सामंथा रुथ प्रभु वापस लौटी काम पर, अफवाहों को किया खारिज

08.01.2023 – सामंथा रुथ प्रभु ने काम से लंबी छुट्टी लेने की अफवाहों पर विराम लगाते हुए अपनी आगामी फिल्म के लिए रिकॉर्डिंग शुरू कर दी है। अभिनेत्री, जिसे हाल ही में मायोसिटिस का पता चला था, ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि वह काम पर वापस आ गई है।

उन्होंने आगामी फिल्म शाकुंतलम के लिए अपनी रिकॉर्डिंग की एक तस्वीर साझा की। अपने इंस्टाग्राम पेज पर, सामंथा ने लेखक निक्की रोवे से कहा कि उन्हें काम से ही शांति मिलती है।

उन्होंने अपनी आने वाली फिल्म का नाम शाकुंतलम हैशटैग के साथ लिखा, कला इस पागलपन, दुख और दुनिया में अपनेपन के नुकसान का इलाज है।

ऐसी अफवाहें हैं कि अभिनेत्री काम से एक लंबा विश्राम ले रही हैं, जिसके कारण वह फैमिली मैन के निर्देशक राज और डीके की अगली परियोजना सिटाडेल से हट रही हैं। हालांकि, उसने इन सभी अफवाहों को खारिज कर दिया है।

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क्या आप भी हो चुके हैं पेट की लटकती हुई चर्बी से परेशान, आज से ही करें ये 8 योगासन

08.01.2023 (एजेंसी) – वर्तमान समय की लाइफस्टाइल में स्वस्थ रहने के लिए आपको अपनी दिनचर्या में योग को जरूर शामिल करना चाहिए। योग आपके शरीर, आत्मा और दिमाग तीनों के लिए बहुत लाभकारी है। प्राचीन काल से ही योग की मदद से शरीर की कई व्याधियों को दूर करने में मदद मिली हैं।

ऐसी ही एक परेशानी हैं पेट की लटकती हुई चर्बी जिससे आज की ज्यादातार जनता परेशान हैं। योग की मदद से काफी हद तक पेट की चर्बी अर्थात बैली फैट को कम किया जा सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम होने के साथ ही कब्ज, सूजन, अपच जैसी पेट संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं।

आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में…

समस्थिति आसन

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को बिलकुल सीधा रखें और पंजों को एकसाथ रखें। एड़ी हल्की से दूरी पर होनी चाहिए। अब अपने दोनों हाथों को सीधा ऊपर उठाएं और सिर के ऊपर ले जाएं। जितना हो सके हाथों को उतना खींचने की कोशिश करें। अब धीरे-धीरे एडियों को ऊपर की ओर उठाएं और पंजों पर खड़े होने की कोशिश करें। अब दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में मिलाएं। सामान्य तरीके से सांस लें और इस मुद्रा में 20 से 30 सेकंड तक रहें। फिर धीरे से वापिस सामान्य अवस्था में आ जाएं।

नौकासन

अपने योग मैट पर सपाट लेटते हुए अपने पैरों को एक साथ और अपनी बाहों को अपनी तरफ रखें। हाथ और उंगलियों को अपने पैर की उंगलियों तक फैलाए रखें। गहरी सांस लेते हुए आसन शुरू करें। जैसे ही आप सांस छोड़ती हैं, अपनी बाहों को अपने पैरों की दिशा में फैलाते हुए अपनी छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं। जैसे-जैसे आपके पेट की मांसपेशियां टाइट होंगी, आपका पेट टाइट होता हुआ महसूस होगा। अपने शरीर का भार केवल अपने नितंबों पर रखें। सुनिश्चित करें कि आपकी उंगलियां, पैर की उंगलियां और आई बॉल सभी एक सीधी रेखा में हों। कुछ सेकंड के लिए सांस को रोककर रखें और इसी स्थिति में रहें।

भेकासन

सबसे पहले मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अब अपनी कलाई के सहारे से धीरे-धीरे सिर को ऊपर उठाएं। शरीर के ऊपरी भाग यानी धड़ का भार आपकी कलाइयों पर होगा। इसके बाद दाएं घुटने को धीरे-धीरे मोड़ें। इससे आपकी एड़ी जांघों के पास आ जाएगी। दोनों हाथों से बाएं पैर को पकड़कर जांघों तक लें। अपनी कोहनी को आकाश की तरफ घुमाकर अपने हाथों को पैरों पर रख दें। अब छाती को ऊपर की ओर धीरे-धीरे उठाएं। इसे आराम से करें, अगर न हो तो फोर्स न करें। अब गहरी सांस लेते हुए इस आसन में 45 से 60 सेकंड तक रहें। इसके बाद शरीर को धीरे-धीरे ढीला छोडऩा शुरू कर दें। अब पेट के बल ही लेटकर थोड़ी देर आराम करें, सांसें सामान्य होने पर इसे 2-3 बार और करें।

समकोणासन

सबसे पहले अपने दोनों पैरों को एक साथ रखें और दोनों हाथों को पहले सामने की ओर रखें। अब हाथों को सिर के ऊपर ले जाकर सीधा रखें और फिर पीछे की ओर थोड़ा झुकें। अब वापिस हाथों को सिर के ऊपर रखें और गहरी सांस भरते हुए अपनी कमर को 90 डिग्री के कोण में झुकाएं। अब सांस को बाहर छोड़ते हुए सीधे खड़े हो जाएं।

उत्तानपादासन

इस आसन को करने के लिए शवासन की मुद्रा में लेट जाएं और हाथों को बिलकुल सीधा रखें। अब घुटनों को मोड़ें और सांस भरते हुए दोनों पैरों को धीरे-धीरे एक से दो फीट तक ऊपर हवा की ओर लेकर जाएं। जितनी देर तक सांस रोक सकते हैं, उतनी देर तक रोकने की कोशिश करें। कमर को हल्का सा जमीन से ऊपर उठाएं और पैरौं को पीछे सिर की ओर ले जाने कोशिश करें। दोनों हाथों को कमर के नीचे रखें। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को आगे लाते हुए नीचे जमीन पर रखें।

मलासन

इस आसन को करने के लिए घुटनों को मोड़कर उस अवस्था में बैठ जाएं, जैसे मल त्याग करते समय बैठते हैं। बैठने के बाद दोनों हाथों को कोहनियों को घुटनों पर टिका दें और हथेलियों को मिलाकर नमस्कार की मुद्रा बना लें। इसके बाद धीरे-धीरे सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। कुछ देर इसी स्तिथि में बैठने के बाद हाथों को खोल लें और खड़े हो जाएं। इसे सुबह उठने के बाद रोजाना कम से कम 10 मिनट तक करें।

कुंभकासन

अपनी पीठ को सीधा रखते हुए और अपने कूल्हों को अपने घुटनों के ऊपर रखें। यदि आपके घुटने संवेदनशील हैं, तो उनके नीचे पैडिंग रखें। एक कंबल या दो बार मोड़ कर रखी गई चटाई। जब आप अपने हाथों को अपने शरीर की तरफ खींचते हैं तो आपकी हथेलियां आपके रिब केज के किनारों पर होनी चाहिए। अपनी कोहनी को बाहर की ओर करते हुए अपनी अन्य चार अंगुलियों को अपने रिब केज के किनारों पर चारों ओर लपेटें, जबकि अपने अंगूठे को अपनी रिब के बैक पर टिकाएं। जैसे ही आप इस पकड़ को बनाए रखते हुए अपनी छाती को छत की ओर करना शुरू करती हैं, तो अपने हाथों का उपयोग रिब केज को ऊपर उठाने के लिए करें। आप अपनी एड़ी को पकडऩे के लिए धीरे-धीरे प्रत्येक हाथ को पीछे की ओर बढ़ाएं। अगर आपको लगता है कि आपको थोड़ी और ऊंचाई की जरूरत है तो अपने पैर की उंगलियों को नीचे दबाएं। आगे की ओर झुकते समय आपके कूल्हे आपके घुटनों के ऊपर रहने चाहिए।

शलबासन

इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और हथेलियां जांघों के नीचे रखें। पूरी तरह से श्वास लें (पुरक), सांस (कुंभ) को रोकें। फिर पैरों को एक साथ ऊपर उठाएं। सुनिश्चित करें कि घुटने सीधे रहें और पैर एक साथ हों। ठुड्डी या माथा को ज़मीन पर रखें। 10 सेकंड के लिए आसन में रहें, धीरे-धीरे पैरों को नीचे लाएं और फिर सांस छोड़ें।

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खुजली की समस्या उठते ही बंद कर दें ये आहार, बढ़ सकती हैं परेशानी

08.01.2023 (एजेंसी) – त्वचा से संबंधित रोगो को चर्म रोग कहा जाता है। संक्रमण, एलर्जी, कैमिकल, कमजोर इम्यून सिस्टम के वजह से त्वचा संबंधी परेशानियां हो सकती है। अगर बिना किसी वजह के शरीर में खुजली हो रही है तो इसका कारण स्किन एलर्जी है जिसका कारण आपका आहार भी हो सकता हैं।

अगर आपको स्किन डिसीज, रैशेज, जलन या सूजन की शिकायत हो तो आपको अपनी स्किन का ध्यान रखने के साथ ही कुछ आहार को भी नजरअंदाज कर देना चाहिए। जी हां, कुछ आहार ऐसे होते हैं जिनमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स खुजली को भी बढ़ा सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको ऐसे ही आहार की जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें खुजली की समस्या उठते ही बंद कर देने में आपकी भलाई हैं।

आइये जानते हैं इन आहार के बारे में…

अंडा अगर आपको खुजली की समस्या है तो अंडे का सेवन न करें, अंडे से खुजली की समस्या और बढ़ सकती है।

कई बच्चों को अंडे से एलर्जी होती है खासकर अगर खुजली या स्किन रैशेज हों तो अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए। शरीर की इम्यूनिटी, अंडे में पाए जाने वाले प्रोटीन के साथ रिएक्ट कर सकती है। अंडे का सेवन करने पर आपको सांस लेने में तकलीफ, सूजन, इंडाइजेशन की समस्या हो सकती है।

मूंगफली

मूंगफली या मूंगफली का तेल खुजली की परेशानी बढ़ा सकता है। खुजली या एलर्जी के दौरान मूंगफली के सेवन से स्किन में सूजन आ सकती है। जलन की परेशानी भी होने लगती है। खुजली की तकलीफ होने पर मूंगफली नहीं खाना चाहिए।

मसालेदार-जंक फूड

अगर किसी व्यक्ति को स्किन से जुड़ी समस्या है तो उस व्यक्ति को ज्यादा मसालेदार और जंक फूड्स का सेवन करने से बचना चाहिए। दरअसल मसालेदार और जंक फूड्सखाने से आपके शरीर को उन्हें पचाने में बहुत ज्यादा वक्त लगता है, जिसकी वजह से आपका मेटाबॉलिज्म सही तरीके से काम नहीं करता है। यही वजह है कि आपके चेहरे पर मुहांसे आ जाते हैं।

तिल एलर्जी का कारण बनता है।

खुजली में तिल के सेवन से बचना चाहिए। बाजार में आने वाली कई चीजों में तिल का इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि इनमें कम मात्रा में तिल मौजूद होता है लेकिन इन चीजों को खाने से बचना चाहिए।

डेयरी प्रोडक्ट्स

आयुर्वेद के अनुसार त्वचा संबंधित रोग के मरीजों को दूध, दही, बटर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। इनके पचान में अधिक समय लगता है। जिसका असर स्किन पर कई तरह से दिखने लगता है।काजू आपको ट्रीनट्स का सेवन भी अवॉइड करना चाहिए।

आपको खुजली की समस्या है तो आपको काजू, बादाम, अखरोट आदि का सेवन नहीं करना चाहिए और न ही इनसे बनने वाले तेल, बटर, आटे या दूध का सेवन करना चाहिए।

जिन लोगों को मूंगफली से एलर्जी होती है उन्हें ट्रीनट्स से भी एलर्जी होती है।

खट्टी चीजें

आयुर्वेद की मानें तो खट्टे फलों व सब्जियों सहित फूड्स का सेवन शरीर में पित्त दोष को बढ़ाने का काम करता है। जब शरीर में पित्त मात्रा बढ़ जाती है तो हमारा खून दूषित होने लगता है, जिसकी वजह से स्किन संबंधित परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इसलिए खट्टे फलों व फूड्स का सेवन कम से कम करने की जरूरत है।

गुड़

आयुर्वेद के अनुसार चर्म रोग के मरीजों के लिए गुड़ का सेवन भी खराबी कर सकता है। गुड़ शरीर में गर्मी पैदा करता है। इसकी अधिकता भी खट्टे खाद्य पदार्थों की तरह ही खून को अशुद्ध करने का काम करती है।

मछली अगर आपको खुजली की समस्या है तो मछली का सेवन भी अवॉइड करें, कई लोगों को मछली का सेवन करने से खुजली की समस्या बढ़ जाती है और जी मिचलाना, डायरिया, सिर में दर्द या नाक बहने की समस्या हो सकती है इसलिए आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए। जिन लोगों को एक्जिमा की बीमारी होती है उन्हें मछली का सेवन करने से परेशानी होती है। अगर आपको खुजली है तो आपको किसी भी प्रकार की मछली का सेवन नहीं करना चाहिए।

सोयाबीन

सोयाबीन की वजह से कई लोगों को एलर्जी होती है। कुछ लोगों के शरीर को सोयाबीन सूट नहीं करता है। इसलिए खुजली के दौरान सोयाबीन और सोयाबीन से बनी चीजें खाने से बचना चाहिए।

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बबल बाथ से थकान दूर करने समेत मिल सकते हैं ये अन्य स्वास्थ्य लाभ

02.01.2023 (एजेंसी) फोम या बबल्स से भरे बाथटब में कुछ देर लेटने के प्रक्रिया को बबल बाथ कहा जाता है। यह स्नान शरीर की थकान को दूर करने के लिए बिल्कुल सही टॉनिक है। सर्दियों के दौरान आप इसके लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं और इसमें आप खुशबूदार लिक्विड या बबल बॉल्स को डालकर बबल बना सकते हैं।

आइए आज हम आपको बताते हैं कि बबल बाथ से स्वास्थ्य को क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं।

दिमाग और शरीर को मिल सकता है आरामबबल बाथ न सिर्फ आपको आराम करने में मदद करेगा बल्कि शरीर से तनाव को कम करने में भी मदद कर सकता है। बबल बाथ के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करने से यह आपके तंत्रिका तंत्र को शांत कर देगा और यह शरीर के सेरोटोनिन नामक मूड स्टेबलाइजर हार्मोन को बढ़ाकर मूड को बेहतर बनाने में भी मदद करेगा। यह शरीर में सूजन को भी कम करेगा और वर्कआउट के बाद मांसपेशियों को आराम देगा।

ब्लड सर्कुलेशन में कर सकता है सुधारगुनगुने पानी वाले बबल बाथ से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। इस तरह इससे हृदय रोग जैसे स्ट्रोक और दिल के दौरे के जोखिम कम हो सकते हैं। बबल बाथ दिल की धड़कन को तेज करने भी करता है और खून को बेहतर तरीके से ऑक्सीजन देता है। इम्यूनिटी को मजबूती देने में भी सहायकबबल बाथ इम्यूनिटी को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है और गले की खराश, सर्दी-खांसी और बुखार जैसे संक्रमणों से बचा सकता है।

यह शरीर को गर्माहट भी महसूस कराता है और सर्दी की समस्याओं का इलाज करने के लिए एक बेहतरीन घरेलू नुस्खा है। हालांकि, इसके लिए बबल बाथ का पानी उतना गर्म होना चाहिए, जिससे आपकी त्वचा के जलने की संभावना न हो। बबल बाथ से मिल सकती है अच्छी नींदयदि आप अनिद्रा से पीडि़त हैं और हर रात सोने के लिए संघर्ष करते हैं तो एक अच्छा गर्म बबल बाथ आपको इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है और बेहतर नींद देने में मदद कर सकता है।

इससे शरीर को गर्माहट मिलेगी और जब आप पानी से बाहर आएंगे तो आपका शरीर स्वाभाविक रूप से ठंडा हो जाएगा, जिससे आपको बेहतर गुणवत्ता वाली नींद मिलेगी। त्वचा के लिए भी है फायदेमंदहर दिन बबल बाथ लेने से त्वचा को हाइड्रेट और पोषण देने में भी मदद मिलेगी और यह त्वचा को चिकना और चमकदार भी बनाएगा।

इससे एक्जिमा, केराटोसिस पिलारिस, रूखे सूखे पैच या एलर्जी जैसी स्थितियों से भी बचाव होगा। यह डेड स्किन सेल्स और अशुद्धियों को हटाने में भी मदद करता है और बेहतरीन सफाई देकर रोमछिद्रों को खोलता है। आप चाहें तो पानी में थोड़ा जैतून का तेल भी मिला सकते हैं।

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सांस की बदबू से दूरी बनाकर रखने के लिए घर पर बनाएं ये 5 माउथवॉश

02.01.2023 (एजेंसी) मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखने का सबसे आम तरीका ब्रश करना है, लेकिन यह काफी नहीं है। मुंह की अच्छे से सफाई के लिए ब्रश के साथ-साथ माउथवॉश करना भी बहुत जरूरी है। यह सांसों को तरोताजा रखने और प्लाक, सांसों की बदबू और कैविटी जैसी दांतों की समस्याओं को दूर रखने में मददगार होता है।

आइए आज हम आपको घर में मौजूद चीजों से प्राकृतिक माउथवॉश बनाने के तरीके बताते हैं। पार्सले और पुदीना का माउथवॉशफायदा: पार्सले और पुदीना दोनों ही मुंह में बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लडऩे में मदद करते हैं।

यह मुंह की बदबू को खत्म करने के साथ-साथ मुंह में ठंडक का एहसास भी दिलाते हैं, जिससे खुद को फ्रेश महसूस होता है।

तरीका: सबसे पहले पार्सले और पुदीने की पत्तियों को मिलाकर मिक्सर में पीस लें। अब इनका रस निकालने के लिए मिश्रण को कसकर दबाएं और फिर इस रस का नियमित रूप से इस्तेमाल करें।

बेकिंग सोडा माउथवॉशफायदा: बेकिंग सोडा न केवल आपके मुंह से हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है, बल्कि यह सांसों की बदबू को भी दूर रखता है। यह लार में पीएच स्तर को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

तरीका: आधे गिलास गरम पानी में आधी चम्मच बेकिंग सोडा डालकर इसे अच्छी तरह से मिलाएं। इसके बाद दांत ब्रश करने के बाद हर दिन इस घोल से कुल्ला करें।

नारियल के तेल का माउथवॉश फायदा: नारियल के तेल से कुल्ला करने से शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है। इसके साथ ही यह दांतों को कीड़े से बचाने में भी सहायक है। यह मुंह में बैक्टीरिया को कम करता है, जिससे सांसों की बदबू को रोका जा सकता है। तरीका: सबसे पहले मुंह में थोड़ा सा नारियल का तेल डालें और फिर इसे उंगली की मदद से 10’5 बार घुमा लें। अब तेल को थूक दें और मुंह को पानी से धोएं।

एलोवेरा माउथवॉशफायदा: एलोवेरा मुंह के टिश्यूज में सूजन को कम करने में मदद करता है और प्लाक और मसूड़ों से आने वाले खून को भी रोकता है। यह सांस की बदबू को खत्म करने और मुंह की जलन को शांत करने में भी मददगार है।

तरीका: पानी में पसंदीदा एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदें और एलोवेरा के रस को एक साथ मिलाएं। इस मिश्रण को स्टोर करके रख लें और दिन में एक या दो बार इससे कुल्ला करें।

सेब के सिरका का माउथवॉशफायदा: सेब का सिरका मुंह के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। यह मुंह में एसिडिक चीजों को कम करता है और मुंह के संक्रमण को रोकता है, जिससे सांसों की बदबू दूर होती है। इसके साथ ही यह प्लाक के विकसित होने का खतरा भी कम करता है।

तरीका: एक कप नमक के पानी में दो चम्मच सेब का सिरका डालकर अच्छी तरह मिलाएं। इसे फ्रिज में स्टोर करें और खाना खाने के बाद इसका इस्तेमाल करें।

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पालक का अधिक सेवन स्वास्थ्य को पहुंचा सकता है नुकसान

27.12.2022 – (एजेंसी)  –  सर्दियों में पालक आसानी से बाजार में मिल जाता है तो लोग इससे घर में तरह-तरह के व्यंजन बनाकर खाते हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। भले ही पालक में आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम और फाइबर जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, लेकिन ये गुण इसकी सीमित मात्रा में सेवन करने से ही मिल सकते हैं।

आइए जानते हैं कि पालक के अधिक सेवन से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं। किडनी स्टोन होने का रहता है खतराकिडनी शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो खून को साफ करके शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है। हालांकि, पालक के अधिक सेवन से किडनी प्रभावित हो सकती है और इससे किडनी स्टोन हो सकता है।

पालक में ऑक्सालेट नामक एक तत्व मौजूद होता है, जिसकी अधिक मात्रा किडनी स्टोन बनाने का कारण बन सकती है। खून हो सकता है पतलापालक विटामिन-ई का बेहतरीन स्त्रोत है जो प्राकृतिक तरीके से खून को पतला करने में मदद कर सकता है। इसलिए जिन्हें खून के थक्के जमने की समस्या होती है उन्हें पालक खाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, अगर आप इसका जरूरत से ज्यादा सेवन करते हैं तो इससे आपका खून ज्यादा पतला हो सकता है और कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है।

वहीं, अगर चोट लग जाती है तो वह जल्दी ठीक नहीं होगी। पेट से जुड़ी समस्याएंपालक का अधिक सेवन करने से पेट से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे एसिडिटी, मतली, उल्टी और पेट में दर्द जैसी कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें।

बेहतर होगा कि आप डाइटीशियन की सलाह के अनुसार अपनी डाइट में पालक को शामिल करें। हाई ब्लड प्रेशरहाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है और इसके कारण मधुमेह, स्ट्रोक, किडनी फेल, दिल की बीमारी या मौत भी हो सकती है, इसलिए इसे नियंत्रित रखना जरूरी है।

वैसे अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप की समस्या है तो ऐसे में भूल से भी पालक का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल, जरूरत से ज्यादा इसका सेवन ब्लड प्रेशर को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है।

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ग्रीक योगर्ट को डाइट में करें शामिल, मिलेंगे कई स्वास्थ्य संबंधित लाभ

27.12.2022 (एजेंसी) – आजकल मार्केट में कई फ्लेवर्स में योगर्ट मौजूद हैं, लेकिन फिटनेस फ्रीक लोगों के लिए ग्रीक योगर्ट लोकप्रिय विकल्प है। इसका कारण है कि इसमें लगभग 11 ग्राम प्रोटीन होता है, जो आपकी दैनिक प्रोटीन आवश्यकता के 22 प्रतिशत के बराबर होता है। इसके अलावा, यह कम सोडियम, कैल्शियम और कई जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

आइए जानते हैं कि ग्रीक योगर्ट को डाइट में शामिल करने से क्या-क्या स्वास्थ्य संबंधित लाभ मिल सकते हैं। पाचन के लिए है लाभदायकग्रीक योगर्ट प्रोबायोटिक्स की अधिक मात्रा मौजूद होती है, जो इसे पाचन के लिए आदर्श बनाती है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रोबायोटिक्स कब्ज से सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।

वहीं, इसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया पाचन को शांत रखने में भी सहायक है। ग्रीक योगर्ट का सेवन एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्रो इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (त्रश्वक्रष्ठ) से बचाने और कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम कम करने में भी मदद कर सकता है। हड्डियों को मजबूती देने में सहायकग्रीक योगर्ट को डाइट में शामिल करने से हड्डियों को भी फायदा होता है। एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने ग्रीक योगर्ट का सेवन किया, उनमें कूल्हे की हड्डी का घनत्व बढ़ा और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम हुआ। दरअसल, ग्रीक योगर्ट हड्डियों को मजबूती देने वाले पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें कैल्शियम की मात्रा सबसे ज्यादा होती है।

अवसाद से मिल सकता है छुटकाराअध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीक योगर्ट में मौजूद प्रोबायोटिक्स अवसाद से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। बता दें कि आंत में लैक्टोबैसिलस (प्रोबायोटिक बैक्टीरिया) की मात्रा कियूरेनिन में रक्त स्तर को प्रभावित करती है, जो एक मेटाबोलाइट है और अवसाद का कारण बनता है।

ऐसे में ग्रीक योगर्ट का सेवन मेटाबोलाइट के प्रभाव को कम करके अवसाद से छुटकारा दिला सकता है। हृदय को स्वस्थ रखने में है सहायकग्रीक योगर्ट हृदय को स्वस्थ रखने में काफी मदद कर सकता है। इसमें फ्लेवोनोइड्स या बायोफ्लेवोनॉइड्स होते हैं, जो एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह कार्य करके खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।

इसके अतिरिक्त इसमें कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो दिल के दौरे और अन्य हृदय रोग का खतरा दूर करने में सहायक हो सकते हैं। ब्लड शुगर के स्तर को कर सकता है नियंत्रितग्रीक योगर्ट कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है, जो इसे मधुमेह वाले लोगों के लिए फायेदमंद बनाता है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।

इसके अतिरिक्त यह पेक्टिन नामक खास तत्व से भरपूर होता है, जो फाइबर की तरह कार्य करके आपकी कैलोरी खपत को बढ़ाए बिना आपके पेट को भरा हुआ रखने में मदद करता है।

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शॉवर जेल बनाम बॉडी वॉश: जानिए इनमें क्या अंतर है और किसे चुनना है बेहतर

25.12.2022 –  (एजेंसी) – शरीर की सफाई स्किन केयर रूटीन का सबसे महत्वपूर्ण स्टेप है। इसके लिए आजकल लोग साबुन की बजाय शॉवर जेल या बॉडी वॉश का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये दोनों ही लिक्विड क्लींजर हैं, लेकिन इनमें काफी अंतर है। दोनों विभिन्न प्रकार की त्वचा और बनावट के लिए उपयुक्त हैं। आइए आज हम आपको शॉवर जेल और बॉडी वॉश में अंतर और इनसे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।

शॉवर जेल और बॉडी वॉश में अंतरशॉवर जेल की कंसिस्टेंट मोटी होती है, जबकि बॉडी वॉश पतला होता है। बॉडी वॉश में हल्की सुगंध होती है, जबकि शॉवर जेल की सुगंध थोड़ी तेज होती है क्योंकि इसमें त्वचा को शांत करने वाले सामग्रियों की अधिक मात्रा मौजूद होती है। शॉवर जेल में सी-सॉल्ट, ओटमील और माइक्रोबीड्स जैसे एक्सफोलिएटिंग तत्व होते हैं जो त्वचा से डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन बॉडी वॉश में ऐसा कुछ नहीं होता है।

त्वचा के प्रकार के हिसाब से क्या है अच्छा?तैलीय त्वचा के लिए शॉवर जेल बहुत अच्छे होते हैं क्योंकि इसमें अतिरिक्त गंदगी को साफ करने और सीबम को नियंत्रित करने वाले गुण होते हैं। शॉवर जैल की तुलना में बॉडी वॉश में मॉइस्चराइजिंग गुण अधिक होते हैं और यह रूखी और संवेदनशील त्वचा के लिए उपयुक्त होते हैं।

हालांकि, अगर आप शरीर की सफाई के लिए साबुन को चुनते हैं तो माइल्ड बार सोप का चयन करें। शॉवर जेल और बॉडी वॉश के मुख्य सामग्रियांशॉवर जेल वॉटर बेस्ड होते हैं और पायसीकारी नामक तत्व के कारण इसमें फोम वाला टेक्सचर होता है। शॉवर जेल में प्रिजरवेटिव भी होते हैं।

वहीं, सुगंध के लिए इसमें तरह-तरह की जड़ी-बूटियां और एसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल किया जाता है। बात अगर बॉडी वॉश की करें तो इसमें आमतौर पर ह्यूमेक्टेंट्स, सर्फेक्टेंट, इमल्सीफायर, विटामिन-ई, एसेंशियल ऑयल्स और पौधों के अर्क शामिल होते हैं। दोनों में से किसका चयन करें?शरीर की सफाई के लिए शॉवर जेल और बॉडी वॉश दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

हालांकि, शॉवर जेल सभी तरह की त्वचा के लिए उपयुक्त है, खासकर तैलीय त्वचा के लिए। वहीं, रूखी और संवेदनशील त्वचा के लिए बॉडी वॉश का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा है।

इसमें मॉइस्चराइजिंग तत्व होते हैं जो नमी के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। शॉवर जेल और बॉडी वॉश का इस्तेमालसबसे पहले अपने शरीर को गुनगुने पानी से गीला करें। इसके बाद बॉडी स्क्रबर या लूफा पर थोड़ा शॉवर जेल या बॉडी वॉश लें और इसे शरीर पर लगाएं।

अब इससे धीरे-धीरे से अपने शरीर की सर्कुलर मोशन में मसाज करें। मसाज के बाद अपने शरीर को गुनगुने पानी से धो लें और अंत में पूरे शरीर पर मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें।

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चेहरे के काले धब्बों को दूर करने में काफी असरदार हैं ये फेस पैक

25.12.2022 (एजेंसी)  – चेहरे के काले धब्बों से छुटकारा पाने के लिए कई तरह के स्किन केयर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करके थक चुके हैं तो अब घर पर बनाए गए फेस पैक का इस्तेमाल करें। इन फेस पैक की मदद से हाइपरपिग्मेंटेशन, मुहांसे, ब्लैकहेड्स औक चोट के धब्बे तक हल्के हो सकते हैं।

आइए आज हम आपको कुछ फेस पैक बनाने और इस्तेमाल करने के तरीके बताते हैं, जो चेहरे के काले धब्बे दूर करने में प्रभावी हो सकते हैं।

नींबू का फेस पैकसबसे पहले एक कटोरी में आधे नींबू का रस और एक बड़ी चम्मच शहद डालकर अच्छे से मिलाएं। अब इस मिश्रण को अपने पूरे चेहरे पर लगाएं और 10’5 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद गुनगुने पानी से चेहरे को धोने के बाद इस पर ठंडे पानी के छींटे मारें। अब तौलिए से अपने चेहरे को धीरे से थपथपा कर सुखाएं और फिर इस पर मॉइस्चराइजिंग सीरम लगाएं।

चंदन का फेस पैकइसके लिए एक या दो बड़ी चम्मच चंदन पाउडर, एक छोटा चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच ग्लिसरीन मिलाकर एक महीन पेस्ट बना लें। अब इसमें थोड़ा गुलाब जल मिलाएं। फिर पेस्ट को अपने पूरे चेहरे पर और विशेष रूप से काले धब्बों पर लगाकर कुछ मिनट के लिए छोड़ दें। इसके सूखने के बाद चेहेर को गुनगुने पानी से धो लें और फिर इस पर मॉइस्चराइजर लगाएं।

प्याज और लहसुन का फेस पैकसबसे पहले एक प्याज का टुकड़ा और लहसुन की एक कली को मिक्सी में पीस लें। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर बने काले धब्बों पर लगाएं और इसे लगभग 15 मिनट के लिए छोड़ दें। जब आपको पेस्ट की गंध कम होती हुई लगे तो चेहरे को ठंडे पानी से धोकर तौलिए से पोछें। इसके बाद चेहरे पर हल्का मॉइस्चराइजर लगाएं।

एलोवेरा का फेस पैकसबसे पहल एक ताजे एलोवेरा के पत्ते से जेल निकालें। अब इसे एक कटोरी में इतनी मात्रा में लें कि यह आपके पूरे चेहरे पर लग जाए और इसमें थोड़ा गुलाब जल भी मिला लेें। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और करीब 15 मिनट तक सूखने दें। चेहेर को धोने से पहले दो-तीन मिनट तक मसाज करें और फिर धो लें।

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ऑफिस में लगातार काम के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लेना है जरूरी, होंगे ये बड़े फायदे

24.12.2022 (एजेंसी) –  ऑफिस में लगातार आठ से नौ घंटे बैठकर काम करने से परेशानियां होने लगती है। इसकी वजह से थकान होती है, काम करने की गति धीमी हो जाती है और मन भटकने लगता है। वहीं ऑफिस के दौरान ब्रेक लेकर इधर-उधर घूम लेने या बाहर की हरियाली देख लेने से आपको हल्का और फ्रेश फील होता है, फिर चाहें यह ब्रेक सिर्फ पांच मिनट का ही हो। आइए आज काम के बीच ब्रेक लेने के फायदे जानते हैं।

ध्यान लगाने में मिलती है मददऑफिस में लगातार काम करते रहने से हमारा शरीर थक जाता है, जिसकी वजह से ध्यान भटकने लगता है। ऐसे में मजह पांच मिनट का ब्रेक मिलने से शरीर को रिलैक्स मिलता है और मूड फ्रेश होता है। इसके बाद दोबारा काम की शुरुआत करने से काम बेहतर होगा क्योंकि अब आपका ध्यान पूरी तरह से काम पर रहेगा और दिमाग भी काम पर लगा रहेगा।

ब्रेक के दौरान चाय पीकर भी मूड फ्रेश किया जा सकता है। तनाव कम करने में मददगारजब कोई व्यक्ति काम के दौरान तनाव महसूस करता है तो काम की गति अपने आप धीमी हो जाती है। इसके अलावा तनाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारे काम के मनोबल, प्रेरणा और प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।

जब भी तनाव महसूस करें, तो पांच मिनट का ब्रेक लेकर शरीर को स्ट्रेच कर लें और फिर गहरी सांस लें। इससे बेहतर महसूस होगा। इसके अलावा चॉकलेट या चाय के सेवन से भी तनाव कम किया जा सकता है। ब्रेक से मिलती है राहतऑफिस में काम कर रहे कर्मचारी अपनी छुट्टी के एक दिन पहले रिलैक्स होकर काम करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें खुशी होती है कि अगले दिन वो घर पर बैठकर आराम कर सकते है या दोस्तों के साथ एन्जॉय करेंगे।

वहीं अगर रोजाना काम के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लेकर काम किया जाए तो स्ट्रेस नहीं होगा और कर्मचारी खुशी-खुशी काम करेंगे। इसके बाद खुशी से काम करने के लिए एक दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मस्कुलोस्केलेटल विकारों के खिलाफ कारगरमस्कुलोस्केलेटल विकार शरीर की मांसपेशियों, नसों या जोड़ों की चोटों से होता है।

दरअसल, देर तक काम करने के दौरान लंबे समय तक खराब मुद्रा में बैठना, खड़े होने या अजीब स्थिति में रहने से इन विकारों का खतरा बढ़ जाता है और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

छोटे ब्रेक लेने से मस्कुलोस्केलेटल विकारों के विकास की संभावना कम हो सकती है क्योंकि ब्रेक लेने से आपकी मुद्रा में सुधार हो सकता है।

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क्या है इलेक्ट्रिक मसल्स स्टिमुलेशन (ईएमएस)? जानिए इस वर्कआउट की महत्वपूर्ण बातें

24.12.2022  (एजेंसी)  इलेक्ट्रिक मसल्स स्टिमुलेशन (ईएमएस) वर्कआउट कमजोर या ऐंठन का अनुभव कर रही मांसपेशियों को उत्तेजना देने में सहायक है। यह डीप बैक मसल्स के साथ-साथ शरीर के सभी मांसपेशियों को 95 प्रतिशत तक एक्टिव करता है। कई मशहूर हस्तियों के बीच यह एक्सरसाइज काफी लोकप्रिय है। यह बहुत कम समय तक और हफ्ते में सिर्फ एक बार ही की जाती है।

आइए आज हम आपको इस वर्कआउट के बारे में विस्तार से बताते हैं। इलेक्ट्रोड लगे सूट पहनकर होती है एक्सरराइजईएमएस एक्सरसाइज करने के लिए एक खास सूट पहनते हैं, जिसमें कई इलेक्ट्रोड होते हैं। कुछ ईएमएस स्टूडियो में इस सूट के वायरलेस होते हैं, लेकिन ज्यादातर में इलेक्ट्रोड मशीन से जुड़े होते हैं।

एक्सरसाइज को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन मेडिकल कंडीशन में इस एक्सरसाइज को नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जब कोई व्यक्ति इस सूट को पहनकर एक्सरसाइज करता है तो उसके मांसपेशियों को थोड़े और हल्के बिजली के झटके जैसा महसूस होता है।

ईएमएस एक्सरसाइज करने के लिए 20 मिनट पर्याप्त ईएमएस वर्कआउट महज 15 से 20 मिनट तक कर आप इसका पूरा फायदा उठा सकते हैं। कई शोधकर्ताओं का मानना है कि केवल 20 मिनट की ईएमएस एक्सरसाइज करने से 90 मिनट की इंटेंस एक्सरसाइज करने का लाभ मिल सकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर नियमित रूप से स्क्वैट्स और लंग्स की एक्सरसाइज की जाए तो भी हफ्ते में एक बार 20 मिनट तक की जाने वाली ईएमएस वर्कआउट ज्यादा प्रभावी है। एक्सपर्ट की निगरानी में ही करें यह एक्सरसाइजईएमएस वर्कआउट सिर्फ उन स्टूडियो में ही किया जा सकता है जो खास इसके लिए ही डिजाइन किए गिए हैं। इसके अलावा सुरक्षा को देखते हुए इसे ईएमएस एक्सपर्ट ट्रेनर के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।

ईएमएस मशीनें आसानी से ऑनलाइन भी मिल जाती हैं, जिन्हें घर पर रखकर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन कोई चोट या अनहोनी से बचने के लिए इसे स्टूडियो में एक्सपर्ट के साथ ही करना चाहिए। एक अध्ययन से पता चला है कि ईएमएस स्वस्थ लोगों और एथलीट दोनों में ज्यादा ताकत बढ़ाने के लिए कारगर है।

बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि ईएमएस एक्सरसाइज फिट रहने का एक अच्छा तरीका है। हालांकि, गर्भवती महिलाएं और जिनके पास पेसमेकर है या किसी दूसरी बीमारी से जूझ रहे हैं तो उन्हें इस एक्सरसाइज को करने से बचना चाहिए।

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सर्दियों में त्वचा की खुजली से राहत पाने के लिए अपनाएं ये 5 घरेलू नुस्खे

23.12.2022 (एजेंसी) –  सर्दियों के मौसम में अक्सर हम सभी की त्वचा ड्राई हो जाती है, जिसकी वजह से खुजली और जलन होती है। इससे राहत पाने के लिए लोग त्वचा को ज्यादा खरोंच लेते हैं। इससे त्वचा की सुरक्षात्मक बाधा को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा एलर्जी और रसायनों के संपर्क में आने और मौसम में बदलाव के कारण भी खुजली हो सकती है।

आइए आज हम आपको खुजली से राहत पाने के लिए पांच घरेलू नुस्खे बताते हैं।

पेपरमिंट ऑयल का इस्तेमाल करेंपेपरमिंट ऑयल एक ऐसा एसेंशियल ऑयल है जो पुदीने की पत्तियों से तैयार होता है। यह ठंडा होता है और मामूली जलने, कटने, छिलने, दानों, ड्राईनेस और कीड़े के काटने आदि के कारण होने वाली खुजली से राहत देता है। 2012 के एक अध्ययन के अनुसार, इस ऑयल में मेंथॉल होता है, जो गर्भवती महिलाओं में खुजली वाली त्वचा का इलाज करता है। यह त्वचा की जलन के कारण होने वाले दर्द को शांत करने में भी मदद करता है।

ओट्स से नहाएंओट्स का इस्तेमाल सदियों से त्वचा की कई स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण रूखेपन, त्वचा की खुजली और खुरदुरेपन को कम करने में मदद करते हैं। कोलाइडियल ओट्स (बारीक पिसा हुआ) से नहाने से त्वचा की सूजन कम हो सकती है, जिसकी वजह से खुजली होती है। यह आपकी त्वचा को फिर से हाइड्रेट करने में भी मदद करता है और खुजली की तीव्रता को कम करता है।

एलोवेरा का इस्तेमाल करेंत्वचा की देखभाल के लिए एलोवेरा काफी उपयोगी है। इसके एंटी-फंगल गुण रूखी त्वचा को ठीक करके खुजली और सूजन को कम करने में काफी मददगार हैं। इसके अलावा यह आपकी त्वचा को साफ और चमकदार भी बनाता है। आप दिन में दो बार सीधे प्रभावित क्षेत्र पर ताजा एलोवेरा जेल लगा सकते हैं। यह सभी प्रकार की त्वचा पर उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। इसमें मौजूद स्किन-स्मूथिंग एजेंट रूखी त्वचा को मॉइस्चराइज भी करते हैं।

पानी में नीम के पत्ते डालकर नहाएं नीम भारतीय घरों में उपयोग की जाने वाली सबसे लोकप्रिय जड़ी-बूटियों में से एक है। यह न केवल खुजली से राहत देने में मदद करता है, बल्कि आपकी त्वचा को हानिकारक संक्रमणों से भी बचाता है। नीम में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर पर होने वाले रैशेज को भी ठीक करते हैं। इसके लिए 30 मिनट तक पानी में नीम के पत्तों को भिगोकर इस पानी से नहाएं। इसकी मदद से खुजली, सूखी और चिड़चिड़ी त्वचा से राहत मिलेगी।

प्रभावित जगह पर लगाएं सेब का सिरकासेब का सिरका एंटी-सेप्टिक, एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। यह सूखी, खुजली और जलन वाली त्वचा को ठीक करने में मदद करता है। यह त्वचा की एसिडिटी के स्तर को बहाल करके एक्जिमा से भी राहत देता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए थोड़े से सेब के सिरके को प्रभावित जगह पर डॉयरेक्ट लगा लें। यह त्वचा के पीएच स्तर को संतुलित करेगा, उपचार प्रक्रिया को तेज करेगा और खुजली को बेअसर करने में मदद करेगा।

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त्वचा का निखार बढ़ाने के लिए रोजाना करें इन 5 योगासनों का अभ्यास

23.12.2022 –   (एजेंसी) – अमूमन लोग त्वचा पर निखार लाने के लिए तरह-तरह के महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स खरीद लेते हैं, फिर भी उन्हें मनचाहा नतीजा नहीं मिल पाता है। ऐसे में योग को रूटीन में शामिल करना अच्छा है। यह न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि यह त्वचा की बनावट में सुधार करने और इसे प्राकृतिक रूप से निखारने में भी सहायक हो सकता है।

आइए आज इसके लिए पांच योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।

त्रिकोणासन – इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों को जितना हो सके, उतना खोलकर अपने दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं। इसके बाद एक हाथ की उंगलियों से उसी तरफ के पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इस अवस्था में दो-तीन मिनट तक बने रहने के बाद धीरे-धीरे आसन छोड़ें और इसी प्रक्रिया को दूसरे हाथ की तरफ से दोहराएं।

भुजंगासन – भुजंगासन के लिए योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। इसके बाद कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। यह योगासन आपकी त्वचा पर निखार लाने में मदद करेगा।

उष्ट्रासन – उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए योगा मैट पर घुटनों के बल बैठें, फिर घुटनों के बल ही खड़े हो जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें। इसके बाद दायीं हथेली को दायीं एड़ी पर और बायीं हथेली को बायीं एड़ी पर रखने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम एक-दो मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं और कुछ मिनट विश्राम करें।

धनुरासन – धनुरासन के लिए योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों घुटनों को अपनी पीठ की तरफ से मोड़ें और हाथों से टखनों को पकड़ें। इसके बाद सांस लेते हुए अपने पूरे शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे। अब अपनी क्षमता के हिसाब से इस मुद्रा में रहें और धीरे-धीरे सांस लेते-छोड़ते रहें, फिर कुछ सेकेंड बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

हलासन – हलासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं, फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें। अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए टांगों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

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योगा पैंट्स को डेली वियर के तौर पर पहनने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके

11.12.2022  (एजेंसी) – आजकल एथलेजर वियर काफी ट्रेंड में है, जिसमें स्पोर्ट्स वियर और फैशन का अच्छा संयोजन होता है। इसका मतलब है कि आप अपने योगा पैंट्स और लेगिंग्स आदि को सिर्फ एक्सरसाइज के दौरान ही नहीं, बल्कि डेली वियर के तौर पर भी पहन सकती हैं। हाल ही में क्लाउडटेलर (ष्टद्यशह्वस्रञ्जड्डद्बद्यशह्म्) की फैशन डिजाइनर नमिता कुरापति ने बताया कि योगा पैंट्स को डेली वियर की तरह कैसे पहनना चाहिए ताकि इससे आपको स्टाइलिश लुक मिले। शर्ट और ब्लेजर के साथ पहनेंयोगा पैंट को स्टाइलिश तरीके से स्टाइल करने के लिए महिलाएं इसे शर्ट और ब्लेजर के साथ पहन सकती हैं। इससे आपको एक फॉर्मल लुक मिलेगा, जो हर दिन ऑफिस में पहनकर जाने के लिए एकदम सही है।

इसके लिए अपनी योगा पैंट को एक बटन-डाउन लॉन्ग शर्ट समेत काले रंग के ब्लेजर के साथ पहनें और अंत में स्टाइलिश लोफर्स पहनकर अपने लुक को पूरा करें। स्वेटर के साथ पहनेंआरामदायक और चिक विंटर लुक के लिए आप अपनी काले रंग की योगा पैंट क्रीम रंग के ओवरसाइज्ड स्वेटर के साथ पहन सकती हैं। अगर बहुत ठंड है तो कूल और ट्रेंडी लुक के लिए स्वेटर के ऊपर डेनिम जैकेट भी पहन सकते हैं। अगर आप अपने इस लुक को कलरफुल बनाना चाहते हैं तो लाल, हरे या पीले जैसे रंग के स्वेटर को भी चुन सकती हैं।

ओवर-द-नी बूट्स के साथ अपने लुक को पूरा करें। ड्रेस के साथ स्टाइल करेंअगर आप अपने स्टाइल के साथ प्रयोग करना चाहती हैं तो योगा पैंट को एक सुंदर ए-लाइन या स्लिप ड्रेस के साथ पहनें। सर्दियों के दौरान आप योगा पैंट को ड्रेस समेत एक स्ट्रक्चर्ड ट्रेंच कोट या एक बड़े आकार के कार्डिगन के साथ भी पहन सकती हैं। आप इस लुक को न सिर्फ ऑफिस, बल्कि कैजुअल गेट-टूगेदर के दौरान भी कैरी कर सकती हैं। हील एंकल लेंथ बूट्स के साथ अपने लुक को पूरा करें। स्कर्ट के साथ पहनेंचिक और फैशनेबल लुक के लिए आप अपनी योगा पैंट को फ्लोई मिनी स्कर्ट के साथ भी पहन सकती हैं।

आप इसे एक बेज रंग की टर्टलनेक टॉप और एक टोपी के साथ पहन सकती हैं। यह लुक शॉपिंग या डिनर डेट के लिए बेहतरीन है। वहीं, क्रॉसबॉडी बैग, न्यूड मेकअप, मिनिमल ज्वेलरी और क्लासिक स्नीकर्स के साथ अपने लुक को पूरा करें। बाइकर जैकेट के साथ स्टाइल करेंआप इस सर्दियें में एजी और कूल लुक के लिए योगा पैंट को काले रंग की लेदर बाइकर जैकेट के साथ पहन सकती हैं।

आप जैकेट के अंदर एक आरामदायक टॉप और फुटवियर के तौर पर एंकल बूट्स पहन सकती हैं। यह लुक गेट-टूगेदर के लिए अच्छा है। वहीं, इसके साथ मेकअप को न्यूड टोन में ही रखें। इससे आपको एक अलग ही लुक मिलेगा।

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सीजनल अफेक्टिव डिसॉर्डर क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

11.12.2022   (एजेंसी) हर मौसम अपने साथ अलग-अलग तरह की बीमारियां लाता है और सर्दियों में हार्ट अटैक समेत सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर जैसी बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (स््रष्ठ) एक मानसिक समस्या है, जिसे विंटर डिप्रेशन भी कहा जाता है। यह दैनिक कामकाज को काफी प्रभावित कर सकती है। आइए आज हम आपको सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय बताते हैं।

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर क्या है?सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर एक प्रकार का डिप्रेशन है, जो मौसमी बदलाव से शुरू होता है। आमतौर पर सर्दियों के दौरान इसके होने की संभावना ज्यादा रहती है। सर्दियों में दिन छोटे होते हैं तो लोग खुद को उदास महसूस करने लगते हैं और वसंत के लंबे दिनों में खुद को बेहतर महसूस करना शुरू कर देते हैं। कुछ मामलों में सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से ग्रस्त व्यक्ति के कार्य करने के तरीके पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षणइस डिसऑर्डर से ग्रस्त लोग खुद को उदास और परेशान महसूस कर सकते हैं।

इसी तरह वह अपनी भूख या वजन में बदलाव का अनुभव करते हुए ऊर्जा की कमी महसूस कर सकते हैं। इससे ग्रस्त लोग अपनी पसंदीदा गतिविधियों में भी रुचि खो सकते हैं। उन्हें ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है और सुस्त महसूस कर सकते हैं। उनके मन में आत्महत्या के विचार आ सकते हैं और अधिक सोने का भी अनुभव कर सकते हैं। सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारणसीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारण अभी भी अच्छी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि, कुछ कारकों का इसके साथ संबंध पाया गया है।

शरीर में होने वाले हार्मोंस बदलाव भी इसके जिम्मेदार हो सकते हैं। सूर्य की रोशनी के संपर्क में कम आने से बायोलॉजिकल वॉच प्रभावित होता है और इससे शरीर के हार्मोन्स के उत्पादन पर असर पड़ता है। इस वजह से भी यह डिसऑर्डर हो सकता है। किन लोगों को इस डिसऑर्डर का है ज्यादा खतरा?कई शोध के मुताबिक, सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का खतरा पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है। ज्यादातर मामलों में यह डिसऑर्डर किशोरावस्था में शुरू हो जाता है।

इसके अतिरिक्त, पहले से अवसाद ग्रस्त लोगों, बाइपोलर डिसऑर्डर के रोगी और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर के लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। ईटिंग डिसऑर्डर, स्ट्रेस या पैनिक डिसऑर्डर से ग्रसत लोगों को भी इसका खतरा रहता है। सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से बचाव के उपाययदि आपने पहले सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का अनुभव किया है तो उपचार जल्दी शुरू करने से आप बेहतर स्थिति में हो सकते हैं। इसके लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें। इस डिसऑर्डर वाले लोगों में अक्सर विटामिन-डी की कमी होती है। ऐसे में विटामिन-ष्ठ के सप्लीमेंट्स इसके लक्षणों को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

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ऊनी कपड़ों की ऐसे करें देखभाल, बरकरार रहेगी चमक

10.12.2022 – (एजेंसी) सर्दियां आ चुकी हैं और ठंड से बचने के लिए आपने ऊनी कपड़े पहनना शुरू कर दिया होगा। आम या गर्मी के कपड़ों की तुलना में गरम और ऊनी कपड़ों को खास देखभाल की जरूरत होती है। ऐसा नहीं करने पर ऊनी कपड़े जल्दी खराब हो जाते हैं और उनकी चमक भी फीकी हो जाती है।

आइए आज सर्दियों में ऊनी कपड़ों की अच्छे से देखभाल करने के लिए पांच आसान टिप्स जानते हैं।

हाथ से धोने की करें कोशिशऊन आमतौर पर गंध-प्रतिरोधी, क्रीज-प्रतिरोधी और दाग-प्रतिरोधी होती है, इसलिए ऊनी कपड़ों को कम धोना चाहिए।

इसके अलावा जब भी आप इन कपड़ों को धोएं, तब इन्हें वॉशिंग मशीन की बजाय अपने हाथों से ही धोएं। इन्हें धोने के लिए विशेष रूप से सर्दियों के कपड़ों के लिए बनाए गए डिटर्जेंट का ही इस्तेमाल करें और धोने से पहले इन्हें तीन-पांच मिनट के लिए पानी में भिगो दें।

याद रखें कि इन कपड़ों को ठंडे पानी से ही धोना है। ऊनी कपड़ों को लटकाकर बिल्कुल न सुखाएंऊन बहुत सारा पानी सोख लेती है, इसलिए ऊनी कपड़े गीले होने पर भारी हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप इन्हें लटका कर सुखाएंगे तो कपड़ा खिंच जाएगा और यह अपना आकार भी खो देगा। इससे बचने के लिए जरूरी है कि ऊनी कपड़ों को लटका कर सुखाने की बजाय आप इन्हें समतल सतह पर सुखाने के लिए रख दें।

इसके अलावा अपने सर्दियों के कपड़ों को सुखाने के लिए सीधी धूप से दूर रखें। पूरी तरह सूखने पर प्रेस न करेंअगर आपके गीले ऊनी कपड़े सूख जाएं तो उन्हें प्रेस बिल्कुल भी न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि सीधे गर्मी के संपर्क में आने से कपड़ा झुलस जाता है और फिर सिलवटे खत्म नहीं हो पाती हैं। इसके लिए आप नॉर्मल प्रेस की बजाय स्टीम प्रेस का इस्तेमाल करें और याद रखें कि हमेशा कपड़ों को अंदर वाली साइड से ही प्रेस करें।

इसके अलावा सर्दियों के कपड़े प्रेस करते वक्त प्रेस को हमेशा ऊन ऑप्शन पर सेट करें। ऊनी कपड़ों को नमी से रखें दूरसर्दियों में हमेशा गरम कपड़ों को नमी वाली जगहों से दूर रखने की कोशिश करें। कुछ लोग नहाते वक्त गरम कपड़ों को बाथरूम में ही छोड़ देते हैं, लेकिन इससे आपके ऊनी कपड़े जल्दी खराब हो सकते हैं, इसलिए हमेशा इन्हें सूखी जगह पर ही रखें।

इसके अलावा अलमारी में गरम कपड़े रखने से पहले नीचे अखबार बिछा दें और कपड़ों को बैक्टीरिया फ्री रखने के लिए इनमें नीम की पत्ती रख दें। लिंट रिमूवर ब्रश का करें इस्तेमालसर्दियों में ऊनी कपड़ों और कोट को अच्छी स्थिति में रखने के लिए उनकी सही देखभाल करना बहुत जरूरी है, लेकिन कई बार इन कपड़ों में रोएं आ जाते हैं और धूल जम जाती है। इसके लिए आप लिंट रिमूवर ब्रश का इस्तेमाल करें। किसी भी ऊनी कपड़े या कोट को पहनने से पहले और बाद में उसे लिंट रिमूवर ब्रश से साफ करें ताकि उसकी चमक बनी रहें और वह नया दिखे।

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सर्दियों में मांसपेशियों की ऐंठन और जोड़ों के दर्द को दूर करने के उपाय

10.12.2022 – फ्लू से लेकर त्वचा के रूखेपन तक, शीतलहर का मौसम हर साल कई तरह की बीमारियों को साथ लेकर आता है और इनमें से सबसे खराब अचानक से होने वाली मांसपेशियों में ऐंठन और जोड़ों का दर्द है। अमूमन लोग इनसे राहत पाने के लिए दर्द निवारक दवाएं लेते हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइए आज कुछ ऐसे उपाय जानते हैं, जिन्हें अपनाकर सर्दियों में मांसपेशियों की ऐंठन और जोड़ों का दर्द दूर हो सकता है।

रोजाना कुछ मिनट धूप में बैठेंसर्दियों में कुछ मिनट धूप में बैठने से कई तरह के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े फायदे मिल सकते हैं। खासकर, अगर आप ठंड के मौसम में जोड़ो के दर्द और मांसपेशियों की ऐंठन से सुरक्षित रहना चाहते हैं तो रोजाना 15 मिनट तक धूप में रहें। धूप शरीर से विटामिन- डी की कमी को दूर करके कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है।

कैल्शियम जोड़ो का दर्द और मांसपेशियों की ऐंठन से बचाए रखने में सहायक है। पानी के सेवन पर दें ध्यानसर्दियों के दौरान कई लोग पानी का सेवन करना कम कर देते हैं, लेकिन इसकी कमी शरीर को कई समस्याओं से घेर सकती है। रोजाना 8’0 गिलास पानी का सेवन करने का नियम बना लें क्योंकि इससे न सिर्फ शरीर हाइड्रेट रहेगा, बल्कि मांसपेशियों की ऐंठन और जोड़ों के दर्द से भी दूरी बनी रहती है। आप चाहें तो पानी के सेवन पर नजर रखने के लिए अपने मोबाइल में वॉटर इंटेक ऐप को भी डाउनलोड कर सकते हैं।

एक्सरसाइज और योगासनों को रुटीन में करें शामिलविशेषज्ञों के मुताबिक, जोड़ो के दर्द और मांसपेशियों की ऐंठन से बचे रहने के लिए वजन को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है। अतिरिक्त वजन के कारण जोड़ों और मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिसके कारण दर्द की स्थिति उत्पन्न होती है। इन समस्याओं से सुरक्षित रहने के लिए रोजाना कुछ मिनट सरल एक्सरसाइज और योगासनों का अभ्यास करना सुनिश्चित करें।

अगर बाहर बहुत ठंड है तो इनडोर एक्सरसाइज का विकल्प चुनें। इन फिटनेस गतिविधियों का भी किया जा सकता है अभ्याससर्दियों के दौरान मांसपेशियों की ऐंठन और जोड़ों के दर्द से बचने के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना काफी फायदेमंद हो सकती है। इसके अलावा, आप इन शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए साइकिलिंग, जॉगिंग, दौडऩा, एरोबिक्स, स्विमिंग आदि शारीरिक गतिविधियों को भी अपने रुटीन में शामिल कर सकते हैं। ये गतिविधियां घुटनों की मांसपेशियों को मजबूत करती हैं और उन्हें लचीला बनाती हैं।

अपनी जीवनशैली में करें कुछ बदलावमांसपेशियों की ऐंठन और जोड़ों के दर्द से सुरक्षित रहने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करना फायदेमंद हो सकता है। उदाहरण के लिए, गर्म पानी से नहाने से मांसपेशियों और जोड़ों को आराम मिल सकता है। इतना ही नहीं, यह स्लिप साइकिल को सुधारने में भी सहायक है, जो मांसपेशियों के दर्द को ठीक कर सकता है और ऐंठन से भी राहत दिला सकता है। कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

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सर्दियों में नहीं पी पा रहे पर्याप्त मात्रा में पानी तो अपनाएं ये 5 तरीके

05.11.2022 (एजेंसी)    सर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोगों को डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ठंडे मौसम में लोग कम पानी पीते हैं जो हमारे शरीर के लिए ठीक नहीं है। सर्दियों में हमारे शरीर से पसीना नहीं आता है, इसलिए हाइड्रेटेड रहने के लिए हमें खुद को पानी पीने के लिए याद दिलाने की जरूरत पड़ती है। आज हम आपको सर्दियों में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के पांच तरीके बताएंगे।

अपनी पसंदीदा एक्सरसाइज करेंजब हम एक्सरसाइज करते हैं तो शरीर अंदर का तापमान बनाए रखने के लिए पसीना छोड़ता है। इसके बाद हम ज्यादा पानी पीते हैं क्योंकि एक्सरसाइज करने के बाद हम थके हुए महसूस करते हैं और हमें ज्यादा प्यास लगती है। आप भी ऐसे मौसम में अपनी पसंदीदा एक्सरसाइज रोजाना करें और दिन में पर्याप्त पानी पिएं। इससे आप खुद को हाइडेट्र रखने में कामयाब होंगे। आप ठंडे मौसम में बाहर निकले बिना भी ये आसान एक्सरसाइज कर सकते हैं।

अपने लिए एक रूटीन बनाएंचाहे कोई भी मौसम हो हमारे शरीर को ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत होती है, लेकिन सर्दियों के दौरान प्यास नहीं लगने पर भी हम सभी के लिए पानी पीना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए आप खुद के लिए एक रूटीन बनाएं और रोज उसे फॉलो भी करें। ऐसे मौसम में आपको अपने पास गरम पानी की बोतल जरूर रखनी है, खासतौर पर यात्रा करते वक्त। खाने के समय इन चीजों का करें इस्तेमालआपके शरीर को हमेशा पानी पीने की इच्छा हो या नहीं, लेकिन कुछ न कुछ खाने की इच्छा जरूर होती है। ऐसे में अगर आपको दिन के समय कुछ खाने का मन हो तो एक गिलास गुनगुना नींबू पानी, शहद पानी, डिटॉक्स पानी, ग्रीन टी, अदरक की चाय जैसे पेय पदार्थों का सेवन करें।

ये न केवल आपको हाइड्रेटेड रहने में मदद करेंगे बल्कि मौसमी फ्लू से लडऩे के लिए आपकी इम्युनिटी को भी मजबूत रखेंगे। मोबाइल पर अलार्म या रिमाइंडर लगाएंआजकल हर व्यक्ति 24 घंटे अपने पास मोबाइल रखता है। ऐसे में आप अपने मोबाइल या डिजिटल वॉच में पानी पीने के लिए अलार्म या फिर रिमाइंडर सेट कर सकते हैं। यह आपको थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीने के लिए सूचित करता रहेगा।

ऐसा करने के लिए आपको अलग से कोई ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं है, लेकिन फिर भी आप चाहें तो कुछ प्रभावी ऐप देख सकते हैं जिसमें आपको यह सुविधा उपलब्ध हो। अपने वातावरण को रखें गरमअगर आप सर्दियों के मौसम में अपने आसपास के वातावरण को अंगीठी के पास बैठकर या रूम हीटर चालू करके गरम रखेंगे तो आपका शरीर भी स्वाभाविक रूप से पानी की मांग करेगा।

यह आपके पानी के सेवन को नियंत्रण में रखने के लिए सबसे बेहतरीन तरीकों में से एक है। ज्यादा पानी का सेवन करने से आप अधिक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सफल रहेंगे। ध्यान रहे कि आपके शरीर को गरमी और हाइड्रेशन का संतुलन मिले।

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शादियों में दिखना है आकर्षक तो जरूर पहनें ये 5 नॉन-ब्राइडल लहंगे

05.11.2022  (एजेंसी)  शादियों का सीजन चल रहा है और ऐसे मौके पर लड़कियां सुंदर, यूनिक और स्टाइलिश दिखना पसंद करती हैं। आजकल बाजार में बहुत से लहंगे मौजूद हैं, जिसकी वजह से लड़कियां लहंगा खरीदने में कंफ्यूज हो जाती हैं। लेकिन अब आपको इसकी फिक्र करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। आज हम आपको शादी में पिक्चर-परफेक्ट दिखने के लिए नॉन-ब्राइडल लहंगे बताएंगे, तो चलिए पांच नॉन-ब्राइडल लहंगों के बारे में जानते हैं। पेप्लम लहंगापेप्लम लहंगा आज के समय में काफी चलन में है।

यह बेहद आरामदायक और स्टाइलिश होता है और सभी प्रकार की लड़कियों के ऊपर अच्छा लगता है। इस लहंगे को पहनते समय आपको अपने पेट को दुपट्टे से कवर नहीं करना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें कमर को कवर करने के लिए मैचिंग पेप्लम फुल ब्लाउज होता है। आप चाहें तो हाई नेक वाले पेप्लम ब्लाउज भी चुन सकती हैं, जो बेहद यूनिक और स्टाइलिश लगता है। जैकेट स्टाइल लहंगादिसंबर के महीने में रात के समय ठंड बढ़ जाती है। ऐसे समय पर शादियों में जैकेट स्टाइल लहंगा पहनना एक बेहतरीन विकल्प है।

जैकेट स्टाइल लहंगा आपको एलिगेंट और क्लासी लुक देता है। यह लहंगा पाकिस्तान और पंजाब के पारंपरिक लच्छा लहंगे से प्रेरित है। इस लहंगे में आप नूडल स्ट्रैप, बस्टियर या बोट नेक वाले स्लीवलेस ब्लाउज के ऊपर एम्बेलिश्ड जैकेट कैरी कर सकती हैं। इसके साथ स्वीटहार्ट नेकलाइन जरूर पहनें। रफल्ड या लेयर्ड लहंगारफल्ड या लेयर्ड लहंगा काफी फैशन में हैं।

लड़कियों को ये लहंगे बेहद पसंद आते हैं क्योंकि इस लहंगे में काफी घेर होती है। इस आउटफिट को खरीदते समय डार्क रंग के टाई-डाई या फीचर प्रिंट में जॉर्जेट का रफल्ड या लेयर्ड लहंगा चुनें। जॉर्जेट लहंगा पहनने में आप बहुत आरामदायक महसूस करेंगी। इसे ऑफ-शोल्डर ब्लाउज, ऑर्गेना या सिल्क से बने टेपर्ड फुल-स्लीव प्लीटेड ब्लाउज के साथ पेयर करें। यह लुक बेहद खूबसूरत लगता है। कुर्ती स्टाइल लहंगाआजकल कुर्ती स्टाइल लहंगे बहुत चलन में हैं और यह काफी आरामदायक और झंझट मुक्त लुक देते हैं।

सबसे अच्छी बात यह है कि आप छोटे प्रोग्राम में इन लहंगे की कुर्तियों को अलग से जींस, पलाजो या लेगिंग्स के साथ पेयर कर सकती हैं। इसके साथ कढ़ाई वाले दुपट्टे बेहद खूबसूरत लगते हैं। ये आउटफिट आपके ओवरऑल लुक को इंडो-वेस्टर्न लुक भी देता है, जो आपको भीड़ से अलग बनाता है।

एसिमेट्रिक लहंगाएसिमेट्रिक लहंगे में दो जोड़ होते हैं, जो यूनिक होने के साथ-साथ बेहद खूबसूरत भी दिखते हैं। इस लहंगे को खरीदते समय आप हल्के रंगों का चयन करें। इसके अलावा अगर आप इस लहंगे के साथ इंडो-वेस्टर्न लुक पाना चाहती हैं तो इसे कढ़ाई वाले कोल्ड-शोल्डर, हॉल्टरनेक या स्ट्रैप-स्टाइल ब्लाउज के साथ पेयर कर सकती हैं। इस आउटफिट के साथ चांदबाली इयररिंग्स और मांग टीका पहनें। यह आपके लुक में चार-चांद लगा देंगे।

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बालों के विकास के लिए जरूरी हैं ये पोषक तत्व, जानिए इनके स्त्रोत

28.11.2022 (एजेंसी) – शरीर की तरह आपको भी बालों के विकास के लिए कुछ आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। पोषक तत्व बालों के रोम को मजबूत करने, बालों के विकास को बढ़ावा देने और बालों के घनत्व में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। आइए आज हम आपको बालों के विकास के लिए जरूरी पांच पोषक तत्वों के बारे में बताते हैं, जिनसे युक्त खान-पान की चीजों को डाइट में शामिल करना लाभदायक है।

प्रोटीन और अमीनो एसिड

प्रोटीन और अमीनो एसिड बालों को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए इन पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट का हिस्सा जरूरी बनाएं। प्रोटीन के लिए मसूर दाल, राजमा, सोयाबीन, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, तिल के बीज, ब्राउन राइस और मूंगफली का सेवन करें। अमीनो एसिड के मुख्य स्त्रोत सूखे मेवे, टोफू और क्विनोआ आदि होते हैं।

ओमेगा-3 पीयूएफए

ओमेगा-3 पीयूएफए यानी पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड स्कैल्प की सूजन को कम करने और बालों के विकास चक्र में सुधार करने में मदद करते हैं। 2018 के एक अध्ययन में पाया गया कि ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें बालों के विकास चरण को सक्रिय करने और इन्हें स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं। बता दें कि सालमन, टूना, अलसी के बीज, जैतून का तेल, अखरोट और अंकुरित अनाज आदि ओमेगा-3 पीयूएफए के बेहतरीन स्त्रोत माने जाते हैं।

एंटी-ऑक्सीडेंट

एंटी-ऑक्सीडेंट स्कैल्प को सूजन, सूरज की हानिकारक युवी किरणों और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से सुरक्षित रखकर बालों को स्वस्थ रख सकता है। एंटी-ऑक्सीडेंट बालों के विकास को बढ़ावा देने और समय से पहले बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। इस पोषक तत्व के लिए आप अपनी डाइट में कद्दू, गाजर, चुकंदर, टमाटर, ब्रोकली, अंडे, संतरा, खरबूजा, तरबूज, अंगूर, सूखे मेवे, बीज और जैतून का तेल शामिल कर सकते हैं।

विटामिन्स

विटामिन- बी का ग्रुप बालों के विकास के लिए जरूरी है। एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन- बी7 बालों के झडऩे कम करने में मदद कर सकता है और इसके लिए गाय का दूध, जई, गेहूं के बीज, टमाटर आदि का सेवन करें। विटामिन- बी7 और विटामिन- बी12 स्वस्थ बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जो अनाज, बीन्स, पालक और आलू से मिल सकता है। इसके अतिरिक्त, विटामिन- बी5, बी1, बी2 और बी3 भी जरूरी हैं।

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सर्दियों में घूमने जा रहे हैं तो अपने साथ जरूर रखें ये चीजें

28.11.2022 – (agency)सर्दी के खूबसूरत मौसम में कहीं घूमने जाने का मजा ही कुछ और होता है। ठंडा मौसम, शानदार नजारे और बॉनफायर आदि के बीच आप खूबसूरत यादें बना सकते हैं। हालांकि, अगर सर्दियों में घूमने की तैयारी सही ढंग से नहीं होगी तो आप घूमने का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे। आइए आज हम आपको बताते हैं कि सर्दियों की छुट्टियों में घूमने जाने से पहले ट्रेवलिंग बैग में किन चीजों को रखना बहुत जरूरी है।

जैकेट और स्वेटर को जरूर रखें

अगर आप सर्दियों में घूमने जा रहे हैं तो अपने ट्रेवलिंग बेग में जैकेट और स्वेटर को जरूर रखें। ये दोनों ही चीजों को ठंड की मार से बचाकर शरीर को गर्माहट महसूस करवाने और कंफर्टेबल रखने में मदद कर सकती हैं। अगर आप किसी हिल स्टेशन जैसी ठंडी जगह पर घूमने जा रहे हैं तो आपको अपने ट्रेवलिंग बैग में मोटी आर्मी जैकेट और अधिक गर्मी देने वाले स्वेटर रखने चाहिए।

स्कार्फ और टोपी भी हैं जरूरी

अगर आप सर्दियों के दौरान किसी बहुत ठंडी जगह पर घूमने जा रहे हैं तो अपने ट्रेवलिंग बैग में स्कार्फ और टोपी को भी जरूर रखें। दरअसल, स्कार्फ की मदद से आपकी गर्दन ठंडी हवाओं के दुष्परिणामों से बच सकती है। वहीं, टोपी की मदद से सिर को ठंड से बचाया जा सकता है। इसलिए घूमने जाने से पहले अपने और अपने परिवार के लिए कुछ अच्छी ऊनी टोपी और रंगीन स्कार्फ खरीदना न भूलें।

जुराबों और दस्तानों की ट्रेवलिंग बैग में बनाए जगह

जब लोग सर्दियों के दौरान घूमने जा रहे होते हैं तो उससे पहले वे अपने ट्रेवलिंग बैग में कपड़े तो रख लेते हैं, लेकिन जुराबों और दस्तानों को रखना भूल जाते हैं, लेकिन ये चीजें भी बहुत जरूरी होती हैं। दरअसल, अगर पैर और हाथ पर ठंडी हवा लगेगी तो इससे आपका पूरा शरीर प्रभावित होगा और आप बीमार पड़ सकते हैं। अगर आप ऐसा कुछ नहीं चाहते हैं तो अपने ट्रेवलिंग बैग में जुराबें और दस्ताने रखना न भूलें।

ट्रेवलिंग बैग में इन चीजों को रखना भी है महत्वपूर्ण

अगर आप अधिक बर्फबारी वाली जगह पर घूमने जा रहे हैं तो अपने पास एक अच्छी गुणवत्ता वाले सनग्लासेस जरूर रखें क्योंकि बर्फ भी हानिकारक युवी किरणों को दर्शाती है। इसके साथ अपने पास फ्लू की दवा, दर्द निवारक स्प्रे और अन्य जरूरी दवाइयों को भी रखें। इसके अतिरिक्त, अपने पास एक गर्म पानी की बोतल या फिर चाय और कॉफी का मग रखना न भूलें क्योंकि इन चीजों की मदद से आपको ठंड से कुछ राहत मिलेगी।

पार्सले को डाइट में करें शामिल, मिलेंगे ये 5 प्रमुख फायदे

19.11.2022 – पार्सले एक तरह का हर्ब है, जो पत्तेदार धनिये की तरह दिखता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल विदेशी व्यंजनों में किया जाता है। यह हर्ब फाइबर, विटामिन- ए, विटामिन- सी, विटामिन- के, फोलिक एसिड, पोटेशियम, फ्लेवोनोइड्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और कैरोटेनॉयड्स नामक एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यही कारण है कि इस हर्ब को डाइट में शामिल करना लाभदायक हो सकता है। आइए आज हम आपको पार्सले का सेवन करने से मिलने वाले पांच प्रमुख फायदों के बारे में बताते हैं।

ब्लड शुगर को कर सकता है नियंत्रितअगर आपका ब्लड शुगर अक्सर हाई रहता है तो पार्सले का सेवन इसे नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। पार्सले में मिरिस्टिसिन नामक एक एंटी-ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा मौजूद होती है, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। यह इंसुलिन और सूजन को भी कम कर सकता है। इस आधार पर मधुमेह रोगियों के लिए अपनी डाइट में पार्सले को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।

कैंसर से सुरक्षित रखने में है सहायककई अध्ययनों के मुताबिक, पार्सले में मौजूद एंटी-कैंसर प्रभाव कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। इसके अतिरिक्त इसमें ल्यूटिन नामक पोषक तत्व पाया जाता है जो एक कारगर एंटी-ऑक्सीडेंट है। यह एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स को बेअसर कर स्तन कैंसर समेत कई तरह के कैंसर को पनपने से रोकने में मदद कर सकता है।

इसके लिए अपनी डाइट में पार्सले को शामिल करें। हृदय के लिए है लाभदायकपार्सले में कई ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर समेत हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके हृदय रोग से सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। कई अध्ययनों के अनुसार, पार्सले में फोलेट, विटामिन- ए और विटामिन- के होमोसिस्टीन के निर्माण को रोकता है। होमोसिस्टीन एक यौगिक है, जो धमनियों की परत को नुकसान पहुंचा सकता है और कई हृदय संबंधित समस्याओं की वजह बन सकता है।

पाचन के लिए है बढिय़ापार्सले का सेवन पाचन क्रिया के लिए भी लाभदायक हो सकता है। यह हर्ब पाचन और गैस्ट्रोएन्टराइटिस से जुड़े विकारों के इलाज में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें उच्च फाइबर मौजूद होता है। इसके अतिरिक्त यह पेट की ऐंठन, दर्द, दस्त, सूजन और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है।

यह स्वास्थ्यवर्धक हर्ब आंतों की मांसपेशियों को आराम देने में भी मदद कर सकती है, जिससे उचित पाचन को बढ़ावा मिलता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को दे सकती है बढ़ावापार्सले में मौजूद जरूरी विटामिन्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने में काफी मदद कर सकते हैं।

इसमें सेलेनियम और विटामिन- सी की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो टी-कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। यह विटामिन ऊर्जा मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ावा दे सकता है। इसके अलावा यह हर्ब वजन घटाने में भी सहायक साबित हो सकती है।

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सर्दियों के दौरान अपनाएं ये स्किन केयर टिप्स, नहीं होगी कोई परेशानी

19.11.2022 – सर्दियों के दौरान शरीर के तेल और पसीने की ग्रंथियां और रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिसके कारण त्वचा को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। हालांकि, अगर ठंड के मौसम में त्वचा की देखभाल सही तरीके से की जाए तो यह रूखेपन जैसी कई समस्याओं से सुरक्षित रह सकती है। आइए आज हम आपको पांच ऐसी स्किन केयर टिप्स देते हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी त्वचा को स्वस्थ और निखरी हुई बनाए रख सकते हैं।

गरम की जगह गुनगुने पानी का करें इस्तेमालकई लोग सर्दियों के दौरान ज्यादा गरम पानी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह त्वचा से नमी बनाए रखने वाले सुरक्षात्मक तेल को छीन लेता है। इसकी बजाय नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। यह आपकी त्वचा से गंदगी को हटाने के साथ-साथ त्वचा के प्राकृतिक तेलों को संतुलित रखने में मदद कर सकता है।

गुनगुने पानी से नहाने के बाद अपने पूरे शरीर पर मॉइस्चराइजर जरूर लगाएं। मॉइस्चराइजिंग क्लींजर का करें चयनठंडी हवा की वजह से त्वचा पर रूखापन आ जाता है। इस कारण सर्दियों में ऐसे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना सही है, जो त्वचा को मॉइस्चराइज करें। इसलिए इस मौसम में मॉइस्चराइजिंग क्लींजर और फेसवॉश का ही इस्तेमाल करें। इससे आपकी त्वचा हाइड्रेट रहेगी। अगर आपकी त्वचा रूखे प्रकार की है तो आपके लिए क्रीम फेस क्लींजर का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है।

त्वचा को हाइड्रेट रखने की करें कोशिशसर्दियों के दौरान त्वचा को अंदर से हाइड्रेट करने के लिए अपने स्किन केयर रूटीन में हायलूरोनिक एसिड और रेटिनॉल से युक्त प्रोडक्ट्स को शामिल करना लाभदायक हो सकता है। ऐसे प्रोडक्ट्स त्वचा की मरम्मत करने, त्वचा को हाइड्रेट, सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने और मॉइश्चराइज रखने में काफी मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त रोजाना ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं और होममेड फलों के जूस का सेवन करें। डाइट पर दें ध्यानसर्दियों में अपनी डाइट में मौसमी फल और सब्जियां जरूर शामिल करें।

स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, अंगूर, रसभरी या चेरी जैसे फलों का सेवन त्वचा को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ निखारने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त घर में बने व्यंजनों का सेवन करें और हाई शुगर, अधिक तले हुए खाद्य पदार्थ, मसालेदार चीजें और प्रोसेसड फूड खाने से बचें, क्योंकि ये खान-पान की चीजें त्वचा पर कई समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं।

एक्सरसाइज है जरूरीकई लोग सर्दियों के दौरान कंबल से बाहर निकलना ही पसंद करते हैं और एक्सरसाइज करना ही छोड़ देते हैं, लेकिन इससे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

सर्दियों में एक्सरसाइज करने से हृदय को बेहतर तरीके से पंप करने, गर्माहट महसूस कराने, ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने और त्वचा को निखारने जैसे कई फायदे मिल सकते हैं।

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सर्दियों में ट्राई करें ये 5 स्पा ट्रीटमेंट, शरीर को मिलेंगे कई लाभ

14.11.2022 – (एजेंसी) सर्दियों में चलने वाली ठंडी हवा त्वचा को रूखा और बेजान बना सकती हैं। इसलिए इस दौरान त्वचा की देखभाल पर अतिरिक्त ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए आप स्पा को अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं, जो सर्दियों में शरीर को आराम देने, गर्माहट का अहसास कराने समेत त्वचा को कई लाभ दे सकते हैं।

सर्दियों में आप हॉट चॉकलेट मसाज से लेकर बटर हेड मसाज तक, स्पा ट्रीटमेंट आजमाए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।हॉट चॉकलेट मसाजसर्दियों के लिए यह सबसे अच्छे स्पा ट्रीटमेंट में से एक, हॉट चॉकलेट मसाज आपके शरीर को मॉइस्चराइज करने के साथ-साथ आराम का अहसास दिला सकती है। इस मसाज के लिए मैक्सिकन हर्बल कंप्रेस को चॉकलेट के साथ मिलाया जाता है। यह शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-एजिंग और एंटी-सेल्युलाईट गुणों से भरपूर होती है, जो शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को सुधारकर त्वचा को एक प्राकृतिक चमक दे सकती है।

अभ्यंग थेरेपीयह एक बेहतरीन आयुर्वेदिक मसाज थेरेपी है, जिसे अपनाकर आपकी त्वचा मॉइस्चराइज और चमकदार बन सकती है। साथी ही सर्दियों के दौरान कई तरह के संक्रमणों से बचाव भी कर सकती है। इस थेरेपी में शरीर की मालिश करने के लिए विभिन्न एसेंशियल ऑयल या जड़ी-बूटियों से युक्त आयुर्वेदिक तेलों का उपयोग किया जाता है। यह स्पा ट्रीटमेंट जोड़ों में ग्रीस बढ़ाने समेत मांसपेशियों की जकडऩ को शांत कर सकता है।

बटर हेड मसाजअगर आप सर्दियों के दौरान अपने बालों को चमकदार, मुलायम और स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको बटर हेड मसाज जरूर ट्राई करनी चाहिए। मक्खन में प्राकृतिक तेल होते हैं, जो सिर की खोई हुई नमी को ठीक करने और इसके श्च॥ स्तर को संतुलित करने में मददगार हो सकते हैं। इसके लिए अपने स्कैल्प पर थोड़ा मक्खन लगाकर मसाज करें और अपने सिर को शॉवर कैप से ढक लें। 30 मिनट बाद माइल्ड शैंपू से सिर को धो लें।

शुद्धि स्पाइस बाथयह सबसे आकर्षक आयुर्वेदिक स्पा में से एक है, जो शरीर को आराम, शांत करने और गर्माहट का अहसास दिला सकता है। इस स्पा के लिए विभिन्न पारंपरिक मसालों जैसे दालचीनी और इलायची के साथ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जा सकता है। यह त्वचा के रोमछिद्रों को साफ करके एक प्राकृतिक चमक दे सकता है लेकिन यह स्पा ट्रीटमेंट थोड़ा महंगा होता है।

पिझिचिलयह एक आदर्श स्पा ट्रीटमेंट है, जिसके लिए एसेंशियल ऑयल का उपयोग किया जाता है। आप इस स्पा थेरेपी को घर पर ही सही दो-तीन तेलों को मिलाकर और सही तापमान पर गर्म करके अपने शरीर की मालिश कर सकते हैं। यह ट्रीटमेंट मांसपेशियों और जोड़ों की अकडऩ से राहत दिलाने में मदद कर सकता है और त्वचा की अशुद्धियों को दूर करके इसे कोमल और चमकदार बना सकता है।

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