76 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन का अभिभाषण

प्यारे झारखण्डवासियों,

जोहार!

भगवान बिरसा मुण्डा एवं वीर सिद्धो कान्हू जैसे अनेक महान सपूतों की बलिदानी भूमि पर मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ और समस्त झारखण्डवासियों तथा देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ।

आज हम भारत की आजादी की 75वीं वर्षगाँठ पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आजादी के मतवाले अनेक वीर योद्धाओं के शहादत के बाद हमें यह आजादी नसीब हुई है।

राष्ट्रीय पर्व की इस पावन बेला में मैं, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेदकर, डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह, सरदार पटेल सहित उन तमाम देशभक्तों के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिनके कठिन संघर्ष, त्याग और बलिदान ने हमें आजादी दिलायी ।

स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर मैं, झारखण्ड के वीर सपूतों धरती आबा बिरसा मुण्डा, वीर सिद्धो-कान्हू, बाबा तिलका मांझी, चांद-भैरव, बहन फूलो-झानों, वीर बुद्धु भगत, जतरा टाना भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, पाण्डेय गणपत राय, टिकैत उमराव, शहीद विश्वनाथ शाहदेव को भी नमन करता हूँ, जिनके संघर्ष की गौरव गाथा आज भी हमें साहस और संबल प्रदान करती है।

देश के आंतरिक और बाह्य सुरक्षा में लगे सेना के और पुलिस के वीर जवानों को भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देता हूँ और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण और बलिदान को सलाम करता हूँ।

आजादी के बाद हमारे देश के नीति निर्माताओं ने कल्याणकारी राज्य के आदर्शों के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया। मैं नमन करता हूँ देश के संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को, जिन्होंने आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए, उनको उनका हक दिलाने के लिए अथक प्रयास किया और इनके लिए संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित की। महान एवं दूरदर्शी सोच रखने वाले बाबा साहेब ने कहा था कि राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है जब लोगों के बीच जाति, नस्ल और रंग का भेद भुलाकर उनके बीच सामाजिक भाईचारा को सर्वोच्च स्थान दिया जाय।

अमर शहीद भगत सिंह ने भी कहा था कि भारत में संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक मुट्ठी भर शोषणकर्ता अपने हितों की पूर्ति के लिए सामान्य जनता के श्रम का शोषण करते रहेंगे। यह बात सही है कि देश के आदिवासी, पिछड़े एवं दलित वर्ग आजादी के बाद पिछले 75 वर्षों में सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से काफी सशक्त हुए हैं, लेकिन अभी भी हम ‘समतामूलक समाज’ की स्थापना के लक्ष्य से दूर हैं। मेरे विचार में हम तब तक इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते जब तक हम व्यक्ति द्वारा व्यक्ति के शोषण को रोकने में सफल नहीं होंगे।

हमारी सरकार गठन के बाद हमने यह लक्ष्य तय किया कि आजादी के संघर्ष में बलिदान देने वाले झारखण्ड के वीर सपूतों के सपनों का झारखण्ड बनायेंगे। जिन उम्मीदों को लेकर अलग झारखण्ड राज्य का निर्माण हुआ था, हम उनको पूरा करने के लिए मजबूत एवं ईमानदार प्रयास करेंगे। हमारी सरकार विकासमूल मंत्र, आधार लोकतंत्र के दृष्टिकोण के साथ एक सशक्त राज्य के निर्माण हेतु निरतंर पय्रत्नशील है।

नवाचार सूचकांक में झारखण्ड का प्रदर्शन बेहतर हुआ है और हम कई पायदान आगे बढ़े हैं। स्वच्छता मानकों में भी हम कई राज्यों से बेहतर स्थिति में है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर राज्य में शिशु मृत्यु दर, कुपोषण तथा महिलाओं एवं बच्चों में व्याप्त एनीमिया में उल्लेखनीय रूप से कमी आयी है। हमारे नौनिहालों और गर्भवती माताओं के लिए अब राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और देखभाल सुनिश्चित हुआ है। जहाँ कई राज्यों में पेड़ों और जंगलों को काटे जाने से हरियाली कम हुई है वहीं हमारे राज्य ने वन संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हुए वर्ष 2019 से वर्ष 2021 के बीच वन क्षेत्र में 110 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की है। राज्य में सड़क मार्ग, रेल मार्ग, वायुमार्ग और जल मार्ग का विस्तार हुआ है। राज्य में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के स्तर में उन्नयन हुआ है। ये सब राज्य के विकास के पथ पर अग्रसर होने के सूचक हैं। वहीं दूसरी तरफ युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करना और श्रमिकों का पलायन अभी भी राज्य के लिए चुनौती बनी हुई है।

हमारी सरकार ने “झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021” गठित किया है। इस अधिनियम के तहत् प्रत्येक नियोक्ता चालीस हजार रुपये तक के मासिक वेतन वाले पदों के कुल रिक्ति के 75 प्रतिशत पद पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित करेगा। 16 जुलाई, 2022 को निजी क्षेत्र में स्थानीय नियोजन नीति की उद्घोषणा एवं नियुक्ति हेतु ऑफर लेटर वितरण समारोह में करीब 11 हजार स्थानीय युवाओं को नियुक्ति हेतु ऑफर लेटर दिया गया है। स्थानीय युवाओं के लिए राज्य के भीतर ही रोजगार उपलब्ध कराने और पलायन को रोकने के लिए यह निर्णय मील का पत्थर साबित होगा।

यह बात सही है कि वर्तमान स्थिति में हम राज्य से पलायन को पूरी तरह से रोक नहीं सकते, पर विपदा की स्थिति में हम अपने प्रवासी श्रमिकों को हरसंभव सहायता पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। किसी भी प्रकार की आकस्मिकता अथवा विपदा की स्थिति में, चाहे वह देश में हो या देश के बाहर, उन तक तत्काल सहायता पहुँचाने तथा श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है। कई बार दुर्घटना आदि में श्रमिकों की मृत्यु हो जाती है। ऐसे मृत प्रवासी श्रमिक के आश्रितों को सरकार की ओर से 1 लाख रुपये की सहायता राशि भी दी जा रही है। मैं मजदूर भाईयों को यह भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि हमारी सरकार हर कदम पर उनके साथ है।

खनिज संसाधनों से परिपूर्ण और संभावनाओं से भरे हमारे राज्य में विकास को गति देने के लिए नई नीतियाँ बनाई गई है। इसी उद्देश्य से सेक्टर्स खासकर खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स, खनिज तथा वस्त्र आधारित उद्योगों पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया है। श्रम आधारित उद्योगों के स्थापना से राज्य में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे वहीं दूसरी तरफ नई एवं आधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योगों की स्थापना से औद्योगिक राज्य के रूप में झारखण्ड की पहचान फिर से स्थापित होगी।

राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राँची में वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर का शिलान्यास किया गया है। वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार विशेषकर निर्यात संवर्धन से संबंधित तमाम गतिविधियाँ एक ही छत के नीचे संचालित होंगी। इस अवसर पर राज्य के उद्यमियों को ऋण एवं अन्य सुविधा प्रदान करने के लिए SIDBI और उद्योग विभाग के बीच MoU भी साईन किया गया है। वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर झारखण्ड की आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने में अहम रोल निभाएगी।

हमारी सरकार द्वारा राज्य को Tourist destination के रूप में स्थापित करने के लिए नई पर्यटन नीति, 2021 अधिसूचित की गई है। इस पर्यटन नीति में राज्य में पर्यटन क्षेत्र में निवेश पर विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान है।

इसके साथ ही राज्य एवं राज्य के बाहर से आने वाले पर्यटकों को सभी आवश्यक सुविधाएँ मुहैय्या कराने के लिए पर्यटक स्थलों एवं उसके आस-पास आधारभूत संरचना का निर्माण कराया जा रहा है।

राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए विभिन्न नियुक्ति एवं परीक्षा संचालन नियमावलियों के गठन तथा संशोधन की कार्रवाई प्राथमिकता के साथ की गयी है।

मैंने सभी विभागों को स्पष्ट निदेश दिया है कि राज्य सरकार के अधीन रिक्त पदों को तेजी से भरने की कार्रवाई की जाय। राज्य निर्माण के बाद पहली बार हमने अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के पद पर युवकों/युवतियों को नियुक्त किया है। राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में खाली पदों को हम भर चुके हैं। विभिन्न विश्वविद्यालयों में व्याख्याता के पद पर नियुक्ति पूर्ण कर ली गयी है एवं कुछ जगह नियुक्ति की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। JPSC का नियमावली गठन करने के साथ-साथ हमने रिकॉर्ड 251 दिनों में विभिन्न विभागान्तर्गत 11 सेवाओं के कुल 252 रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया है।

सरकारी कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करने के सम्बन्ध में मैंने वादा किया था। इस सम्बन्ध में कैबिनेट से प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। SOP निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, शीघ्र ही इसे पूर्णरुपेण लागू कर दिया जायेगा।

झारखण्ड सरकार राज्य के खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधा देने के लिए दृढ़संकल्पित है। राज्य में खेल व खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु नई खेल नीति बनाई गई है। सरकार की ओर से खिलाड़ियों को समुचित सहयोग मिल सके, इसके लिए राज्य में पहली बार जिला खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इन सब से राज्य में एक बेहतर माहौल तैयार हुआ है, जिससे खिलाड़ियों की प्रतिभा निखर कर सामने आयी है और राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर झारखण्ड की प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं।

पिछले दिनों Commonwealth Games, 2022 में राज्य की युवा खिलाड़ी लवली चौबे और रूपा रानी तिर्की ने लॉन बॉल प्रतिस्पर्द्धा में भारतीय टीम को गोल्ड मेडल दिलाकर देश और झारखण्ड को गौरवान्वित किया है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी कांस्य पदक जीता है। झारखण्ड की बेटियाँ सलीमा टेटे, निक्की प्रधान एवं संगीता कुमारी इस विजेता टीम का हिस्सा थी। इसके पहले भी सलीमा टेटे एवं निक्की प्रधान ने ओलंपिक में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सबका दिल जीता है। आज हमारे राज्य के कई खिलाड़ी विभिन्न खेल स्पर्द्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखण्ड का नाम रौशन कर रहे हैं।

सर्वजन हिताय एवं सर्वजन सुखाय“  के सिद्धांत को लक्ष्य कर हमने      की शुरुआत की है जिससे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हमारे वृद्ध, निराश्रित महिलाएं एवं दिव्यांगजनों को सम्मान से जीवन जीने का हक प्राप्त हो सके। प्रारम्भ होने के बाद अब तक लगभग 12 लाख लाभुकों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है।

राज्य के 29 हजार से अधिक गाँवों में करीब 35 लाख परिवारों को सखी मंडलों से जोड़ा जा चुका है। इन सखी मंडलों को 3700 करोड़ (तीन हजार सात सौ करोड़) रूपये से ज्यादा की राशि चक्रीय निधि के रूप में उपलब्ध करायी गई है। पलाश ब्राण्ड अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं के द्वारा उत्पादित एवं संग्रहित उत्पादों को अलग पहचान मिली है तथा लोगों के द्वारा इन उत्पादों को काफी पसंद किया जा रहा है। सखी मंडल के उत्पादों को राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित कर सखी मंडलों की अच्छी आमदनी सुनिश्चित की जा रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और पिछड़ापन दूर करने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2020 में हमारी सरकार ने मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से चार महत्वपूर्ण योजनाओं यथा- ’बिरसा हरित ग्राम योजना’, ’नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना’, ’वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना’ तथा ’दीदी बाड़ी योजना’ का शुभारम्भ किया गया था। उक्त सभी योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। ’बिरसा हरित ग्राम योजना’ के अन्तर्गत इस वर्ष लगभग 21 हजार एकड़ भूमि में फलदार वृक्ष लगाये जा रहे हैं। ’नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना’ के तहत जलछाजन सिद्धांत को अपनाते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 20 हजार योजनाओं को पूर्ण किया गया है तथा लगभग 81 हजार योजनाओं पर कार्य जारी है। ’वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना’ के तहत् 140 खेल मैदान का निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 2487 खेल के मैदान का निर्माण कार्य प्रगति पर है। राज्य की लगभग 05 लाख महिलाओं को ’दीदी बाड़ी योजना’ से लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है। मनरेगा में राज्य सरकार द्वारा अपनी निधि से राशि की व्यवस्था करते हुए अब दैनिक मजदूरी के रुप में 237/- रुपयों का भुगतान कर रही है।

हमारे किसान भाई दिन रात मेहनत मजदूरी कर फसल उगाते हैं और राज्य के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। कृषि के विकास एवं किसानों की खुशहाली के लिए हमारी सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। कृषि ऋण के बोझ से दबे राज्य के छोटे एवं सीमान्त किसानों को राहत पहुँचाने के लिए वर्ष 2020 से झारखण्ड राज्य कृषि ऋण माफी योजना  संचालित की जा रही है। इस योजना अन्तर्गत अब तक कुल पंद्रह सौ उनतीस करोड़ रुपये की राशि तीन लाख तिरासी हजार एक सौ दो कृषकों के ऋण खाते में ट्रांसफर की गई है।

किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु अब तक 4 लाख 28 हजार नये KCC आवेदन स्वीकृत करते हुए पन्द्रह सौ तिरासी करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। किसानों के प्रशिक्षण हते समेकित बिरसा ग्रामिण विकास योजना-सह-कृषक पाठशाला की शुरूआत की गई है। सरकार द्वारा किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करायी जा रही है।

पिछले खरीफ वर्ष 2021-22 में राज्य में 74.16 लाख टन खाद्यान्न फसल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। वर्तमान खरीफ मौसम में सामान्य से कम वर्षा होने की रिपोर्ट मिल रही है। राज्य सरकार द्वारा इस पर सतत् निगरानी रखी जा रही है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए हमनें केन्द्र सरकार से झारखण्ड के लिए विशेष पैकेज की माँग की है। झारखण्ड राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें कृषि उत्पादन में आर्थिक नुकसान की भरपाई हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 से झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना संचालित की जा रही है। इस वर्ष भी राज्य में वर्षा कम हुई हैव ऐसे में हम फसल राहत योजना के तहत तत्काल 100 करोड़ की राशि की व्यवस्था कर रहे हैं।

झारखण्ड को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने तथा स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त ऊर्जा का पावर हाउस बनाने के लिए “झारखण्ड सौर ऊर्जा नीति, 2022” लागू की गई है। हमने वर्ष 2027 तक सौर ऊर्जा से 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। राज्य के गिरिडीह शहर को “सोलर सिटी” के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा देवघर, सिमडेगा, गढ़वा एवं पलामू में 20-20 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर पार्क की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है। राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ कम करने हेतु 100 यूनिट तक की खपत करने वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली प्रदान करने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है। राज्य के शहरी क्षेत्र को हरा-भरा बनाए रखने के लिए एक पेड़ लगाने पर 5 यूनिट बिजली मुफ्त उपलब्ध कराने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

राज्य सरकार शिक्षा के प्रति सजग और संवेदनशील है। राज्य सरकार के प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में उत्तरोतर सुधार हो रहा है। इस वर्ष राज्य में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक बोर्ड परीक्षा का परिणाम उत्साहवर्द्धक रहा है। मैट्रिक बोर्ड में पंचानवे दशमलव छः प्रतिशत छात्र/छात्रायें सफल हुए हैं जो अब तक का सर्वाधिक परिणाम प्रतिशत रहा है। विद्यालयों में शिक्षक एवं प्रयोगशाला सहायक आदि के 37000 पद रिक्त हैं। इन पदों पर नियुक्ति हेतु विशेष अभियान चलाकर अगले 6 माह में नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। स्कूलों में आई॰सी॰टी॰ लैब और स्मार्ट क्लास की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य में जिला स्तर पर 80 उत्कृष्ट विद्यालयों एवं प्रखंड स्तर पर 305 आदर्श विद्यालयों की स्थापना पर तेजी से कार्य जारी है।

15 नवम्बर से राज्य के युवाओं के लिए ‘CM-SARTHI’ योजना प्रारंभ की जा रही है जिसके तहत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने के साथ-साथ प्रोत्साहन भत्ता उपलब्ध करवाया जाएगा। देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्ययन के लिए बच्चों के समक्ष आर्थिक परेशानी पैदा न हो इसके लिए हम ‘गुरूजी-स्चूडेंट क्रेडिट कार्ड’ योजना लेकर आ रहे हैं।

उच्च शिक्षा को और बेहतर एवं सर्वसुलभ बनाने के लिए ’झारखण्ड खुला विश्वविद्यालय’ एवं ’पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय’ की स्थापना की गई है। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त 2,716 (दो हजार सात सौ सोलह) पदों पर नियुक्ति हेतु अधियाचना झारखण्ड लोक सेवा आयोग को भेज दी गई है तथा नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

राज्य में सड़कों का जाल बिछाना हमारा लक्ष्य है। भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ बैठक कर राज्य के लिए कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उच्च पथ का प्रस्ताव रखा गया था। राज्य सरकार के प्रयासों से 08 बड़ी सड़क परियोजनाओं पर सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो गई है, जिसके तहत् लगभग 30,000 करोड़ की लागत से 1570 कि0मी0 फोरलेन सड़कों का निर्माण किया जाएगा । इसके अलावा “भारतमाला” के तहत स्वीकृत अन्य सड़कों और राज्य सरकार द्वारा स्टेट हाईवे के निर्माण पर भी तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। रांची एवं अन्य महत्वपूर्ण शहरों में फ्लाई ओवर का निर्माण भी कराया जा रहा है ताकि शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा मिल सके।

राज्य सरकार के द्वारा राज्य के हर कोने के लोगों की समस्या को सुनने एवं उन्हें दूर करने के उद्देश्य से ‘आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम संचालित किया गया जिसमें 35 लाख से अधिक समस्याओं को सुनने के पश्चात् उनका निराकरण किया गया। सरकार शीघ्र ही इस अभियान के द्वितीय चरण को प्रारम्भ करने जा रही है ।

राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2020 में अनुसूचित जनजाति के 10 छात्र/छात्राओं को विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु मरड. गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना का आरम्भ किया गया था। वित्तिय वर्ष 2022-2023 से इस योजना का विस्तार करते हुए अनुसूचित जनजाति के अलावा अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को भी इस योजना से लाभान्वित किये जाने का निर्णय लिया गया है। कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं के शिक्षा में कोई व्यवधान न हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत् इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत 24 लाख छात्र/छात्राओं को 282 करोड़ रुपये की राशि एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत 4 लाख छात्र/छात्राओं को 301 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।

असंतुलित विकास और प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ के कारण आज समूचा विश्व जलवायु संकट एवं ग्लोबल वार्मिंग जैसे गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। जल, जंगल और जमीन से जुड़ी हमारी समृद्ध परम्परा और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीने की हमारी जीवन शैली सम्पूर्ण मानव जाति को जीने की सच्ची राह दिखाता है।

हमें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए प्रगतिशील सोच के साथ विकास के राह पर आगे बढ़ना होगा। भारत की सबको साथ लेकर चलने वाली संस्कृति ही भारतीय राष्ट्रवाद की बुनियाद है। इसमें नफरत और अलगाव के लिए कोई जगह नहीं है। मैं राज्य के युवाओं को विशेष रूप से कहना चाहता हूँ कि युवा शक्ति अपनी रचनात्मक और सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग झारखण्ड के नव निर्माण के लिए करें। मुझे पूरा भरोसा है कि हम सब मिलकर झारखण्ड को एक समृद्ध, खुशहाल एवं विकसित राज्य बनाने में जरूर सफल होंगे।

 

इन दो पंक्तियों के साथ मैं, अपनी बातों को विराम देना चाहूँगा

– “आओ मिलकर नया देश बनायें,

भारतवासी होने का हम फर्ज निभायें।

प्यार है हम सबको इस मिट्टी से,

इस मिट्टी का अब कर्ज चुकायें।

आप सबों को स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत बधाई और  शुभकामनाएँ।

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15 अगस्त, 2022 के अवसर पर उप राजधानी दुमका में माननीय राज्यपाल का अभिभाषण

झारखण्ड के मेरे प्यारे भाइयों, बहनों एवं बच्चों,

जोहार!

स्वतंत्रता दिवस के इस पावन मौके पर झारखण्ड की हृदयस्थली संथाल परगना से मैं आप सबका हार्दिक अभिनन्दन और स्वागत करता हूँ और समस्त झारखण्डवासियों तथा देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ।

   

पूरे हर्षोल्लास और उमंग के साथ हम भारत की आजादी की 75वीं वर्षगाँठ को “अमृत महोत्सव” के रूप में मना रहे हैं। इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, डा० राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहर लाल नेहरू,सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर,शहीद भगत सिंह के साथ-साथ झारखण्ड की महान विभूतियों भगवान बिरसा मुण्डा, बाबा तिलका मांझी, अमर शहीदसिद्धु-कान्हू, चाँद-भैरव, फूलो-झानो, वीर बुधु भगत, जतरा टाना भगत,शेख भिखारी,पाण्डेय गणपत राय, टिकैत उमराँव, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव एवं नीलाम्बर-पीताम्बर सहित उन तमाम शहीदों के प्रति अपनी ओर से श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ, जिन्होंने देश की आज़ादी में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।

इस अवसर पर मैं, देश की पराक्रमी सेना, अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों को भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देता हूँ तथा देश की सीमाओं की सुरक्षा में शहीद हुए बहादुर सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

प्यारे राज्यवासियों, आजादी के बाद हमारे देश ने सभी क्षेत्रों में तरक्की की है। विश्व के मानचित्र पर भारत की पहचान एक सफल लोकतांत्रिक देश के रूप में स्थापित हुई हैं। इस विकास यात्रा में हमने कई उतार-चढ़ाव भी देखे हैं, परन्तु देश के विकास के मार्ग में आनेवाली हर बाधा, हर मुश्किल का हमने मिल-जुल कर सामना किया है।

वर्तमान में झारखण्ड तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। हमारी सरकार सुदूर इलाके में रह रहे नागरिकों तक विकास की किरण पहुँचाने के लिए  कृतसंकल्पित है। निरंतर प्रयासों का ही नतीजा है कि राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखण्ड ने कई क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है।

हमारी सरकार कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ राज्य में औद्योगिक एवं पर्यटन विकास तथा नवाचार को भी बढ़ावा दे रही है। भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार स्वच्छता तथा नवाचार में झारखण्ड की रैंकिंग में सुधार हुआ है और राज्य को कुपोषण, एनीमीया और शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी उल्लेखनीय सफलता मिली है। राज्य में सड़क मार्ग, रेल मार्ग एवं वायु मार्ग का विस्तार हुआ है। हर क्षेत्र में सूचना तकनीक का प्रयोग बढ़ा है।हरे-भरे पेड़-पौधे और हरियाली हमारे झारखण्ड की पहचान है। भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2021 के अनुसार झारखण्ड में 110 कि०मी० वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है।

संथाल परगना क्षेत्र में भी विकास की गति तेज हुई है। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा विगत माह देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया। देवघर एयरपोर्ट से कोलकाता एवं दिल्ली के लिए नियमित उड़ान संचालित हो रही हैं जिससे देवघर देश के दूसरे हिस्सों से सुगम एवं तीव्र यातायात व्यवस्था से जुड़ गया है। देवघर एयरपोर्ट के क्रियाशील होने से देवघर आने वाले श्रद्धालुओं को अब काफी सुविधा हो रही है। प्रसाद योजनान्तर्गत बैद्यनाथधाम, देवघर में शिवगंगा एवं जलसार का सौंदर्यीकरण तथा कांवरिया पथ में कांवरियों की सुविधा हेतु विभिन्न निर्माण कार्य कराया गया है। राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जिलों में स्थित धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पयर्टन स्थलों में आधारभूत संरचना का विकास किया जा रहा है।

भारत सरकार कीरीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (उड़ान-उड़े देश का आम नागरिक) के तहत दुमका से कोलकाता, पटना तथा रांची के लिए सीधी उड़ान सेवा हेतु रूट स्वीकृत किया गया है। इसके लिए दुमका हवाई अड्डा के उन्नयन का कार्य पूरा किया जा चुका है तथा आवश्यक लाइसेंस प्राप्त होने के उपरांत दुमका रांची, कोलकाता तथा पटना से वायु मार्ग द्वारा जुड़ जायेगा। इससे संथाल परगना में विकास की गति और तेज होगी।

झारखण्ड राज्य के साहेबगंज जिला में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के अन्तर्गत गंगा नदी पर जलमार्ग विकास परियोजना के तहत मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माण किया गया है। साहेबगंज जिला के आर्थिक एवं सामाजिक विकास हेतु एक औद्योगिक-सह-लजिस्टिक पार्कका भी निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।

स्थानीय युवाओं के लिए राज्य के भीतर ही रोजगार उपलब्ध कराने और पलायन को रोकने के लिए हमारी सरकार द्वारा “झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021” गठित किया गया है। इस कदम से राज्य के युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे।

राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए विभिन्न नियुक्ति एवं परीक्षा संचालन नियमावलियों के गठन तथा संशोधन की कार्रवाई प्राथमिकता के साथ की गयी है। संशोधित परीक्षा संचालन नियमावली के अनुसार अभ्यर्थियों को झारखण्ड राज्य में अवस्थित मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा पास करना तथा स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना भी अनिवार्य किया गया है। इससे सरकारी नौकरियों में झारखण्ड के युवक/युवतियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।

राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों को निदेश दिया गया है कि रिक्त पदों को तेजी से भरने की कार्रवाई की जाय। झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 6 हजार से अधिक विभिन्न कोटि के पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है। झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियमावली, 2021 का गठन कर इसके आधार पर 7वीं से 10वीं संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा का जे०पी०एस०सी० द्वारा आयोजन किया गया एवं विभिन्न विभागान्तर्गत 11 सेवाओं के कुल 252 रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया रिकॉर्ड अवधि में पूर्ण करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे दिये गये हैं।

झारखण्ड में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। हमारी सरकार द्वारा राज्य में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने तथा स्थापित इकाईयों को प्रोत्साहित करने और राज्य में रोजगार को बढ़ावा देने हेतु झारखण्ड औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन नीति-2021 लागू किया गया है। राज्य से निर्यात को बढ़वा देने के लिए एच०ई०सी० स्थित कोर कैपिटल एरिया में वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर का निर्माण किया जा रहा है। वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर में अर्न्तराष्ट्रीय व्यापार,विशेषकर निर्यात संर्वधन से संबंधित तमाम गतिविधियाँ एक ही छत के नीचे संचालित होंगी। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर झारखण्ड की अर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।

संथाल परगना प्रक्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए भारत सरकार के सहयोग से देवघर के देवीपुर में प्लास्टिक पार्क का निर्माण प्रगति पर है तथा शीघ्र ही निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। मार्च,2023 तक इसे पूर्णतः क्रियाशील करने का लक्ष्य है। इसमें लगभग 100 इकाईयाँ स्थापित होंगी तथा लगभग 7000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

झारखण्ड रेशम उत्पादन में देश का प्रमुख एवं अग्रणी राज्य है, जिसमें संथाल परगना क्षेत्र की प्रमुख भूमिका है। इसके अलावा संथाल परगना क्षेत्र में पारंपरिक रूप से बांस शिल्प का हुनर पाया जाता है। संथाल परगना के सभी जिलों को एक्सपोर्ट हब के रुप में विकसित किए जाने हेतु निर्यात किये जाने वाले उत्पादों को चिन्हित किया गया है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्शन प्लान भी तैयार किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में दुमका प्रक्षेत्र में 1375 तसर उत्पादकों को उन्नत तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया। मेगा हैंडलूम कलस्टर के द्वारा दुमका प्रक्षेत्र के बुनकरों को लाभान्वित किया जा रहा है।

हमारी सरकार द्वारा सैलानियों को आकर्षित करने तथा राज्य में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति अधिसूचित की गई है। इस पर्यटन नीति में राज्य में पर्यटन क्षेत्र में निवेश पर विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान है।यह पर्यटन नीति राज्य के आर्थिक विकास के साथ-साथ स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर भी सृजित करेगी।

खेल के क्षेत्र में झारखण्ड की एक अलग पहचान रही है। राज्य में खेल व खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु नई खेल नीति बनाई गई है। हमारी सरकार द्वारा खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा और सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। पिछले दिनों राष्ट्रमंडल खेल,2022में राज्य की युवा खिलाड़ी लवली चौबे और रूपा रानी तिर्की ने लॉनबॉल-4 प्रतिस्पर्द्धा में भारतीय टीम को गोल्ड मेडल दिलाकर देश और झारखण्ड को गौरवान्वित किया है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी कांस्य पदक जीता है। झारखण्ड की बेटियाँ सलीमा टेटे, निक्की प्रधान एवं संगीता कुमारी इस विजेता टीम का हिस्सा थी। इसके पहले भी सलीमा टेटे एवं निक्की प्रधान ने ओलंपिक में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सबका दिल जीता है।आज हमारे राज्य के कई खिलाड़ी विभिन्न खेल स्पर्द्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखण्ड का नाम रौशन कर रहे हैं।

झारखण्ड की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गाँवों में रहती है। हमारी सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बहुआयामी प्रयास किये जा रहे हैं। कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवार की महिलाओं को सखी मंडल में संगठित कर उनको आजीविका के सशक्त साधनों से जोड़ा जा रहा है। पलाश ब्रांड के अन्तर्गत ग्रामीण महिलाओं के द्वारा उत्पादित एवं संग्रहित उत्पादों को अलग पहचान मिली है। दुमका जिले में 10 पलाश ब्राण्ड आउटलेट खोले गये हैं, ताकि उत्पादों की खरीद-बिक्री सुगमता से हो सके।

हमारी सरकार ने मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से चार महत्वपूर्ण योजनाओं यथा- ’बिरसा हरित ग्राम योजना’, ’नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना’, ’वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना’ तथा ’दीदी बाड़ी योजना’ को लागू किया गया है। उक्त सभी योजनायें संथाल परगना सहित पूरे राज्य में सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के लागू किये जाने से जहाँ एक तरफ किसानों की आय में वृद्धि हुई है वहीं दूसरी तरफ राज्य में जल एवं भूमि संरक्षण भी सुनिश्चित हुआ है।

किसानों की खुशहाली पर ही राज्य की खुशहाली निर्भर होती है। कृषि के विकास एवं किसानों की सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। कृषि ऋण के बोझ से दबे राज्य के छोटे एवं सीमान्त किसानों को झारखण्ड राज्य कृषि ऋण माफी योजना के तहत सहायता पहुँचाई जा रही है। इस योजना अन्तर्गत अब तक कुल 1529 करोड़ रुपये की राशि 3,80,000 (तीन लाख अस्सी हजार) कृषकों के ऋण खाते में ट्रांसफर की गई है। झारखण्ड राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें कृषि उत्पादन में आर्थिक नुकसान की भरपाई हेतु झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना भी संचालित की जा रही है।

किसानों के प्रशिक्षण हेतु समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना-सह-कृषक पाठशाला की शुरूआत की गई है। सरकार किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करा रही है। कृषि के यंत्रीकरण के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजीजैसे आधुनिकतम तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

किसानों की मेहनत और राज्य सरकार द्वारा कृषकों को दिये जा रहे समर्थन एवं सहयोग की बदौलत पिछले खरीफ वर्ष 2021-22 में राज्य में 74.16 लाख टन खाद्यान्न फसल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। वर्तमान खरीफ मौसम में सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा होने की सूचना है। राज्य सरकार द्वारा इस पर सतत् निगरानी रखी जा रही है। सुखाड़ की स्थिति का आकलन कर राज्य सरकार द्वारा समुचित निर्णय लिया जायेगा।

स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त ऊर्जा समय की माँग है। हमारी सरकार द्वारा झारखण्ड को प्रदूषण मुक्त ऊर्जा में अग्रणी बनाने के लिए “झारखण्ड सौर ऊर्जा नीति, 2022” लागू की गई है। राज्य के गिरिडीह शहर को “सोलर सिटी” के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा देवघर, सिमडेगा, गढ़वा एवं पलामू में 20-20 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर पार्क की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है। राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ताओं पर बोझ कम करने हेतु 100यूनिट तक की खपत करने वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली प्रदान करने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है। इससे उपभोक्ता बिजली की खपत को कम करने के लिए प्रेरित होंगे तथा ऊर्जा की बचत को भी बढ़ावा मिलेगा।

राज्य सरकार के प्रयासों से शिक्षा के स्तर में उत्तरोत्तर सुधार हो रहा है। इस वर्ष राज्य में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक बोर्ड परीक्षा का परिणाम उत्साहवर्द्धक रहा है। मैट्रिक बोर्ड में राज्य स्तर पर 95.60 प्रतिशत छात्र/छात्रायें सफल हुए हैं जो अब तक का सर्वाधिक परिणाम प्रतिशत रहा है। विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद पर नियुक्ति हेतु कार्रवाई प्रारंभ कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में एक विशेष पहल करते हुए 80 उत्कृष्ट विद्यालय,325 प्रखण्ड स्तरीय लीडर स्कूल तथा 4091 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है।

उच्च शिक्षा को और बेहतर एवं सर्वसुलभ बनाने के लिए’झारखण्ड खुला विश्वविद्यालय’ एवं ’पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय’ की स्वीकृति दी गई है। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त 2,716 (दो हजार सात सौ सोलह) पदों पर नियुक्ति हेतु अधियाचना झारखण्ड लोक सेवा आयोग को भेज दी गई है तथा नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

.राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हमारी सरकार सतत् प्रयत्नशील है। राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के उन्नयन हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला अस्पतालों में उपकरणों, दवाओं एवं चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत रिक्तियों को भरने की भी कार्रवाई की जा रही है। जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्र में संस्थागत प्रसव हेतु 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र में 1000 रुपये दिये जा रहे हैं। साथ ही निःशुल्क दवा, भोजन और जाँच की सुविधा भी दी जा रही है। देवघर में एम्स (AIIMS)के क्रियान्वित होने से संथाल परगना क्षेत्र में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलना सुनिश्चित हुआ है।

विकास का पहिया, उन्नत पथों पर ही गतिमान होता है। राज्य के विकास में पथों के महत्व को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2022-23 में लगभग 1200 कि०मी० पथ एवं 20 पुल के निर्माण  का लक्ष्य है। केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर राज्य सरकार द्वारा 30,000 करोड़ की लागत से 8 बड़ी सड़क परियोजनाओं के अंतर्गत 1570 कि०मी० फोरलेन सड़कों का निर्माण कियाजाना है। “भारतमाला” के तहत स्वीकृत अन्य सड़कों और राज्य सरकार द्वारा स्टेट हाईवे के निर्माण पर भी तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। दुमका प्रक्षेत्र में लगभग 1326 करोड़ के लागत से 729 कि०मी० पथों के राईडिंग क्वालिटी में सुधार एवं मजबूतीकरण एवं लगभग 227 कि०मी० पथों का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण एवं चार स्टैंड अलोनपुलों की स्वीकृति दी गई।

राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2020 में अनुसूचित जनजाति के 10 छात्र/छात्राओं को विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु मरड.गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना का आरम्भ किया गया था। आगामी वित्तीय वर्ष से इस योजना का विस्तार करते हुए अनुसूचित जनजाति के अलावा अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को भी इस योजना से लाभान्वित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं के शिक्षा में कोई व्यवधान न आए, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत 24 लाख छात्र/छात्राओं को 282 करोड़ रुपये की राशि एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत 4 लाख छात्र/छात्राओं को 301 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।

हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा पर जोर दे रही है। इस निमित राज्य सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री सुकन्या योजना” एवं “मुख्यमंत्री कन्यादान योजना” सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुकन्या योजनान्तर्गत विगत वर्ष 2 लाख से अधिक बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है, वहीं 10 हजार से अधिक नव-विवाहिता को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गयी।

राज्य से कुपोषण के उन्मूलन हेतु हमारी सरकार दृढ़ संकल्पित है। राज्य में आँगनबाड़ी केन्द्रों को संरचनात्मक तथा संसाधानात्मक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य के 06 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धातृ माताओं, स्कूल नहीं जाने वाली किशोरियों को उच्च पोषक तत्वों से युक्त पूरक पोषाहार नियमित रूप से उपलब्ध कराया जा रहा है। लगभग 38 लाख लाभुकों को पोषाहार नियमित रूप से उपलब्ध कराया जा रहा है।

विकास के साथ-साथ हमारी सरकार लोक-कल्याणकारी दायित्वों का निर्वहन भी पूरी तत्परता के साथ कर रही है। राज्य के वृद्ध, दिव्यांग, निराश्रित महिला तथा आदिम जनजाति परिवारों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार ने सभी योग्य लाभुकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करने हेतु सर्वजन पेंशन योजना आरम्भ की है और इस योजना में लाभुकों के लिए पात्रता को सरल बना दिया गया है। यह बताते हुए मुझे गर्व हो रहा है कि इस तरह की सार्वभौमिक पेंशन योजना लाने वाला झारखण्ड देश का पहला राज्य है। इसके माध्यम से सभी योग्य लाभुकों को इस योजना में शामिल किया जायेगा।

विकास का लाभ राज्य के सभी वर्गों, विशेषकर वंचित वर्गों तक पहुँचे,सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है। जनता की सहभागिता एवं रचनात्मक सहयोग से राज्य के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सरकार सक्षम होगी, ऐसा मेरा विश्वास है। आइये, आज हम सभी एक समृद्धशाली व खुशहाल झारखण्ड का निर्माण करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने का संकल्प लें।

मैं इस अवसर पर परेड में भाग लेने वाले जवानों को बधाई देता हूँ तथा उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करता हूँ। एक बार मैं पुनः आप सभी को आजादी की 75वीं वर्षगाँठ की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ और बधाई देता हूँ।

 

जय हिन्द!                         जय झारखण्ड!

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दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचा

नई दिल्ली ,14 अगस्त (आरएनएस/FJ)। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को छू गया। इससे पहले दिल्ली में यमुना पर बने पुराने रेलवे ब्रिज (ओआरबी) पर नदी के पानी का स्तर 205.92 मीटर था। इसको देखते हुए दिल्ली के सभी संबंधित जिलाधिकारियों और उनकी जिला सेक्टर समितियों, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, दिल्ली पुलिस और अन्य हितधारकों को हाई अलर्ट मोड पर रखा है।

पुलिस कर्मियों के अलावा दिल्ली सरकार ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और स्थानांतरित करने के लिए सिविल डिफेन्स वालंटियर्स (सीडीवी) को तैनात किया है। सिविल डिफेन्स वालंटियर्स नदी के आसपास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए भी लगातार काम कर रहे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में यमुना नदी के बढते जलस्तर पर कहा, दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ गया है, सभी से मेरी अपील कि नदी के किनारों की तरफ जाने से बचें। यमुना के आस-पास रहने वाले लोगों के लिए हमने पर्याप्त बंदोबस्त कर रखे हैं। सरकार और प्रशासन का सहयोग करें। हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

इससे पहले 11.08.2022 को, हथिनी कुंड बैराज से 221781 क्यूसेक प्रति घंटे की भारी मात्रा में पानी छोडऩे के कारण, केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने एक एडवाइजरी जारी की थी जिसमें कहा गया था कि पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना नदी में जल स्तर ( ओआरबी) जल्द ही 205.65 मीटर के स्तर पर पहुंच जाएगा। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जाने के बाद दिल्ली में पानी पहुंचने में लगभग 36 से 48 घंटे लगते हैं।

इस एडवाइजरी के मद्देनजर एक बैठक की गई थी जिसमें सभी संबंधित डीएम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित थे। उन्हें यमुना नदी में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया था । उन्हें यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि कोई भी व्यक्ति नदी के पास न जाए।

आवश्यकता पडऩे पर लोगों को प्रभावित क्षेत्र से निकालने और आश्रय, भोजन, पानी, दवा आदि जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं देकर सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया गया। दिल्ली, यूपी और हरियाणा के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को आपस में समन्वय के साथ काम करने को भी कहा गया था ताकि हथिनी कुंड बैराज से पानी छोडऩे के चरण से लेकर ओखला बैराज में गेट खोलने तक एक-दूसरे के साथ समन्वय स्थापित रहे जिससे नदी का पानी दिल्ली से सुचारू रूप से गुजर सके।

साथ ही, डीएम (दक्षिण-पश्चिम) को नजफगढ़ ड्रेन में जल स्तर पर कड़ी नजर रखने और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के साथ समन्वय में काम करने का निर्देश दिया गया था।

बढ़ते जल स्तर से दिल्ली में लगभग 36,746 लोगों के प्रभावित होने की आशंका है। सरकार पहले ही प्रभावित लोगों के लिए विशेष राहत शिविर लगा चुकी है। उत्तरी जिले में लगभग 4,449 की आबादी प्रभावित होने का अनुमान है, उत्तर पूर्व जिले में ऐसे लोगों की संख्या 6,600-8,200 के बीच है। इसी तरह मध्य और शाहदरा जिलों में ऐसी आबादी की संख्या क्रमश लगभग 6,670 और 608 है। पूर्व और दक्षिण पूर्व जिलों में यह संख्या क्रमश: 12,739 और 4,080 तक जाने की उम्मीद है। अब तक कुल 7,720 लोगों को निकाला गया है, जिनमें से 2095 लोग उत्तर पूर्व जिले में, 5000 पूर्वी जिले में और 625 दक्षिण पूर्व जिले में थे।

दिल्ली सरकार ने मुनादी और बचाव कार्य के लिए 51 नावों को ड्यूटी पर तैनात किया है। दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और उन्होंने सभी संबंधित डीएम और उनकी सेक्टर समितियों को अलर्ट मोड पर रहने और आई एंड एफसी विभाग, पुलिस, डीजेबी, डीयूएसआईबी और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय में प्रभावी ढंग से काम करने का निर्देश दिया है।

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सीआईएसएफ ने दिल्ली एयरपोर्ट पर 40 लाख के विदेशी नोटों के साथ 3 यात्रियों को पकड़ा

नई दिल्ली ,14 अगस्त (आरएनएस/FJ)। एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 3 यात्रियों को हिरासत में लिया है। इन सभी के पास से करीब 40 लाख भारतीय मूल्य के विदेशी नोट जप्त किए हैं। सीआईएसएफ ने रविवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने आज दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 40 लाख भारतीय मूल्य के विदेशी नोट बरामद किए हैं। सीआईएसएफ ने जब चेक इन बैग की जांच के दौरान 3 यात्रियों के बैग की जांच की तो पता चला कि बैग में मौजूद छोटे छोटे डब्बों में विदेशी नोट छिपाकर रखे गए थे। ये नोट इस तरह से डब्बों में छुपाकर रखे थे, ताकि किसी को इसकी भनक ना लगे।

सीआईएसएफ के मुताबिक बरामद किए गए लगभग 40 लाख मूल्य के इन विदेशी नोटों की तीनों यात्री कोई जानकारी या दस्तावेज नहीं दिखा पाए। गौरतलब है कि एक तय सीमा से ज्यादा कैश लाने और ले जाने पर पाबंदी है।

सीआईएसएफ ने इस मामले में तीनों यात्रियों को हिरासत में ले लिया। आगे की जांच और पूछताछ के लिए पैसे और आरोपियों दोनों को कस्टम विभाग के हवाले कर दिया गया है।

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लाल किला इलाका स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर बना अभेद किला

नई दिल्ली ,14 अगस्त (आरएनएस/FJ) । लाल किला इलाका स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर बना अभेद किला. 15 अगस्त को लेकर दिल्ली में लाल किले के आस पास जमीन से लेकर आसमान तक ऐसी सुरक्षा व्यवस्था की गई है कि परिंदा भी पर न मार सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे और देश को संबोधित करेंगे। पूरे इलाके को अभेद किले में तब्दील कर दिया गया है।

हालांकि स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर आतंकी हमले की धमकी को देखते हुए भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। लाल किले की ओर जाने वाली सभी सड़कों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही लाल किले के चारों ओर पांच किलोमीटर के दायरे में हवाई क्षेत्र को भी चिह्न्ति किया गया है।

15 अगस्त पर खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली में ड्रोन हमले का अलर्ट जारी किया है, डिआरडीओ द्वारा विकसित काउंटर-ड्रोन सिस्टम को छोटे ड्रोन से किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए लाल किला के ठीक सामने तैनात किया गया है, ताकि हवाई हमले से बचाव किया जा सके।

यह काउंटर ड्रोन सिस्टम पांच किलोमीटर तक के रेडियस से ड्रोन की पहचान कर उसे नष्ट करने में मदद करेगा। वहीं तिरंगा फहराए जाने तक लाल किले के आसपास के पांच किलोमीटर के क्षेत्र को नो काइट फ्लाइंग जोन के रूप में चिह्न्ति किया गया है।

इसके अलावा लाल किले की सुरक्षा के चलते 10,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। लाल किले के प्रवेश द्वार पर चेहरे की पहचान प्रणाली (एफआरएस) वाले कैमरे लगाए गए हैं। वहीं लाल किले को जोडऩे वाले सभी मार्गो पर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है और सैकड़ों की संख्या में कैमरे भी लगाए गए हैं।

लाल किले के आसपास रहने वाले लोगों की जानकारी भी इक_ी की गई है, वहीं जो लोग किराए पर रहते हैं उनकी भी जानकारी पुलिस ने जमा की है। लाल किले के आसपास गाडिय़ों की पार्किंग को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है और वहां भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया है।

वहीं, 14 अगस्त को रात 10 बजे से अगले दिन सुबह 11 बजे तक वाणिज्यिक और परिवहन वाहनों की आवाजाही के लिए ये दिल्ली की सीमाएं बंद रहेंगी।

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उपराष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उनका संदेश इस प्रकार है-

“मैं 76वें स्वतंत्रता दिवस के उल्लासपूर्ण अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।

आज जब हम विगत पचहत्तर वर्षों में देश की उपलब्धियों का उत्सव मना रहे हैं, हम यह भी याद रखें कि यह आज़ादी कितने कठिन संघर्ष के बाद अर्जित की गई। स्वतंत्रता दिवस हमें उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण करने तथा उन्हें श्रद्धांजलि देने का भी अवसर है, जिनके साहस और बलिदान ने हमें एक दमनकारी औपनिवेशिक शासन से मुक्ति दिलायी।

आज, आधुनिक भारत के उन निर्माताओं के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करने का भी दिन है जिनके श्रम और संकल्प ने एक संप्रभु, स्थायी और सुदृढ़ गणतंत्र की नींव डाली। आज, भारत संभावनाओं और सामर्थ्य से परिपूर्ण देश है जो सर्वांगीण विकास के पथ पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

आज जब हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, यह समय है कि हमारे महान क्रांतिकारियों और स्वाधीनता सेनानियों की प्रेरणादायक शौर्यगाथाऐं बारंबार सुनी और सुनायी जाएं जिससे हमारी युवा पीढ़ी को देशभक्ति, बलिदान तथा सेवा जैसे सद्गुणों को आत्मसात करने की प्रेरणा मिल सके।

आज इस स्वाधीनता दिवस के अवसर पर हम ‘भारत’ के सभ्यतागत संस्कारों तथा संवैधानिक मूल्यों के प्रति पुनः कटिबद्ध हों तथा एक समावेशी, प्रगतिशील और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए स्वयं को समर्पित करें।”

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भारत की माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 76वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश

मेरे प्यारे देशवासियो,

नमस्कार!

छिहत्तरवें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। इस गौरवपूर्ण अवसर पर आपको संबोधित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। एक स्वाधीन देश के रूप में भारत 75 साल पूरे कर रहा है। 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस स्मृति दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है। 15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था। उस दिन हमने अपनी नियति को नया स्वरूप देने का निर्णय लिया था। उस शुभ-दिवस की वर्षगांठ मनाते हुए हम लोग सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर नमन करते हैं। उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया ताकि हम सब एक स्वाधीन भारत में सांस ले सकें।

भारत की आजादी हमारे साथ-साथ विश्व में लोकतंत्र के हर समर्थक के लिए उत्सव का विषय है। जब भारत स्वाधीन हुआ तो अनेक अंतरराष्ट्रीय नेताओं और विचारकों ने हमारी लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली की सफलता के विषय में आशंका व्यक्त की थी। उनकी इस आशंका के कई कारण भी थे। उन दिनों लोकतंत्र आर्थिक रूप से उन्नत राष्ट्रों तक ही सीमित था। विदेशी शासकों ने वर्षों तक भारत का शोषण किया था। इस कारण भारत के लोग गरीबी और अशिक्षा से जूझ रहे थे। लेकिन भारतवासियों ने उन लोगों की आशंकाओं को गलत साबित कर दिया। भारत की मिट्टी में लोकतंत्र की जड़ें लगातार गहरी और मजबूत होती गईं।

अधिकांश लोकतान्त्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। इस प्रकार आधुनिक भारत के निर्माताओं ने प्रत्येक वयस्क नागरिक को राष्ट्र-निर्माण की सामूहिक प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर प्रदान किया। भारत को यह श्रेय जाता है कि उसने विश्व समुदाय को लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता से परिचित कराया।

मैं मानती हूं कि भारत की यह उपलब्धि केवल संयोग नहीं थी। सभ्यता के आरंभ में ही भारत-भूमि के संतों और महात्माओं ने सभी प्राणियों की समानता व एकता पर आधारित जीवन-दृष्टि विकसित कर ली थी। महात्मा गांधी जैसे महानायकों के नेतृत्व में हुए स्वाधीनता संग्राम के दौरान हमारे प्राचीन जीवन-मूल्यों को आधुनिक युग में फिर से स्थापित किया गया। इसी कारण से हमारे लोकतंत्र में भारतीयता के तत्व दिखाई देते हैं। गांधीजी सत्ता के विकेंद्रीकरण और जन-साधारण को अधिकार-सम्पन्न बनाने के पक्षधर थे।

पिछले 75 सप्ताह से हमारे देश में स्वाधीनता संग्राम के महान आदर्शों का स्मरण किया जा रहा है। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मार्च 2021 में दांडी यात्रा की स्मृति को फिर से जीवंत रूप देकर शुरू किया गया। उस युगांतरकारी आंदोलन ने हमारे संघर्ष को विश्व-पटल पर स्थापित किया। उसे सम्मान देकर हमारे इस महोत्सव की शुरुआत की गई। यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है। देशवासियों द्वारा हासिल की गई सफलता के आधार पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का संकल्प भी इस उत्सव का हिस्सा है। हर आयु वर्ग के नागरिक पूरे देश में आयोजित इस महोत्सव के कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। यह भव्य महोत्सव अब ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के साथ आगे बढ़ रहा है। आज देश के कोने-कोने में हमारा तिरंगा शान से लहरा रहा है। स्वाधीनता आंदोलन के आदर्शों के प्रति इतने व्यापक स्तर पर लोगों में जागरूकता को देखकर हमारे स्वाधीनता सेनानी अवश्य प्रफुल्लित हुए होते।

हमारा गौरवशाली स्वाधीनता संग्राम इस विशाल भारत-भूमि में बहादुरी के साथ संचालित होता रहा। अनेक महान स्वाधीनता सेनानियों ने वीरता के उदाहरण प्रस्तुत किए और राष्ट्र-जागरण की मशाल अगली पीढ़ी को सौंपी। अनेक वीर योद्धाओं तथा उनके संघर्षों विशेषकर किसानों और आदिवासी समुदाय के वीरों का योगदान एक लंबे समय तक सामूहिक स्मृति से बाहर रहा। पिछले वर्ष से हर 15 नवंबर को ‘जन-जातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का सरकार का निर्णय स्वागत-योग्य है। हमारे जन-जातीय महानायक केवल स्थानीय या क्षेत्रीय प्रतीक नहीं हैं बल्कि वे पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

प्यारे देशवासियो,

एक राष्ट्र के लिए, विशेष रूप से भारत जैसे प्राचीन देश के लंबे इतिहास में, 75 वर्ष का समय बहुत छोटा प्रतीत होता है। लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर यह काल-खंड एक जीवन-यात्रा जैसा है। हमारे वरिष्ठ नागरिकों ने अपने जीवनकाल में अद्भुत परिवर्तन देखे हैं। वे गवाह हैं कि कैसे आजादी के बाद सभी पीढ़ियों ने कड़ी मेहनत की, विशाल चुनौतियों का सामना किया और स्वयं अपने भाग्य-विधाता बने। इस दौर में हमने जो कुछ सीखा है वह सब उपयोगी साबित होगा क्योंकि हम राष्ट्र की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव की ओर आगे बढ़ रहे हैं। हम सब 2047 में स्वाधीनता के शताब्दी-उत्सव तक की 25 वर्ष की अवधि यानि भारत के अमृत-काल में प्रवेश कर रहे हैं।

हमारा संकल्प है कि वर्ष 2047 तक हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे। इसी काल-खंड में हम बाबासाहब भीमराव आम्बेडकर के नेतृत्व में संविधान का निर्माण करने वाली विभूतियों के vision को साकार कर चुके होंगे। एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हम पहले से ही तत्पर हैं। वह एक ऐसा भारत होगा जो अपनी संभावनाओं को साकार कर चुका होगा।

दुनिया ने हाल के वर्षों में एक नए भारत को उभरते हुए देखा है, खासकर COVID-19 के प्रकोप के बाद। इस महामारी का सामना हमने जिस तरह किया है उसकी सर्वत्र सराहना की गई है। हमने देश में ही निर्मित वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। पिछले महीने हमने दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है। इस महामारी का सामना करने में हमारी उपलब्धियां विश्व के अनेक विकसित देशों से अधिक रही हैं। इस प्रशंसनीय उपलब्धि के लिए हम अपने वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और टीकाकरण से जुड़े कर्मचारियों के आभारी हैं। इस आपदा में कोरोना योद्धाओं द्वारा किया गया योगदान विशेष रूप से प्रशंसनीय है।

कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में मानव-जीवन और अर्थ-व्यवस्थाओं पर कठोर प्रहार किया है। जब दुनिया इस गंभीर संकट के आर्थिक परिणामों से जूझ रही थी तब भारत ने स्वयं को संभाला और अब पुनः तीव्र गति से आगे बढ़ने लगा है। इस समय भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है। भारत के start-up eco-system का विश्व में ऊंचा स्थान है। हमारे देश में start-ups की सफलता, विशेषकर unicorns की बढ़ती हुई संख्या, हमारी औद्योगिक प्रगति का शानदार उदाहरण है। विश्व में चल रही आर्थिक कठिनाई के विपरीत, भारत की अर्थ-व्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने का श्रेय सरकार तथा नीति-निर्माताओं को जाता है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान physical और digital infrastructure के विकास में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री गति-शक्ति योजना के द्वारा connectivity को बेहतर बनाया जा रहा है। परिवहन के जल, थल, वायु आदि पर आधारित सभी माध्यमों को भली-भांति एक दूसरे के साथ जोड़कर पूरे देश में आवागमन को सुगम बनाया जा रहा है। प्रगति के प्रति हमारे देश में दिखाई दे रहे उत्साह का श्रेय कड़ी मेहनत करने वाले हमारे किसान व मजदूर भाई-बहनों को भी जाता है। साथ ही व्यवसाय की सूझ-बूझ से समृद्धि का सृजन करने वाले हमारे उद्यमियों को भी जाता है। सबसे अधिक खुशी की बात यह है कि देश का आर्थिक विकास और अधिक समावेशी होता जा रहा है तथा क्षेत्रीय विषमताएं भी कम हो रही हैं।

लेकिन यह तो केवल शुरुआत ही है। दूरगामी परिणामों वाले सुधारों और नीतियों द्वारा इन परिवर्तनों की आधार-भूमि पहले से ही तैयार की जा रही थी। उदाहरण के लिए ‘Digital India’ अभियान द्वारा ज्ञान पर आधारित अर्थ-व्यवस्था की आधारशिला स्थापित की जा रही है। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ का उद्देश्य भावी पीढ़ी को औद्योगिक क्रांति के अगले चरण के लिए तैयार करना तथा उन्हें हमारी विरासत के साथ फिर से जोड़ना भी है।

आर्थिक प्रगति से देशवासियों का जीवन और भी सुगम होता जा रहा है। आर्थिक सुधारों के साथ-साथ जन-कल्याण के नए कदम भी उठाए जा रहे हैं। ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ की सहायता से गरीब के पास स्वयं का घर होना अब एक सपना नहीं रह गया है बल्कि सच्चाई का रूप ले चुका है। इसी तरह ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत ‘हर घर जल’ योजना पर कार्य चल रहा है।

इन उपायों का और इसी तरह के अन्य प्रयासों का उद्देश्य सभी को, विशेषकर गरीबों को, बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। भारत में आज संवेदनशीलता व करुणा के जीवन-मूल्यों को प्रमुखता दी जा रही है। इन जीवन-मूल्यों का मुख्य उद्देश्य हमारे वंचित, जरूरतमंद तथा समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों के कल्याण हेतु कार्य करना है। हमारे राष्ट्रीय मूल्यों को, नागरिकों के मूल कर्तव्यों के रूप में, भारत के संविधान में समाहित किया गया है। देश के प्रत्येक नागरिक से मेरा अनुरोध है कि वे अपने मूल कर्तव्यों के बारे में जानें, उनका पालन करें, जिससे हमारा राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छू सके।

प्यारे देशवासियो,

आज देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थ-व्यवस्था तथा इनके साथ जुड़े अन्य क्षेत्रों में जो अच्छे बदलाव दिखाई दे रहे हैं उनके मूल में सुशासन पर विशेष बल दिए जाने की प्रमुख भूमिका है। जब ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ की भावना से कार्य किया जाता है तो उसका प्रभाव प्रत्येक निर्णय एवं कार्य-क्षेत्र में दिखाई देता है। यह बदलाव विश्व समुदाय में भारत की प्रतिष्ठा में भी दिखाई दे रहा है।

भारत के नए आत्म-विश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं। अब देश में स्त्री-पुरुष के आधार पर असमानता कम हो रही है। महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी। आज हमारी पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या चौदह लाख से कहीं अधिक है।

हमारे देश की बहुत सी उम्मीदें हमारी बेटियों पर टिकी हुई हैं। समुचित अवसर मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं। अनेक बेटियों ने हाल ही में सम्पन्न हुए राष्ट्रमंडल खेलों में देश का गौरव बढ़ाया है। हमारे खिलाड़ी अन्य अंतर-राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी देश को गौरवान्वित कर रहे हैं। हमारे बहुत से विजेता समाज के वंचित वर्गों में से आते हैं। हमारी बेटियां fighter-pilot से लेकर space scientist होने तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं।

प्यारे देशवासियो,

जब हम स्वाधीनता दिवस मनाते हैं तो वास्तव में हम अपनी ‘भारतीयता’ का उत्सव मनाते हैं। हमारा भारत अनेक विविधताओं से भरा देश है। परंतु इस विविधता के साथ ही हम सभी में कुछ न कुछ ऐसा है जो एक समान है। यही समानता हम सभी देशवासियों को एक सूत्र में पिरोती है तथा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

भारत अपने पहाड़ों, नदियों, झीलों और वनों तथा उन क्षेत्रों में रहने वाले जीव-जंतुओं के कारण भी अत्यंत आकर्षक है। आज जब हमारे पर्यावरण के सम्मुख नई-नई चुनौतियां आ रही हैं तब हमें भारत की सुंदरता से जुड़ी हर चीज का दृढ़तापूर्वक संरक्षण करना चाहिए। जल, मिट्टी और जैविक विविधता का संरक्षण हमारी भावी पीढ़ियों के प्रति हमारा कर्तव्य है। प्रकृति की देखभाल माँ की तरह करना हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। हम भारतवासी अपनी पारंपरिक जीवन-शैली से पूरी दुनिया को सही राह दिखा सकते हैं। योग एवं आयुर्वेद विश्व-समुदाय को भारत का अमूल्य उपहार है जिसकी लोकप्रियता पूरी दुनिया में निरंतर बढ़ रही है।

प्यारे देशवासियो,

हमारे पास जो कुछ भी है वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ है। इसलिए हमें अपने देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देने का संकल्प लेना चाहिए। हमारे अस्तित्व की सार्थकता एक महान भारत के निर्माण में ही दिखाई देगी। कन्नड़ा भाषा के माध्यम से भारतीय साहित्य को समृद्ध करने वाले महान राष्ट्रवादी कवि ‘कुवेम्पु’ ने कहा है:

नानु अलिवेनीनु अलिवे

नम्मा एलुबुगल मेले

मूडुवुदु मूडुवुदु

नवभारत-द लीले।

अर्थात

मैं नहीं रहूंगा

न रहोगे तुम

परन्तु हमारी अस्थियों पर

उदित होगीउदित होगी

नये भारत की महागाथा।‌

उस राष्ट्रवादी कवि का यह स्पष्ट आह्वान है कि मातृ-भूमि तथा देशवासियों के उत्थान के लिए सर्वस्व बलिदान करना हमारा आदर्श होना चाहिए। इन आदर्शों को अपनाने के लिए मैं अपने देश के युवाओं से विशेष अनुरोध करती हूं। वे युवा ही 2047 के भारत का निर्माण करेंगे।

अपना सम्बोधन समाप्त करने से पहले मैं भारत के सशस्त्र बलों, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों और अपनी मातृभूमि को गौरवान्वित करने वाले प्रवासी-भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की बधाई देती हूं। मैं सभी देशवासियों के सुखद और मंगलमय जीवन के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं।

धन्यवाद,

जय हिन्द!

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दिल्ली : बांग्लादेशी नागरिक दर्जन भर पासपोर्ट के साथ पकड़े गए

नई दिल्ली ,14 अगस्त (आरएनएस/FJ)। दिल्ली पुलिस ने 75वें स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले रविवार को कहा कि उन्होंने दो बांग्लादेशी नागरिकों को लगभग एक दर्जन पासपोर्ट और विभिन्न मंत्रालयों के 10 नकली टिकटों के साथ गिरफ्तार किया है।

पुलिस उपायुक्त (द्वारका) एम. हर्षवर्धन ने कहा कि आगामी स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर नियमित विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है और रामफल चौक में ऐसे ही एक अभियान के दौरान पुलिस वहां रहने वाले दो बांग्लादेशी नागरिकों के घर गई।

बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान मोहम्मद मुस्तफा (28) और मोहम्मद हुसैन शेख के रूप में की गई है।

डीसीपी ने कहा, खोज करने पर, उनके पास बांग्लादेशी नागरिकों के 11 पासपोर्ट और बांग्लादेश के विभिन्न मंत्रालयों और नोटरी के 10 नकली टिकट पाए गए। नकली रबर स्टैंप के बारे में, उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं था।

तदनुसार, पुलिस ने दोनों के खिलाफ कानून की उपयुक्त धाराओं (विदेशी अधिनियम और 468 आईपीसी) के तहत मामला दर्ज किया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

आरोपी युगल ने कहा कि वे बांग्लादेशी नागरिकों के लिए एजेंट के रूप में काम करते थे जो इलाज के लिए आते हैं।

अधिकारी ने कहा, हालांकि उनके पास से बड़ी संख्या में नकली टिकटों की बरामदगी की जांच की जा रही है।

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आजादी के अमृत महोत्सव पर शहडोल संभाग के बच्चों के बस्ते का बोझ हुआ कम

शहडोल ,14 अगस्त (आरएनएस)।  आजादी का अमृत महोत्सव शहडोल संभाग के स्कूली बच्चों के लिए खुशहाली का संदेश लेकर आया है। यहां के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के बस्ते का बोझ कम हो गया है। बच्चों के स्कूल के बैग का बढ़ता वजन हर किसी के लिए चिंता का सबब रहा है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने नेशनल स्कूल बैग नीति 2020 बनाई।

इस नीति में यह तय किया गया कि बच्चों के वजन से 10 फीसदी से अधिक बैग का भार नहीं होना चाहिए, इसके लिए मध्यप्रदेश में भी कदम आगे बढ़ाए गए। इस मामले में शहडोल संभाग प्रदेश के दूसरे संभागों को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गया है, क्योंकि यहां बच्चों के बैग के वजन को कम कर दिया गया है।

शहडोल के संभाग आयुक्त राजीव शर्मा ने बच्चों के स्कूली बैग का वजन कम करने की रणनीति बनाई। इसके लिए उन्होंने एक टीम बनाई और इस टीम को सरकारी और निजी स्कूलों में भेजा गया, जब बच्चों के बैग का वजन लिया गया तो वे वह निर्धारित मापदंड से दो और तीन गुना तक ज्यादा वजन निकला।

इस पर तमाम प्राचार्यों और शिक्षा अधिकारियों को हिदायत देने के साथ स्कूलों का निरीक्षण किया गया। बीते एक पखवाड़े तक चली मुहिम का नतीजा यह हुआ कि 12 दिन की कवायद के बाद बच्चों के बैग का वजन बच्चों के वजन के मुकाबले 10 फीसदी कम कर दिया गया।

शहडोल के संभाग आयुक्त शर्मा बताते है कि नेशनल स्कूल बैग नीति के अनुसार सभी स्कूलों में बच्चों के बैग का वजन लिया गया तो यह बात सामने आई कि बैग का वजन बहुत ज्यादा है। इस पर बैग के बोझ को कम करने की रणनीति बनाकर उस पर अमल किया गया, जिसके चलते बस्ते का बोझ कम कर हो गया है।

मध्य प्रदेश का शहडोल पहला ऐसा संभाग बन गया है जहां बच्चों के बैग का वजन कम कर दिया गया है। आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर यह बड़ी सौगात मिली है स्कूली बच्चों को।

संभाग के पूरी तरह बच्चों के स्कूली बैग अतिरिक्त बोझ से मुक्त हो जाएंगे। इसकी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा घोषणा भी की जाएगी।

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स्वतंत्रता दिवस पर 1,082 पुलिसकर्मियों को मिलेगा पदक

*गृहमंत्रालय ने जारी की सूची*

नई दिल्ली ,14 अगस्त (आरएनएस/FJ)। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस साल 1082 पुलिसकर्मियों को पदक से सम्मानित किया जाएगा। सभी कैटेगरी में सबसे ज्यादा 125 पदक जम्मू कश्मीर पुलिस को मिले हैं। गृहमंत्रालय ने रविवार को इनके नामों की सूची जारी कर दी।

इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए जाने वाले पुलिस पदकों की घोषणा कर दी गई है। गृहमंत्रालय के मुताबिक इस साल कुल 1082 पुलिसकर्मियों को अलग अलग पदकों से सम्मानित किया जाएगा। इनमें 347 पुलिसकर्मियों को वीरता के लिए पुलिस पदक, जबकि 87 पुलिसकर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्रदान किया जाएगा।

इसके अलावा 648 पुलिसकर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक दिए गए हैं। इन सभी पुलिसकर्मियों को 15 अगस्त के मौके पर ये पदक दिए जाएंगे।

गृहमंत्रालय ने जो सूची जारी की है, उसके मुताबिक ये सभी पदक अलग अलग राज्यों की पुलिस और अर्धसैनिक बलों को दिए गए हैं। खास बात ये है कि तीनों कैटेगरी में सबसे ज्यादा 125 पदक जम्मू कश्मीर पुलिस को मिले हैं। जिन 347 पुलिसकर्मियों को वीरता के लिए पदक दिए गए हैं, उनमें 204 को जम्मू कश्मीर में उनकी बहादुरी, जबकि 80 पुलिसकर्मी ऐसे शामिल किए गए हैं, जिन्होंने लेफ्ट विंग प्रभावित नक्सली इलाकों में बहादुरी दिखाने का काम किया है।

वहीं 14 पुलिसकर्मियों को नार्थ ईस्ट क्षेत्र में काम के लिए वीरता पदक मिल रहा है।

वीरता के लिए पुलिस पदक पाने वालों में सीआरपीएफ के 109, जम्मू कश्मीर पुलिस के 108, बीएसएफ के 19 और 42 महाराष्ट्र पुलिस के जवान शामिल हैं। बाकी अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसकर्मी शामिल हैं।

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15 अगस्त से पहले यूपी को दहलाने की साजिश नाकाम

*कानपुर से जैश आतंकी हबीबुल इस्लाम गिरफ्तार*

कानपुर ,14 अगस्त (आरएनएस/FJ)। 15 अगस्त से पहले यूपी एटीएस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। कानपुर से जैश-ए-मोहम्मद संगठन का आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। सैफुल्ला मूलरूप से बिहार के मोतिहारी का रहने वाला है।

वर्तमान में वह यूपी के फतेहपुर जिले में रहता था। पकड़ा गया आतंकी वर्चुअल आईडी बनाने में एक्सपर्ट है। हबीबुल सोशल मीडिया के माध्यमों जैसे टेलीग्राम, वॉट्सऐप, फेसबुक मैसेंजर आदि के जरिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हैंडलर से जुड़ा था।

पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह बीते दिनों गिरफ्तार किए गए आतंकी मोहम्मद नदीम से जुड़ा हुआ था और सोशल मीडिया पर उसकी फेक आईडी बनाई थी। आतंकी सैफुल्ला ने स्वीकार किया कि वह नदीम को जानता है और दोनों एक ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए हैं।

जैश-ए मोहम्मद से जुड़े आतंकी हबीबुल उर्फ सैफुल्लाह की यूपी को दहलाने की साजिश थी।

50 आतंकियों के आईडी बनाकर काम करता था। ये सभी बम बनाने की ट्रेनिंग भी ले रहे थे। फिलहाल एटीएस आतंकी से जुड़े कनेक्शन खंगालने में जुटी है।

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नहीं रहे शेयर मार्केट के बेताज बादशाह राकेश झुनझुनवाला

*मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस*

मुंबई ,14 अगस्त (एजेंसी )। शेयर मार्केट के बिगबुल और अरबपति व्यवसायी राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया है। झुनझुनवाला ने 62 साल की उम्र में ली अंतिम सांस ली। झुनझुनवाला ने रविवार सुबह 6.45 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। इसकी पुष्टि अस्पताल ने की है। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ने उनके निधन की पुष्टि की है। झुनझुनवाला को 2-3 सप्ताह पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था और वह घर आ गए थे। झुनझुनवाला के निधन की खबर सुनकर हर कोई स्तब्ध है।

बता दें कि करीब एक हफ्ते पहले ही राकेश झुनझुनवाला ने अपनी एयरलाइंस अकासा की भी शुरुआत की थी। उनकी अकासा एयरलाइंस के पहले विमान ने 7 अगस्त को मुंबई से अहमदाबाद के लिए उड़ान भरी थी। उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत विमानन क्षेत्र के कारोबारी आदित्य घोष और विनय दुबे के साथ मिलकर की थी।

भारत के वारेन बफे कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला की कमाई का मुख्य जरिया शेयर बाजार है। झुनझुनवाला की इस सफल कहानी की शुरुआत महज पांच हजार रुपये से हुई थी। आज उनकी नेटवर्थ करीब 40 हजार करोड़ रुपये है। इसी सफलता के कारण झुनझुनवाला को इंडियन स्टॉक मार्केट का बिगबुल और भारत का वारेन बफेट कहा जाता है। जब आम इन्वेस्टर्स शेयर बाजार में पैसे गंवा रहे होते हैं, झुनझुनवाला उस समय भी कमाई करने में सफल रहते हैं।

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जम्मू-कश्मीर : कुलगाम में आतंकियों ने किया ग्रेनेड से हमला, पुलिसकर्मी शहीद

श्रीनगर 14 Aug. (Rns/FJ) : जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की नापाक साजिशें बढ़ गई हैं। दो दिन पहले ही आतंकियों के साथ एनकाउंटर में तीन जवान शहीद हो गए थे। अब कुलगाम में आतंकियों ने ग्रेनेड हमले को अंजाम दिया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक इस घटना में पुलिस के एक जवान शहीद हो गए हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि कुलगाम के कैमोह में शनिवार रात ग्रेनेड हमले की घटना घटी। इस आतंकी घटना में पुंछ के मेंढर निवासी ताहिर खान घायल हो गए। उन्हें अनंतनाग के जीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज के दौरान पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

आतंकियों द्वारा यह ग्रेनेड हमला ऐसे वक्त हुआ है जब सुरक्षा बलों ने घाटी में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है और पिछले कुछ दिनों में कई एनकाउंटर किए हैं। 13 अगस्त को श्रीनगर में एक अन्य ग्रेनेड हमले में सीआरपीएफ के एक जवान घायल हो गए थे। सीआरपीएफ के जवान उस वक्त घायल हो गए जब ईदगाह के पास आतंकियों ने उनपर ग्रेनेड से हमला किया। हालांकि यह ग्रेनेड उतना शक्तिशाली नहीं था जिससे जवान मामूली रूप से ही घायल हुए। हमले के बाद सुरक्षा बलों ने दोषियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया है।

पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सेना के एक शिविर पर जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों द्वारा आत्मघाती हमला किया गया जिसमें चार जवान शहीद हो गए थे। बाद में सुरक्षा बलों ने गोलीबारी में दोनों आतंकी को ढेर कर दिया। सुरक्षा बलों पर यह हमला आतंकियों द्वारा नागरिकों को लक्षित निशाना बनाए जाने की कई घटनाओं के बाद किया जा रहा है। इस सप्ताह से पहले जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक 19 वर्षीय लड़के मोहम्मद अमरेज की गोली मारकर हत्या कर दी।

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कारम डेम से पानी निकासी का कार्य जारी, प्रशासन की सतर्कता जारी

भोपाल 14 Aug. (Rns/FJ): मध्यप्रदेश के धार जिले में कारम नदी पर निर्माणाधीन कारम सिंचाई परियोजना के डेम से जलरिसाव के बीच तैयार की गयी ‘पैरेलल चैनल’ की मदद से पानी निकासी का कार्य देर रात से जारी है और माना जा रहा है कि अब इससे जुड़ी आशंकाएं कम हो गयी हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तीन दिन पहले डेम की दीवार के हिस्से से जलरिसाव की घटना के बाद से प्रशासन ने तकनीकी विशेषज्ञों और सेना की तैनाती के बीच पैरेलल चैनल तैयार की। इससे देर रात जलनिकासी का कार्य प्रारंभ हो गया है। ऐसा करने का उद्देश्य यह है कि बांध पर जल का दबाव कम किया जा सके, जिससे क्षतिग्रस्त दीवार को और अधिक नुकसान नहीं हो।

सूत्रों ने कहा कि इस बीच धार जिले के 12 और खरगोन जिले के 06 गांव खाली करा लिए गए हैं और पुलिस प्रशासन तथा सेना के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है। सेना के कम से कम दो हेलीकॉप्टर को भी क्षेत्र में तैनात किया गया है।

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल से लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वे कल यहां दिन से लेकर रात्रि तीन बजे तक राज्य स्तरीय विशेष नियंत्रण कक्ष (स्टेट सिचुएशन रूम) में बैठे रहे और वहीं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी करते रहे। उनके साथ वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भी मौजूद रही। जब पैरेलल चैनल से ‘रेगुलेटेड पानी’ निकलना प्रारंभ हुआ, तब श्री चौहान नियंत्रण कक्ष से निवास के लिए रवाना हुए। आज वे दिन में फिर से नियंत्रण कक्ष पहुंचेंगे। श्री चौहान ने सुबह निवास से ही फोन पर इंदौर संभाग और धार तथा खरगोन जिले के अधिकारियों से चर्चा कर ताजा हालात जाने।

दूसरी ओर परियोजना के निर्माण से जुड़ी कंपनी और इससे जुड़े अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने इस संबंध में आरोप लगाए हैं। हालाकि राज्य सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता सबसे पहले बांध के फूटने की आशंका से मुक्त होना है और वह इसी दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। बांध को बड़े नुकसान से बचाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य जारी हैं।

तीन सौ करोड़ रुपयों से अधिक की लागत वाली इस परियोजना का कार्य पिछले तीन चार वर्षों से चल रहा है और यह अब भी जारी है। बांध में इस बार बारिश में पहली बार पानी भरने की सूचना है और इसके बाद ही ये हालात बन गए।

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जम्मू-कश्मीर में मौसम साफ रहने की संभावना

श्रीनगर 14 Aug. (Rns/FJ): जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों के दौरान मौसम साफ रहा, क्योंकि मौसम विज्ञान (एमईटी) कार्यालय ने रविवार को कहा कि अगले 24 घंटों तक भी यही हालात बने रहने की संभावना है। विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में मौसम मुख्य रूप से साफ रहने की संभावना है।”

न्यूनतम तापमान श्रीनगर में 19.8, पहलगाम में 13.8 और गुलमर्ग में 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

लद्दाख क्षेत्र में, द्रास में 11 और लेह में 13.8 न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।

न्यूनतम तापमान जम्मू में 26.5, कटरा में 24.9, बटोटे में 19.6, बनिहाल में 19.4 और भद्रवाह में 18.2 रहा।

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आजादी का अमृत महोत्सव के तहत पौधरोपण अभियान शुरू

लखनऊ 14 Aug. (Rns/FJ): आजादी का अमृत महोत्सव के समापन के अवसर पर 15 अगस्त को प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय में 75 पौधे लगाए जाएंगे। राज्य में लगाए जाने वाले पेड़ों की कुल संख्या 35 करोड़ होगी।

75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों में ‘अमृत वन (जंगल)’ लगाए जाएंगे।

अमृत वैन में 75 विभिन्न प्रकार की स्थानीय रूप से उगाई जाने वाली पेड़ प्रजातियां होंगी। राज्य में अमृत वनों के रोपण के लिए 43,003 स्थलों की पहचान की गई है।

सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, चिन्हित स्थलों पर 34 लाख से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे।

प्रवक्ता ने कहा, “तैयारी कर ली गई है। पौधे पहले ही स्थलों पर भेजे जा चुके हैं।”

स्वतंत्रता संग्राम एवं स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े स्थलों पर भी 15 अगस्त को छात्र-छात्राओं, स्काउट-गाइड एवं जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से पौधरोपण किया जाएगा।

जबकि इस वर्ष राज्य सरकार ने राज्य के लिए सबसे बड़ा पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया था। आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत राज्य में 35 करोड़ पेड़ लगाए जाएंगे।

यह पहली बार है, जब पूरे राज्य में अमृत वन लगाए जाएंगे।

वर्ष 2022 के लिए कुल 35 करोड़ पेड़ के लक्ष्य में से 30 करोड़ पेड़ 7 जुलाई तक लगाए गए थे। शेष पांच करोड़ पौधे आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में लगाए जाएंगे।

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बीएसएफ ने पंजाब में पाकिस्तान सीमा के पास नशीले पदार्थ के 3 पैकेट बरामद किए

नई दिल्ली 14 Aug. (Rns/FJ): सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब के अमृतसर से लगी पाकिस्तान की सीमा के पास से नशीले पदार्थो के 3 पैकेट बरामद किए है।  बीएसएफ की तरफ से ये जानकारी साझा की गई है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब के अमृतसर सेक्टर से 3 संदिग्ध हेरोइन के पैकेट बरामद किए हैं।

बीएसएफ की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की सीमा के पास अमृतसर जिले के दाओके गांव के यहां जब बीएसएफ के जवान सीमा पर बाड़ लगाने के लिए इलाके का मुआयना कर रहे थे, उसी दौरान उन्हें 2 नशीले पदार्थो के पैकेट मिले, जिन्हें जब्त कर लिया गया।

बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के जवानों ने इसके बाद पूरे इलाके की तलाशी ली, तो उन्हें पाकिस्तान की सीमा के पास ही धान के खेतों में काली पॉलिथीन में लिपटा एक और पैकेट बरामद हुआ। तीनों पैकेट में मिलाकर करीब 690 ग्राम संदिग्ध ड्रग्स पाया गया है।

सीमा सुरक्षा बल बॉर्डर पर लगातार ड्रग्स की तस्करी रोकने के लिए मुस्तैद रहती है। मगर पंजाब में भारत पाकिस्तान सीमा के लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में ड्रग्स की तस्करी रोकना अब भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

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ऑपरेशन सरहद: इंटेलीजेंस टीम ने पकड़े ISI के 2 जासूस

*पाकिस्तान भेजते थे भारतीय सेना की खुफिया जानकारी*

जयपुर 14 Aug. (Rns/FJ): स्वतंत्रता दिवस से पहले जयपुर इंटेलीजेंस (सीआईडी) की टीम ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए भारतीय सेना की जासूसी करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार किया है। इनमें भीलवाड़ा से नारायणलाल गाडरी और पाली के जैतारण से कुलदीप सिंह शेखावत को पकड़ा गया है। ऑपरेशन सरहद के नाम से चलाए जा रहे इस अभियान में इस साल में अब तक 6 जासूस पकड़े जा चुके हैं जिनमें तीन सैन्यकर्मी भी शामिल हैं।

भीलवाड़ा और पाली से गिरफ्तार किये गये दोनों स्थानीय जासूसों को सेना की सामरिक महत्व की सूचनाायें देने की एवज में मोटी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर भेजी जा रही थी। उनसे जयपुर में गहनता से पूछताछ की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार आरोपी कुलदीप सिंह शेखावत से पूछताछ में सामने आया है कि वह पाली के जैतारण में शराब के ठेके पर सेल्समेन है। पिछले लंबे वक्त से वह पाकिस्तानी महिला हैंडलर के संपर्क में था। वह उसके इशारों पर फर्जी सैन्यकर्मी बनकर सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाता है। फौजी की वर्दी में फोटो लगाता है। फिर सैन्यकर्मियों से दोस्ती कर सामरिक महत्व की अहम जानकारी हासिल करता है। यह जानकारी वह महिला हैंडलिंग अफसर को पहुंचाता है। आरोपी कुलदीप मूल रूप से जयपुर जिले में विराट नगर का रहने वाला है।

वहीं भीलवाड़ा जिले से जासूसी के आरोप में पकड़ा गया नारायणलाल गाड़री है। वह पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों के संपर्क में था। वह रुपयों के लालच में आकर पाक हैंडलिंग अफसरों के इशारे पर फर्जी आईडी से मोबाइल नंबरों के सिम कार्ड जारी करवाता है। इन भारतीय नंबरों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर सरहदी इलाकों में सैन्यकर्मियों और स्थानीय लोगों से संपर्क कर भारतीय सेना की अहम जानकारी हासिल करते हैं। नारायणलाल भी इन्हीं मोबाइल नंबरों पर भारतीय सेना की अहम जानकारी भेजता था।

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गृहमंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर पत्नी संग फहराया तिरंगा

नई दिल्ली 13 अगस्त (आरएनएस/FJ)। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शनिवार से हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत हो चुकी है। इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुबह अपनी पत्नी सोनल शाह के साथ अपने घर पर तिरंगा फहराया। देश में आज से हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत हो गई है।

यह अभियान 13 से लेकर 15 अगस्त तक चलेगा, जिसमें सभी से अपने अपने घरों में तिरंगा लगाने की अपील की गई है। इसी मौके पर आज अमित शाह ने अपनी पत्नी सोनल शाह के साथ मिलकर अपने आवास पर तिरंगा फहराया। अमित शाह ने एक दिन पहले ही इसकी सूचना दे दी थी कि वह अपने आवास पर सुबह तिरंगा फहराकर अभियान की शुरुआत करेंगे।

गौरतलब है कि देश इस साल आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है। इसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की थी कि 13 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक सभी लोग अपने अपने घरों में तिरंगा लगाएं।

हर घर तिरंगा अभियान को हर जगह समर्थन मिल रहा है। देश के अर्धसैनिक बल भी कई दिनों से लगातार तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं। इनमें सीमा सुरक्षा बल, आईटीबीपी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान शामिल हैं।

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चेन्नई एयरपोर्ट से 100 करोड़ की ड्रग्स बरामद, कस्टम विभाग ने तस्कर दबोचा

चेन्नई ,13 अगस्त (आरएनएस/FJ)। ड्रग्स बरामद : चेन्नई एयपोर्ट पर कस्टम्स विभाग को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इथियोपियाई एयरलाइंस से अदीस अबाबा से पहुंचे एक यात्री से 9.590 किलोग्राम वजन की हेरोइन और कोकीन जब्त की गई है। इसकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है। एयर इंटेलिजेंस यूनिट (एआईयू) के अधिकारी अनिल कुमार की खुफिया जानकारी के आधार पर यह छापेमारी की गई थी।

चेन्नई एयर कस्टम द्वारा जारी बयान के मुताबिक इथोपियन एयरलाइंस द्वारा अदीस अबाबा से पहुंचे एक भारतीय यात्री इकबाल बी उरंदादी को एआईयू अधिकारियों ने रोका। उनसे 9.590 किलोग्राम वजन वाली हेरोइन और कोकीन जब्त की गई, जिसकी करीब 100 करोड़ रुपये है।

बयान के मुताबिक यात्री और उसके सामना की जांच करने पर कोकीन और हेरोइन मिले। यात्री ने इसे चेक-इन बैगेज और जूते में छिपा रखा था। इसे नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम 1985 के तहत जब्त किया गया था। इसके बाद यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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यूपी में 66 लाख महिलाओं को रोजगार से जोड़ेगी सरकार

लखनऊ ,13 अगस्त (आरएनएस/FJ)।  उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं को रोजगार मुहैया कराकर राज्य में अपने आधार को मजबूत करेगी। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन मुख्यमंत्री की यह मंशा पूरी करेगा।

इसके लिए विभाग ने महिला सशक्तिकरण के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अगले पांच सालों में करीब 66 लाख महिलाओं को नए समूहों से जोड़ते हुए उन्हें रोजगार से जोड़ेगी महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए पांच साल के अंदर राज्य में 5 लाख 50 हजार 868 नए आजीविका समूहों का गठन किया जाना है। इसके जरिए महिलाओं को उनके गांव-घर में ही रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर से उक्त योजना हरी झंडी मिल गई है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा 66 लाख महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के इस वृहद लक्ष्य को हासिल करने के लिए इसे पाने के लिए लक्ष्य को टुकड़ों में विभक्त किया गया है। इसके लिए छह माह, एक साल, दो साल और पांच साल में क्रमश: कितने समूह गठित किए जाएंगे, यह तय करते हुए इसे बांट दिया गया है।

यह लक्ष्य पूरा होने पर ग्रामीण परिवारों में महिलाओं का एक बड़ा वर्ग सीधे घर परिवार के साथ ही गांव और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देने लगेगा। एक समूह में न्यूनतम 10 से 14 महिलाएं शामिल की जाती हैं। यदि प्रति समूह 12 महिलाएं मानें तो पांच साल में जो नए समूह बनाए जाएंगे, उससे सीधे तौर पर 66 लाख 10 हजार 416 महिलाएं जुड़ेंगी।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक भानु चंद्र गोस्वामी के अनुसार, राज्य में अभी 4 लाख 81 हजार 793 स्वयं सहायता समूह ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इनमें से 3 लाख 54 हजार 489 समूहों को समूह की गतिविधियां शुरू करने के लिए अब तक चरणबद्ध तरीके से 531.73 करोड़ रुपये रिवाल्विंग फंड के रूप में दिए जा चुके हैं। और 2 लाख 85 हजार 913 समूहों को कम्युनिटी निवेश फंड मुहैया कराने के साथ ही इन समूहों से जुड़ी महिलाओं को आजीविका संबंधी गतिविधियों से जोड़ दिया गया है।

समूहों की महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों को संबल प्रदान करने के लिए सरकार ने महिला समूहों को कई अहम योजनाओं से जोडऩे का काम किया है, जिनमें प्रमुख रूप से बीसी सखी, पुष्टाहार निर्माण इकाई, उचित दर की दुकानों का आवंटन, सामुदायिक शौचालय का प्रबंधन, बिजली बिल कलेक्शन, ओजस (सोलर उत्पाद), आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना, मनरेगा में सहभागिता, स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम, ड्राइ राशन का वितरण, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना, फार्म वैल्यू चेन परियोजना आदि हैं।

इसके अलावा ये महिलाएं अपनी सुविधा और रुचि के मुताबिक अन्य कई तरह के काम कर रही हैं।

गोस्वामी का दावा है कि हर गांव में महिला समूह अब सक्रिय होकर रोजगार कर रहे हैं।

महिला समूह में कार्य कर रहीं महिलाएं रोजगार पाने के लिए राज्य सरकार का आभार भी जता रही हैं।

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चंडीगढ़ में बना वर्ल्ड रिकॉर्ड, क्रिकेट स्टेडियम में 7000 छात्रों ने बनाया ह्यूमन तिरंगा

नई दिल्ली ,13 अगस्त (आरएनएस/FJ)। इस बीच चंडीगढ़ में तिरंगा को लेकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है. आगामी 15 अगस्त को देश की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर देशभर में आज से हर घर तिरंगा यात्रा की शुरुआत हो चुकी है।। जानकारी के अनुसार, यहां एक क्रिकेट स्टेडियम में ह्यूमन चेन के साथ तिरंगा लहराया गया। इस तिरंगे में 7000 छात्रों ने ह्यूमन चेन बनकर वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी भूमिका निभाई। 15 अगस्त को देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो जाएंगे।

इसलिए इस साल केंद्र सरकार की मुहिम के तहत देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। आज से हर घर तिरंगा यात्रा भी शुरू हो चुकी है। इस बीच चंडीगढ़ में सेक्टर 16 स्थित क्रिकेट स्टेडियम में सबसे बड़े ह्यूमन चेन के साथ तिरंगा लहराया गया। इस चेन में 7000 छात्रों ने भाग लिया।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी, चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित और पहलवान योगेश्वर दत्त (ओलंपिक पदक विजेता) एनआईडी फाउंडेशन और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए स्टेडियम पहुंचे। पुरोहित ने सभी प्रतिभागियों को इस उपाधि को प्राप्त करने के लिए बधाई दी और लोगों से अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आग्रह किया।

छात्रों ने हवा में तिरंगे जैसी आकृति भी बनाई, जबकि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम की मौजूदगी में खुद को ह्यूमन तिरंगा के लिए कतारबद्ध किया।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स एडजुडिकेटर के एक अधिकारी स्वप्निल डांगरीकर, जो इस कार्यक्रम में भी मौजूद थे, ने रिकॉर्ड का सत्यापन किया और कहा, राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए सबसे बड़ी मानव छवि के लिए पिछला विश्व रिकॉर्ड अबूधाबी में जीईएमएस एजुकेशन के नाम था। जिसे चंडीगढ़ में बनी इस ह्यूमन चेन ने तोड़ दिया है।

पिछला रिकॉर्ड कब बना था

संयुक्त अरब अमीरात ने 2017 में 4130 लोगों के साथ ह्यूमन राष्ट्रीय ध्वज के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। इस अवसर पर बोलते हुए राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि विश्व रिकॉर्ड के सफल निर्माण के साथ भारत के स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर पूरी दुनिया को एक महान संदेश दिया है। यह आयोजन मेरी कल्पना से भी बड़ा हो गया है। मैं चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के चांसलर और एनआईडी फाउंडेशन के प्रमुख संरक्षक एस सतनाम सिंह संधू को हार्दिक बधाई देता हूं, जिनकी टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है।

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लीड इंडिया फाउंडेशन ने सम्मानित किया डॉ अनुषा श्रीनिवासन अय्यर को

13.08.2022 – लीड इंडिया फाउंडेशन के द्वारा मुम्बई में आयोजित एक भव्य समारोह में फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. हरि कृष्ण मरम ने 111 मिनट की अवधि में आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, आईएफएस, केएएस अधिकारियों, फिल्म हस्तियों, उद्योग जगत के नेताओं, एनजीओ नेताओं और खेल हस्तियों सहित 111 पावर वुमन को सम्मानित करके वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाया। इस क्रम में समतावादी पृथ्वी योद्धा डॉ अनुषा श्रीनिवासन अय्यर को भी सम्मानित किया गया। अनुषा श्रीनिवासन अय्यर ने सामाजिक, पर्यावरण के साथ-साथ सांस्कृतिक कारणों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं के लिए भी सम्मान अर्जित किया है।

उसी के लिए, उन्हें 2019 में लाइफ्स रियल हीरोज अवार्ड्स ऑफ़ इंडिया के विजेता के रूप में कई पुरस्कार, प्रशंसा और मान्यताएँ मिली हैं, द इकोनॉमिक टाइम्स आइकन अवार्ड फॉर स्ट्रेटेजिक ब्रैंडमेकर और सोशल एंटरप्रेन्योरशिप, द इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा ईटी राइजिंग इंडियन के रूप में स्वीकृति, मिड-डे आइकन अवार्ड्स, फोर्ब्स इंडिया द्वारा ‘ब्रांड रणनीति की रानी’ के रूप में नामित किया गया। वह अंतर्राष्ट्रीय महिला उत्कृष्टता अधिकारिता पुरस्कार, राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार, महिला प्रभाव पुरस्कार, पीपुल्स एक्सीलेंस अवार्ड, इंस्पायर अवार्ड, दादासाहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवार्ड, मैं हूं बेटी अवार्ड, समाज रत्न पुरस्कार, दादा साहेब गोल्डन कैमरा अवार्ड की प्राप्तकर्ता भी हैं।

आइकॉनिक अचीवर्स अवार्ड, हरियाणा गरिमा अवार्ड, परफेक्ट वुमन अचीवर्स अवार्ड, कर्मिक अवार्ड्स, गुरुग्राम अचीवर्स अवार्ड, समग्र विज्ञान के राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में समतावादी पृथ्वी योद्धा पुरस्कार, और एम आई टी, पुणे द्वारा उनकी सामाजिक चेतना के लिए सम्मानित किया गया है और  श्री स्वामी समर्थ अन्नक्षेत्र ट्रस्ट, अक्कलकोट द्वारा राष्ट्रीय कल्याण पुरस्कार से भी नवाज़ा गया है।

डॉ. अनुषा श्रीनिवासन अय्यर का संगठन, मेक अर्थ ग्रीन अगेन मेगा फाउंडेशन ग्रह की रक्षा के लिए प्रयासरत है। मानव जाति के कारण पर्यावरणीय क्षति को दूर करने के मिशन के साथ। वह, अपने असंख्य तरीकों से, न केवल पृथ्वी को हरे रंग में रंगती है, बल्कि युवाओं को भी इसके लिए खड़े होने के लिए प्रेरित और प्रेरित करती है!

समान विचारधारा वाले जिम्मेदार व्यक्तियों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं और संगठनों को एक साथ लाने में उत्प्रेरक के रूप में काम करते हुए, अनुषा नागरिक कल्याण के लिए सरकार और उसके मंत्रालयों के साथ मिलकर काम करती है। वह आदिवासी कल्याण, वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा, एसिड अटैक पीड़ितों के पुनर्वास और लैंगिक समानता, एलजीबीटीक्यू सशक्तिकरण, स्ट्रीट चिल्ड्रेन वेलफेयर, कॉन्क्लेव में भागीदारी और प्रेरणादायक वार्ता, एक कारण और युवाओं के साथ फिल्म निर्माण के मुद्दों पर अपने रुख के लिए भी जानी जाती हैं।

अपने काम के मोर्चे पर, अनुषा श्रीनिवासन अय्यर वर्तमान में नारद पीआर एंड इमेज स्ट्रैटेजिस्ट्स की प्रबंध निदेशक हैं, जो भारत के प्रमुख पीआर, ब्रांड स्ट्रेटेजिज़ेशन और इमेज मैनेजमेंट एजेंसी में से एक हैं, इसके अलावा सम्मानित अभिनेताओं के ब्रांड कस्टोडियन भी हैं। एक फायरब्रांड पत्रकार के रूप में जानी जाने वाली डॉ. अनुषा श्रीनिवासन अय्यर वेदांत अभिनीत बाल श्रम, आशा और खुशी पर उनकी फिल्म ‘सारे सपने अपने हैं’ के साथ वैश्विक पुरस्कार विजेता लेखक-निर्देशक के रूप में भी चर्चा में हैं।

सिद्धांत गिल और कृष्णवेनी श्रीनिवासन और रामचंद्रन श्रीनिवासन द्वारा निर्मित, इस फिल्म ने 120 से अधिक पुरस्कार जीते और यह फिल्म 150 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित होने के बाद फिल्म समीक्षकों द्वारा काफी सराही गई है।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा स्थापित लीड इंडिया फाउंडेशन अपने स्थापना काल से ही राष्ट्र विकास के लिए परिवर्तन की दृष्टि के साथ सामाजिक प्रेरणादायक कार्यों से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित कर इस सहस्राब्दी में बदलाव लाकर अपने नाम पर खरा उतर रहा है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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सीयूईटी-यूजी चौथे चरण की परीक्षा 30 अगस्त तक स्थगित

नयी दिल्ली,13 अगस्त (आरएनएस)। केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा-स्नातक (सीयूईटी-यूजी) के चौथे चरण में शामिल होने वाले 11 हजार उम्मीदवारों की परीक्षा 30 अगस्त के लिए स्थगित कर दी गई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

सीयूईटी-यूजी के चौथे चरण की परीक्षा 17 से 20 अगस्त के बीच होनी थी और इसमें 3.72 लाख उम्मीदवार हिस्सा लेने वाले थे। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी संभाल रही राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने पहले घोषणा की थी कि सभी चरणों की परीक्षा 28 अगस्त को संपन्न हो जाएगी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा, ‘चौथे चरण में हिस्सा लेने वाले 3.72 लाख उम्मीदवारों में से 11 हजार उम्मीदवारों की परीक्षा, परीक्षा केंद्र के लिए उनके पसंद के शहर को समायोजित करने के वास्ते 30 अगस्त के लिए स्थगित कर दी गई है।

नटीए ने परीक्षा केंद्रों की क्षमता और गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ नये परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। गौरतलब है कि सीयूईटी परीक्षा के दूसरे चरण में खामियों के चलते विभिन्न केंद्रों पर परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी।

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