनल सिस्टम को धीरे-धीरे परंतु सीधे तरीके से नुकसान पहुंचाता है।

इम्यून सिस्टम पर असरप्लास्टिक की बोतलों में पानी पीने से हमारा इम्यून सिस्टम काफी प्रभावित होता है। प्लास्टिक की बोतलों से निकलने वाले रसायन हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बिगाड़ देते हैं।

लीवर कैंसर और कम शुक्राणुओं की संख्या प्लास्टिक में थैलेट नामक रसायन की उपस्थिति के कारण, प्लास्टिक की बोतलों से पानी पीने से लीवर कैंसर और शुक्राणुओं की संख्या में कमी भी हो सकती है।

ओवरी से संबंधित बीमारियांप्लास्टिक में मौजूद केमिकल्स की वजह से महिलाओं में भी ओवरी से संबंधित बीमारियां, ब्रेस्ट कैंसर, कोलन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। (एजेंसी)

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क्या आपके घर पर भी होता हैं बच्चों में झगड़ा

*इन तरीकों से संभाले यह परिस्थिति*

03.10.2022 – घर में दो या दो से ज्यादा बच्चे हो तो उन्हें कभी भी अकेलापन महसूस नहीं होता है क्योंकि उनके साथ खेलने और बात करने के लिए घर में कोई होता हैं। लेकिन खेल-खेल में बच्चों के बीच लड़ाई-झगड़े भी होते हैं जो कि आम बात हैं। लेकिन ये झगड़े हर बात पर होने लगे तो चिंता की बात हैं। यदि यह नोंक-झोंक रोज की बात हो जाए तो यह पूरे घर में तनाव का माहौल पैदा कर देती है।

साथ ही यह उनकी दैनिक गतिवधियों पर भी बुरा असर डालती है। ऐसे में पेरेंट्स को स्थिति को संभालते हुए बच्चों की समझाइश करने की जरूरत होती हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह इस स्थिति को संभाला जाए ताकि बच्चों के बीच आपसी प्रेम बना रहे और उनकी लड़ाई गंभीर रूप न ले।

समझदारी से काम लेना सिखाएंबच्चों को समझाएं कि उनके दोस्त या कजन्स जब उसके खिलौनों के साथ खेल रहे होते हैं तो हो सकता है उनके पास वो खास खिलौना न हो, जो उनके मन में उस खिलौने को लेकर उत्सुकता पैदा कर रहा हो। ऐसे में उनके इस व्यवहार पर चिढऩे की जगह उनके साथ मिलकर खेलने की कोशिश करें।

बच्चे को समझाएं की जब आप उनकी जगह होते हैं और ऐसा महसूस करते हैं तो उस समय उसे कैसा व्यवहार करना चाहिए।बात रखने का तरीका सिखाएंघर पर बच्चे अक्सर अपनी बात साबित करने के लिए एक दूसरे से लड़ते हों तो उन्हें अपनी बात रखने का सही तरीका सिखाएं। उन्हें सिखाएं कि लड़ाई करने या चिल्लाने से वह सही साबित नहीं हो जाएंगे।

लड़ाई से स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए शालीनता के साथ अन्य बच्चों से बात करें और अपनी बात को समझाएं।समस्या सुलझाना सिखाएंआप बच्चे के झगड़ों को सुलझाने की जगह उसे खुद उसकी समस्या का समाधान ढूंढऩा सिखाएं। उदाहरण के लिए उससे कहें कि वो बारी-बारी अपने दोस्त के साथ खिलौने से खेलें।

हो सकता है कई बार उन्हें मामला सुलझाने में दिक्कत हो तो उन्हें विश्वास दिलाएं कि आप उन्हें बेहतर सुझाव दे सकती हैं। ऐसे में जब बच्चों के बीच झगड़ा बढऩे लगेगा तो वो सबसे पहले आप के पास आएगा। बच्चे के सकारात्मक व्यवहार की तारीफ करेंअगर आपका बच्चा बिना लड़ाई या बहस के अन्य बच्चे से अपनी समस्याएं सुलझाता है तो उसके इस सकारात्मकता व्यवहार की तारीफ करें।

बच्चे के इस तरह के व्यवहार को प्रोत्साहन दें ताकि वह भविष्य में भी लड़ाई झगड़े की स्थिति से निपटने के लिए सकारात्मक तरीका ही अपनाएं।बच्चों को दें समयबच्चों को समान समय देना भी जरूरी है। अगर आप बच्चों के साथ समान समय नहीं दे पा रहे हैं या आप किसी काम में व्यस्त हैं तो आप उन्हें समझाएं। साथ ही अपनी परिस्थिति के बारे में बताएं।

इससे अलग ऐसी जीवन दिनचर्या निर्धारित करें, जिससे आप थोड़ा समय अपने बच्चों को भी देता है।शांत रहना सिखाएंअपने बच्चे को गुस्सा आने पर खुद को शांत रखने का तरीका सिखाएं। उदाहरण के लिए, उन्हें समझाएं कि जब कभी उन्हें गुस्सा आए, वो लंबी सांसें लें या फिर वहां से हट जाएं या कहीं और अपना ध्यान लगाएं।

बच्चों को सिखाएं कैसे समझें दूसरों की बातेंअकसर बच्चों की आदत होती है कि वह दूसरों की बात ना सुनकर केवल अपनी ही बात कहे चले जाते हैं।

ऐसे में माता पिता का फर्ज है की वे अपने बच्चों को सिखाएं कि दूसरों की बात को सुनना भी जरूरी है। हो सकता है कि वह गलतफहमी के कारण बेवजह किसी बात पर लड़ रहे हैं ऐसे में दूसरों की बातों को सुनना जरूरी है। (एजेंसी)

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