केदारनाथ धाम में भारी बर्फबारी के कारण रजिस्ट्रेशन बंद, श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी

देहरादून 24 April, (एजेंसी): उत्तराखंड चार धाम यात्रा की शुरुआत शनिवार 22 अप्रैल से शुरू हो गई है। कल यानि 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुल जाएंगे। ऋषिकेश और हरिद्वार में पिछले कई दिनों से खराब मौसम के कारण उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ धाम यात्रा के श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल तक बंद कर दी है।

उत्तराखंड सीएम पुष्कर धामी ने भी यात्रियों से अपील की है कि मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुये अपनी यात्रा की शुरुआत करें। बर्फबारी होने के बाद जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से मौसम के अनुसार यात्रा करने की अपील की है। जिला प्रशासन की टीम की ओर से कहा गया है कि श्रद्धालु मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए यात्रा की तैयारी करें। खराब मौसम को देखते हुए गढ़वाल कमिश्नर ने केदारनाथ के रजिट्रेशन पर रोक लगाई है। मौसम की स्थिति स्पष्ट होने के बाद फिर से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। बता दें, सनातन धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। ऐसे में हर साल हजारों की संख्या में केदारनाथ धाम पहुंचते हैं।

वहीं कपाट खुलने से पहले बाबा केदार के पौराणिक मंदिर को सजाया जा रहा है। केदारनाथ मंदिर को सजाने कद लिए 23 कुंतल से ज्यादा तरह तरह के फूल लाये गए हैं। सुबह से ही मंदिर समिति द्वारा कई लोगों को मंदिर को सजाने के काम में लगाया गया है। केदारनाथ धाम में आज सुबह चटक धुप खिली है लेकिन धाम में पल-पल मौसम बदल रहा है जिससे दिक्कतें बढ़ रही है, वहीं सुबह से ही बड़ी सख्या में बाबा के भक्त केदारनाथ पहुंचने लगे हैं, वहीं शाम तक बाबा की उत्सव डोली भी धाम पहुंच जाएगी और 25 अप्रैल सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर बाबा के कपाट खुल जाएंगे।

दरअसल पिछले कुछ दिनों से केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी हो रही है। ऐसे में बर्फबारी के चलते धाम में प्रशासन की ओर से उचित व्यवस्था नहीं हो पायी है। बता दें, केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को सुबह 6:25 बजे खुलने वाले हैं। बता दें, शनिवार 22 अप्रैल को यमुनोत्री व गंगोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा प्रारंभ हो गयी। शीत ऋतु में गंगोत्री और यमनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद 25 अप्रैल को और 27 अप्रैल को बद्रीनाथ के कपाट भी खोल दिए जाएंगे और दर्शन शुरू होंगे।

उत्तराखंड के चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हर साल शीत ऋतु में 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं। भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि शीतकालीन प्रवास मुखवा से 21 अप्रैल 2023 को मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। 22 अप्रैल 2023 को गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:35 पर खुल चुके हैं। बता दें कि गंगोत्री धाम पट खोलने से पहले सहस्त्रनाम गंगा लहरी का पाठ किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि गंगोत्री में स्थित गौरीकुंड में माता पार्वती खुद भगवान शिव की परिक्रमा करती हैं।

27 अप्रैल 2023 के दिन सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर भक्तगण बद्रीनाथ के दर्शन कर पाएंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार बद्रीनाथ धाम के दर्शन के बिना चार धाम की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती। भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक नर और नारायण ऋषि की तपोभूमि है बद्रीनाथ। प्रचलित मान्यता के अनुसार जो जाए बदरी वो ना आए ओदरी। अर्थात जो व्यक्ति एक बार बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है वो मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है। फिर दोबारा उसका जन्म नहीं होता।

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शराब माफियाओं ने पुलिस टीम पर किया हमला, गाड़ी क्षतिग्रस्त, गिरफ्तार आरोपी को भी छुड़ाया

पटना 24 April, (एजेंसी): शराब तस्करी की सूचना पर मद्य निषेध विभाग की टीम पुलिस को लेकर पटना के बिहटा मूसेपुर गांव पहुंची थी। शराब तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार कर जब अपने साथ ले जाने लगी तभी शराब माफिया के गुंडों ने छापेमार टीम की गाड़ी को चारों तरफ से घेर कर हमला बोल दिया।

इस दौरान शराब माफियाओं ने पुलिस पर रोड़े बाजी और पत्थरबाजी करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं हमलावरों ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए शराब के एक आरोपी को भी छुड़ा लिया। पुलिस ने विरोध किया तो बदमाशों ने पथराव किया और पुलिस की स्कॉर्पियो की क्षतिग्रस्त कर दिया। इसमें कुछ पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए। पथराव देख पुलिस और मद्य निषेध विभाग की वापस लौटना पड़ा। मद्य निषेध विभाग के 3 पुलिसकर्मी इस घटना में घायल हो गए।

करीब आधे घंटे बाद पुलिस टीम वापस गांव पहुंची। पुलिस ने छापेमारी कर 2 महिला और 6 पुरुष को हिरासत में लिया। पुलिस हमलावरों की तलाश कर रही है। कुछ संदिग्ध से पूछताछ की जा रही है। घायलों के बारे में पुलिस अधिकारी से पूछने पर उन्होंने सूचना देने से इनकार किया है। थानेदार प्रमोद कुमार का कहना है कि गांव के कुछ शरारती तत्वों ने उत्पाद विभाग की स्कॉर्पियो को क्षतिग्रस्त कर दिया है। शराब के एक आरोपी को भी छुड़ाकर फरार हुए हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। मामले में आगे की कार्रवाई चल रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि रविवार मध्य रात्रि मद्य निषेध विभाग और बिहट पुलिस की टीम गांव में छापेमारी करने पहुंची थी। उन्हें शराब तस्करी की सूचना मिली थी। पुलिस ने इस मामले शराब पीने के मामले में तोताराम सहित तीन लोगों को हिरासत में ले लिया और जीप में बैठाकर थाने ले जाने लगे। इसी बीच शराब माफियाओं ने टीम पर हमला बोल दिया।

बदमाशों ने उनकी गाड़ी पर पथराव कर दिया। इसके बाद आरोपी को छुड़ाकर ले गए। वहीं गुलालचक गांव में शराब के खिलाफ छापेमारी करने गई मद्य निषेध विभाग की टीम पर शराब माफियाओं ने हमला बोल दिया। हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि मद्य निषेध विभाग की टीम ने शराब के आरोपी को पकड़ने जाने के विरोध पर महिलााओं को पीटा है। इसमें कुछ महिलाएं चोटिल भी हो गईं। वहीं मद्य निषेध विभाग की टीम ने मारपीट की बात से इनकार किया है।

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केशवानंद भारती केस के 50 साल पूरे, सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट को समर्पित बनाया वेब पेज

नई दिल्ली 24 April, (एजेंसी): केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले के ऐतिहासिक फैसले की 50वीं वर्षगांठ पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को समर्पित एक वेब पेज बनाया है। आज CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये वेब पेज अब दुनिया भर के शोधकर्ताओं को 24 अप्रैल 1973 को सुनाए गए ऐतिहासिक फैसले के बारे में अधिक जानने में मदद कर सकता है।

ये वेब पेज पृष्ठभूमि, परिचय, उठाए गए प्रमुख कानूनी मुद्दों, किए गए तर्कों, निष्कर्ष पर पहुंचने और मामले में उपयोग की गई संदर्भ सामग्री प्रदान करेगा।

दरअसल, 24 अप्रैल 1973 को 13 जजों के संविधान पीठ ने 7 : 6 बहुमत से फैसला सुनाया था कि संविधान के मूल ढांचे को संसद द्वारा संशोधित नहीं किया जा सकता है।

साल 1973 की बात है, सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार के खिलाफ एक संत केशवानंद भारती का केस पहुंचा था। पहली बार सुप्रीम कोर्ट के 13 जज इसे सुनने के लिए बैठे. लगातार 68 दिन तक बहस हुई। आखिरकार 24 अप्रैल 1973 को जब फैसला आया, तब 13 जजों की बेंच ने कहा कि सरकारें संविधान से ऊपर नहीं हैं।

दरअसल, 1973 में केरल सरकार ने भूमि सुधार के लिए दो कानून बनाए थे। इन कानून के जरिए सरकार मठों की संपत्ति को जब्त करना चाहती थी। केशवानंद भारती सरकार के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए। केशवानंद भारती ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 26 हमें धर्म के प्रचार के लिए संस्था बनाने का अधिकार देता है। ऐसे में सरकार ने इन संस्थाओं की संपत्ति जब्त करने के लिए जो कानून बनाए, वो संविधान के खिलाफ हैं।

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शिक्षक घोटाला: तृणमूल विधायक के पूर्व पीए के बैंक खाते की सीबीआई कर रही जांच

कोलकाता 24 April, (एजेंसी): पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीबीआई तृणमूल कांग्रेस विधायक तापस साहा के पूर्व निजी सहायक प्रोबीर कयाल के बैंक लेनदेन की जांच कर रही है।

सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने 2022 की शुरुआत में कयाल के एक विशेष बैंक खाते से 2 करोड़ रुपये के लेनदेन पर ध्यान दिया था। वे इस पर पर और जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंक अधिकारियों से पूछताछ कर रहे हैं।

केंद्रीय एजेंसी के यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इस तरह के बड़े लेनदेन वास्तव में करोड़ों रुपये के घोटाले की आय थे और दूसरा यह कि क्या साहा ने वास्तव में अपने पूर्व निजी सहायक को इस तरह की आय की वसूली में इस्तेमाल किया था।

कयाल के नाम पर इस विशेष बैंक खाते के अलावा, सीबीआई के अधिकारियों ने उसके और उसके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों का विवरण भी मांगा है।

21 अप्रैल की शाम से शुरू होकर 22 अप्रैल की सुबह तक सीबीआई के अधिकारियों ने घोटाले के सिलसिले में नदिया जिले के तेहट्टा विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक साहा के आवास पर मैराथन छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया। साहा ने मीडियाकर्मियों के सामने दावा किया है कि वह अपनी ही पार्टी के सहयोगियों द्वारा रची गई साजिश का शिकार हुए हैं।

साहा ने आरोप लगाया, मैं जिले से अपनी ही पार्टी के नेता टीना भौमिक साहा और उनके सहयोगियों द्वारा रची गई साजिश का शिकार हूं। उन्होंने मेरे खिलाफ साजिश करने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया है।

इस बीच, कयाल ने भी साजिश के सिद्धांत को जारी किया और कहा कि वह तापस साहा को काफी समय से जानते हैं, लेकिन वह उनके निजी सहायक कभी नहीं थे। कयाल ने दावा किया, मैं कहीं भी घोटाले में शामिल नहीं हूं। मैं साजिश का शिकार हूं।

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तमिलनाडु में प्राथमिक विद्यालयों के सभी छात्रों को मिलेगा मुफ्त नाश्ता

चेन्नई 24 April, (एजेंसी): तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही राज्य के सभी प्राथमिक स्कूलों में मुफ्त नाश्ता योजना का विस्तार करने के लिए समन्वयक नियुक्त करेगा। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य के प्रत्येक शैक्षणिक जिले के लिए एक समन्वयक नियुक्त किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) उस कार्यक्रम की देखरेख करेंगे जो मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की एक महत्वाकांक्षी योजना है।

विभाग ने प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में छात्रों की संख्या का विवरण मांगा है और शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों को उस कार्यक्रम का हिस्सा बनने का निर्देश दिया है, जो यह सुनिश्चित करता है कि राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को नाश्ता उपलब्ध कराया जाए।

इस योजना से राज्य के 30,122 प्राथमिक विद्यालयों को कवर करने और 18 लाख छात्रों को लाभान्वित करने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने हाल के बजट में परियोजना के लिए पहले ही 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर दी है।

मुख्यमंत्री स्टालिन ने 14 सितंबर, 2022 को मदुरै के अधिमूलम प्राथमिक विद्यालय में प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के लिए मुफ्त नाश्ता योजना का उद्घाटन किया था।

यह योजना 33.56 करोड़ रुपये की लागत से राज्य भर के 1,545 प्राथमिक विद्यालयों में शुरू की गई थी और पहले चरण में 1.14 लाख छात्रों को लाभान्वित किया गया था।

कार्यक्रम के पहले चरण की सफलता ने सरकार को राज्य भर के सभी सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में इस परियोजना का विस्तार करने के लिए प्रेरित किया है।

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मनोज बाजपेयी ने किया बंदा की रिलीज का ऐलान, सीधे ओटीटी पर आएगी फिल्म

24.04.2023 (एजेंसी)  बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता मनोज बाजपेयी अपनी उम्दा अदाकारी के लिए जाने जाते हैं। अभिनेता अपने तीन दशक के करियर में कई बेहतरीन फिल्मों का हिस्सा रहे हैं और अपने अभिनय के बल पर लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं।

अभिनेता ने अपने 54 के इस खास दिन पर उन्होंने अपनी नई फिल्म बंदा की रिलीज का ऐलान किया है, जो सीधे ओटीटी पर आएगी।बाजपेयी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फिल्म का पोस्टर साझा करते हुए बंदा के ज़ी5 पर आने की घोषणा की है।

अभिनेता ने इस पोस्ट के साथ लिखा, जब बात हो इंसाफ की, सिर्फ एक ही बंदा काफी है। सच्ची घटनाओं से प्रेरित बंदा विनोद भानुशाली की भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड, जी स्टूडियोज और सुपर्ण एस वर्मा द्वारा समर्थित एक कोर्टरूम ड्रामा है।

इस फिल्म का निर्देशन अपूर्व सिंह कार्की ने किया है और दीपक किंगरानी ने इसे लिखा है। बंदा में बाजपेयी एक प्रतिष्ठित वकील की भूमिका निभाते हुए नजर आएंगे, जो सच्चाई और न्याय के लिए सभी बाधाओं के खिलाफ अकेले ही लड़ाई लड़ता है।

बाजपेयी ने इस फिल्म के लिए ज़ी5 के साथ तीसरी बार हाथ मिलाया है। इससे पहले वह 2021 में आई फिल्म साइलेंस… कैन यू हियर इट? और डायल 100 में काम कर चुके हैं। अभिनेता ने भी ज़ी5 के साथ काम करने पर खुशी जाहिर की और कहा कि वह काफी उत्सुक हूं।

निर्माता विनोद भानुशाली ने फिल्म के बारे में बात करते हुए बताया कि बाजपेयी जैसे दिग्गज अभिनेता के साथ यह एक ऐसा कोर्ट रूम ड्रामा है, जो आपको हिला देगा। बंदा में दिखाया है कि कैसे एक आम आदमी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के साथ पूरे सिस्टम से लड़ाई लड़ सकता है, जब सच्चाई उसके पक्ष में हो। यह दिखाती है कि कैसे जब सिस्टम सही तरीके से काम करता है तो न्याय से इनकार नहीं किया जा सकता है।

बाजपेयी की हाल ही में गुलमोहर रिलीज हुई थी, जिसमें वह शर्मिला टैगोर के साथ नजर आए थे। अब वह मेघना गुलजार की सैम बहादुर में नजर आने वाले हैं, जो भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के जीवन पर आधारित है।

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थपकी प्यार की की अभिनेत्री मोनिका खन्ना ने ओटीटी पर सुर्ख से शुरुआत की

24.04.2023 (एजेंसी)  टीवी एक्ट्रेस मोनिका खन्ना छोटे पर्दे से अब ओटीटी पर शुरुआत कर रही हैं। टीवी सीरियल थपकी प्यार की फेम मोनिका खन्ना ने साल 2008 में टीवी की दुनिया में कदम रखा था। क्राइम पेट्रोल, अफसर बिटिया और आसमान से आगे जैसे सीरियल्स में काम कर चुकीं मोनिका खन्ना अब वेब सीरीज सुर्ख के साथ ओटीटी डेब्यू कर रही है। मोनिका खन्ना वेब सीरीज में पुलिस इंस्पेक्टर गीता तिवारी का किरदार निभा रही हैं।

मोनिका खन्ना का कहना है कि वेब सीरीज में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका पाकर वह खुद को धन्य महसूस करती हैं। मोनिका खन्ना कहती हैं, यह मेरी पहली वेब सीरीज है और मैं एक पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाने जा रही हूं। ऐसी महिला अधिकारी जो बहुत ईमानदार और सख्त है। मुझे लगता है कि जब भी आप वर्दी पहनती हैं, तो आपके पास वह आत्मविश्वास होता है और आपकी जीवनशैली उसके अनुसार बदल जाती है।

यह वास्तव में एक पुलिस वाले की भूमिका निभाने का एक अविश्वसनीय अनुभव है, क्योंकि कुछ मामले आपको गर्दन तक छेड़ते हैं, जो आपके अंदर मामले को खत्म करने की ललक पैदा करता है। मुझे लगता है कि हम इस तरह की भूमिकाओं को चित्रित करने और जीने के लिए धन्य हैं।मोनिका खन्ना आगे कहती हैं, मेरा ओटीटी डेब्यू इससे बेहतर समय पर नहीं हो सकता था। मुझे लगता है कि जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है। जिस क्षण दुर्गा और चारु खत्म हो गए, मुझे यह मौका मिला और मैं ना नहीं कह सकी।

ओटीटी ने टीवी को कड़ी टक्कर दी है, वह कहती हैं, लेकिन दोनों उद्योगों के अपने-अपने बिंदु हैं। ओटीटी बहुत स्वाभाविक रूप से प्रेरक अनुभवों के प्रवाह में किया जाता है, जिसमें टीवी पर टेलीकास्ट के कारण इसे जल्दी करना पड़ता है।मोनिका खन्ना ने कहा, ओटीटी में हमारे पास एक बाउंड स्क्रिप्ट है और हम जानते हैं कि सीरीज एक बार शुरू हो जाती है, तो उसका अंत भी होता है।

आप पात्रों और स्क्रिप्ट के बारे में बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। लेकिन टेलीविजन शो में आए बदलावों के साथ सब कुछ सहज है, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैं दोनों से प्यार करती हूं।यह पहली बार नहीं है जब मोनिका एक पुलिस वाले की भूमिका निभा रही हैं।

उन्होंने कहा, “मैंने अपनी एक स्पेनिश फिल्म एलेक्स स्ट्रिप में एक पुलिस वाले की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।मैं वर्दी नहीं पहनी हुई थी, लेकिन इस स्थिति में मुझे ऐसा करने और यूपी की एक अधिकारी का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। वर्दी पहनने की भावना अद्वितीय है, आप इससे गर्व महसूस करते हैं।

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वेब सीरीज जुबली से चर्चा में आईं वामिका गब्बी

24.04.2023 (एजेंसी)  अमेजन प्राइम वीडियो की नई सीरीज जुबली को दर्शकों द्वारा खूब प्यार मिल रहा है। इस सीरीज के जरिए निर्माताओं ने हिंदी सिनेमा की अंदरूनी कहानियों को एक काल्पनिक कथा के जरिए पेश करने की कोशिश की है। इसमें अपारशक्ति खुराना, प्रसनजीत चटर्जी, अदिति राव हैदरी, सिद्धांत गुप्ता और राम कपूर जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में हैं, लेकिन जिन्होंने बेहतरीन अदाकारी से हर शख्स का ध्यान अपनी ओर खींचा वो हैं .

अभिनेत्री वामिका गब्बी।वामिका जुबली में 50 और 60 के दशक की एक अभिनेत्री का किरदार निभा रही हैं। वह पंजाबी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री हैं, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2007 में करीना कपूर की जब वी मेट से की थी। इसके बाद वह पंजाबी फिल्म तू मेरा 22 मैं तेरा 22 (2013) में नजर आईं, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था।

वह इश्क ब्रांडी (2014) और परहुना (2018) फिल्मों में भी दिखाई दे चुकी हैं। वामिका साल 2021 में रिलीज हुई रणवीर सिंह की 83 में भी एक छोटी-सी भूमिका निभाती नजर आई थीं। इसके बाद वह विशाल भारद्वाज की शॉर्ट फिल्म फुसरत में ईशान खट्टर के साथ नजर आईं।

फिल्मों के अलावा वामिका माई (नेटफ्लिक्स), मॉडन लव और मुंबई (अमेजन प्राइम वीडियो) जैसी वेब सीरीज में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवा चुकी हैं। अब तक वह पंजाबी, हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम कर चुकी हैं।

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थाई स्लिट ड्रेस में परफेक्ट कर्व्स फ्लॉन्ट करती दिखीं दिशा पाटनी

24.04.2023 (एजेंसी)  बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी हमेशा अपने बोल्ड बिकिनी लुक्स के कारण सोशल मीडिया पर छाई हुई रहती हैं। एक्ट्रेस जब भी अपनी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर अपलोड करती हैं तो फैंस उनकी तस्वीरों पर हमेशा अपना दिल हार जाते हैं। हाल ही में एक्ट्रेस ने अपनी हॉट तस्वीरें इंस्टा पर पोस्ट की हैं जिसमें वो काफी सिजलिंग अदाओं में पोज दे रही हैं।

बॉलीवुड में अपनी दमदार एक्टिंग और बोल्डनेस का जलवा बिखेरने वाली एक्ट्रेस दिशा पाटनी की तस्वीरें इंटरनेट पर तहलका मचा रही हैं। इन तस्वीरों में एक्ट्रेस काफी सेक्सी लुक्स में पोज देती हुई नजर आ रही हैं। वो हर बार अपनी तस्वीरें पोस्ट कर फैंस के दिलों की धड़कने बढ़ा देती हैं। हाल ही में एक्ट्रेस दिशा पाटनी ने अपने लेटेस्ट फोटोशूट की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट की हैं।

इन तस्वीरों में दिशा पाटनी ने ग्रीन कलर की थाई-हाई स्लिट ड्रेस पहनी हुई है जिसमें वो बेहद ही शानदार लग रही हैं। दिशा पाटनी ने अपनी इन तस्वीरों में सिजलिंग पोज देते हुए बेहद ही हॉट फोटोज क्लिक करवाई हैं।

ओपन हेयर और लाइट मेकअप कर के एक्ट्रेस ने अपने इस आउटलुक को कंप्लीट किया है। बता दें कि एक्ट्रेस दिशा पाटनी जब भी अपनी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर करती हैं तो फैंस उनकी तस्वीरों पर जमकर लाइक्स के जरिए प्यार बरसाते हैं। दिशा पाटनी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। एक्ट्रेस की इंस्टाग्राम पर फैन फॉलोइंग लिस्ट काफी लंबी है।

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आज का राशिफल

मेष : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज इच्छित कार्य पूर्ण होंगे। आप व्यस्त रहने से थकान महसूस करेंगे। अपनी दिनचर्या को संतुलित तथा व्यवस्थित बनाकर रखें, जिससे अधिकतर घरेलू काम समय पर पूरे होते जाएंगे। समारोह में जाने का सुअवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थियों तथा युवाओं को इंटरव्यू व करियर संबंधी परीक्षा में सफलता की पूरी संभावना है। इसलिए वे लोग अपनी पढ़ाई के प्रति एकाग्रचित्त रहें। स्वास्थ्य पर ध्यान दें।

वृष : (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी ,वु , वे, वो)

आज मनोवांछित फल प्राप्त होगा।समय की कोई कमी नहीं रहेगी।व्यवसायिक तौर पर ग्रह स्थितियां आपके पक्ष में हैं। कार्यप्रणाली में कुछ बदलाव संबंधी योजनाएं बन सकती है। तरक्की के भी उचित अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी पेशा व्यक्ति अपने कार्य को बहुत सावधानी पूर्वक करें, क्योंकि कोई गलती होने की आशंका लग रही है। स्वास्थ्य सही रहेगा।

मिथुन : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज भाग्य आपके मनोनुकूल रहेगा। समय पर कार्य सम्पन्न होंगे। कुछ समय खुद के लिए भी बीताएं। इससे आपको शारीरिक और मानसिक ताजगी के साथ ऊर्जा भी मिलेगी। आपको अपनी दिनचर्या संबंधी कामों को पूरा करने में पारिवारिक सदस्यों की मदद भी मिल सकती है। स्वास्थ्य सुधार होगा।

कर्क : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज आपका सामाजिक दायरा और पारिवारिक सम्बंध यश को बढाएंगे।कार्यक्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियो के सामने आपकी ही यशोगाथा रहेगी। आपका कोई कर्मचारी साथी आपकी योजना को लीक कर सकता है। इससे सावधान रहें और लापरवाही बिल्कुल ना करें। सभी कार्यों पर पैनी नजर अवश्य रखें। नौकरी में भी किसी के साथ भी उलझे नहीं। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

सिंह : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आपकी ऊर्जा आज आपका भरपूर साथ देंगी। पारिवारिक जिम्मेदारियों का आप बखूबी निर्वाह करेंगे। आपका उदारवादी व सहायक दृष्टिकोण सामाजिक कार्यों में एक बेहतरीन मिसाल के रूप में सामने आएगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। पुराने साथियों से मुलाकात होगी। विद्यार्थी भी अपनी पढ़ाई के प्रति पूर्ण रूप से एकाग्रचित्र रहेंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

कन्या : (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज आपका मनोबल बढेगा। शत्रु पक्ष परास्त होंगे। लेकिन सावधानी फिर भी रखनी पडेगी। कोई भी व्यापारिक नया काम आज न शुरू करें तो सही है। आज स्थिति अधिक आपका साथ देगी है। कार्यक्षेत्र में सावधानी बरतना आवश्यक है। नौकरी पेशा व्यक्ति अपने काम को बखूबी अंजाम दे पाएंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

तुला : (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज आध्यात्मिक कार्यो में रूचि और बढेगी। आप अधिकतर समय धार्मिक तथा सामाजिक संबंधी सहयोगात्मक कार्य में व्यतीत होगा। गुप्त विद्याओं के प्रति भी आपका विशेष रुझान हो रहा है। इस समय आपके व्यक्तित्व के उत्थान संबंधी कुछ नए मार्ग साफ होने जा रहे हैं। सबका साथ मिलेगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।

वृश्चिक : (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज आप अधिकतर समय व्यस्त रहने मे व्यतीत होगा। अपने कुछ नजदीकी और विश्वसनीय मित्रों के साथ अपने कामकाज संबंधी विचार-विमर्श अवश्य करें। आपको बेहतरीन मार्गदर्शन प्राप्त होगा। तथा लाभदायक अनुबंध भी मिलने के योग हैं। परंतु इस बात का ध्यान भी अवश्य रखें कि आपकी रूचि धर्म कर्म में कम न हो। स्वास्थ्य बेहतर होगा।

धनु : (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज किस्मत आपके साथ है। व्यवसायिक विकास के लिए किसी प्रभावशाली व्यक्ति का साथ तथा आपके राजनीतिक संपर्क बहुत अधिक लाभदायक साबित होने वाले हैं। सरकारी सेवारत व्यक्तियों को अपने किसी लक्ष्य को पूरा करने से प्रमोशन वगैराह भी मिल सकता है। विद्यार्थियों का मन विद्या ग्रहण करने में लगेगा। स्वास्थ्य लाभ होगा।

मकर : (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज मन की सुने और खुश रहें। अपने कार्यों से संबंधित नीतियों पर दोबारा विचार करके उनमें और अधिक सुधार लाने की कोशिश करें सफलता आपका इंतजार कर रही है। आपको सकारात्मक परिणाम अवश्य हासिल होंगे। विद्यार्थियों का अपनी शिक्षा के प्रति पूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित रखना उन्हें कोई उपलब्धि भी हासिल करवा सकता है। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

कुंभ : (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आप आपकी सकारात्मक सोच आपको ऊँचाइयों तक ले जाएगी। अपना पूर्ण ध्यान अपने कार्यस्थल पर केंद्रित रखें तथा दूसरों की सलाह की अपेक्षा अपने विचारों को ही प्राथमिकता दें क्योंकि ऐसा करने से वहाँ भी सफल आप ही होंगे। पारिवारिक वातावरण सहयोगात्मक रहेगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।

मीन : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज आप शान्तिपूर्ण तरिके से समय बिता पाएंगे। कोई भी काम करने से पहले उसके सभी पहलुओं पर अच्छी तरह सोच-विचार अवश्य करें। इससे परिस्थितियां पूर्णता आपके पक्ष में हो जाएगी। काफी समय से चल रही किसी काम में रुकावट भी आज दूर होगी। कुल मिलाकर शांति और सुकून भरा दिन व्यतीत होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

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बिहार जाति जनगणना पर सबकी निगाहें, क्या यह हो सकता है राष्ट्रीय खाका?

पटना 23 अपै्रल,(एजेंसी)। बिहार में जाति आधारित जनगणना का दूसरा चरण शुरू होने के साथ ही राज्य के लोग इसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं का विश्लेषण करने लगे हैं। ‘बुद्धिजीवी समुदाय’ का मानना है कि इसमें कुछ खामियां हैं जैसे अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में उप-जातियां, दलित और मुस्लिम समुदायों को गिना जाएगा, लेकिन इसमें उच्च जातियों की उप-जातियों की गणना करने का कोई प्रावधान नहीं है।

ऐसे में राज्य सरकार की इस कवायद ने उच्च जातियों के मन में राज्य सरकार की मंशा पर संदेह पैदा किया है।

पटना के निजी शिक्षक अशोक कुमार ने कहा, राज्य सरकार इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि ऊंची जाति के विधायक, एमएलसी और सांसद बिहार में अपनी जाति की वकालत नहीं कर सकते। उनका मानना है कि अगर वे ऊंची जाति के लोगों के हित में बात करते हैं, निचली जातियों का उनका वोट बैंक उनसे फिसल सकता है और वे चुनाव हार सकते हैं।

कुमार ने कहा, दो से तीन उच्च जाति के विधायक और सांसद राजद, भाजपा, जद-यू, कांग्रेस, हम और अन्य में हैं, लेकिन वे अपनी जातियों के हितों के लिए मुखर नहीं हैं। दूसरी ओर, दलित और अल्पसंख्यक नेता हित में बात करते हैं। यही कारण है कि राज्य सरकार ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की जातियों और उप-जातियों की गिनती कर रही है, लेकिन उच्च जातियों में नहीं। पंचायत या ब्लॉक स्तर पर नेता अपनी जातियों के हित के लिए बात कर सकते हैं, लेकिन एमएलए, एमएलसी और एमपी के पद पर वे ऐसा करने की हिम्मत नहीं कर सकते। वे अपने व्यक्तिगत और पार्टी हितों को देख रहे हैं।

कुमार ने कहा, मैं भूमिहार एकता मंच व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा हूं, जहां कई बीजेपी नेता भी मौजूद हैं। बीजेपी ने 23 अप्रैल को बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती मनाने का फैसला किया है, जो ठीक है, लेकिन 22 तारीख को मैंने परशुराम जयंती भी मनाई है। लेकिन किसी ने इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी।

जातियों की वास्तविक संख्या कोई नहीं जानता, लेकिन बिहार में एक आम धारणा है कि भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत और कायस्थ जैसी ऊंची जातियों की तुलना में ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों की संख्या बहुत अधिक है। भाजपा के पास उच्च जातियों के पारंपरिक मतदाता हैं, जबकि नीतीश कुमार लव-कुश समुदाय के निर्विवाद नेता हैं और लालू प्रसाद यादव मुस्लिम-यादव और अन्य निचली जातियों के नेता हैं। जीतन राम मांझी महादलितों के नेता हैं और चिराग पासवान दलित समुदाय के नेता हैं।

हालांकि, जाति आधारित जनगणना के बहुत सारे सकारात्मक पहलू भी हैं। पटना के अर्थशास्त्री डॉ. विजय किशोर कहते हैं, जाति आधारित जनगणना पूरी होने के बाद हम किसी खास जाति और समुदाय के पिछड़ेपन को चिन्हित करेंगे। उसके बाद राज्य और केंद्र सरकारें ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के हित में कई कल्याणकारी कार्यक्रम चला रही हैं। इसमें कोई राजनीतिक हित शामिल नहीं है, जो मुझे विश्वास है कि सामाजिक, वित्तीय और राजनीतिक मोचरें पर आम लोगों को लाभ होगा।

जाति आधारित जनगणना का पहला चरण इस साल मार्च में पूरा हुआ था, जहां हर घर का एक अलग हाउस कोड था। दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ और एक महीने में समाप्त होगा।

दूसरे चरण में बिहार सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर एक शीट पर छपे 17 प्रश्न पूछेंगे. इसे डिजिटल रूप में भी अपलोड किया जाएगा ताकि कोई भी इसे इंटरनेट से हासिल कर सके।

कर्मचारी परिवार के मुखिया का नाम, उसके पिता का नाम, आयु, लिंग, वैवाहिक स्थिति, धर्म, जाति, उप-जाति (ईबीसी, ओबीसी, अल्पसंख्यक के मामले में) कोड, शैक्षणिक योग्यता, पेशा, आवासीय स्थिति (स्वयं के घर या किराए पर रहना), अस्थायी प्रवासन की स्थिति, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोटर वाहन, कृषि भूमि, आवासीय भूमि और सभी स्रोतों से आय की जानकारी ले रहे हैं।

पटना के जिलाधिकारी और जिले में जाति आधारित जनगणना के नोडल अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा, एक परिवार के बारे में भौतिक और डिजिटल तरीके से जानकारी जुटाने में आधा घंटा लग रहा है। हम विदेश में रह रहे लोगों से भी संपर्क कर रहे हैं। हम वीडियो कॉलिंग के जरिए देश कोड के साथ अपना पेशा, कार्यकाल, जाति, वित्तीय स्थिति पूछ रहे हैं। सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, रिपोर्ट बिहार विधानसभा और विधानसभा में पेश की जाएगी और इसके बाद इसे केंद्र को भेजी जाएगी। जाति आधारित जनगणना की विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में भी रखी जाएगी। यह न केवल किसी विशेष व्यक्ति की जाति का दर्जा बल्कि उसकी वित्तीय स्थिति भी देता है। यह लोगों और अंतत: राज्य के विकास के बाद नीतियों को बनाने में मदद करेगा।

उन्होंने कहा, देश में जनगणना कराना केंद्र की जिम्मेदारी है। मैं हैरान हूं कि पिछले 12 से 13 साल में ऐसा नहीं हुआ। पिछली सरकारें हर 10 साल में इसका आयोजन करती थीं।

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रतलाम-इंदौर डेमू ट्रेन में लगी भीषण आग, 2 कोच जलकर राख, इंजन भी खाक- मची अफरा-तफरी

नई दिल्ली 23  April, (एजेंसी): मध्य प्रदेश के रतलाम से बड़ी खबर सामने आई है। यहां आज यानी रविवार सुबह एक ट्रेन के दो कोच में भीषण आग लग गई। आग से ट्रेन की दो बोगियां जलकर राख हो गईं। गनीमत रही कि जिन दो बोगियों में आग लगी, उनमें कोई यात्री नहीं बैठा था। दोनों बोगियां खाली थीं। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने समय रहते आग पर काबू पा दिया, जिससे आग अन्य बोगियों में नहीं फैल पाई।

बताया जा रहा है कि सुबह 6:35 पर रतलाम से डेूम ट्रेन इंदौर के लिए रवाना हुई थी। जब ट्रेन प्रीतम नगर स्टेशन के पास पहुंची तो अचानक से उसके दो कोच में आग लग गई। आग लगी देख यात्रियों ने इसकी सूचना स्टेशन मास्टर और थाना पुलिस-फायर ब्रिगेड को दी। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड के साथ पुलिस टीम मौके पर पहुंची।

फायर ब्रिगेड ने ट्रेन से सभी यात्रियों को बाहर निकाला और आग बुझाने का काम शुरू किया। जब तक आग पर काबू पाया जाता, तब तक ट्रेन के दो कोच जलकर राख हो चुके थे। गनीमत रही कि इन दोनों कोचों में कोई यात्री बैठा नहीं था। इस वजह से जानमाल का नुकसान होने से बच गया। घटना की जानकारी होने पर डीआरएम रजनीश अग्रवाल मौके पर पहुंच गए। रजनीश अग्रवाल ने घटनास्थल पर हालात का जायजा लिया।

डीआरएम रजनीश अग्रवाल ने बताया कि जैसे ही ट्रेन में आग लगने की जानकारी मिली, तुरंत आसपास के फायर ब्रिगेड की टीम को मौके पर बुला लिया गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने समय रहते आग पर काबू पा लिया। यात्रियों को ट्रेन से नीचे उतार दिया गया है। जल्द ही ट्रेन के दोनों जले कोचो को निकालकर आगे के लिए रवाना किया जाएगा।

डीआरएम रजनीश अग्रवाल ने बताया कि आग किस वजह से लगी है, इसका कारण अभी साफ नहीं हो पाया है। ये जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि आग किस वजह से लगी है। हादसे के बाद अपने गंतव्य स्थान पर जाने को लेकर कुछ यात्री परेशान थे। यात्रियों के लिए बस और प्राइवेट वाहनों की व्यवस्था की जा रही है।

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यूपी में रहस्यमय परिस्थितियों में बाघ की मौत

लखीमपुर खीरी 23 April, (एजेंसी): उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में वन क्षेत्र से निकलकर खेत में घुसने के कुछ ही मिनटों बाद एक दो वर्षीय बाघ की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। वन अधिकारियों को संदेह है कि बाघ को जहर दिया गया।

शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। डीटीआर (बफर) के उप निदेशक सुंदरेश ने Add Newकहा, शुरू में हमें लगा कि किसी ने जहर दिया है और हमने उसकी तलाश की, लेकिन उस जगह के पास कुछ मिला नहीं मिला, जहां बाघ की मौत हुई। प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा, शव की जांच के बाद पाया गया कि वह बीमार था और पेट में खाना नहीं था। साथ ही, एक नुकीली हड्डी ने पेट में घाव कर दिया था। उसे सेप्टीसीमिया हो गया और शायद इसी से उसकी मौत हो गई।

विस्तृत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

सुंदरेश ने कहा, बाघ किशनपुर रेंज या मैलानी रेंज के जंगलों से आया था।

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अखिलेश-शिवपाल मिलकर करेंगे नगर निकाय चुनाव प्रचार

लखनऊ 23 April, (एजेंसी): समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव अब उत्तर प्रदेश में आगामी नगरपालिका चुनावों के लिए एक साथ प्रचार करेंगे। पार्टी जल्द ही अपने शीर्ष नेताओं के प्रचार कार्यक्रम की घोषणा कर सकती है। यह पहले ही घोषणा की जा चुकी है कि अखिलेश यादव और मैनपुरी सांसद डिंपल यादव पार्टी की लखनऊ मेयर पद की उम्मीदवार वंदना मिश्रा के लिए तीन-तीन जनसभाएं करेंगे।

अखिलेश यादव जहां अभी भी रणनीति बनाने में व्यस्त हैं, वहीं शिवपाल यादव यादवों के गढ़ इटावा, मैनपुरी और फिरोजाबाद का दौरा करते हुए मैदान में उतर गए हैं। शिवपाल अखिलेश के साथ इन जिलों में प्रचार करेंगे।

2016-17 में यादव परिवार की कलह सामने आने से पहले आखिरी बार शिवपाल यादव ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार किया था। बाद में झगड़े के कारण अंतत: अखिलेश और शिवपाल के बीच विभाजन हो गया।

जब शिवपाल ने 2022 के विधानसभा चुनावों में अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया को सपा के साथ जोड़ा, तो उन्होंने केवल अखिलेश के साथ करहल विधानसभा सीट के लिए प्रचार किया था।

फिर दिसंबर 2022 में, शिवपाल ने डिंपल यादव की मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में अखिलेश के साथ प्रचार किया। इसके बाद, 10 अक्टूबर को पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के एक महीने बाद शिवपाल फिर से सपा में शामिल हो गए।

अखिलेश अब पार्टी के महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के लिए टीमें बनाकर पार्टी अभियान की रणनीति का नेतृत्व कर रहे हैं।

शिवपाल बीजेपी के गढ़ में सपा के प्रचार की कमान संभालेंगे। अखिलेश और शिवपाल सपा के गढ़ मैनपुरी, कन्नौज, इटावा और फिरोजाबाद में एक साथ नजर आएंगे।

डिंपल यादव के अपने लोकसभा क्षेत्र मैनपुरी में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने की संभावना है।

अखिलेश रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में सपा और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के उम्मीदवारों के लिए भी प्रचार करेंगे।

सपा ने राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव पूरी ताकत से लड़ने का संकल्प जताया है।

नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव दो चरणों में 4 और 11 मई को होंगे। मतगणना 13 मई को होगी।

पहले चरण में 4 मई को नौ मंडलों (सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, देवीपाटन, गोरखपुर और वाराणसी) के तहत 37 जिलों में मतदान होगा।

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गर्मी तेज होते ही यूपी में बढ़ रहा बीयर उत्पादन

लखनऊ 23 April, (एजेंसी): भीषण गर्मी के बीच बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश में बीयर का उत्पादन 15 से 20 फीसदी तक बढ़ा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में, राज्य में 500 मिलीलीटर बीयर कैन की 60 करोड़ से अधिक इकाइयों की खपत हुई थी और अधिकारियों को इस सीजन में मांग में वृद्धि का भरोसा है।

सोनभद्र में स्थापित होने वाली बीयर बनाने की छठी इकाई ने इस महीने की शुरुआत में घरेलू ब्रांड के उत्पाद को बाजार में उतारा है और यह मौजूदा ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी।

राज्य की पहली बीयर की भठ्ठी 1959 में स्थापित की गई थी, जबकि पांचवीं अगस्त 2015 में स्थापित हुई थी।

विभिन्न घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बीयर कंपनियों ने 162 विभिन्न उत्पाद (330-मिली पिंट, 500-मिली कैन और 650-मिली बोतल) पेश किए हैं।

इनमें से 15 का आयात किया जाता है, जबकि राज्य में विपणन किए जा रहे 96 ब्रांडों को बोतलबंद किया जाता है और अन्य राज्यों में ब्रेअरीज में निर्मित किया जाता है।

शेष 51 ब्रांड उत्तर प्रदेश की छह ब्रेअरीज से हैं।

वरिष्ठ आबकारी अधिकारियों ने कहा कि बीयर की बिक्री मई से जुलाई के बीच बढ़ेगी।

एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने कहा,पिछले साल, कई बीयर ब्रांड मई के मध्य तक बाजार में उपलब्ध नहीं थे, इसलिए हमने उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य की पांच ब्रेअरीज से संपर्क किया। पांच में से चार अपनी दैनिक क्षमता बढ़ाना चाहते हैं।

सोनभद्र इकाई के बाद, राज्य में एक और बीयर की भठ्ठी बाराबंकी में कुछ महीनों में चालू होने वाली है।

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झारखंड में रानी मिस्त्रियों ने पुरुषों के वर्चस्व वाले पेशे में गाड़ा झंडा

रांची 23 April, (एजेंसी): उसके हाथ जब दीवारों की चिनाई करते हैं तो उसके काम की रफ्तार देखकर लोग दंग रह जाते हैं। जितनी देर में राजमिस्त्री एक दीवार की चिनाई करते हैं उतनी देर में वह दो दीवारों की चिनाई कर चुकी होती है।

नाम है सुनीता देवी। झारखंड के लातेहार जिले के उदयपुरा गांव की रहने वाली और अपने इलाके की मशहूर ‘रानी मिस्त्री’। वह वर्ष 2019 में भारत के राष्ट्रपति के हाथों भारत सरकार की ओर से कामकाजी महिलाओं को प्रदान किए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजी जा चुकी हैं।

दरअसल ईंट-कंक्रीट जोड़ने और प्लास्टर तक के काम में आम तौर पर पुरुषों का वर्चस्व रहा है। उन्हें राज मिस्त्री के नाम से जाना जाता है। लेकिन झारखंड में ऐसी महिलाओं की तादाद करीब 50 हजार है, जिन्होंने राजमिस्त्री के पेशे में खुद को न केवल स्थापित किया है, बल्कि अपनी कार्यकुशलता से हर किसी को चमत्कृत भी किया है।

इन्हें रानी मिस्त्री के नाम से जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक भी इनकी सफलता की कहानियां पहुंची हैं और वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए खूंटी जिले की कुछ रानी मिस्त्रियों से बात कर उनका हौसला बढ़ा चुके हैं।

सुनीता बताती हैं कि चार साल पहले उनके गांव उदयपुरा में कार्यरत स्वयं सहायता समूह को स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक सौ शौचालय निर्माण कराने का काम सौंपा गया था परंतु राज मिस्त्री के नहीं मिलने या इस छोटे कामों से उनके इनकार करने के कारण उसने खुद औजार संभाल लिया।

जिला प्रशासन की ओर से उन्हें मामूली प्रशिक्षण दिया गया और फिर खुद मिस्त्री बन गई। इसके बाद हम 20-25 महिलाओं ने शौचालय का निर्माण कर दिया। इसके बाद तो फिर इसमें पैसे की कमाई भी होने लगी और आनंद भी आने लगा।

इन रानी मिस्त्रियों पर वल्र्ड बैंक ने हाल में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में हजारीबाग की एक महिला उर्मिला देवी का जिक्र करते हुए बताया है कि उन्होंने अब तक 1,000 से अधिक शौचालयों का निर्माण किया है।

उर्मिला शौचालय निर्माण के काम के लिए बिहार के चंपारण तक जाकर मिस्त्री का काम कर आई हैं। उनके साथ काम कर रही पूनम देवी ने भी पिछले एक साल में 900 शौचालयों के निर्माण में मिस्त्री का काम किया है।

हजारीबाग की ही एक रानी मिस्त्री निशात जहां कहती हैं कि महिलाएं पुरुषों से किसी तरह कमतर नहीं हैं। जो पुरुष कर सकते हैं वो महिलाएं भी कर सकती हैं और कई बार तो पुरुषों से बेहतर कर सकती हैं। रेजा-मजदूर के रूप में महिलाएं पहले भी निर्माण कार्य में लंबे समय से काम करती आयी हैं। अब उन्हें रानी मिस्त्री के रूप में काम करने का मौका मिला है तो वे यहां भी अपना हुनर और काबिलियत दिखा रही हैं।

निशात के साथ काम करनेवाली उषा ने बताया कि राज मिस्त्री का काम रेजा के काम से बहुत अलग नहीं है, और थोड़े से प्रशिक्षण से कोई भी महिला यह काम कर सकती है। इसमें समय तो उतना ही देना होता है पर आमदनी रेजा की तुलना में अधिक होती है। रेजा की तुलना में रानी मिस्त्री का काम थोड़ी विशेषज्ञता वाला है लेकिन महिलाएं इस काम को नहीं कर सकती, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

भारत में आम तौर पर राजमिस्त्री का काम मर्दों का मानने की एक धारणा रही है। इन्हें राजमिस्त्री कहा जाता है। पारंपरिक रूप से महिलाएं निर्माण गतिविधियों में सहायकों की भूमिका में रही हैं। वह ईंटे ढोती नजर आती रही हैं, गारे तैयार करती दिखती हैं, और राजमिस्त्रियों के निर्देश पर बाकी के काम करती दिखती रही हैं। लेकिन, झारखंड में महिला मजदूरों ने मिस्त्री के काम में पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ दिया है।

विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, इन महिलाओं ने पहली दफा मिस्त्री के काम में हाथ तब डाला जब स्वच्छ भारत मिशन के तहत बड़ी संख्या में शौचालयों का निर्माण शुरू हुआ। हालांकि, राजमिस्त्रियों में से अधिकतर लोग पलायन कर बड़े शहर जा चुके थे या फिर जो बचे थे उनको शहरों में बनने वाले शौचालयों के लिए काम मिल गया था।

अधिकतर राजमिस्त्रियों को इस काम के लिए मिलने वाली मजदूरी भी कम लगी थी। झारखंड में 50 हजार से अधिक कुशल महिला मिस्त्रियों ने सूबे को खुले में शौच से मुक्त बनाने के अभियान में अपना योगदान दिया है।

गौरतलब है कि झारखंड उन राज्यों में से एक है जिसे स्वच्छ भारत अभियान की योजना बनाने और उसको लागू करने के लिए विश्व बैंक की ओर से तकनीकी मदद (टेक्निकल असिस्टेंस) मिली थी। इस तकनीकी मदद के हिस्से के रूप में विश्व बैंक ने टॉयलेट बनाने के लिए राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया था और उनमें से कई कार्यक्रमों में महिला मजदूरों ने भी हिस्सा लिया था।

हालांकि, शुरूआत में गांव के लोग, खासतौर पर खुद महिलाएं, इस काम को लेकर अनिच्छुक थीं। कई रानी मिस्त्रियों के परिवार वाले इस काम को सीखने को लेकर उनके खिलाफ खड़े हो गए। पर संघर्ष कर इन रानी मिस्त्रियों ने अपना मुकाम पा ही लिया।

इन महिलाओं ने एक अन्य वर्जना को तोड़ा है। पहले मजदूरी करने के दौरान भी यह महिलाएं अपने गांव से बाहर जाने या बाहर जाकर काम करने की सोच भी नहीं सकती थीं। यह महिलाएं या तो अपने घरेलू कामकाज करती थीं, या फिर खेतों में मजदूरी किया करती थीं।

लेकिन अब परि²श्य बदल गया है। निशात जहां मुस्लिम समुदाय से हैं और ऐसे में उनके लिए परदे से बाहर निकलना भी बड़ी चुनौती थी। लेकिन उन्होंने बाकी महिलाओं के साथ रांची जाकर प्रशिक्षण हासिल किया। विश्व बैंक के हफ्ते भर की अवधि के इस कार्यक्रम में उन्होंने टॉयलेट बनाने की तकनीकी जानकारी हासिल की।

इसके अलावा उन्होंने सोक पिट और ट्विन पिट बनाने की तकनीक भी सीखी। हफ्ते भर के बाद सीनियर राजमिस्त्री के तहत उनको काम करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। अब इन महिलाओं की कमाई निर्माण मजदूरी के दौरान मिलने वाली दिहाड़ी से दोगुनी हो गई है।

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दिल्ली में एक व्यक्ति की चाकू गोदकर हत्या

नई दिल्ली 23 April, (Rns): दिल्ली के राज पार्क इलाके में 32 वर्षीय एक व्यक्ति की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि उन्हें रात 12.23 बजे एक पीसीआर कॉल मिली। फोन करने वाले ने कहा कि राज पार्क राठी अस्पताल की गली के पास एक व्यक्ति को चाकू मारा गया है।

पीड़ित की पहचान उसके आधार कार्ड की मदद से हाथरस निवासी वीरेंद्र सिंह के रूप में हुई।

पुलिस ने उसकी पत्नी आशा को घटना की जानकारी दी।

जितेंद्र को नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।

पुलिस ने बताया कि मोबाइल क्राइम टीम और एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया गया और केस दर्ज किया गया।

पुलिस ने कहा कि उन्होंने आईपीसी की धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

अधिकारी ने कहा, हत्या के पीछे की मंशा अभी स्पष्ट नहीं है।

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कार से सड़कों की सफाई कर स्वच्छता का संदेश दे गोरखपुर के झाड़ू बाबा

गोरखपुर 23 April, (एजेंसी): उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक शख्स झाड़ू लगाकर स्वच्छता की अलख जगाने में लगे हैं। पिछले 15 वर्षों से गोरखपुर शहर की साफ-सफाई के लिए हाथ में झाड़ू थाम रखी है। इसी कारण लोग इनको झाड़ू बाबा के नाम से जानते हैं। झाड़ू लगाना इनका पैशन है। साल के 365 दिन ये सुबह कहीं न कहीं झाड़ू लगाते मिल जाएंगे। इनकी खासियत है कि यह कार से झाड़ू लगाते हैं।

गोरखपुर शहर के गोरखनाथ क्षेत्र स्थित शास्त्री नगर निवासी महेश शुक्ल पेशे से व्यापारी हैं। वह शहर के शाही मार्केट में कंप्यूटर व कैमरे की दुकान चलाते हैं। महेश 2008 से अपने मोहल्ले और आसपास के क्षेत्र को साफ कर रहे हैं। वह सुबह चार बजे से आठ बजे तक अलग-अलग मोहल्लों में साफ-सफाई करते हैं।

महेश शुक्ला ने बताया कि वह यह काम किसी नेतागिरी और प्रसिद्धि के लिए नहीं करते बल्कि यह उनकी आदत में शामिल है। उनकी जागरूकता के कारण अभी हमारे साथ तकरीबन 700 से 800 लोग जुड़े हैं। यह पूरा कार्य वो अपने पैसे से करते हैं।

उन्होंने बताया कि सभी अलग अलग स्थानों में सफाई का कार्य चलता है। सोमवार, मंगलवार और बुधवार को गोरखनाथ, राजेंद्र नगर और शास्त्री नगर में सफाई का काम चलता है। इसके बाद गुरुवार और रविवार को रामगढ़ ताल के इलाकों में सफाई करता हूं। अभी तक इस कार्य में 10 लाख रुपए तक खर्च हो चुके हैं। हर सप्ताह तकरीबन पांच झाड़ू का खर्च है। इसके अलावा किट पानी की बोतलें भी लगती है। अपने क्षेत्र के सफाई कर्मचारियों को सम्मानित करना भी हमारे रूटीन में शामिल है।

उन्होंने कहा, “दरअसल मैं जिस गली में रहता हूं, उसमें करीब 30-40 और परिवार रहते हैं। मेरे घर के बाजू में एक बिजली का पोल था। पूरी गली का कूड़ा लोग वहीं डाल जाते थे। भोजन की तलाश में जानवर उसे और बिखेर देते। तब बहुत बुरा लगता था। मना करने पर लोग लड़ने लगते। चूंकि कूड़े के निस्तारण का काम अमूमन महिलाएं करती हैं। लिहाजा उनसे बहुत बहस भी नहीं की जा सकती थी।”

महेश शुक्ल एक बार जयपुर जा रहे थे। बगल की सीट पर एक किताब पड़ी थी। उसमें गांधीजी एवं स्वच्छता के बारे में कुछ जिक्र था। उसे दिखाते हुए पत्नी ने कहा सफाई करनी है तो गांधीजी से सीख लो। बात जंची, पर झिझक तो थी ही।

जयपुर से लौटने पर उसी झिझक के नाते देर रात झाड़ू से एकत्र कूड़े को बटोर कर गोला बना दिया। तड़के चार बजे उठकर उसे साफ कर दिया। प्रयास रहता था कि कोई इस इस काम को देखे नहीं। धीरे धीरे कानोकान लोगों को पता चला। घरों में इस बात पर चर्चा होने लगी। हमारा कूड़ा शुक्लाजी उठाते हैं। चर्चा के साथ ही करीब 50 फीसद लोगों ने पोल के पास कूड़ा फेंकना बंद कर दिया। शुक्ल ने कहा, “इससे मुझे प्रेरणा भी मिली और काम भी कम हुआ। फिर मैंने एक बड़ी झाड़ू खरीदी और पूरी गली में झाड़ू लगाने लगा। इसे मेरे घर के पोल के पास 3-4 महिलाओं के अलावा कोई और कूड़ा नहीं फेंकता था। अब वह जैसे ही वह कूड़ा फेंकती मैं उसे साफ करने लगता। उनके घर से ही विरोध होने लगा। लिहाजा उन्होंने भी कूड़ा फेंकना बंद कर दिया। इस सबमें करीब 6 से 7 महीने लगे। मेरी गली मेरे पहल और लोगों के प्रयास से चमाचम हो गई। फिर मैंने मुख्य सड़क और पार्कों का रुख किया।”

इस बीच केंद्र में सरकार बदल गई। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। उन्होंने स्वच्छता अभियान शुरू किया। प्रतीकात्मक रूप से ही सही। खुद कई जगह झाड़ू लगाते एवं सफाई करते दिखे। उनको देख औरों ने भी किया। अखबारों में मंदिर परिसर में ऐसा करते हुए योगी आदित्यनाथ की भी फोटो छपी। यह देखकर मेरा हौसला बढ़ा। झिझक बिल्कुल दूर हो गई। लोगों में मेरे काम की चर्चा भी होने लगी। मंच भी मिलने लगा। मुझे आश्चर्य हुआ कि जिस काम को झिझक से शुरू किया वह मेरी प्रतिष्ठा की वजह बन रहा है।

उन्होंने कहा, “फिर मैंने कार में आ सके इस हिसाब से कुछ झाडू बनवाया। ड्रेस, गलब्स, कैप और लोगों से साथ देने की अपील के लिए एक माइक सिस्टम भी खरीदा। लगातार 6 महीने तक तय समय पर वहां झाडू लगाने पहुंच जाता था। लोगों ने न केवल सराहा बल्कि साथ भी दिया। अब वहां रविवार एवं गुरुवार को जाता हूं।”

“बाकी दिन भी चिन्हित जगहों पर झाड़ू लगती रहती है। कार में झाड़ू एवं बाकी किट पड़ी रहती है। जहां भी कार से जाता हूं। सुबह की दिनचर्या झाड़ू से ही शुरू होती है। सफाई के लिहाज से श्रेष्ठतम शहरों में शुमार इंदौर भी वहां की व्यवस्था को देखने जा चुका हूं।”

महेश बताते हैं कि पहले वह अपने काम को एकदम खामोशी से बिना किसी प्रचार के करते थे। लेकिन, अब वह अपने काम से अन्य लोगों को भी प्रेरित करने के लिए साफ-सफाई के दौरान झाड़ू के साथ फोटो पोस्ट करते हैं। स्थानीय लोग भी महेश के काम की काफी प्रशंसा करते है। मुख्यमंत्री योगी उन्हे सम्मानित भी कर चुके हैं।

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ईश्वरप्पा को टिकट न मिलने के बाद शिवमोग्गा पर टिकी सबकी निगाहें

बेंगलुरू 23 April, (एजेंसी): कर्नाटक के शिवमोग्गा में हुई एक के बाद हुई कई सांप्रदायिक घटनाओं ने इस विधानसभा क्षेत्र को राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया। वहां के मुकाबले और घटनाक्रम को अब उत्सुकता से देखा जा रहा है।

राज्य में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने पूर्व मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा को शिवमोग्गा सीट से टिकट देने से इनकार कर दिया और वहां से पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता को मैदान में उतारा जो एक बड़ी खबर बन गई।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने वरिष्ठों को दरकिनार कर एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से ताल्लुक रखने वाले एक युवा नेता को टिकट दिया है। जहां बीजेपी हिंदुत्व एजेंडे के साथ चुनाव में जा रही है, वहीं कांग्रेस शांतिपूर्ण शिवमोग्गा के लिए वोट मांग रही है।

पिछले साल शिवमोग्गा में बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष की नृशंस हत्या ने तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया था और शहर में आठ दिनों से अधिक समय तक कर्फ्यू लगा रहा।

सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद भी चाकूबाजी की घटनाएं हुईं। पिछले साल भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के जश्न के दौरान वीर सावरकर के फ्लेक्स लगाने को लेकर हुए विवाद के बाद हिंदू कार्यकर्ताओं को चाकू मार दिया गया था।

शिवमोग्गा निर्वाचन क्षेत्र में शिवमोग्गा नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्र शामिल हैं। विधानसभा क्षेत्र में 2,56,373 मतदाता हैं, जिनमें 62,000 मुस्लिम मतदाता, एससी/एसटी (50,000), लिंगायत (40,000), ब्राह्मण (30,000), कुरुबा (20,000) और वोक्कालिगा के 15,000 वोट हैं।

वर्तमान में इस सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा नेता और पूर्व मंत्री ईश्वरप्पा कर रहे हैं। पार्टी ने वर्तमान में नगर निगम सदस्य एस.एन. चन्नबासप्पा को अपना उम्मीदवार बनाया है। ईश्वरप्पा ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है।

चन्नबासप्पा का सामना भाजपा के पूर्व नेता अयानूर मंजूनाथ से होगा, जो टिकट से वंचित होने के बाद जद (एस) में शामिल हो गए। कांग्रेस ने युवा नेता एच.सी. योगेश जबकि आप ने टी. नेत्रावती को मैदान में उतारा है।

हालांकि यह मंजूनाथ और चन्नबासप्पा के बीच सीधी लड़ाई लग रही है, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार कांग्रेस उम्मीदवार चौंकाने वाले नतीजे दे सकते हैं।

बीजेपी ने 1983 में निर्वाचन क्षेत्र में जीत दर्ज की। ईश्वरप्पा 1989 में कांग्रेस के के.एच. श्रीनिवास को हराकर विजयी हुए। उन्होंने 1994, 2004, 2008 और 2018 में जीत हासिल की।

भाजपा के वरिष्ठ नेता कैप्टन गणेश कार्णिक ने बताया कि शिवमोग्गा में लंबे समय बाद गणेश उत्सव के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं देखी गई। उन्होंने कहा, कानून का सम्मान नहीं करने और भारत को इस्लामिक राज्य में बदलने की जिहादी मानसिकता लोगों के समूहों में पाई जाती है। शिवमोग्गा निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 62,000 को पार कर गई है।

कार्णिक ने जोर देकर कहा, बीजेपी उम्मीदवार चन्नबसप्पा चार दशकों से प्रतिबद्ध पार्टी कार्यकर्ता हैं। उनका पूरा परिवार पार्टी और विचारधारा के लिए समर्पित है। राष्ट्रवाद की विचारधारा मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, यह किसी के तुष्टिकरण के बारे में नहीं है।

भाजपा छोड़ने वाले मंजूनाथ के बारे में पूछे जाने पर कार्णिक ने कहा, उन्होंने (मंजूनाथ) विधायक, सांसद और एमएलसी के रूप में पार्टी से सभी सुविधाएं प्राप्त कीं। पार्टी ने अपना समय लिया क्योंकि उम्मीदवार बहुत अधिक थे और भाजपा ने कांग्रेस पार्टी की रणनीति को समझने के बाद उम्मीदवार खड़ा किया।

कांग्रेस उम्मीदवार योगेश ने जोर देकर कहा कि वह शांतिपूर्ण शिवमोग्गा और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए काम करेंगे।

यह देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों का एक बड़ा हिस्सा किसे मिलता है – जद (एस) या कांग्रेस को। अगर मुस्लिम वोट कांग्रेस और जद (एस) के बीच बंट जाते हैं, तो बीजेपी की जीत आसान हो जाएगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह एक करीबी मुकाबला है और जद (एस), कांग्रेस और भाजपा के बीच त्रिकोणीय लड़ाई होगी।

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36 दिन से फरार अमृतपाल सिंह मोगा से गिरफ्तार

चंडीगढ़ 23 April, (एजेंसी): 36 दिन से फरार वारिस पंजाब दे चीफ व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को मोगा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अमृतपाल सिंह को मोगा के एक गुरुद्वारा से गिरफ्तार किया गया है।

अमृतपाल सिंह अजनाला कांड के बाद से ही फरार चल रहा था। पिछले करीब एक महीने के दौरान पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए कई जगहों पर छापेमारी भी की गई थी लेकिन वो हाथ नहीं आ सका था।

सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जाएगा। ये वही जेल हैं जहां उसके कई साथियों को भी रखा गया है। अमृतपाल सिंह पर सरकारी कार्रवाई में बाधा डालने, शांति भड़काने जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस ने अमृतपाल को मोगा के रोड़े गांव के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल ने प्रवचन भी दिए।

18 मार्च से फरार चल रहे अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया था। यहां तक कि नेपाल पुलिस ने भी उसको अपनी सर्विलांस सूची में डाल रखा था। क्योंकि बीच में खबर आई थी कि अमृतपाल नेपाल के रास्ते होते हुए पाकिस्तान भागने की फिराक में था।

सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह एक दिन पहले मोगा पहुंच गया था। जहां उसने गुरुद्वारे में शरण ली हुई थी। अमृतपाल सिंह को लेकर अब पंजाब पुलिस का बयान भी सामने आ गया है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। पंजाब पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।

अमृतपाल सिंह के सरेंडर से पहले पुलिस ने 10 अप्रैल को उसके करीबी सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था। पप्पलप्रीत वो शख्स था जो फरारी के दौरान अमृतपाल सिंह के साथ रहा था। पप्पलप्रीत को भी गिरफ्तार कर असम की जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। अमृतपाल सिंह के गिरफ्तार सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है।

तीन दिन पहले पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को एयरपोर्ट से हिरासत में लिया था। किरणदीप लंदन जाने की तैयरी में थी, लेकिन उड़ान भरने से ठीक पहले पुलिस ने एयरपोर्ट से ही उसे हिरासत में ले लिया था। हालांकि, बाद में पुलिस ने किरणदीप को छोड़ दिया था। अमृतपाल पाल कुछ महीने पहले ही दुबई से वापस पंजाब आया था और तब से वो वारिस पंजाब दे संगठन की मुखिया की जिम्मेदारी संभाल रहा था।

फरारी के बीच अमृतपाल सिंह के कई वीडियो भी सामने आए थे। 29 मार्च को जारी एक वीडियो में अमृतपाल सिंह ने कहा कि था कि उसका कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता है। उसने कहा था कि उसके ऊपर सच्चे पातशाह की कृपा है। सच्चे बादशाह ने कठिन समय में हमारी परीक्षा ली है, लेकिन ऊपर वाले ने बहुत साथ दिया है।

अमृतपाल सिंह अजनाला की हिंसा के बाद पहली बार चर्चा में आया। 23 फरवरी को अजनाला में उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी जब अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ अमृतपाल सिंह ने अपने सहयोगी की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए थाने में घुस गया था। पुलिस ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो हिंसा भड़क उठी जिसमें कई पुलिस वाले घायल भी हो गए थे।

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भारतीय नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा, समुद्र में दुश्मन की मिसाइलें ढेर करने वाली बीएमडी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण

नई दिल्ली 23 April, (एजेंसी): ओडिशा के तट से समुद्र आधारित अंत: वायुमंडलीय इंटरसेप्टर मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण सफल रहा है। मंत्रालय ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण का उद्देश्य एक शत्रुतापूर्ण बैलिस्टिक मिसाइल खतरे को पहचानना और उसे बेअसर करना है।

उसने कहा, परीक्षण का मकसद एक दुश्मन बैलिस्टिक मिसाइल के खतरे को भांपना और उसे बेअसर करना था, ताकि भारत को बीएमडी नौसेनिक क्षमता वाले देशों के कुलीन क्लब में शामिल किया जा सके। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पोत आधारित बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा (बीएमडी) क्षमताओं के सफल परीक्षण में शामिल डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और अन्य इकाइयों को बधाई दी।

बता दें कि इस मिसाइल की मदद से भारतीय सेना दुश्मन की मिसाइलों को समुंद्र में ही नष्ट कर सकेगी। भारत के अलावा इस तरह की मिसाइल दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका, पड़ोसी देश चीन, रूस और इजारयल के पास है। इंडियन एरोस्पेस डिफेंस न्यूज़ ने अपने ट्विटर पर मिसाइल के परीक्षण का वीडियो ट्वीट किया और लिखा कि भारत ने आज भारतीय नौसेना के जहाज से नेवल बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर के परीक्षण के बाद डीआरडीओ के चीफ समीर वी कामत ने मिसाइल के डिजाइन और इसे बनाने में शामिल टीमों की तारीफ की। समीर वी कामत ने कहा कि भारत ने बेहद जटिल नेटवर्क-केंद्रित एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम को विकसित करने में आत्मनिर्भरता हासिल की है।

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भारत ने 559 वैश्विक कलाइमेट क्लॉक को एक साथ जोड़ने का बनाया World Record

नई दिल्ली 23 April, (एजेंसी): एनर्जी स्वराज फाउंडेशन (ईएसएफ) ने विश्व की सबसे बड़ी ग्लोबल क्लाइमेट क्लॉक असेंबली और डिस्प्ले इवेंट का आयोजन किया, जिसमें पूरे भारत में 559 क्लाइमेट क्लॉक जोड़ा गया। इस आयोजन से पूरे देश से 7000 लोग और 3000 संगठन संबंद्ध रहे।

सभी लाेग 559 क्लॉक को एक साथ जोड़ने का विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए एकजुट हुए। ग्लोबल क्लाइमेट क्लॉक असेंबली और डिस्प्ले इवेंट एक बड़ी सफलता थी और आम लोगों के बीच जलवायु परिवर्तन को कम करने का समर्थन करने के लिए खुद को बदलने की नींव रखी गई।

क्लाइमेट क्लॉक के सह-संस्थापक जियान गोलन की ओर से ईएसएफ को एक विशेष संदेश प्राप्त हुआ। गोलन आम लोगों के लिए जलवायु घड़ी लाने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति थे। ब्राजील से राउल डी लीमा और ओकीमे क्वामे एक आर्टिस्ट (एक्टिविस्ट आर्टिस्ट) के रूप में जुड़े। क्लॉक की असेंबली पूर्वाह्न 10.30 बजे से शुरू हुई।

इस कार्यक्रम में प्रो टी जी सीताराम ने स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे के प्रोफेसर चेतन एस. सोलंकी को उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उन्हें सम्मान देने का लोगों से आग्रह किया।

प्रो सोलंकी ने बदलती जलवायु और इसके कारणों पांच पॉइंट ‘अंडरस्टैंडिंग क्लाइमेट चेंज एंड आई’ पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा का उपयोग करने वाला प्रत्येक व्यक्ति जलवायु परिवर्तन में योगदान दे रहा है। उन्होंने ऊर्जा के उपयोग को सीमित करने के लिए एएमजी अवॉइड-न्यूनतम-जेनरेट सिद्धांत पर बल दिया।

एक्सिस बैंक के सस्टेनेबिलिटी एंड सीएसआर प्रमुख अभिजीत अग्रवाल ने कहा कि हमने आज वास्तव में कुछ विशेष हासिल किया है, कुछ ऐसा जो हमने पहले कभी नहीं किया। सीएसआर के विग्नेश्वरन रामलिंगम ने कहा कि कलाइमेट चेंज के लिए लोगों में जागरुकता लाने का अधिक प्रयास किये जाने की जरूरत है। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण और कार्बन फुट प्रिंट को कम करने का भी संकल्प लिया।

इस मौके पर नीति आयोग से डॉ. चिंतन वैष्णव औऱ सी. एस. आई. आर. के मुख्य वैज्ञानिक डॉ जी महेश भी मौजूद थे। दिल्ली स्थित स्कूल की एक 14 वर्षीय छात्रा सिमरन ने इस मौके पर कहा कि क्लाइमेट क्लॉक को जोड़ना और इसके परिवर्तनों के बारे में जागरुक करना अच्छा लगता है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर गहरी चिंता दिखाते हुए कहा कि अब अक्षय संसाधनों की ओर रुख करने का समय आ गया है।

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गीता- एक प्रेम कहानी’ प्रदर्शन के लिए तैयार

23.04.2023  –  महादेव मूवी एंड एंटरटेनमेंट की नवीनतम प्रस्तुति ‘गीता- एक प्रेम कहानी’ प्रदर्शन के लिए तैयार है। बहुत जल्द ही यह फिल्म सिनेदर्शकों तक पहुँचने वाली है। श्याम शर्मा और विरधाराम झज्जर के द्वारा संयुक्तरूप से निर्मित इस फिल्म की कथावस्तु में सिनेदर्शकों के टेस्ट में आये बदलाव को ध्यान में रखते हुए रोमांस, एक्शन, कॉमेडी और ट्रेजडी का भी समावेश किया गया है।

आज के युग की प्रेम कहानी के जरिये, प्यार के धागों से बंधे रिश्तों को अनोखे अंदाज में परिभाषित करती इस फिल्म में सामाजिक बंदिशों के बीच रिश्तों को एक सूत्र में जोड़ कर रखने का संदेश दिया गया है। रंजीता सिंह,

कृष्णा सिंह, श्याम शर्मा और शिवप्रकाश सिंह जैसे कई अन्य प्रतिभाशाली नवोदित कलाकारों के अभिनय से सजी इस संदेशपरक फिल्म के निर्देशक कृष्णा सिंह, संगीतकार व एडिटर प्रशांत यादव, प्रोडक्शन डिजायनर शिवप्रकाश सिंह, कॉस्ट्यूम डिजायनर विजयश्री, कार्यकारी निर्माता सूंघना राम और डीओपी दिलीप चौधरी हैं। फिल्मकार राजेश मित्तल द्वारा संचालित मुम्बई की चर्चित फिल्म वितरण संस्था ‘मित्तल एडवरटाइजिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन’ के द्वारा इस फिल्म को वर्ल्डवाइड रिलीज किया जाएगा।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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आयुष शर्मा ने किया अपनी आगली फिल्म रुस्लान का ऐलान, मोशन पोस्टर जारी

23.04.2023 (एजेंसी)  – लवयात्री और अंतिम के बाद, आयुष शर्मा अपनी आगामी मसाला एक्शन एंटरटेनर के साथ दर्शकों के सामने आने वाले हैं। जहां इस फिल्म को अस्थायी रूप से एएस04 कहा जा रहा था, अब इसके टाइटल को रिवील कर दिया गया है। मेकर्स ने फिल्म का मोशन पोस्टर रिलीज किया है, जिसमें आयुष के फर्स्ट लुक के साथ, फिल्म का नाम बताया गया है, जो है- रुस्लान।वर्तमान में फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है और ये पोस्ट-प्रोडक्शन स्टेज में है।

आयुष शर्मा के जन्मदिन पर पिछले साल, एक छोटे टीजऱ के साथ फिल्म की पहली झलक दिखाने के बाद, अभिनेता ने अब फिल्म के नाम का खुलासा किया है।मोशन पोस्टर का अनावरण करने से पहले, आयुष शर्मा ने कल रात अपने सोशल मीडिया पर शीर्षक के बड़े खुलासे की ओर इशारा करते हुए एक वीडियो शेयर किया था।

मोशन पोस्टर आयुष शर्मा के रुसलान के रूप में उनके कैरेक्टर के जीवन के दो सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं- गिटार और बंदूकों पर ध्यान आकर्षित करता है। केके राधामोहन द्वारा निर्मित, श्रीसत्यसाई आर्ट्स के बैनर तले, रुसलान में आयुष शर्मा मुख्य भूमिका में हैं, जिसमें सुश्री मिश्रा अपना डेब्यू करेंगी और जगपति बाबू और विद्या मालवडे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजऱ आयेंगे। कात्यायन शिवपुरी द्वारा निर्देशित यह फिल्म 2023 में रिलीज होने के लिए तैयार है।

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