झटका : आरबीआई ने रेपो रेट 0.35 फीसदी बढ़ाया

Shock RBI increased the repo rate by 0.35 percent

*कार-होम और पर्सनल समेत सभी तरह के लोन होंगे महंगे*

मुंबई ,07 दिसंबर (एजेंसी)। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास अनुमान को घटाते हुये महंगाई में नरमी आने की उम्मीद जताते हुए नीतिगत दरों में 0.35 प्रतिशत की बढोतरी करने की आज घोषणा की जिससे घर, कार और पर्सनल के साथ ही हर तरह का ऋण महंगा हो जायेगा।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुयी मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय द्विमासिक समीक्षा बैठक में बहुमत के आधार पर यह निर्णय लिया गया। समिति की यह बैठक आज सुबह में समाप्त हुयी जिसमें लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए दास ने कहा कि समिति ने बहुमत के आधार पर रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढोतरी करने का निर्णय लिया है जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। अब रेपो दर 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गयी है।

इस बढोतरी के बाद स्टैंडिंग डिपोजिट फैसिलिटी दर (एसडीएफआर) 5.65 प्रतिशत से बढ़कर 6.00 प्रतिशत, बैंक दर बढ़कर 6.50 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर (एमएसएफआर) भी 6.50 प्रतिशत हो गयी है। रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में करने के लिए इस वर्ष मई में नीतिगत दरों में की गयी 0.40 प्रतिशत की बढोतरी के बाद से लगातार इसमें वृद्धि कर रहा है। मई के बाद जून, अगस्त और सितंबर में भी इन दरों में आधी आधी फीसद की वृद्धि की गयी थी। दिसंबर में रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढोतरी की गयी है।

दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जारी भू राजनैतिक तनाव के साथ ही दुनिया भर की अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत बनी हुयी है। खरीफ के बाद अब रबी सीजन में बुवाई में आयी तेजी के बल पर आगे महंगाई में नरमी आने की उम्मीद है

लेकिन वैश्विक स्तर पर इसमें जारी उथल पुथल के कारण चुनौती बनी हुयी है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुये रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान को 7.0 प्रतिशत से कम कर 6.80 प्रतिशत कर दिया है।

समिति के छह में से चार सदस्यों ने नीतिगत दरों में बढोतरी और समायोजन वाले रूख को कायम रखने के पक्ष में मतदान किया जबकि दो ने इसका विरोध किया।

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आज से देश में चलेगा डिजिटल रुपी , कैश का झंझट खत्म!

Digital Rupee will run in the country from today, the hassle of cash is over!

नई दिल्ली ,01 दिसंबर (एजेंसी)। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रुपये-होलसेल सेगमेंट में पायलट के तौर पर शुरू करने के एक महीने बाद, केंद्रीय बैंक आज खुदरा डिजिटल रुपये के लिए पहला चरण लॉन्च करने जा रहा है। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक ने 1 दिसंबर को खुदरा डिजिटल रुपये के लिए पहला पायलट लॉन्च करने की घोषणा की है। पहले चरण में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लोग भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-आर के साथ लेनदेन कर सकेंगे। इस तरह से जेब में कैश रखने का झंझट खत्म हो जाएगा।

ईआर-आर एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करता है। आरबीआई ने कहा कि यह उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा जो वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं। यह बिचौलियों और बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट में डिजिटल रुपी क्रिएशन, डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल यूज की पूरी प्रोसेस को बारीकी से परखा जाएगा। इस टेस्ट से मिली लर्निंग पर रिटेल डिजिटल रुपी में बदलाव होंगे फिर सभी के इस्तेमाल के लिए इसे जारी किया जाएगा।

बता दें कि मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लोग भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-आर के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे और पहले चरण में 1 दिसंबर से मोबाइल फोन/उपकरणों पर संग्रहीत होंगे, जिसे बाद में 9 और शहरों में विस्तारित किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह पायलट प्रोजेक्ट शुरुआत में चार शहरों, मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर को कवर करेगा और बाद में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक इसका विस्तार किया जाएगा।

पहला चरण देश भर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के चार बैंकों के साथ शुरू होगा। केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस पायलट में चरणबद्ध भागीदारी के लिए आठ बैंकों की पहचान की गई है। बाद में चार और बैंकों, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को इस पायलट में शामिल किया जाएगा।
इस तरह से होगा डिजिटल रुपये से लेन-देन

उपयोगकर्ता भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन/उपकरणों पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ईआर-आर के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे। लेन-देन व्यक्ति-से-व्यक्ति और व्यक्ति-से-व्यापारी दोनों हो सकते हैं। मर्चेंट स्थानों पर प्रदर्शित त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है।

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महिलाओं के नेतृत्व वाली किनारा कैपिटल ने भारत में एमएसएमई को सशक्त बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये जुटाए

नई दिल्ली ,28 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। एमएसएमई के लिए असुरक्षित व्यावसायिक ऋण प्रदान करनेवाली किनारा कैपिटल ने कहा कि उसने यूके के विकास वित्त संस्थान और प्रभाव निवेशक, ब्रिटिश इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट (बीआईआई) के नेतृत्व में 200 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

ट्रिपल जंप द्वारा सलाह दिए गए मौजूदा इक्विटी निवेशकों नुवीन और एएसएन माइक्रोक्रेडिटफॉन्ड्स ने भी फंडिंग राउंड में भाग लिया।

इस फंडिंग के साथ, किनारा कैपिटल का लक्ष्य 2025 तक 5 गुना बढऩे और 6,000 करोड़ रुपये के प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) तक पहुंचने का है।

किनारा कैपिटल के संस्थापक और सीईओ, हार्दिक शाह ने कहा, बीआईआई, नुवीन और ट्रिपल जंप की संयुक्त विशेषज्ञता और पूंजी निवेश, भारत में एमएसएमई क्षेत्र की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किनारा कैपिटल की पेशकशों का विस्तार करेगा। इस समर्थन के साथ, हम, किनारा कैपिटल में, वित्तीय समावेशन के अपने मिशन को पूरा करने के लिए और अधिक प्रेरित हैं।

विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में 300 से अधिक एमएसएमई उप-क्षेत्र 1-30 लाख रुपये की सीमा में माईकिनारा कोलेट्रल-फ्री व्यापार ऋण का डिजिटल रूप से लाभ उठा सकते हैं।

किनारा कैपिटल की अगले तीन वर्षो में 100 से अधिक शहरों में 2,00,000 से अधिक एमएसएमई तक पहुंचने की योजना है।

कंपनी ने कहा कि इस वृद्धि के सामाजिक प्रभाव से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में 1 मिलियन से अधिक नौकरियों का समर्थन करने और छोटे व्यवसाय उद्यमियों के लिए वृद्धिशील आय में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का सृजन होने की उम्मीद है।

किनारा कैपिटल के अन्य मुख्य इक्विटी निवेशकों में गाजा कैपिटल, गावा कैपिटल, माइकल एंड सुसान डेल फाउंडेशन (एमएसडीएफ) और पटामार कैपिटल शामिल हैं।

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इलेक्ट्रिक गाडिय़ों की खरीदारी पर 10 हजार से लेकर 20 लाख तक की छूट

*लागू हुई नई पॉलिसी*

रांची, (झारखंड) 21 अक्टूबर (FJ) । झारखंड सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अपनी नई पॉलिसी का एलान कर दिया है। सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक राज्य में कुल वाहनों में 10 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल हों। सरकार ने इन वाहनों की खरीदारी करने पर 10 हजार से लेकर 20 लाख रुपये तक की छूट देने की घोषणा की है। रोड टैक्स और परमिट पर भी रियायत दी जाएगी। राज्य सरकार के कर्मियों को इलेक्ट्रिक दोपहिया या चारपहिया वाहन खरीदने पर 100 फीसदी इंटरेस्ट सब्सिडी दी जाएगी।

सरकार की ओर से नोटिफाई की गई नई पॉलिसी के अनुसार, इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 1.50 लाख रुपये तक की छूट का लाभ हासिल कर सकेंगे। इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पर 10 हजार रुपये तक का डिस्काउंट मिलेगा। कॉमर्शियल उद्देश्य से इलेक्ट्रिक ऑटो की खरीद पर 30 हजार रुपये की छूट हासिल होगी। सरकार चाहती है कि राज्य में ई-बसों का बड़े पैमाने पर परिचालन हो। लिहाजा, ऐसी बसों की खरीदारी पर लगभग 20 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है।

छूट की इन योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ सबसे पहले खरीदारी करने वाले ग्राहकों को मिलेगा। इवी के पहले 10 हजार खरीदार को 100 प्रतिशत, 10 से 15 हजार खरीदारों को 75 प्रतिशत और इसके बाद खरीदारी करने वालों 25 फीसदी तक की छूट दी जा सकती है। पॉलिसी में यह व्यवस्था की गई है कि खरीदारों को किसी भी स्थिति में कुल कीमत के लिहाज से 10 प्रतिशत की छूट उपभोक्ताओं को मिलेगी। इसमें वाहन पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स से पूर्ण छूट का भी एलान किया गया है।

सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को झारखंड में प्रोडक्शन यूनिट लगाने पर आकर्षक ऑफर का एलान किया है। ऐसी कंपनियों को दो करोड़ से लेकर 30 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह लाभ हासिल करने के लिए उन्हें झारखंड की ईवी पॉलिसी के लॉन्च के बाद से पहले दो वर्षों के भीतर राज्य में प्रोडक्शन यूनिट लगानी होगी।

सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एडवांस केमेस्ट्री सेल बैटरी का भी उत्पादन शुरू हो जाए। सरकार की योजना के मुताबिक हर तीन किमी के दायरे में एक चार्जिंग स्टेशन और नेशनल हाईवे पर हर 24 किलोमीटर की दूरी पर चार्जिंग स्टेशन लगाये जायेंगे।

शहरी क्षेत्रों में हर 10 लाख की आबादी पर 50 चार्जिंग स्टेशन खोलने की तैयारी है। यह पॉलिसी पांच सालों के लिए लागू की गई है। सरकारी कार्यालयों में भी कार्यालय इस्तेमाल के लिए इवी के ही इस्तेमाल पर पर जोर दिया जायेगा।

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अब साल में सिर्फ 15 गैस सिलेंडर ही ले सकेंगे ग्राहक,महीने का कोटा भी तय

नई दिल्ली ,29 सितंबर । अब घरेलू रसोई एलपीजी गैस सिलेंडर की संख्या ग्राहकों के लिए फिक्स हो गई है। नए नियम के मुताबिक, अब ग्राहक एक साल में सिर्फ 15 सिलेंडर ही खरीद सकेंगे।

एक साल में किसी भी ग्राहक को 15 सिलेंडर से ज्यादा नहीं दिए जाएंगे। इसके अलावा ग्राहक सिर्फ महीने में दो सिलेंडर ही ले सकेंगे। ग्राहकों को 2 से ज्यादा सिलेंडर नहीं मिलेंगे। अभी तक सिलेंडर पाने के लिए महीने या साल का कोई कोटा तय नहीं था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नए नियम के हिसाब से अब साल में सब्सिडी वाले 12 सिलेंडरों की संख्या 12 होगी। इसके ज्यादा अगर आप सिलेंडर खरीदते हैं तो उस पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। बाकी के सिलेंडर ग्राहकों को बिना सब्सिडी के ही खरीदने होंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक, राशनिंग के लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया है। ये नियम लागू किए जा चुके हैं। खास बात यह है यह नए नियम इसलिए लागू किए गए हैं.

क्योंकि काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि घरेलू गैर सब्सिडी की रीफिल कॉमर्शियल से सस्ती होने की वजह से वहां इसका इस्तेमाल ज्यादा होने लगा था। जिसके कारण सिलेंडर पर राशनिंग की गई है।

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कम हो सकते हैं एलपीजी सिलेंडर के दाम, सरकार ने दिए संकेत

नई दिल्ली ,26 सितंबर (एजेंसी) । कुछ ही दिनों में नया महीना शरू हो जाएगा। नियमों के अनुसार हर महीने की पहली तारीख को गैस सिलेंडर के नए दाम जारी कर दिए जाएंगे। 1 अक्टूबर से सरकार की तरफ से कई बदलाव किये जाएंगे। इन बदलावों का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। इन बदलावों में गैस सिलेंडर की कीमतों से लेकर स्मॉल सेविंग्स स्कीम तक कई अन्य बदलाव शामिल है। चलिए हम आपको बताते हैं 1 तारीख से आप पर कितना बोझ बढ़ सकता है और किन नियमों में 1 तारीख से बदलाव होने वाला है।

हर महीने की पहली तारीख को गैस सिलेंडर के नए दाम जारी किये जाते हैं। ऐसे में इस बार ये उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार की तरफ से गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती की जा सकती है। दरअसल, नेचुरल गैस की कीमतों में कमी के कारण घरेलु गैस में गिरावट देखने को मिल सकती है ऐसी उम्मीद की जा रही है।

हर तीन महीने में केंद्र सरकार की ओर से स्मॉल सेविंग्स स्कीम के ब्याज दरों में बदलाव किया जाता है। ऐसी में उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार जल्द ही पीपीएफ, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना में मिलने वाले ब्याज की राशि में इजाफा कर सकती है। बता दें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से 30 सितंबर को नई ब्याज दरों का ऐलान किया जा सकता है। ये नई ब्याज दरें 1 अक्टूबर से लागू हो सकती हैं।

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नवरात्री से रियल एस्टेट सेक्टर को है उम्मीद

नई दिल्ली ,26 सितंबर (एजेंसी)। जैसा की हम सभी जानते हैं की वैश्विक महामारी कोविड 19 के कारण रियल एस्टेट सेक्टर भी परेशानी में रहा और अब जब स्थिति सामान्य होने लगी है तो यह सेक्टर एक बार फिर से सुचारु तरीके से चलने के लिए अग्रसर है । इसमें सरकार ने भी काफी मदद की और आम लोगों के सपनों को उड़ान देने के लिए नवरात्रों और दीपावली पर रियल्टी सेक्टर विशेष ऑफर देने की कोशिश में जुटे हैं। रोटी, कपड़ा और मकान हर घर परिवार की जरूरत से जुड़ा है। बाजार का पहिया घूमने के लिए बेताब है। ऐसे में रियल एस्टेट कारोबार को भी काफी उम्मीद है।

मनोज गौड़ के अध्यक्ष क्रेडाई एनसीआर के अनुसार, त्योहारों के मौके पर रियल एस्टेट सेक्टर पर प्रभाव पर श्री मनोज गौड़ के अध्यक्ष क्रेडाई एनसीआर ने कहा , हम पिछले 1 साल से रियल एस्टेट बाजार में पहले से ही उछाल देख रहे हैं। ब्याज दर में वृद्धि का बाजार पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है और खरीदारों की दिलचस्पी खरीदने के लिए है। हमें उम्मीद है कि पिछले साल की तुलना में इस त्योहारी सीजन में बिक्री कम से कम 30प्रतिशत अधिक होगी। इसके अलावा बहुत कम इन्वेंट्री के लिए तैयार हैं और अधिकांश खरीदार निर्माणाधीन घरों की ओर बढ़ रहे हैं।

प्रदीप अग्रवाल, अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड. के अनुसार, कार, घर या जमीन जैसी नई चीजें खरीदने के लिए त्योहारी सीजन को सबसे शुभ माना गया है। अधिकांश भारतीय इस दौरान प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करना चाहते हैं । लोगों की धार्मिक मान्यताओं और विचारधाराओं के कारण इस प्रवृत्ति के पीछे के दृष्टिकोण और घटना को अच्छी तरह से प्रलेखित किया गया है। यह रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट के लिए एक शुभ समय के रूप में देखा जाता है, और खरीदार भी आकर्षक और मुफ्त ऑफऱ जैसे रियायती घर की कीमतें, मुफ्त कार पार्किंग या अन्य सुविधाएं और छूट, वाउचर, कूपन आदि देखते हैं। यह विशेष रूप से एक ऐसा समय है जो एक अतिरिक्त निवेश का साक्षी है। अफोर्डेबल और मिड बजट हाउसिंग में छूट के कारण फीजिबल रेट्स और भी अधिक उचित हो जाती हैं। डेवलपर्स द्वारा दिए गए कई ऑफर्स के कारण त्योहारी सीजन के दौरान एक आम आदमी के लिए रियल एस्टेट पर दांव लगाना आर्थिक रूप से व्यावहारिक हो जाता है।

रहेजा डेवेलपर्स के नयन रहेजा इस बारे में कहते हैं, नवरात्रि का त्योहार शुभ शुरुआत के लिए एक पहचान के रूप में जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं को दृढ़ता से बनाए रखा जाता है और पीढिय़ों के माध्यम से आगे बढ़ाया जाता है और लोगों के निर्णय लेने को प्रभावित करता है। खरीदारों को लगता है कि नवरात्रि के दौरान संपत्तियों में निवेश करना सबसे अच्छा है क्योंकि वे डेवलपर्स द्वारा लॉन्च और घोषित किए गए विभिन्न प्रकार के छूट ऑफऱ, कूपन और उपहारों के विशेषाधिकार प्राप्त अंत में हैं। नतीजतन, उस समय बाजार की भावना सकारात्मक होती है, और लाभों का एक बंदरगाह खरीदारों को संपत्ति निवेश में संलग्न करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे बिक्री में वृद्धि होती है।

अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल का कहना है की हमारे यहाँ नवरात्र से कोई भी नई चीज जैसे घर, कार, आभूषण इत्यादि लेना शुरू से ही सही माना गया है. इसके पीछे कई कारण हैं जिनमें उचित दाम और इन त्याहारों के प्रति लोगों की आस्था शामिल है. त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद भी काफी समय तक इस सेक्टर को आगे बढ़ाते रहेगा।

रितु अहलावत, सीईओ, इन्वेस्टीनप्रो ने कहा, त्योहारी सीजन रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बुकिंग में शानदार उछाल लेकर आएगा। क्योंकि इस दौरान संपत्ति निवेश की गतिविधियां बढ़ जाती है। जैसे-जैसे कोविड का असर कम हुआ है, वैसे वैसे अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी है और इसका सकारात्मक असर त्योहारों के समय रियल एस्टेट में मांग में वृद्धि के रूप में दिखाई देगा। इसके साथ ही डेवलपर्स इस अवसर को भुनाने के लिए बुकिंग पर छूट, मुफ्त उपहार वाउचर और लचीली भुगतान सुविधा जैसे मूल्यवान ऑफऱ भी पेश कर रहे हैं, जो खरीदारों को आकर्षित करेंगे।

पुष्पेंद्र सिंह, मैनेजिंग डायरेक्टर जेएमएस ग्रुप ने कहा, यह साल का वह समय है जब पूरा देश त्योहारों के मौसम के लिए तैयार होता है जो गणेश चतुर्थी के साथ शुरू होता है और दिवाली के साथ चरम पर पहुंच जाता है। ऐसे समय में खरीदारी की फुहारों के अलावा और निवेश भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर घर व ज्वेलरी । चूंकि त्यौहार अक्सर नई शुरुआत और समृद्धि के लिए खड़े होते हैं, इस समय के आसपास संपत्ति खरीदना एक निवेश के रूप में देखा जाता है जो कभी गलत नहीं हो सकता। रियल एस्टेट निवेश समय के साथ महत्वपूर्ण रिटर्न लाने का वादा करता है और त्योहारी सीजन के दौरान खरीदारी का पसंदीदा विकल्प है।

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विंडोशील्ड में गड़बड़ी के चलते टेस्ला ने 11 लाख वाहनों को वापस बुलाया

सैन फ्रांसिस्को ,26 सितंबर (एजेंसी) । एलन मस्क द्वारा संचालित टेस्ला ने विंडोशील्ड में गड़बड़ी के चलते लगभग 11 लाख वाहनों को वापस बुला लिया है। इन टेस्ला कारों की खिड़कियां बंद करते समय कुछ वस्तुओं को नहीं पहचानती हैं, जिसके परिणामस्वरूप गाड़ी में बैठने वाले को चोट लग सकती है।

रिकॉल में 2017-2022 मॉडल 3, 2020-2021 मॉडल वाई और 2021-2022 मॉडल एस और मॉडल एक्स वाहन शामिल हैं।

इलेक्ट्रिक कार निर्माता ने कहा कि यह प्रभावित वाहनों के लिए एक ओवर-द-एयर (ओटीए) फर्मवेयर अपडेट जारी करेगा जो वाहन के स्वचालित विंडो रिवर्सल सिस्टम व्यवहार में सुधार करेगा।

गुरुवार को नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (एनएचटीएसए) को सौंपी गई अपनी सेफ्टी रिकॉल रिपोर्ट में, टेस्ला ने कहा कि 12 सितंबर को, कंपनी ने निर्धारित किया कि परीक्षण के परिणामों में पिंच डिटेक्शन और र्रिटेक्शन परफॉर्मेंस स्प्रिंग फोर्स और रॉड कॉन्फिगरेशन के आधार पर एफएमवीएसएस 118, सेक्शन 5 (ऑटोमैटिक रिवर्सल सिस्टम) की आवश्यकताओं को पार कर गया।

तदनुसार, टेस्ला ने स्वैच्छिक रिकॉल जारी करने का ²ढ़ संकल्प किया।

टेस्ला ने कहा कि अगर एक खिड़की बंद होते समय बाधा पैदा करती है, तो स्थिति में रहने वाले को चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है।

मई में, इलेक्ट्रिक कार निर्माता ने ओवरहीटिंग सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) के कारण टचस्क्रीन मुद्दों को ठीक करने के लिए 1,30,000 कारों को वापस बुलाया था।

एलन मस्क द्वारा संचालित कंपनी ने हाल ही में प्रभावित वाहनों पर समस्या को ठीक करने के लिए एक ओवर-द-एयर अपडेट (ओटीए) जारी किया, जिसमें 2022 मॉडल 3 और वाई और 2021 और 2022 मॉडल एक्स और एस शामिल हैं।

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बर्नार्ड अरनॉल्ट को पछाड़ अडानी बने दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति

*ऐसा करने वाले पहले एशियाई शख्स*

नई दिल्ली ,31 अगस्त (एजेंसी)। ब्लूमबर्ग और इसके अरबपतियों के सूचकांक के अनुसार, गौतम अदाणी पहले से ही एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और अब वह एलवीएमएच के अध्यक्ष बर्नार्ड अरनॉल्ट को पछाड़कर दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति हो गए हैं। यह स्थान लेने वाले वो पहले एशियाई व्यक्ति भी बन गए हैं। भारत के शीर्ष समूहों को चलाने वाले अदाणी की संपत्ति लगभग 137 अरब डॉलर है।

इस सप्ताह उन्हें टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस से पीछे रखा गया है, जिनकी खुद की संपत्ति क्रमश: 251 अरब डॉलर और 153 अरब डॉलर आंकी गई है। दुनिया भर के अन्य अरबपतियों की तरह, अदाणी की संपत्ति भी महामारी के दौरान कई गुना बढ़ गई। अदाणी ग्रुप बंदरगाह और एयरोस्पेस से लेकर सौर ऊर्जा और कोयले तक की कंपनियों को नियंत्रित करता है।

कोरोना वायरस संकट की शुरुआत के बाद से उनका ग्राफ तेजी से बढ़ा। निवेशकों ने उन क्षेत्रों में अपना व्यवसाय बढ़ाने की उनकी क्षमता पर दांव लगाया जिन्हें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास के लिए प्राथमिकता दी। ब्लूमबर्ग के अनुसार, कोयले के उपयोग में तेजी से भी अदाणी को फायदा हुआ है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, वो इस साल फरवरी में सबसे धनी व्यक्ति बन गए।

जुलाई में, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने घोषणा की थी कि वह बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की बंदोबस्ती के लिए 20 अरब डॉलर समर्पित करेंगे और ‘दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची से बाहर निकलने के अपने इरादे को दोहराया। ब्लूमबर्ग के सूचकांक के अनुसार, बिल गेट्स वर्तमान में दुनिया के पांचवें सबसे संपन्न व्यक्ति हैं, जिनकी कुल संपत्ति 117 अरब डॉलर है।

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हवाई टिकट के नियमों में होने जा रहा बड़ा बदलाव

*कल से सस्ता हो सकता है हवाई सफर*

नई दिल्ली,31 अगस्त(एजेंसी)। यदि आप भी हवाई यात्रा से सफर करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। 31 अगस्त के बाद हवाई टिकट के नियमों में ऐसा बदलाव होने जा रहा है, जिससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी। दरअसल, सरकार की ओर से लागू प्राइस कैप की वजह से कई एयरलाइन कंपनियां ग्राहकों को ऐसे लुभावने ऑफर नहीं दे पा रही थी। लेकिन कल यानी 31 अगस्त के बाद से सरकार की ओर से लगाया गया प्राइस कैप का नियम हटा दिया जाएगा, जिसके बाद हवाई यात्रा के टिकटों पर असर देखने को मिल सकता है।

बता दें कि कोरोना काल में सरकार की ओर से हवाई यात्रा पर अपर और लोअर लिमिट को लगाया था। सरकार ने किराए की लिमिट तय की थी, जिसे सभी एयरलाइन कंपनियों को पालन करना था। इस लिमिट के मुताबिक ही एयरलाइन कंपनियां अपने टिकट के दाम तय करती थी। लेकिन ये नियम अब 31 अगस्त से खत्म होने जा रहा है।

31 अगस्त के बाद से हवाई टिकटों पर लगने वाला प्राइस कैप खत्म कर दिया जाएगा और एयरलाइन कंपनियां अपने हिसाब से टिकटों का किराया घटा और बढ़ा सकती हैं। केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में इसकी जानकारी दी थी कि 27 महीने के अंतराल के बाद प्राइस कैप को 31 अगस्त से हटा लिया जाएगा। बता दें कि हवाई यात्रायों के लिए यात्रियों की मांग और घरेलू उड़ानों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्राइस कैप को हटाने का फैसला लिया गया है।

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मुकेश अंबानी की बड़ी घोषणा : दिवाली से शुरु होगी जीेओ 5जी

*नौकरियां पैदा करने में नया रिकॉर्ड बनाएगा रिलायंस*

मुंबई ,30 अगस्त (एजेंसी) । पेट्रोलियम और दूरसंचार से लेकर खुदरा स्टोर जैसे विविध कारोबार में लगी रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल) के शेयरधारकों की सोमवार को हो रही 45वीं वार्षिक आम बैठक में रिलायंस समूह के मुखिया मुकेश अंबानी ने 5जी दूरसंचार सेवा को लेकर बड़ी घोषणाएं की हैं।

मुकेश अंबानी ने कहा कि 5जी सेवा दिवाली से शुरू होगी। दिसंबर 2023 तक देश के हर हिस्सा में सेवा उपलब्ध होगी। कंपनी अपनी वायर और वायरलेस सर्विस यूज करके पूरे देश में 5जी डिप्लॉय करेगी। अंबानी ने अपने संबोधन में कहा कि पीएम मोदी का लक्ष्य है कि भारत 2047 तक विकसित देशों में शामिल होगा और रिलायंस इंडस्ट्री इस लक्ष्य को पाने में पूरी मदद करेगा।

उन्होंने कहा, जियो 5जी दुनिया का सबसे तेज और सबसे बड़ा नेटवर्क होगा। फिक्स्ड ब्रॉडबैंड में देश दुनिया के टॉप 10 देशों में शामिल होगा। रिलायंस नई नौकरी पैदा करने में नया रिकॉर्ड बनाएगा। उन्होंने बताया कि अलग-अलग कारोबारों में कंपनी ने 2.32 लाख नौकरियां पैदा की हैं। रिलायंस रिटेल अब भारत में सबसे बड़े एंप्लॉयर्स में से एक है।

मुकेश अंबानी ने कहा कि जीओ 5जी दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत 5जी नेटवर्क होगा। अन्य ऑपरेटरों के उलट जीओ का 5जी नेटवर्क 4जी नेटवर्क पर शून्य निर्भरता के साथ स्टैंड-अलोन होगा। स्टैंड-अलोन 5जी के साथ जियो कम विलंबता, बड़े पैमाने पर मशीन-टू-मशीन कम्यूनिकेशन, 5जी वॉयस, एज कंप्यूटिंग और नेटवर्क स्लाइसिंग और मेटावर्स जैसी नई और शक्तिशाली सेवाएं प्रदान कर सकता है।
मुकेश अंबानी ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझे, हमारी व्यक्तिगत बातचीत और हमारा गर्मजोशी से मिलना याद आता है।

मुझे पूरी उम्मीद है कि अगले साल हम एक हाइब्रिड मोड पर मिलेंगे, जो भौतिक और डिजिटल दोनों तरीकों का एक संयोजन होगा।’
अंबानी ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्री ने सभी क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के बहुत से हिस्सों में भारी आर्थिक संकट है। ज्यादा महंगाई और सप्लाई में रूकावटों ने वैश्विक मंदी के लिए चुनौती पैदा की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में दिवाली से 5 जी सेवा शुरू होगी। उन्होंने कहा कि 5जी को लागू करने में 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। साथ ही, उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री को नई ऊंचाई तक ले जाएगा।

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आरबीआई का 8 बैंकों पर शिकंजा

*नियमों में ढिलाई बरतने पर लगाया मोटा जुर्माना*

नई दिल्ली ,30 अगस्त (एजेंसी) । भारतीय रिजर्व बैंक ने एक साथ 8 सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगा दिया है। इसमें एक बैंक विशाखापट्टनम को-ऑपरेटिव बैंक भी है जिस पर आरबीआई ने 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इन सभी बैंकों पर नियमों में ढिलाई बरतने और निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप है। रिजर्व बैंक समय-समय पर ऐसी कार्रवाई करता रहता है और बैंकों को बताए दिशा-निर्देश के बारे में आगाह करता है। दरअसल, रिजर्व बैंक ने बैंकिंग रेगुलेशन के तहत नियम बनाए हैं जिनका पालन हर हाल में करना जरूरी होता है। ऐसा नहीं होने पर रिजर्व बैंक कार्रवाई करता है।

आरबीआई ने सहकारी बैंकों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में बयान जारी किया और इसकी जानकारी दी। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स इंप्लॉईज को-ऑपरेटिव बैंक, कैलाशपुरम के खिलाफ 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। केरल के पलक्कड़ जिला स्थित ओट्टापलन को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, नं.एफ. 1647 के खिलाफ 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

इसके अलावा रिजर्व बैंक ने तेलंगाना, हैदराबाद स्थित दारुस्सलाम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एक बयान में रिजर्व बैंक ने कहा है कि आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम को-ऑपरेटिव बैंक के खिलाफ 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस बैंक पर इनकम रिकॉग्निशन, एसेट क्लासिफिकेशन, प्रोविजनिंग और हाउसिंग स्कीम के फाइनेंस से जुड़े निर्देशों के उल्लंघन का आरोप है।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने नेल्लोर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, गांधी नगर, नेल्लोर जिला, आंध्रप्रदेश पर भी 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आंध्र प्रदेश के ही पूर्व गोदावरी जिले में स्थित काकीनाडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा, केंद्रपाड़ा शहरी सहकारी बैंक, केंद्रपाड़ा पर 1 लाख रुपये और राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

आरबीआई ने कहा कि जुर्माने से जुड़ा हर मामला दंड नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित हैं और उनके द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर रोक लगाने का इरादा नहीं है। इसका अर्थ हुआ कि बैंकों पर भले जुर्माना लगाया गया है, लेकिन ग्राहकों से जुड़े किसी काम पर असर नहीं होगा। ग्राहक पहले की तरह बैंकिंग सुविधाएं लेते रहेंगे।

आरबीआई इससे पहले भी बैंकों के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है। छोटे बैंकों से लेकर बड़े बैंक और सहकारी बैंक भी इस कार्रवाई में शामिल होते हैं। नियमों की अनदेखी या उल्लंघन के चलते रिजर्व बैंक इस तरह की कार्रवाई करता है। जुर्माने के अलावा बैंकों पर प्रतिबंध भी लगाया जाता है।

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डिज़्नी स्टार 2027 तक भारत में क्रिकेट का करेगा प्रसारण

दुबई ,28 अगस्त(एजेंसी)। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने घोषणा की कि डिज्नी स्टार अगले चार वर्षों के लिए भारत में होने वाली सभी प्रतियोगिता पुरुषों और महिलाओं दोनों की वैश्विक आयोजनों के टीवी और डिजिटल अधिकार जीते हैं।

आईसीसी के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने बताया कि डिज्नी स्टार ने एकल दौर की सीलबंद बोली प्रक्रिया के बाद यह जीत हासिल की है। उन्होंने कहा,हमें अगले चार वर्षों तक डिज्नी स्टार के साथ साझेदारी करते हुए खुशी हो रही है और वे हमारे खेल के भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और पहले से कहीं अधिक प्रशंसकों से जुड़ेंगे और जुड़ेंगे।

डिज्नी स्टार के कंट्री मैनेजर और अध्यक्ष माधवन ने कहा कि आईसीसी के साथ अपने जुड़ाव को जारी रखने में सक्षम होने पर प्रसन्न हैं और आने वाले वर्षों में क्रिकेट के खेल को बढ़ाकर अपनी साझेदारी को मजबूत करने की आशा करते हैं।

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सेंसेक्स की टॉप 10 में से 7 कंपनियों को हुआ नुकसान

*टाटा की इस कंपनी को लगा सबसे अधिक झटका*

नई दिल्ली ,28 अगस्त।  सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से सात कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 1,54,477.38 करोड़ रुपये की गिरावट आई। सबसे अधिक नुकसान में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां… टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस रहीं। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 812.28 अंक या 1.36 प्रतिशत नीचे आया। सप्ताह के दौरान सिर्फ रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाजार पूंजीकरण में बढ़ोतरी हुई

समीक्षाधीन सप्ताह में टीसीएस का बाजार पूंजीकरण सबसे अधिक 59,862.08 करोड़ रुपये टूटकर 11,78,818.29 करोड़ रुपये रह गया। इन्फोसिस का बाजार मूल्यांकन 31,789.31 करोड़ रुपये के नुकसान से 6,40,351.57 करोड़ रुपये पर आ गया। एचडीएफसी बैंक की बाजार हैसियत 16,090.67 करोड़ रुपये घटकर 8,13,952.05 करोड़ रुपये रह गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 14,814.18 करोड़ रुपये घटकर 6,04,079.91 करोड़ रुपये रह गया।

इसी तरह बजाज फाइनेंस की बाजार हैसियत 14,430.4 करोड़ रुपये घटकर 4,27,605.59 करोड़ रुपये तथा एचडीएफसी की 13,031.62 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 4,34,644.36 करोड़ रुपये पर आ गई।जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का बाजार मूल्यांकन 4,459.12 करोड़ रुपये घटकर 4,29,309.22 करोड़ रुपये रह गया। इस रुख के उलट रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 3,500.56 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 17,71,645.33 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एसबीआई का बाजार मूल्यांकन 3,034.37 करोड़ रुपये बढ़कर 4,67,471.16 करोड़ रुपये तथा आईसीआईसीआई बैंक का 523.02 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 6,06,330.11 करोड़ रुपये रहा। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसबीआई, एचडीएफसी, एलआईसी और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा।

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केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला – गेंहू के आटे, सूजी और मैदा के एक्सपोर्ट पर लगी रोक

नई दिल्ली ,28 अगस्त (एजेंसी)। देश में कोई भी रोटी के लिए ना परेशान हो इसके लिए केन्द्र सरकार की तरफ से महत्वपूर्ण फैसला किया गया है। सरकार ने बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए गेंहू के आटे, मैदा, सूजी और साबुत आटे पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। बता दें, इससे पहले मई में सरकार ने गेंहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दिया था। रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया भर में गेंहू का संकट बना हुआ है।

क्या कुछ है सरकार का आदेश?

केन्द्रीय कैबिनेट के फैसले को नोटिफाई करते हुए डीजीएफटी ने कहा कि इन सामानों के निर्यात पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, कुछ विशेष मामलों में सरकार की तरफ से इसकी अनुमति रहेगी। डीजीएफटी के आदेश में कहा गया है,’कुछ उत्पादों ( गेंहू का आटा, मैदा, सूजी और साबुत आटा) को मुफ्त से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

रूस और यूक्रेन विश्व के सबसे बड़े गेंहू के निर्यातक देश हैं। विश्व की एक चौथाई आपूर्ति इन दोनों देशों के जरिए होती है। लेकिन युद्ध की वजह से सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हुई जिसके बाद वैश्विक स्तर पर भारतीय गेंहू की मांग बढ़ गई है। यही वजह है कि घरेलू बाजार में भी गेंहू की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार की तरफ से एक के बाद एक फैसले किए जा रहे हैं।

अप्रैल से जुलाई 2021 की तुलना में इस साल इसी पीरियड में गेंहू के आटा के निर्यात में 200 प्रतिशत की उछाल देखने को मिली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार गेंहू के आटे का एक्सपोर्ट इस अप्रैल से जून के दौरान 246 मिलियन डॉलर का हुआ है। बता दें, पिछले साल की तुलना में भारतीय खुदरा बाजार में गेंहू के आटे की कीमतों 22 प्रतिशत की उछाल देखने को मिली है। 22 अगस्त को एक किलो गेंहू 31.04 रुपये में बिक रहा है। एक साल पहले यह 25.41 रुपये में बिक रहा है। आंकड़ों के अनुसार एक किलो गेंहू के आटे के लिए लोगों को 31.04 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है। आटे की कीमतों में पिछले साल की तुलना में इस साल 17 प्रतिशत की उछाल देखने को मिली है।

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व्हाट्सएप और फेसबुक को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका

*नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सीसीआई जांच रहेगी जारी*

नई दिल्ली ,25 अगस्त (एजेंसी) ।  व्हाट्स ऐप और फेसबुक को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है। व्हाट्स ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सीसीआई यानी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच जारी रहेगी।

हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सीसीआई जांच के खिलाफ फेसबुक और व्हाट्सएप्प की अर्जी को खारिज कर दी है। इससे पहले, सिंगल बेंच ने भी दोनो की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ व्हाट्सएप्प और फेसबुक ने हाई कोर्ट की डबल बेंच के सामने अर्जी लगाई थी।

दरअसल पिछले साल जनवरी में सीसीआई ने व्हॉट्सएप की नई निजता नीति की जांच का आदेश दिया था, जिसका व्हॉट्सएप और फेसबुक ने विरोध किया था।

पिछले साल अगस्त महीने में ही दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए आईटी नियमों को चुनौती देते हुए फेसबुक और व्हाट्सऐप की ओर से दायर याचिकाओं पर केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा था।

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गौतम अडानी एनडीटीवी के होंगे मेजर स्टेकहोल्डर

*495 करोड़ रुपये का लगाया दांव*

नई दिल्ली ,24 अगस्त (एजेंसी) । एशिया के सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, गौतम अडानी समूह की कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क लिमिटेड ने मीडिया हाउस एनडीटीवी में हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है। जानकारी के अनुसार अडानी ग्रुप एनडीटीवी यानी नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड में 29.18प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।

वहीं, खुली पेशकश के जरिए एनडीटीवी में 26प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। जिसके बाद अडानी ग्रुप कुल हिस्सेदारी 55 फीसदी से भी ज्यादा की हो जाएगी। एक हिसाब से वह मीडिया कंपनी में मेजर स्टेकहोल्डर कहलाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यह डील करीब 495 करोड़ रुपये में फिक्स होगी।

एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड के सीईओ और सीनियर जर्नलिस्ट संजय पुगलिया ने एक बयान में कहा, यह अधिग्रहण मीडिया इंडस्ट्री में आगे बढऩे के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हम भारतीय नागरिक, उपभोक्ताओं या भारत में रुचि रखने वालों को सूचना और ज्ञान के साथ सशक्त बनाना चाहते हैं। एनडीटीवी हमारे दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त प्रसारण और डिजिटल प्लेटफॉर्म है।

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ट्विटर पर गंभीर आरोप, रेगुलेट एजेंसी को किया गुमराह

नई दिल्ली ,24 अगस्त (एजेंसी) ।  ट्विटर ने कुछ महीने पहले ही अपने साइबर सिक्योरिटी चीफ पीटर जाटको को बाहर निकाला था और इस पूर्व अधिकारी के आरोपों के आरोपों के बाद ट्विटर एक बार फिर से चर्चा में आ गया है।

ट्विटर के एक पूर्व सुरक्षा प्रमुख ने व्हिसलब्लोलर में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें माइक्रोब्लॉगिंग साइट् ट्विटर पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ट्विटर ने अपने साइबर सुरक्षा बचाव और फेक अकाउंट्स के साथ अपनी समस्याओं के बारे में नियामकों को गुमराह किया है।

इस साल की शुरुआत में ट्विटर से निकाले गए पीटर जाटको ने पिछले महीने अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग, संघीय व्यापार आयोग और न्याय विभाग में शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने शिकायत में गंभीर आरोप लगाए हैं कि ट्विटर ने एक मजबूत सुरक्षा योजना होने का झूठा दावा करके एफटीसी समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है। जाटको ने बताया है कि स्पैम या फेक अकाउंट से निपटने में धोखे का आरोप लगाया है।

हालांकि जाटको की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद ट्विटर के प्रवक्ता ने जाटको को इस साल जनवरी में कमजोर प्रदर्शन के चलते उनसे पद से हटा दिया था। उन्होंने आगे कहा  कि ट्विटर और उसकी प्राइवेसी और डाटा सुरक्षा के बारे में एक झूठा नैरेटिव है, जो गलत जानकारियों से भरा हुआ है।

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नहीं रहे शेयर मार्केट के बेताज बादशाह राकेश झुनझुनवाला

*मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस*

मुंबई ,14 अगस्त (एजेंसी )। शेयर मार्केट के बिगबुल और अरबपति व्यवसायी राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया है। झुनझुनवाला ने 62 साल की उम्र में ली अंतिम सांस ली। झुनझुनवाला ने रविवार सुबह 6.45 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। इसकी पुष्टि अस्पताल ने की है। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ने उनके निधन की पुष्टि की है। झुनझुनवाला को 2-3 सप्ताह पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था और वह घर आ गए थे। झुनझुनवाला के निधन की खबर सुनकर हर कोई स्तब्ध है।

बता दें कि करीब एक हफ्ते पहले ही राकेश झुनझुनवाला ने अपनी एयरलाइंस अकासा की भी शुरुआत की थी। उनकी अकासा एयरलाइंस के पहले विमान ने 7 अगस्त को मुंबई से अहमदाबाद के लिए उड़ान भरी थी। उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत विमानन क्षेत्र के कारोबारी आदित्य घोष और विनय दुबे के साथ मिलकर की थी।

भारत के वारेन बफे कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला की कमाई का मुख्य जरिया शेयर बाजार है। झुनझुनवाला की इस सफल कहानी की शुरुआत महज पांच हजार रुपये से हुई थी। आज उनकी नेटवर्थ करीब 40 हजार करोड़ रुपये है। इसी सफलता के कारण झुनझुनवाला को इंडियन स्टॉक मार्केट का बिगबुल और भारत का वारेन बफेट कहा जाता है। जब आम इन्वेस्टर्स शेयर बाजार में पैसे गंवा रहे होते हैं, झुनझुनवाला उस समय भी कमाई करने में सफल रहते हैं।

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व्हाट्सएप ने यूजर्स की प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए पेश किए तीन नए फीचर्स

नई दिल्ली ,10 अगस्त (एजेंसी)। मेटा के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने मंगलवार को व्हाट्सएप में तीन प्रमुख प्राइवेसी फीचर्स की घोषणा की, जो यूजर्स को अपनी बातचीत पर अधिक नियंत्रण प्रदान करते हैं और मैसेज भेजते समय सुरक्षा की अतिरिक्त परतें प्रदान करते हैं। नए फीचर्स व्हाट्सएप यूजर्स को सभी को सूचित किए बिना ग्रुप चैट से बाहर निकलने की अनुमति देते हैं। यह नियंत्रित करते हैं कि आपके ऑनलाइन होने पर कौन देख सकता है और मैसेजिस को एक बार देखने पर स्क्रीनशॉट को रोक सकता है।

जुकरबर्ग ने कहा, हम आपके मैसेजिस की सुरक्षा के लिए नए तरीके बनाते रहेंगे और उन्हें आमने-सामने की बातचीत की तरह निजी और सुरक्षित रखेंगे। व्हाट्सएप यूजर्स अब बिना किसी को सूचित किए किसी ग्रुप से निजी तौर पर बाहर निकल सकेंगे। सोशल नेटवर्क ने कहा, अब, एग्जिट करने पर पूरे ग्रुप को सूचित करने के बजाय, केवल एडमिन को सूचित किया जाएगा। यह फीचर इस महीने सभी यूजर्स के लिए शुरू हो जाएगा।

व्हाट्सएप ने यह चुनने की क्षमता भी पेश की है कि आपके ऑनलाइन होने पर कौन देख सकता है और कौन नहीं। यह फीचर इसी महीने सभी यूजर्स के लिए रोल आउट करना शुरू कर देगा। व्हाट्सएप सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत के लिए ‘व्यु वन्स’ मैसेजिस के लिए स्क्रीनशॉट ब्लॉकिंग को भी सक्षम कर रहा है। इस फीचर की टेस्टिंग की जा रही है और इसे जल्द ही यूजर्स के लिए रोल आउट किया जाएगा।

व्हाट्सएप में प्रोडक्ट प्रमुख अमी वोरा ने कहा, वर्षो से, हमने उनकी बातचीत को सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए सुरक्षा की इंटरलॉकिंग परतें जोड़ी हैं और नए फीचर्स एक तरीका है, जिससे हम मैसेजिस को निजी रखने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हैं।

वोरा ने कहा, इन नए फीचर्स के बारे में प्रचार करने के लिए, हम यूके और भारत से शुरू होने वाले एक वैश्विक अभियान को भी शुरू कर रहे हैं, ताकि लोगों को शिक्षित किया जा सके कि हम व्हाट्सएप पर उनकी निजी बातचीत को सुरक्षित रखने के लिए कैसे काम करते हैं।

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दुनियाभर की सरकारों ने ट्विटर से मांगी यूजरों की जानकारी, अमेरिका सबसे आगे

नई दिल्ली ,30 जुलाई (एजेंसी)। सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने खुलासा किया है कि दुनियाभर की सरकारें उससे यूजर खातों से सामग्री हटाने या उनके निजी विवरणों की जासूसी के लिए कह रही हैं। कंपनी ने कहा कि उसने गत 6 वर्ष, 6 माह की अवधि में स्थानीय, राज्य व राष्ट्रीय सरकारों की 60,000 मांगों पर कार्रवाई की है।

कंपनी ने एक नई रिपोर्ट में खुलासा किया कि ये सरकारें चाहती थीं कि ट्विटर से या तो सामग्री हटाई जाए अथवा कंपनी यूजर की गोपनीय जानकारी का खुलासा करे। ट्विटर की सुरक्षा व अखंडता मामलों के प्रमुख योएल रोथ ने कहा कि हम देख रहे हैं कि सरकारें हमारी सेवा का उपयोग करने वालों को बेनकाब करने के लिए कानूनी रणनीति का उपयोग करने, अकाउंट के मालिकों के बारे में जानकारी एकत्र करने और लोगों को चुप कराने के तरीके के रूप में अधिक आक्रामक हो जाती हैं। फेसबुक व इंस्टाग्राम की मालिक मेटा ने भी इसी समय सीमा के दौरान सरकार द्वारा निजी यूजर डाटा की मांग में वृद्धि की सूचना दी।

ट्विटर द्वारा जारी नई रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से सर्वाधिक 20 प्रतिशत अनुरोध आए, जबकि भारत इस मामले में काफी पीछे है। ट्विटर का कहना है कि उसने मांगी गई सूचना के हिसाब से लगभग 40 प्रतिशत यूजर के अकाउंट की जानकारी साझा की। जापान की ओर से अकाउंट की जानकारी पाने व सामग्री हटाने का कई बार अनुरोध किया गया। उसने सभी अनुरोधों के आधे 23,000 से अधिक आग्रह किए। रूस भी इसमें पीछे नहीं रहा।

ट्विटर ने 2021 की अंतिम छमाही के दौरान सत्यापित पत्रकारों और मीडिया आउटलेट्स को निशाना बनाकर सरकारों के अनुरोधों में भारी वृद्धि की भी सूचना दी। पिछले साल जुलाई व दिसंबर के बीच दुनियाभर में सरकारों ने 349 अकाउंट के खिलाफ कानून का सहारा लिया, जो 103 प्रतिशत अधिक है। इस संबंध में ट्विटर ने देशों के नामों का जिक्र नहीं किया।

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट के कार्यकारी निदेशक रॉब महोनी ने एक बयान में कहा कि सरकार आलोचकों और पत्रकारों को चुप कराने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों का इस्तेमाल कर रही है।

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5जी नीलामी से पहले दिन ही मालामाल हुई सरकार

नई दिल्ली ,27 जुलाई (एजेंसी)। 5जी नीलामी से पहले दिन ही मालामाल हुई सरकार. महीनों के इंतजार के बाद देश में 5त्र नेटवर्क हकीकत बनने वाला है। इसके लिए अभी 5जी के स्पेक्ट्रम की नीलामी चल रही है। यह नीलामी मंगलवार यानी 26 जुलाई से शुरू हुई। अगर अभी और स्पेक्ट्रम की डिमांड आई तो आज भी नीलामी की प्रक्रिया जारी रह सकती है।

इसी बीच सरकार ने बताया है कि पहले दिन की नीलामी में उसे उम्मीद से बढ़कर बोलियां मिली हैं। आंकड़ों के अनुसार, पहले दिन चार राउंड की बिडिंग के बाद सरकार को 1.45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं।

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले दिन की नीलामी के बाद देर शाम एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि 5त्र स्पेक्ट्रम के लिए भारत की अब तक की एकमात्र नीलामी के पहले दिन ही बोलियों ने 1.45 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया।

स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया मंगलवार को सुबह के 10 बजे से शुरू हुई. शाम के छह बजे तक चार राउंड में बोलियां लगाई गईं। मंत्री ने कहा कि अगर अभी भी बोली लगाने वालों के बीच स्पेक्ट्रम की डिमांड बाकी रही तो नीलामी की प्रक्रिया आज भी जारी रह सकती है।

इससे पहले सरकार को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में 1.09 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान कई एनालिस्ट जाहिर कर रहे थे।

इस बार स्पेक्ट्रम की नीलामी की रेस अडानी डेटा नेटवर्क के शामिल हो जाने से ज्यादा दिलचस्प हो गई है। अडानी के अलावा इस नीलामी में मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, सुनील मित्तल की भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया हिस्सा ले रही हैं।

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शुरू हो गई 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी, चार कंपनियां दौड़ में शामिल

नयी दिल्ली,26 जुलाई(एजेंसी) । 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई जिसमें 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई जाएंगी।

बोली प्रक्रिया मंगलवार को सुबह 10 बजे से शुरू हो गई। शाम छह बजे तक बोली लगाई जा सकती है। नीलामी प्रक्रिया का आगे भी जारी रहना आने वाली बोलियों और बोलीकर्ताओं की रणनीति पर निर्भर करेगा।

स्पेक्ट्रम नीलामी के इस दौर में 5जी के लिए मौजूदा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के अलावा गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज भी बोली लगाने वाली है।

दूरसंचार विभाग को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से 70,000 करोड़ रुपये से लेकर 1,00,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व मिलने की उम्मीद है। उद्योग जगत को उम्मीद है कि स्पेक्ट्रम की बिक्री आरक्षित मूल्य के आसपास ही होगी।

देश में 5जी सेवाएं शुरू होने से अत्यधिक तीव्र गति वाली इंटरनेट सेवाएं देने का रास्ता साफ हो पाएगा। मौजूदा 4जी सेवाओं की तुलना में 5जी सेवा करीब 10 गुना तेज होगी।

नीलामी के दौरान रिलायंस जियो की तरफ से ज्यादा खर्च किए जाने की उम्मीद है। एयरटेल के भी इस होड़ में आगे रहने जबकि वोडाफोन आइडिया और अडाणी एंटरप्राइजेज की तरफ से सीमित भागीदारी किए जाने की उम्मीद है।

रिलायंस जियो ने नीलामी के लिए 14,000 करोड़ रुपये की राशि विभाग के पास जमा कराई है जबकि अडाणी एंटरप्राइजेज ने 100 करोड़ रुपये की राशि जमा की है।

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भारत आईटीयू परिषद के लिए फिर से चुनाव लड़ेगा

नईदिल्ली,04 जून (RNS) । भारत अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) परिषद के लिए फिर से चुनाव लड़ेगा। संचार मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

बयान में संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान के हवाले से कहा गया कि सरकार ने सतत विकास लक्ष्यों-2030 को प्राप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र दूरसंचार निकाय के लक्ष्यों और दृष्टि के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया है।

चौहान ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में 31 मई से तीन जून तक आयोजित वर्ल्ड समिट ऑफ इंफॉर्मेशन सोसाइटी 2022 के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक डिजिटल परिवर्तन, विकास में उत्कृष्टता हासिल करने और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिककी (आईसीटी) के उपयोग में सबसे आगे रहा है।

संचार राज्य मंत्री ने आईटीयू परिषद की उम्मीदवारी के लिए भारत के रेडियो विनियम बोर्ड (आरआरबी) की सदस्य एम रेवती के नाम का प्रस्ताव करते हुए कहा कि उनके पास पेशेवर विशेषज्ञता का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है।

गौरतलब है कि भारत वर्ष 2023 से 2026 की अवधि के लिए आईटीयू परिषद के लिए फिर से चुनाव लड़ रहा है। भारत आईटीयू का सदस्य रहा है और लगातार संघ की गतिविधियों में भाग लेने के साथ आईसीटी की वृद्धि और विकास में योगदान दे रहा है।

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