थॉमस इसाक को फेमा के उल्लंघन मामले में ईडी का दूसरा नोटिस

तिरुवनंतपुरम 04 Aug. (Rns/FJ): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एवं केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक को केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (केआईआईएफबी) में विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन के मामले में दूसरी बार नोटिस जारी किया है।

ईडी ने श्री थॉमस को संबंधित मामले मे पूछताछ के लिए 11 अगस्त को अपने कोच्चि कार्यालय में पेश होने के लिए कहा है।

माकपा नेता ने गत 19 जुलाई को ईडी की ओर से मिले पहले नोटिस का जवाब देते हुए कहा था , “ अगर मुझे नोटिस भी मिलता है, तो भी मैं उनके सामने पेश नहीं हों सकूंगा। मुझे कुछ और महत्वपूर्ण काम करने हैं। उन्हें मुझे गिरफ्तार करना होगा।”

केआईआईएफबी राज्य सरकार की एक प्राथमिक एजेंसी है। श्री थॉमस जब प्रदेश के वित्त मंत्री बने थे , तब बड़ी और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए इसका गठन किया गया था। वर्ष 2020 में केआईआईएफबी ने राज्य सरकार को 3,100 करोड़ रुपये का दायित्व दिया था।

ईडी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को एक पत्र भेजकर इसका विवरण मांगा है। ईडी ने यह भी जांच की कि क्या केआईआईएफबी द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन किया गया था। यह मामला तब सामने आया जब कैग ने पाया कि केआईआईएफबी असंवैधानिक रूप से ऋण जुटा रहा था।

************************************

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के 

Leave a Reply

Exit mobile version