प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी): शहरी भारत में बदलता जीवन

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी): शहरी भारत में बदलता जीवन, प्रत्येक पात्र लाभार्थी को एक पक्का घर उपलब्ध कराने के माननीय प्रधान मंत्री के विजन को पूरा करने के उद्देश्य से , प्रधान मंत्री आवास योजना (शहरी) (पीएमएवाई-यू) वर्ष 2015 में शुरू की गई थी । पिछले सात वर्षों में, पीएमएवाई-यू में लगभग 8.31 लाख करोड़ रुपये के निवेश, जिसमें से 2.03 लाख करोड़ रुपये केंद्रीय सहायता है, के साथ लगभग 1.23 करोड़ घरों को स्वीकृति दी गई है । मई 2022 तक, 1 करोड़ से अधिक घरों का निर्माण शुरू हो चुका है और वे निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं, जिसमें से 60 लाख से अधिक मकान बनकर तैयार हो चुके हैं और लाभार्थियों को सौंप दिए गए हैं ।

पीएमएवाई-यू निसंदेह दुनिया में सबसे महत्वाकांक्षी और सबसे बड़ा आवास कार्यक्रम है । यह अत्यधिक प्रासंगिक है और सबके लिए आवास प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकताओं और वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप है । कार्यकाल सुरक्षा की आवश्यकता को मानते हुए, मिशन ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग सहित सभी आय वर्गों में आवास की मांग को स्वीकार किया, और इसका उद्देश्य पानी के कनेक्शन, रसोई और शौचालय की सुविधा के साथ सभी मौसमों के अनुकूल, शालीन आवासीय इकाइयां प्रदान करके पर्याप्त भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है । आवास में लेंगिक समावेश में तेजी लाते हुए, मिशन आवास इकाइयों में संयुक्त रूप से या एकमात्र मालिक के रूप में महिलाओं का मालिकाना हक अनिवार्य करता है । मिशन ने व्यापक रूप से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रतिबद्धता को पूरा किया है : शून्य गरीबी का लक्ष्य 1, लैंगिक समानता का लक्ष्य 5, स्वच्छ पानी और स्वच्छता का लक्ष्य 6 , संवहनीय शहरों और समुदायों का लक्ष्य 11 और जलवायु कार्रवाई का लक्ष्य 13 ।

पीएमएवाई-यू पांच मूलभूत तरीकों से कुकी कटर यूनिट्स और सिल्वर-बुलेट सॉल्यूशंस के साथ पूर्ववर्ती आवास योजनाओं से अलग है । सबसे पहले, पीएमएवाई-यू चार घटकों द्वारा आपूर्ति पक्ष या मांग पक्ष समर्थन के साथ, कैफेटेरिया दृष्टिकोण अपनाते हुए शहरी परिवारों के विभिन्न सेगमेंट्स की आवास मांग को पूरा करता है। स्थानीय स्तर पर महत्वाकांक्षी मांग सर्वेक्षणों के माध्यम से अलग-अलग आवास की मांग को जाना, जिससे इच्छुक लाभार्थियों को उपयुक्त घटक का विकल्प चुनने की अनुमति मिली और इससे शहर आवास की मांग तैयार कर पाये, जिसके आधार पर प्रत्येक घटक के लिए राष्ट्रीय लक्ष्य तैयार किए गए। इस तरह के बॉटम-अप दृष्टिकोण के साथ, मिशन ने आवास और सम्मानजनक जीवन के लिए विभिन्न लक्षित समूहों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जरूरत के अनुसार उचित रूप से विभिन्न डिजाइन तत्वों को विकसित किया है। पीएमएवाई-यू के लोकाचार समावेशी हैं तथा लिंग, जाति, पंथ या धर्म पर ध्यान दिये बिना सभी को समान अवसर प्रदान करते हैं।

दूसरा, पीएमएवाई-यू के तहत विजन पहले के आवास कार्यक्रमों के स्लम-फ्री सिटी के बजाय सबके लिए आवास है, जिसका अर्थ है कि यह केवल एक सेगमेंट और सबमार्केट के बजाय सभी आय वर्गों के लिए आवास की जरूरत को पूरा करता है ।

तीसरा, यह शहरी स्थानीय निकायों को पीएमएवाई-यू को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अन्य मिशनों जैसे अमृत, एसबीएम, एनयूएलएम के साथ अभिशरण का अवसर प्रदान करता है और इस तरह आवास मूल्य श्रृंखला और सीढ़ी में एकीकृत आवास नीतिगत ढांचा प्रदान करता है ।

चौथा, मिशन सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करते हुए मांग आधारित दृष्टिकोण अपनाता है । यहाँ राष्ट्रीय और राज्य स्तर के संस्थान मौजूद हैं जो मिशन के कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करते हैं ।

पांचवां, अनपेक्षित समूहों को लाभ कम करने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वास्तविक और पात्र लाभार्थियों तक इच्छित लाभ पहुंचें, डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है । इसमें विभिन्न लिंकेज शामिल हैं जिन्हें लाभार्थियों के आधार सत्यापन के लिए यूआईडीएआई पोर्टल के साथ रखा गया है, पीएफएमएस के साथ डीबीटी मोड के माध्यम से निर्माण से जुड़ी सब्सिडी का हस्तांतरण और जीआईएस आधारित केंद्रीय एमआईएस आदि । एक व्यापक और मजबूत एमआईएस प्रणाली विकसित की गई है जो सभी हितधारकों को निर्बाध रूप से जानकारी का प्रबंधन करने और भौतिक और वित्तीय प्रगति से संबंधित रिकॉर्ड रखने में मदद करती है । मकानों के निर्माण की प्रगति की निगरानी के लिए एमआईएस पांच चरणों वाली जियो-टैगिंग सुविधाओं से युक्त है । सूचना के प्रसार के लिए एमआईएस को विभिन्न डैशबोर्ड और डीबीटी भारत पोर्टल के साथ भी एकीकृत किया गया है ।

प्रत्यक्ष भौतिक और वित्तीय प्रगति के अलावा, मिशन ने अपने बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के कारण अर्थव्यवस्था पर एक व्यापक प्रभाव डाला है, जो अर्थव्यवस्था के लगभग 130 क्षेत्रों को प्रभावित करता है । यह अनुमान लगाया गया है कि मिशन के तहत निर्माण गतिविधि में लगभग 413 मीट्रिक टन सीमेंट और 94 मीट्रिक टन स्टील की खपत होगी, जो अर्थव्यवस्था के लिए बहुत आवश्यक प्रोत्साहन होगा । ऐसा अनुमान है कि मिशन 246 लाख रोजगार सृजित करने में सक्षम रहा है ।

इसके अलावा, पीएमएवाई-यू प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआईजी) के माध्यम से नई निर्माण प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रही है । इस उद्देश्य के लिए ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया और इंडियन हाउसिंग टेक्नोलॉजी मेला आयोजित किया गया था। माननीय प्रधान मंत्री के विजन के तहत किफायती आवास को हकीकत में बदलने के प्रयास ने लाइट हाउस परियोजनाओं की शुरुआत की । देश के छह स्थानों- चेन्नई, इंदौर,

राजकोट, लखनऊ, रांची और अगरतला में 6,000 से अधिक फ्लैटों का निर्माण चल रहा है। निर्माण प्रक्रिया में उपयोग की जा रही नवीन तकनीकों को जीएचटीसी-इंडिया के तहत शॉर्टलिस्ट किया गया था और जो अब गरीबों के लिए किफायती, आरामदायक, समावेशी, ऊर्जा-कुशल और आपदा-रोधी घरों के निर्माण में मदद कर रही हैं । इन तकनीकों का उपयोग छात्रों, प्रोफेशनल्स, बिल्डर और विभिन्न हितधारकों को सिखाया जा रहा है, ताकि वे उन्हें भारतीय संदर्भ में दोहरा सकें । हाल ही में, एलएचपी चेन्नई का उद्घाटन माननीय प्रधान मंत्री द्वारा किया गया था । परियोजना को 12 महीने के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया था।

कोविड-19 महामारी ने शहरों में प्रवासी कार्यबल को किफायती किराये के आवास प्रदान करने की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिसके परिणामस्वरूप 2020 में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स योजना की शुरुआत हुई । अब तक, एआरएचसी के तहत लगभग 80,000 आवास इकाइयों को मंजूरी दी गई है, जबकि 22,000 इकाइयों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है ।

मिशन के माध्यम से लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान देने की दिशा में काम करने का प्रयास किया गया है । पिछले कुछ वर्षों में, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और विशेष रूप से पीएमएवाई-यू लाभार्थियों के सहयोग से सबके लिए आवास सुनिश्चित करने के प्रयासों को एक नई गति मिली है । पीएमएवाई-यू की सात साल की शानदार यात्रा रही है : दुनिया भर के लोगों के जानने योग्य एक प्रेरणादायक कहानी ।

*लेखक प्रोफेसर एवं चेयर, हाउसिंग फैकल्टी ऑफ प्लानिंग, हेड, इंटरनेशनल ऑफिस आई, सीईपीटी यूनिवर्सिटी, आईकेएल कैंपस, अहमदाबाद हैं ।

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विनाशकारी है, जातीय-जनगणना

वेद प्रताप वैदिक – विनाशकारी है, जातीय-जनगणना. खबर है कि 1 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीशकुमार एक सर्वदलीय बैठक बुला रहे हैं, जो बिहार में जातीय जनगणना की रुप-रेखा तय करेगी। पहले भाजपा इसका विरोध कर रही थी, अब वह भी इस बैठक में शामिल होगी। नीतीश इस सवाल पर दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं। जहां तक मोदी का सवाल है, वह जातीय जनगणना के पक्के विरोधी हैं। जब 2010 में जातीय जनगणना के विरुद्ध मैंने दिल्ली में जन-अभियान शुरु किया तो गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी ने मुझे कई बार फोन किया और हमारे आंदोलन को अपने खुले समर्थन का एलान किया।
उस आंदोलन में कांग्रेस, भाजपा, समाजवादी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी के अनेक बड़े नेता भी सक्रिय भूमिका अदा करते रहे। सोनिया गांधी ने न्यूयार्क से लौटते ही पहल की और ‘मेरी जाति हिंदुस्तानी’ के आग्रह पर जातीय जनगणना रुकवा दी। मनमोहनसिंह की कांग्रेस सरकार ने उन आंकड़ों को प्रकाशित भी नहीं होने दिया, जो हमारे आंदोलन के पहले एकत्र हो गए थे। मुझे खुशी है कि नरेंद्र मोदी ने भी अपने प्रधानमंत्री काल में उसी नीति को चलाए रखा।
अब नीतीश जो पहल कर रहे हैं, वह बिहार के लिए नहीं, सारे देश के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकती है। वैसे नेताओं में नीतीश मेरे प्रिय हैं। उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए हिंदी के लिए और बिहार में शराबबंदी के लिए मेरे कई सुझावों को तुरंत लागू किया है लेकिन यदि जातीय जनगणना उन्होंने बिहार में करवा दी तो यह बीमारी सारे भारत में फैल जाएगी। कर्नाटक और तमिलनाडु में उसकी असफल कोशिश हो चुकी है। अब छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र की सरकारें भी इसे अपने यहां करवाना चाहती हैं।
यदि सभी प्रांतों में जातीय जन-गणना होने लगी तो भारत की एकता के लिए यह विनाशकारी सिद्ध होगी। जातीय अलगाव मजहबी अलगाव से भी अधिक जहरीला है। 1947 में भारत के सिर्फ दो टुकड़े हुए थे, अब भारत हजारों-लाखों टुकड़ों में बंट जाएगा। पिछली जनगणना में 46 लाख जातियों और उप-जातियों का पता चला था। एक ही प्रांत में एक ही जाति के लोग अलग-अलग जिलों में अपने आपको उच्च या नीच जाति का मानते हैं। यदि जातीय आधार पर आरक्षण और सुविधाएं बंटने लगीं तो कौन जाति के लोग अपने आपको पिछड़ा या दलित साबित नहीं करना चाहेंगे?
जातीय जन-गणना सामूहिक लूट-खसोट का हथियार बन जाएगी। वैसे देश के कुछ नेता इन आंकड़ों का इस्तेमाल कुर्सी पाने और उसे बचाने के लिए करते ही है। जातीय जनगणना देश के लोकतंत्र को भेड़तंत्र में बदल डालेगी। देश की न्यायपालिका, विधानपालिका और कार्यपालिका में ही नहीं, जीवन के हर क्षेत्र में योग्यता की जगह जाति ही पैमाना बन जाएगी। गरीबी दूर करने का लक्ष्य धरा का धरा रह जाएगा।
आज 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्या जाति के आधार पर मिल रहा है? नहीं, गरीबी के आधार पर मिल रहा है। जातीय जनगणना हुई तो यह आधार नष्ट हो जाएगा। देश में गरीबी बढ़ेगी। देश के 70 करोड़ से ज्यादा वंचितों का जातीय आरक्षण ने सबसे ज्यादा नुकसान किया है। सिर्फ 5-7 हजार सरकारी नौकरियों की रेवडिय़ां बांटकर देश के 80 करोड़ गरीबी की रेखा के नीचे लोगों को उपेक्षा का शिकार क्यों बनाया जाए? जो लोग भारत का भला चाहते हैं, उन्हें जन्मना जातिवाद का डटकर विरोध करना चाहिए।

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राजश्री प्रोडक्शन्स की फिल्म ‘ऊँचाई’ के निर्माण में महावीर जैन फिल्म्स और बाउंडलेस मीडिया भी शामिल

31.05.2022 – राजश्री प्रोडक्शन्स की फिल्म ‘ऊँचाई’ के निर्माण में महावीर जैन फिल्म्स और बाउंडलेस मीडिया भी शामिल. भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के चर्चित फिल्मकार सूरज बड़जात्या ने राजश्री प्रोडक्शन्स के बैनर तले बन रही फिल्म ‘ऊँचाई’ के निर्माण में सहयोग के लिए महावीर जैन फिल्म्स और बाउंडलेस मीडिया को भी शामिल कर लिया है। एक संपूर्ण पारिवारिक मनोरंजन युक्त फिल्म के रूप में ‘ऊँचाई’ निर्देशक सूरज आर. बड़जात्या की 7वीं निर्देशित फिल्म है। राजश्री प्रोडक्शन्स की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘ऊँचाई’, शूटिंग शुरू होने के बाद से ही, अपनी अनुभवी स्टार कास्ट के लिए खबरों में बनी हुई है। ‘ऊँचाई’ राजश्री प्रोडक्शंस (प्राइवेट) लिमिटेड के बैनर तले निर्मित 60वीं फिल्म होगी। इसे नेपाल, दिल्ली, मुंबई, आगरा, लखनऊ और कानपुर में बड़े पैमाने पर शूट किया गया है। राजश्री प्रोडक्शन्स ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में सहनिर्माता के रूप में महावीर जैन फिल्म्स के महावीर जैन और बाउंडलेस मीडिया की नताशा मालपानी ओसवाल का स्वागत किया है।  महावीर जैन फ़िल्म उद्योग के दिग्गज हैं और राजश्री परिवार के साथ लंबे समय से संबंध रखते हैं। राजश्री प्रोडक्शन्स में अपने

उत्साह को प्रतिबिंबित करते हुए, महावीर जैन ने कहा कि ‘ऊँचाई’ एक फिल्म से ज़्यादा है, यह एक महान अनुभव है। सूरज जी के साथ उनकी फिल्म से जुड़ना मेरे लिए सम्मान की बात है।  मेरे जीवन की तमन्ना पूरी हुई है। मुझे इस फिल्म का हिस्सा बनने पर गर्व है। ‘ऊँचाई’ के लिए निर्माताओं के पैनल को पूरा कर रही हैं, नताशा मालपानी ओसवाल, बाउंडलेस मीडिया की संस्थापक। बाउंडलेस मीडिया एक ऐसा क्रिएटिव हाउस है जो दुनिया भर के दर्शकों के लिए नया कंटेंट बनता है। बाउंडलेस मीडिया की संस्थापक व संचालक नताशा मालपानी ओसवाल राजश्री प्रोडक्शन्स के प्रति अपना उदगार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि सूरज जी हमेशा से मेरे लिए एक प्रेरणा के स्रोत रहे हैं।  बाउंडलेस मीडिया के बॉलीवुड डेब्यू के लिए इतनी वरिष्ठ प्रतिभाओं के साथ काम करने में मुझे बहुत खुशी हो रही है।

‘ऊंचाई’ में अमिताभ बच्चन के अलावा अनुपम खेर, नीना गुप्ता और बोमन ईरानी की प्रमुख भूमिकाएं हैं। फिल्म में परिणति चोपड़ा के नज़र आने की भी संभावना है। सूरज बड़जात्या ने इस फिल्म का लेखन भी किया है। लगभग छह साल बाद सूरज किसी फिल्म का निर्देशन करने जा रहे हैं। उनकी पिछली रिलीज फिल्म थी ‘प्रेम रतन धन पायो’ जिसमें सलमान खान और सोनम कपूर ने काम किया था। अपने फिल्मी कैरियर के शुरुआती दौर में अमिताभ बच्चन राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म ‘सौदागर’(1973) में काम कर चुके हैं।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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आज का राशिफल

मेष राशि: आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। लोग आपके विचारों को सुनने के लिए बहुत उत्सुक होंगे। इस राशि के लोगों को आज किसी करीबी से कोई खुशखबरी मिल सकती है। करियर के मामले में आपके ऊपर अपनी क्षमता से अधिक जिम्मेदारियां आ सकती हैं, लेकिन धीरे-धीरे करके आप उसे संभाल लेंगे। सोचे हुए काम पूरे करने की कोशिश करेंगे।

वृष राशि: आज आपका दिन फेवरेबल रहेगा। आपके मन की इच्छा पूरी होगी। आर्थिक मामलों में लाभ मिलेगा। भविष्य को बेहतर बनाने के लिए नये कदम उठायेंगे। स्थिति आपके पक्ष में रहेगी। लवमेट के साथ रिश्तों में मिठास आयेगी। आपके मन में कुछ बड़े विचार आयेंगे। भरोसेमंद लोगों से सही सलाह और मदद मिलेगी। कुछ पढऩे या कुछ नया सीखने में रुचि होगी।

मिथुन राशि: आज आपका दिन अच्छा रहेगा। इस राशि के लेखकों के लिए आज का दिन बहुत बढिय़ा है। आपको नौकरी से संबंधित कोई अच्छी खबर प्राप्त हो सकती है। कोई नई स्टोरी कवर करने के लिये मिल सकती है। आपका करियर नये रूप में उभरेगा। आपके साथ सब कुछ ठीक बना रहेगा। कॉलेज में साथियों से मदद मिल सकती है। पार्टनर से सहयोग मिलता रहेगा।

कर्क राशि: आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। आप ज्यादातर समय परिवारवालों के साथ बिता सकते हैं। जीवनसाथी के साथ कहीं हील स्टेशन पर घूमने की प्लांनिग कर सकते हैं। किसी भी स्थिति को लेकर ज्यादा संघर्ष करने या खुद को निराश करने से बचें। सब कुछ अपने सोचे हुए तरीके से पूरा होने की उम्मीद कम है। परिवार में विवाद की स्थिति बन सकती है।

सिंह राशि: आज आपका दिन सामान्य रहेगा। जिस काम को पूरा करना चाहेंगे, उसमें थोड़ी रुकावटें आ सकती हैं। किसी पुराने मित्र से मिलने उसके घर जा सकते हैं। रिश्तों में सुधार लाने के लिए दिन अच्छा है। शाम को कुछ घरेलू सामान खरीदने के लिए मार्केट जा सकते हैं। आज किसी से कोई भी बात सोच-विचार कर ही कहें, वरना थोड़ी परेशानी में पड़ सकते हैं।

कन्या राशि: आज किस्मत आपके साथ रहेगी। जिस काम को कई दिनों से पूरा करने की सोच रहे हैं, वो आज किसी फ्रेंड की मदद से पूरा हो जाएगा। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए आज का दिन बेहतर है। आप खुद को तरोताजा महसूस करेंगे। आपका आत्मविश्वास बढ़ा रहेगा। आपको कहीं से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। कुछ अवसरों का फायदा आपको मिल सकता है। अचानक से धन लाभ भी होगा।

तुला राशि: आज आपका दिन सामान्य रहेगा। कोई भी काम करते समय अपने मन को शांत रखेंगे, तो आपका काम आसानी से सफल होगा। इस राशि के जो लोग अविवाहित हैं, उनके लिए रिश्ते आ सकते हैं। मनोरंजन से जुड़े कुछ खर्चे बढ़ सकते हैं। आपका कोई दोस्त या साथ का व्यक्ति थोड़ा परेशान हो सकता है।

वृश्चिक राशि: आज आपका दिन शानदार रहेगा। आपकी कोशिश पूरी तरह से सफल होगी। दोस्तों के साथ खुशियाँ मनाएंगे। आपका व्यक्तित्व आकर्षक रहेगा। मानसिक रूप से आप मजबूत बने रहेंगे। आपके मन की शंका भी दूर होगी। परिवार और समाज के लोग आपके लिए काफी मददगार हो सकते हैं। किसी के साथ बातचीत में आपको बहुत हद तक सलता मिल सकती है। दूसरों पर आपकी बातों का गहरा असर होगा।

धनु राशि: आज आपके मन में नए विचार उत्पन्न होंगे। आपको परिवार से जुड़ी कई जिम्मेदारियां निभानी पड़ सकती है, जिसमें आप सफल होंगे। दाम्पत्य जीवन बेहतर रहेगा। आज आसपास के लोगों से तारीफ मिलेगी। आपको पैसों का फायदा भी होगा। किसी नए कारोबार की रूपरेखा बना सकते हैं। आप अपने मन की बातें पार्टनर से शेयर कर सकते हैं। आपको माता-पिता से सुख मिलेगा।

मकर राशि: आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा। इस राशि के इंजीनियर्स के लिए आज का दिन फायदेमंद रहेगा। किसी कंपनी से जॉब के लिये कॉल आ सकती है। आप किसी बात को लेकर बेचैन हो सकते हैं। आपका मन कहीं भटक सकता है। आपको बच्चों की देखभाल की भी जरूरत है। आसपास के किसी व्यक्ति के बारे में आपको गलतफहमी हो सकती है। किसी के बारे में अपनी राय बनाने से पहले उसके बारे में अच्छे से जान लेना बेहतर होगा।

कुंभ राशि: आज आपका रूझान आध्यात्म की तरफ रहेगा। किसी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की योजना बना सकते हैं। आपको आनंद की प्राप्ति होगी। खुद को फीट महसूस करेंगे। दिन खत्म होते-होते आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। बिजनेस में बढ़ोतरी के नये अवसर प्राप्त होंगे। दोस्तों से सहयोग मिलेगा।

मीन राशि: आज आपका दिन पहले की अपेक्षा बेहतर रहेगा। आपकी किस्मत आपका पूरा साथ देगी। आप अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर ढ़ंग से काम करेंगे। आपको किसी सामाजिक समारोह में शामिल होने का मौका मिल सकता है। अपनी मेहनत से हर काम को सफल बनाने की ताकत रखेंगे। आपको बड़ों का पूरा सहयोग मिलेगा। ऑफिस में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

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सेवा, सुशासन और गरीबों के कल्याण के 8 वर्ष

जगत प्रकाश नड्डा –  सेवा, सुशासन और गरीबों के कल्याण के 8 वर्ष. आज केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील एवं निर्णायक नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने सफल 8 वर्ष पूरे कर रही है। पिछले 8 वर्ष भारत के लिए एक मानक स्थापित करने वाले वर्ष रहे हैं जिसके दौरान राष्ट्र ने कई बंधनों को तोड़ा है और जातिवाद, वंशवाद, भ्रष्टाचार एवं तुष्टिकरण की राजनीति से आगे बढ़ते हुए विकास, उन्नति, एकता और राष्ट्रवाद की राजनीति को अपनाया है।

यह उल्लेखनीय यात्रा हमारे समाज के हाशिए के वर्गों-गरीबों से लेकर पिछड़े वर्गों, दलितों, अल्पसंख्यकों एवं आदिवासियों तथा उत्पीडि़त वर्गों से लेकर महिलाओं एवं युवाओं तक – को सशक्त बनाकर लोकतंत्र को सही अर्थों में मजबूत करने की रही है। यह भारतीय मानस को बदलने की यात्रा भी रही है-इस देश में कुछ भी संभव नहीं है से लेकर सब कुछ संभव है अगर सरकार और लोगों की इच्छा एवं प्रतिबद्धता हो।

यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के प्रति 135 करोड़ भारतीयों की प्रतिबद्धता ही है जो आज धरातल पर झलक रही है। इससे यह भी सिद्ध होता है कि अगर किसी नेता के पास कोई नीति एवं कार्यक्रम, संकल्प एवं समर्पण हो, तो हर चुनौती से निपटा जा सकता है और हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश सिर्फ बदला ही नहीं है, बल्कि उल्लेखनीय उन्नति और तेजी से विकास का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। आज जब देश ‘आजादी का अमृत कालÓ मना रहा है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की चुनौतियों एवं समस्याओं से निपटने और उनका हल निकालने के लिए दृढ़ संकल्प और लचीलापन दिखाया है।
आज बदलते भारत के आठ वर्षों की झलक हर भारतीय की आंखों में दिखाई देती है। पिछले आठ वर्षों में हमारी गरीबी दर 22 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत रह गई है, जबकि अत्यधिक गरीबी एक प्रतिशत से नीचे गिर गई है और 0.8 प्रतिशत पर स्थिर बनी हुई है। पिछले आठ वर्षों में जहां हमारी प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हो गई है, वहीं हमारे विदेशी भंडार में भी दो गुना वृद्धि हुई है।

आजादी के बाद से पिछले 70 वर्षों में जहां सिर्फ 6.37 लाख प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण किया गया था, वहीं नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में अब तक 6.53 लाख स्कूल बनाए गए हैं। पिछले आठ वर्षों में हमारी साक्षरता दर में छह प्रतिशत का सुधार हुआ है, जोकि एक अनुकरणीय उपलब्धि है।

नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में 15 नए एम्स को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 10 में कामकाज शुरू हो गए हैं। अन्य पांच में निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। इसी तरह, डॉक्टरों की संख्या में 12 लाख से अधिक का उछाल आया है। पिछले 8 वर्षों में भारत ने दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बनाया है, वहीं पिछले पांच वर्षों में हमारी सौर एवं पवन ऊर्जा की उत्पादन क्षमता दोगुनी हो गई है।

भारत ने साल दर साल खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड तोड़े हैं। 2012-13 की अवधि में हमारा खाद्यान्न उत्पादन 255 मिलियन टन था जोकि 2021-22 में बढ़कर 316.06 मिलियन टन हो गया। यह हमारे अब तक के इतिहास में सबसे अधिक उत्पादन है। कोविड महामारी के कारण वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद, भारत पिछले वित्तीय वर्ष में निर्यात के क्षेत्र में 418 अरब डॉलर का रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रहा।

नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में कई नए मानक स्थापित किए गए हैं और देश की सेवा, सुशासन एवं गरीबों के कल्याण में कई मील के पत्थर पार किए गए हैं। भारत ने कोरोना महामारी के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे आगे बढ़कर इस लड़ाई का नेतृत्व किया। उन्होंने भारत को सिर्फ एक ही नहीं, बल्कि दो ‘मेड इन इंडिया’ टीके दिए। उन्होंने पिछले दो वर्षों में 3.40 लाख करोड़ रुपये के खर्च से 80 करोड़ से अधिक भारतवासियों को मुफ्त राशन प्रदान करने के लिए सरकारी खजाने खोल दिए। भारत ने जहां दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया, वहीं इसका खाद्य वितरण कार्यक्रम भी दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य वितरण कार्यक्रम है। पूरी दुनिया ने भारत की इन दो अहम उपलब्धियों की सराहना की है।

नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले आठ वर्षों के दौरान कई बातें पहली बार हुई हैं। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से आम आदमी को जहां मुफ्त चिकित्सा बीमा कवरेज मिला, वहीं किसानों एवं मजदूरों को मासिक पेंशन मिली। पहली बार किसानों को जहां खेती के लिए किसान सम्मान निधि का लाभ मिलना शुरू हुआ, वहीं हमारी सरकार ने ही जैविक खेती के लिए एक नीति बनाई।

इसके अलावा, कई अनूठी योजनाएं भी हैं – जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि, आयुष्मान भारत योजना, गरीब कल्याण योजना, स्वच्छ भारत योजना, आवास योजना, जल जीवन मिशन, डिजिटल इंडिया, ग्राम विकास योजना एवं जीएसटी। इन योजनाओं ने न सिर्फ नागरिकों को सशक्त बनाया, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया और भारत को लचीला एवं आत्मनिर्भर बनाया। कठिन वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद भारत की सुदृढ़ और मजबूत सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था के पीछे यही कारण है। आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, गति शक्ति योजना, पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) जैसी योजनाओं ने भारत को वैश्विक व्यवस्था के शीर्ष पर पहुंचा दिया है।
पिछली सरकारों में हमारी कुछ चिरस्थायी समस्याओं से निपटने की इच्छाशक्ति की कमी थी, और सब कुछ भाग्य के भरोसे छोड़ दिया गया था। लेकिन समस्याओं से निपटने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नवीन एवं निर्णायक दृष्टिकोण ने सब कुछ बदल दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृढ़ संकल्प के कारण ही अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण, तीन तलाक की कठोर प्रथा को समाप्त करना, सीएए को पारित करना और सीमा पार आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक करना संभव हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अनूठी शैली की वजह से ही बेमानी हो चुके 1800 पुराने कानूनों की पहचान हुई और इनमें से अब तक 1450 कानूनों को खत्म कर दिया गया है। पिछली किसी भी सरकार ने इसके बारे में नहीं सोचा था। इस कदम से नागरिकों का जीवन आसान हो गया और सरकार की दक्षता में सुधार हुआ।

विदेश नीति एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हमने कई कीर्तिमान बनाए हैं और नए मील के पत्थर पार किए हैं। भारत की विदेश नीति को भारत के लाभ की दृष्टि से फिर से तैयार किया गया है। इराक, यमन, अफगानिस्तान से लेकर यूक्रेन तक के मामले में, भारत ने दुनिया को यह दिखाया है कि एक प्रभावी विदेशी संबंध कैसे नागरिकों का जीवन बचाने में मदद करते हैं। आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिंग, ग्लोबल सोलर अलायंस, क्वाड की प्रभावशीलता और हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे मजबूत संबंधों के मुद्दों पर भी भारत ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया है। हमारी विदेश नीति हमेशा सटीक रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आठ वर्ष भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान के काल भी रहे हैं। योग एवं आयुर्वेद ने जहां दुनिया का ध्यान खींचा है, वहीं भारत के खोए हुए सांस्कृतिक एवं धार्मिक प्रतीकों ने अपना गौरव वापस पा लिया है। इनमें काशी विश्वनाथ धाम और केदारनाथ धाम जैसे हमारे पवित्र स्थलों का जीर्णोद्धार भी शामिल है। यह अभी शुरुआत है क्योंकि भारत अपने गौरवशाली इतिहास को पुन: हासिल करने की प्रतीक्षा कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने भी कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और नई ऊंचाइयों को छू लिया है। आज भाजपा 18 करोड़ से अधिक सदस्यों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन है। 2014 में भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों की सात राज्यों में सरकारें थीं और आज 18 राज्यों में हमारी सरकारें हैं। राज्यसभा में पहली बार भाजपा ने 100 सांसदों का आंकड़ा पार किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, गोवा, मणिपुर और त्रिपुरा में चुनावी रिकॉर्ड तोड़ दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सफलता का राज यह है कि हमारी पार्टी ने 135 करोड़ भारतीयों का विश्वास और आशीर्वाद अर्जित किया है। आज देश भर के लोग जानते हैं कि केन्द्र में एक ऐसी सरकार है जो उनके कल्याण के लिए काम करती है और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी भारत को बदलने और भारत को एक ऐसा देश बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जहां सभी एक हों और सुख एवं समृद्धि से लैस हों। एक बार फिर से भारत को एक खुशहाल एवं समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने और खुद को प्रतिबद्ध करने का संकल्प लेने का समय आ गया है।

(लेखक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं)

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कांग्रेस की ओर से कौन बात करेगा?

कांग्रेस में अहमद पटेल की जगह लेने वाले नेता की तलाश पूरी नहीं हुई है। पार्टी अलग अलग नेताओं को आजमा रही है लेकिन किसी एक पर भरोसा नहीं बन रहा है। कोई एक नेता ऐसा नहीं दिख रहा है, जिसका निजी संबंधसंपर्क देश की सभी पार्टियों के बड़े नेताओं से हो।

कांग्रेस की ओर से या कांग्रेस के प्रतिनिधि के तौर पर तो किसी पार्टी से कोई भी बात कर सकता है। लेकिन उस बातचीत का वांछित नतीजा नहीं निकलेगा। अगर नेता का निजी संबंध विपक्षी पार्टियों के नेताओं और प्रादेशिक क्षत्रपों से हो तो बातचीत बेहतर होती है। इसलिए कांग्रेस में ऐसा नेता खोजा जा रहा है, जो कभी भी फोन उठा कर किसी नेता से बात कर सके और वह नेता उसका सम्मान करे।

कांग्रेस नेताओं का एक धड़ा ऐसा है, जो इस काम के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा को सबसे उपयुक्त मान रहा है। लेकिन परिवार के अंदर के मामले को समझते हुए कोई इसमें हाथ नहीं डालना चाहता है। ध्यान रहे कांग्रेस की एक बैठक में प्रमोद कृष्णम ने प्रियंका को अध्यक्ष बनाने की मांग की थी तो खुद प्रियंका के इशारे पर दीपेंद्र हुड्डा ने उनको चुप कराया और मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी उनको इस तरह की बातें नहीं करने की हिदायत दी। तभी सवाल है कि अगर प्रियंका नहीं करेंगी तो कौन करेगा?

कायदे से यह काम कांग्रेस के संगठन महामंत्री को करना चाहिए लेकिन सबको पता है कि केसी वेणुगोपाल को देश के ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस के ही नेता नहीं जानते हैं तो वे दूसरी पार्टी के नेताओं से क्या बात करेंगे। कमलनाथ यह काम कर सकते थे लेकिन उन्होंने अपने को पूरी तरह से मध्य प्रदेश में सीमित किया है और अशोक गहलोत भी राजस्थान से बाहर नहीं निकलना चाहते हैं। सो, ले-देकर कांग्रेस के पास दो नेताओं का विकल्प बचता है।

या तो पी चिदंबरम सभी विपक्षी नेताओं से बात करेंगे या दिग्विजय सिंह। तभी कांग्रेस अध्यक्ष ने हाल में जो तीन कमेटियां बनाई हैं उनमें से एक के अध्यक्ष चिदंबरम हैं और दूसरे के दिग्विजय।

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धार्मिक-सामाजिक एजेंडे का क्या जवाब?

अजीत द्विवेदी – कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां कैच-22 सिचुएशन में हैं। उनकी स्थिति सांप-छुछुंदर वाली हो गई है। पिछले आठ साल से भाजपा की ओर से सेट किए गए एजेंडे पर प्रतिक्रिया देते देते विपक्षी पार्टियां अपना एजेंडा सेट करना भूल गई हैं और अब भाजपा की ओर से सेट किए गए एजेंडे पर प्रतिक्रिया देने की स्थिति में भी नहीं हैं। भाजपा अब ऐसा एजेंडा सेट कर रही है, जिस पर कोई भी प्रतिक्रिया देना विपक्ष के लिए राजनीतिक रूप से आत्मघाती हो सकता है। सभी पार्टियां शिव सेना की तरह नहीं हैं, जो भाजपा को दो टूक जवाब दे सकें। भाजपा के एक नेता ने कहा कि बाबरी मस्जिद का ढांचा टूटा तो वे वहीं पर थे और वहां कोई शिव सैनिक नहीं था। इसके जवाब में शिव सेना ने खुल कर कहा कि शिव सैनिकों ने ढांचा गिराया और सुप्रीम कोर्ट तक में इसके सबूत हैं। शिव सेना ने लालकृष्ण आडवाणी का एक इंटरव्यू भी साझा किया, जिसमें वे कह रहे हैं कि गुंबद पर चढ़े लोग मराठी बोल रहे थे और भाजपा के नहीं थे इसलिए उमा भारती और प्रमोद महाजन की बात नहीं मान रहे थे।
क्या ऐसे किसी मुद्दे पर कोई दूसरी विपक्षी पार्टी इस तरह का जवाब दे सकती है? सोचें, जब सारे मुद्दे ऐसे ही होंगे तो विपक्ष क्या जवाब देगा? भाजपा ने हिंदी का मुद्दा छेड़ा है। हिंदी को पूरे देश में संपर्क भाषा बनाने की बात केंद्रीय गृह मंत्री ने कही है। दिल्ली में सरकारी कामकाज अब हिंदी में होने लगे हैं और संसद में केंद्रीय मंत्री अब किसी भी भाषा में पूछे गए सवाल का जवाब हिंदी में देते हैं। दक्षिण भारत की पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। वे कर सकती हैं क्योंकि उनको हिंदी विरोध से फायदा होगा। भाषायी अस्मिता की राजनीति करने वाली कुछ और पार्टियां इसका विरोध कर सकती हैं। लेकिन कांग्रेस या उत्तर भारत की दूसरी प्रादेशिक विपक्षी पार्टियां क्या करेंगी? उनके सामने चुप रहने के सिवा कोई और रास्ता नहीं है। कांग्रेस के लिए तो चुप्पी भी कोई समाधान नहीं है क्योंकि उसे उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक हर राज्य में राजनीति करनी है। अगर भाषा का विवाद बढ़ता है तो कांग्रेस को कोई स्टैंड लेना होगा और पहली नजर में कोई भी स्टैंड उसको फायदा पहुंचाने वाला नहीं होगा।
हिंदी की तरह ही कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा कर उसका विशेष राज्य का दर्ज खत्म करने का मुद्दा है। कश्मीर की पार्टियों और वामपंथी दलों को छोड़ दें तो किसी विपक्षी पार्टी ने इसका विरोध नहीं किया। कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों का विरोध इतने तक सीमित है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्ज बहाल करे और विधानसभा के चुनाव कराए। सोचें, साढ़े तीन साल से कश्मीर में राष्ट्रपति शासन है और देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी सहित किसी की हिम्मत नहीं है कि वह इसके खिलाफ सड़क पर उतरे और आंदोलन करे कि कश्मीर में लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल हो। विपक्ष को पता है कि कश्मीर का मुद्दा बेहद संवेदनशील है और उसे छेडऩा भारी पड़ सकता है।
असल में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भाजपा और सरकार ने खुद ऐसा एजेंडा सेट किया है, जिस पर विपक्ष की चुप रहने की मजबूरी है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो या काशी कॉरिडोर का निर्माण हुआ, विपक्ष इनका विरोध नहीं कर सकता है। दबे स्वर में एकाध टिप्पणियों के अलावा इन मुद्दों पर विपक्ष की मौन सहमति रही। नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के खिलाफ देश भर में आंदोलन हुआ लेकिन इस आंदोलन का नेतृत्व विपक्ष नहीं कर रहा था। मुस्लिम संगठनों और आम मुस्लिम आवाम ने इसके विरोध में आंदोलन किया इसलिए सरकार की सेहत पर इसका रत्ती भर असर नहीं हुआ। उलटे भाजपा को इससे राजनीति के ध्रुवीकरण में मदद मिली। असम इस आंदोलन का एक केंद्र था, जहां पिछले साल हुए चुनाव में एक बार फिर भाजपा का गठबंधन भारी बहुमत से जीता।
अभी देश भर में हनुमान चालीसा का मुद्दा छाया हुआ है। अजान बनाम हनुमान चालीसा के इस विवाद में विपक्ष को समझ में ही नहीं आ रहा है कि वह क्या करे। कहीं धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारे जा रहे हैं तो कहीं मुफ्त लाउडस्पीकर बांट कर धर्मस्थलों पर लगाए जा रहे हैं। विपक्ष किंकर्तव्यविमूढ़ है। रोटी, कपड़ा और मकान की जगह नया नैरेटिव बना दिया गया है। रोटी की जगह हलाल मीट, कपड़े की जगह हिजाब और मकान की जगह बुलडोजर ने ले ली है। इस विमर्श में विपक्ष क्या कर सकता है? कांग्रेस और विपक्ष की ऐसी मजबूरी है कि गरीबों और मजलूमों के घर पर बिना कानूनी कार्रवाई के बुलडोजर चलाने का भी वह विरोध नहीं कर पा रहा है। हलाल मीट और हिजाब के विवाद में भी कांग्रेस या दूसरी विपक्षी पार्टियों का कोई दो टूक स्टैंड नहीं है। वे गोलमोल प्रतिक्रिया देकर उम्मीद कर रहे हैं देर सबेर यह विवाद खत्म जाएगा। उनको समझ ही नहीं आ रहा है कि खत्म होने के लिए ये विवाद शुरू नहीं हुए हैं। इन्हें सुनियोजित तरीके से शुरू किया गया है और ये खत्म तभी होंगे, जब इनका राजनीतिक मकसद पूरा हो जाएगा।
सोचें, लव जिहाद रोकने के नाम पर देश के कई राज्यों में अंतरधार्मिक विवाहों को प्रतिबंधित करने वाला कानून बन गया और विपक्ष क्या कर सका? एक के बाद एक राज्यों में भगवद्गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है तो विपक्ष क्या कर ले रहा है? एक के बाद एक कई राज्यों ने समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है तो विपक्ष क्या कर रहा है? विपक्ष के पास चुपचाप तमाशा देखने का विकल्प है या इसी खेल में घुस जाने का विकल्प है। कई विपक्षी पार्टियों ने दूसरा रास्ता चुना है यानी वे खुद भी इसी खेल में घुस गए हैं। भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों और संगठनों ने इन दिनों गौरक्षा का काम स्थगित कर रखा है और इस एजेंडे पर बहुत मंथर गति से काम हो रहा है लेकिन कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में गौरक्षा का ज्यादा काम शुरू हो गया। वहां के मुख्यमंत्री गोबर खरीद रहे हैं और गोबर से बने बैग में दस्तावेज लेकर बजट पेश करने गए थे। धीरे धीरे बाकी धार्मिक-सामाजिक एजेंडे पर भी विपक्षी पार्टियों का ऐसा ही रवैया देखने को मिले तो हैरानी नहीं होगी।
विपक्ष के पास ले-देकर महंगाई और बेरोजगारी का एक मुद्दा है। यह बड़ा मुद्दा है लेकिन अव्वल तो विपक्ष इसे प्रभावी तरीके से उठा नहीं पा रहा है और दूसरे सरकार ने सामाजिक विकास की अपनी योजनाओं के जरिए इस समस्या का असर काफी हद तक कम कर दिया है। अगले दो साल में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ती है तो उसी अनुपात में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त अनाज की मात्रा बढ़ा दी जाएगी। पांच किलो अनाज और एक किलो दाल के साथ तेल, नमक और मसाले भी दे दिए जाएंगे। किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाली सालाना राशि छह से बढ़ा कर 12 हजार रुपए कर दी जाएगी। महिलाओं को मिलने वाली सहायता राशि बढ़ा दी जाएगी और आवास योजना का दायरा बढ़ा दिया जाएगा। इतनी योजनाओं के लिए सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है। हर महीने जीएसटी की वसूली बढ़ रही है और हर साल आयकर की वसूली में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है। सरकार हर साल सिर्फ पेट्रोल-डीजल पर करीब साढ़े चार लाख करोड़ रुपया वसूल रही है, उतने से ही समाज कल्याण की सारी योजनाओं का संचालन हो जाएगा।

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आज का राशिफल

मेष: आपका दिन स्वीकारात्मक विचारों के साथ बीतेगा। परंतु विशेष आत्मविश्वास से दूर रहना हितकर है। अन्यथा उसके कारण आप गलत दिशा में चले जाएंगे, ऐसी संभावना है। दोपहर बाद आप अकारण हताशा अनुभव करेंगे। इसलिए जो कार्य करें, उसमें संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

वृष: आज आप व्यवसाय को कम और घर तथा पारिवारिक मामलों को अधिक महत्त्व देंगे। घरेलू समस्या में गहरी रुचि लेकर परिवारजनों के साथ बैठकर आत्मीयतापूर्वक उसकी चर्चा करेंगे। शाम का समय उनके साथ आनंद से बिताएंगे। आज आपके ध्यान का केंद्र परिवार ही होगा ।

मिथुन: सतत भाग-दौड़भरी जिंदगी से थोड़ा समय विराम लेकर यात्रा पर जाने की आपकी इच्छा होगी। यात्रा का सफल आयोजन आपकी यात्रा को सुखद और आनंदपूर्ण बनाएगा। जबकि दोपहर बाद आपका लक्ष्य कार्य की ओर मुड़ेगा।

कर्क: अधूरे कार्य पूरे करने के लिए आप पर्याप्त प्रयत्न करेंगे। निजी जीवन की अपेक्षा आज ऑफिस के कार्य को प्राथमिकता देकर मन लगाकर कार्य करेंगे। दांपत्यजीवन में सुख और संतोष का अनुभव होगा । जीवनसाथी का प्रेम और सहयोग मिलेगा ।

सिंह: आपका पारिवारिक सदस्यों के साथ मतभेद होगा। आज का दिन आपके लिए अनुकूल न होने से आपको समझौतापूर्ण व्यवहार अपनाने की कोशिश करनी चाहिए। यदि आप वैसा व्यवहार नहीं रखेंगे, तो आपके पक्ष में कोई बात नहीं बनेगी। ऑफिस में काम के पीछे अधिक समय देना पड़ेगा ।

कन्या: पारिवारिक सदस्यों और मित्रों के साथ बिताए गए आरामदायक पल आपको मानसिक स्फूर्ति और संतोष का अनुभव कराएंगे। पर शाम के समय आपको उदास वातावरण में मानसिक तनाव रहेगा । उस समय आपको जीवनसाथी के प्रेम और सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी ।

तुला: आप जिस क्षेत्र में कार्य करते हैं, उसमें टेक्नोलॉजी से अवगत होने के लिए आप प्रयत्नशील रहेंगे। आप उत्साह, उमंग से ओत-प्रोत रहेंगे । दोपहर बाद आप थोड़ा चिंतित और अस्वस्थ रहेंगे । शेयर बाजार या सट्टा में आपकी गणना सच्ची साबित होगी। आपको अपना मस्तिष्क शांत रखन की जरूरत है।

वृश्चिक: नए-नए विषयों के प्रति आपका ध्यान आकर्षित होगा। किसी भी व्यक्ति से ढेर सारी अपेक्षा न रखें, क्योंकि उसके कारण आपकी छाप खराब हो सकती है। दोपहर बाद आपका उत्साह उमंग बढ़ेगा और आप परिश्रम करने का प्रयत्न करेंगे। आज का दिन रचनात्मक रहेगा।

धनु: आपके अंदर स्थित काबिलीयत या कार्यक्षमता को बढ़ाने का दिन है, क्योंकि आज आप जोश और उत्साह से ओत-प्रोत होंग। कानून और व्यवस्था के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों के लिए अनकूल दिन है। दिन आगे बढऩे के साथ उत्साह में भी वृद्धि होगी। आपका सुसुप्त मन सक्रिय होने से कार्य स्थान पर सही निर्णय लेने में वह सहायक होगा ।

मकर: आने वाले कल को सुरक्षित करने के लिए आप सक्रिय बनेंगे और पैसे की बचत के लिए योजना बनाएंगे। मात्र योजनाएं बनाने के लिए ही नहीं, बल्कि उसको अमल में लाने की भी सलाह है। दोपहर के बाद आप पारिवारिक सदस्यों के साथ बैठकर घरेलू समस्याओं को हल करने की कोशिश करेंगे ।

कुंभ: आज का दिन आपके लिए ऊर्जा से भरा दिन नहीं है। आप छोटी-छोटी बातों पर झुंझलाएंगे। आज आपके ऑफिस का कोई सहकर्मी आपकी कीमती वस्तु चुरा सकता है, इसलिए आज आपको अपना सामान ध्यान से रखने की जरूरत है। दोस्तों का साथ राहत देगा। ऊर्जा का स्तर ऊंचा रहेगा।

मीन: अब तक यह बात आपको समझ में आ गई होगी कि आर्थिक आयोजन करना आवश्यक है। अपने आर्थिक ढांचे को पुन: व्यवस्थित करने के लिए आज अनुकूल दिन है। दोपहर बाद कारकिर्दगी के क्षेत्र में नई दिशाएं खुलती हुई प्रतीत होंगी।

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चीन की टक्कर में नया पैंतरा

वेद प्रताप वैदिक – चीन की टक्कर में नया पैंतरा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दक्षिण-पूर्व एशिया के 12 देशों को अपने साथ जोड़कर एक नया आर्थिक संगठन खड़ा किया है, जिसका नाम है, ”भारत-प्रशांत आर्थिक मंच (आईपीईएफ)”। तोक्यो में बना यह 13 देशों का संगठन बाइडन ने जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ घोषित किया है। वास्तव में यह उस विशाल क्षेत्रीय आर्थिक भागीदारी संगठन (आरसीईपी) का जवाब है, जिसका नेता चीन है। उस 16 राष्ट्रों के संगठन से भारत ने नाता तोड़ा हुआ है। इसके सदस्य और इस नए संगठन के कई सदस्य एक-जैसे हैं।

जाहिर है कि अमेरिका और चीन की प्रतिस्पर्धा इतनी तगड़ी है कि अब चीन द्वारा संचालित संगठन अपने आप कमजोर पढ़ जाएगा। बाइडन ने यह पहल भी इसीलिए की है। इस क्षेत्र के राष्ट्रों को जोडऩे वाले ट्रांस पेसिफिक पार्टनरशिप संगठन (टीपीपी) से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना हाथ खींच लिया था, क्योंकि अमेरिका की बिगड़ती हुई आर्थिक स्थिति में इन सदस्य राष्ट्रों के साथ मुक्त-व्यापार उसके लिए लाभकर नहीं था।

अब इस नए संगठन के राष्ट्रों के बीच फिलहाल कोई मुक्त-व्यापार का समझौता नहीं हो रहा है लेकिन ये 13 ही राष्ट्र आपस में मिलकर डिजिटल अर्थ-व्यवस्था, विश्वसनीय सप्लाय श्रृंखला, स्वच्छ आर्थिक विकास, भ्रष्टाचार मुक्त उद्योग आदि पर विशेष ध्यान देंगे। ये लक्ष्य अपने आप में काफी ऊँचे हैं। इन्हें प्राप्त करना आसान नहीं है लेकिन इनके पीछे असली इरादा यही है कि इस क्षेत्र के राष्ट्रों की अर्थ-व्यवस्थाओं को चीन ने जो जकड़ रखा है, उससे छुटकारा दिलाया जाए। बाइडन प्रशासन को अपने इस लक्ष्य में कहां तक सफलता मिलेगी, यह इस पर निर्भर करेगा कि वह इन सदस्य-राष्ट्रों को कितनी छूट देगा।

बाइडन-प्रशासन पहले से ही काफी दिक्कत में है। अमेरिका में मंहगाई और बेरोजगारी ने उसकी अर्थव्यवस्था की गति को धीमा कर दिया है और बाइडन प्रशासन की लोकप्रियता पर भी इसका असर पड़ा है। ऐसी हालत में वह इन दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के साथ कितनी रियायत कर पाएगा, इसका अंदाज लगाया जा सकता है। अमेरिका को यह बात तो अच्छी तरह समझ में आ गई है कि शीतयुद्ध काल का वह जमाना अब लद गया है, जब सीटो और सेंटो जैसे सैन्य-संगठन बनाए जाते थे।

उसने चीन से सीखा है कि अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए आर्थिक अस्त्र ही सबसे ज्यादा कारगर है लेकिन अमेरिका की समस्या यह है कि वह लोकतांत्रिक देश है, जहां विपक्ष और लोकतंत्र दोनों ही सबल और मुखर हैं जबकि चीन में पार्टी की तानाशाही है और लोकमत नामक कोई चीज़ वहां नहीं है। जो भी हो, इन दोनों महाशक्तियों की प्रतिद्वंद्विता में भारत को तो अपना राष्ट्रहित साधना है।

इसीलिए उसने बार-बार ऐसे बयान दिए हैं, जिनसे स्पष्ट हो जाता है कि भारत किसी (चीन) के विरुद्ध नहीं है। वह तो केवल आर्थिक सहकार में अमेरिका का साथी है। चीन से विवाद के बावजूद उसका आपसी व्यापार बढ़ता ही जा रहा है। इस नए संगठन के जरिए उसका व्यापार बढ़े, न बढ़े लेकिन इसके सदस्य-राष्ट्रों के साथ भारत का आपसी व्यापार और आर्थिक सहयोग निरंतर बढ़ता ही जा रहा है।

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क्रिकेट में भी राजनीति का संयोग,क्रिकेट आईपीएल का खुमार..

क्रिकेट में भी राजनीति का संयोग. देश पर पिछले करीब दो महीने से तमाशा क्रिकेट आईपीएल का खुमार चढ़ा था, जो अब उतरने वाला है क्योंकि यह टूर्नामेंट अंतिम दौर में पहुंच गया है। इस टूर्नामेंट के अंतिम दौर में पहुंचने के साथ ही एक संयोग की चर्चा सोशल मीडिया में शुरू हुई। देश के एक जाने-माने उद्योगपति और कारोबारी ने इस संयोग का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि टूर्नामेंट खेल रही 10 में से जो छह टीमें बाहर हो गई हैं, वो सारी टीमें गैर भाजपा शासित राज्यों की हैं। लीग स्तर पर जो टीमें बाहर हुईं उनमें दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, चेन्नई, पंजाब और कोलकाता की हैं। इन सभी छह राज्यों में गैर भाजपा सरकारें हैं।
जो चार टीमें अंतिम दौर में पहुंचीं उनमें लखनऊ, बेंगलुरू और गुजरात भाजपा शासित राज्यों की हैं और राजस्थान कांग्रेस के शासन वाली। अब गुजरात की टीम फाइनल में पहुंच गई है और उसका फाइनल मुकाबला राजस्थान और बेंगलुरू में से जीतने वाली टीम के साथ होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि अंतिम मुकाबला दोनों भाजपा शासित राज्यों की टीम के बीच होता है या राजस्थान की टीम कुछ कमाल करती है? क्रिकेट में इस तरह के संयोग की चर्चा क्रिकेट के पिछले दो विश्व कप मुकाबलों के समय हुई थी, जब भारतीय टीम हार कर बाहर हुई थी तो कांग्रेस समर्थकों ने प्रचार किया था कि कांग्रेस के शासन में ही दो बार भारत विश्व कप जीता। ध्यान रहे भारत 1983 और 2011 में विश्व कप जीती थी और तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।

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आज का राशिफल

मेष : भौतिक आकांक्षाओं की पूर्ति होने के आसार हैं। नौकरी का वातावरण सुखद होगा। सगे-संबंधियों के बीच प्रगाढ़ता बढ़ेगी। निकट संबंधों में शंकाओं को न हावी होने दें। जीवन साथी का स्नेह मिलेगा।

बृषभ : विद्यार्थियों के लिए ग्रहों की अनुकूलता लाभप्रद होगी। महत्वपूर्ण कार्यो में आलस्य न करें। अवरोधित कार्य हल होंगे। योजनाओं के फलीभूत होने से मन प्रसन्न होगा। घर में खुशहाली रहेगी।

मिथुन : अच्छे कार्यो द्वारा प्रशंसा के पात्र बनेंगे। राजनीतिज्ञों के लिए ग्रहों का सहयोग प्राप्त होगा। संबंधों में कटु वचनों का प्रयोग न करें। माता के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।

कर्क : अभिभावकों के भावनात्मक सहयोग से उत्साहित होंगे। सुंदर आकांक्षाओं की पूर्ति होगी। बीती हुई बातों को भूलने की कोशिश करें। रोजगार में कुछ अच्छे अवसर बनेंगे। भौतिक इच्छाएं बलवती होंगी।

सिंह : नकारात्मक चिंताओं को त्यागें। महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां अपनी पूर्ति हेतु मन पर दबाव बनाएंगी। अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। भावावेश में किये गये कार्य से कष्ट संभव। घर में खुशहाल वातावरण रहेगा।

कन्या : किसी नये कार्य में आपका रुझान बढ़ेगा। किसी महत्वपूर्ण फैसले के लिए मन केंद्रित होगा। नौकरी का वातावरण सुखद होगा। नवीन योजनाओं द्वारा प्रगति के आसार बनेंगे।

तुला : पारिवारिक चिंताएं मन को परेशान करेंगी। घरेलू कायरें में अत्याधिक व्यय का योग है। कार्यक्षेत्र में व्यस्तता बढ़ेगी। परिवार में कोई सुखद स्थिति प्रसन्नता लाएगी। महत्वाकांक्षाएं मन पर प्रभावी होंगी।

वृश्चिक : पारिवारिक वातावरण सुखद व उत्साहपूर्ण होगा। महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु प्रयत्न तीव्र होगा। आर्थिक क्षेत्र में लाभ के आसार हैं। परिश्रम का समुचित लाभ प्राप्त होगा।

धनु : उपस्थित साधनों में संतुष्ट व तृप्त होने का प्रयत्न करें। मन सुंदर कल्पनाओं से प्रभावित होगा। निर्थक दूसरों की आलोचना न करें। नये संबंध के प्रति के प्रति निकटता बढ़ेगी।

मकर : अपने अंदर धैर्य व वाणी में मधुरता लायें। कुछ नई अभिलाषाएं मन में जागृत होंगी। प्रियजनों का सन्निध्य मिलेगा। गुप्त विरोधियों से सतर्क रहें। विभागीय परिवर्तन से कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

कुंभ : कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मन दुबिधाग्रस्त होगा। अच्छे कायरें के लिए प्रशंसनीय होंगे। शासन-सत्ता से लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। राजनीतिज्ञों के लिए समय अनुकूल होगा। घर में खुशहाली रहेगी।

मीन : भावनात्मक समस्याओं पर सगे-संबंधों में खुलकर बात करें। कुछ नये उत्साह व कार्य क्षमता की अनुभूति करेंगे। महत्वपूर्ण कार्यों को कल पर न टालें। पिता के स्वास्थ्य का ख्याल रखें।

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सेवा, सुशासन और सशक्त नेतृत्व के आठ साल, राष्ट्र गौरव के आठ साल

जी. किशन रेड्डी – सेवा, सुशासन और सशक्त नेतृत्व के आठ साल, राष्ट्र गौरव के आठ साल. निस्संदेह जब 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सत्ता संभाली, तो उस समय देश घोर निराशा के वातावरण से गुजर रहा था। भ्रष्टाचार चरम पर था, हर दिन कोई एक नया घोटाला सामने आता था। सामान्य जनमानस के मन में था कि अब इस देश का कुछ नहीं हो सकता। ऐसे में वर्ष 2014 के दौरान भारत की जनता को नरेंद्र मोदी में आशा की नई किरण दिखाई दी और हुआ भी वही। आज यह गर्व की बात है कि केंद्र सरकार में बीते आठ वर्षों में एक भी घोटाला नहीं हुआ। यह इसलिए संभव हो पाया, क्योंकि 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने संसद को लोकतंत्र का मंदिर मानकर माथा टेका और देश की देवतुल्य 135 करोड़ जनता के सामने प्रण लिया ना खाऊँगा ना खाने दूंगा।

एक नई सोच के साथ नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली और उनकी नई सोच यह थी कि हमारे समक्ष विश्व गुरु भारत का लक्ष्य है और यह लक्ष्य जनभागीदारी से पूर्ण होगा। इसलिए जब हम दुनिया का नेतृत्व करने की बात करते हैं तो हमारे देश के सामान्य व्यक्ति की बुनियादी जरूरत सिर्फ रोटी, कपड़ा और मकान नहीं हो सकती, 21वीं सदी में इस सब के अलावा कनेक्टिविटी चाहिए, अच्छी शिक्षा चाहिए, चिकित्सा सुविधा चाहिए, पीने का स्वच्छ जल चाहिए, बिजली चाहिए, इंटरनेट चाहिए, शौचालय चाहिए, सुरक्षा चाहिए, सम्मान चाहिए और विकास में भागीदारी के नए अवसर चाहिए। बस इसी सोच से इस यात्रा की शुरुआत हुई, जिस प्रकार एक पिरामिड बनता है, उसी प्रकार 2014 से लगातार साल-दर-साल विश्वगुरु भारत के लक्ष्य को केंद्रित कर मोदी सरकार ने सैकड़ों योजनाओं का श्रीगणेश किया।

सुशासन किसी भी लोकतांत्रिक देश की सबसे बड़ी ताकत होती है, इसलिए मोदी सरकार की दूरदर्शिता, पारदर्शिता, दृड़ इच्छाशक्ति, गरीब कल्याण और सेवा भाव की नई सोच के साथ सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास सुशासन का मूल मंत्र बना। सुशासन की जड़ें पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय सिद्धांत पर आधारित हैं, जिसमें उन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति को मिलने की बात कही है। मोदी सरकार के पिछले आठ वर्षों में, ना सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति को मिला है, बल्कि पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे सर्वोच्च सम्मान भी उन सामान्य लोगों के हाथों में आए, जो हर दृष्टि से इसके हकदार थे। यह सुशासन, सरकार के प्रति सामान्य जनमानस के मन में विश्वास को और दृढ़ करता दिखाई देता है।

यह सत्य है कि छोटी-छोटी बातों से बड़े बदलाव आते हैं। इसलिए सबसे पहले केंद्र सरकार ने उन योजनाओं पर ध्यान दिया, जिन्होंने सामान्य जन के आत्मगौरव, आत्मविश्वास और बुनियादी जरूरतों को पूरा किया। कनेक्टिविटी सबसे पहली जरूरत है, आज बड़ी बात यह है कि देश में सड़कों का जाल बिछ गया है, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, भारत माला परियोजना और पर्वत माला परियोजना के माध्यम से सारा भारत जुड़ गया है। पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को इन आठ वर्षों में पहली बार ट्रेन का सफर करने का अवसर मिला। देश के करोड़ों लोग ऐसे थे, जिन्होंने बैंक में प्रवेश तक नहीं किया था। जन धन योजना के तहत लगभग 45 करोड़ देशवासियों को बैंक से जोड़ा गया। 2014 में स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया तथा देश में 11 करोड़ से अधिक शौचालय बने व देश के 6 लाख से अधिक गाँव ‘खुले में शौच मुक्त’ हुए। उज्ज्वला योजना के तहत देश की 9 करोड़ महिलाओं को धुएं से आजादी मिली और उन्हे गैस कनेक्शन मिला।

सरकार ने नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया और 9 करोड़ से अधिक परिवारों को पीने का स्वच्छ जल दिया। देश में 22 एम्स हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है तथा स्वस्थ भारत की दिशा में आयुष्मान भारत योजना से गरीब लोगों का पांच लाख तक मुफ्त इलाज हो रहा है। दूसरी बात कि देश के जनमानस को स्वावलंबी बनाने और उसका आत्मविश्वास बढ़ाने की दिशा में ‘मुद्रा योजना’, ‘स्किल इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्टार्टअप’ और ‘ग्राम उदय से भारत उदय’ जैसे अभियानों की शुरुआत हुई। हुनर हॉट जैसी गतिविधियों के जरिए देश की स्थानीय कारीगरी, कला और कौशल को उचित सम्मान मिला तथा उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है।

तीसरी बात यह है कि केंद्र सरकार ने ‘बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ अभियान’, मुस्लिम महिलाओं को ‘तीन तलाक’ से मुक्ति और हर क्षेत्र में महिला भागीदारी सुनिश्चित करने की सकारात्मक पहल की। चौथी बात, देश में नए आर्थिक सुधार हुए जैसे- डिजिटाइजेशन और एक राष्ट्र-एक टेक्स जीएसटी देश के इतिहास में ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की दिशा में एक नया अध्याय था।
देश के किसान को समृद्ध करने की दिशा में भी अनेक कदम उठाए गए, केमिकल फ्री नेचुरल फार्मिंग अर्थात आर्गेनिक खेती के बल पर भारत वैश्विक बाजार में विश्व नेता बन सकता है। इसलिए ड्रोन सिस्टम, कृषि सिंचाई योजना, सॉलोर पंप, फसल बीमा, किसान सम्मान निधि, इको सिस्टम, सॉलोर पेनेल आदि सुविधा देने की नीति सामने आई है।

इसी प्रकार सैन्य शक्ति को मजबूत करते हुए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का पुनर्गठन किया, भारत ने लड़ाकू राफेल विमान और 48,000 करोड़ रुपये से 83 स्वदेशी तेजस विमान खरीदे। हमने दुनिया को अपनी ताकत का एहसास भी कराया, जब हमारे जवानों ने दुश्मन के घर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की तथा सुरक्षित अपने वतन लोटे।
इन आठ वर्षों में भारत की विदेश नीति भी अभूतपूर्व रही है। अफगानिस्तान प्रकरण और यूक्रेन व रूस के बीच हो रहे युद्ध से पता चलता है कि अब भारत के रुख को न केवल विशेष महत्व दिया जा रहा है बल्कि उससे मध्यस्थता की मांग की जा रही है।

इस आठ वर्ष की यात्रा में पिछले दौ वर्षों का कालखंड ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए महामारी का संकट था, बड़े-बड़े विकसित देश इसकी चपेट में आने से खुद को बचा ना सके। भारत जो हजारों वर्षों के इतिहास से सीखता आया है फिर एक बार हमने इस चुनौती भरी महामारी को अवसर में बदला और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प किया। वर्तमान में ‘स्टार्टअप’ और ‘वॉकल फॉर लोकल ‘ जैसे अभियानों से राष्ट्र आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है तथा पूरी दुनिया में राष्ट्र गौरव बढ़ रहा है।

भारत ने दुनिया के सेंकड़ों देशों को सर्वे भवन्तु सुखिन: की भावना से वैक्सीन दी और अपने देश में महामारी के खिलाफ सबसे कम समय में 190 करोड़ टीकाकरण का इतिहास बनाया। इससे आगे अगर कहना है तो इन आठ वर्षों में यह केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और जनता का उसके प्रति अटूट विश्वास का ही प्रणाम है कि 70 वर्षों से लंबित धारा 370 हटा कर एक राष्ट्र -एक संविधान-एक ध्वज के सपने को पूरा किया व राम मंदिर के निर्माण जैसे सर्वाधिक विवादित माने जाने वाले विषय भी बड़ी सरलता व सौहार्दपूर्ण ढंग से निपट गए।

15 अगस्त 2021 से भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। आजादी के आंदोलन में जिस खादी को पहन स्वदेशी का नारा बुलंद हुआ,वह वास्तव में अब जाकर पूरा हकीकत में बदला। खादी ने पहली बार (2021-2022) एक वित्तीय वर्ष में एक लाख पन्द्रह हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया है, जो देश में एक नया रिकॉर्ड है। आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत ने अपने 100वें यूनिकॉर्न का जन्म देखा। किसी भी स्टार्टअप के लिए यूनिकॉर्न बनना मील का पत्थर जैसी बड़ी उपलब्धि है। आज वैश्विक स्तर पर हर 10 में से 1 यूनिकॉर्न का उदय भारत में हो रहा है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि भारत का भारत के प्रति स्वाभिमान जागृत हुआ।

240 वर्षों के बाद काशी विश्वनाथ धाम कोरीडोर, चारधाम यात्रा, रामायण सर्किट, श्रीकृष्ण सर्किट और बुद्ध सर्किट जैसी योजना भारत की आस्था के लिए सुखद अनुभूति है। दुनिया के लोग बड़ी संख्या में भारत की विरासत का दर्शन करने आ रहे हैं क्योंकि भारत के अध्यात्म के पास विश्व के लिए सुख, शांति और कल्याण का मार्ग है। भारत के प्रधानमंत्री दुनिया के देशों में जाकर वहाँ के राष्ट्रीय अध्यक्षों को कर्म का संदेश देने वाली गीता भेंट स्वरूप देते हैं, इसी प्रकार योग भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत है, जिसे नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों के बाद वैश्विक पटल पर एक अलग पहचान मिली है निश्चित रूप से योग दुनिया को भारत की अमूल्य भेंट है। आज़ादी के अमृत महोत्सव में हमने आने वाले 25 वर्षों के लिए नए भारत की संकल्पना करते हुए नए लक्ष्य तय किए हैं।

जो भारत का अमृत काल होगा और वर्तमान युवा पीढ़ी उस समय देश का नेतृत्व कर रही होगी। साढ़े तीन दशक के बाद लागू हुई ‘नई शिक्षा नीति’ और ‘सेंट्रल विस्टा’ बनाने जैस साहसी निर्णय भी मोदी सरकार की दूरदृष्टी का उदाहरण हैं।

आज जब ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ में केंद्र सरकार अपने आठ वर्ष पूरे कर रही है तो यही ध्यान में आता है कि राष्ट्रभक्ति ले हृदय में हो खड़ा यदि राष्ट्र सारा तो संकटों को मात देकर राष्ट्र विजयी हो हमारा।

(लेखक भारत सरकार के संस्कृति, पर्यटन एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री हैं)

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उत्तर प्रदेश के सम्यक विकास और आत्मनिर्भरता का बजट

सियाराम पांडेयशांत – उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया। गत वर्ष यह बजट 5.5 लाख करोड़ का था।इस बार यह बढ़कर 6.15 लाख करोड़ से भी अधिक हो गया है।इसमें शक नहीं है कि बजटीय आकार निर्धारण में योगी सरकार का कोई सानी नहीं है। हर साल वह अपना रिकार्ड तोड़ देती है। इस साल भी उसने कुछ ऐसा ही किया है ।

विपक्ष इसे आंकड़ों की बाजीगरी कह रहा है। घिसा-पिटा बता रहा है। निराश करने वाला बता रहा है।बजट को लेकर जितने मुंह-उतनी बातें हो रही हैं। केंद्र का बजट हो या राज्य का,उस पर प्रतिक्रियाएं कुछ ऐसी ही आती हैं।सत्ता से जुड़े लोग उसकी सराहना करते हैं और विपक्ष उसे नकार देता है।इससे इतनी बात तो साफ है कि बड़े से बड़ा बजट भी सबकी संतुष्टि की गारंटी नहीं है। यह तो वही बात हुई कि किसी ने लिखी आंसुओं की कहानी,किसी ने पढ़ा सिर्फ दो बूंद पानी।
बजट दरअसल विकास योजनाओं को गति देने,उसे निर्बाध संचालित करने की आर्थिक संरचना भर है।अगर केवल धन से ही विकास होता तो उत्तरप्रदेश में जाने कितने बजट अलग-अलग सरकारों के स्तर पर पेश हुए हैं और सबका आर्थिक आकार पहले से बड़ा रहा है । इस लिहाज से विकास हुआ होता तो आज उत्तर प्रदेश की तस्वीर कुछ और होती।वहीँ प्रति व्यक्ति आय देश में सर्वाधिक होती। हर शहर अपने में बेहद स्मार्ट होता। हर गांव विकास के मायने में आदर्श होता।

गांवों को गोद लेने की अपील नहीं करनी पड़ती। पूर्व की सरकारों में हर विभाग के लिए बजट तो जारी हो जाता था लेकिन वह खर्च ही नहीं हो पाता था। मार्चमें उसे खर्च करने की आपाधापी मचती थी।संतोष किया जा सकता है कि इस सरकार में बजट लैप्स होने के मामले घटे हैं लेकिन भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस शत-प्रतिशत पूरा नही हो सका है।

विकास के लिए विजन जरूरी होता है। ईमानदारी जरूरी होती है। भ्रष्टाचार की एक मछली व्यवस्था के समूचे तालाब को गंदा कर देती है।इस बात पर भी गौर करने की जरूरत है।इस बजट के जरिए सरकार ने जहां हर क्षेत्र में विकास के अवसर तलाशने का काम किया है,वहीं अपने एजेंडों को आगे बढऩे का सम्यक प्रयास भी वह इस बजट में शिद्दत के साथ करती नजर आती है।धार्मिक स्थलों के विकास और वहां अवस्थापना सुविधाओं के विकास में धन की कमी आड़े न आने देने का उसका संकल्प इस बजट में बखूबी प्रतिध्वनित होता है।

बजट में सत्तारूढ़ दल की कोशिश सबका साथ और सबका विकास की होती है और विपक्ष की कोशिश उसे सिरे से खारिज करने की होती है। सारा खेल दरअसल श्रेय और प्रेय का है।और इस खेल में अब न चूक चौहान की मुद्रा में सभी होते हैं। उत्तरप्रदेश विधानसभा में एक दिन पहले अखिलेश यादव और केशव मौर्य को नसीहतों की घुट्टी पिलाने वाले योगी आदित्यनाथ का दोस्ताना अंदाज यह बताने के लिए काफी था कि राजनीति में कोई भी भाव स्थायी नही होता।

वहां जब जैसा तब तैसा का सिद्धांत ही काम करता है। वैसे यह तो माना ही जाएगा कि योगी सरकार ने भारी-भरकम बजट के जरिए आर्थिक विकास का मास्टर स्ट्रोक जड़ दिया है।साथ ही यह भी बताने-जताने की कोशिश की है कि वर्ष 2016-17 में पेश तत्कालीन अखिलेश सरकार के 3.46 लाख करोड़ के बजट से यह 2 गुना बड़ाहै।
इस बजट मे युवाओं की शिक्षा, रोजगार, महिलाओं और किसानों के सशक्तिकरण, कानून-व्यवस्था के साथ-साथ राज्य के चहुंमुखी विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। योगी सरकार का पिछला बजट 5,50,270.78 करोड़ रुपये का था। मौजूदा बजट में 27,598.40 करोड़ रुपये की नई योजनाएं भी शामिल की गई हैं। योगी सरकार प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहती है और इसके लिए वह निरंतर प्रयासरत भी है।

विगत दो साल कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं। इसके बाद भी इतना बड़ा बजट लाना साहस का काम है।इस बजट में गाँव-गरीब और किसान और मजदूर की चिंता तो है ही,शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी सरकार का विशेष फोकस है।इस बजट में युवाओं और महिलाओं के लिए भी बहुत कुछ खास है।आयुर्वेदिक और प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति को आगे बढऩे का सरकार का संकल्प भी इस बजट में प्रमुखता से नजर आता है।

किसानों के भुगतान पर घेरने वालों को भी सरकार ने मुहतोड़ जवाब दिया है।यह तो बताया ही है कि 2022 में उसने गन्ना किसानों का सर्वाधिक भुगतान किया है,साथ ही उत्तर प्रदेश के शेष गन्ना किसानों को भुगतान के लिए 1000 करोड़ का प्रस्ताव किया है। मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के तहत 34,307 सरकारी नलकूपों और 252 छोटी शाखा नहरों के साथ-साथ 1000 करोड़ रुपये के माध्यम से किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा का भी बजटीय प्रस्ताव दियाहै। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसानों के लिए 650 करोड़ रुपये के दुर्घटना बीमा का प्रस्ताव किया है।

योगी सरकार ने भी पीएम गति शक्ति योजना के तहत मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए 897 करोड़ रुपये और मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबे 6-लेन गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 34 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया है।
आधी आबादी की सुरक्षा किसी भी प्रदेश के लिए बड़ी चुनौती होती है। उत्तरप्रदेश के सभी 75 जिलों के समस्त 1535 थानों पर महिला हेल्प डेस्क बनाना ,2,740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10,370 महिला बीटों का आवंटन ,3 महिला पीएसी बटालियन लखनऊ, गोरखपुर तथा बदायूँ निश्चित रूप से बड़ी पहल है।इसका स्वागत किया जाना चाहिए।

सभी जनपदों में जनपद स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना और महिला सामर्थ्य योजना हेतु 72 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था,महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण तथा कौशल विकास हेतु 20 करोड़ की व्यवस्था का स्वागत किया जाना चाहिए। 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारी के लिए 100 करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की है।
सरकार ने केन्द्र स्मार्ट सिटी के तहत चयनित 10 शहरों के लिए 2000 करोड़ और राज्य स्मार्ट सिटी में चयनित 7 शहरों के लिए 210 करोड़ रुपए की व्यवस्था कर जहां प्रदेश के समग्र विकास को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है,,वहीं- स्वच्छ भारत मिशन योजना के लिए 1353 करोड़ 93 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित कर स्वच्छता अभियान को भी गति देने का प्रयास किया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिये आवास (शहरी) योजना के लिए 10,127 करोड़ 61 लाख रुपए का बजट देकर उसने डबल इंजन की सरकार की शक्ति का बोध कराया है। नगर पंचायतों के विकास के लिए सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना के तहत 200 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित व मलिन बस्ती योजना के लिए बजट में 215 करोड़ रूपये की व्यवस्था की है। नलजल योजना की चिंता की है तो गौ संरक्षण का भी ध्यान रखा है।

एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यस्था के लिए हमें दहाई के आंकड़े में विकास दर हासिल करनी होगी। इसमें संदेह नहीं कि सरकार इस दिशा में सोच भी रही है और बेहतर कर भी रही है लेकिन यह लक्ष्य तब तक पूरा नहीं होगा जब तक उसे जन-जन का साथ न मिले। भ्रष्टाचार और अपराध को रोककर ही इस दिशा में आशातीत सफलता प्राप्त की जा सकती है।बजट से सरकार की इच्छाशक्ति का पता चलता है। आगाज अच्छा है तो अंजाम भी बेहतर होगा। इतनी उम्मीद तो की ही जा सकती है।

– लेखक स्वतंत्र पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं।

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कांग्रेस के सारे दावेदार एक कमेटी में

कांग्रेस के सारे दावेदार एक कमेटी में. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नव संकल्प शिविर के संकल्पों को लागू करने के लिए तीन महत्वपूर्ण कमेटियों का गठन किया है। एक कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति है। दूसरी 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए बनाई गई टास्क फोर्स है और एक भारत जोड़ो यात्रा के समन्वय की कमेटी है। इसमें चुनाव की तैयारी वाली कमेटी के प्रमुख पी चिदंबरम हैं। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस के राज्यसभा सीट के जितने भी दावेदार हैं सब इसी कमेटी में रख दिए गए हैं। कमेटी के अध्यक्ष पी चिदंबरम की राज्यसभा का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है और वे भी दावेदार हैं।
पी चिदंबरम अभी महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद हैं। इस बार अभी तक तय नहीं है कि वे महाराष्ट्र से ही उच्च सदन में जाएंगे या अपने गृह राज्य तमिलनाडु से उनको भेजा जाएगा। ध्यान रहे डीएमके ने इस बार एक सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी है। चिदंबरम के कमेटी में दूसरा नाम मुकुल वासनिक का है। वे पिछले 20 साल से पार्टी के महासचिव हैं। पांच साल के लगातार कार्यकाल के बाद पद छोडऩे के नियम के मुताबिक उनको महासचिव पद छोडऩा है। वे काफी अरसे से राज्यसभा में जाने की उम्मीद कर रहे हैं। इस बार संभव है कि उनको अपने गृह प्रदेश महाराष्ट्र से मौका मिले।
चिदंबरम की कमेटी में तीसरा नाम जयराम रमेश का है। वे कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं। उनका भी कार्यकाल खत्म हो रहा है और वे एक बार फिर कर्नाटक से ही उच्च सदन में भेजे जाने की उम्मीद कर रहे हैं। चिदंबरम की तरह ही रमेश का भी राज्यसभा जाना लगभग पक्का माना जा रहा है। चौथा नाम केसी वेणुगोपाल का है, जो पहले से राज्यसभा में हैं। पांचवा नाम अजय माकन का है। वे पार्टी के महासचिव हैं और राजस्थान के प्रभारी हैं। इस बार वे भी राज्यसभा की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि राजस्थान से पहले ही मनमोहन सिंह और केसी वेणुगोपाल के रूप में दो बाहरी नेता सांसद हैं।
टास्क फोर्स में छठा नाम प्रियंका गांधी वाड्रा का है। वे खुद पता नहीं राज्यसभा सीट चाहती हैं या नहीं लेकिन पार्टी के अनेक नेता और उनके करीबी उनको छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी ऐसा चाहते हैं। इस कमेटी में सातवां नाम रणदीप सुरजेवाला का है, जो किसी तरह से उच्च सदन में जाने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। उनके गृह प्रदेश हरियाणा में एक सीट कांग्रेस को मिलेगी लेकिन सबको पता है कि अगर पार्टी ने सुरजेवाला को हरियाणा भेजा तो भूपेंदर सिंह हुड्डा का खेमा उनको जीतने नहीं देगा।

इसलिए वे किसी और राज्य से राज्यसभा की सदस्यता के लिए प्रयास कर रहे हैं। आनंद शर्मा एकमात्र दावेदार हैं, जो इस कमेटी में नहीं हैं। उनको राहुल गांधी के साथ राजनीतिक मामलों की कमेटी में रखा गया है।

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आज का राशिफल

मेष: अवसाद के खि़लाफ़ आपकी मुस्कान परेशानी से उबारने वाली रहेगी। घर की जरूरतों को देखते हुए आज आप अपने जीवनसाथी के साथ कोई कीमती सामान खरीद सकते हैं, जिससे आर्थिक हालात थोड़े तंग हो सकते हैं।

वृष: खाते-पीते वक्त सावधान रहें। लापरवाही बीमारी की वजह बन सकती है। निवेश के लिए अच्छा दिन है, लेकिन उचित सलाह से ही निवेश करें। कोई चिट्ठी या ई-मेल पूरे परिवार के लिए अच्छी ख़बर लाएगी। आज आपके और आपके प्यार के बीच कोई आ सकता है।

मिथुन: व्यस्त दिनचर्या के बावजूद सेहत अच्छी रहेगी, लेकिन इसे हमेशा के लिए सच मानने की ग़लती न करें। अपनी जि़ंदगी और सेहत का सम्मान करें। जिन लोगों को आप जानते हैं, उनके ज़रिए आपको आमदनी के नए स्रोत मिलेंगे।

कर्क : बाहर घूमना-फिरना, पार्टी और मौज-मस्ती आपको अच्छे मूड में रखेंगे। यह बात भली भांति समझ लें कि दुख की घड़ी में आपका संचित धन ही आपके काम आएगा इसलिए आज के दिन अपने धन का संचय करने का विचार बनाएं। आपके दोस्त आपको ऐसे वक्त पर दग़ा दे सकते हैं, जब आपको उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत हो।

सिंह: कुछ दिलचस्प पढ़कर थोड़ी दिमाग़ी कसरत करें। आज आप अपना धन धार्मिक कार्यों में लगा सकते हैं जिससे आपको मानसिक शांति मिलने की पूरी संभावना है। कोई पुराना परिचित आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। काम पर लोगों के साथ मेलजोल में समझ और धैर्य से सावधानी बरतें।

कन्या: किसी झगड़ालू इनसान से वाद-विवाद आपका मूड खऱाब कर सकता है। समझदारी से काम लें और अगर संभव हो तो इससे बचें, क्योंकि किसी भी तरह का विवाद आपके लिए मददगार नहीं रहेगा। कुछ ज़रूरी योजनाएं क्रियान्वित होंगी और ताज़ा आर्थिक मुनाफ़ा पहुंचाएंगी।

तुला: शारीरिक लाभ के लिए, विशेषकर मानसिक तौर पर मज़बूती हासिल करने के लिए ध्यान और योग का आश्रय लें। आप दूसरों पर कुछ ज़्यादा ख़र्चा कर सकते हैं। अपने परिवार के सदस्यों की ज़रूरतों पर ध्यान देना आज आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपका प्रिय आपको ख़ुश रखने के लिए कुछ ख़ास करेगा।

वृश्चिक: आज आपके पास अपनी सेहत और लुक्स से जुड़ी चीज़ों को सुधारने के लिए पर्याप्त समय होगा। धन की आवाजाही आज दिन भर होती रहेगी और दिन ढलने के बाद आप बचत करने में भी सक्षम हो पाएंगे। आपकी स्वच्छंद जीवनशैली घर में तनाव पैदा कर सकती है, इसलिए देर रात तक बाहर रहने और ज़्यादा ख़र्च करने से बचें।

धनु: बहुत ज़्यादा चिंता करना मानसिक शांति को बर्बाद कर सकता है। इससे बचें, क्योंकि जऱा-सी चिंता और मानसिक तनव भी शरीर पर खऱाब असर डालते हैं। आज बिना किसी की मदद के ही आप धन कमा पाने में सक्षम होंगे।

मकर: आज का दिन ऐसे काम करने के लिए बेहतरीन है, जिन्हें करके आप ख़ुद के बारे में अच्छा महसूस करते हैं। कार्यालय में सब कुछ आपके पक्ष में जाता नजऱ आ रहा है। आज आपके वैवाहिक जीवन के सबसे अच्छे दिनों में से एक हो सकता है।

कुंभ: अपनी भावनाओं पर, ख़ास तौर पर ग़ुस्से पर, क़ाबू रखें। आज आपको अपना धन खर्च करने की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि घर का कोई बड़ा आज आपको धन दे सकता है। पुराने दोस्त मददगार और सहयोगी साबित होंगे। आपके जीवन में प्रेम की बहार आ सकती है; आपको ज़रूरत है तो बस अपने आख-कान खुले रखने की।

मीन: अपने जीवनसाथी के मामले में ग़ैर-ज़रूरी टांग अड़ाने से बचें। अपने काम-से-काम रखना बेहतर रहेगा। कम-से-कम दख़ल दें, नहीं तो इससे निर्भरता बढ़ सकती है। आज के दिन भूलकर भी किसी को पैसे उधार न दें और यदि देना जरुरी हो तो देने वाले से लिखित में लें कि वो पैसा वापस कब करेगा। पुराने परिचितों से मिलने-जुलने और पुराने रिश्तों को फिर से तरोताज़ा करने के लिए अच्छा दिन है।

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जल जीवन मिशन के जरिये नल से जल ढाई वर्ष में तीन गुना अधिक घरों में पहुंचा

रांची,27.05.2022। जल जीवन मिशन के जरिये अबतक आठ लाख से अधिक घरों में मिल रहा पेयजल. जल जीवन मिशन की परिकल्पना ग्रामीण झारखण्ड के सभी घरों में 2024 तक नल से जल उपलब्ध कराने के लिए लक्षित की गई है। इसके तहत भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुन: पानी का उपयोग भी होगा। लक्ष्य का पीछा करते हुए राज्य सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 के अंत तक 59,23,320 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन से आच्छादित करने के लक्ष्य के मुकाबले कोरोना संक्रमण काल के बावजूद विगत ढाई वर्ष में 20 प्रतिशत घरों तक नल से जल की पहुंच सुनिश्चित की गई है।

मिशन के जरिये 25 मई 2022 तक 11,82,692 ग्रामीण परिवारों को नल से जल के तहत गृह संयोजन से कवर किया गया है। राज्य के कुल 29,657 गांवों में से 965 गाँव का हर घर जल वाला बन चुका है। 12,083 गांवों में कार्य प्रगति पर है, जबकि निकट भविष्य में शेष 16,708 गांवों में कार्य प्रारंभ करने हेतु योजना या तो स्वीकृत की गई हैं या डीपीआर तैयार किया गया है।

तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई

जल जीवन मिशन के तहत 2019 के बाद जरूरतमंदों के घरों तक नल से जल पहुँचाने में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रामीण घरों में नल से जल आपूर्ति के लिए राज्य के 59,23,320 घर को लक्षित किया गया है। 2019 की स्थिति को देखें तो नल कनेक्शन वाले कुल घर 3,45,165 थे, जबकि मई 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 11,83,632 हो गई है। मिशन के शुभारंभ के बाद कुल प्रदान किए गये नल कनेक्शन 8,38,467 हैं। जल जीवन मिशन के माध्यम से सबसे अधिक बोकारो के 89,901, धनबाद के 66,669, पूर्वी सिंहभूम के 56,702 घरों में शुद्ध पेयजल नल के माध्यम से पहुंचाया गया है। राज्य के कुल 41,408, सरकारी स्कूलों में से 7,450 स्कूल एवं 1,758 आंगनबाड़ी केन्द्रों में नल से जल पहुंचाया गया है। जल जीवन मिशन पानी के लिए एक सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित महत्वाकांक्षी योजना है और इसमें मिशन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार को शामिल किया गया है। राज्य सरकार जल जीवन मिशन को जन आंदोलन बनाना चाहती है, ताकि यह सबकी प्राथमिकता बन जाए।

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नेहरू सेंटर में इंडियन आर्ट फेस्टिवल का आयोजन

26.05.2022 – 2 साल कोरोना महामारी के बाद इंडियन आर्ट फेस्टिवल का आयोजन 26 मई से 29 मई तक नेहरू सेंटर (मुम्बई) में किया गया है। जहाँ पर 45 आर्ट गैलरीज लगाई गई हैं, जिसमे 550 आर्टिस्ट अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं जो 4 ग्लोबल शहरों से आये हैं। इसके पहले दिल्ली और बैंगलोर में इंडियन आर्ट फेस्टिवल का 10वां सीजन काफी सफल रहा और अब इसे मुंबई में लोगों का ढेर प्यार मिल रहा हैं। इंडियन आर्ट फेस्टीवल में अपनी बेटी एरियाना के साथ पहुंची एक्ट्रेस महिमा चौधरी साथ ही पायल रोहतगी और संग्राम सिंह ने भी दीप प्रज्वलित कर कहा “कला का आनंद लो और फिट रहो”।

इसके अलावा इंडियन आर्ट फेस्टिवल में पद्मश्री शोमा घोष, विख्यात सिंगर मनहर उधास, तबला मास्टर और म्यूजिक प्रोड्यूसर जीतू शंकर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर इस फेस्टिवल की शोभा बढ़ाई।

साथ ही डॉ. सरयू दोषी, विलास शिंदे,चरन शर्मा, निमिषा शर्मा, पृथ्वी सोनी और गौतम पटोलें जैसे वेटेरन आर्टिस्ट और डॉ अनुषा श्रीनिवासन अय्यर ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन कर इस फेस्टिवल में एक जान डाल दी।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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निर्देशक साजन अग्रवाल की नवीनतम हिंदी वीडियो एल्बम ‘एक लड़की’

27.05.2022 –  फिल्मी क्लैप प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले निर्देशक साजन अग्रवाल के निर्देशन में बनने वाली हिंदी वीडियो एल्बम ‘एक लड़की’ का एक गीत संगीतकार सुमित साहा के संगीत निर्देशन में ऋषभ गिरी के स्वर में कृष्णा स्टूडियो (मुम्बई) में रिकॉर्ड कर लिया गया है। इस गीत को लिखा है साजन अग्रवाल ने।इस वीडियो एल्बम को गुरुजी कैलाश रायगर प्रोड्यूस कर रहे हैं।

निर्देशक साजन अग्रवाल के निर्देशन में निर्मित ‘माँ ओ माँ’ जो  बॉलीवुड में अदाकारा मंदाकिनी की वापसी का प्रतीक है। इसके बाद ‘एक लड़की’ उनकी नवीनतम प्रस्तुति है। 2010 से संगीत के क्षेत्र में सक्रिय असम की धरती से जुड़े युवा संगीतकार सुमित साहा ने इस हिंदी वीडियो एल्बम के लिए आमलीक से हट कर कर्णप्रिय संगीत दिया है।

इस लव ट्राएंगल संगीतमय स्टोरी में रूचि गुर्जर, अमन वर्मा और जुबिन साहा नजर आएंगे। गाने की शूटिंग मुंबई की खूबसूरत लोकेशन पर की जाएगी।2022 के अंत से पहले दर्शकों को इस इमोशनल बॉलीवुड सॉन्ग का शानदार ट्रीट मिलेगा।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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आज का राशिफल

मेष: आपका विनम्र स्वभाव सराहा जाएगा। कई लोग आपकी ख़ासी तारीफ़ कर सकते हैं। आपकी ग़ैर-यथार्थवादी योजनाएं आपके धन को कम कर सकती हैं। कोई चि_ी या ई-मेल पूरे परिवार के लिए अच्छी ख़बर लाएगी।

वृष: अपने विचार और ऊर्जा को उन कामों में लगाएं, जिनसे आपके सपने हक़ीक़त का रूप ले सकते हैं। सिफऱ् खय़ाली पुलाव पकाने से कुछ नहीं होता है। अभी तक आपके साथ समस्या यह है कि आप कोशिश करने की बजाय केवल इच्छा करते हैं। व्यापार को मजबूती देने के लिए आज आप कोई अहम कदम उठा सकते हैं जिसके लिए आपका कोई करीबी आपकी आर्थिक मदद कर सकता है।

मिथुन: दूसरों की इच्छाएं आपकी अपना ख्य़ाल रखने की इच्छा से टकराएगी- अपने जज़्बात को बांधे नहीं और वे काम करें जिससे आपको सुकून मिले। अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर आज आप भविष्य के लिए कोई आर्थिक योजना बना सकते हैं और उम्मीद है कि यह योजना सफल भी होगी।

कर्क: जीवनसाथी के किसी अचानक काम की वजह से आपकी योजनाएं बिगड़ सकती हैं, लेकिन फिर आपको महसूस होगा कि जो होता है अच्छे के लिए ही होता है। आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। जेवर और एंटीक में निवेश फ़ायदेमंद रहेगा और समृद्धि लेकर आएगा।

सिंह: किसी दोस्त की ज्योतिषीय सलाह आपकी सेहत के लिए काफ़ी उपयोगी रहेगी। आर्थिक तौर पर सिफऱ् और सिफऱ् एक स्रोत से ही लाभ मिलेगा। दूसरों को प्रभावित करने की आपकी क्षमता आपको कई सकारात्मक चीज़ें दिलाएगी।

कन्या: शारीरिक लाभ के लिए, विशेषकर मानसिक तौर पर मज़बूती हासिल करने के लिए ध्यान और योग का आश्रय लें। जिन लोगों ने कहीं निवेश किया था आज के दिन आपको आर्थिक हानि होने की संभावना है। छोटे बच्चे आपको व्यस्त रखेंगे और दिली सुकून देंगे।

तुला: ज़रूरत से ज़्यादा खाने से बचें और सेहतमंद रहने के लिए नियमित व्यायाम करें। करीबी रिश्तेदारों के घर जाना आज आपकी आर्थिक स्थिति को बिगाड़ सकता है। आपका ज्ञान और हास-परिहास आपके चारों ओर लोगों को प्रभावित करेगा। रोमांस के लिए अच्छा दिन है।

वृश्चिक: सुकून हासिल करने लिए कुछ पल कऱीबी दोस्तों के साथ बिताएँ। पैसा अचानक आपके पास अएगा, जो अपके ख़र्चों और बिल आदि को सम्हाल लेगा। घर के माहौल की वजह से आप उदास हो सकते हैं। किसी से आंखें चार होनी की काफ़ी संभावना है।

धनु: ख़ुद अपना इलाज करने से बचें, क्योंकि दवाई पर आपकी निर्भरता बढऩे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। चंद्र की स्थिति की वजह से आज आपका धन बेवजह की चीजों पर खर्च हो सकता है।

मकर: कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों का दबाव और घर में अनबन के चलते आपको तनाव का सामना करना पड़ सकता है,। अगर आपका धन से जुड़ा कोई मामला कोर्ट-कचहरी में अटका था तो आज उसमें आपको विजय मिल सकती है और आपको धन लाभ हो सकता है।

कुंभ: शारीरिक लाभ के लिए, विशेषकर मानसिक तौर पर मज़बूती हासिल करने के लिए ध्यान और योग का आश्रय लें। ग्रह नक्षत्रों की चाल आपके लिए आज अच्छी नहीं है, आज के दिन आपको अपने धन को बहुत सुरक्षित रखना चाहिए।

मीन: आज आपके पास अपनी सेहत और लुक्स से जुड़ी चीज़ों को सुधारने के लिए पर्याप्त समय होगा। रात के समय आप आज आपको धन लाभ होने की पूरी संभावना है क्योंकि आपके द्वारा दिया गया धन आज आपको वापस मिल सकता है। आपकी ज्ञान की प्यास आपको नए दोस्त बनाने में मददगार साबित होगी।

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न्यूज़ीलैंड में जन्मी शर्ली सेतिया है लव एडिक्ट

26.05.2022 – क्यूट, बबली और चार्मिंग…फिल्म निकम्मा के ट्रेलर में लीड अभिनेत्री शर्ली सेतिया को देखने के उपरांत आप भी उनकी क्यूटनेस के दीवाने हो जाएंगे. शर्ली को निकम्मा के ट्रेलर में बहुत नोटिस भी किया जा रहा है. अभिनेत्री की मिलियन डॉलर स्माइल ऊपर से क्यूट अदाएं, शर्ली की ब्यूटी का हर कोई दीवाना होने लगा है. अब जिस अभिनेत्री को इंटरनेट पर इतना सर्च किया जा रहा हो उसके बारे में डिटेल में जान लेते है.

आपको इस बारें में जानकर हैरानी होने वाली है कि शर्ली यूट्यूब सेंसेशन हैं. शर्ली का जन्म इंडिया में हुआ लेकिन वो न्यूजीलैंड में पली बढ़ी हैं. वे पेशे से सिंगर, यूट्यूबर और अभिनेत्री हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड से शर्ली ने ग्रैजुएशन पूरा किया है. मार्केटिंग और पब्लिसिटी में ऑकलैंड काउंसिल से शर्ली ने इंटरनशिप की थी. लेकिन किसे मालूम था शर्ली को तो ग्लैमर वर्ल्ड में आना था और इंटरनेट सेंसेशन बनने का सपना था.

बता दें कि शर्ली ने टी-सीरीज के एक कॉन्टेस्ट में पार्टिसिपेट भी कर रहे थे. उनकी यूट्यूब एंट्री को उनके बेडरूम में रिकॉर्ड कर लिया था जिसमें शर्ली ने पायजामा पहन रखा था. बस इसी के बाद से शर्ली को नया नाम पायजामा पॉपस्टार भी मिल गया. इस कॉन्टेस्ट के लिए विश्वभर से हजार क्लिप्स आई थीं जिनमें से शर्ली विनर बन गई थी. शर्ली ने रेडियो शो में काम किया है. ऑकलैंड में होने वाले लोकल कंपटीशन में वे पार्टिसिपेट करती थीं. वर्ष 2016 में शर्ली ने मुंबई और हैदराबाद में अपना पहला कंसर्ट भी पूरा किया था. शर्ली को इंडिया की यूट्यूब सेंसेशन का टैग हासिल हुआ है.

शर्ली को यूट्यूब ने बतौर यूट्यूब क्रिएटर 2016, 2017 में मुंबई में हुए यूट्यूब फैनफेस्ट में लाइव परफॉर्म करने के लिए इन्वाइट किया था. शर्ली के यूट्यूब पर 3.83 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं. शर्ली यूट्यूब पर बॉलीवुड गानों के अपने सिंगिंग वर्जन पोस्ट करती हैं.

जिसके साथ शॉर्ट्स वीडियो, व्लॉग भी चला रही है. सिंगिंग के उपरांत शर्ली ने एक्टिंग करियर की तरफ फोकस किया. (एजेंसी)

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बबिता जी फ्लोरल प्रिंटेड जंप सूट में बेहद हॉट लगीं 

26.05.2022 – बबिता जी फ्लोरल प्रिंटेड जंप सूट में बेहद हॉट लगीं . तारक मेहता का उल्टा चश्मा की बबीता जी यानी मुनमुन दत्ता सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है। वह अक्सर अपनी ऐसी तस्वीरें और वीडियो फैंस के साथ शेयर करती रहती है, जिस पर फैंस दिल खोलकर प्यार बरसाते हैं। इसी कड़ी में अब मुनमुन दत्ता ने शॉर्ट ड्रेस पहनकर कुछ ऐसे पोज दिए हैं, जिससे गर्मी के मौसम में और गर्मी बढ़ गगई है।

मुनमुन दत्ता ने जो तस्वीरें शेयर की है उसमें वे फ्लोरल प्रिंटेड जंप सूट में नजर आ रही हैं, जिसमें वह बेहद हॉट लग रही हैं। उनके इस लुक पर फैंस का दिल आ गया है। खुले हुए बाल और न्यूड मेकअप एक्ट्रेस के लुक को और हॉट बना रहा है। उन्होंने कैमरे के सामने अलग-अलग पोज में तस्वीरें क्लिक करवाई हैं।

तस्वीरों में मुनमुन दत्ता का कातिलाना अंदाज साफ नजर आ रहा है। उन्होंने अपनी इन नई तस्वीरों को इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है, अब यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। फैंस तरह-तरह के कमेंट भी कर रहे हैं। एक ने लिखा, बहुत खूबसूरत। दूसरे फैन ने कमेंट किया, गॉर्जस लग रही हो। इसके अलावा यूजर्स ने हार्ट और फायर इमोजी की बरसात भी कर रहे हैं। (एजेंसी)

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गर्मी में संतरे का जूस पीने से सेहत में होने वाले फायदे 

26.05.2022 – गर्मी के मौसम में स्वस्थ और सेहतमंद रहने के लिए आप संतरे का सेवन करे संतरे खाना ज्यादातर लोगो को पसंद है ये काफी टेस्टी और पौष्टिक होते है इनका सेवन करने से शरीर से जुडी कई समस्या दूर होती है संतरे में कई पोषक तत्व पाए जाते है इसमें विटामिन,आयरन ,कैल्शियम मौजूद होता है इसे खाने से शरीर में अलग अलग लाभ होते है इस मौसम में आप संतरे का जूस का सेवन करे इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है तो चलिए जानते है संतरे का जूस पिने से होने वाले इन फायदों के बारे में
संतरे का जूस पीने से सेहत में कई लाभ होते है इसमें विटामिन ज्यादा पाया जाता है और एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद है ऐसे में इसका सेवन करने से त्वचा की चमक बढ़ती है इससे त्वचा से जुडी समस्या दूर होती है और चेहरे पर दाग धब्बे दूर होते है और संतरे का जूस पीने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है इससे शरीर कई बीमारियों से बचा रहता है।
जिन लोगो हार्ट से जुडी समस्या रहती है उन लोगो को संतरे का जूस पीना चाहिए संतरे का जूस पिने से दिल स्वस्थ रहता है इससे दिल से जुडी समस्या दूर होती है.

अगर आपका वजन बढ़ गया है तो ऐसे में आप संतरे के जूस का सेवन करे इससे वजन जल्दी कम होता है और शरीर में होने वाली सूजन से आराम मिलता है। (एजेंसी)

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आपका वजन ऑफिस में इन खराब आदतों की वजह से बढ़ सकता है

26.05.2022 – वजन घटाना सचमुच एक बड़ी समस्या बना हुआ है। वजन के लगातार बढऩे के पीछे आज सबसे बड़ा कारण है लंबे समय तक बैठे-बैठे काम करना। कई घंटों तक लगातार एक ही जगह पर बैठकर काम करने वालों का न सिर्फ वजन बढ़ता है, बल्कि इससे सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

ऐसे में अगर आपका भी काम लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने का है तो हम आपको कुछ आसान टिप्स बताने जा रहे है जिनकी मदद से आप अपना वजन घटा सकते हैं। जी हां, ऑफिस में कुछ हेल्दी टिप्स फॉलो करके शरीर के बढ़ते वजन को कंट्रोल किया जा सकता हैं। इन टिप्स की मदद से न सिर्फ वजन कंट्रोल में रहेगा साथ थी लंबे समय तक बैठे रहने से होने वाली शारीरिक परेशानियों से भी छुटकारा मिलेगा। इसके लिए बस आपको अपनी कुछ गलत आदतों को छोडऩा होगा।

डेस्क से चिपके रहना

कई लोग डेस्क पर लगातार बैठकर काम करने में लगे रहते हैं। अगर आपकी भी यह आदत है तो सबसे पहले इसको बदल दें। इस तरह की आदतों की वजह से शरीर का वजन तेजी से बढ़ सकता है। दरअसल, आप अपने ऑफिस का टास्क पूरा करने के लिए अपने शरीर की एक्टिविटी पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से आपके शरीर की कैलोरी बर्न नहीं होती है। इस स्थिति में शरीर का वजन बढ़ सकता है।

काम का स्ट्रेस

काम का स्ट्रेस लंबे समय तक लेने की वजह से शरीर का वजन बढ़ सकता है। इसलिए ऑफिस के काम को कभी भी स्ट्रेस के रूप में न लें। बल्कि काम को आराम-आराम से दिल लगाकर पूरा करने की कोशिश करें। इससे आपके शरीर का वजन कंट्रोल रहेगा। वहीं, बढ़ते वजन की परेशानी से छुटाकारा मिल सकता है साथ ही मानसिक चिंता से भी छुटकारा मिलेगा।

लंच सही समय पर न करना

ऑफिस में काम के लोड के चलते कई बार हम लंच को स्किप कर देते हैं या फिर देरी से लंच करते हैं। ऐसा करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। आपकी यह आदत आपका वजन बाधा सकती है। इसलिए कोशिश करें कि लंच हमेशा समय पर करें। कभी भी लंच को स्किप न करेँ। इसे आपके शरीर का वजन संतुलित रहेगा।

जल्दी-जल्दी खाना

काम के चक्कर में कई बार हम जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं तो आपको बता दे ऐसा बिलकुल ही न करें। ऐसा करने से आपकी पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है और आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं।

अन हेल्दी खाना

काम में व्यस्त होने के कारण कई बार लोग कुकीज जैसी कई अन हेल्दी चीजों का सेवन दिनभर करते रहते है। जिसके कारण आपके शरीर में कैलोरी बढऩे लगती है और मोटापा बढ़ सकता है।

लेट नाइट शिफ्ट

लेट नाईट तक शिफ्ट करने के कारण कई लोग रात में देर से सोते है और ऐसे लोग भूख लगने पर जरूरत से ज्यादा कैलरी लेते है। जिस वजह से मोटापे की समस्या हो सकती है। लेट नाइट शिफ्ट में लोग अक्सर समय से खाना नहीं खा पाते। उनके खाने का समय रोजाना बदलता रहता है। (एजेंसी)

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पंडित नेहरू का भारत निर्माण में अभूतपूर्व योगदान है!

नेहरू जी के पुण्यतिथि पर विशेष

– डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट – भारत निर्माण में अभूतपूर्व योगदान है पंडित नेहरू का!. महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी सुख सुविधाओं को त्याग कर आजादी के आंदोलन में भाग लिया था। वे अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़े थे।

चाहे असहयोग आंदोलन की बात हो या फिर नमक सत्याग्रह या फिर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन हो ,उन्होंने गांधी जी के हर आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। पंडित जवाहरलाल नेहरू की विश्व के बारे में जानकारी से गांधी जी काफ़ी प्रभावित होते थे और इसीलिए आज़ादी के बाद वह उन्हें प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहते थे।महात्मा गांधी के ही प्रयास से वे देश के प्रथम प्रधानमंत्री बन पाए।

सन् 1920 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जि़ले में पहले किसान मार्च का आयोजन किया था। सन 1923 में पंडित नेहरु अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव चुने गए।सन 1952 में देश मे पहले आमचुनाव हुए ,जिसमें कांग्रेस पार्टी भारी बहुमत से सत्ता में आई और पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री चुने गए। इससे पहले वह सन1947 में आज़ादी मिलने के बाद से अंतरिम प्रधानमंत्री थे।

संसद की 497 सीटों के साथ-साथ राज्यों की विधानसभाओं के लिए भी चुनाव हुए थे। लेकिन जहाँ संसद में कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ ,वहीं कुछ राज्यों में कांग्रेस को दूसरे दलों से ज़बर्दस्त टक्कर मिली थी। कांग्रेस पार्टी बहुमत हासिल करने में चेन्नई, हैदराबाद और त्रावणकोर जैसे शहरों में विफल रही थी, उसे कम्युनिस्ट पार्टी ने कड़ी टक्कर दी थी।

हालाँकि इन चुनावों में हिन्दू महासभा और अलगाववादी सिक्ख अकाली पार्टी को मुँह की खानी पड़ी थी। पहले चुनाव के बाद से ही कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने दक्षिणी राज्यों में जनसमर्थन बढ़ाना शुरू कर दिया था, जिसके नतीजे सन 1957 में हुए चुनाव में उसे मिले। त्रावणकोर-कोचिन और मालाबार को मिला कर बने केरल में कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में आई।

सन1929 में जब लाहौर अधिवेशन में गांधी ने नेहरू को अध्यक्ष पद के लिए चुना था, तब से 35 वर्षों तक यानि सन 1964 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए पंडित नेहरू ने देश में विकास पटरी बिछाई थी , सन1962 में चीन से हारने के बावजूद, नेहरू अपने देशवासियों के आदर्श बने रहे। राजनीति के प्रति उनका धर्मनिरपेक्ष रवैया गांधी के धार्मिक और पारंपरिक दृष्टिकोण से भिन्न था।

गांधी जी वस्तुत: सामाजिक उदारवादी थे, जो देश को धर्मनिरपेक्ष बनाने की चेष्ठा कर रहे थे। नेहरु लगातार आधुनिक संदर्भ में बात करते थे। वहीं गांधी प्राचीन भारत के गौरव पर बल देते थे।देश के इतिहास में एक ऐसा अवसर भी आया था, जब महात्मा गांधी को स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पद के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहरलाल नेहरू में से किसी एक का चयन करना था।

लौह पुरुष के सख्त तेवर के सामने नेहरू का विनम्र राष्ट्रीय दृष्टिकोण भारी पड़ा और वह न सिफऱ् इस पद पर चुने गए, बल्कि उन्हें सबसे लंबे समय तक विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की बागडोर संभालने का गौरव हासिल भी हुआ।
पंडित जवाहरलाल नेहरू एक महान् राजनीतिज्ञ , प्रभावशाली वक्ता ही नहीं, प्रसिद्ध लेखक भी रहे। उनकी आत्मकथा सन 1936 ई. में प्रकाशित हुई थी।

उनकी अन्य पुस्तकों में भारत एक खोज, भारत और विश्व, सोवियत रूस, विश्व इतिहास की एक झलक, भारत की एकता और स्वतंत्रता और उसके बाद उल्लेखनीय हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश में औद्योगीकरण को महत्व बहुत महत्व दिया। भारी उद्योगों की स्थापना को उन्होंने प्रोत्साहन दिया। विज्ञान के विकास के लिए सन1947 ई. में नेहरू ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस की स्थापना की।

भारत के विभिन्न भागों में स्थापित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अनेक केंद्र इस क्षेत्र में उनकी दूरदर्शिता के स्पष्ट प्रतीक हैं। खेलों में नेहरू की खास रुचि थी। उन्होंने खेलों को मनुष्य के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए आवश्यक बताया था। एक देश का दूसरे देश से मधुर सम्बन्ध क़ायम करने के लिए सन 1951 ई. में उन्होंने दिल्ली में प्रथम एशियाई खेलों का आयोजन कराया था।

नेहरू ने भारत में लोकतांत्रिक समाजवाद की स्थापना का लक्ष्य रखा था। उन्होंने आर्थिक योजना की आवश्यकता पर भी बल दिया। वे सन 1938 ई. में कांग्रेस द्वारा नियोजित राष्ट्रीय योजना समिति के अध्यक्ष भी बने। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् वे राष्ट्रीय योजना आयोग के प्रधान बने।

नेहरू के व्यक्तिगत प्रयास से ही भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया था।जवाहरलाल नेहरू ने निर्गुटता एवं पंचशील जैसे सिद्धान्तों का पालन कर विश्व बन्धुत्व एवं विश्वशांति को प्रोत्साहन दिया। उन्होंने पूंजीवाद, साम्राज्यवाद, जातिवाद एवं उपनिवेशवाद के ख़िलाफ़ जीवनपर्यन्त संघर्ष किया।

अपने क़ैदी जीवन में जवाहरलाल नेहरू ने डिस्कवरी ऑफ़ इण्डिया, ग्लिम्पसेज ऑफ़ वर्ल्ड हिस्ट्री एवं मेरी कहानी नामक पुस्तकों की रचना कर स्वयं को एक लेखक के रूप में भी सिद्ध किया।उनको बच्चे बहुत प्रिय रहे,बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू के रूप में सम्मान देते थे।तभी तो उनका जन्मदिन बालदिवस के रूप में मनाया जाता है।

चाचा नेहरू अब आ भी आओ
हमको अच्छे खिलौने दिलाओ
समय अब बहुत बदल गया है
बच्चों का भी खेल बदल गया है
गिल्ली डंडा ,कबड्डी नही रहे अब
कुश्ती,खो खो इतिहास हो गए अब
सब पर क्रिकेट का जुनून सवार है
मोबाईल खेल का बड़ा हथियार है
सांप सीडी लूडो से नही प्यार है
कार्टून फिल्मे ही हमे भाती है
कम्प्यूटर गेम खूब लुभाती है
गुलाब का फूल अब नही लेंगे
मिठाई भी पसन्द हम नही करेंगे
चावमीन, पिज्जा अच्छा लगता है
चॉकलेट, बर्गर हमे बहुत भाता है
बाल कल्याण की कोई नीति नही है
हमे लुभाने की कोई रीति नही है
चाचा नेहरू सिर्फ तुम्ही थे अपने
तुम्हारे बिन हमारे ध्वस्त है सपने
आज के नेताओं को सद्बुद्धि दे दो
बालदिवस पर एक छुट्टी दिला दो।

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