हिचकी से हैं परेशान तो तुरंत राहत दिला सकती है काली मिर्च

08.10.2022 – हिचकी आना आज के समय में एक सामने समाया है। इसको चाहकर भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जी दरअसल वैसे तो ये कुछ मिनटों के लिए आती है और पानी पी लेने से दूर हो जाती है। हालाँकि कभी-कभी ये काफी देर तक परेशान कर सकती है।

जी हाँ और एक्सपर्ट्स का कहना है कि हिचकी की समस्या हमारे शरीर में मौजूद पसलियों और डायाफ्राम के बीच होती है। जी हाँ और इनमें स्थित इंटरकोस्टल मांसपेशियों का अचानक संकुचन होता है जो ऐंठन का रूप ले लेती है। ऐसे में यह ऐंठन आचनाक गले से टकराती है और हिचकी शुरू हो जाती है।

क्या आप भी अक्सर हिचकी के आने से काफी देर तक परेशान रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में भी हिचकी के कुछ कारगर उपायों के बारे में बताया गया है। आज हम आपको उन्ही उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। इलायची पाउडर- इसका इस्तेमाल करने के लिए पानी को उबालें और इसमें थोड़ा सा इलायची पाउडर डाल लें।

उसके बाद पानी को छान लें और गुनगुना होने पर इसे सिप-सिप करके पिएं।चीनी- इसका इस्तेमाल करने के लिए एक एक या आधा चम्मच चीनी लें और इसे मुंह में डालकर चबाएं।

आयुर्वेदिक नुस्खा- इसके लिए आपको काली मिर्च पाउडर की मदद लेनी होगी। जी हाँ, और ध्यान रहे आपको काली मिर्च पाउडर का सेवन नहीं करना है, बल्कि इसे सूंघना है।

ऐसे में इसके लिए सूती कपड़ा लें और इसमें काली मिर्च का पाउडर डालें। आप कपड़े की पोटली बनाएं और इसे सूंघें। (एजेंसी)

*******************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Exit mobile version