सोनपुर रेल मंडल में 05 मार्च को राजीव प्रताप रुडी की बैठक

Rajiv Pratap Rudy's meeting in Sonpur Railway Division on 05 March

छपरा, 03 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। सारण सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री  राजीव प्रताप रुडी, बुधवार को पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर मंडल संसदीय समिति की बैठक में सम्मिलित होंगे। सामुदायिक भवन, सोनपुर में आयोजित इस बैठक में सोनपुर मंडल के क्षेत्राधिकार में आने वाले 10 लोकसभा सांसदों और 1 राज्यसभा सांसद को आमंत्रित किया गया है।

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य रेलवे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और रेल यात्रियों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए सुझावों पर चर्चा करना है। इस बैठक में हाजीपुर के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री श्री चिराग पासवान, केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री श्री नित्यानंद राय, केंद्रीय मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर, केंद्रीय मंत्री श्री राज भूषण चौधरी, सांसद श्रीमती वीणा देवी, श्री राजेश वर्मा, श्री अजय कुमार मंडल, श्री तारिक अनवर और श्रीमती शाम्भवी चौधरी समेत अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।

इस संदर्भ में सांसद श्री रुडी ने बताया कि बैठक के कुछ प्रमुख एजेंडे में वर्तमान रेलवे परियोजनाओं की समीक्षा और लंबित कार्यों की स्थिति पर चर्चा, अमृत भारत ट्रेन और अन्य महत्वपूर्ण रेल योजनाओं की प्रगति का आकलन, नए रेलवे ओवरब्रिज (ROB) और अंडरपास (LHS) के निर्माण पर विचार-विमर्श, सोनपुर, दिघवारा और छपरा में नई ट्रेनों के ठहराव को लेकर निर्णय और रेलवे स्टेशनों की सफाई और यात्री सुविधाओं को लेकर विशेष चर्चा होगी।

सांसद  राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि सोनपुर मंडल का रेलवे इतिहास बहुत पुराना और गौरवशाली रहा है। एक समय पर सोनपुर देश का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म वाला रेलवे स्टेशन हुआ करता था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में रेलवे को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं, जिससे परियोजनाओं की गति तेज हुई है और यात्री सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है।

बैठक में सोनपुर मंडल के महाप्रबंधक, विभिन्न विभागाध्यक्षों और सांसदों के बीच रेलवे विकास कार्यों और यात्री सुविधाओं के विस्तार पर गहन विचार-विमर्श होगा। सांसद श्री रुडी ने आम जनता और रेलवे यात्रियों से आग्रह किया कि वे रेल सुविधा से जुड़े अपने सुझाव और समस्याओं को लिखित रूप में सांसद कार्यालय में भेजें, ताकि उन्हें बैठक में उठाया जा सके।

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प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का पहला साहित्य महोत्सव और पुस्तक मेला संपन्न

Press Club of India's first literary festival and book fair concluded

2026 में और बड़े आयोजन का वादा

10 लाख की पुस्तक बिक्री, 12 विमोचन और 18 प्रकाशकों की भागीदारी बनीं मुख्य आकर्षण

नई दिल्ली, 03 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ( पीसीआई) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय साहित्य महोत्सव और पुस्तक मेला 29 फरवरी से 2 मार्च तक चला और उम्मीदों से कहीं ज्यादा सफल रहा। इस ऐतिहासिक आयोजन ने 18 से अधिक प्रकाशकों, साहित्य प्रेमियों और पुस्तक विक्रेताओं को एक मंच पर लाकर पत्रकारिता और साहित्य के गहरे संबंधों को उजागर किया। महोत्सव में प्रेस की स्वतंत्रता, खोजी पत्रकारिता और साहित्य के समाज पर प्रभाव जैसे अहम विषयों पर गहन चर्चा हुई।

विभिन्न सत्रों, पुस्तक विमोचनों और इंटरैक्टिव वर्कशॉप के माध्यम से मीडिया और साहित्य से जुड़े मुद्दों को विस्तार से समझने और समझाने का मौका मिला। पीसीआई के अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी ने इस सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह पहला आयोजन हमारी उम्मीदों से कहीं बढ़कर रहा। इस मंच पर हुई चर्चाओं ने पत्रकारिता और साहित्य के बीच गहरे रिश्ते को और मजबूत किया है। हम अगले साल इसे और बड़े स्तर पर लाने के लिए तैयार हैं। इस महोत्सव की सबसे खास उपलब्धि ₹10 लाख की किताबों की बिक्री रही और में 18 प्रमुख प्रकाशकों की भागीदारी भी देखने को मिली।

साथ ही, जय सिंह, रोहिणी सिंह और मसोम मुरादाबादी सहित कई चर्चित लेखकों की 12 नई किताबों का विमोचन हुआ। पीसीआई के महासचिव नीरज ठाकुर ने कहा कि “हम लोगों की जबरदस्त भागीदारी से बेहद उत्साहित हैं। जो शुरुआत पत्रकारिता और साहित्य के उत्सव के रूप में हुई थी, वह अब एक बड़ा सांस्कृतिक आयोजन बन चुका है। हम इसे और समावेशी और भव्य बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। वहीं पीसीआई के सचिव जितेंद्र सिंह ने कहा है, “यह सिर्फ एक पुस्तक मेला नहीं था, बल्कि विचारों और बहस का एक महत्वपूर्ण मंच भी था।

पत्रकारिता और साहित्य की भूमिका पर हुई चर्चाएं बेहद सार्थक रही हैं। अब इसे हर साल आयोजित करने का हमारा संकल्प और भी मजबूत हो गया है। पीसीआई की उपाध्यक्ष संगीता बड़ोआ पिशारोती ने धन्यवाद ज्ञापन में सभी प्रकाशकों, पुस्तक विक्रेताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि आने वाले वर्षों में यह महोत्सव और व्यापक और समृद्ध रूप में आयोजित किया जाएगा।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के सदस्य मनोज शर्मा ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “यह एक बेहतरीन पहल थी! मैं अपनी बेटियों के साथ यहां आया था, और उन्होंने पांच किताबें खरीदीं। इस तरह के आयोजनों से न सिर्फ किताबों के प्रति रुचि बढ़ती है, बल्कि समाज में पढ़ने-लिखने की संस्कृति भी मजबूत होती है। हम अगले साल के आयोजन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

इस सफलता के बाद, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने घोषणा की कि यह साहित्य महोत्सव अब हर साल आयोजित किया जाएगा। 2026 में इसे और भी बड़े पैमाने पर, अधिक भागीदारी और व्यापक प्रतिनिधित्व के साथ प्रस्तुत करने की योजना बनाई गई है।

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दिल्ली विधानसभा में : तू है कौन.. चुप हो जा; तू गुंडा है… बैठ जा

दिल्ली विधानसभा में बीजेपी और आप विधायक हुए आमने सामने

नई दिल्ली ,03 मार्च(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में भाजपा विधायक कुलवंत सिंह राणा और आम आदमी पार्टी के विधायक आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को अपनी कुर्सी से उठकर दोनों पक्षों को शांत कराना पड़ा।

सदन के अंदर भाषा की मर्यादा भी टूटती दिखी। कुलवंत सिंह ने कहा कि तू है कौनज् चुप हो जा.. कल का आया बच्चा मुझे सिखाएगा। स्पीकर के बार-बार अनुरोध करने के बाद मामला शांत हुआ। दरअसल, सत्र की शुरुआत में रिठाला विधायक कुलवंत सिंह राणा खड़े हुए। कुलवंत सिंह के वक्तव्य के बीच में आम आदमी पार्टी की तरफ से किसी ने टिप्पणी की।

कुलवंत सिंह ने नाराज होकर कहा कि हूं मत करनाज् हां ये हूं नहीं चलेगा। तुम लोगों की चोरी पकड़ी गई है, तुम लोग चोरी से आए हो। इसके थोड़ी ही देर बाद आम आदमी पार्टी की तरफ के किसी विधायक ने फिर टिप्पणी की। इसपर रिठाला विधायक कुलवंत सिंह राणा और नाराज हो गए। उन्होंने सीधे आप विधायकों की तरफ आंखें दिखाते हुए कहा कि तेरी हूं करने की हिम्मत कैसे हुई?

तू गुंडा हैज् बैठ जा, तू हमें समझाएगा.. कल का बच्चा समझाएगा। कम बोला करज् तुझे बता रहा हूं। इस बीच स्पीकर विजेंद्र गुप्ता दोनों पक्षों को शांत कराते रहे। स्पीकर ने दोनों को बैठने को भी कहा, लेकिन मामला शांत होता नहीं दिखा।

आप विधायक संजीव झा ने कुलवंत सिंह का विरोध करते हुए उनसे भिड़ गए। इसपर कुलवंत सिंह का पारा और चढ़ गया। उन्होंने भरे सदन में संजीव झा को महाचोर बोल दिया।

कुछ मिनटों तक कुलवंत सिंह राणा और संजीव झा के बीच भी तीखी नोकझोंक देखने को मिली। जिसके बाद स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को अपनी कुर्सी से उठकर दोनों को शांत कराना पड़ा।

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वक्फ संशोधन बिल का विरोध करने वाले मुसलमानों के दुश्मन – ओपी राजभर

वाराणसी 02 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने वक्फ बिल में किए गए संशोधन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि जो मुसलमान समाज के मजबूत सदस्य हैं, वह कमजोर मुसलमानों को वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा नहीं करने देते। यह स्थिति समाज में असंतोष और छटपटाहट का कारण बन रही है।

राजभर ने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा यह है कि गरीब मुसलमानों, विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को वक्फ बोर्ड की जमीनों का लाभ मिल सके, जो पहले कुछ ताकतवर लोग ही अपने हाथ में रखते थे।

वक्फ संशोधन बिल को लेकर जारी विरोध के बारे में पूछे जाने पर राजभर ने कहा कि विरोध करने वाले लोग खुद मुसलमानों के दुश्मन हैं। जो लोग वक्फ बोर्ड की जमीनों पर कब्जा करते हैं और उसे बेचकर धन उगाहते हैं, वही लोग इस संशोधन का विरोध कर रहे हैं।

अगर गरीब मुसलमानों को वक्फ बोर्ड की जमीन का लाभ मिलता है, तो इसमें बुरा क्या है? सरकार का प्रयास है कि इन जमीनों का सही तरीके से वितरण किया जाए और इससे समाज के वंचित वर्ग को लाभ हो।

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल किए जाने पर राजभर ने कहा कि उनकी पार्टी 29 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और इसके लिए पार्टी ने जमीनी स्तर पर संगठन खड़ा किया है। उनकी पार्टी ने इन सीटों पर बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत किया है।

हिमाचल सरकार की ओर से मठ-मंदिरों से मदद मांगने को लेकर सवाल किए जाने पर राजभर ने कहा कि आपदा के समय सभी क्षेत्रों से मदद होनी चाहिए। हर किसी को अपनी भूमिका निभानी चाहिए और मदद करने के लिए किसी विशेष क्षेत्र या धर्म का पक्ष नहीं लेना चाहिए।

विपक्ष के महाकुंभ के आंकड़ों पर सवालों को लेकर ओपी राजभर ने कहा कि विपक्ष का काम सवाल करना है, जबकि सरकार का काम अपनी योजनाओं और कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू करना है। उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को काम करने का मौका दिया जाना चाहिए।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सीएजी रिपोर्ट पर सवाल उठाए जाने पर राजभर ने कहा कि जब जांच की रिपोर्ट आएगी, तो जो दोषी होंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस पर कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को सजा दी जाएगी।

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मायावती ने आकाश आनंद को सभी पदों से हटाया

बोलीं-मेरे जिंदा रहने तक कोई नहीं होगा उत्तराधिकारी

लखनऊ ,02 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद की नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सारे पदों से छुट्टी कर दी है। इसके अलावा उन्होंने घोषणा की कि उनके जीते जी कोई पार्टी का उत्तराधिकारी नहीं होगा।

मायावती ने रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश सहित आल इंडिया के सभी छोटे-बड़े पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को सभी पद से हटा दिया है। अब आनंद कुमार और रामजी गौतम को पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। साथ ही दोनों के कार्यों का बंटवारा कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि कांशीराम के पदचिन्हों पर चलकर ही अशोक सिद्धार्थ को, जो आकाश आनंद के ससुर भी हैं, अब पार्टी मूवमेंट के हित में पार्टी से निकालकर बाहर किया गया है। जिन्होंने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में पार्टी को गुटों में बांटकर इसे कमजोर करने का काम किया। जहां तक इस मामले में आकाश आनंद का सवाल है, तो आपको ज्ञात है कि अशोक सिद्धार्थ की लड़की के साथ इनकी शादी हुई है और अब अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने के बाद उस लड़की पर अपने पिता का कितना प्रभाव पड़ता है।

आकाश पर भी उसकी लड़की का कितना प्रभाव पड़ता है, तो यह सब भी अब हमें काफी गंभीरता से देखना होगा, जो अभी तक कतई भी सकारात्मक नहीं लग रहा है। मायावती ने कहा कि ऐसे में पार्टी के हित में आकाश आनंद को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया है, जिसके लिए पार्टी नहीं बल्कि पूर्ण रूप से इनके ससुर अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेदार हैं। जिन्होंने आकाश आनंद के राजनीतिक करियर को भी खराब कर दिया है। अब इसके स्थान पर पूर्व की तरह ही आनंद कुमार ही पार्टी का सभी कार्य करते रहेंगे।

मायावती ने बताया कि आनंद कुमार, जो पार्टी में पिछले काफी वर्षों से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं, यह मेरी गैर-हाजिरी में और मेरे दिशा-निर्देशन में पार्टी का पूरा पेपर-वर्क, खासकर पार्टी का इनकम टैक्स एवं कोर्ट-कचहरी आदि से संबंधित तथा पूरे देश में चुनाव के दौरान मेरे चुनावी दौरे आदि का भी पूरा प्रबंधन का कार्य देखते रहेंगे।

अब यह दिल्ली में पार्टी का सभी जरूरी कार्य देखने के साथ-साथ पूरे देश में पार्टी के लोगों से अपना पूरा संपर्क भी बनाकर रखते हैं, जिसकी पूरी जानकारी समय-समय पर यह मुझे देते हैं। इसलिए वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अब इन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए रखने के साथ-साथ पार्टी में इन्हें पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर भी बना दिया गया है।

अब पार्टी ने दूसरा नेशनल कोऑर्डिनेटर रामजी गौतम को नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि आनंद कुमार के बारे में मैं यह भी अवगत कराना चाहती हूं कि वर्तमान में बदले हुए हालात में, पार्टी और मूवमेंट के हित में अब इन्होंने अपने बच्चों का रिश्ता भी गैर-राजनैतिक परिवार के साथ ही जोडऩे का फैसला लिया है ताकि अशोक सिद्धार्थ की तरह अब आगे कभी भी अपनी पार्टी को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान आदि न हो सके।

मायावती ने कहा कि अब मैंने यह फैसला लिया है कि मेरे जीते जी और मेरे आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। जिस फैसले का पार्टी के लोगों ने दिल से स्वागत किया। मायावती ने अपनी उस बात को आज फिर से दोहराया है कि मेरे लिए पार्टी और मूवमेंट पहले है। भाई-बहन और उनके बच्चे तथा अन्य रिश्ते-नाते आदि सभी बाद में हैं।

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मिस मिसेज इंडिया एंड नारी शक्ति सम्मान समारोह का आयोजन 15 मार्च को……..!

02.03.2025 – केसीएफ फाउंडेशन के बैनर तले बॉलीवुड के मशहूर निर्माता निर्देशक डॉ कृष्णा चौहान द्वारा मिस मिसेज इंडिया एंड नारी शक्ति सम्मान समारोह 2025 (सीज़न 4) का आयोजन मुम्बई के मेयर हॉल में 15 मार्च को किया जाएगा।

इस सम्मान समारोह के ज्यूरी सदस्यों में डॉ दीपा नारायण झा, सिंगर ऋतु पाठक, पब्लिसिटी डिज़ाइनर आर राजपाल और फ़ैशन डिज़ाइनर भारती छाबड़िया हैं। इसका नॉमिनेशन जारी है। इस कार्यक्रम में बॉलीवुड के नामचीन अभिनेता, अभिनेत्री, निर्देशक, संगीतकार एवं समाज सेवा के क्षेत्र में एक्टिव शख्सियतों की उपस्थिति में चुने गए प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया जाएगा जो नारी शक्ति का जीता जागता उदाहरण हैं।

गोरखपुर (यूपी) के मूल निवासी डॉ कृष्णा चौहान पिछले 23 वर्षों से बॉलीवुड में सक्रिय हैं। इन्होंने अपना फिल्मी सफर बतौर सहयक निर्देशक शुरू किया था। इन्होंने कई एड फिल्म्स, म्यूजिक वीडियो का निर्माण किया है।

समाज सेवा के क्षेत्र में एक्टिव रहते हुए डॉ कृष्णा चौहान प्रत्येक वर्ष मुंबई में आधा दर्जन से अधिक पुरूस्कार समारोहों का आयोजन करते हैं जिसमें प्रतिष्ठित समाजसेवकों सहित उद्योगपति, डॉक्टर, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, वकील, पत्रकार एवं बॉलीवुड से जुड़े कलाकार, टेक्नीशियन को भी सम्मानित किया जाता है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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छत्तीसगढ़ में विदेशी शराब होगी सस्ती, कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला

नई दिल्ली , 02 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में एक अहम फैसला लिया गया। अब विदेशी शराब पर लगने वाला 9.5% अतिरिक्त आबकारी शुल्क खत्म कर दिया गया है। इससे मीडियम और महंगी रेंज की विदेशी शराब की कीमतें घटेंगी।

माना जा रहा है कि इससे शराब की कीमतें 40 रुपये से 3000 रुपये तक कम हो सकती हैं।इस फैसले से दो बड़े फायदे होंगे—पहला, छत्तीसगढ़ में विदेशी शराब अब सस्ती मिलेगी, जिससे लोगों को अधिक कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी। दूसरा, दूसरे राज्यों से होने वाली शराब की तस्करी (स्मगलिंग) पर रोक लगेगी।

सरकार का मानना है कि जब शराब की कीमतें समान होंगी, तो अवैध रूप से शराब लाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इससे राज्य के राजस्व को भी फायदा होगा और बाजार में संतुलन बना रहेगा।

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ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना करेगी योगी सरकार

लखनऊ ,02 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। योगी सरकार ने प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा के संसाधन उपलब्ध कराने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को योजना के तहत पहले चरण में प्रदेश की 22,700 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

इसके बाद प्रदेश की हर ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को आधुनिक शिक्षा संसाधन और डिजिटल युग के अनुरूप शैक्षिक प्रगति को सुनिश्चित करना है।

बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समय के साथ शिक्षा क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण बच्चों को डिजिटल शिक्षा से जोडऩा और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। इसके लिए ग्रामीण छात्रों तक ई-बुक्स, डिजिटल कंटेंट और अन्य शैक्षिक संसाधनों की पहुंच आसान बनानी होगी।

इसमें ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी अपनी अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाए, जहां बच्चों को किताबें, प्रश्नोत्तरी, वीडियो, ऑडियो लेक्चर तथा अन्य डिजिटल संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। इससे बच्चों में सीखने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी बनेगी।

सीएम ने लाइब्रेरी के संचालन और प्रबंधन की जि़म्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपने के निर्देश दिए। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप हर ग्राम पंचायत में डिजिटल लाइब्रेरी की देखरेख ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा की जाएगी। वहीं पंचायत स्तर पर सहायक अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी, जो लाइब्रेरी के रखरखाव, उपयोग और सुचारू संचालन की निगरानी करेंगे।

योगी सरकार 4 लाख रुपये प्रति डिजिटल लाइब्रेरी पर खर्च करेगी। इसके तहत 2 लाख रुपये डिजिटल उपकरणों (कंप्यूटर, प्रिंटर, इंटरनेट सुविधा आदि) की खरीद और 2 लाख रुपये डिजिटल तथा हार्डकॉपी किताबों की खरीद पर खर्च किए जा सकेंगे।

लाइब्रेरी में बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के साथ विविध विषयों पर ई-बुक्स और अन्य डिजिटल अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान के लिए अत्याधुनिक ऑडियो-विजुअल टूल्स भी मुहैया कराए जाएंगे। उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई और रिसर्च कार्यों के लिए इंटरनेट की सुविधा भी दी जाएगी।

डिजिटल लाइब्रेरी में एक सुव्यवस्थित मैनेजमेंट सिस्टम होगा, जिससे छात्र अपनी पसंदीदा किताबों और अध्ययन सामग्री को आसानी से एक्सेस कर सकें।

योगी सरकार का मानना है कि डिजिटल लाइब्रेरी से ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों की डिजिटल साक्षरता बढ़ेगी। यह योजना विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिसमें शिक्षा के डिजिटलीकरण को प्राथमिकता दी गई है।

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नीतीश ओल्ड मॉडल हो चुके, बिहार को अब न्यू मॉडल चाहिए : तेजस्वी यादव

पटना ,02 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि बिहार अब विकास चाहता है। बिहार के लोग बिहार को विकसित देखना चाहते हैं। बिहार में सरकार नाम की चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब ओल्ड मॉडल हो चुके हैं और बिहार को अब न्यू मॉडल चाहिए।

दरअसल, सोमवार को बिहार विधानसभा में 2025-26 का बजट पेश होना है, इससे पहले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 20 साल बिहार में एनडीए की सरकार है, इसके बाद डबल इंजन की सरकार भी रही, लेकिन आज भी बिहार प्रति व्यक्ति आय, किसानों की आय, निवेश में सबसे पीछे है।

उन्होंने कहा, नीतीश कुमार का यह आखिरी बजट होगा। उससे पहले बजट में कल आप महिलाओं के लिए कुछ अच्छा ऐलान कर दीजिए। भले ही मेरी योजना को कॉपी कर लीजिए, लेकिन महिलाओं को 2500 रुपए हर महीने दीजिए। बजट में प्रति महीना 200 यूनिट बिजली मुफ्त कर दीजिए, क्योंकि स्मार्ट मीटर से बिहार के लोग परेशान हैं। बिहार की महिलाएं महंगाई से परेशान हैं, गैस सिलेंडर 500 रुपये में उपलब्ध कराइए।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा जातीय गणना के दौरान 94 लाख ऐसे लोगों की पहचान की गई है जिनकी आय 6,000 रुपये से कम है। उन्हें दो लाख रुपये देकर आर्थिक न्याय देने की बात कही गई थी। इस बजट में उसका प्रावधान कर दिया जाए। उन्होंने जातीय गणना में आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने की चर्चा करते हुए कहा कि यह मामला तो सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सरकार अगर चाहे तो आरक्षण को लेकर एक अलग से प्रस्ताव ला सकती है। हम लोग समर्थन देकर पास करा देंगे।

भाजपा को आरक्षण चोर पार्टी बताते हुए उन्होंने कहा कि वो ऐसा नहीं देंगी। राजद नेता ने कहा कि हम लोग जुमलेबाजी करने वाले लोग नहीं हैं, जो कहते हैं, करके दिखाते हैं। आगे भी बिहार की यात्रा पर निकलेंगे और लोगों से मिलेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा पर तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, जितनी बार बिहार आना है आप आइए। कोई दिक्कत नहीं है। 365 दिन मखाना खाइए, इससे भी दिक्कत नहीं है। आप सत्तू घोलकर पीजिए। अगर नहीं आता है तो मेरे पिता लालू यादव आपको सिखा देंगे। मैं 75 साल का नहीं हूं, जुमलेबाजी नहीं करूंगा। मेरी उम्र 36 साल है। जो कहूंगा, करके दिखाऊंगा।

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि उन्हें लंबी राजनीति करनी है, इस कारण वे झूठ नहीं बोलेंगे। उनकी उम्र कच्ची है लेकिन वचन पक्की है।

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रुडी के प्रयास से 4 करोड़ 55 लाख राशि बांध कटाव मरमती के लिए मिले

भाजपा नेता राकेश सिंह को ग्रामीणों ने फूल माला पहना कर  स्वागत किया

सोनपुर, 28 फरवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। सोनपुर प्रखंड के सबलपुर पछमी टोला मे सांसद राजीव प्रताप रूडी के प्रयास से सबलपुर बलि टोला से पछियारी टोला तक के बांध कटाव मरमती का कार्य का चार करोड़ 55 लाख की लागत से कार्य होगा जिसकी स्वीकृति मिलने पर दियारा छेत्र मे खुशी का माहौल है.

स्वीकृति मिलने पर आज सबलपुर नया टोला पहुंचने पर प्रदेश कार्य समिति सदस्य सह सांसद प्रतिनिधि राकेश सिंह और मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा को ग्रामीणों द्वारा अंग वस्त्र और फुल माला से जोरदार स्वागत किया गया और इस अवसर पर प्रदेश कार्य समिति सदस्य सह सांसद प्रतिनिधि राकेश सिंह ने कहा की यह कार्य हो जाने से दियारा छेत्र के लोगो को बाढ़ से राहत मिलेगा. आम जीवन मे लाभ मिलेगा.

इस अवसर पर असरफी पासवान नारायण पासवान ललित पासवान चंदन शर्मा बिरजू पासवान शनि कुमार राय पूर्व सरपंच दिलीप शर्मा ललित शर्मा सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे ग्रामीणों ने इस कार्य के लिए सांसद राजीव प्रताप रूडी पूर्व जल संसाधन मंत्री संजय झा जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी को धन्यवाद दिया।

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प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक नई पहल

तीन दिवसीय साहित्यिक उत्सव और पुस्तक मेले का आयोजन का हुआ आरम्भ

नई दिल्ली, 28 फरवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक नई पहल के तहत तीन दिनों के साहित्यिक उत्सव और पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। पहले दिन कई पत्रकारों और वरिष्ठ लेखकों की किताबें लॉन्च हुई साथ ही पत्रकारिता से जुड़े कई ज़रूरी मुद्दों पर चर्चा भी हुई। इसमें क़रीब 80 प्रकाशकों और बुक स्टोर ने हिस्सा लिया जिसमें राजकमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, NBT, दिल्ली प्रेस, मिडलैंड जैसे प्रकाशक और बुक स्टोर शामिल रहे।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि ये आयोजन पत्रकार और किताब लेखन के गहरे रिश्ते को आगे बढ़ाने की कोशिश है और पत्रकारों के लिए एक मौका है उनकी मीडिया रिपोर्ट्स के अलावा उनके लेखन को सबके सामने रखने की। लाहिड़ी ने कहा कि इस आयोजन का मकसद ये भी ज़ाहिर करना है कि ये महज़ एक क्लब नहीं बल्कि एक इंस्टीट्यूशन है।

प्रेस क्लब के महासचिव नीरज ठाकुर ने सभी के सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि प्रेस कल्ब में पेट की भूख तो मिटती रही है अब आपके ज्ञान की भूख भी मिटेगी और ऐसे आयोजन आगे भी होंते रहेंगे। पहले सेशन में फ्री प्रेस की चुनौतियों पर चर्चा हुई जिसमें हरतोष सिंह बल, उर्मिलेश, विनोद शर्मा परंजय गुहा ठाकुरता, आशुतोष भारद्वाज, प्रज्ञा सिंह जैसे वरिष्ठ पत्रकारों ने हिस्सा लिया।

पत्रकार संगीता बरुआ ने इस सेशन का संचालन किया जिसमें विनोद शर्मा ने कहा कि मीडिया की आज़ादी के लिए और पेशेवर ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए पत्रकारों को साथ मिलकर एक नया प्लेटफॉर्म बनाना चाहिए। हरतोष सिंह बल ने रिपोर्टिंग के मानकों में गिरावट की ज़िममेदारी न लेते हुए विविधता लाने में विफल रहने वाले न्यूज़ रूम की दोहरी चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

उर्मिलेश ने ऐसे माहौल में सामाचार रिपोर्टिंग की दीर्घकालिक चुनौती पर कहा कि राज्य का हस्तक्षेप एक स्थाई और बढ़ती हुई चिंता है। परंजॉय गुहा ठाकुरता ने मीडिया में बढ़ती उस भावना की बात की जब राज्य को आलोचना का एहसास होता है तो वो प्रतिशोधी हो सकता है जिससे ऐसा माहौल बनता है जहां मीडिया के लिए तथ्यों को रिपोर्ट करना मुश्किल हो रहा है। आशुतोष भारद्वाज ने हिंदी भाषा की रिपोर्टिंग में चुनौतियों की बात करते हुए कहा कि कई डिजिटल प्लेटफॉर्मों की ख़बरों में मूल रिपोर्टिंग की कमी है।

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शम्स दुर्रानी के निर्देशन में बन रही संथाली फिल्म ‘बहा जानम’ में नजर आएंगे अभिनेता बृज गोपाल

28.01.2025 – लगभग 400 फिल्मों में काम कर चुके बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता बृज गोपाल, शम्स दुर्रानी के निर्देशन में बन रही संथाली फिल्म ‘बहा जानम’ में अपने अभिनय का जलवा बिखेरते नजर आएंगे।

‘बहा जनम’ का हिंदी में अर्थ फूल कांटे होता है।पिछले दिनों रांची (झारखंड ) स्थित होटल आर्ची रीजेंसी में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान निर्देशक शम्स दुर्रानी ने इस बात की जानकारी बॉलीवुड फिल्म निर्माता पिंटू दुर्रानी की उपस्थिति में दी। पीडी एंटरटेनमेंट और एमटी फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले संथाली भाषा में बन रही फिल्म ‘बहा जानम’ के निर्माता टिटुल मंडल एवं मोहिनी कुमारी हैं।

फिल्म के लेखक तनवीर दुर्रानी एवं कार्यकारी निर्माता अजय कुमार हैं। इस फिल्म के प्रमुख कलाकारों में सुमित कुमार, सौम्या सिन्हा, यथार्थ सिन्हा, ए जे नंदिता मंडल, सुमोना मंडल, टिटुल मंडल, सोमा मंडल, अजय सिन्हा, मोहिनी कुमारी, आज़म अहमद तथा असद खान (टाइगर) के नाम उल्लेखनीय हैं। संथाली भाषा में बन रही इस फिल्म में झारखंड, बिहार एवं उड़ीसा के कलाकारों को प्राथमिकता दी गई है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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भारत-ईयू साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल की यात्रा : पीएम मोदी

नई दिल्ली  28 Feb, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष और कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की भारत यात्रा को ‘अभूतपूर्व’ बताया। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि यह यात्रा भारत-यूरोपीय संघ की बहुआयामी साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में हैदराबाद हाउस में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “यह न केवल यूरोपीय आयोग की भारत की पहली यात्रा है, बल्कि यह किसी एक देश में यूरोपीय आयोग की पहली व्यापक भागीदारी भी है। इसके अलावा, यह आयोग की अपने नए कार्यकाल की पहली यात्राओं में से एक है।”

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष, ईयू कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स के साथ, प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर दो दिवसीय भारत यात्रा पर गुरुवार दोपहर नई दिल्ली पहुंची थी।

यह ईयू कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की पहली भारत यात्रा है। साथ ही दिसंबर 2024 में कार्यभार संभालने वाले नए कमिश्नर्स की यूरोप के बाहर पहली यात्रा है।

पीएम मोदी ने कहा, “निवेश संरक्षण और जीआई (भौगोलिक संकेत) समझौते सहित निवेश ढांचे को मजबूत करने पर चर्चा हुई। हमने टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में एक विश्वसनीय और मजबूत निवेश ढांचे पर जोर दिया। हमारी साझा प्रतिबद्धता में सेमीकंडक्टर, एआई और हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सहयोग शामिल है।

दोनों पक्षों के बीच भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर भी व्यापक चर्चा हुई। इसकी घोषणा सितंबर 2023 में भारत में आयोजित जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी।

आईएमईसी में दो अलग-अलग गलियारे शामिल हैं – [भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ने वाला पूर्वी गलियारा और खाड़ी को यूरोप से जोड़ने वाला उत्तरी गलियारा]। इसका उद्देश्य दक्षता बढ़ाना, लागत कम करना, क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करना, व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाना, रोजगार पैदा करना, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि आईएमईसी वैश्विक वाणिज्य, सतत विकास और समृद्धि के लिए एक प्रेरक शक्ति के रूप में काम करेगा। रक्षा और सुरक्षा मामलों पर हमारा बढ़ता सहयोग आपसी विश्वास को दर्शाता है। हम साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी सहयोग को मजबूत करेंगे।”

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शेयर बाज़ार की गिरावट पर बोले अखिलेश यादव : निवेशक कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

लखनऊ 28 Feb, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । भारतीय शेयर बाजार के लिए शुक्रवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा। बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,414.33 अंक या 1.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,198 और निफ्टी 420.35 अंक या 1.86 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,124 पर था।

शेयर बाज़ार की गिरावट पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला। अखिलेश यादव ने कहा शेयर बाज़ार की गिरावट सालों-साल का रिकॉर्ड तोड़ रही है, इसका सबसे ज़्यादा बुरा असर आम जनता और मध्य वर्ग पर पड़ा है।

भाजपा की पक्षपाती आर्थिक नीतियों में जितनी गिरावट होगी उतनी ही गिरावट शेयर मार्केट में भी होगी और डॉलर के मुक़ाबले रुपये के मूल्य में भी।

निवेशक कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में कैग की दूसरी रिपोर्ट पेश की

नई दिल्ली  28 Feb, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को विधानसभा में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की दूसरी रिपोर्ट पेश की।

मुख्यमंत्री ने कैग की दूसरी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार से संबंधित भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन पर निष्पादन लेखा परीक्षक प्रतिवेदन वर्ष-2024 संख्या नंबर 3 की प्रतियां सदन पटल पर प्रस्तुत करती हूं।

मुख्यमंत्री की तरफ से कैग की दूसरी रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसकी प्रतियों को सदन के अन्य सदस्यों को वितरित करने का निर्देश दिया।

इसके बाद इस कैग रिपोर्ट पर भाजपा नेता हरीश खुराना ने भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने कभी भी विधानसभा में कैग रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। लेकिन, मैं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने स्वास्थ्य से संबंधित कैग रिपोर्ट प्रस्तुत करके संवैधानिक बाध्यताओं को पूरा किया।

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने स्वास्थ्य को हमेशा अपना प्राथमिक विषय बनाया। स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार का समझौता हमें स्वीकार नहीं है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के हर राज्य में एम्स जैसे अस्पतालों का निर्माण हो रहा है, ताकि भारत का कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित नहीं रहे। हमारी सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत काम कर रही है, जिसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की पूर्व की सरकार ने दावे तो बहुत किए थे। लेकिन, आज तक जमीन पर उनका कोई भी काम नहीं दिखा। कैग रिपोर्ट दिल्ली की पूर्व की सरकार के पोल को खोलती है।

उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट से यह साफ जाहिर होता है कि दिल्ली की पूर्व की सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में वित्तीय अनियमितताएं बरती हैं। रिपोर्ट के अंदर यह बताया गया है कि 11 साल के शासन में दावे तो बहुत किए गए, लेकिन सिर्फ तीन अस्पताल ही बनाए गए हैं। यह कैग रिपोर्ट की पहली सच्चाई है।

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी अस्पताल से संबंधित काम शुरू तो किसी और सरकार में हुआ था, लेकिन खत्म किसी दूसरी सरकार ने किया। लेकिन, इसमें पूरे पांच साल का विलंब हुआ। इसकी वजह से फाइनल कॉस्ट में 314 करोड़ की वृद्धि हुई।

अब यह क्यों वृद्धि हुई? यह सब जानते हैं कि अगर जानबूझकर किसी परियोजना में देरी की जा रही है, तो निश्चित तौर पर यह भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है। इसी तरह का विलंब बुराड़ी अस्पताल में भी हुआ। इसमें छह साल का विलंब हुआ है और यह सबकुछ केजरीवाल सरकार की वजह से हुआ।

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दिल्ली विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का आतिशी को जवाब

आश्चर्य विपक्ष को सदन के नियमों की जानकारी नहीं

नई दिल्ली 28 Feb, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों के निलंबन को लेकर नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखा था। इसके अगले दिन शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उनकी चिट्ठी का जवाब दिया। उन्होंने इस चिट्ठी में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को विधानसभा में एंट्री नहीं देने पर भी जवाब दिया।

विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी को जवाब देते हुए चिट्ठी में लिखा, ”आपका दिनांक 28.02.2025 को लिखा पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें आपने विपक्षी विधायकों के निलंबन और उन्हें विधानसभा परिसर में प्रवेश न दिए जाने के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है। यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि विपक्ष सदन में कार्य संचालन से संबंधित नियमों और विनियमों से अनभिज्ञ है, विशेष रूप से तब जब यही राजनीतिक दल पिछले 12 वर्षों तक सरकार में था। अतः, स्थिति को स्पष्ट करने के लिए हाल की घटनाओं का एक क्रमवार विवरण प्रस्तुत कर रहा हूं।”

”24 फरवरी, 2025 को जब अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ, यह एक गरिमामयी प्रक्रिया होनी चाहिए थी। परंतु, दुर्भाग्यवश विपक्षी सदस्यों द्वारा नारेबाजी और व्यवधान उत्पन्न कर इस प्रक्रिया को बाधित किया गया। इस अशोभनीय आचरण के बावजूद, मैंने संयम बरतते हुए किसी भी विधायक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की, ताकि हमारी नई विधानसभा अवधि की शुरुआत लोकतांत्रिक समावेशन की भावना से हो।

25 फरवरी, 2025 को, जब माननीय उपराज्यपाल ने उ‌द्घाटन भाषण दिया, विपक्षी विधायकों ने पुनः व्यवधान उत्पन्न किया, जिससे उपराज्यपाल अपने संबोधन को गरिमापूर्ण ढंग से पूरा नहीं कर सके। यह आचरण पांचवीं अनुसूची (आचार संहिता नियमावली) के स्पष्ट उल्लंघन के अंतर्गत आता है, विशेष रूप से निम्नलिखित प्रावधान के तहत यदि कोई सदस्य उपराज्यपाल के सदन में उपस्थित रहते हुए उनके अभिभाषण को बाधित करता है, चाहे वह भाषण, बिंदु-विशेष उठाने, वाकआउट करने या किसी अन्य माध्यम से हो, तो इसे उपराज्यपाल के प्रति अनादर एवं सदन की अवमानना माना जाएगा और इसे अनुशासनहीन आचरण की श्रेणी में रखकर आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।”

उन्होंने लिखा, ”इस स्थापित नियम का पालन करते हुए तथा संसदीय प्रक्रियाओं के अनुरूप, एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया और बहुमत से पारित हुआ, जिसके तहत सदन के कार्य में व्यवधान डालने वाले 21 विधायकों को तीन दिनों के लिए निलंबित किया गया। यह निर्णय मनमाना नहीं था, बल्कि संसदीय नियमों और पूर्व मिसालों पर आधारित था। विधानसभा परिसर में प्रवेश के संबंध में विधानसभा के नियमों में “सदन के परिसीमन” की व्यापक परिभाषा दी गई है, जिसमें निम्नलिखित क्षेत्र सम्मिलित हैं, विधानसभा कक्ष, लॉबी, गैलरी, विधानसभा सचिवालय द्वारा उपयोग किए जा रहे कक्ष, अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के कक्ष, समिति कक्ष, विधानसभा पुस्तकालय, अध्ययन कक्ष, दलों के कक्ष, विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों के नियंत्रण में रहने वाले सभी परिसर एवं इन तक जाने वाले मार्ग तथा ऐसे अन्य स्थान, जिन्हें अध्यक्ष समय-समय पर निर्दिष्ट कर सकते हैं।”

स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने पत्र में आतिशी को आगे लिखा, ”इसके अलावा, नियम 277, बिंदु 3 (डी) स्पष्ट रूप से कहता है, जो सदस्य सदन की सेवा से निलंबित किया गया है, उसे सदन के परिसर में प्रवेश करने और सदन एवं समितियों की कार्यवाही में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाएगा। यह स्पष्ट है कि जब कोई सदस्य निलंबित होता है, तो उसे इन परिसीमित क्षेत्रों में प्रवेश से वंचित किया जाता है, जो कि एक स्थापित संसदीय परंपरा है।

विधानसभा के गंभीर विषयों से ध्यान भटकाने का प्रयास, मुझे यह कहने में अत्यंत खेद है कि दिल्ली की जनता से जुड़े गंभीर मुद्दों, विशेष रूप से कैग (सीएजी) रिपोर्ट्स पर चर्चा करने के बजाय, विपक्ष ने सदन में व्यवधान उत्पन्न करने का मार्ग अपनाया। ये रिपोर्ट्स उस अवधि से संबंधित हैं जब आपकी पार्टी सत्ता में थी और आपने वरिष्ठ मंत्री तथा अंततः मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था।

कैग की संवैधानिक भूमिका बढ़ावा देना है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने निर्णयों में कैग की भूमिका को संविधान की मूल संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना है। यह तथ्य प्रमाणित है कि वर्ष 2017-18 के बाद से कैग रिपोर्ट्स विधानसभा में प्रस्तुत नहीं की गई, जबकि तत्कालीन विपक्ष (जिसका नेतृत्व उस समय के नेता प्रतिपक्ष कर रहे थे) ने राष्ट्रपति, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और मुख्य सचिव तक इस विषय पर कई अभ्यावेदन भेजे थे।”

उन्होंने लिखा, ”इस संबंध में, माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने 24 जनवरी, 2025 को डब्ल्यूपी (सी) नं. 18021/2024 में स्पष्ट रूप से निर्णय दिया है, यदि सरकार को सौंपी गई कैग रिपोर्ट्स को अत्यधिक समय तक सार्वजनिक एवं विधायी समीक्षा से रोका जाता है, तो यह संवैधानिक व्यवस्था के विरुद्ध होगा।

यह न्यायिक निर्णय पारदर्शिता और जवाबदेही की संवैधानिक अनिवार्यता को रेखांकित करता है, जिसे निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में हम सभी को बनाए रखना चाहिए। इस उच्च सदन के अध्यक्ष के रूप में, मेरा कर्तव्य है कि सदन की कार्यवाही कानून, संवैधानिक सिद्धांतों और संसदीय प्रक्रियाओं के अनुरूप संचालित हो। प्रत्येक सदस्य, चाहे वह सत्ता पक्ष से हो या विपक्ष से, उसका दायित्व है कि वह गंभीर चर्चा, रचनात्मक आलोचना और जनहित में सार्थक समाधान प्रस्तुत करें।”

उन्होंने अंत में लिखा, ”मैं आपसे, विपक्ष की नेता के रूप में, आग्रह करता हूं कि आप अपने सहयोगी विधायकों को इस सदन की गरिमा बनाए रखने और सदन में रचनात्मक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करें। दिल्ली की जनता एक जिम्मेदार एवं प्रभावी विधानसभा की हकदार है, जहां उनके मुद्दों पर गंभीर बहस और निर्णय लिए जाएं।”

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कर्नाटक सरकार ने बर्ड फ्लू को रोकने के लिए कदम उठाए

फार्म में मुर्गियों को मारने का आदेश दिया

चिक्काबल्लापुर 28 Feb, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । बेंगलुरू के निकट स्थित चिक्कबल्लापुर जिले में बर्ड फ्लू के प्रकोप को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। राज्य पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग ने शुक्रवार को चिक्कबल्लापुर के वरदाहल्ली गांव में एक पोल्ट्री फार्म में 350 मुर्गियों को मारने का आदेश दिया है।

जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है क्योंकि वरदहल्ली में मुर्गियों में एच5एन1 वायरस पाया गया है। डिप्टी कमिश्नर पी.एन. रविंद्र की अगुवाई में जिला प्रशासन ने आपात बैठक की और गांव से मुर्गियों के बाहर जाने पर रोक लगा दी गई। गांव की सभी सड़कों पर बैरिकेड लगाए गए हैं और गाड़ियों की कड़ी निगरानी की जा रही है ताकि मुर्गियों को बाहर न ले जाया जा सके।

शुरुआती जांच में पाया गया कि वरदाहल्ली के निवासी द्यामप्पा के घर पर 28 मुर्गियां मरी हुई मिली। गांव के अन्य घरों में भी मुर्गियों की मौत हो रही है। प्रशासन ने एक पोल्ट्री फार्म के तीन डेड चिकन के सैंपल जांच के लिए बेंगलुरू की सेंट्रल लैब भेजे। प्रयोगशाला परीक्षणों से सैंपल में एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई। इसके बाद पोल्ट्री फार्म की सभी मुर्गियों को मारने का आदेश जारी कर दिया गया।

अधिकारियों ने गांव में घर-घर जाकर सर्वे किया और पूरे इलाके में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया। स्वास्थ्य विभाग भी ग्रामीणों की सेहत पर नजर रख रहा है।

इस बीच, खबर मिली है कि दो दिन पहले वरदाहल्ली के पोल्ट्री फार्म से लगभग 10,000 मुर्गियों को बेंगलुरू भेजा गया था, जहां इन्हें मीट की दुकानों और होटलों में बेचा गया हो सकता है। अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं और विक्रेताओं को सतर्क कर रहे हैं कि वे वरदाहल्ली से लाए गए मुर्गों की बिक्री न करें।

आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में एवियन इन्फ्लूएंजा फैलने के बाद कर्नाटक सरकार ने सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। कर्नाटक पहले दावा कर चुका था कि राज्य में बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं है और वे पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। राज्य में हर महीने करीब चार करोड़ ब्रॉयलर चिकन का उत्पादन होता है और यहां 73 ब्रीडर व 20,000 पोल्ट्री किसान हैं।

सीमा से सटे बेलगावी जिले में प्रशासन ने चिकन सैंपल की जांच शुरू कर दी है और महाराष्ट्र बॉर्डर पर चेकपोस्ट लगाए हैं। बर्ड फ्लू की खबरों के बाद पोल्ट्री किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है क्योंकि लोग चिकन और अंडे खाने से बच रहे हैं।

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महाकुंभ के बाद सफाई अभियान में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

प्रयागराज,27 फरवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के समापन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रियों के साथ सफाई अभियान में जुट गए हैं।

गुरुवार को महाकुंभ समापन समारोह में पहुंचे योगी ने सबसे पहले मेला क्षेत्र में झाडू लगाकर सफाई की और कूड़े को हटाया। इसके बाद उन्होंने अरैल घाट पर पहुंचकर गंदगी को हटाया।

इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक भी मौजूद थे। उन्होंने सभी के साथ अरैल घाट पर पूजा-अर्चना भी की।

मुख्यमंत्री योगी गोरखपुर से प्रयागराज हेलीकॉप्टर से पहुंचे थे। उनका हेलीकॉप्टर दिल्ली पब्लिक स्कूल के ग्राउंड में उतरा था। यहां उनके स्वागत के लिए उपमुख्यमंत्री मौजूद थे।

मुख्यमंत्री योगी प्रयागराज में 11 जनवरी से 26 फरवरी तक चले महाकुंभ मेले को सफल बनाने के लिए कर्मचारियों, अधिकारियों और संस्थाओं का सम्मान करेंगे।

बता दें कि 45 दिन के मेले में करीब 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी समापन पर अपने विचार साझा किए हैं।

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महाकुंभ के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश, जनता से मांगी माफी?

नईदिल्ली,27 फरवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 का महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान के साथ समापन हो गया। इस मौके पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।

महाकुंभ के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्लॉग लिखकर अपने विचारों को साझा किया और किसी असुविधा के लिए माफी मांगी है।

उन्होंने ब्लॉग के कुछ अंश एक्स पर भी साझा किए हैं, जिसमें उन्होंने लिखा, महाकुंभ संपन्न हुआ…एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, महाकुंभ संपन्न हुआ…एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का प्रयास किया है…।

उन्होंने लिखा कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं की उपस्थिति केवल रिकॉर्ड नहीं बल्कि संस्कृति-विरासत की सशक्त नींव है।

उन्होंने ब्लॉग में लिखा, मैं जानता हूं, इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था। मैं प्रार्थना करता हूं मां गंगा से…मां यमुना से…मां सरस्वती से…हे मां हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा…। जनता जनार्दन, जो मेरे लिए ईश्वर का स्वरूप है, श्रद्धालुओं की सेवा में भी अगर हमसे कुछ कमी रह गई हो, तो मैं जनता जनार्दन का भी क्षमाप्रार्थी हूं। श्रद्धा से भरे जो करोड़ों लोग प्रयाग पहुंचकर इस एकता के महाकुंभ का हिस्सा बने।

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वक्फ विधेयक के 14 बदलावों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी

संसद सत्र में लाया जाएगा

नईदिल्ली,27 फरवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक के 14 बदलावों को मंजूरी दे दी गई है। अब इसे आगामी संसद सत्र में पेश किया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह हुई बैठक में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट के आधार पर प्रस्तावित 23 में से 14 बदलावों को स्वीकार किया है।

विधेयक को 10 मार्च से शुरू होने वाली संसद सत्र में दोबारा से पेश किया जाएगा।

जेपीसी ने 13 फरवरी को बजट सत्र के दौरान संसद में वक्फ विधेयक को लेकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिस पर विपक्षी सांसदों ने काफी हंगामा किया था।

विपक्षी सांसदों का कहना था कि उन्होंने विधेयक में 44 संशोधन प्रस्तावित किए थे, जिनमें से सभी को खारिज कर दिया गया, जबकि भाजपा और उनके सहयोगी दलों के प्रस्तावित 23 संशोधनों को मंजूरी दे दी गई।

संसद में मतदान के बाद 23 में 14 बदलावों को मंजूरी मिल गई।

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली छ्वक्कष्ट के समक्ष कुल 66 बदलावों प्रस्तावित थे, जिनमें 23 सत्तारूढ़ भाजपा और 44 विपक्षी सांसदों के थे।

जेपीसी में एनडीए के कुल 16 सांसद हैं, जबकि विपक्ष के 10 हैं। इनके बीच बदलावों के मतदान में एनडीए के 16 सांसदों ने 23 बदलावों के पक्ष में मतदान किया, जबकि विपक्ष के 44 संशोधन पर बहुमत नहीं मिला।

एनडीए के 23 बदलावों को संसद में पेश किया गया, जिसमें 14 को मंजूरी मिली।

विधेयक में वक्फ बोर्डों के प्रशासन के तरीके में कई बदलाव का प्रस्ताव है, जिसमें गैर-मुस्लिम और कम से कम 2 महिलाओं को शामिल करने की बात है।

केंद्रीय वक्फ परिषद में (संशोधन पारित हुए तो) एक केंद्रीय मंत्री, 3 सांसद, 2 पूर्व न्यायाधीश, 4 मशहूर लोग, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होंगे, जिनमें किसी का इस्लामी धर्म से होना आवश्यक नहीं।

नए मियम में वक्फ काउंसिल भूमि पर दावा नहीं कर सकती और दान की सीमा तय की गई है।

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दिल्ली विधानसभा: बीजेपी विधायक ने नजफगढ़ का नाम बदलने का सदन में रखा प्रस्ताव

नई दिल्ली,27 फरवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। बीजेपी विधायक नीलम पहलवान ने दिल्ली विधानसभा में नजफगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने सदन में कहा कि नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ किया जाना चाहिए। नीलम यहीं से विधायक हैं।नीलम पहलवान का यह बयान उस समय आया जब दिल्ली विधानसभा में सत्र चल रहा था। विधायक ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ रखने से न केवल क्षेत्र की पहचान मजबूत होगी, बल्कि यह स्थान एक नई दिशा में तरक्की करेगा।उन्होंने सदन में कहा, औरंगजेब ने इसका नाम नाहरगढ़ से बदलकर नजफगढ़ रखा था।

1857 की लड़ाई में राजा नाहर सिंह ने लड़ाई लड़के नजफगढ़ क्षेत्र को दिल्ली प्रांत में शामिल करवाया था, लेकिन कई कागजी कार्रवाई होने के बावजूद भी आज तक नाम नहीं बदला गया। नजफगढ़ का नाम बदलने की हमने कई बार अपील की। हमारे सांसद जब प्रवेश वर्मा थे, तब भी हमने कई बार इनके माध्यम से कोशिश की कि नजफगढ़ का नाम नाहरगढ़ रखा जाए।

नीलम पहलवान के बाद दक्षिणी दिल्ली के आरके पुरम से बीजेपी विधायक अनिल शर्मा ने भी अपनी विधानसभा के अन्तर्गत आने वाले गांव महोमदपुर का नाम बदलने की मांग की और कहा कि महोमदपुर का नाम माधवपुरम रखा जां।बता दें कि इससे पहले दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा से जीतकर आए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने इलाके का नाम बदलने की मांग की थी। उन्होंने इसकी जगह शिवपुरी या शिव विहार नाम सुझाया था।

मोहन सिंह बिष्ट ने से बात करते हुए कहा, एक तरफ 58 फीसदी लोग हैं, दूसरी तरफ 42 फीसदी। विधानसभा का नाम 42 फीसदी वाले लोगों की पसंद का कैसे हो सकता है? यह 58 फीसदी लोगों के साथ अन्याय है। यह उन बहुसंख्यक लोगों के साथ अन्याय है। मैं इस विधानसभा का नाम बहुसंख्यकों के नाम पर करवाऊंगा। विधानसभा के गठन के बाद जैसे ही पहला सत्र चालू होगा, वैसे ही मैं यह प्रस्ताव लाऊंगा कि मुस्तफाबाद विधानसभा का नाम बदलकर शिवपुरी या शिव विहार विधानसभा रखा जाएगा।

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आतिशी का भाजपा पर आरोप, कहा-तानाशाही की हदें पार कर दी

नई दिल्ली,27 फरवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक आतिशी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि पार्टी ने सत्ता में आने के बाद तानाशाही की सारी हदें पार कर दी हैं। आतिशी ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने जय भीम के नारे लगाने के कारण तीन दिन के लिए आम आदमी पार्टी के विधायकों को दिल्ली विधानसभा से निलंबित कर दिया।

आतिशी ने आगे कहा, आज भी भाजपा ने लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश तक नहीं करने दिया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि चुने हुए प्रतिनिधियों को विधानसभा परिसर में घुसने से रोका गया हो।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की तानाशाही न केवल विधानसभा की कार्यवाही को प्रभावित कर रही है, बल्कि यह लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों का भी उल्लंघन कर रही है।

दरअसल, तीन दिनों के लिए शुरू हुए दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन ही दिल्ली के उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान आम आदमी पार्टी की नेता आतिश समेत अन्य विधायकों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया था। उन्होंने दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री के कमरे और सचिवालय में अन्य मंत्रियों के कमरों से बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की फोटो हटाने को लेकर भाजपा पर आरोप लगाने शुरू कर दिए और जमकर नारेबाजी भी शुरू कर दी।

जिसके बाद आतिशी और उनके साथी विधायकों को एक के बाद एक दिल्ली विधानसभा से तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। अब आतिशी का कहना है कि अपने तानाशाही रवैये के चलते भाजपा सरकार ने उन्हें विधानसभा से तो निलंबित कर दिया है, लेकिन विधानसभा के परिसर में भी घुसने पर रोक लगा दी है। सदन में कैग रिपोर्ट पर चर्चा होनी है और इस रिपोर्ट को लेकर लगातार हंगामा जारी है।

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गुजरात के चार दिवसीय दौरे पर राष्ट्रपति मुर्मू, नर्मदा आरती में होंगी शामिल

गांधीनगर,27 फरवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने तीन राज्यों के दौरे के आखिरी चरण में बुधवार को गुजरात पहुंचीं। राष्ट्रपति मध्य प्रदेश से वडोदरा पहुंचीं। यहां से वह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि अर्पित करने और गुजरात के केवडिय़ा में नर्मदा आरती देखने के लिए एकतानगर रवाना हुईं।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया है। वे स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री थे और उन्होंने देश की 562 रियासतों को एकजुट करके भारत गणराज्य का निर्माण किया था।31 अक्टूबर 2018 को गुजरात के केवडिय़ा में सतपुड़ा और विंध्याचल पहाडिय़ों की सुंदर पृष्ठभूमि में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा – स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया गया।182 मीटर (करीब 600 फीट) ऊंची यह प्रतिमा स्वतंत्र भारत के निर्माता सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है।

नर्मदा नदी के ऊपर बनी यह विशाल प्रतिमा गुजरात के लोगों की ओर से उस नेता को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हमेशा लोगों के कल्याण को पहले रखा।27 फरवरी को राष्ट्रपति केवडिय़ा में एकता कौशल विकास केंद्र का दौरा करेंगी और अहमदाबाद में राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के 44वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेंगी।28 फरवरी को राष्ट्रपति गांधीनगर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेंगी।

उसी दिन वह भुज स्थित स्मृतिवन भूकंप स्मारक का दौरा करेंगी।1 मार्च को राष्ट्रपति यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल धोलावीरा का दौरा करेंगी, जो अपनी प्राचीन हड़प्पा सभ्यता के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है।अपनी यात्रा के पहले चरण में राष्ट्रपति मंगलवार को बिहार के पटना मेडिकल कॉलेज के शताब्दी समारोह में शामिल हुईं थीं।

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जीएसटी, सीमा शुल्क मामलों में प्राथमिकी न होने पर भी अग्रिम जमानत मांग सकता है व्यक्ति: न्यायालय

नई दिल्ली,27 फरवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अग्रिम जमानत का प्रावधान माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम और सीमा शुल्क कानून पर लागू होता है और व्यक्ति प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर भी गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए अदालतों का रुख कर सकता है.

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने सीमा शुल्क अधिनियम, जीएसटी अधिनियम में दंड प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले साल 16 मई को फैसला सुरक्षित रखा था. याचिकाओं में कहा गया है कि ये प्रावधान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और संविधान के अनुरूप नहीं हैं.

प्रधान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दंड प्रक्रिया सहिंता (सीआरपीसी) और उसके बाद बने कानून-भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के प्रावधान अग्रिम जमानत जैसे मुद्दों पर सीमा शुल्क और जीएसटी अधिनियमों के तहत भी आरोपी पर लागू होंगे.

अदालत ने कहा कि जीएसटी और सीमा शुल्क अधिनियमों के तहत संभावित गिरफ्तारी का सामना करने वाले व्यक्ति प्राथमिकी दर्ज होने से पहले भी अग्रिम जमानत का अनुरोध करने के हकदार हैं. विस्तृत फैसले का इंतजार है. इस मामले में मुख्य याचिका राधिका अग्रवाल ने 2018 में दायर की थी.

अदालत ने जीएसटी अधिनियम की धारा 69 (गिरफ्तारी की शक्ति से निपटने) में अस्पष्टता के बारे में भी चिंता व्यक्त की और कहा कि यदि आवश्यक हो तो यह स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए कानून की व्याख्या करेगा, लेकिन नागरिकों को परेशान नहीं होने देगा.

एक सुनवाई के दौरान, सीजेआई खन्ना ने यह भी कहा कि विचाराधीन कानून (कानूनों) ने गिरफ्तारी की प्रतिबंधित शक्तियां प्रदान की हैं: कभी-कभी हम यह मानने लगते हैं कि गिरफ्तारी तक जांच पूरी नहीं हो सकती. यह कानून का उद्देश्य नहीं है. यह गिरफ्तारी की शक्ति को प्रतिबंधित करता है. यह आगे बताया गया कि एक अधिकारी की गिरफ्तार करने की शक्ति गिरफ्तार की आवश्यकता से अलग है.

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