भारत में जीसीसी से 2030 तक पैदा होंगी 28 लाख नौकरियां

नई दिल्ली  13 Sep, । भारत दुनिया का ‘जीसीसी कैपिटल’ बनकर उभर रहा है। दुनिया के कुल ग्लोबल टेक्नोलॉजी कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) में भारत की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है और इसमें 19 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई।

जीसीसी मार्केट भारत में 2030 तक बढ़कर 99 से 105 अरब डॉलर का हो सकता है। इस दौरान देश में जीसीसी की संख्या बढ़कर 2,100 से लेकर 2,200 पहुंच सकती है। वहीं, इनमें कर्मचारियों की संख्या 25 लाख से 28 लाख तक पहुंच सकती है।

पिछले पांच वर्षों में देश में वैश्विक नौकरियों में तेज इजाफा देखने को मिला है। 6,500 से ज्यादा ऐसी नौकरियां अब पैदा हो चुकी हैं। इसमें 1,100 से ज्यादा पदों पर महिलाएं हैं।

नैस्कॉम-जिनोव की रिपोर्ट में कहा गया कि एक चौथाई से ज्यादा वैश्विक इंजीनियरिंग पद भारत में हैं। ये पद एयरोस्पेस, डिफेंस और सेमीकंडक्टर जैसी नई जनरेशन की टेक्नोलॉजी में हैं।

सेमीकंडक्टर फर्म और टेक सेक्टर की बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में इनोवेशन को बढ़ाने के लिए प्रोडक्ट टीम का विस्तार कर रही हैं।

पिछले पांच वर्षों में 400 से ज्यादा नए जीसीसी और 1,100 से ज्यादा नए सेंटर्स देश में स्थापित हो चुके हैं और इसके कारण देश में जीसीसी की संख्या 1,700 के पार निकल गई है।

वित्त वर्ष 24 में भारत से जीसीसी ने 64.6 अरब डॉलर का निर्यात किया था। वित्त वर्ष 19 से भारत में औसत जीसीसी टैलेंट 24 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और वित्त वर्ष 24 में 1,130 से ज्यादा कर्मचारी होने का अनुमान है।

देश में 90 प्रतिशत से ज्यादा जीसीसी फाइनेंसियल सेंटर्स, टेक्नोलॉजी ऑपरेशन और प्रोडक्ट इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि 220 से ज्यादा जीसीसी यूनिट्स अहमदाबाद, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और कोयंबटूर जैसे शहरों में स्थित हैं।

शेयर बाजार मजबूत ग्लोबल संकेतों के साथ सकारात्मक खुला

मुंबई 16 Aug, – मजबूत ग्लोबल संकेतों के कारण शुक्रवार के कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर सकारात्मक खुला। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखने को मिल रही है। सुबह 9:21 पर सेंसेक्स 735 अंक या 0.93 प्रतिशत की तेजी के साथ 79,841 और निफ्टी 224 अंक या 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,387 पर था।

इंडिया विक्स में 4.21 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल रही है और यह 14.79 पर बना हुआ है, जो दिखाता है कि बाजार में स्थिरता बनी हुई है। बाजार में रुझान तेजी का है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1704 शेयर हरे निशान में और 345 शेयर लाल निशान में हैं। सेंसेक्स में सभी 30 शेयर हरे निशान में हैं।

एमएंडएम, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, विप्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील टॉप गेनर्स हैं। लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 522 अंक या 0.92 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,057 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 187 अंक या 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,274 पर है। सेक्टर के हिसाब से देखें तो ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फिन सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी और एनर्जी और हेल्थकेयर इंडेक्स में सबसे ज्यादा बढ़त है। ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर में टेक्निकल रिसर्च की उपाध्यक्ष वैशाली पारेख का कहना है कि पिछले कुछ समय में निफ्टी ने एक सीमित दायरे में कारोबार किया है। इस कारण से तेजी के लिए 24,200 के ऊपर टिकना काफी जरूरी है।

वहीं, 24,400 एक महत्वपूर्ण रुकावट का स्तर है। वहीं, 24,000 एक सपोर्ट लेवल के तौर पर काम करेगा। एशियाई बाजार में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। टोक्यो, हांगकांग, शंघाई, सोल और जाकार्ता में तेजी है। अमेरिका के बाजार गुरुवार को सकारात्मक बंद हुए थे।

सीआईएस देशों में भारत का कपड़ा निर्यात 113 प्रतिशत बढ़ा

नई दिल्ली ,30 जुलाई (एजेंसी)। भारत की ओर से स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस) रीजन (रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान) को किए जाने वाला कपड़ा निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 113.33 प्रतिशत बढ़कर 64 मिलियन डॉलर हो गया है, जो कि एक वर्ष पहले समान अवधि में 30 मिलियन डॉलर था।

यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में मिली।

मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, भारत का कपड़ा निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 4.15 प्रतिशत बढ़कर 8.78 अरब डॉलर हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 8.43 अरब डॉलर था। भारत के कपड़ा और परिधान उद्योग का जीडीपी में योगदान 2.3 प्रतिशत है। वहीं, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 13 प्रतिशत और निर्यात में 12 प्रतिशत का योगदान है।

भारत कपड़ा और परिधान में दुनिया का छठा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। सीआईएस देशों के साथ दक्षिण एशियाई देशों में भी भारत के कपड़े की मांग बढ़ी है और यह 35.65 प्रतिशत बढ़कर 898 मिलियन डॉलर हो गई है।

जानकारों का कहना है कि भारत के कपड़ा निर्यात में बढ़त की वजह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक माहौल बनना है। साथ ही इसकी एक प्रमुख वजह चीन और बांग्लादेश के ऊपर भारत को खरीदारों द्वारा तरजीह देना भी है।

दक्षिण अमेरिकी देशों में भी भारत में बने कपड़े का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 15 प्रतिशत बढ़कर 346 मिलियन डॉलर हो गया है। हालांकि, इस दौरान उत्तर पूर्व एशिया (एनईए) और अफ्रीका में भारतीय कपड़े का निर्यात क्रमश: 28 प्रतिशत घटकर 298 मिलियन डॉलर और 15.74 प्रतिशत घटकर 423 मिलियन डॉलर हो गया है। इसकी वजह बाजार से जुड़ी चुनौतियों को माना जा रहा है।

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भारत में बने टेलीकॉम उपकरणों का 100 देशों में हो रहा निर्यात

नई दिल्ली ,30 जुलाई (एजेंसी)। भारत में बने टेलीकॉम उपकरणों का निर्यात अब 100 से ज्यादा देशों में किया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है।

पिछले वर्ष भारत से 18.2 अरब डॉलर के टेलीकॉम उपकरण और सर्विसेज का निर्यात किया गया था।

दूरसंचार विभाग के तहत आने वाले डिजिटल संचार आयोग में सदस्य (टेक्नोलॉजी) मधु अरोड़ा ने कहा कि कई घरेलू टेलीकॉम कंपनियों ने अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद भी उपकरण बेचने में सफलता प्राप्त की है।

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना की ओर से हाल ही में घरेलू स्तर पर विकसित किया हुआ चिप आधारित 4जी मोबाइल बेस स्टेशन एकीकृत किया गया है, जिसे हमारी आरएंडडी फर्म की ओर से बनाया गया था।

राष्ट्रीय राजधानी में हुए डिफेंस सेक्टर आईसीटी कॉन्क्लेव में अरोड़ा ने कहा कि इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) डिफेंस ऑपरेशन की रीढ़ की हड्डी है।

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि मंत्रालय की ओर से आईसीटी सेक्टर में अफ्रीका के साथ सहयोग बढ़ाने को लेकर काम किया जा रहा है।

भारत, अफ्रीका के टॉप पांच निवेशकों में से एक है। अब तक 75 अरब डॉलर का निवेश अलग-अलग अफ्रीकी देशों में किया जा चुका है। कई भारतीय कंपनियां अफ्रीका में डिजिटल बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं।

टेलीकॉम इक्विपमेंट एंड सर्विसेज एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (टीईपीसी) के कार्यकारी चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने कहा कि आईसीटी भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने के लिए काफी जरूरी है।

भारत, अफ्रीका के साथ काफी लंबे समय से सहयोग कर रहा है और उसकी संप्रभुता का भी सम्मान करता है। इस कारण अफ्रीका के लिए एक विश्वसनीय साझेदार है।

अग्रवाल ने आगे कहा कि डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हमारी कार्यकुशलता हमारी सेना को पूर्वानुमानित अंतर्दृष्टि और कार्रवाई योग्य इंटेलिजेंस उपलब्ध कराता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता और ऑपरेशन को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

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लंबी अवधि में शेयर बाजार में होगा ज्यादा फायदा

एलटीसीजी छूट बढ़ी

नई दिल्ली ,24 जुलाई (एजेंसी)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट में एक तरफ सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) में बढ़ोतरी की तो दूसरी तरफ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर मिलने वाली छूट में भी इजाफा किया।
वित्त मंत्री की ओर से फ्यूचर और ऑप्शन पर लगने वाली सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है।

डेरिवेटिव सेगमेंट में ऑप्शन को सेल पर विक्रेता की ओर से 0.0625 प्रतिशत एसटीटी अदा किया जाएगा। वहीं, इस पर 0.125 प्रतिशत एसटीटी ऑप्शन खरीदार की ओर से दिया जाएगा। फाइनेंस बिल के मुताबिक नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी।

वित्त मंत्री ने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) टैक्स को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की छूट सीमा में बढ़ोतरी कर 1.25 लाख रुपये प्रतिवर्ष कर दी गई है, जो कि पहले एक लाख रुपये थी।

डिजर्व के सह-संस्थापक, वैभव पोरवाल का कहना है कि बजट में लंबी अवधि के निवेशकों को प्रोत्साहित किया गया है। निवेशकों को बाजार के हाल के रिएक्शन को छोड़कर लंबी अवधि का नजरिया रखना चाहिए। मौजूदा कर ढांचा लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा देता है।

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बजट में इन ऐलानों का शेयर बाजार पर पड़ेगा असर

जानें निवेशकों को क्या हैं उम्मीदें

नई दिल्ली ,20 जुलाई (एजेंसी) । शेयर बाजार बजट को लेकर बेचैन है. बजट से पहले बाजार में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में निवेशकों के लिए यह समझना कठिन हो रहा है कि किन हालतों में बजट के बाद स्थिरता देखने को मिलेगी. आपको बता दें कि 23 जुलाई को आम बजट संसद में पेश होगा.

मार्केट में मजबूती बनी हुई है. बजट में 3 अहम बातों पर बाजार पर असर देखा जा सकता है. अगर ऐलान मार्केट के पक्ष में आता है तो उछाल देखने को मिलेगा. सोमवार को जब बाजार खुलेगा तो कई शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है. मंगलवार को जब बजट पेश होगा तो मार्केट में अस्थिरता देखने को मिलेगी.

सवाल है कि आखिरकार कौन से ऐसे तीन ऐलान हैं, जिन पर बाजार की नजर रहने वाली है. कॉरपोरेट जगत और बड़े निवेशक, सरकार से इन मुद्दों पर सकारात्मक रुख की उम्मीद कर रहे हैं. आइए जानते हें आखिरकार कौन से है ये तीन अहम मुद्दे.
फिस्कल कंसोलिडेशन

राजकोषीय अनुशासन को बाजार संतुलित रूप में देखना चाहता है. राजकोषीय घाटा और ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों की ओर से किसी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन लगाया जा सकता है. ऐसे में राजकोषीय घाटे पर सरकार का कोई गाइडेंस बाजार को लेकर सकारात्मक हो सकता है. ब्याज दरों में कटौती संभव है. इस तरह से कई सेक्टर जैसे ऑटो, बैंक, आईटी और फार्मा सेक्टर्स को बड़ा लाभ मिल सकता है.
शहर और गांव में अर्थव्यवस्था का हाल

भारत में कोरोना महामारी के बाद रिकवरी बहुत असमान रही. शहरी क्षेत्रों में डिमांड में अच्छा इजाफा देखने को मिला. वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था पिछड़ गई. खासकर कोरोना की दूसरी लहर के बाद शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में मांग कम हो गई.

ऐसे   में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आय, वेतन और खपत को बढ़ाने के उपायों पर बजट में खास ऐलान करना होगा. इस तरह से रिटेल सेक्टर खासकर एफएमसीजी कंपनियों को लाभ मिल पाएगा. उनकी बिक्री बढ़ जाएगी.

बुनियादी ढांचे को विकसित करने की योजना 

सरकार, बजट में रेलवे, बिजली,आवास और डिफेंस जैसे कई सेक्टरों को बढ़ावा दे सकती है. कई सेक्टरों में पूंजीगत व्यय को बढ़ा सकती है. इसके आवंटन में 11.5 लाख करोड़ रुपये की अपेक्षित वृद्धि के साथ, विशेष रूप से बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा, रेलवे और आवास में बुनियादी ढांचे के विकास पर खास इंटरेस्ट दिखाने की आवश्यकता है.

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अदाणी समूह के खिलाफ टूलकिट का खुलासा

नई दिल्ली 25 May,(एजेंसी) : अदाणी समूह और उसकी कुछ व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ काम कर रहे एक टूलकिट का खुलासा हुआ है। इसमें कम्युनिस्ट, पाकिस्तानी, इस्लामी कट्टरपंथी, अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और पश्चिमी देश शामिल हैं।

द फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) और अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस समर्थित ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) सहित विदेशी मीडिया के एक वर्ग ने अदाणी समूह द्वारा कम कीमत पर खराब गुणवत्ता का कोयला आयात कर अधिक कीमत पर बेचने की बात कही थी। इसके बाद विशेषज्ञों ने समूह के खिलाफ काम करने वाले टूलकिट का खुलासा किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, पत्रकार आनंद मंगनाले द्वारा लिखे लेख में समूूह पर उपरोक्त आरोप लगाया गया।

ओसीसीआरपी और आनंद मंगनाले ने अदाणी समूह के बारे में गलत तथ्यों के साथ एक लेख पोस्ट किया। बाद में कई लोगों ने इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया।

विशेषज्ञों के मुताबिक, ‘यूके का फाइनेंशियल टाइम्स भी इस टूलकिट का हिस्सा है और पब्लिकेशन की ओर से अदाणी समूह के खिलाफ एक प्रोपेगेंडा आर्टिकल भी पोस्ट किया गया था।’

विशेषज्ञों का कहना है कि “फाइनेंशियल टाइम्स के संपादक जार्ज सोरोस और फोर्ड फाउंडेशन की वित्तीय मदद से संचालित कंपनी के बोर्ड में बैठते हैं।”

विदेशी मीडिया संगठनों – द फाइनेंशियल टाइम्स और ओसीसीआरपी द्वारा अदाणी समूह पर बार-बार लगाए जाने वाले आरोपों की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। इसीलिए अब बाजार ने भी इसे गंभीरता से लेना बंद कर दिया है।

अमेरिका स्थित वैश्विक ब्रोकरेज कैंटर फिट्जगेराल्ड के अनुसार, फाइनेंशियल टाइम्स का लेख हो हल्ला के शिवा कुछ नहीं है।

फाइनेंशियल टाइम्स ने 22 मई को सुबह 4:34 बजे अदाणी समूह के खिलाफ एक दुष्प्रचार लेख प्रकाशित किया। अदाणी समूह के खिलाफ टूलकिट उसी दिन सुबह लगभग 7.49 बजे से सोशल मीडिया पर फैलना शुरू हुआ। एक प्रमुख पत्रकार ने इसे पोस्ट किया। उसी दिन रात 9.42 बजे एक अन्य शख्स ने भी यह लेख सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।

लेकिन भारतीय बाजार इस रिपोर्ट को नजरअंदाज करते नजर आया। गुरुवार को निफ्टी में 7.84 फीसद की बढ़त के साथ अदाणी एंटरप्राइजेज में जबरदस्त तेजी रही। अदाणी पोर्ट्स भी 4.73 फीसद की बढ़त के साथ शीर्ष तीन लाभ पाने वाली कंपनियों मे से एक रहा।

कैंटर फिट्जगेराल्ड ने अपने नोट में कहा, “हम मानते हैं कि बाजार यह अनुमान लगा रहा है कि अदाणी समूह के बारे में लिखा गया लेख एक सारहीन कहानी है। इसमें सच्चाई का कोई अंश नहीं है।”

निवेशकों को अदाणी ग्रुप के शेयरों में विश्वास है। पिछले एक साल में समूह का बाजार पूंजीकरण 57 प्रतिशत बढ़कर अब 200 अरब डॉलर हो गया है।

अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में गुरुवार को जबरदस्त तेजी रही। सूचकांक में तेज उछाल आया। अदाणी एंटरप्राइजेज ने 8 फीसद की रिकॉर्ड छलांग लगाई।

अदाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों का अब संयुक्त बाजार मूल्यांकन 17.23 लाख करोड़ रुपये है।

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बायबाय ई-रिक्शा ने ऋणदाता कंपनी रेवफिन के साथ साझेदारी की है

नई दिल्ली ,08 अप्रैल (एजेंसी) । Electric Transport Company बायबाय ई-रिक्शा ने कहा कि उसने ई-रिक्शा के आसान फाइनेंसिग के लिए डिजिटल ऋणदाता कंपनी रेवफिन के साथ साझेदारी की है।

बायबाय ई-रिक्शा निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी घरेलू कंपनियों में से एक है और पिछले 10 साल से वाहनों के साथ-साथ ई-लोडर भी बना रही है।
बायबाय के सह-संस्थापक राजीव तुली ने कहा कि एमओयू समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाएगा।

तुली ने कहा, हमने देखा है कि एक ई-रिक्शा चालक अपने परिवार का भरण-पोषण ठीक से कर पाता है और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला पाता है।

रेवफिन के संस्थापक समीर अग्रवाल और तुली के बीच हुए इस करार से ई-रिक्शा की उपलब्धता आसान होगी और जरूरतमंद लोगों तक अच्छी गुणवत्ता वाला ई-रिक्शा पहुंचाया जा सकेगा। बायबाय द्वारा बनाए गए ई-रिक्शा और ई-लोडर असम सहित विभिन्न राज्यों में उपलब्ध हैं।

रेवफिन 2017 से इलेक्ट्रिक वाहनों का वित्तपोषण कर रहा है।

कंपनी के ज्यादातर ग्राहक कस्बों, तहसीलों और छोटे शहरों से हैं, जिन्हें बिना किसी औपचारिकता के आसान किस्तों में ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक वाहन मिल जाते हैं।

कंपनी अपनी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के तहत ऋण प्रदान करती है।

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पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने लोगों के जीवन को बदल दिया

नई दिल्ली ,03 अप्रैल । पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना न केवल असम में बिजली की कमी को पूरा करने में मदद कर रही है, बल्कि लोगों को कई लाभ भी प्रदान कर रही है। राज्य में इस योजना के पहले लाभार्थी सेलेन काकोती ने मंगलवार को यह बयान दिया।

गुवाहाटी में काहिलीपारा के जनकपुर निवासी सेलेन काकोती ने ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली’ योजना के तहत अपने घर में 3 किलोवाट का सोलर-रूफटॉप स्थापित किया। काकोती ने बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि वह 1 करोड़ घरों में सौर पैनल सिस्टम प्रदान करेंगे। इसके तहत मैंने आवेदन किया था। इसके बाद सोलर पैनल सिस्टम स्थापित कर चालू कर दिया गया।

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 29 फरवरी को 75,021 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अनुमोदित केंद्रीय योजना का लक्ष्य देश में एक करोड़ घरों को मुफ्त बिजली प्रदान करना है। परिवारों को हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिल सकेगी।

काकोती ने कहा कि उनका बिल अभी तक नहीं आया है। इस प्रणाली में जो भी विद्युत उत्पादित होता है, वह ग्रिड में जाता है। मौसम खराब होने पर भी 10 यूनिट बिजली मिलती है। जब मौसम ठीक होता है, तो 16 या 17 यूनिट उपलब्ध होती हैं।

महत्वाकांक्षी योजना के तहत, सौर पैनल वाला प्रत्येक घर बिजली बिल बचाने के साथ-साथ डिस्कॉम को शेष बिजली की बिक्री के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम होगा।

काकोती ने कहा कि 30 दिनों में 450 किलोवाट बिजली 10 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिलेगी। इस हिसाब से 4,000-5,000 रुपये जेनरेट हो जाएंगे। मेरा बिल इसी से एडजस्ट हो जायेगा।

आगे कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें कोई साझाकरण प्रणाली नहीं है। इसका उपयोग सिर्फ मैं करूंगा, बाकी सरप्लस ग्रिड में जाएगा और सरकार मुझे कुछ पैसे देगी। यह एक बहुत अच्छी योजना है।

3 किलोवाट सिस्टम की लागत लगभग 2 लाख रुपये होगी। काकोती ने कहा, इसमें से 70 हजार रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी और राज्य सरकार भी योगदान देगी। मैं पीएम मोदी को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं।

इस व्यवस्था से देश में बदलाव लाया जा सकता है। इससे असम में बिजली की कमी पूरी होगी और जो इसके लिए आवेदन करेगा, उसे कई लाभ मिलेंगे।

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गूगल ने भारतीय एप को किया प्ले स्टोर पर बहाल

नई दिल्ली ,03 मार्च । गूगल ने भारी आलोचना के बाद शनिवार को प्ले स्टोर से हटाए गए सभी एप को वापस बहाल कर दिया है। सूत्रों ने पुष्टि की कि टेक दिग्गज ने कुछ ऐप्स जैसे शादी.कॉम, इंफो एज की नौकरी डॉट कॉम, 99एकड़ और नौकरी गल्फ और अन्य को बहाल कर दिया है।

इन्फो एज के सह-संस्थापक संजीव बिकचंदानी ने भी एक्स पर एक पोस्ट में इस बात की पुष्टि की। उन्होंने पोस्ट किया, कई इन्फो एज ऐप्स प्ले स्टोर पर वापस आ गए हैं। हितेश (हितेश ओबेरॉय) और पूरी इन्फो एज टीम के नेतृत्व में बहुत अच्छा प्रयास किया गया। लोग इसके लिए पूरी रात जागते रहे।

इससे पहले दिन में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने भारतीय कंपनियों के ऐप्स को हटाने की आलोचना की थी और गूगल से उन हटाए गए ऐप्स को अपने प्ले स्टोर पर बहाल करने के लिए कहा था। गूगल ने मैट्रिमोनी और शादी डॉट कॉम सहित प्रमुख भारतीय डिजिटल कंपनियों के एक दर्जन से अधिक ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया था।

यह कदम गूगल द्वारा उन 10 डेवलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना की घोषणा के बाद आया है, जिन्होंने अन्य ऐप स्टोर की भुगतान नीति का पालन करने से इनकार कर दिया था। एएलटीटी, स्टेज और अहा स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, ट्रूली मैडली और क्वैक क्वैक डेटिंग ऐप्स, कुकू एफएम ऑडियो कंटेंट प्लेटफॉर्म और एफआरएनडी सोशल नेटवर्किंग ऐप जैसी कंपनियों के एप्लिकेशन को भी गूगल द्वारा हटा दिया गया था।

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जम्मू-कश्मीर पावर प्लांट ने राजस्थान को 40 साल तक बिजली आपूर्ति करने के लिए किया समझौता

नई दिल्ली ,26 फरवरी (एजेंसी)।  एनएचपीसी लिमिटेड और जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की संयुक्त उद्यम कंपनी रैटले हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएचपीसीएल) ने राजस्थान ऊर्जा विकास एंड आईटी सर्विसेज लिमिटेड को बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) में प्रवेश किया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने गुरुवार को ये जानकारी दी।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किए जाने वाले बिजली आवंटन के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 850 मेगावाट की रैटले जलविद्युत परियोजना वाणिज्यिक संचालन तिथि (सीओडी) से 40 वर्षों की अवधि के लिए राजस्थान को बिजली प्रदान करेगी।

पावर परचेज एग्रीमेंट पर बुधवार को जयपुर में आरएचपीसीएल और राजस्थान ऊर्जा विकास और आईटी सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

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29 रुपए किलो चावल बेचेगी मोदी सरकार, व्यापारियों को बताना होगा स्टॉक

नई दिल्ली ,03 फरवरी (एजेंसी) । महंगाई से लोगों को राहत दिलाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। सरकार अगले हफ्ते से खुदरा बाजार में 29 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर ‘भारत राइस’ ब्रांड के तहत चावल बेचेगी। इसके अलावा व्यापारियों को निर्देश दिया गया है कि चावल के स्टॉक का खुलासा किया जाए।

केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विभिन्न किस्मों के चावल निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद पिछले एक साल में चावल की खुदरा और थोक कीमतों में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पहले मोदी सरकार की तरफ से पहले ही महंगाई को मात देने केलिए ‘भारत आटा’ की बिक्री 27.50 रुपये किलो और ‘भारत दाल’ (चना) 60 रुपये किलो के हिसाब से की जा रही है।

सरकार की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि चावल के निर्यात पर लगी पाबंदी को हटाने की अभी कोई योजना नहीं है। यह केवल अफवाह है कि चावल के निर्यात पर लगी पाबंदी को हटाया जा रहा है। चोपड़ा ने कहा कि रिटेलर और होलसेल सेलर को और फूड प्रोसेसिंग करने वालों को नए रेट का चावल के स्टॉक की जानकारी देने के लिए कहा गया है।

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पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने 1 पैन पर खोले 1000 खाते, बिना पहचान करोड़ों का लेनदेन भी किया- आरबीआई ने कसा शिकंजा

नई दिल्ली ,04 फरवरी (एजेंसी) । पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई के एक्शन की चर्चा हर तरफ है। आरबीआई के एक्शन के बाद पेटीएम के शेयरों में बड़ी गिरावट आ गई है। दो दिन में ही कंपनी का शेयर 40 फीसदी टूट गया है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक के पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर एक्शन लेने की वजह सामने आई है।

सूत्रों के अनुसार, आरबीआई को मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) संबंधी चिंताओं और वॉलेट पेटीएम तथा इसकी बैंकिंग शाखा के बीच सैकड़ों करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के कारण विजय शेखर शर्मा द्वारा संचालित इकाइयों पर शिकंजा कसना पड़ा। सूत्रों ने बताया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के पास लाखों गैर-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालन वाले खाते थे और हजारों मामलों में कई खाते खोलने के लिए एक ही पैन का उपयोग किया गया था। यानी 1 पैन पर 1000 बैंक अकाउंट खोले गए।

आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का निर्देश दिया था। जानकारी के मुताबिक 29 फरवरी के बाद आरबीआई पेटीमए पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस रद्द कर सकता है। आरबीआई ने एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। इन रिपोर्टों से भुगतान बैंक में लगातार नियमों के गैर-अनुपालन और सामग्री पर्यवेक्षण से जुड़ी चिंताएं सामने आईं।

आरबीआई ने इसके पहले 11 मार्च, 2022 को पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोडऩे से रोक दिया था। आरबीआई ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को बचत बैंक खाते, चालू खाते, प्रीपेड माध्यम, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सहित अपने खातों से शेष राशि की निकासी या उपयोग की अनुमति किसी प्रतिबंध के बगैर दी जाएगी।

वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है लेकिन वह इसे अपनी सहयोगी के रूप में वर्गीकृत करता है, न कि अनुषंगी कंपनी के रूप में। सूत्रों ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के पास लाखों गैर-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालन वाले खाते थे और हजारों मामलों में कई खाते खोलने के लिए एक ही पैन का उपयोग किया गया था।

सूत्रों ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जहां लेनदेन का कुल मूल्य करोड़ों रुपये में है, जिससे धन शोधन की चिंताएं बढ़ रही हैं। एक विश्लेषक के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से लगभग 31 करोड़ निष्क्रिय हैं, जबकि केवल लगभग चार करोड़ ही बिना किसी शेष राशि या बहुत कम शेष के साथ सक्रिय होंगे।

सूत्रों ने कहा कि असामान्य रूप से बड़ी संख्या में निष्क्रिय खातों का उपयोग फर्जी खातों के लिए में किए जाने की आशंका है। ऐसे में केवाईसी में बड़ी अनियमितताएं हुईं है, जिससे ग्राहकों, जमाकर्ताओं और वॉलेट धारकों को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा। सूत्रों ने कहा कि बैंक द्वारा प्रस्तुत अनुपालन कई मौकों पर अधूरा और गलत पाया गया।

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2024 के पहले महीने में दुनिया भर में 30 हजार से अधिक तकनीकी कर्मचारियों की नौकरियां गईं

नई दिल्ली ,04 फरवरी (एजेंसी) । तकनीकी कर्मचारियों के लिए वर्ष 2024 की शुरुआत खराब रही, क्योंकि जनवरी में ही 122 से अधिक तकनीकी कंपनियों और स्टार्टअप ने 30 हजार से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, और नौकरियों में कटौती लगातार जारी है। छंटनी पर नजऱ रखने वाली वेबसाइट लेऑफ्सडॉटफाई द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 122 तकनीकी कंपनियों ने (3 फरवरी तक) 31,751 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया।

दुनिया भर में स्टार्टअप समेत टेक कंपनियों ने 2022 और 2023 में 425,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, जबकि इसी समय सीमा में भारत में 36,000 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया। वीडियो संचार प्लेटफ़ॉर्म जूम लगभग 150 कर्मचारियों, या कंपनी के 2 प्रतिशत से भी कम कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है। जूम के अलावा, क्लाउड सॉफ़्टवेयर विक्रेता ओक्टा ने भी लगभग 400 कर्मचारियों, या अपने कार्यबल के लगभग 7 प्रतिशत को नौकरी से निकालने की योजना की घोषणा की।

ऑनलाइन भुगतान गेटवे पेपाल ने पिछले महीने छंटनी शुरू कर दी, इससे उसके कार्यबल के कम से कम 9 प्रतिशत, लगभग 2,500 कर्मचारी प्रभावित होंगे। उपभोक्ता रोबोट बनाने वाली कंपनी आईरोबोट ने लगभग 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की है, जो उसके कार्यबल का लगभग 31 प्रतिशत है और इसके संस्थापक और सीईओ, कॉलिन एंगल भी पद छोड़ देंगे। एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर प्रमुख सेल्सफोर्स नौकरी में कटौती करने वाली नवीनतम तकनीकी कंपनी बन गई है, इसने लगभग 700 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।

ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी अपने कर्मचारियों की संख्या में लगभग सात प्रतिशत यानी लगभग 350-400 नौकरियों की कटौती कर रहा है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ईबे लगभग 1,000 कर्मचारियों या अपने पूर्णकालिक कार्यबल के 9 प्रतिशत को बर्खास्त कर रहा है, और कंपनी आने वाले महीनों में अनिर्दिष्ट संख्या में ठेकेदारों को भी नौकरी से हटा देगी।

गूगल के स्वामित्व वाला यू ट्ब अपनी निर्माता प्रबंधन और संचालन टीमों से कम से कम 100 कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है। लगभग 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के बाद, गूगल कथित तौर पर चल रहे पुनर्गठन अभ्यास के हिस्से के रूप में अपनी विज्ञापन बिक्री टीम में कुछ सौ और नौकरियों में कटौती कर रहा है।

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी कर्मचारियों को इस साल और अधिक नौकरियों में कटौती के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। वैश्विक डेटा प्रबंधन समाधान प्रदाता वीईएम सॉफ्टवेयर ने कथित तौर पर 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। पॉलीगॉन लैब्स, टीम जो लेयर-2 ब्लॉकचेन पॉलीगॉन के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करती है, ने अपने लगभग 19 प्रतिशत कार्यबल या 60 कर्मचारियों को निकाल दिया है।

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अब तक का सबसे बड़ा साइबर अटैक! टिवटर से लिंकडन तक कई प्लेटफॉर्म के कुल 2600 करोड़ डेटा हुए लीक

नई दिल्ली ,24 जनवरी (एजेंसी) । इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही इससे जुड़े खतरें भी बढ़ते जा रहे हैं। खासकर एआई के आने के बाद से साइबर अपराधियों को बेहतर टेक्नोलॉजी मिल गई है, जिससे वह लोगों का डेटा चुरा रहे हैं। हाल ही में एक बहुत बड़ी साइबर अटैक की खबर सामने आई है, जिसमें 2600 करोड़ रिकॉर्ड लीक हुए हैं।

ये डेटाबेस इसलिए खतरनाक है क्योंकि इसमें कई बड़े प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, ड्रॉपबॉक्स, लिंक्डइन, टेनसेंट, वीबो, एडोब, कैनवा और टेलीग्राम की संवेदनशील जानकारी शामिल है। इसमें लोगों के यूजरनेम और पासवर्ड कॉम्बिनेशन भी शामिल किए गए है। इन डेटा के बाहर आने से इन प्लेटफॉर्म के यूजर्स को पहचान की चोरी और फिशिंग के लिए संवेदनशील हो जाते हैं। आइये इसके बारे में जानते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने हाल ही में एक बड़े डेटाबेस का जानकारी दी है , जिसमें 2600 करोड़ लीक हुए रिकार्ड शामिल है। रिपोर्ट में इसे रूशह्लद्धद्गह्म् शद्घ ्रद्यद्य क्चह्म्द्गड्डष्द्धद्गह्य यानी सभी उल्लंघनों की जननी कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह अब तक का सबसे बड़ा ब्रीच है, जिसमें कई बड़े प्लेटफॉर्म के यूजर्स का डेटा शामिल है।

रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है कि यह अब तक की सबसे बड़ी खोज है। इस डेटाबेस में ट्विटर, ड्रॉपबॉक्स और लिंक्डइन सहित कई साइटों की संवेदनशील जानकारी शामिल है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सिक्योरिटी डिस्कवरी और साइबरन्यूज के रिसर्चर्स ने इसकी जानकारी दी है और इसका आकार 12 टेराबाइट्स है। इतना ही नहीं इस डेटाबेस में चीनी मैसेजिंग दिग्गज टेनसेंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो के यूजर्स के रिकॉर्ड भी हैं।

इसके अलावा एडोब, कैनवा और टेलीग्राम के साथ साथ कुछ सरकारी संगठनों, ञ्जद्गठ्ठष्द्गठ्ठह्ल और ङ्खद्गद्बड्ढश जैसे चीनी प्लेटफार्मों के रिकॉर्ड भी शामिल है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लीक हुए डेटा में कई यूजरनेम और पासवर्ड कॉम्बिनेशन भी शामिल हैं। ये एक बड़ा खतरा है क्योंकि इससे साइबर अपराधियों को करोड़ों लोगों की पहचान और उनकी संवेदनशील जानकारी मिल सकती है। इससे पहले भी कई हमले हुए है , जिसमें लाखों लोग प्रभावित हुए है। इसमें माइस्पेस (360 मिलियन), ट्विटर (281 मिलियन), लिंक्डइन (251 मिलियन) और एडल्टफ्रेंडफाइंडर (220 मिलियन) के डेटा ब्रीच शामिल है।

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उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अदाणी ने निवेश के लिए खोला पिटारा

नई दिल्ली ,11 दिसंबर (एजेंसी)। उत्तराखंड में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आगाज हो गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस दौरान सबसे पहले अदाणी ग्रुप ने उत्तराखंड में बड़े निवेश का ऐलान किया।

सम्मेलन में पहुंचे अदाणी एंटरप्राइजेज के निदेशक प्रणव अदाणी ने आमंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देहरादून मेरे दिल में एक खास जगह रखता है। उन्होंने देहरादून ही नहीं, पूरे उत्तराखंड को भौतिक और आध्यात्मिक अनुभवों का खजाना बताया।

उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर कोई और स्थान इतने सारे पवित्र स्थलों का प्रवेश द्वार होने का दावा नहीं कर सकता है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि लोग उत्तराखंड को देवभूमि कहते हैं। उत्तराखंड अब निजी क्षेत्र के निवेश के लिए भारत के सबसे आकर्षक प्रवेश द्वारों में से एक बन गया है। क्योंकि, पिछले पांच सालों के विकास और राज्य की स्थिति के दृष्टिकोण से तेजी से बदलाव देखा गया है।

उन्होंने इसके लिए सिंगल पॉइंट क्लियरेंस, जमीन की वाजिब कीमतें, सस्ती बिजली और बेहतर डिस्ट्रिब्यूशन, कुशल कामगार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से करीबी और बेहतरीन कानून-व्यवस्था के माहौल को कारण बताया। उनके मुताबिक वर्तमान में अदाणी समूह उत्तराखंड में गैस डिस्ट्रिब्यूशन और सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग तक फैली हुई है।

प्रणव अदानी के मुताबिक इंडियन ऑयल और अदाणी टोटल गैस के जॉइंट वेंचर, आईओएजीपीएल, के माध्यम से अदाणी डॉमेस्टिक, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सभी ग्राहकों को प्राकृतिक गैस पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा स्वच्छ ईंधन को सर्वसुलभ बनाने के लिए अदाणी समूह 200 स्टेट ट्रांसपोर्ट बसों को पर्यावरण-अनुकूल सीएनजी बसों में बदलने में योगदान दे रहा है।

इसके साथ ही उत्तराखंड में अदाणी समूह अंबुजा सीमेंट्स की मौजूदा क्षमता को बढ़ाने के लिए 1,700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा, इसके अलावा रूड़की प्लांट की क्षमता को मौजूदा 1.2 मिलियन टन प्रति वर्ष से अगले साल के आखिर तक 3 मिलियन टन प्रति वर्ष तक ले जाने के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

साथ ही 4 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता वाली ग्राइंडिंग यूनिट बनाने के लिए लगभग 1,400 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस बड़े निवेश से उम्मीद की जा रही है कि ऋषिकेश-देहरादून क्षेत्र में करीब 6 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

साथ ही कुमाऊं क्षेत्र में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के साथ पारंपरिक बिजली मीटर को स्मार्ट प्रीपेड मीटर में बदलने के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना शुरू की गई है।

ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड में विकास की रूपरेखा नहीं खींची गई है, लेकिन, अदाणी ने बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग निवेश की घोषणा करके यहां के विकास की लकीर को और बड़ा कर दिया है।

अदाणी समूह अब पंतनगर में 1 हजार एकड़ जमीन के विकास की संभावना भी तलाश रहा है। इन संभावनाओं में एयरो-सिटी, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो, लॉजिस्टिक्स वेयरहाउसिंग और नॉलेज पार्क के लिए बुनियादी ढांचा शामिल है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत उद्योग जगत की जानी-मानी हस्तियां भी मौजूद थीं।

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31 दिसंबर से ये लोग नहीं कर पाएंगे UPI का इस्तेमाल, यूजर्स तुरंत कर लें ये काम

नई दिल्ली 22 Nov (एजेंसी) : जिन यूजर्स का यूपीआई का इस्तेमाल पिछले 1 साल से नहीं किया है यह खबर उनके लिए है। जी हां, 31 दिसंबर से इन लोगों के लिए यूपीआई सर्विस काम नहीं करेगी। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बैंक व PhonePe और Google Pay जैसी थर्ड पार्टी ऐप्स को यूपीआई बंद करने का निर्देश दिया है। एनपीसीआई ने यूपीआई बंद करने से पहले यूजर्स को ईमेल या मैसेज के जरिए नोटिफिकेशन भी भेजने के लिए कहा है।

NPCI के उम्मीद जताई है कि इस कदम से यूपीआई ट्रांजेक्शन और सुरक्षित होगा। साथ ही कई गलत ट्रांजेक्शन पर भी रोक लग। एनपीसीआई के निर्देश के बाद अब सभी ऐप्स और बैंक निष्क्रिय ग्राहकों की यूपीआई आईडी और उससे जुड़े मोबाइल नंबर को वैरिफाई करेंगे। 1 साल से अगर कोई क्रेडिट या फिर डेबिट नहीं हुआ तो यूपीआई आईडी को बंद कर दिया जाएगा।

दरअसल, कई बार लोग अपना मोबाइल नंबर बदलते हैं और उससे जुड़ी यूपीआईडी को बंद नहीं करते हैं। यह नंबर किसी और को मिल जाता है और यूपीआईडी वहां एक्टिवेटेड ही रहती है। ऐसे में उस नंबर पर अगर किसी ने पैसे भेजे तो वह उस इंसान को मिलेंगे जिसके पास अब वह नंबर है।

अगर आपने भी एक साल से कोई यूपीआई ट्रांजेक्शन नहीं किया है तो तुरंत कोई ट्रांजेक्शन कर लें ताकि आपकी यूपीआई आईडी बची रहे। आपकी जानकारी के लिए बता दें, यूपीआई का फुल फॉर्म Unified Payment Interface (UPI) है। यह तुरंत ऑनलाइन पेमेंट का बेजोड़ तरीका है। यूपीआई को बनाने व चलाने वाली NPCI है। आप भीम, गूगल पे, फोन पे या किसी भी बैंक की ऐप पर यूपीआई आईडी जेनरेट करके इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

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देश के व्यापार एवं आर्थिक चक्र को घुमाते हैं त्यौहार, हर साल तीर्थस्थलों व शादियों का कारोबार 25 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली ,17 नवंबर (एजेंसी) । देशभर के बाज़ारों में इस बार दिवाली के त्यौहारों के चलते हुई ज़बरदस्त बिक्री ने भारत की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम दिया है और यह साबित किया है कि भारत में त्यौहार देश के व्यापार एवं आर्थिक चक्र को कैसे घुमाते हैं। कैट ने इस आयाम को सनातन अर्थव्यवस्था का नाम देते हुए कहा कि देश के व्यापार के लिए त्यौहारों का मनाया जाना बेहद ही महत्वपूर्ण है और यही कारण है कि भारत के व्यापारी वर्ष भर में होने वाले विभिन्न त्यौहारों के लिए अपनी दुकानों में विशिष्ट प्रबंध करते हैं और ख़ास तौर पर त्यौहारों पर बड़ा व्यापार करते हैं।

दूसरी ओर त्यौहार देश भर में रोजग़ार तथा स्वयं व्यापार के बड़े अवसर भी उपलब्ध कराते हैं जिससे माध्यम एवं निम्न वर्ग का आर्थिक पक्ष मज़बूत होता है। एक अनुमान के अनुसार देश में प्रति वर्ष सनातन अर्थव्यवस्था का यह कारोबार लगभग 25 लाख करोड़ रुपये का होगा जो देश के कुल रिटेल कारोबार का लगभग 20 प्रतिशत है।

कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सनातन अर्थव्यवस्था की व्याख्या करते हुए कहा कि नवरात्रि से लेकर दीवाली के दिन तक देश के मेनलाइन रिटेल व्यापार में 3.75 लाख करोड़ का कारोबार हुआ। वहीं देश भर में दुर्गा पूजा और इसके आस पास हुए अन्य त्यौहारों में लगभग 50 हज़ार करोड़ का व्यापार हुआ।
गणेश चतुर्थी के दस दिवसीय समारोहों पर 20-25 हजार करोड़ का हुआ। यह आंकड़े सिर्फ तीन त्यौहारों के हैं.। इसी तरह से होली,जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि, राखी जैसे अन्यढेरों त्यौहारो पर बाज़ारों में हुई खऱीदी को भी जोड़ा जाये तो कई सौ लाख करोड़ रुपये सनातन व्यापार में जुड़ जाएँगे।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार देश भर में लगभग 10 लाख से अधिक मंदिर हैं जहां प्रतिदिन लोगों द्वारा बड़ा खर्च किया जाता है और इसके साथ ही बड़ी मात्रा में तीर्थ स्थलों पर जाने वाले श्रद्धालुओं द्वारा किए गए खर्चो को जोड़ दें तो यह आकड़ा सनातन अर्थव्यवस्था को स्वत: ही भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण बना देता है।इससे यह बेहद स्पष्ट है कि भारत में त्यौहार,तीर्थ आदि के कारण बहुत बड़ी धनराशि बाज़ार चक्र में आती है जो दुनिया के 100 से ज्यादा देशों की जीडीपी से भी ज्यादा है.।

उन्होंने कहा कि यह कोई नई व्यवस्था नहीं है बल्कि हजारों वर्षों से चलती आ रही है जिसका केंद्र देश के मंदिर, त्यौहार एवं तीर्थ ही होते आये हैं।यह भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे पुराना पहिया है जो किसी भी परिस्थिति में कभी भी नहीं रुकता।

भरतिया एवं  खंडेलवाल ने कहा कि जहां तक रोजग़ार का सवाल है तो मात्र दुर्गा पूजा के समय, सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही तीन लाख से ज्यादा कारीगरों, मजदूरों को काम मिला। गणेश चतुर्थी,नवरात्रि, दशहरा, होली, संक्रांति आदि अन्य त्यौहारों की वजह से जहां करोड़ों लोगो को रोजग़ार मिलता है वहीं लाखों लोग स्वयं का छोटा-बड़ा व्यापार भी कर पाते हैं जिसमें विशेष बात यह है कि न केवल दुकानों के व्यापार को बल्कि देश के बेहद छोटे वर्ग, स्थानीय कारीगरों, कलाकारों एवं घरेलू काम करने वाले लोगों को बड़ा व्यापार मिलता है जिनमें से लाखों लोग ऐसे हैं जिनकी आजीविका ही त्यौहारों पर निर्भर रहती है।

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि बड़े आँकड़ों की बजाय यदि धनतेरस के एक दिन के व्यापार को ही देख जाये तो भारतीय मध्यम वर्ग द्वारा एक दिन में 25,500 करोड़ रुपये का 41 टन सोना खरीदा गया था।चांदी की बिक्री 3000 करोड़ रूपये तक पहुंच गई। कार निर्माताओं ने 55000 कारों की डिलीवरी की वहीं लगभग पांच लाख से ज़्यादा स्कूटर की डिलीवरी की गई।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि यही ‘सनातन अर्थशास्त्र’ है जो देश के व्यापार के लिए बेहद ही अहम है और जिसको समझने के लिए अर्थशास्त्री होना ज़रूरी नहीं है बल्कि यह साफ़ दिखाई देता है।

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इजरायल-गाजा संकट : 98 फीसदी हेट पोस्ट हटाने में विफल रहा एलन मस्क का एक्स

वाशिंगटन ,16 नवंबर (एजेंसी) । एलन मस्क द्वारा संचालित एक्स उन 98 प्रतिशत पोस्ट को हटाने में विफल रहा है जो यहूदी विरोधी हैं या इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देते हैं या फिर फिलिस्तीन के खिलाफ नफरत फैलाते हैं या किसी तरह के हेट स्पीच को बढ़ावा देते हैं। एक नई रिपोर्ट से ये पता चला है। देर रात प्रकाशित रिपोर्ट, इजऱाइल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद एक्स और दूसरे प्लेटफार्म पर नफरत भरे पोस्ट और गलत सूचना में वृद्धि के बीच आई है।

सेंटर फॉर काउंटरिंग डिजिटल हेट (सीसीडीएच) के सीईओ और संस्थापक इमरान अहमद ने कहा कि एक्स ने विज्ञापनदाताओं और जनता को आश्वस्त करने की कोशिश की थी कि हेट स्पीच पर उनका नियंत्रण है, लेकिन हमारा शोध बताता है कि ये खोखले वादों के अलावा और कुछ नहीं था। शोधकर्ताओं ने कुल 200 हेट पोस्ट एकत्र किए जो 7 अक्टूबर को इजऱाइल पर हमास के हमलों के बाद प्रकाशित हुए थे – जिनमें से सभी या तो सीधे तौर पर चल रहे संघर्ष को संबोधित करते थे, या इस पर आधारित थे।

पोस्ट कुल 101 अलग-अलग एक्स अकाउंट से एकत्र किए गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि एक्स ने 200 में से 98 प्रतिशत (196) पोस्ट अभी भी मंच पर मौजूद हैं। कुल मिलाकर, पोस्ट को 24,043,693 बार देखा गया। अध्ययन में शामिल 101 एकाउंट में से केवल एक को निलंबित किया गया और अन्य दो को लॉक कर दिया गया। सैंपल में 101 अकाउंट में से लगभग 43 सत्यापित हैं, जिसका मतलब है कि वे एल्गोरिथम बूस्ट से लाभान्वित होते हैं।

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भारत में व्हाइट कॉलर जॉब्स हायरिंग में 8.6 प्रतिशत की गिरावट : रिपोर्ट

नई दिल्ली ,10 अक्टूबर (एजेंसी) । भारत में सितंबर में व्हाइट कॉलर जॉब्स हायरिंग में पिछले साल के मुकाबले 8.6 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई है।

नौकरी जॉबस्पीक के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2023 में व्हाइट कॉलर जॉब्स हायरिंग 2,835 रहीं, जो पिछले महीने की तुलना में लगभग 6 फीसदी की बढ़त है।

आईटी सेक्टर को वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है और पिछले कुछ महीनों में हायरिंग नंबर्स में गिरावट देखी गई। हालांकि, बिग डेटा टेस्टिंग इंजीनियर, आईटी, इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी और आईटी ऑपरेशन्स मैनेजर के रोल्स इस अवधि के दौरान भी हाई डिमांड में थे।

नौकरी डॉट कॉम के चीफ बिजनेस ऑफिसर पवन गोयल ने कहा, आईटी सेक्टर पर असर जारी है, बैंकिंग सेक्टर में मजबूत वृद्धि हुई है। इस तथ्य के साथ कि ओवरऑल इंडेक्स में पिछले महीने की तुलना में क्रमिक रूप से 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, यह क्षेत्रीय विविधता पर आधारित इंडियन जॉब मार्केट के लचीलेपन को रेखांकित करता है।

बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और पुणे जैसे आईटी-निर्भर शहरों में सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में नए जॉब ऑफर्स में क्रमश: 30 प्रतिशत, 31 प्रतिशत, 32 प्रतिशत और 18 प्रतिशत का दबाव देखा गया।

सितंबर 2023 में जॉब क्रिएशन के मामले में नॉन-मेट्रो शहरों ने महानगरों को पछाडऩा जारी रखा। वडोदरा, अहमदाबाद और जयपुर में हायरिंग में क्रमश: 4 प्रतिशत, 3 प्रतिशत और 2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

हॉस्पिटेलिटी और ट्रेवल सेक्टर में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बीएफएसआई और हेल्थकेयर सेक्टर में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में इस साल सितंबर में सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि तेल और गैस और ऑटो क्षेत्रों में से प्रत्येक में 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

बीपीओ/आईटीईएस और एफएमसीजी सेक्टर कुछ प्रमुख क्षेत्र थे, जिन्होंने क्रमश: 25 प्रतिशत और 23 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की।

जॉब मार्केट ने सितंबर में एक्सपीरियंस प्रोफेशनल्स को प्राथमिकता दी है। 16 साल से ज्यादा एक्सपीरियंस वाले प्रोफेशनल्स की भर्ती में लगभग 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि 13-16 साल के बीच एक्सपीरियंस वाले प्रोफेशनल्स की हायरिंग नबंर्स में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

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1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी जीएसटी

नई दिल्ली ,29 सितंबर (एजेंसी) । केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू करने के लिए तैयार है। सीबीआईसी के चेयरमैन संजय अग्रवाल ने ये बात कही।
सीबीआईसी के चेयरमैन ने मीडियाकर्मियों से कहा, हम इसे 1 अक्टूबर से लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, संबंधित अधिसूचनाएं प्रक्रियाधीन हैं।

यह कदम सभी राज्यों की सर्वसम्मति से उठाया गया है और हाल ही में लोकसभा में जीएसटी कानूनों में संशोधन पारित किया गया।
अग्रवाल ने कहा, 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लागू करने के लिए सभी राज्यों को इसे अपनी विधानसभाओं में पारित करना होगा या 30 सितंबर तक अध्यादेश जारी करना होगा।

ऑनलाइन गेमिंग के मामले में लगाए गए दांव, कैसीनो के मामले में खरीदे गए चिप्स के अंकित मूल्य और घुड़दौड़ के मामले में सट्टेबाज/टोटलाइजऱ के साथ लगाए गए दांव पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा। कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को वर्तमान में लगने वाले 18 प्रतिशत के बजाय 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करने के लिए पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है।

11 अगस्त को, लोकसभा ने मानसून सत्र के अपने अंतिम सत्र के दौरान ध्वनि मत से दो जीएसटी कानूनों में संशोधन पारित किया। ये संशोधन एकीकृत वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 और केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 से संबंधित हैं, जिसका मकसद ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ के लिए 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करना है।

यह कानूनी कार्रवाई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद द्वारा 2 अगस्त को अपनी 51वीं बैठक के दौरान लिए गए निर्णय के अनुरूप है।
अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, जीएसटी परिषद ने आईजीएसटी अधिनियम, 2017 में विशिष्ट प्रावधान शामिल करने की सिफारिश की है।

इन प्रावधानों में विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से भारतीय ग्राहकों तक ऑनलाइन मनी गेमिंग की आपूर्ति पर जीएसटी का भुगतान करने का दायित्व शामिल है, साथ ही गैर-अनुपालन के मामले में किसी भी संबंधित जानकारी तक पहुंच को अवरुद्ध करने के उपाय भी शामिल हैं।

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दो दिन शेष, क्या अब नहीं चलेगा 2000 का नोट, जानिए इस सवाल का जवाब

नई दिल्ली ,29 सितंबर (एजेंसी) । दो दिन बाद 30 सितंबर है और 2 हजार के नोट जमा करने की यह अंतिम तारीख है। 30 सितंबर, 2023 के बाद 2,000 रुपये के नोटों का क्या होगा, इस बारे में आरबीआई की ओर से कोई स्पष्टता नहीं । खास बात तो ये है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट की लीगल टेंडर स्टेटस वापस नहीं लिया है.

इसका मतलब यह है कि डेडलाइन खत्म होने के बाद भी 2,000 रुपये का नोट लीगल करेंसी बनी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंकने 19 मई 2023 को 2 हजार के नोट वापस लेने का ऐलान किया था।

आरबीआई के अनुसार, अब तक 3.56 ट्रिलियन रुपये (2 हजार के नोट) बैंक में जमा हो चुके हैं। हालांकि, अभी भी  नोट प्रचलन में है। आरबीआई ने कहा कि ज्यादातर 2 हजार के नोट उपयोग में नहीं है। इसलिए अब 30 सितंबर के बाद ये चलन में नहीं रहेंगे। दो हजार रुपये के नोट को आप अपने बैंक अकाउंट में जमा करवा सकते हैं।

इसके साथ ही किसी भी बैंक में जाकर आप इसे बदलवा सकते हैं। देश की सभी बैंकों और आरबीआई में नोट बदलने की सुविधा दी जा रही है। दो हजार का नोट बदलवाने के लिए आपको केवाईसी फार्म भरने की जरूरत भी हो सकती है।

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केंद्र सरकार का चीन पर कड़ा प्रहार: चुनिंदा स्टील पर पांच साल के लिए लगाया एंटी-डंपिंग शुल्क

नई दिल्ली ,13 सितंबर (एजेंसी)। केंद्र ने कुछ चीनी स्टील पर पांच साल के लिए एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया है। सूत्रों ने कहा कि यह निर्णय तब लिया गया जब यह पाया गया कि चीनी निर्यातक अन्य देशों को बेहद कम कीमत पर स्टील उत्पाद निर्यात कर रहे थे।

वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना के माध्यम से इस निर्णय की घोषणा की गई। पिछले हफ्ते इस्पात मंत्रालय ने कहा था कि भारत में सस्ते चीनी इस्पात उत्पादों की डंपिंग की शिकायतें मिलने के बाद वह इस्पात आयात पर नजर रख रहा है।

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान चीन भारत को स्टील का सबसे बड़ा निर्यातक था, उसके बाद दक्षिण कोरिया था। चीन मुख्य रूप से भारत को शीट या कोल्ड-रोल्ड कॉइल्स का निर्यात करता है। यह विश्व का शीर्ष इस्पात उत्पादक भी है।

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स्मॉल और मिडकैप सूचकांक सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचे

मुंबई ,06 सितंबर (एजेंसी) । जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मंगलवार को स्मॉल और मिडकैप शेयरों का प्रदर्शन शानदार रहा और दोनों सूचकांक सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। मजबूत घरेलू कारक भारतीय इक्विटी के लिए महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान कर रहे हैं, जिससे उन्हें कमजोर वैश्विक साथियों द्वारा मूड को बाधित करने के प्रयासों के बावजूद अपनी ताकत बनाए रखने की अनुमति मिल रही है। उन्होंने कहा, भारत की सेवा पीएमआई 60.2 पर मजबूत बनी हुई है, जो मुद्रास्फीति के दबाव के बावजूद भी निरंतर मांग का संकेत देती है।

नायर ने कहा कि इसके विपरीत, कमजोर चीनी सेवा पीएमआई ने चीन में आर्थिक सुधार की उम्मीदों पर असर डाला है, जिससे वैश्विक बाजार की धारणा प्रभावित हुई है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि आशावादी घरेलू संकेतों के कारण घरेलू शेयर लगातार तीसरे दिन सकारात्मक रूप से बंद हुए।

अगस्त महीने के लिए सेवा पीएमआई डेटा 60.1 पर मजबूत आया, जिससे भावनाओं को बढ़ावा मिला। कमजोर वैश्विक बाजारों के बावजूद निफ्टी सकारात्मक खुला और एक सीमित दायरे में कारोबार करते हुए अंतत: 46 अंक (+0.2 प्रतिशत) की बढ़त के साथ 19,575 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 150 अंक बढ़कर 65,780 पर बंद हुआ।

उन्होंने कहा कि व्यापक बाजार ने मिड-कैप 100 और स्मॉल-कैप 100 में क्रमश: 1.1 प्रतिशत और 0.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ बेहतर प्रदर्शन किया। ऑटो और वित्तीय को छोड़कर, सभी क्षेत्रों ने मीडिया में 3 प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ सकारात्मक रिटर्न दिया, जबकि स्वास्थ्य सेवा में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि आगे चलकर बाजार सकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ व्यापक दायरे में कारोबार जारी रखेगा, क्योंकि अनिश्चित वैश्विक संकेतों के बीच लचीली घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूती प्रदान करती है।

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