बादल दल ने दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी के कार्यालय में बेवजह हंगामा किया : कालका

नई दिल्ली, 17 अगस्त( आरएनएस/FJ) । दिल्ली सिक्ख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका व महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने संयुक्त तौर पर आरोप लगाया कि डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के., परमजीत सिंह सरना-हरविन्दर सिंह सरना और बादल दल दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी का अक्स खराब करने के लिए हर समय लालायित रहता है इसीलिए इन्होंने हमारे साथ कार्यालय में मीटिंग करने का समय माँग कर माहौल में हंगामा कायम किया ताकि किसी तरह मीडिया की सुर्खियाँ बटोरी जा सकें।

श्री कालका ने कहा कि सरना बंधूओं द्वारा 1984 में हजारों सिक्खों का कत्लेआम और श्री अकाल तख्त साहिब पर हमला करने वाली काँग्रेस पार्टी के नेता श्रीप्रकाश जायसवाल को खुश करने के लिए गुरूद्वारा साहिब में कार्यक्रम करवाये जाते थे। जिन लोगों पर कभी बरगाड़ी कांड और श्री गुरू ग्रंथ साहिब के पावन सरूपों की बेअदबी का आरोप लगा आज वो लोग सुखबीर बादल के मार्ग-दर्शन में हर बात को बेअदबी से जोडऩे की कोशिश कर रहे हैं परन्तु संगत इनके भ्रम में नहीं आयेगी।

कालका ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष जी.के. द्वारा गुरूद्वारा रकाब गंज परिसर में हुई कथित बेअदबी मामले पर उनसे मीटिंग करने का समय माँगा गया था परन्तु इनके पास कोई एंजेडा नहीं होने के कारण जी.के.-सरना-बादल गुट द्वारा मीटिंग को पहले प्रतिनिधिमंडल में परिवर्तित किया गया बाद में इसको धरना पॉल्टिकस बना दिया गया जो कि निंदनीय है। मीटिंग दौरान सरना बंधू और जी.के. बार-बार एक-दूसरे की बात को ही काट रहे थे।

उन्होंने कहा कि हमने जी.के., सरना बंधू व शिरोमणी अकाली दल बादल की बीबी रणजीत कौर के नेतृत्व में आये लोगों के एक-एक सवाल का जवाब दिया परन्तु इनका लक्ष्य तो सिर्फ हंगामा खड़ा करना था। इन लोगों को अब यह भी याद नहीं कि इनके कार्यकाल के दौरान भी गुरूद्वारों में हजारों की तादाद में संगत को ठहराया जाता रहा है परन्तु किसी का स्टिंग आपरेशन करके कभी तलाशी नहीं ली गई।

महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि डीएसजीएमसी ने भारत सरकार द्वारा मनाये गये भाई लक्खी शाह वणजारा के 444वें जन्मोत्सव समागम में सहयोग किया था। उन्होंने कहा कि वणजारा समाज की जड़ें सिक्ख समुदाय से जुड़ी हैं, तालकटोरा स्टेडियम में करवाये गये समागम से श्री गुरू तेग बहादुर जी और भाई लक्खी शाह वणजारा के इतिहास का संदेश दूर-दूर तक गया है।

काहलों ने बताया कि हमें महाराष्ट्र, हैदराबाद व तेलंगाना आदि से वणजारा समाज के कई लोगों द्वारा विनती की गई है कि डीएसजीएमसी उनके राज्यों में आकर ऐसे कई समागम आयोजित करें।

इस अवसर पर डीएसजीएमसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरविन्दर सिंह के.पी., उपाध्यक्ष आत्मा सिंह लुभाणा, धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन जसप्रीत सिंह करमसर, एम.पी.एस. चढडा, विक्रम सिंह रोहिणी, भूपिन्दर सिंह भुल्लर सहित तमाम गुरूद्वारा कमेटी सदस्य मौजूद थे।

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