आज से बदल जाएंगे इनकम टैक्स के कई नियम

Many income tax rules will change from today

12 लाख रुपये तक की रकम होगी टैक्स फ्री

नई दिल्ली, 01 अपै्रल(एजेंसी)। नया वित्त वर्ष आज से शुरू हो रहा है. इसके साथ ही इनकम टैक्स से जुड़े कई नियम बदलने जा रहे हैं.

आम बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई अहम घोषणाएं कीं, जो 1 अप्रैल से लागू हो रही हैं, जिसका सीधा असर नौकरीपेशा लोगों की जेब पर पड़ेगा. इन नए नियमों में आयकर में अधिक छूट और टीडीएस नियमों में बदलाव शामिल हैं.

बजट में वित्त मंत्री द्वारा घोषित नई कर व्यवस्था के तहत आयकर में बढ़ी हुई छूट 1 अप्रैल से लागू हो रही है. अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोग आयकर छूट के दायरे में आएंगे. पहले यह आंकड़ा 7 लाख रुपये था.

इसके अलावा अगर वेतनभोगियों को दी जाने वाली 75,000 रुपये की मानक कटौती को जोड़ दिया जाए तो आयकर छूट बढ़कर 12.75 लाख रुपये हो जाती है.

हालांकि आयकर छूट में पूंजीगत लाभ को शामिल नहीं किया गया है. इस पर अलग से टैक्स लगेगा.

सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत नए टैक्स स्लैब भी पेश किए हैं, जबकि पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

अब नई कर व्यवस्था के तहत 4 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त होगी, जबकि 4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा.

जैसे-जैसे आय बढ़ेगी, कर की दरें धीरे-धीरे बढ़ेंगी और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर यह 30 फीसदी तक पहुंच जाएगी.

केंद्र सरकार ने बजट में धारा 87ए के तहत कर छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है, जिससे नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त हो जाएगी.

बैंक जमा पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस कटौती की सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है. इसका मतलब है कि अब बैंक जमा पर मिलने वाली 50,000 रुपये तक की राशि पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा.

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यूपीआई इस्तेमाल करने वालों के लिए जरूरी खबर

Important news for UPI users

1 अप्रैल से इन मोबाइल नंबर्स पर बंद हो जाएगी सेवा

नई दिल्ली ,24 मार्च(एजेंसी)। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग करने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। यदि आपका बैंक खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर लंबे समय से निष्क्रिय है, तो उसे तुरंत सक्रिय करा लें, अन्यथा आप 1 अप्रैल से यूपीआई सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

दरअसल, डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से 1 अप्रैल से यूपीआई भुगतान प्रणाली में एक नया नियम लागू होने जा रहा है। इस नए नियम के तहत, सभी बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं (पीएसपी) को 31 मार्च से पहले अपने डेटाबेस को अपडेट करना होगा। इस अपडेट के माध्यम से निष्क्रिय या बदले हुए मोबाइल नंबरों को सिस्टम से हटाया जाएगा। बैंकों को इस प्रक्रिया के तहत 31 मार्च तक निष्क्रिय मोबाइल

नंबरों को अपने डेटाबेस से अनिवार्य रूप से हटाना होगा।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने धोखाधड़ी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) पर उपलब्ध मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (एमएनआरएल) का उपयोग करने का सख्त निर्देश दिया है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, निष्क्रिय मोबाइल नंबरों से जुड़े सभी यूपीआई खाते स्वत: ही बंद हो जाएंगे।

एनपीसीआई ने इस संबंध में बैंकों और गूगल पे, फोन पे जैसे प्रमुख यूपीआई ऐप के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार मोबाइल नंबर रिकॉर्ड को अपडेट करना अनिवार्य कर दिया है। यूपीआई सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों को संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने और उन्हें सिस्टम से हटाने के लिए एमएनआरएल या डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) का नियमित रूप से उपयोग करना होगा।

किन लोगों की यूपीआई सेवा हो सकती है बंद?

ऐसे उपयोगकर्ता जिन्होंने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया है, लेकिन इसे अपने बैंक खाते के साथ अपडेट नहीं कराया है।
वे लोग जिन्होंने अपने मोबाइल नंबर को निष्क्रिय कर दिया है और बैंक में इसकी सूचना नहीं दी है।
जिन निष्क्रिय मोबाइल नंबरों का उपयोग कॉल, एसएमएस जैसी सामान्य सेवाओं के लिए भी नहीं किया जा रहा है, उन्हें यूपीआई नेटवर्क से हटा दिया जाएगा।

यूपीआई सेवा बंद होने से कैसे बचें?

यह सुनिश्चित करें कि आपके बैंक खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर सक्रिय है और नियमित रूप से उपयोग किया जा रहा है। यदि यह निष्क्रिय है, तो इसे जल्द से जल्द रिचार्ज कराकर सक्रिय करें।

यदि आपने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया है, तो तुरंत अपने बैंक में जाकर इसे अपडेट कराएं।

यदि आपकी यूपीआई आईडी किसी ऐसे मोबाइल नंबर से जुड़ी है जो निष्क्रिय है, तो 1 अप्रैल से पहले सेवा बंद होने से बचने के लिए आप एक नया सक्रिय मोबाइल नंबर प्राप्त कर सकते हैं और उसे अपने बैंक खाते और यूपीआई आईडी से लिंक कर सकते हैं।

यह नया नियम यूपीआई उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को बढ़ाने और डिजिटल धोखाधड़ी को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम तिथि से पहले अपने मोबाइल नंबर की स्थिति की जांच कर लें और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।

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केंद्र ने -15जी इनोवेशन हैकाथॉन 2025′ की घोषणा की

नई दिल्ली ,17 मार्च(एजेंसी)। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने सोमवार को ‘5त्र इनोवेशन हैकाथॉन 2025Ó की घोषणा की। छह महीने की अवधि वाली इस पहल का उद्देश्य सामाजिक और औद्योगिक चुनौतियों से निपटने के लिए इनोवेटिव 5जी पावर्ड सॉल्यूशन के विकास में तेजी लाना है।

संचार मंत्रालय के अनुसार, छात्रों, स्टार्टअप और पेशेवरों के लिए यह कार्यक्रम मेंटरशिप, फंडिंग और 100 से अधिक 5जी यूज केस लैब तक पहुंच प्रदान करता है। इससे प्रतिभागियों को दूरदर्शी विचारों को स्केलेबल टेक्नोलॉजी में बदलने में मदद मिलती है।

विजेताओं को पुरस्कार भी दिए जाएंगे, जिसमें प्रथम स्थान के लिए 5,00,000 रुपये, दूसरे स्थान के लिए 3,00,000 रुपये और तीसरे स्थान के लिए 1,50,000 रुपये तय किए गए हैं।

इसके अलावा, सर्वश्रेष्ठ विचार और मोस्ट इनोवेटिव प्रोटोटाइप को भी सम्मानित किया जाएगा, जिसके लिए प्रत्येक को 50,000 रुपये मिलेंगे।

दस प्रयोगशालाओं को सर्वश्रेष्ठ 5त्र उपयोग मामले के लिए प्रशंसा प्रमाण पत्र और उभरते संस्थान से सर्वश्रेष्ठ विचार के लिए एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

बेस्ट 5जी यूज केस के लिए 10 लैब्स को सर्टिफिकेट्स दिए जाएंगे। इसके अलावा, उभरते संस्थानों में से एक को बेस्ट आइडिया के लिए सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

हैकाथॉन प्रमुख 5जी एप्लीकेशन पर केंद्रित प्रपोजल को इनवाइट कर रहा है, जिसमें एआई-ड्रिवन नेटवर्क का रखरखाव, आईओटी-इनेबल्ड सॉल्यूशन, 5जी ब्रॉडकास्टिंग, स्मार्ट हेल्थ, कृषि, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन, गैर-स्थलीय नेटवर्क (एनटीएन), डीटूएम, वीटूएक्स और क्वांटम कम्युनिकेशन शामिल हैं।

प्रतिभागियों को वास्तविक दुनिया से जुड़ी परेशानियों के समाधान के लिए नेटवर्क स्लाइसिंग, क्वालिटी ऑफ सर्विस और कॉल-फ्लो परिदृश्यों जैसी 5जी सर्विस का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

हैकाथॉन प्रतिभागियों को उनके इनोवेशन को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने में मदद करने के लिए मददगार है।

प्रतिभागियों को उनकी आईपी संपत्तियों को कमर्शियलाइज करने के लिए आईपीआर फाइलिंग में मदद मिलेगी।

हैकाथॉन कई चरणों में होगा। हर चरण को सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है, ताकि आखिरी मूल्यांकन के लिए जमा किए गए प्रस्ताव से नए विचार सामने लाए जा सकें।

दूरसंचार विभाग की स्क्रीनिंग के लिए हर संस्थान को अधिकतम पांच प्रपोजल पेश करने का अवसर मिलेगा। इसके बाद क्षेत्रीय समितियां आगे के इवैल्यूशन (मूल्यांकन) के लिए सर्वोत्तम प्रविष्टियां चुनेंगी।

अंतिम चरण, मूल्यांकन और प्रदर्शन (इवैल्यूएशन और शोकेस), सितंबर 2025 के अंत में होगा। इस चरण में टीम अपने प्रोटोटाइप को टेक्निकल एक्सपर्ट इवैल्यूएशन कमिटी के सामने पेश करेंगी।

विजेताओं की घोषणा अक्टूबर में की जाएगी, जिसमें टॉप टीम देश के सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी आयोजनों में से एक इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 में अपने इनोवेश को पेश करेंगी।

1.5 करोड़ रुपये के बजट से समर्थित इस कार्यक्रम में सीड फंडिंग, आईपीआर असिस्टेंस, मेंटरशिप और परिचालन लागत शामिल हैं।

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भारत इस साल करेगा 800 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात : पीयूष गोयल

नई दिल्ली ,17 मार्च(एजेंसी)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सर्विसेज की बड़ी हिस्सेदारी के साथ भारत इस साल 800 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात करने की राह पर है।

बदलते वैश्विक माहौल के बीच केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार इसके लिए लगातार काम कर रही है और भारतीय निर्यातकों (माल और सेवा) का अच्छा भविष्य सुनिश्चित करने और देश के हितों की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईपीसी) और इंडस्ट्री एसोसिएशन को अपने संबोधन के दौरान, मंत्री ने निर्यातक समुदाय के बीच सकारात्मकता और इस संकट को, जिसका आज दुनिया सामना कर रही है, एक अवसर में बदलने के लिए उनके आशावान होने की सराहना भी की।

अमेरिका के संबंध में उद्योग की चिंताओं को दूर करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने ईपीसी से अपनी ताकत पर विचार करने और अमेरिका के साथ बेहतर जुड़ाव के लिए सरकार के साथ अपनी मांगों को साझा करने को कहा।

द्विपक्षीय समझौतों पर चल रहे प्रयासों पर गोयल ने कहा कि सरकार एक साथ कई ट्रैक पर काम कर रही है और उनमें से प्रत्येक ट्रैक का उद्देश्य भारतीय निर्यातकों के सर्वोत्तम हित को सुनिश्चित करना है।

केंद्रीय मंत्री ने संकेत दिया कि सरकार विशेष रूप से कुछ के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के अंतिम चरण में पहुंच गई है। गोयल इस बात को लेकर भी आश्वस्त थे कि इससे भारतीय निर्यातकों के लिए बेहतर अवसर पैदा होंगे और अधिक निवेश भी आएगा।

पारस्परिक टैरिफ पर बातचीत करते हुए गोयल ने कहा कि ईपीसी को अपनी संरक्षणवादी मानसिकता से बाहर आना होगा और उन्हें साहसी होने और अपनी ताकत एवं आत्मविश्वास से दुनिया से निपटने के लिए तैयार होने के लिए प्रोत्साहित किया है।

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AI की रेस में एलन मस्क ने भी रखा कदम

लॉन्च किया दुनिया का सबसे पावरफुल एआई Grok 3

नई दिल्ली 19 Feb,(एजेंसी) – दुनिया के सबसे अमीर शख्स और अमेरिका के बड़े कारोबारी एलन मस्क ने नया एआई चैटबॉट Grok 3 लॉन्च कर दिया है। एलन मस्क ने इसे दुनिया का सबसे स्मार्ट एआई बताया है। बता दें कि Grok 3 का सीधा मुकाबला चाइनीज DeepSeek और ChatGPT से होगा।

एलन मस्क एआई चैटबॉट Grok 3

एलन मस्क ने हाल ही में एक्स पर पोस्ट करते हुए Grok 3 के लॉन्च होने की घोषणा की थी, जिसके बाद अब एलन मस्क द्वारा नया एआई चैटबॉट Grok 3 लॉन्च कर दिया गया है। एआई चैटबॉट Grok 3 का इस्तेमाल पहले केवल एक्स के प्रीमियम यूजर्स कर पाएंगे। इसके लिए यूजर्स को एक्स को अपडेट करना होगा।

इसके अलावा एआई चैटबॉट Grok 3 के इस्तेमाल के लिए अलग से सब्सक्रिप्शन लॉन्च भी किए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि एआई चैटबॉट Grok 3 अबतक का सबसे स्मार्ट एआई होने वाला है, जिसे एक लाख Nvidia GPU की मदद से ट्रेनिंग दी गई है।

एलन मस्क ने बताया कि Grok 3 AI में वॉइस इंटरैक्शन फीचर पर काम किया जा रहा है, जिससे रियल टाइम बातचीत के लिए भी एक टूल मिलेगा। इस एआई के कई फीचर्स पर अभी काम किया जा रहा है।

मस्क ने यह भी बताया कि कंपनी ने अपने चैटबॉट का नाम ‘Grok’ क्यों रखा। उन्होंने कहा, “यह शब्द रॉबर्ट हेनलेन के उपन्यास ‘स्ट्रेंजर इन अ स्ट्रेंज लैंड’ से लिया गया है। इसमें यह शब्द मंगल ग्रह पर पले-बढ़े एक पात्र द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, जिसका मतलब होता है किसी चीज़ को पूरी तरह से और गहराई से समझना।

” डेमो इवेंट में करीब 1 लाख लोग शामिल हुए। xAI ने बेंचमार्क दिखाए, जिसमें ग्रोक 3 ने विज्ञान, कोडिंग और गणित में जेमिनी 2 प्रो, डीपसीक वी3 और चैटGPT को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने आगे कहा कि ‘ग्रोक’ शब्द गहरी समझ को दर्शाता है और “सहानुभूति इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”

आपको बता दें कि एलन मस्क का यह एआई चैटबॉट Grok 3 केवल 8 महीनों में तैयार किया गया है। इसे सिंथेटिक डेटाशीट पर मशीन लर्निंग टेक्निक जैसे रिइंफोर्समेंट लर्निंग की मदद से ट्रेनिंग दी गई है।

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न्यू ईयर से पहले बाजार में दिखी तेजी, सरकारी बैंकों के शेयर उछले

मुंंबई ,26 दिसंबर (एजेंसी)। क्रिसमस की छुट्टी के बाद भारतीय शेयर बाजार आज गुरुवार को बढ़त के साथ खुला है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स आज 78,557.28 अंक पर खुला। शुरुआती कारोबार में यह 0.44 फीसदी या 344 अंक की बढ़त लेकर 78,816 पर ट्रेड करता दिखाई दिया। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 28 शेयर हरे निशान पर और 2 शेयर लाल निशान पर थे। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी आज 0.37 फीसदी या 88.95 अंक की बढ़त लेकर 23,816 पर ट्रेड करता दिखाई दिया। निफ्टी पैक के 50 शेयरों में से 42 शेयर हरे निशान पर और 8 शेयर लाल निशान पर थे।

इन शेयरों में दिखी तेजी

निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे अधिक तेजी मारुति में 1.11 फीसदी, बीपीसीएल में 1.10 फीसदी, एसबीआई में 1 फीसदी, एक्सिस बैंक में 1 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक में 0.94 फीसदी देखने को मिली। वहीं, सबसे अधिक गिरावट एशियन पेंट में 0.49 फीसदी, सिप्ला में 0.32 फीसदी, ट्रेंट में 0.24 फीसदी, डॉ रेड्डी में 0.23 फीसदी और टीसीएस में 0.14 फीसदी देखने को मिली।
सेक्टोरेल सूचकांकों का हाल

सेक्टोरल सूचकांकों की बात करें, तो आज सबसे अधिक तेजी निफ्टी पीएसयू बैंक में 1.42 फीसदी दिखी। इसके अलावा, निफ्टी मेटल में 0.09 फीसदी, निफ्टी प्राइवेट बैंक में 0.71 फीसदी, निफ्टी ऑयल एंड गैस में 0.51 फीसदी देखने को मिली। इससे इतर निफ्टी मिडस्मॉल आईटी एंड टेलीकॉम में 0.10 फीसदी, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.03 फीसदी, निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स में 0.22 फीसदी, निफ्टी रियल्टी में 0.59 फीसदी, निफ्टी फार्मा में 0.34 फीसदी, निफ्टी मीडिया में 0.65 फीसदी, निफ्टी आईटी में 0.04 फीसदी, निफ्टी एफएमसीजी में 0.16 फीसदी की गिरावट दिखी।

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गौतम अडानी फिर सुर्खियों में, अमेरिका में लगा बड़ा आरोप

265 मिलियन डॉलर को लेकर किया गया ये दावा

नई दिल्ली ,21 नवंबर (एजेंसी) ।  भारतीय अरबपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ये आरोप उनकी कंपनी के निवेशकों को धोखा देने के हैं। उन पर अमेरिका में अपनी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर या करीब 2236 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और इसे छिपाने का आरोप लगाया गया है। यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है।

अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने बुधवार को इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर के साथ ही 7 सात अन्य प्रतिवादियों ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी।

ऐसा दावा किया गया कि ये पूरा मामला अरबों डॉलर के मुनाफे से जुड़ा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए अडानी ग्रुप को 20 सालों में करीब 2 अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा होने की उम्मीद थी।

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जुलाई-सितंबर अवधि में भारत के शहरी क्षेत्रों में बढ़ा रोजगार

नई दिल्ली ,20 नवंबर (एजेंसी)। भारत के शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) जुलाई-सितंबर 2024 में बढ़कर 50.4 प्रतिशत हो गई है, जो कि जुलाई-सितंबर 2023 में 49.3 प्रतिशत थी। यह जानकारी सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए डेटा में दी गई।

बढ़ती हुई श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) दिखाती है कि देश में रोजगार बढ़ रहा है।

लिंग आधार पर देखें तो शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए एलएफपीआर जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान 73.8 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2024 के दौरान 75.0 प्रतिशत हो गया।

वहीं, शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक की महिलाओं में एलएफपीआर जुलाई-सितंबर 2024 में बढ़कर 25.5 प्रतिशत हो गया है, जो कि जुलाई-सितंबर 2023 में 24 प्रतिशत था।

श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), जिसे शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच जनसंख्या में नियुक्त व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है, जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान 46.0 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2024 में 47.2 प्रतिशत हो गया है, जो रोजगार में वृद्धि का एक और संकेत है।

शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए डब्ल्यूपीआर जुलाई-सितंबर 2023 में 69.4 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2024 के दौरान 70.7 प्रतिशत हो गया है।

शहरों क्षेत्रों में 15 वर्ष या उससे अधिक के आयु के लोगों में बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2024 अवधि में गिरकर 6.4 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 6.6 प्रतिशत थी, जो दिखाता है कि देश में बेरोजगारी दर में कमी आई है।

बेरोजगारी दर को श्रम बल में शामिल व्यक्तियों में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है। लिंग के आधार पर 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों में बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान 6.0 प्रतिशत से घटकर जुलाई-सितंबर 2024 में 5.7 प्रतिशत हो गई।

डेटा के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं में बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2023 में 8.6 प्रतिशत से घटकर जुलाई-सितंबर 2024 में 8.4 प्रतिशत हो गई।

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भारत में जीसीसी से 2030 तक पैदा होंगी 28 लाख नौकरियां

नई दिल्ली  13 Sep, । भारत दुनिया का ‘जीसीसी कैपिटल’ बनकर उभर रहा है। दुनिया के कुल ग्लोबल टेक्नोलॉजी कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) में भारत की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है और इसमें 19 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई।

जीसीसी मार्केट भारत में 2030 तक बढ़कर 99 से 105 अरब डॉलर का हो सकता है। इस दौरान देश में जीसीसी की संख्या बढ़कर 2,100 से लेकर 2,200 पहुंच सकती है। वहीं, इनमें कर्मचारियों की संख्या 25 लाख से 28 लाख तक पहुंच सकती है।

पिछले पांच वर्षों में देश में वैश्विक नौकरियों में तेज इजाफा देखने को मिला है। 6,500 से ज्यादा ऐसी नौकरियां अब पैदा हो चुकी हैं। इसमें 1,100 से ज्यादा पदों पर महिलाएं हैं।

नैस्कॉम-जिनोव की रिपोर्ट में कहा गया कि एक चौथाई से ज्यादा वैश्विक इंजीनियरिंग पद भारत में हैं। ये पद एयरोस्पेस, डिफेंस और सेमीकंडक्टर जैसी नई जनरेशन की टेक्नोलॉजी में हैं।

सेमीकंडक्टर फर्म और टेक सेक्टर की बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में इनोवेशन को बढ़ाने के लिए प्रोडक्ट टीम का विस्तार कर रही हैं।

पिछले पांच वर्षों में 400 से ज्यादा नए जीसीसी और 1,100 से ज्यादा नए सेंटर्स देश में स्थापित हो चुके हैं और इसके कारण देश में जीसीसी की संख्या 1,700 के पार निकल गई है।

वित्त वर्ष 24 में भारत से जीसीसी ने 64.6 अरब डॉलर का निर्यात किया था। वित्त वर्ष 19 से भारत में औसत जीसीसी टैलेंट 24 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और वित्त वर्ष 24 में 1,130 से ज्यादा कर्मचारी होने का अनुमान है।

देश में 90 प्रतिशत से ज्यादा जीसीसी फाइनेंसियल सेंटर्स, टेक्नोलॉजी ऑपरेशन और प्रोडक्ट इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि 220 से ज्यादा जीसीसी यूनिट्स अहमदाबाद, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और कोयंबटूर जैसे शहरों में स्थित हैं।

शेयर बाजार मजबूत ग्लोबल संकेतों के साथ सकारात्मक खुला

मुंबई 16 Aug, – मजबूत ग्लोबल संकेतों के कारण शुक्रवार के कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर सकारात्मक खुला। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखने को मिल रही है। सुबह 9:21 पर सेंसेक्स 735 अंक या 0.93 प्रतिशत की तेजी के साथ 79,841 और निफ्टी 224 अंक या 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,387 पर था।

इंडिया विक्स में 4.21 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल रही है और यह 14.79 पर बना हुआ है, जो दिखाता है कि बाजार में स्थिरता बनी हुई है। बाजार में रुझान तेजी का है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1704 शेयर हरे निशान में और 345 शेयर लाल निशान में हैं। सेंसेक्स में सभी 30 शेयर हरे निशान में हैं।

एमएंडएम, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, विप्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील टॉप गेनर्स हैं। लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 522 अंक या 0.92 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,057 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 187 अंक या 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,274 पर है। सेक्टर के हिसाब से देखें तो ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फिन सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी और एनर्जी और हेल्थकेयर इंडेक्स में सबसे ज्यादा बढ़त है। ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर में टेक्निकल रिसर्च की उपाध्यक्ष वैशाली पारेख का कहना है कि पिछले कुछ समय में निफ्टी ने एक सीमित दायरे में कारोबार किया है। इस कारण से तेजी के लिए 24,200 के ऊपर टिकना काफी जरूरी है।

वहीं, 24,400 एक महत्वपूर्ण रुकावट का स्तर है। वहीं, 24,000 एक सपोर्ट लेवल के तौर पर काम करेगा। एशियाई बाजार में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। टोक्यो, हांगकांग, शंघाई, सोल और जाकार्ता में तेजी है। अमेरिका के बाजार गुरुवार को सकारात्मक बंद हुए थे।

सीआईएस देशों में भारत का कपड़ा निर्यात 113 प्रतिशत बढ़ा

नई दिल्ली ,30 जुलाई (एजेंसी)। भारत की ओर से स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस) रीजन (रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान) को किए जाने वाला कपड़ा निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 113.33 प्रतिशत बढ़कर 64 मिलियन डॉलर हो गया है, जो कि एक वर्ष पहले समान अवधि में 30 मिलियन डॉलर था।

यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में मिली।

मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, भारत का कपड़ा निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 4.15 प्रतिशत बढ़कर 8.78 अरब डॉलर हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 8.43 अरब डॉलर था। भारत के कपड़ा और परिधान उद्योग का जीडीपी में योगदान 2.3 प्रतिशत है। वहीं, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 13 प्रतिशत और निर्यात में 12 प्रतिशत का योगदान है।

भारत कपड़ा और परिधान में दुनिया का छठा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। सीआईएस देशों के साथ दक्षिण एशियाई देशों में भी भारत के कपड़े की मांग बढ़ी है और यह 35.65 प्रतिशत बढ़कर 898 मिलियन डॉलर हो गई है।

जानकारों का कहना है कि भारत के कपड़ा निर्यात में बढ़त की वजह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक माहौल बनना है। साथ ही इसकी एक प्रमुख वजह चीन और बांग्लादेश के ऊपर भारत को खरीदारों द्वारा तरजीह देना भी है।

दक्षिण अमेरिकी देशों में भी भारत में बने कपड़े का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 15 प्रतिशत बढ़कर 346 मिलियन डॉलर हो गया है। हालांकि, इस दौरान उत्तर पूर्व एशिया (एनईए) और अफ्रीका में भारतीय कपड़े का निर्यात क्रमश: 28 प्रतिशत घटकर 298 मिलियन डॉलर और 15.74 प्रतिशत घटकर 423 मिलियन डॉलर हो गया है। इसकी वजह बाजार से जुड़ी चुनौतियों को माना जा रहा है।

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भारत में बने टेलीकॉम उपकरणों का 100 देशों में हो रहा निर्यात

नई दिल्ली ,30 जुलाई (एजेंसी)। भारत में बने टेलीकॉम उपकरणों का निर्यात अब 100 से ज्यादा देशों में किया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है।

पिछले वर्ष भारत से 18.2 अरब डॉलर के टेलीकॉम उपकरण और सर्विसेज का निर्यात किया गया था।

दूरसंचार विभाग के तहत आने वाले डिजिटल संचार आयोग में सदस्य (टेक्नोलॉजी) मधु अरोड़ा ने कहा कि कई घरेलू टेलीकॉम कंपनियों ने अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद भी उपकरण बेचने में सफलता प्राप्त की है।

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना की ओर से हाल ही में घरेलू स्तर पर विकसित किया हुआ चिप आधारित 4जी मोबाइल बेस स्टेशन एकीकृत किया गया है, जिसे हमारी आरएंडडी फर्म की ओर से बनाया गया था।

राष्ट्रीय राजधानी में हुए डिफेंस सेक्टर आईसीटी कॉन्क्लेव में अरोड़ा ने कहा कि इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) डिफेंस ऑपरेशन की रीढ़ की हड्डी है।

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि मंत्रालय की ओर से आईसीटी सेक्टर में अफ्रीका के साथ सहयोग बढ़ाने को लेकर काम किया जा रहा है।

भारत, अफ्रीका के टॉप पांच निवेशकों में से एक है। अब तक 75 अरब डॉलर का निवेश अलग-अलग अफ्रीकी देशों में किया जा चुका है। कई भारतीय कंपनियां अफ्रीका में डिजिटल बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं।

टेलीकॉम इक्विपमेंट एंड सर्विसेज एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (टीईपीसी) के कार्यकारी चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने कहा कि आईसीटी भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने के लिए काफी जरूरी है।

भारत, अफ्रीका के साथ काफी लंबे समय से सहयोग कर रहा है और उसकी संप्रभुता का भी सम्मान करता है। इस कारण अफ्रीका के लिए एक विश्वसनीय साझेदार है।

अग्रवाल ने आगे कहा कि डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हमारी कार्यकुशलता हमारी सेना को पूर्वानुमानित अंतर्दृष्टि और कार्रवाई योग्य इंटेलिजेंस उपलब्ध कराता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता और ऑपरेशन को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

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लंबी अवधि में शेयर बाजार में होगा ज्यादा फायदा

एलटीसीजी छूट बढ़ी

नई दिल्ली ,24 जुलाई (एजेंसी)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट में एक तरफ सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) में बढ़ोतरी की तो दूसरी तरफ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर मिलने वाली छूट में भी इजाफा किया।
वित्त मंत्री की ओर से फ्यूचर और ऑप्शन पर लगने वाली सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है।

डेरिवेटिव सेगमेंट में ऑप्शन को सेल पर विक्रेता की ओर से 0.0625 प्रतिशत एसटीटी अदा किया जाएगा। वहीं, इस पर 0.125 प्रतिशत एसटीटी ऑप्शन खरीदार की ओर से दिया जाएगा। फाइनेंस बिल के मुताबिक नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी।

वित्त मंत्री ने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) टैक्स को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की छूट सीमा में बढ़ोतरी कर 1.25 लाख रुपये प्रतिवर्ष कर दी गई है, जो कि पहले एक लाख रुपये थी।

डिजर्व के सह-संस्थापक, वैभव पोरवाल का कहना है कि बजट में लंबी अवधि के निवेशकों को प्रोत्साहित किया गया है। निवेशकों को बाजार के हाल के रिएक्शन को छोड़कर लंबी अवधि का नजरिया रखना चाहिए। मौजूदा कर ढांचा लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा देता है।

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बजट में इन ऐलानों का शेयर बाजार पर पड़ेगा असर

जानें निवेशकों को क्या हैं उम्मीदें

नई दिल्ली ,20 जुलाई (एजेंसी) । शेयर बाजार बजट को लेकर बेचैन है. बजट से पहले बाजार में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में निवेशकों के लिए यह समझना कठिन हो रहा है कि किन हालतों में बजट के बाद स्थिरता देखने को मिलेगी. आपको बता दें कि 23 जुलाई को आम बजट संसद में पेश होगा.

मार्केट में मजबूती बनी हुई है. बजट में 3 अहम बातों पर बाजार पर असर देखा जा सकता है. अगर ऐलान मार्केट के पक्ष में आता है तो उछाल देखने को मिलेगा. सोमवार को जब बाजार खुलेगा तो कई शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है. मंगलवार को जब बजट पेश होगा तो मार्केट में अस्थिरता देखने को मिलेगी.

सवाल है कि आखिरकार कौन से ऐसे तीन ऐलान हैं, जिन पर बाजार की नजर रहने वाली है. कॉरपोरेट जगत और बड़े निवेशक, सरकार से इन मुद्दों पर सकारात्मक रुख की उम्मीद कर रहे हैं. आइए जानते हें आखिरकार कौन से है ये तीन अहम मुद्दे.
फिस्कल कंसोलिडेशन

राजकोषीय अनुशासन को बाजार संतुलित रूप में देखना चाहता है. राजकोषीय घाटा और ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों की ओर से किसी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन लगाया जा सकता है. ऐसे में राजकोषीय घाटे पर सरकार का कोई गाइडेंस बाजार को लेकर सकारात्मक हो सकता है. ब्याज दरों में कटौती संभव है. इस तरह से कई सेक्टर जैसे ऑटो, बैंक, आईटी और फार्मा सेक्टर्स को बड़ा लाभ मिल सकता है.
शहर और गांव में अर्थव्यवस्था का हाल

भारत में कोरोना महामारी के बाद रिकवरी बहुत असमान रही. शहरी क्षेत्रों में डिमांड में अच्छा इजाफा देखने को मिला. वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था पिछड़ गई. खासकर कोरोना की दूसरी लहर के बाद शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में मांग कम हो गई.

ऐसे   में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आय, वेतन और खपत को बढ़ाने के उपायों पर बजट में खास ऐलान करना होगा. इस तरह से रिटेल सेक्टर खासकर एफएमसीजी कंपनियों को लाभ मिल पाएगा. उनकी बिक्री बढ़ जाएगी.

बुनियादी ढांचे को विकसित करने की योजना 

सरकार, बजट में रेलवे, बिजली,आवास और डिफेंस जैसे कई सेक्टरों को बढ़ावा दे सकती है. कई सेक्टरों में पूंजीगत व्यय को बढ़ा सकती है. इसके आवंटन में 11.5 लाख करोड़ रुपये की अपेक्षित वृद्धि के साथ, विशेष रूप से बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा, रेलवे और आवास में बुनियादी ढांचे के विकास पर खास इंटरेस्ट दिखाने की आवश्यकता है.

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अदाणी समूह के खिलाफ टूलकिट का खुलासा

नई दिल्ली 25 May,(एजेंसी) : अदाणी समूह और उसकी कुछ व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ काम कर रहे एक टूलकिट का खुलासा हुआ है। इसमें कम्युनिस्ट, पाकिस्तानी, इस्लामी कट्टरपंथी, अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और पश्चिमी देश शामिल हैं।

द फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) और अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस समर्थित ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) सहित विदेशी मीडिया के एक वर्ग ने अदाणी समूह द्वारा कम कीमत पर खराब गुणवत्ता का कोयला आयात कर अधिक कीमत पर बेचने की बात कही थी। इसके बाद विशेषज्ञों ने समूह के खिलाफ काम करने वाले टूलकिट का खुलासा किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, पत्रकार आनंद मंगनाले द्वारा लिखे लेख में समूूह पर उपरोक्त आरोप लगाया गया।

ओसीसीआरपी और आनंद मंगनाले ने अदाणी समूह के बारे में गलत तथ्यों के साथ एक लेख पोस्ट किया। बाद में कई लोगों ने इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया।

विशेषज्ञों के मुताबिक, ‘यूके का फाइनेंशियल टाइम्स भी इस टूलकिट का हिस्सा है और पब्लिकेशन की ओर से अदाणी समूह के खिलाफ एक प्रोपेगेंडा आर्टिकल भी पोस्ट किया गया था।’

विशेषज्ञों का कहना है कि “फाइनेंशियल टाइम्स के संपादक जार्ज सोरोस और फोर्ड फाउंडेशन की वित्तीय मदद से संचालित कंपनी के बोर्ड में बैठते हैं।”

विदेशी मीडिया संगठनों – द फाइनेंशियल टाइम्स और ओसीसीआरपी द्वारा अदाणी समूह पर बार-बार लगाए जाने वाले आरोपों की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। इसीलिए अब बाजार ने भी इसे गंभीरता से लेना बंद कर दिया है।

अमेरिका स्थित वैश्विक ब्रोकरेज कैंटर फिट्जगेराल्ड के अनुसार, फाइनेंशियल टाइम्स का लेख हो हल्ला के शिवा कुछ नहीं है।

फाइनेंशियल टाइम्स ने 22 मई को सुबह 4:34 बजे अदाणी समूह के खिलाफ एक दुष्प्रचार लेख प्रकाशित किया। अदाणी समूह के खिलाफ टूलकिट उसी दिन सुबह लगभग 7.49 बजे से सोशल मीडिया पर फैलना शुरू हुआ। एक प्रमुख पत्रकार ने इसे पोस्ट किया। उसी दिन रात 9.42 बजे एक अन्य शख्स ने भी यह लेख सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।

लेकिन भारतीय बाजार इस रिपोर्ट को नजरअंदाज करते नजर आया। गुरुवार को निफ्टी में 7.84 फीसद की बढ़त के साथ अदाणी एंटरप्राइजेज में जबरदस्त तेजी रही। अदाणी पोर्ट्स भी 4.73 फीसद की बढ़त के साथ शीर्ष तीन लाभ पाने वाली कंपनियों मे से एक रहा।

कैंटर फिट्जगेराल्ड ने अपने नोट में कहा, “हम मानते हैं कि बाजार यह अनुमान लगा रहा है कि अदाणी समूह के बारे में लिखा गया लेख एक सारहीन कहानी है। इसमें सच्चाई का कोई अंश नहीं है।”

निवेशकों को अदाणी ग्रुप के शेयरों में विश्वास है। पिछले एक साल में समूह का बाजार पूंजीकरण 57 प्रतिशत बढ़कर अब 200 अरब डॉलर हो गया है।

अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में गुरुवार को जबरदस्त तेजी रही। सूचकांक में तेज उछाल आया। अदाणी एंटरप्राइजेज ने 8 फीसद की रिकॉर्ड छलांग लगाई।

अदाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों का अब संयुक्त बाजार मूल्यांकन 17.23 लाख करोड़ रुपये है।

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बायबाय ई-रिक्शा ने ऋणदाता कंपनी रेवफिन के साथ साझेदारी की है

नई दिल्ली ,08 अप्रैल (एजेंसी) । Electric Transport Company बायबाय ई-रिक्शा ने कहा कि उसने ई-रिक्शा के आसान फाइनेंसिग के लिए डिजिटल ऋणदाता कंपनी रेवफिन के साथ साझेदारी की है।

बायबाय ई-रिक्शा निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी घरेलू कंपनियों में से एक है और पिछले 10 साल से वाहनों के साथ-साथ ई-लोडर भी बना रही है।
बायबाय के सह-संस्थापक राजीव तुली ने कहा कि एमओयू समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाएगा।

तुली ने कहा, हमने देखा है कि एक ई-रिक्शा चालक अपने परिवार का भरण-पोषण ठीक से कर पाता है और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला पाता है।

रेवफिन के संस्थापक समीर अग्रवाल और तुली के बीच हुए इस करार से ई-रिक्शा की उपलब्धता आसान होगी और जरूरतमंद लोगों तक अच्छी गुणवत्ता वाला ई-रिक्शा पहुंचाया जा सकेगा। बायबाय द्वारा बनाए गए ई-रिक्शा और ई-लोडर असम सहित विभिन्न राज्यों में उपलब्ध हैं।

रेवफिन 2017 से इलेक्ट्रिक वाहनों का वित्तपोषण कर रहा है।

कंपनी के ज्यादातर ग्राहक कस्बों, तहसीलों और छोटे शहरों से हैं, जिन्हें बिना किसी औपचारिकता के आसान किस्तों में ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक वाहन मिल जाते हैं।

कंपनी अपनी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के तहत ऋण प्रदान करती है।

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पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने लोगों के जीवन को बदल दिया

नई दिल्ली ,03 अप्रैल । पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना न केवल असम में बिजली की कमी को पूरा करने में मदद कर रही है, बल्कि लोगों को कई लाभ भी प्रदान कर रही है। राज्य में इस योजना के पहले लाभार्थी सेलेन काकोती ने मंगलवार को यह बयान दिया।

गुवाहाटी में काहिलीपारा के जनकपुर निवासी सेलेन काकोती ने ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली’ योजना के तहत अपने घर में 3 किलोवाट का सोलर-रूफटॉप स्थापित किया। काकोती ने बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि वह 1 करोड़ घरों में सौर पैनल सिस्टम प्रदान करेंगे। इसके तहत मैंने आवेदन किया था। इसके बाद सोलर पैनल सिस्टम स्थापित कर चालू कर दिया गया।

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 29 फरवरी को 75,021 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अनुमोदित केंद्रीय योजना का लक्ष्य देश में एक करोड़ घरों को मुफ्त बिजली प्रदान करना है। परिवारों को हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिल सकेगी।

काकोती ने कहा कि उनका बिल अभी तक नहीं आया है। इस प्रणाली में जो भी विद्युत उत्पादित होता है, वह ग्रिड में जाता है। मौसम खराब होने पर भी 10 यूनिट बिजली मिलती है। जब मौसम ठीक होता है, तो 16 या 17 यूनिट उपलब्ध होती हैं।

महत्वाकांक्षी योजना के तहत, सौर पैनल वाला प्रत्येक घर बिजली बिल बचाने के साथ-साथ डिस्कॉम को शेष बिजली की बिक्री के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम होगा।

काकोती ने कहा कि 30 दिनों में 450 किलोवाट बिजली 10 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिलेगी। इस हिसाब से 4,000-5,000 रुपये जेनरेट हो जाएंगे। मेरा बिल इसी से एडजस्ट हो जायेगा।

आगे कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें कोई साझाकरण प्रणाली नहीं है। इसका उपयोग सिर्फ मैं करूंगा, बाकी सरप्लस ग्रिड में जाएगा और सरकार मुझे कुछ पैसे देगी। यह एक बहुत अच्छी योजना है।

3 किलोवाट सिस्टम की लागत लगभग 2 लाख रुपये होगी। काकोती ने कहा, इसमें से 70 हजार रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी और राज्य सरकार भी योगदान देगी। मैं पीएम मोदी को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं।

इस व्यवस्था से देश में बदलाव लाया जा सकता है। इससे असम में बिजली की कमी पूरी होगी और जो इसके लिए आवेदन करेगा, उसे कई लाभ मिलेंगे।

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गूगल ने भारतीय एप को किया प्ले स्टोर पर बहाल

नई दिल्ली ,03 मार्च । गूगल ने भारी आलोचना के बाद शनिवार को प्ले स्टोर से हटाए गए सभी एप को वापस बहाल कर दिया है। सूत्रों ने पुष्टि की कि टेक दिग्गज ने कुछ ऐप्स जैसे शादी.कॉम, इंफो एज की नौकरी डॉट कॉम, 99एकड़ और नौकरी गल्फ और अन्य को बहाल कर दिया है।

इन्फो एज के सह-संस्थापक संजीव बिकचंदानी ने भी एक्स पर एक पोस्ट में इस बात की पुष्टि की। उन्होंने पोस्ट किया, कई इन्फो एज ऐप्स प्ले स्टोर पर वापस आ गए हैं। हितेश (हितेश ओबेरॉय) और पूरी इन्फो एज टीम के नेतृत्व में बहुत अच्छा प्रयास किया गया। लोग इसके लिए पूरी रात जागते रहे।

इससे पहले दिन में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने भारतीय कंपनियों के ऐप्स को हटाने की आलोचना की थी और गूगल से उन हटाए गए ऐप्स को अपने प्ले स्टोर पर बहाल करने के लिए कहा था। गूगल ने मैट्रिमोनी और शादी डॉट कॉम सहित प्रमुख भारतीय डिजिटल कंपनियों के एक दर्जन से अधिक ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया था।

यह कदम गूगल द्वारा उन 10 डेवलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना की घोषणा के बाद आया है, जिन्होंने अन्य ऐप स्टोर की भुगतान नीति का पालन करने से इनकार कर दिया था। एएलटीटी, स्टेज और अहा स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, ट्रूली मैडली और क्वैक क्वैक डेटिंग ऐप्स, कुकू एफएम ऑडियो कंटेंट प्लेटफॉर्म और एफआरएनडी सोशल नेटवर्किंग ऐप जैसी कंपनियों के एप्लिकेशन को भी गूगल द्वारा हटा दिया गया था।

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जम्मू-कश्मीर पावर प्लांट ने राजस्थान को 40 साल तक बिजली आपूर्ति करने के लिए किया समझौता

नई दिल्ली ,26 फरवरी (एजेंसी)।  एनएचपीसी लिमिटेड और जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की संयुक्त उद्यम कंपनी रैटले हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएचपीसीएल) ने राजस्थान ऊर्जा विकास एंड आईटी सर्विसेज लिमिटेड को बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) में प्रवेश किया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने गुरुवार को ये जानकारी दी।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किए जाने वाले बिजली आवंटन के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 850 मेगावाट की रैटले जलविद्युत परियोजना वाणिज्यिक संचालन तिथि (सीओडी) से 40 वर्षों की अवधि के लिए राजस्थान को बिजली प्रदान करेगी।

पावर परचेज एग्रीमेंट पर बुधवार को जयपुर में आरएचपीसीएल और राजस्थान ऊर्जा विकास और आईटी सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

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29 रुपए किलो चावल बेचेगी मोदी सरकार, व्यापारियों को बताना होगा स्टॉक

नई दिल्ली ,03 फरवरी (एजेंसी) । महंगाई से लोगों को राहत दिलाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। सरकार अगले हफ्ते से खुदरा बाजार में 29 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर ‘भारत राइस’ ब्रांड के तहत चावल बेचेगी। इसके अलावा व्यापारियों को निर्देश दिया गया है कि चावल के स्टॉक का खुलासा किया जाए।

केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विभिन्न किस्मों के चावल निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद पिछले एक साल में चावल की खुदरा और थोक कीमतों में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पहले मोदी सरकार की तरफ से पहले ही महंगाई को मात देने केलिए ‘भारत आटा’ की बिक्री 27.50 रुपये किलो और ‘भारत दाल’ (चना) 60 रुपये किलो के हिसाब से की जा रही है।

सरकार की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि चावल के निर्यात पर लगी पाबंदी को हटाने की अभी कोई योजना नहीं है। यह केवल अफवाह है कि चावल के निर्यात पर लगी पाबंदी को हटाया जा रहा है। चोपड़ा ने कहा कि रिटेलर और होलसेल सेलर को और फूड प्रोसेसिंग करने वालों को नए रेट का चावल के स्टॉक की जानकारी देने के लिए कहा गया है।

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पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने 1 पैन पर खोले 1000 खाते, बिना पहचान करोड़ों का लेनदेन भी किया- आरबीआई ने कसा शिकंजा

नई दिल्ली ,04 फरवरी (एजेंसी) । पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई के एक्शन की चर्चा हर तरफ है। आरबीआई के एक्शन के बाद पेटीएम के शेयरों में बड़ी गिरावट आ गई है। दो दिन में ही कंपनी का शेयर 40 फीसदी टूट गया है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक के पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर एक्शन लेने की वजह सामने आई है।

सूत्रों के अनुसार, आरबीआई को मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) संबंधी चिंताओं और वॉलेट पेटीएम तथा इसकी बैंकिंग शाखा के बीच सैकड़ों करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के कारण विजय शेखर शर्मा द्वारा संचालित इकाइयों पर शिकंजा कसना पड़ा। सूत्रों ने बताया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के पास लाखों गैर-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालन वाले खाते थे और हजारों मामलों में कई खाते खोलने के लिए एक ही पैन का उपयोग किया गया था। यानी 1 पैन पर 1000 बैंक अकाउंट खोले गए।

आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का निर्देश दिया था। जानकारी के मुताबिक 29 फरवरी के बाद आरबीआई पेटीमए पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस रद्द कर सकता है। आरबीआई ने एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। इन रिपोर्टों से भुगतान बैंक में लगातार नियमों के गैर-अनुपालन और सामग्री पर्यवेक्षण से जुड़ी चिंताएं सामने आईं।

आरबीआई ने इसके पहले 11 मार्च, 2022 को पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोडऩे से रोक दिया था। आरबीआई ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को बचत बैंक खाते, चालू खाते, प्रीपेड माध्यम, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सहित अपने खातों से शेष राशि की निकासी या उपयोग की अनुमति किसी प्रतिबंध के बगैर दी जाएगी।

वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है लेकिन वह इसे अपनी सहयोगी के रूप में वर्गीकृत करता है, न कि अनुषंगी कंपनी के रूप में। सूत्रों ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के पास लाखों गैर-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालन वाले खाते थे और हजारों मामलों में कई खाते खोलने के लिए एक ही पैन का उपयोग किया गया था।

सूत्रों ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जहां लेनदेन का कुल मूल्य करोड़ों रुपये में है, जिससे धन शोधन की चिंताएं बढ़ रही हैं। एक विश्लेषक के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से लगभग 31 करोड़ निष्क्रिय हैं, जबकि केवल लगभग चार करोड़ ही बिना किसी शेष राशि या बहुत कम शेष के साथ सक्रिय होंगे।

सूत्रों ने कहा कि असामान्य रूप से बड़ी संख्या में निष्क्रिय खातों का उपयोग फर्जी खातों के लिए में किए जाने की आशंका है। ऐसे में केवाईसी में बड़ी अनियमितताएं हुईं है, जिससे ग्राहकों, जमाकर्ताओं और वॉलेट धारकों को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा। सूत्रों ने कहा कि बैंक द्वारा प्रस्तुत अनुपालन कई मौकों पर अधूरा और गलत पाया गया।

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2024 के पहले महीने में दुनिया भर में 30 हजार से अधिक तकनीकी कर्मचारियों की नौकरियां गईं

नई दिल्ली ,04 फरवरी (एजेंसी) । तकनीकी कर्मचारियों के लिए वर्ष 2024 की शुरुआत खराब रही, क्योंकि जनवरी में ही 122 से अधिक तकनीकी कंपनियों और स्टार्टअप ने 30 हजार से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, और नौकरियों में कटौती लगातार जारी है। छंटनी पर नजऱ रखने वाली वेबसाइट लेऑफ्सडॉटफाई द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 122 तकनीकी कंपनियों ने (3 फरवरी तक) 31,751 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया।

दुनिया भर में स्टार्टअप समेत टेक कंपनियों ने 2022 और 2023 में 425,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, जबकि इसी समय सीमा में भारत में 36,000 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया। वीडियो संचार प्लेटफ़ॉर्म जूम लगभग 150 कर्मचारियों, या कंपनी के 2 प्रतिशत से भी कम कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है। जूम के अलावा, क्लाउड सॉफ़्टवेयर विक्रेता ओक्टा ने भी लगभग 400 कर्मचारियों, या अपने कार्यबल के लगभग 7 प्रतिशत को नौकरी से निकालने की योजना की घोषणा की।

ऑनलाइन भुगतान गेटवे पेपाल ने पिछले महीने छंटनी शुरू कर दी, इससे उसके कार्यबल के कम से कम 9 प्रतिशत, लगभग 2,500 कर्मचारी प्रभावित होंगे। उपभोक्ता रोबोट बनाने वाली कंपनी आईरोबोट ने लगभग 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की है, जो उसके कार्यबल का लगभग 31 प्रतिशत है और इसके संस्थापक और सीईओ, कॉलिन एंगल भी पद छोड़ देंगे। एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर प्रमुख सेल्सफोर्स नौकरी में कटौती करने वाली नवीनतम तकनीकी कंपनी बन गई है, इसने लगभग 700 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।

ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी अपने कर्मचारियों की संख्या में लगभग सात प्रतिशत यानी लगभग 350-400 नौकरियों की कटौती कर रहा है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ईबे लगभग 1,000 कर्मचारियों या अपने पूर्णकालिक कार्यबल के 9 प्रतिशत को बर्खास्त कर रहा है, और कंपनी आने वाले महीनों में अनिर्दिष्ट संख्या में ठेकेदारों को भी नौकरी से हटा देगी।

गूगल के स्वामित्व वाला यू ट्ब अपनी निर्माता प्रबंधन और संचालन टीमों से कम से कम 100 कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है। लगभग 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के बाद, गूगल कथित तौर पर चल रहे पुनर्गठन अभ्यास के हिस्से के रूप में अपनी विज्ञापन बिक्री टीम में कुछ सौ और नौकरियों में कटौती कर रहा है।

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी कर्मचारियों को इस साल और अधिक नौकरियों में कटौती के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। वैश्विक डेटा प्रबंधन समाधान प्रदाता वीईएम सॉफ्टवेयर ने कथित तौर पर 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। पॉलीगॉन लैब्स, टीम जो लेयर-2 ब्लॉकचेन पॉलीगॉन के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करती है, ने अपने लगभग 19 प्रतिशत कार्यबल या 60 कर्मचारियों को निकाल दिया है।

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अब तक का सबसे बड़ा साइबर अटैक! टिवटर से लिंकडन तक कई प्लेटफॉर्म के कुल 2600 करोड़ डेटा हुए लीक

नई दिल्ली ,24 जनवरी (एजेंसी) । इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही इससे जुड़े खतरें भी बढ़ते जा रहे हैं। खासकर एआई के आने के बाद से साइबर अपराधियों को बेहतर टेक्नोलॉजी मिल गई है, जिससे वह लोगों का डेटा चुरा रहे हैं। हाल ही में एक बहुत बड़ी साइबर अटैक की खबर सामने आई है, जिसमें 2600 करोड़ रिकॉर्ड लीक हुए हैं।

ये डेटाबेस इसलिए खतरनाक है क्योंकि इसमें कई बड़े प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, ड्रॉपबॉक्स, लिंक्डइन, टेनसेंट, वीबो, एडोब, कैनवा और टेलीग्राम की संवेदनशील जानकारी शामिल है। इसमें लोगों के यूजरनेम और पासवर्ड कॉम्बिनेशन भी शामिल किए गए है। इन डेटा के बाहर आने से इन प्लेटफॉर्म के यूजर्स को पहचान की चोरी और फिशिंग के लिए संवेदनशील हो जाते हैं। आइये इसके बारे में जानते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने हाल ही में एक बड़े डेटाबेस का जानकारी दी है , जिसमें 2600 करोड़ लीक हुए रिकार्ड शामिल है। रिपोर्ट में इसे रूशह्लद्धद्गह्म् शद्घ ्रद्यद्य क्चह्म्द्गड्डष्द्धद्गह्य यानी सभी उल्लंघनों की जननी कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह अब तक का सबसे बड़ा ब्रीच है, जिसमें कई बड़े प्लेटफॉर्म के यूजर्स का डेटा शामिल है।

रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है कि यह अब तक की सबसे बड़ी खोज है। इस डेटाबेस में ट्विटर, ड्रॉपबॉक्स और लिंक्डइन सहित कई साइटों की संवेदनशील जानकारी शामिल है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सिक्योरिटी डिस्कवरी और साइबरन्यूज के रिसर्चर्स ने इसकी जानकारी दी है और इसका आकार 12 टेराबाइट्स है। इतना ही नहीं इस डेटाबेस में चीनी मैसेजिंग दिग्गज टेनसेंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो के यूजर्स के रिकॉर्ड भी हैं।

इसके अलावा एडोब, कैनवा और टेलीग्राम के साथ साथ कुछ सरकारी संगठनों, ञ्जद्गठ्ठष्द्गठ्ठह्ल और ङ्खद्गद्बड्ढश जैसे चीनी प्लेटफार्मों के रिकॉर्ड भी शामिल है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लीक हुए डेटा में कई यूजरनेम और पासवर्ड कॉम्बिनेशन भी शामिल हैं। ये एक बड़ा खतरा है क्योंकि इससे साइबर अपराधियों को करोड़ों लोगों की पहचान और उनकी संवेदनशील जानकारी मिल सकती है। इससे पहले भी कई हमले हुए है , जिसमें लाखों लोग प्रभावित हुए है। इसमें माइस्पेस (360 मिलियन), ट्विटर (281 मिलियन), लिंक्डइन (251 मिलियन) और एडल्टफ्रेंडफाइंडर (220 मिलियन) के डेटा ब्रीच शामिल है।

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उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अदाणी ने निवेश के लिए खोला पिटारा

नई दिल्ली ,11 दिसंबर (एजेंसी)। उत्तराखंड में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आगाज हो गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस दौरान सबसे पहले अदाणी ग्रुप ने उत्तराखंड में बड़े निवेश का ऐलान किया।

सम्मेलन में पहुंचे अदाणी एंटरप्राइजेज के निदेशक प्रणव अदाणी ने आमंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देहरादून मेरे दिल में एक खास जगह रखता है। उन्होंने देहरादून ही नहीं, पूरे उत्तराखंड को भौतिक और आध्यात्मिक अनुभवों का खजाना बताया।

उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर कोई और स्थान इतने सारे पवित्र स्थलों का प्रवेश द्वार होने का दावा नहीं कर सकता है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि लोग उत्तराखंड को देवभूमि कहते हैं। उत्तराखंड अब निजी क्षेत्र के निवेश के लिए भारत के सबसे आकर्षक प्रवेश द्वारों में से एक बन गया है। क्योंकि, पिछले पांच सालों के विकास और राज्य की स्थिति के दृष्टिकोण से तेजी से बदलाव देखा गया है।

उन्होंने इसके लिए सिंगल पॉइंट क्लियरेंस, जमीन की वाजिब कीमतें, सस्ती बिजली और बेहतर डिस्ट्रिब्यूशन, कुशल कामगार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से करीबी और बेहतरीन कानून-व्यवस्था के माहौल को कारण बताया। उनके मुताबिक वर्तमान में अदाणी समूह उत्तराखंड में गैस डिस्ट्रिब्यूशन और सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग तक फैली हुई है।

प्रणव अदानी के मुताबिक इंडियन ऑयल और अदाणी टोटल गैस के जॉइंट वेंचर, आईओएजीपीएल, के माध्यम से अदाणी डॉमेस्टिक, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सभी ग्राहकों को प्राकृतिक गैस पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा स्वच्छ ईंधन को सर्वसुलभ बनाने के लिए अदाणी समूह 200 स्टेट ट्रांसपोर्ट बसों को पर्यावरण-अनुकूल सीएनजी बसों में बदलने में योगदान दे रहा है।

इसके साथ ही उत्तराखंड में अदाणी समूह अंबुजा सीमेंट्स की मौजूदा क्षमता को बढ़ाने के लिए 1,700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा, इसके अलावा रूड़की प्लांट की क्षमता को मौजूदा 1.2 मिलियन टन प्रति वर्ष से अगले साल के आखिर तक 3 मिलियन टन प्रति वर्ष तक ले जाने के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

साथ ही 4 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता वाली ग्राइंडिंग यूनिट बनाने के लिए लगभग 1,400 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस बड़े निवेश से उम्मीद की जा रही है कि ऋषिकेश-देहरादून क्षेत्र में करीब 6 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

साथ ही कुमाऊं क्षेत्र में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के साथ पारंपरिक बिजली मीटर को स्मार्ट प्रीपेड मीटर में बदलने के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना शुरू की गई है।

ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड में विकास की रूपरेखा नहीं खींची गई है, लेकिन, अदाणी ने बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग निवेश की घोषणा करके यहां के विकास की लकीर को और बड़ा कर दिया है।

अदाणी समूह अब पंतनगर में 1 हजार एकड़ जमीन के विकास की संभावना भी तलाश रहा है। इन संभावनाओं में एयरो-सिटी, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो, लॉजिस्टिक्स वेयरहाउसिंग और नॉलेज पार्क के लिए बुनियादी ढांचा शामिल है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत उद्योग जगत की जानी-मानी हस्तियां भी मौजूद थीं।

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