नवी मुंबई एयरपोर्ट पर उतरा वायु सेना का विमान

अदाणी समूह ने कहा – वर्षों की मेहनत सफल हुई

मुंबई 11 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का बहु-उद्देशीय सी-295 विमान शुक्रवार को नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के दक्षिणी रनवे पर सफलतापूर्वक उतारा। यह बिल्कुल नए हवाई अड्डे के विकास में अदानी समूह के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था। पारंपरिक वाटर कैनन सैल्यूट के साथ उसका स्वागत किया गया।

नवी मुंबई हवाई अड्डे का विकास अदाणी समूह ने किया है। इसका निर्माण अगस्त 2021 में शुरू किया गया था। यहां से 2025 की शुरुआत में परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।

अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड के निदेशक जीत अदाणी ने नवी मुंबई हवाई अड्डे की इस उपलब्धि को गौरव का क्षण बताया। यह कंपनी द्वारा विकसित पहला हवाई अड्डा है। उन्होंने कहा, “यह हमारी वर्षों की मेहनत, योजना, निवेश और कठिन परिश्रम को दर्शाता है।”

जीत अदाणी ने महाराष्ट्र सरकार, सिडको (सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ महाराष्ट्रा) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) सहित सभी नियामक निकायों और अन्य सभी हितधारकों का आभार जताया।

इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, दोनों उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा अजित पवार, और नागरिक उड्डयन एवं सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल के साथ-साथ नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नवी मुंबई हवाई अड्डे से परिचालन शुरू होने से मुंबई हवाई अड्डे पर बोझ कम होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। साथ ही नवी मुंबई इलाके का भी और तेजी से विकास होगा।

शुरुआती चरण में हवाई अड्डे की सालाना क्षमता आठ लाख टन कार्गो और नौ करोड़ यात्रियों की होगी।

वायु सेना के सी-295 विमान का सफलतापूर्वक उतरना नवनिर्मित रनवे, टैक्सी-वे, हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली और हैंडलिंग प्रक्रियाओं के दुरुस्त होने का प्रमाण है।

नवी मुंबई हवाई अड्डे को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के यात्रियों को समायोजित करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। रनवे की लंबाई 3,700 मीटर है जो बड़े वाणिज्यिक विमानों के उतरने के लिए पर्याप्त है। यह आधुनिक यात्री टर्मिनलों और उन्नत हवाई यातायात नियंत्रण प्रणालियों से लैस है।

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किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा : नायब सिंह सैनी

चंडीगढ़ 11 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जायेगा। किसानों को तय समय में फसल खरीद का भुगतान भी सुनिश्चित किया जा रहा है।सरकार किसानों के हितो की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मंडियों में किसानों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं, ताकि उन्हें अपनी फसल बेचने में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न आए। साथ ही, मंडियों से धान उठान का काम भी सुनिश्चित किया जायेगा।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को जिला कुरुक्षेत्र में पीपली, लाडवा व बबैन अनाज मंडियों का दौरा कर रहे थे। यहां पहुंचने पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी अनुपमा, उपायुक्त राजेश जोगपाल व पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला ने मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ देकर उनका अभिनंदन किया। इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा भी उपस्थित रहे।

नायब सिंह सैनी ने अनाज मंडी का दौरा करते हुए मॉइस्चर मीटर के माध्यम से धान की नमी भी चैक की। उन्होंने इस मौके पर किसानों, आढ़ती व यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बातचीत करके धान के खरीद कार्य के बारे में जानकारी भी हासिल की। उन्होंने कहा कि तय पैरामीटर के अनुसार धान खरीद का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। धान के साथ-साथ बाजरे की भी सरकारी खरीद की जा रही है।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने पर प्रदेशवासियों व कार्यकर्ताओं को बधाई भी दी और इसके लिए आमजन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि शपथ समारोह से पहले पूर्व घोषित वादे के अनुरूप 25 हजार पदों का रिजल्ट जल्द निकाल दिया जायेगा।

कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार और परिवारवाद के दलदल में फंसी हुई पार्टी है। पहले कईं राज्यों में उन्होंने झूठ बोलकर सत्ता हासिल की थी, जिसमें हिमाचल, कर्नाटक व अन्य राज्य शामिल हैं। लोगों का कांग्रेस से विश्वास उठ चुका है।

किसानों व आढ़तियों की सुनी समस्याएं

मुख्यमंत्री ने धान खरीद कार्य का जायजा लेने के दौरान किसानों व आढ़तियों से सीधा संवाद करते हुए उनकी समस्याएं भी जानी। इस दौरान किसानों ने जीरी का उठान न होने बारे, आरओ न कटने बारे व अन्य समस्याएं रखीं। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही सम्बंधित अधिकारियों को इन समस्याओं का निपटान करने के निर्देश देते हुए कहा कि मंडियों में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आनी चाहिए। यदि कोई स्थानीय मिलरर्ज धान की खरीद या उठान नहीं कर रहा तो दूसरा कोई भी मिलर इस कार्य को कर सकता है।

उन्होंने कहा कि कोई भी किसान किसी भी मंडी में जाकर अपनी फसल बेच सकता है। इस दौरान उन्होंने धान खरीद कार्य में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि किसानों को मंडियों में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। यदि कोई इस कार्य में लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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केरल विधानसभा में अपमानजनक टिप्पणी पर संघ हुआ नाराज

कानूनी कार्रवाई की दी चेतावनी, जानें पूरा मामला

केरल 11 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)  –  केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने सत्तारूढ़ और विपक्षी सदस्यों द्वारा राज्य विधानसभा के अंदर संगठन के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। संघ ने कहा कि यह निंदनीय है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग सदन के अंदर और बाहर निराधार आरोप लगा रहे हैं कि इस साल त्रिशूर पूरम में व्यवधान के पीछे आरएसएस का हाथ है।

राज्यपाल और स्पीकर से मिलेंगे संघ के नेता

एक बयान में आरएसएस के वरिष्ठ नेता एन ईश्वरन, प्रांत कार्यवाहक ने पूछा कि वे किस आधार पर ऐसी गलत बातों को उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संघ के नेता जल्द ही इस मामले को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और स्पीकर ए एन शमसीर से मिलेंगे।

राजनीतिक लाभ के लिए संघ के नाम का गलत इस्तेमाल

आरएसएस नेता ने आरोप लगाया कि मंत्री, विधायक और विपक्षी नेता सहित जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए संघ के नाम का अनावश्यक रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। आरएसएस के पास ऐसे विवादों में हस्तक्षेप करने के लिए न तो समय है और न ही रुचि है।

जानबूझकर तनाव और विवाद पैदा किया गया

ईश्वरन ने आरोप लगाया कि आरएसएस का नाम राजनीतिक विवादों में घसीटने का प्रयास दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे प्रयासों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये आरोप केरल के त्रिशूर पूरम और सबरीमाला तीर्थयात्रा जैसे प्रतिष्ठित उत्सवों में जानबूझकर तनाव और विवाद पैदा करने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा हैं।

केरल विधानसभा में बहस

त्रिशूर पूरम उत्सव में व्यवधान ने बुधवार को केरल विधानसभा में गरमागरम बहस को जन्म दिया। विपक्षी यूडीएफ ने आरोप लगाया कि यह मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की जानकारी में हुआ, जबकि सत्तारूढ़ एलडीएफ ने न्यायिक जांच की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि एक व्यापक जांच चल रही है।

वार्षिक आयोजन को किया फीका

कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ विपक्ष कुछ समय से आरोप लगा रही है कि आरएसएस नेताओं के साथ उनकी गुप्त समझ के अनुसार विजयन की सक्रिय जानकारी में उत्सव में व्यवधान डाला गया। ऐसा कहा जाता है कि त्रिशूर पूरम अनुष्ठानों में कथित तौर पर पुलिस का हस्तक्षेप था। उसके बाद हुए विवादों ने इस साल अप्रैल में आयोजित वार्षिक आयोजन की चमक को फीका कर दिया है।

त्योहार के शौकीनों के लिए निराशा का कारण बना

त्योहार के इतिहास में पहली बार आतिशबाजी का प्रदर्शन, जो इस कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण था। ये पहले से निर्धारित था। इसे अगले दिन दिन के उजाले में आयोजित किया गया, जो त्योहार के शौकीनों के लिए निराशा का कारण बन गया।

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लालू परिवार के करीबी अरुण यादव की करोड़ों की संपत्ति जब्त

ईडी की बड़ी कार्रवाई, गांव में बनाया था 11 करोड़ का बंगला

पटना 11 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) /- लालू यादव परिवार के करीबी एक और नेता के की संपत्ति ने प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर लिया है। दरअसल ईडी ने आरजेडी नेता अरुण यादव की 46 संपत्तियों को जब्त किया है। बता दें कि अरुण यादव और उनके परिवार पर बिहार में रेत की अवैध माइनिंग से अकूत संपत्ति बनाने और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है।

अरुण यादव की जो संपत्तियां जब्त की गई हैं, उनमें 40 एग्रीकल्चर लैंड हैं, दानापुर में 4 फ्लैट, पटना की पाटलिपुत्र कॉलोनी में एक कमर्शियल लैंड शामिल है। अरूण यादव के बैंक अकाउंट्स में  2 करोड़ 5 लाख रुपये थे, जिसे सीज कर दिया गया है। हालांकि ED की जांच में तो ये पता लगा था कि अरूण यादव ने अवैध माइनिंग से करीब चालीस करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है।

राजद नेता की अवैध संपत्ति जब्त

बता दें कि अरुण यादव के गांव अगिआंव में बने उनके महल की तस्वीरें सामने आईं तो अधिकारी भी हैरान रह गए। कई एकड़ में फैले इस महल की चारदीवारी पन्द्रह फीट से ज्यादा ऊंची है। दीवार के कोनों पर वॉच टावर बने हैं। महल में बड़े बाग बगीचे हैं, घर के भीतर नेता जी का दरबार लगता है, इसके लिए अलग दरबार हॉल है, जिसमें सौ से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है।

अरूण यादव के महल के अंदर एक बड़ी सी गौशाला थी, जिसमें 500 से ज्यादा गाय भैसें थीं। इस घर के अंदर एक बड़ा सा तालाब था, बड़े से गैराज में एक दर्जन से ज्यादा लग्जरी गाड़ियां खड़ी रहती हैं, घर के अंदर ही अरूण यादव के पूर्वजों की मूर्तियां लगी हैं। बता दें कि इस महल का उद्घाटन लालू यादव ने किया था। इसे लेकर अरुण यादव ने कहा कि उनके पास संपत्ति के सारे दस्तावेज हैं। लालू के करीबी होने की वजह से उन पर ये कार्रवाई हुई है। इसके लिए वो कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।

अवैध तरीके से बनाई करोड़ों की संपत्ति 

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने लालू प्रसाद के करीबी राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव से जुड़ी 21 करोड़ 38 लाख की संपत्ति जब्त कर ली है। यह सम्पति अरुण यादव के अलावा उनकी पत्नी और वर्तमान में आरा के संदेश से राजद विधायक किरण देवी, उनके दोनों बेटे राजेश कुमार और दीपू सिंह और उनकी कंपनी मेसर्स किरण दुर्गा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर ली गई हैं।

जप्त की गयी 21.38 करोड़ की सम्पति में 19.32 करोड़ की 46 अचल संपत्तियां और बैंक खाते में करीब दो करोड़ पांच लाख की राशि शामिल हैं। जब्त संपत्ति में भोजपुर के अगियांव के इर्दगिर्द करीब 40 कृषि भूमि, अगियांव में उनका महल जैसा घर, पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मरछिया देवी कॉम्प्लेक्स में खरीदा गया 4 फ्लैट और पटना के पाटलिपुत्र इलाके में एक प्लॉट है। ईडी के अनुसार अरुण यादव ने परिवार के सदस्यों और कंपनी के नाम पर लगभग 39.31 करोड़ की संपत्ति अर्जित की है, जो उनकी आय के वैध स्रोत से काफी अधिक है।

11 करोड़ का बनाया सिर्फ बंगला

बता दें कि बिहार पुलिस ने अरुण यादव के विरुद्ध अवैध बालू खनन, जमीन की बिक्री और आर्म्स एक्ट जैसी कई गंभीर धाराओं में प्राथमिकी की थी। ईडी ने इसी साल फरवरी में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज (पीएमएलए) कर अरुण यादव और किरण देवी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। आरा के अगियांव में अरुण यादव का 11 करोड़ रुपये से अधिक का आलिशान बंगला है।

ईडी की जांच में अरुण यादव और उनके परिजनों के नाम पर अर्जित संपत्तियां वर्ष 2014- 15 से लेकर 2022-23 तक खरीदी गई हैं। महल में अरुण यादव से मिलने के लिए जब इंडिया टीवी की टीम पहुंची तो एक सुरक्षाकर्मी उनसे मिलवाने ले गया। अरुण यादव अपने महल के एक हिस्से में बने बंगले में बैठे थे। कुछ लोग अपनी फरियाद लेकर आये थे, जहां अरुण यादव बैठे थे। उसी जगह पर हर रविवार को जनता दरबार लगता है।

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हरियाणा में मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 15 को

पंचकूला के सेक्टर 5 में स्थित परेड ग्राउंड में तैयारियां शुरू

पंचकूला 11 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : हरियाणा में मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 15 अक्टूबर को होगा। नायब सैनी ही दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे। इसके लिए पंचकूला के सेक्टर 5 में स्थित परेड ग्राउंड में तैयारियां जोरों पर हैं।

सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अमित शाह और राजनाथ समेत कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। समारोह की तैयारियों के लिए पंचकूला के DC की अगुआई में कमेटी बना दी गई है।

इससे पहले यह शपथ ग्रहण समारोह 12 अक्टूबर को होने वाला था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के देश से बाहर होने के चलते कार्यक्रम को टाल दिया गया।

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महादेव बेटिंग ऐप का मालिक सौरभ चंद्राकर दुबई में गिरफ्तार

जल्द लाया जाएगा भारत

नई दिल्ली 11 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): महादेव बेटिंग ऐप केस में भारत की जांच एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है। बेटिंग ऐप (Mahadev betting app) के मालिक (Owner) सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल ने दुबई में डिटेन (Arrested) कर लिया है, जिसके बाद उसे भारत वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक ईडी की टीम महादेव ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर को एक हफ्ते के अंदर भारत लेकर आ सकती है।

Mahadev betting app owner Saurabh Chandrakar arrested in Dubai : बताया जा रहा है कि इंटरपोल ने सीबीआई को सूचित किया है, जो नोडल एजेंसी है। बता दें कि इस मामले में ईडी ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। बता दें कि महादेव ऐप के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर का D कंपनी (दाऊद इब्राहिम) से भी कनेक्शन है। देश के कई राज्यों में महादेव ऐप के खिलाफ केस दर्ज है। बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2023 को भी सौरभ चंद्राकर को दुबई में हिरासत में लेने के बाद ‘घर में नजरबंद’ किया गया था।

केंद्र सरकार ने 5 नवंबर 2023 को महादेव बेटिंग ऐप समेत अवैध सट्टेबाजी वाले 22 ऐप और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया था। ED की सिफारिशों के बाद इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 69ए के तहत आदेश जारी किए गए थे। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामला तब सुर्खियों में आया था, जब ईडी ने दावा किया कि उसने एक ‘कैश कूरियर’ के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है, जिसमें खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे। हालांकि, बघेल ने आरोपों को खारिज किया था।

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जयप्रकाश नारायण की जयंती: पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने किया नमन

नई दिल्ली 11 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : भारतीय राजनीति में लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) एक महान व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं। उनकी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। जयप्रकाश नारायण ने हमेशा जनता की भलाई के लिए काम किया और अपने समय की राजनीतिक और सामाजिक समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाई।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर मेरी आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने देश और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका व्यक्तित्व और आदर्श हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।”

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा, “महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लोकतंत्र के परम उपासक ‘भारत रत्न’, ‘लोकनायक’ जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उन्हें नमन! आपातकाल के दौरान राष्ट्र की जनतांत्रिक चेतना को जागृत कर लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में अविस्मरणीय योगदान दिया था। वे सच्चे अर्थों में ‘लोकनायक’ थे।”

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने एक्स पर लिखा, “लोकप्रिय जननेता, महान स्वतंत्रता सेनानी एवं सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता ‘भारत रत्न’लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर कोटिश: नमन।”

केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकनायक के व्यक्तित्व को सराहते हुए एक्स पर लिखा, “आपातकाल के अत्याचार के विरुद्ध और लोकतंत्र की रक्षा हेतु संपूर्ण क्रांति का उद्घोष करने वाले भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर उन्हें नमन।” दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सामाजिक उत्थान में उनकी भूमिका को याद करते हुए लिखा,

“भारत रत्न लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर सादर नमन। आम आदमी के अधिकारों की रक्षा करते हुए भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने और सामाजिक उत्थान के उनके काम हम सभी के लिए प्रेरणा है।”

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लिखा, “संपूर्ण क्रांति के जनक, भारत रत्न ‘लोकनायक’ जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने जीवन पर्यंत भारतीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में अपना अमूल्य योगदान दिया। उनका यह निस्वार्थ सेवा भाव देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।”

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्याय के विरुद्ध उनके संघर्ष को प्रणाम किया। लिखा, “संपूर्ण क्रांति के उद्घोषक, भारत रत्न, लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ!

आपके प्रखर विचार और आदर्श जीवन सदैव भावी पीढ़ियों को अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।” केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी महान स्वतंत्रता सेनानी, संपूर्ण क्रांति के प्रणेता ‘भारत रत्न’ लोकनायक जयप्रकाश नारायण को शत्-शत् नमन किया।

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छावनी में तब्दील हुआ सपा (SP) प्रमुख अखि‍लेश का घर

RAF तैनात; पुलिस ने जेपी सेंटर भी किया सील

नई द‍िल्‍ली 11 oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : सपा (SP) प्रमुख अखि‍लेश यादव (Akhilesh Yadav) को लखनऊ (Lucknow) स्‍थि‍त जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (JPNIC) जाने से रोके जाने को लेकर घमासान तेज हो गया है। गुरुवार को ही जेपी सेंटर (JP Center) के गेट पर टि‍न शेड लगा द‍िया गया था।

शुक्रवार सुबह से अखि‍लेश यादव (Akhilesh Yadav) के बाहर बैर‍िकेडिंग (Barricading) और भारी संख्‍या में पुल‍िस बल तैनात कर द‍िया गया है। दूसरी ओर, सपा कार्यकर्ताओं (SP Workers) ने प्रदर्शन (Protest) शुरू कर द‍िया है।

जयप्रकाश नारायण (Jayparkash narayan) की जयंती पर एक बार फिर लखनऊ (Lucknow) में सियासी पारा Political Temperature) चढ़ा हुआ है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जेपी सेंटर (JP Center) में श्रद्धांजलि के लिए अड़े हुए हैं। सरकार (Government) ने उनके कैंपस में जाने पर रोक लगाई है।

जेपी सेंटर (JP Center) के गेट पर टीन की बड़ी दीवार लगा दी गई। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ऐलान किया है कि वो 10 बजे JPNIC में जाकर जेपी की प्रतिमा का माल्यार्पण करेंगे। अखिलेश के ऐलान को देखते हुए लखनऊ पुलिस (Lucknow Police) ने जेपीएनसी पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स (Police Force) को तैनात कर दिया गया है।

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के घर के बाहर बैरिकेडिंग लगाकर ट्रैफिक (Traffic) को बंद कर दिया गया है, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सुरक्षा में तनाव पुलिस फोर्स (Police Force) के अलावा किसी के भी आने जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। सपा अध्यक्ष के आवास की तरफ जाने वाले दोनों तरफ के रास्तों पर पुलिस (Police) ने करीब 200 मीटर पर ही बैरिकेडिंग लगाई है।

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नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल

प्राधिकरण के बाहर तोड़ा पुलिस बैरिकेड

नोएडा ,10 अक्टूबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। नोएडा प्राधिकरण के बाहर गुरुवार को किसानों ने प्रदर्शन के दौरान जमकर हंगामा किया। किसान करीब एक बजे बड़ी संख्या में प्राधिकरण के गेट के बाहर पहुंच गए और उन्होंने पुलिस बैरिकेड को तोड़ दिया।

दरअसल, प्राधिकरण के गेट के बाहर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगाया था, लेकिन किसानों ने उसे तोड़ दिया और वह नोएडा प्राधिकरण के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। भारतीय किसान यूनियन मंच ने नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित 81 गांवों के किसानों से इस प्रदर्शन के लिए समर्थन मांगा था।

भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने किसानों का शोषण किया है। नोएडा प्राधिकरण ने भूमि अर्जित करते समय किसानों से किए करार ओर समझौता को पूरा नहीं किया। भाकियू मंच 81 गांवों के सभी किसानों को उनका हक दिलाकर ही रहेगा।

किसान अपनी जिन मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, उनमें जिन किसानों को मूल पांच प्रतिशत के प्लॉट नहीं मिले हैं, उन सभी किसानों को पांच प्रतिशत के मूल प्लॉट दिए जाएं। जिन किसानों के न्यायालय से आदेश आ चुके हैं, उन सभी किसानों को अतिरिक्त पांच प्रतिशत के भूखंड या धनराशि दी जाए।

सभी किसानों को वर्ष 1997 से 64.7 प्रतिशत मुआवजा और 10 प्रतिशत के विकसित भूखंड दिया जाए, नोएडा के सभी 81 गांव के किसानों की आबादी को 450 मीटर से एक हजार मीटर करते हुए आबादी का संपूर्ण समाधान करें और 1976 से वर्ष 1997 तक के सभी किसानों को कोटा स्कीम के प्लॉट आवंटित करें।

इसके साथ ही किसानों की मांग है कि नोएडा प्राधिकरण के गांवों में स्वामित्व योजना लागू की जाए और गांवों में नक्शा नीति समाप्त की जाए, क्योंकि गांव में यह व्यावहारिक नहीं है।

किसानों को मिलने वाले मुआवजे की धनराशि में से 10 प्रतिशत धनराशि आबादी भूखंड देने के लिए काट ली गई थी और किसानों को केवल 90 प्रतिशत धनराशि का ही भुगतान किया गया था।

अब नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूखंड नहीं दे रहे हैं। यह करार नियमावली का उल्लंघन है। इन सभी मांगों को लेकर किसान नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है।

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रतन टाटा को मिले भारत रत्न, महाराष्ट्र सरकार ने पास किया प्रस्ताव

मुंबई ,10 अक्टूबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। महाराष्ट्र सरकार ने आज एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास किया है। इससे पहले रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई और फिर यह प्रस्ताव पारित किया गया। अब केंद्र सरकार को इसे लेकर फैसला लेना है।

इससे पहले, शिंदे गुट के नेता राहुल कनाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर रतन टाटा को भारत रत्न देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि यह रतन टाटा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता राहुल कनाल ने गुरुवार को एक पत्र के माध्यम से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से आग्रह किया था कि वह भारत सरकार को टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के नाम को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्नÓ के लिए प्रस्तावित करें। यह कदम रतन टाटा के अपार योगदान और उनके द्वारा मानवता के प्रति किए गए कार्यों की सराहना के लिए उठाया गया है।

राहुल कनाल ने पत्र में स्पष्ट किया कि रतन टाटा का जीवन दयालु भाव, ईमानदारी और निस्वार्थ सेवा के मूल्यों से भरा हुआ है, जो उन्हें न केवल एक सफल उद्योगपति बनाते हैं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में भी प्रस्तुत करते हैं जो समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए सदैव तत्पर रहे हैं। उनका योगदान न केवल भारतीय उद्योग को आगे बढ़ाने में रहा है, बल्कि उन्होंने सामाजिक कल्याण और शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।

अपने पत्र में राहुल कनाल ने लिखा, मुझे उम्मीद है कि यह पत्र आपको अच्छे स्वास्थ्य और उत्साह से भरा हुआ मिलेगा। मैं श्री रतन टाटा जी के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं, वो भारतीय उद्योग जगत के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, जिनका योगदान कॉर्पोरेट क्षेत्र से आगे बढ़कर हमारे समाज के ताने-बाने में समा गया है।

वह न केवल एक दूरदर्शी नेता थे, बल्कि एक दयालु मानवतावादी भी थे। आवारा पशुओं के कल्याण के लिए उनके परोपकारी प्रयास, भारत भर में अपने पांच सितारा होटलों के माध्यम से आश्रय प्रदान करना, हमारे समाज के शोषित समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा, वंचितों के लिए कैंसर अस्पताल स्थापित करने के प्रति उनके समर्पण ने सभी व्यक्तियों के स्वास्थ्य और सम्मान के अधिकार में उनके अटूट विश्वास को प्रदर्शित किया, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।

कनाल ने अपने पत्र में लिखा, इन उल्लेखनीय योगदानों के मद्देनजर, मैं आपके सम्मानित कार्यालय से श्री रतन टाटा जी के नाम को भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करने का अनुरोध करता हूं। यह सम्मान उस व्यक्ति के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिसने मानवता के प्रति दयालुता, ईमानदारी और निस्वार्थ सेवा के मूल्यों को अपनाया।

उन्होंने आगे लिखा कि टाटा को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करना न केवल उनकी विरासत का सम्मान करेगा, बल्कि अनगिनत अन्य लोगों को उनके पदचिन्हों पर चलने और हमारे देश के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा। इस अनुरोध पर विचार करने के लिए धन्यवाद। मेरा मानना है कि ऐसे असाधारण व्यक्तियों की पहचान हमारे समाज में परोपकार और करुणा की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।

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जातीय हिंसा से प्रभावित किसानों को मुआवजा देगी मणिपुर सरकार

इंफाल 10 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । मणिपुर सरकार ने राज्य में 17 महीने से चल रहे जातीय संघर्ष से प्रभावित 2,072 किसानों को 13.3 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कानून व्यवस्था संकट से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों के अनुसार, इस धनराशि से ‘क्षतिपूर्ति फसल पैकेज’ के दूसरे चरण के अंतर्गत 2,072 किसानों को राहत मिलेगी।

राज्य के आयुक्त (गृह) एन. अशोक कुमार ने एक अधिसूचना में कहा कि इस जातीय संकट के दौरान किसानों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

अधिसूचना में कहा गया है, “प्रतिपूरक उपायों का उद्देश्य उन लोगों की सहायता करना है जिनकी आजीविका राज्य में हाल ही में हुई उथल-पुथल से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई है।” अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों के लिए समय पर सहायता महत्वपूर्ण है, जिनमें से कई अपनी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं।

राज्य सरकार ने हजारों किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों के दौरान सुरक्षा भी प्रदान की।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने पहले कहा था कि कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जातीय हिंसा के दौरान 5,554 किसानों की कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जिससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ गई है।

अधिकारी ने बताया कि मणिपुर स्टार्टअप योजना के तहत राज्य सरकार चालू वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान राज्य में पहले से स्थापित व्यवसाय के मालिक पात्र उद्यमियों को मुख्यमंत्री उद्यमिता सहायता योजना (सीएमईएसएस) से 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जो अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं।

चरण 1 के तहत लाभार्थियों की लक्षित संख्या 5,000 है। राज्य के योजना विभाग ने 10 लाख रुपये की परियोजना लागत के भीतर 17 नमूना परियोजनाओं को शॉर्टलिस्ट किया है। वित्त पोषण पैटर्न 65 प्रतिशत ऋण, 30 प्रतिशत सब्सिडी और 5 प्रतिशत मार्जिन मनी है।

अधिसूचना में कहा गया है कि यह ऋण सीजीटीएमएसई/मणिपुर क्रेडिट गारंटी स्कीम (एमसीजीएस) के तहत बिना किसी जमानत के कवर किया गया है।

इस संघर्ष में अब तक 230 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। 11,133 घरों में आग लगा दी गई है, जिनमें से 4,569 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। पिछले साल मई में भड़की जातीय हिंसा के सिलसिले में विभिन्न पुलिस थानों में कुल 11,892 मामले दर्ज किए गए हैं।

राज्य सरकार ने 59,414 आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों को आश्रय प्रदान करने के लिए 302 राहत शिविर स्थापित किए हैं।

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राजकीय सम्मान के साथ उद्योगपति रतन टाटा का अंतिम संस्कार हुआ

मुंबई 10 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान अमित शाह, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, गुजरात सीएम भूपेंद पटेल, देवेंद्र फणनवीस, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत अन्य दिग्गज मौजूद रहे। रतन टाटा को गन सैल्यूट के साथ अंतिम विदाई दी गई।

उनका पार्थिव शरीर, तिरंगे में लिपटा, नरीमन पॉइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स से वर्ली स्थित श्मशान भूमि लाया गया था जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया है। पारसी समुदाय की पारंपरिक दखमा के बजाय, उनका दाह संस्कार किया गया।

हालांकि, बाजों की संख्या कम होने के कारण, रतन टाटा के शरीर को खुले में गिद्धों के लिए नहीं छोड़ा गया। इस निर्णय ने उनके अंतिम संस्कार को एक नई दिशा दी है, जिसमें इलेक्ट्रिक अग्निदाह की प्रक्रिया अपनाई गई है।

रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए देश के बड़े उद्योगपतियों, राजनेताओं, अभिनेताओं और अन्य हस्तियों का सैलाब उनके निवास पर उमड़ पड़ा। हर एक ने अपने तरीके से उन्हें याद किया, और उनके योगदान को सराहा। यह एक ऐसा क्षण है जब मुंबई ने अपने प्रिय उद्योगपति को अंतिम विदाई दी है, जो हमेशा के लिए उनकी यादों में जीवित रहेंगे।

उनकी दूरदर्शिता, उद्यमिता और मानवता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता हमेशा हमें प्रेरित करती रहेगी।

रतन टाटा मार्च 1991 से 28 दिसंबर 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। उसके बाद 2016-2017 तक एक बार फिर उन्होंने समूह की कमान संभाली। उसके बाद से वह समूह के मानद चेयरमैन की भूमिका में आ गये थे।

उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उन्होंने अपने कार्यकाल में टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उदारीकरण के दौर में समूह को उसके हिसाब से ढाला।

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रतन टाटा के निधन पर पीएम मोदी ने नोएल टाटा से की बात

अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अमित शाह

नई दिल्ली 10 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और उद्योग जगत की एक प्रमुख शख्सियत रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए लाओस की यात्रा पर जाने से पहले गुरुवार को रतन टाटा के भाई नोएल टाटा से बात की और संवेदना व्यक्त की।

प्रधानमंत्री मोदी ने रतन टाटा के योगदान और उनके द्वारा भारतीय उद्योग को दी गई दिशा की सराहना की। जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत सरकार की ओर से रतन टाटा के अंतिम संस्कार में भाग लेंगे। 86 वर्षीय रतन टाटा के पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए आज दक्षिण मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में रखा जाएगा और फिर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

रतन टाटा ने ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उन्हें सोमवार को कुछ आयु-संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भर्ती कराया गया था। टाटा के निधन से पूरे उद्योग जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके परिवार, सहयोगियों और सभी उन लोगों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की जा रही हैं, जिन्होंने उन्हें निकटता से जाना और उनके साथ काम किया।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट में टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर दुख व्यक्त किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को ‘एक दूरदर्शी कारोबारी नेता, एक दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान’ बताया था।

रतन टाटा के निधन पर राजनीति से लेकर उद्योग जगत और फिल्म जगत के दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उद्योगपति गौतम अदाणी, आनंद महिद्रा समेत कई दिग्गजों ने टाटा के निधन को बड़ी क्षति बताई है।

रटन टाटा के पार्थिव शरीर को सुबह करीब 10.30 बजे एनसीपीए लॉन में ले जाया जाएगा, ताकि लोग दिवंगत आत्मा को अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें। शाम करीब 4 बजे रतन टाटा का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए नरीमन पॉइंट से वर्ली श्मशान प्रार्थना हॉल की ओर अंतिम यात्रा पर निकलेगा। परिवार ने बताया कि श्मशान घाट पर राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे पार्थिव शरीर को पुलिस की बंदूक की सलामी दी जाएगी और फिर अंतिम संस्कार संपन्न होगा।

बता दें कि पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार को निधन हो गया। सोमवार को उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने उनके निधन की जानकारी देते हुए कहा था कि हम दुख के साथ सूचित करते हैं कि रतन टाटा नहीं रहे।

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जानिए कौन होगा पद्म विभूषण रतन टाटा का उत्तराधिकारी

जो संभालेगा 3800 करोड़ का साम्राज्य

नई दिल्ली 10 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस (Tata Sons) के मानद प्रमुख पद्म विभूषण रतन टाटा (Ratan Tata) का बुधवार रात को स्‍वर्गवास हो गया। वह 86 वर्ष के थे। उन्होंने मुंबई (Mumbai) के ब्रीच कैंडी अस्पताल (Candy Hospital) में अंतिम सांस ली। रतन टाटा (Ratan Tata) की अगर कोई संतान होती तो शायद यह सवाल कभी खड़ा नहीं होता कि उनका उत्तराधिकारी (successor) कौन होगा।

वहीं रतन टाटा (Ratan Tata) के जाने के बाद टाटा (Tata Group) के समूह की जिम्मेदारी किसके कंधे होगी उसमें कई नाम शामिल है। नोएल टाटा रतन टाटा (Ratan Tata) के सौतेले भाई सबसे आगे है। सिर्फ नोएल टाटा (noyal Tata) पर ही नही टाटा की नई पीढ़ी के कंधों पर टाटा समूह  (Tata Group)की जिम्मेदारी होगी। टाटा की नई पीढ़ी में लिआ, माया और नेविल शामिल हैं – जो रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल नवल टाटा के बच्चे हैं। वे अन्य पेशेवरों की तरह कंपनी के माध्यम से आगे बढ़ते हुए, टाटा समूह के भीतर लगातार अपनी जगह बना रहे हैं।

लिआ टाटा समूह में बड़े पद पर कार्यरत
सबसे बड़ी लिआ टाटा ने स्पेन के मैड्रिड में आईई बिजनेस स्कूल (Business School) से मार्केटिंग (Marketing) में मास्टर डिग्री हासिल की है। वह 2006 में ताज होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेस में सहायक बिक्री प्रबंधक के रूप में टाटा समूह में शामिल हुईं और अब विभिन्न भूमिकाओं के माध्यम से प्रगति करते हुए द इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) में उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करती हैं।

माया टाटा और नेविल भी उत्तराधिकारी की दौड़ में
छोटी बेटी माया टाटा ने समूह की प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी में एक विश्लेषक के रूप में टाटा कैपिटल में अपना करियर शुरू किया है। वहीं, उनके भाई नेविल टाटा ने ट्रेंट में अपनी पेशेवर यात्रा शुरू की, जिस खुदरा श्रृंखला के निर्माण में उनके पिता ने मदद की थी। नेविल की शादी मानसी किर्लोस्कर से हुई है, जो टोयोटा किर्लोस्कर समूह की उत्तराधिकारी हैं।

1991 में, जब उनके चाचा जेआरडी टाटा ने पद छोड़ दिया, तो उन्होंने समूह का नेतृत्व संभाला। यह समय भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण था, क्योंकि देश ने अपने अर्थव्यवस्था को विश्व के लिए खोलने और तेज तरक्की के युग की शुरुआत करने के लिए क्रांतिकारी सुधार शुरू किए थे। अपने शुरुआती कदमों में से एक में, रतन टाटा ने समूह की कुछ कंपनियों के प्रमुखों की शक्ति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। उन्होंने सेवानिवृत्ति आयु लागू की, युवा लोगों को वरिष्ठ पदों पर पदोन्नत किया और कंपनियों पर नियंत्रण बढ़ाया।

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रतन टाटा ने खड़ा किया,नमक से लेकर जहाज तक! हर घर में TATA

365 अरब डॉलर का कारोबार, जानें कैसे रतन टाटा ने खड़ा किया विराट साम्राज्य

मुंबई 10 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। उन्होंने 86 की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 31 मार्च, 2024 तक टाटा ग्रुप का कुल मार्केट कैप 365 अरब डॉलर था। लेकिन टाटा ग्रुप का ये विराट कारोबार यूं ही यहां तक नहीं पहुंचा। टाटा ग्रुप को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए रतन टाटा ने मजदूरों की तरह काम किया है। 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में पैदा हुआ रतन टाटा के पिता नवल टाटा और मां सूनी टाटा 1948 में अलग हो गए थे। जिसके बाद उनकी दादी ने उन्हें पाला-पोसा।

From salt to ship! TATA in every house, business of 365 billion dollars : मुंबई और शिमला में पढ़ाई करने के बाद रतन टाटा ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से उच्च शिक्षा प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंraजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। रतन टाटा अमेरिका में जॉब करना चाहते थे लेकिन दादी की तबीयत की वजह से उन्हें भारत आना पड़ा। भारत में उन्होंने आईबीएम में नौकरी शुरू की थी। उस समय टाटा ग्रुप के चेयरमैन जेआरडी टाटा को जब इस बारे में मालूम चला तो वे काफी नाराज हुए थे। जेआरडी टाटा के कहने पर उन्होंने अपना टाटा ग्रुप में अपना सीवी भेजा और एक सामान्य कर्मचारी के रूप में टाटा ग्रुप में अपने करियर की शुरुआत की।

टाटा ग्रुप में जॉब के दौरान उन्होंने बाकी कर्मचारियों के साथ काम की बारीकियां सीखीं और टाटा स्टील के प्लांट में चूना-पत्थर को भट्टियों में डालने का काम किया, जो आमतौर पर मजदूर करते थे। साल 1991 में रतन टाटा ने टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने और करीब 21 साल तक पूरे ग्रुप का नेतृत्व किया। इस दौरान रतन टाटा ने न सिर्फ टाटा ग्रुप का यादगार नेतृत्व किया बल्कि इंडस्ट्री में भारत का नाम रोशन किया। टाटा ग्रुप का चेयरमैन रहते हुए रतन टाटा ने जगुआर लैंड रोवर जैसे दिग्गज ब्रांड को टेकओवर किया।

रतन टाटा का टाटा ग्रुप नमक बनाने से लेकर हवाई जहाज उड़ा रहा है। रतन टाटा की ही देन है कि आज भारत के घर-घर में टाटा का कोई न कोई प्रोडक्ट इस्तेमाल हो रहा है। रतन टाटा ने देश को ऐसे-ऐसे प्रोडक्ट दिए, जिसका इस्तेमाल भारत के अपर क्लास से लेकर लोअर क्लास तक इस्तेमाल कर रहा है।

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राजकीय सम्मान के साथ होगी पद्म विभूषण रतन टाटा की विदाई

4 बजे तक कर सकेंगे अंतिम दर्शन

नई दिल्ली 10 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : Ratan Tata Passes Away: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का 86 वर्ष की उम्र में निधन (Death) हो गया। टाटा समूह (Tata Group) ने इसकी जानकारी दी है। टाटा समूह (Tata Group) ने कहा कि अपार दुख के साथ हम अपने प्रिय रतन (Ratan) के शांतिपूर्ण निधन की घोषणा करते हैं। रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन पर टाटा समूह के अध्यक्ष एन चन्द्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने कहा कि अत्यंत दुख के साथ हम रतन नवल टाटा (Rata Naval Tata) को विदाई दे रहे हैं।

रतन टाटा का पार्थिव शरीर आज सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक मुंबई के नरिमन पॉइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में रखा जाएगा, जहां लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सकते हैं। उनका अंतिम संस्कार दिन में बाद में वर्ली इलाके में किया जाएगा।

बता दें कि 1991 में टाटा समूह (Tata Group) की बागडोर संभालने वाले रतन टाटा (Tata Group) ने समूह की अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों, जैसे कि कोरस और जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने समूह के प्रभाव को स्टील, ऑटोमोटिव से लेकर सूचना प्रौद्योगिकी तक के कई क्षेत्रों में बढ़ाया। पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा (Ratan Tata) 2012 में सेवानिवृत्त हो गए थे, लेकिन इसके बावजूद वह समूह को मार्गदर्शन देते रहे और परोपकार के कार्यों में सक्रिय रहे।

उनके निधन से देशभर में शोक और श्रद्धांजलियों का सैलाब उमड़ पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narindra Modi) ने रतन टाटा (Ratan Tata) को एक दूरदर्शी व्यावसायिक नेता और दयालु आत्मा के रूप में याद किया। व्यापार जगत की प्रमुख हस्तियों जैसे गौतम अडानी, आनंद महिंद्रा और सुंदर पिचाई ने भी उन्हें अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

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भारतीय उद्योग जगत के पितामह रतन टाटा नहीं रहे

86 की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

मुंबई 10 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन (Ratam tata) रतन नवल टाटा का यहां बुधवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन (Passes away) हो गया। वह 86 वर्ष के थे। उन्हें सोमवार को उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज दिन उनकी स्थिति “गंभीर” हो गई थी।

Father of Indian Industry Ratan Tata is no more : वह मार्च 1991 से 28 दिसंबर 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। उसके बाद 2016-2017 तक एक बार फिर उन्होंने समूह की कमान संभाली। उसके बाद से वह समूह के मानद चेयरमैन की भूमिका में आ गये थे। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उन्होंने अपने कार्यकाल में टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उदारीकरण के दौर में समूह को उसके हिसाब से ढाला।

टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा, “हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ श्री रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वास्तव में एक असाधारण नेता हैं जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह बल्कि हमारे राष्ट्र के मूल ढांचे को भी आकार दिया है।

“टाटा समूह के लिए टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे। मेरे लिए वह एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। उन्होंने उदाहरण पेश कर प्रेरित किया। उत्कृष्टता, अखंडता और नवीनता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ टाटा समूह ने उनके नेतृत्व में अपने वैश्विक पदचिह्न का विस्तार किया। वह हमेशा अपने नैतिक दायरे के प्रति सच्चे रहे।

“परोपकार और समाज के विकास के प्रति श्री टाटा के समर्पण ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, उनकी पहल ने गहरी छाप छोड़ी है जिससे आने वाली पीढ़ियों को लाभ होगा। इस सभी कार्य को सुदृढ़ करना प्रत्येक व्यक्तिगत बातचीत में टाटा की वास्तविक विनम्रता थी।

“पूरे टाटा परिवार की ओर से, मैं उनके प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी विरासत हमें प्रेरित करती रहेगी। हम उन सिद्धांतों को कायम रखने का प्रयास करते हैं जिनका उन्होंने बहुत उत्साहपूर्वक समर्थन किया। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में रतन टाटा के निधन को बड़ी क्षति बताई।

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हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है कांग्रेस

हर चुनाव में अपनाती है यही फार्मूला, गरजे पीएम मोदी

नई दिल्ली ,09 अक्टूबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि मुसलमानों की जाति की बात आते ही कांग्रेस के मुंह पर ताला लग जाता है लेकिन हिंदू समाज की बात आते ही वह चर्चा जाति से ही शुरू करती है क्योंकि वह जानती है कि हिंदू जितना बंटेगा, उतना ही उसका फायदा होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस किसी भी तरीके से हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है और भारत में जहां भी चुनाव होते हैं, वह इसी फार्मूले को लागू करती है। महाराष्ट्र में 7,600 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने विश्वास जताया कि ‘समाज को तोडऩे’ की इस कोशिश को राज्य की जनता नाकाम करेगी।

हरियाणा ने बता दिया देश का मिजाज क्या है

उन्होंने इस सरकारी कार्यक्रम में महाराष्ट्र के लोगों से देश के विकास को सर्वोपरि रखते हुए और एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके गठबंधन ‘महायुति’ के पक्ष में मतदान करने की अपील की। हरियाणा के चुनाव परिणामों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इसने बता दिया है कि आज देश का मिजाज क्या है।

उन्होंने कहा, ”कांग्रेस का पूरा इकोसिस्टम, अर्बन नक्सल का पूरा गिरोह जनता को गुमराह करने में जुटा था लेकिन उसकी सारी साजिशें ध्वस्त हो गईं। उन्होंने दलितों के बीच झूठ फैलाने की कोशिश की लेकिन दलित समाज ने उनके खतरनाक इरादों को भांप लिया। दलितों को एहसास हो गया कि कांग्रेस उनका आरक्षण छीन कर अपने वोट बैंक को बांटना चाहती है।”

किसानों और नौजवानों को ‘भड़काने’ में भी कोई कसर नहीं छोड़ी 

उन्होंने कहा कि हरियाणा के दलित वर्ग ने भाजपा का रिकॉर्ड समर्थन किया तो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) ने भी भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि किसानों और नौजवानों को ‘भड़काने’ में भी कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन हरियाणा की जनता ने दिखा दिया कि वह अब कांग्रेस और अर्बन नक्सल के नफरत के षड्यंत्र का शिकार नहीं होने वाली है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”कांग्रेस पूरी तरह से सांप्रदायिक और जातिवाद का चुनाव लड़ती है। हिंदू समाज को तोड़कर उसे अपनी जीत का फॉर्मूला बनाना, यही कांग्रेस की राजनीति का आधार है। कांग्रेस भारत के सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय की परंपरा का दमन कर रही है, सनातन परंपरा का दमन कर रही है।’

बांटों और सत्ता पाओ के फार्मूले पर चलती है कांग्रेस

उन्होंने कहा, ”कांग्रेस की नीति है, हिंदुओं की एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाओ। कांग्रेस जानती है कि जितना हिंदू बंटेगा, उतना ही उसका फायदा होगा। कांग्रेस किसी भी तरीके से हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है, ताकि वो उस पर राजनीतिक रोटियां सेंकती रहे। भारत में जहां भी चुनाव होते हैं, वहां कांग्रेस यही फॉर्मूला लागू करती है।

‘ प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि ‘हमेशा बांटों और सत्ता पाओ’ के फार्मूले पर चलने वाली कांग्रेस ने बार-बार यह सिद्ध किया है कि वह एक ‘गैर-जिम्मेदार’ दल बन गया है। उन्होंने कहा, ”वह अभी भी देश को बांटने के लिए नए-नए विमर्श गढ़ रही है। कांग्रेस के एक भी नेता ने आज तक कभी नहीं कहा कि हमारे मुस्लिम भाई-बहनों में कितनी जातियां होती हैं। मुस्लिम जातियों की बात आते ही कांग्रेस के नेता मुंह पर ताला लगाकर बैठ जाते हैं।’

उन्होंने कहा, ”लेकिन जब हिंदू समाज की बात आती है तो कांग्रेस उनकी चर्चा जाति से ही शुरू करती है। कांग्रेस की नीति है हिंदुओं की एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाओ। कांग्रेस जानती है जितना हिंदू बंटेगा, उतना ही उसका फायदा होगा। भारत में जहां भी चुनाव होते हैं, वहां कांग्रेस यही फार्मूला लागू करती है।’

मोदी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए इतनी बेचैन है कि हर रोज नफरत की राजनीति कर रही है और कांग्रेस की पुरानी पीढ़ी के नेता भी बेबस और असहाय हैं। उन्होंने कहा, ”कांग्रेस नफरत फैलाने की सबसे बड़ी फैक्ट्री बनने वाली है, यह गांधी जी(महात्मा गांधी) ने आजादी के बाद ही समझ लिया था।

इसीलिए गांधी जी ने कहा था कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए। कांग्रेस खुद खत्म नहीं हुई लेकिन आज देश को खत्म करने पर तुली हुई है। इसलिए हमें सावधान और सतर्क रहना है।’

मोदी ने कहा, ”मेरा पक्का विश्वास है कि समाज को तोडऩे की आज जो कोशिश हो रही है, इसे महाराष्ट्र के लोग नाकाम करके रहेंगे। महाराष्ट्र के लोगों को देश के विकास को सर्वोपरि रखते हुए एकजुट होकर भाजपा और महायुति के लिए वोट करना है।’ महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले महीने संभावित हैं।

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बिहार में टूटी हुई पटरी से गुजरी वैशाली एक्सप्रेस

पता लगते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूले

बेगूसराय ,09 अक्टूबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। बिहार में एक बड़ी घटना होते-होते टल गई है। यहां सवारियों को लेकर जा रही वैशाली एक्सप्रेस टूटी हुई पटरी से गुजर गई। हद तो इस बात की है इसकी जानकारी अधिकारियों को बाद में लगी। गनीमत रही कि गुजरने के दौरान ट्रेन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन जब रेलवे अधिकारियों को इसकी भनक लगी तो उनके हाथ-पांव फूल गए।
इस जगह क्रेक मिली पटरी

मिली जानकारी के मुताबिक, बेगूसराय-खगडिय़ा रेलखंड पर दनौली फुलवरिया और लाखो स्टेशन के बीच रेल पटरी टूट हुई थी। रेलवे फाटक नंबर 41 के पास स्थित किलोमीटर संख्या 154/5-7 पर रेलवे ट्रैक क्रेक हो गई जिसकी भनक किसी को नहीं लगी और इसी टूटी पटरी पर ही यात्रियों से भरी वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन गुजर गई।

आधे घंटे तक खड़ी रहीं कई ट्रेनें

गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ वरना कितनो की जान जा सकती थी। हालांकि अधिकारियों को जब पटरी में दरार होने की सूचना मिली तो आनन-फानन में इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया और उसे चेंज किया गया। इस वजह से करीब आधे घंटे तक रूट बाधित रहा।

वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन के गुजरने के बाद इसी पटरी से गुजर रही तिनसुकिया-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस ट्रेन को लाल झंडी दिखाकर रोका गया। इसी के साथ राज्यरानी एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रहीं। पटरी बदल जाने के बाद सभी ट्रेनों को आगे उनके गंतव्य की ओर भेजा गया।

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यूपी और एमपी में फिर ट्रेन को पलटाने की साजिश

रेल ट्रैक पर मिले लोहे की छड़ें और सीमेंटेड स्लीपर

नई दिल्ली ,09 अक्टूबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)।  मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से ट्रेन को पलटाने की साजिश का मामला सामने आया है। ग्वालियर में रेलवे ट्रैक पर लोहे की भारी भरकम फ्रेम रखी मिली। मालगाड़ी के चालक की सतर्कता से दुर्घटना टल गई। जानकारी के अनुसार,ग्वालियर के बिरलानगर स्टेशन के पास मालगाड़ी ट्रैक पर देर रात लोहे की छड़ें रखी मिलीं। इसी ट्रैक पर एक मालगाड़ी आ रही थी लेकिन समय रहते उसे रोक दिया गया।

पुलिस को अभी तक नहीं मिला कोई सुराग

इससे ट्रेन बेपटरी होने से बच गई। आरपीएफ और जीआरपी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आस पास के सीसीटीवी फूटेज भी देखे जा रहे हैं। फिलहाल पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।

यूपी में भी ट्रेन पटलाने की साजिश

उधर, यूपी में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश का मामला सामने आया है। रायबरेली में मालगाड़ी सीमेंटेड स्लीपर से टकरा गई। हालांकि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। आशंका है कि खेत में रखे तीन स्लीपरों को खींचकर ट्रैक पर लाया गया। देर रात हुए इस हादसे के बाद 15 मिनट तक मालगाड़ी खड़ी रही। यह घटना रायबरेली के लक्ष्मणपुर स्टेशन के पास घटी।

कई राज्यों में सामने आ चुके हैं इस तरह के मामले

बता दें कि पिछले दो महीनों में देश के कई राज्यों में ट्रेनों को पलटाने की साजिश की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसी ही एक और घटना में 23 सितंबर को पंजाब के बठिंडा में बठिंडा से दिल्ली जाने वाली रेलवे पटरियों से लोहे की छड़ें बरामद की गईं, जो एक और कथित पटरी से उतरने की साजिश की ओर इशारा करती हैं। रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने कहा था कि देश में हाल ही में हुए रेल हादसों की जांच में कुछ खतरनाक चीजें और  षड्यंत्र सामने आए हैं।

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केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तवर्धन सिंह चिड़ियाघर का निरीक्षण करते हुए

नई दिल्ली , 09 अक्टूबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)।केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन तथा विदेश राज्यमंत्री कीर्तवर्धन सिंह ने  दिल्ली चिड़ियाघर का निरीक्षण किया। निरीक्षण का प्रमुख उद्देश्य अफ्रीकी हाथी शंकर के स्वास्थ्य एवं रख रखाव की व्यवस्था का जायजा लेना था। साथ ही,उन्होंने पर्यटकों व पशु-पक्षियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी ली।

केंद्रीय राज्यमंत्री  सिंह ने अफ्रीकी हाथी ‘शंकर’ के बाड़े का निरीक्षण किया। ‘महावतों’ और पशु चिकित्सकों से विस्तृत चर्चा की।  हाथी शंकर को फल खिलाया। निरीक्षण के दौरान, वनतारा जामनगर गुजरात के विशेषज्ञ एवं दक्षिण अफ्रीका से आए हाथी विशेषज्ञ डॉ एड्रियन भी मौजूद थे।

शंकर के स्वास्थ्य को और दुरस्त करने के उपायों पर भी विस्तृत चर्चा हुई और इस संबंध में एक कार्य योजना तैयार की गई है। उन्होंने शंकर हाथी के स्वास्थ्य स्तर में और सुधार करने के लिए वनतारा, जामनगर से आए विशेषज्ञों को महावतों को प्रशिक्षित करने, हाथी के लिए उपर्युक्त डाईट प्लान बनाने एवं बाडे में आमूल बदलाव लाने की सलाह दी।

इस दौरान चिड़ियाघर के वैश्विक मानकों के स्तर पर उन्नयन व आधुनिकीकरण पर भी चर्चा की। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की वन्यजीव संबंधित नीतियों की वजह से प्रकृति और वन्य जीवन के साथ लोगों का जुड़ाव बढ़ा है। साथ ही लोगों में संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता भी लगातार बढ़ रही है।

उन्होंने वन अधिकारियों को अवगत कराया कि अफ्रीकी हाथी शंकर के साथी के लिए साउथ अफ्रीका, जिंबॉब्वे, युगांडा, जांबिया, तंजानिया, नामीबिया, केन्या, बोत्सवाना को पत्र लिखा था। सकारात्मक पहल करते हुए, बोत्सवाना एवं जिम्बाबे ने हाथी को देने का वादा किया है।

सभी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। बैठक में एडीजी वाइल्ड लाइफ सुशील अवस्थी,  दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार, सिविल कंस्ट्रक्शन यूनिट के इंजीनियर गुण सागर जैन उपस्थित थे।

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रुडी के पहल से पटना – छपरा के बीच चलाया गया एक जोड़ी स्पेशल ट्रेन

भाजपा नेता राकेश सिंह ने हरी झंडी दिखाकर की शुरुआत लोगों ने अंग वस्त्र पहनकर किया स्वागत

सोनपुर , 09 अक्टूबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सारण से सांसद राजीव प्रताप रूडी की पहल पर रेलवे द्वारा पटना से छपरा चलाया गया एक जोड़ी स्पेशल ट्रेन ज्ञात हो की पाटलिपुत्र-छपरा के बीच स्पेशल ट्रेन  से पर्व-त्योहारों के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ के मद्देनजर उनकी सुविधा हेतु पाटलिपुत्र और छपरा के मध्य  एक जोड़ी स्पेशल ट्रेन 05297/05298 का परिचालन किया जायेगा।

इसका परिचालन गाड़ी सं. 15507/08 पाटलिपुत्र- दरभंगा- पाटलिपुत्र इंटरसिटी एक्सप्रेस के रेक द्वारा किया जायेगा। पाटलिपुत्र से 8.15 बजे गाड़ी सं. 05297 पाटलिपुत्र-छपरा स्पेशल 09.10.2024 से 31.12.2024 तक प्रतिदिन पाटलिपुत्र से 08.15 बजे खुलकर विभिन्न स्टेशनों पर रूकते हुए 10.50 बजे छपरा पहुंचेगी । छपरा से 3.20 बजे वापसी में गाड़ी सं. 05298 छपरा- पाटलिपुत्र स्पेशल 09.10.2024 से 31.12.2024 तक प्रतिदिन छपरा से 15.20 बजे खुलकर विभिन्न स्टेशनों पर रूकते हुए 17.55 बजे पाटलिपुत्र पहुंचेगी। कहां कहां रुकेगी यह ट्रेन

अप एवं डाउन दिशा में यह स्पेशल दीघा ब्रिज हाल्ट, भरपुरा पहलेजा घाट, परमानंदपुर, नयागांव, शीतलपुर, दिघवारा, अवतारनगर, बड़ा गोपाल, गोल्डेनगंज एवं छपरा कचहरी स्टेशनों पर रूकेगी। जिसको  सांसद रूडी

के आदेश पर विधायक मंटू सिंह और भारतीय जनता पार्टी बिहार प्रदेश कार्य समिति सदस्य सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी के सांसद प्रतिनिधि राकेश सिंह के द्वारा ग्रामीणों के उपस्थिति मे नयागाँव स्टेशन पर हरी झंडी दिखाया गया नयागाँव पहुंचने पर स्थानीय लोगो द्वारा अंग वस्त्र और फुल माला से जोरदार स्वागत किया गया.

इस अवसर पर इनलोगो द्वारा ट्रेन  का ड्राइवर और गार्ड को भी अंग वस्त्र और माला से स्वागत किया गया ज्ञात हो की इस ट्रेन की मांग जिला वासी बहुत दिन से कर रहे थे जिसको लेकर सांसद राजीव प्रताप रूडी ने रेलवे के बैठक मे भी इस मुद्दा को रखा था और अधिकारी से बात कर ट्रैन का परिचालान जल्दी शरू करवाने की बात कही थीं जिसके बाद आज ट्रैन का परिचालन शरू होने से जिला वासी मे ख़ुशी का माहौल है.

इस अवसर पर राजीव रंजन, सिंह दिलीप सिंह, अंकित गोस्वामी, राहुल कुमार प्रमोद सिंह, यशवंत सिंह एवं रेलवे के अधिकारी  एसीएम अशोक कुमार स्टेशन सुप्रीटेंडेंट राजीव कुमार अरुण सिंह, सुरेश सिंह, विगन सहनी, हरी नारयण सिंह सहित सैकड़ो लोग स्टेशन पर उपस्थित थे इस कार्य के लिए सभी लोगो ने माननीय सांसद राजीव प्रताप रूडी और सोनपुर  डीआरएम को धन्यवाद दिया।

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बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर, 16 जिलों के 4 लाख लोग प्रभावित

कोसी का जलस्राव घटा

पटना 09 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : बिहार में कोसी और गंडक सहित सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। हालांकि, राहत वाली बात है कि वीरपुर के कोसी बैराज, वाल्मीकिनगर के गंडक बैराज पर जलस्राव में कमी आयी है। प्रदेश के 16 जिलों के 31 प्रखंड के चार लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।

जल संसाधन विभाग के मुताबिक, वीरपुर बैराज में कोसी का जलस्राव सोमवार को सुबह छह बजे 2,65,530 क्यूसेक था जबकि 10 बजे यह घटकर 2,54,385 क्यूसेक हो गया है। इसी तरह वाल्मीकिनगर बैराज में सुबह 10 बजे गंडक का जलस्राव भी 1,55,600 लाख क्यूसेक है। इस बीच, प्रदेश की सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण 16 जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा के 31 प्रखंडों में 152 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत लगभग 4 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।

बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित निष्क्रमित करने के लिए एनडीआरएफ की कुल 12 टीम एवं एसडीआरएफ की कुल 12 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त वाराणसी से एनडीआरएफ की तीन टीमों को बुलाया गया है।

बताया गया कि लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने एवं आवागमन के लिए 630 नावों का परिचालन कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बाढ़ पीड़ितों के लिए 43 राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है, जिसमे 11 हजार से अधिक लोग शरण लिये हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि नेपाल में भारी वर्षा के कारण रविवार की सुबह पांच बजे कोसी बैराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक जलस्राव हुआ था, जो 1968 के बाद सर्वाधिक है।

जल संसाधन विभाग का दावा है कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग की टीमें दिन-रात तत्पर हैं। हालांकि कई तटबंधों के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है।

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चुनाव हारने पर EVM को दोष देना कांग्रेस की आदत : जीतन राम मांझी

नई दिल्ली 09 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)  । हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है। भाजपा लगातार तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने में कामयाब रही है। भाजपा जहां इस जीत से गदगद है, वहीं कांग्रेस ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ दिया है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आने पर बुधवार को केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बात की। उन्होंने कहा, हरियाणा में भाजपा की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को जाता है। मैं उनकी नीति की सराहना करता हूं। यहां की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के साथ है।

कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव हार के बाद चुनाव आयोग और ईवीएम पर सवाल खड़े किए। इस पर पलटवार करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा, कर्नाटक में ईवीएम सही था। जम्मू-कश्मीर में गठबंधन की सरकार बन रही है, वहां भी ईवीएम ठीक है। हरियाणा में चूंकि कांग्रेस हार गई तो ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा जा रहा है। कांग्रेस के नेचर में है कि जहां जीतते हैं, वहां चुप रहना और जहां हारते हैं, वहां ईवीएम को लेकर बहाने ढूंढ़ते हैं।

यही वजह है कि वे ईवीएम और चुनाव आयोग दोनों को दोषी ठहराते हैं। हमारा मानना ​​है कि चुनाव आयोग ने उचित काम किया।

जीतन राम मांझी ने कहा, हरियाणा में जाटों को बहुत ताकतवर माना जाता है। इसलिए कांग्रेस ने उनके प्रभाव के आधार पर चुनाव जीतने की उम्मीद से उन्हें अधिक सीटें दी। लेकिन, जाटों के अलावा, अनुसूचित जाति और आदिवासी समुदाय ने भाजपा को वोट दिया और वह तीसरी बार ऐतिहासिक जीत हासिल की।

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव द्वारा सरकारी आवास से कथ‍ित रूप से बहुत सारा सामान साथ ले जाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, तेजस्वी यादव के बस में होता, तो वह दीवार भी उखाड़ ले जाते।

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