थलापति विजय की फिल्म बीस्ट कुवैत में प्रतिबंधित हुई?

07.04.2022 – थलापति विजय की फिल्म बीस्ट कुवैत में प्रतिबंधित हुई? साउथ सुपरस्टार थलापति विजय अपनी फिल्म बीस्ट को लेकर छाए हुए हैं। जब से फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है, अभिनेता विजय का जादू छाया हुआ है। फैंस उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ कर रहे हैं। यह फिल्म 13 अप्रैल को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। रिलीज से महज कुछ दिन पहले अब मेकर्स को झटका लग गया है। दरअसल, कुवैत में फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।रिपोर्ट के मुताबिक, कुवैत में विजय की फिल्म बीस्ट की रिलीज पर रोक लगा दी गई है। खबरों की मानें तो कुवैत के सूचना मंत्रालय ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाया है।

कहा जा रहा है कि फिल्म में इस्लामिक आतंकवाद के सीन्स दिखाए गए हैं, जोकि कुवैत के हितों के खिलाफ हैं। इसमें पाकिस्तान को गलत तरीके से चित्रित करने का आरोप लगाया गया है। इन्हीं वजहों से सरकार ने फिल्म पर बैन लगाया है। एक सूत्र ने बताया फिल्म बीस्ट में विजय का कैरेक्टर पाकिस्तान के एक उच्च अधिकारी के साथ संघर्ष में पड़ जाता है। इसलिए, कुवैत का सेंसर बोर्ड निर्माताओं द्वारा पाकिस्तान विरोधी भावना के चित्रण से खुश नहीं था। सूत्र ने आगे बताया, चूंकि फिल्म में यह सीक्वेंस महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे एडिट करने का कोई विकल्प नहीं था। इसके परिणामस्वरूप कुवैत में सूचना मंत्रालय ने बीस्ट को रिलीज नहीं होने देने का फैसला किया।

फिल्म समीक्षक रमेश बाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट लिखकर जानकारी दी थी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था, सूचना मंत्रालय द्वारा कुवैत में बीस्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसका कारण हो सकता है पाकिस्तान का चित्रण, आतंकवाद या हिंसा। हाल ही में फिल्म कुरुप और एफआईआर पर भी कुवैत में बैन लगा दिया गया था। अन्य देशों की तुलना में गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (त्रष्टष्ट) में कुवैत सेंसर बोर्ड काफी सख्त रवैया अपना रहा है। एक ट्रेड एक्सपर्ट ने कहा, कुवैत एक महत्वपूर्ण विदेशी क्षेत्र है।

हालांकि, इस बैन का फिल्म पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इसे यूएई, कतर, बहरीन आदि देशों में मंजूरी मिल गई है। फिल्म को उत्तरी अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी पूरी तरह से रिलीज किया जाएगा। फिल्म के हिन्दी वर्जन का टाइटल रॉ रखा गया है और इसे हिन्दी भाषी बाजारों में लगभग 600-700 स्क्रीन पर रिलीज किया जाएगा। विजय के अलावा फिल्म बीस्ट में पूजा हेगड़े दिखने वाली हैं। फिल्म के हिन्दी ट्रेलर को बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन ने लॉन्च किया था। ट्रेलर में विजय का एक्शन अवतार दर्शकों को पसंद आया है। फिल्म में वह एक रॉ एजेंट वीरा राघवन की भूमिका में दिखने वाले हैं।

फिल्म की कहानी आतंकवादियों के हाईजैक की एक घटना के इर्दगिर्द घूमती है। नेल्सन दिलीपकुमार ने फिल्म का निर्देशन किया है। बीस्ट की टक्कर केजीएफ चैप्टर 2 और जर्सी से होगी। केजीएफ चैप्टर 2 और जर्सी दोनों फिल्में 14 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। केजीएफ चैप्टर 2 में जहां यश लीड रोल में हैं, वहीं जर्सी में बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर दिखेंगे। (एजेंसी)

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गूगल ने डेटा क्लाउड एलायंस की घोषणा

नई दिल्ली,06 अप्रैल। गूगल ने एक नए डेटा क्लाउड एलायंस की घोषणा की, जो डेटा को अधिक पोर्टेबल और व्यावसायिक प्रणालियों, प्लेटफार्मों और वातावरण में सुलभ बनाएगा। गठबंधन में संस्थापक भागीदार के रूप में एक्सेंचर, कंफ्लुएंट, डेटाब्रिक्स, डेटैकु, डेलॉइट, मोंगोडीबी, रेडिस, स्टारबस्र्ट और अन्य हैं।

सदस्य कई वातावरणों में कई प्लेटफार्मों और प्रोडक्टस के बीच डेटा पोर्टेबिलिटी और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचा, एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) और एकीकरण का समर्थन प्रदान करेंगे। 2023 तक, 60 प्रतिशत संगठन तीन या अधिक एनालिटिक्स समाधानों का उपयोग व्यावसायिक एप्लीकेशन्स के निर्माण के लिए करेंगे ताकि अंतदृष्टि को कार्यों से जोड़ा जा सके।
गूगल क्लाउड में उत्पाद प्रबंधन के निदेशक सुधीर हस्बे ने कहा, संगठनों को डेटा-संचालित परिवर्तनों में तेजी लाने के लिए फ्लेक्सिबिलिटी, अंतर-क्षमता और चुस्ती प्रदान करने के लिए, हमने अपने डेटा क्लाउड पार्टनर इकोसिस्टम का काफी विस्तार किया है और कई नए क्षेत्रों में अपने पार्टनर निवेश को बढ़ा रहे हैं।

मंगलवार की देर रात अपने डेटा क्लाउड समिट के हिस्से के रूप में, गूगल क्लाउड ने ग्राहकों के सवालों के साथ मान्य साझेदार एकीकरण की पहचान करने में मदद करने के लिए एक नई गूगल क्लाउड रेडी बिगक्येरी पहल शुरू की और भागीदारों को अपने डेटा को साझा करने और मुद्रीकृत करने में मदद करने के लिए अपने एनलाइटिक्स हब का एक पब्लिक प्रिव्यु किया।

एनलाइटिक्स हब बिगक्येरी पर निर्मित एक पूरी तरह से प्रबंधित सेवा है जो डेटा साझाकरण भागीदारों को किसी भी संगठनात्मक सीमा के पार मूल्यवान डेटा और विश्लेषण संपत्तियों का कुशलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से आदान-प्रदान करने की अनुमति देती है।

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64वें ग्रैमी अवार्ड्स समारोह में संगीतकार ए. आर. रहमान ने शिरकत की

06.04.2022 – 64वें ग्रैमी अवार्ड्स समारोह में संगीतकार ए. आर. रहमान ने शिरकत कीसंगीत की दुनिया का सबसे बड़े पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड्स समारोह का आयोजन इस बार अमेरिका के लॉस वेगास स्थित नेशनल एकेडमी ऑफ रिकॉर्डिंग आर्ट्स एंड साइंसेज में किया गया। दो बार ग्रैमी अवार्ड्स से सम्मानित भारतीय संगीतकार ए. आर. रहमान ने अपने पुत्र एवं पार्श्व गायक ए.आर. अमीन के साथ इस बार के 64वें ग्रैमी अवार्ड्स समारोह में शिरकत की।

इस बार इस समारोह में न्यूयॉर्क की भारतीय-अमेरिकी गायिका फाल्गुनी शाह और बेंगलुरू में रहने वाले संगीतकार रिक्की केज़ को भी ‘ग्रैमी अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। फाल्गुनी शाह को ‘ए कलरफुल वर्ल्ड’ के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल एल्बम श्रेणी में ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। वहीं, रिक्की केज़ को ‘डिवाइन टाइड्स’ के लिए सर्वश्रेष्ठ नये एल्बम की श्रेणी में ग्रैमी अवार्ड से नवाजा गया। ग्रैमी अवॉर्ड हॉलीवुड का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड है जिसमें म्यूजिक जगत से जुड़े सितारों को अलग-अलग कैटेगरी में अवॉर्ड देकर सम्मानित किया जाता है।

इसकी शुरुआत 4 मई 1959 की गई थी। पहले ग्रैमी अवॉर्ड समारोह में वर्ष 1958 के लिए कलाकारों की संगीत उपलब्धियों का सम्मान और सम्मान करने के लिए आयोजित किया गया था। ग्रैमी अवॉर्ड का ट्रॉफी सोने का पानी चढ़ा हुआ ग्रामोफोन का प्रतिनिधित्व करता है। 64वें एनुअल ग्रैमी अवार्ड्स समारोह में के दिग्गज म्यूजीशियंस, सिंगर्स, कंपोजर्स आदि ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बेस्ट न्यू आर्टिस्ट का अवॉर्ड आलीविया रोड्रीगो को मिला तो वहीं बेस्ट ट्रेडिशनल पॉप वोकल के लिए लेडी गागा को इस अवॉर्ड से नवाजा गया। विश्वविख्यात सिंगर लेडी गागा भी इस अवॉर्ड शो में अपने हुस्न का जमकर जलवा बिखेरा। अवॉर्ड से सम्मानित होने के बाद सेलिब्रिटीज ने फोटोशूट भी करवाया।

64वें एनुअल ग्रैमी अवार्ड्स :

* साल का बेस्ट गीत – ‘लीव द डोर ओपन’, ब्रैंडन एंडरसन, क्रिस्टोफर ब्रॉडी ब्राउन, डर्नस्ट एमिल और ब्रूनो मार्स, गीतकार सिल्क सोनिक
* बेस्ट न्यू आर्टिस्ट – ओलिविया रोड्रिगो
* बेस्ट पॉप सोलो परफॉर्मेंस – ‘ड्राइविंग लाइसेंस’
* बेस्ट ट्रेडिशनल पॉप वोकल एल्बम – ‘लव फॉर सेल’ टोनी बेनेटन और लेडी गागा
* बेस्ट पॉप वोकल – सोर, ओलीविया
* बेस्ट डांस  – अलाइव, रूफस डू सोल
* बेस्ट डांस, इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक एलबम – सबकॉन्शियस्ली, ब्लैक कॉफ़ी
* बेस्ट ऑल्टरनेटिव म्यूजिक एलबम –’डैडीज़ होम’, सेंट विंसेंट
* बेस्ट कंट्रेंप्रेरी इंस्ट्रूमेंटल एलबम – ‘ट्री फाल्स, टेयलर ईगस्टी’
* बेस्ट रॉक परफॉर्मेंस – मेकिंग अ फायर, फू फाइटर्स
* बेस्ट मेटल परफॉर्मेंस – ‘द एलियन’ ड्रीम थिएटर
* बेस्ट रॉक सॉन्ग – ‘वेटिंग ऑन अ वॉटर’, डावे ग्रोहल, टेयलर हॉकिंस , रैमी जैफी, नेट मेंडेल , क्रिस शिफ्लेट और पेट स्मेर , गीतकार फू फाइडर्स
* एलबम ऑफ द इयर विनर – ‘वी आर’, जोन बटीस्टे

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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श्रीलंका ने समय पर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए दिया भारत को धन्यवाद

कोलंबो ,06 अप्रैल। श्रीलंका भारी इकॉनमिक संकट का सामना कर रहा है। आर्थिक संकट के बीच आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही श्रीलंका दवाओं की आपूर्ति की कमी का भी सामना कर रहा है। लोग आर्थिक संकट के विरोध में सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। इस बीच श्रीलंका के नेशन आई हॉस्पिटल के डायरेक्टर ने भारत को दवाएं उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत द्वारा समय पर मदद ने स्वास्थ्य सुविधाओं के कामकाज को सुनिश्चित किया है।
श्रीलंका में दवाओं की किल्लत
नेशनल आई हॉस्पिटल कोलंबो के डायरेक्टर डॉक्टर दममिका ने कहा है कि हमारी अधिकांश दवाएं भारतीय क्रेडिट लाइन के तहत भारत से आ रही हैं और निकट भविष्य में और अधिक आपूर्ति हमारे पास आएगी। यह हमारे लिए एक बड़ी मदद है। मैं समर्थन के लिए भारत को धन्यवाद देता हूं। हमारे पास इस महीने के लिए हमारे अस्पताल में मेडिकल स्टॉक है और हमें स्वास्थ्य मंत्रालय से आपूर्ति मिल रही है, जबकि कुछ अस्पताल दवाओं की कमी का सामना कर रहे हैं।
श्रीलंका की करेंसी में भारी गिरावट
श्रीलंका मौजूदा वक्त में विदेशी मुद्रा की कमी का सामना कर रहा है जिसके कारण देश में खाने की चीज, फ्यूल, बिजली और गैस की कमी हो गई है। श्रीलंका ने आर्थिक मदद के लिए भारत और चीन के साथ ही आईएमएफ से भी मदद मांगी है। पिछले 8 मार्च से श्रीलंका की करेंसी में भारी गिरावट आई है। कोविड महामारी से पहले से ही श्रीलंका की इकॉनमी ढीली पड़ रही थी। कोरोना वायरस महामारी के बाद इकॉनमी को भयंकर नुकसान पहुंचा है।

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अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए 11 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन प्रारंभ

नई दिल्ली,06 अप्रैल (आरएनएस)। अमरनाथ यात्रा कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से बाधित बाबा बर्फानी की यह यात्रा 30 जून से शुरू होने वाली है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन 11 अप्रैल से शुरू होगी।

कोरोना महामारी के कारण अमरनाथ यात्रा पिछले दो साल से बाधित थी। लेकिन अब सरकार के निर्देश पर अमरनाथ यात्रा आगामी 30 जून से शुरू होने जा रही है। श्राइन बोर्ड के अनुसार, 11 अप्रैल से यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे।

बोर्ड का कहना है कि एक दिन में 20 हजार लोगों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। यही नहीं बोर्ड द्वारा निर्धारित काउंटरों के जरिए ही बाबा बर्फानी की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा।

गौरतलब है कि सरकारी निर्देशों के मुताबिक, 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और 13 साल से छोटे उम्र के बच्चों के लिए अमरनाथ यात्रा की अनुमति नहीं है। यही नहीं डेढ़ माह से अधिक गर्भवती महिला भी अमरनाथ यात्रा नहीं कर सकती है।

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कांग्रेस नेतृत्व से हकीकत यहीं है कि पार्टी नहीं संभल रही है

अजीत द्विवेदी –  कांग्रेस नेतृत्व से कोई कुछ भी कहे हकीकत यहीं है कि पार्टी नहीं संभल रही है। हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस नेतृत्व में पार्टी को संभालने का न तो जुनून दिख रहा है और न कोई ठोस संरचनात्मक योजना दिख रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस अब भी मजबूत है और सिर्फ चुनाव हार जाने से वह खत्म नहीं हो जाएगी। सैद्धांतिक रूप से यह बात ठीक है लेकिन कांग्रेस के सामने संकट सिर्फ यह नहीं है कि वह चुनाव हार रही है, बल्कि असली संकट यह है कि उसकी जगह लेने के लिए विकल्प उभर रहा है। भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे अच्छी बात यह थी कि हिंदुत्व की राजनीति के स्पेस में वह अकेली पार्टी थी।

इसलिए लगातार हारते रहने के बावजूद हिंदुत्व की विचारधारा और उसके राजनीतिक स्पेस की वह अकेली प्रतिनिधि पार्टी के तौर पर बची रही। इसके उलट कांग्रेस के आइडिया और उसके स्पेस में राजनीति करने वाली पार्टियों की भरमार है। कांग्रेस से अलग हुई पार्टियां हों या समाजवादी विचारधारा वाली पार्टियां हों या आम आदमी पार्टी हो सब कांग्रेस के आइडिया और उसके स्पेस में राजनीति कर रहे हैं। तभी कांग्रेस का संकट बहुत गहरा है।कांग्रेस का मौजूदा नेतृत्व इस संकट की गंभीरता को नहीं समझ रहा है या समझ रहा है तो उसके पास इस संकट से निपटने की कोई योजना नहीं है।

राजनीति एक जुनून है, जो सत्ता की अदम्य चाहना से निर्देशित होती है। सारी पार्टियां और नेता कहते हैं कि वे देश और जनता की सेवा के लिए राजनीति में आएं हैं लेकिन यह सिर्फ कहने की बात होती है। हर पार्टी और राजनेता को निर्देशित करने वाली केंद्रीय शक्ति सत्ता की भूख होती है। कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व में या कम से कम राहुल गांधी में उसकी कमी है। वे यह मान कर राजनीति नहीं करते हैं कि इसमें असफल हो गए तो दुनिया खत्म हो जाएगी! वे यह मान कर राजनीति करते हैं और चुनाव लड़ते हैं कि हार गए तो क्या हो जाएगा? क्योंकि कांग्रेस की लगातार हार से भी उनकी स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ता है

इसलिए वे जुनून के साथ न राजनीति करते हैं और न चुनाव लड़ते हैं। उनकी राजनीतिक ईमानदारी, बेबाकी और साहस अपनी जगह हैं लेकिन सिर्फ बयानों से राजनीति नहीं होती है।हकीकत यह है कि राहुल गांधी हों या कांग्रेस का पूरा मौजूदा नेतृत्व हो उसमें ऊर्जा का अभाव है। उसमें स्पष्ट वैचारिक सोच का अभाव है। उसको समझ में नहीं आ रहा है कि उसकी वैचारिक व राजनीतिक विशिष्टता क्या है! उसके नेता हिंदुत्व की राजनीति की काट में कभी मंदिरों में दौड़ते हैं और भारत के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को चोट पहुंचाने वाली बातों पर भी चुप रह जाते हैं तो कभी खैरात बांटने वाली राजनीति के जवाब में ज्यादा खैरात बांटने की घोषणा करते हैं।

कभी इसकी तरफ तालमेल का हाथ बढ़ाते हैं तो कभी उसकी तरफ। दीर्घावधि की योजना से कुछ भी निर्देशित होता नहीं दिख रहा है। सारे फैसले तात्कालिक राजनीतिक और चुनावी जरूरतों को ध्यान में रख कर किए जा रहे हैं।इसके बाद जब पार्टी के नेता सवाल उठाते हैं और पार्टी छोड़ते हैं तो उनको कायर, डरपोक, अहसानफरामोश कहा जाने लगता है। किसी को कायर कह देना बहुत आसान है। आप साहसी हैं इसका यह मतलब नहीं है कि आपसे सहमत नहीं होने वाला हर व्यक्ति कायर है। क्या कांग्रेस छोडऩे वाले सारे लोग सिर्फ ईडी, सीबीआई या आयकर विभाग के डर से पार्टी छोड़ कर गए हैं या कोई और गहरी समस्या है, जिसने दशकों तक पार्टी में रहे नेताओं को मजबूर किया कि वे पार्टी छोड़ें? सत्ता का लालच पार्टी छोडऩे का एक कारण हो सकता है और हो भी क्यों नहीं क्या सारी राजनीति सत्ता के लिए ही नहीं होती है? राहुल गांधी में सत्ता की भूख नहीं है

या सत्ता की अदम्य चाहना नहीं है लेकिन उनको यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि बाकी लोग भी सत्ता से निरपेक्ष होकर राजनीति करेंगे। आज कांग्रेस के जो नेता पार्टी छोडऩे वालों को कायर, अहसानफरामोश या सत्ता का लालची कह रहे हैं, जरा राहुल गांधी उनका पद वापस लेकर दिखाएं, फिर पता चलेगा कि असलियत क्या है? क्या आज कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या पार्टी का पदाधिकारी स्वेच्छा से अपना पद छोड़ेगा? अगर उसे लालच नहीं है और वह साहसी है तो पद छोड़ कर लड़े! यकीन मानिए ऐसा हुआ तो लडऩे वालों की संख्या बहुत कम बचेगी!इसलिए कांग्रेस नेतृत्व को अपने स्वप्न लोक से निकलना होगा और व्यावहारिकता के कठोर धरातल पर खड़े होकर राजनीति करनी होगी।

उसे समझना होगा कि सिर्फ केंद्र सरकार की एजेंसियों के डर से लोग कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं, बल्कि उनको यकीन हो गया है कि कांग्रेस का मौजूदा नेतृत्व उन्हें सत्ता नहीं दिला सकता है। वे अपने भविष्य की चिंता में कांग्रेस छोड़ रहे हैं। उनको लग रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व का करिश्मा खत्म हो गया है। उसमें कोई ऊर्जा, कोई वैचारिकता और सत्ता हासिल करने की अदम्य इच्छा से निर्देशित होने का जुनून नहीं बचा है। उनको लग रहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस पार्टी को रसातल से नहीं निकाल पाएंगे। उनको दिख रहा है कि कांग्रेस एक खड़ी ढलान से लुढ़कती हुई पार्टी है, जिसके बीच में रूकने और वापस सत्ता की चढ़ाई चढऩे का कोई मौका अभी नहीं है।कांग्रेस को सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि पार्टी और नेतृत्व दोनों कमजोर हो गए हैं।

सोचें, कांग्रेस पार्टी ढाई साल से अध्यक्ष नहीं चुन पाई है। लोकसभा चुनाव हारने के बाद राहुल ने इस्तीफा दिया तब से पार्टी सोनिया गांधी के तदर्थ नेतृत्व में चल रही है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस चिंता में दुबला हुआ जा रहा है कि भाजपा की ओर से वंशवाद के आरोप लगाए जा रहे हैं तो कैसे खुल कर पार्टी का नेतृत्व परिवार के हाथ में ही रखा जाए। कांग्रेस को यह भ्रम तत्काल खत्म करना होगा। पहले भी कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र टाइप की कोई चीज नहीं थी और पहले भी कांग्रेस का नेतृत्व परिवार के हाथ में रहा तभी कांग्रेस एकजुट रही और बची रही। या तो आंतरिक लोकतंत्र और वंशवाद की चिंता छोड़ कर नेहरू-गांधी परिवार कमान अपने हाथ में रखे या तत्काल किसी ऐसे नेता को कमान सौंपे, जिसमें सत्ता के लिए लडऩे-भिडऩे का जुनून हो।

नेतृत्व के साथ ही विचारों में स्पष्टता लानी होगी और अपनी राजनीति को धारदार बनाना होगा। सिर्फ प्रतीकात्मक विरोध से कुछ नहीं होगा और न ट्विटर पर आंदोलन करने से कुछ होगा। नेता को सड़क पर उतरना होगा। गांवों में जाना होगा। ट्रेन से सफर करना होगा। पैदल चलना होगा। लोग नेता को अपने बीच पाकर खुश होते हैं, उसके साथ अपने को जोड़ते हैं। चंद्रशेखर की भारत यात्रा ने उनको देश का नेता बनाया था। राजीव गांधी भी ट्रेन देश घूमे थे। नरेंद्र मोदी ने कन्याकुमारी से कश्मीर और सोमनाथ से अयोध्या तक की रथयात्रा की है। राहुल या प्रियंका को अगर कांग्रेस को रसातल से बाहर निकालना है तो उन्हें भी तत्काल देश की खाक छानने के लिए निकलना होगा।

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पुलिस का कारनामा, गुनाह किसी का,हवालात किसी और को 

सुलतानपुर,06 अप्रैल (आरएनएस)।  पुलिस के कारनामे हमेशा से चर्चा में रहे हैं। सरकार कोई भी रही हो। अब बुलडोजर बाबा की सरकार में नंबर बढ़ाने के लिए पुलिस वाले जो भी कर जाएं वो कम हैं। और शासन भी इन पर नकेल कसने से रहा। ताजा मामला जयसिंहपुर तहसील क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के चोरमा गांव निवासी हरकेश पुत्र रामसुमेर निषाद का एसडीएम कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।

वारंट के तामीले के तहत जयसिंहपुर कोतवाली पुलिस ने उसके स्थान पर इसी गांव के हरकेश पुत्र राम अजोर कोरी को गिरफ्तार कर उसे हवालात में डाल दिया। पुलिसिया लापरवाही उस समय उजागर हुई जब मंगलवार को एसडीएम के न्यायालय पर पुलिस अभिरक्षा मे लाए गए हरकेश पुत्र राम अजोर को कोर्ट में जमानत पत्र दाखिल करने के लिए पेश किया गया। तो अहलमद को वारंटी के स्थान पर दूसरे को पेश किए जाने का शक हुआ।

इसी बीच गिरफ्तार किए गए व्यक्ति हरकेश कोरी की मां प्रभावती ने साक्ष्य के रूप में अपने बेटे का आधार कार्ड अहलमद के सामने प्रस्तुत करते हुए बेटे का नाम हरकेश पुत्र राम अजोर कोरी बताया। जबकि वारंट हरकेश पुत्र राम सुमेर निषाद के विरुद्ध जारी किया गया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुधाकर विकास चतुर्वेदी ने बताया कि उनके मुवक्किल को पुलिस ने गलत ढंग से दबंगो के सह पर रंजिशन गिरफ्तार किया।

अधिवक्ता ने कहा है कि बुधवार को उसका मेडिकल कराते हुए इस मामले में उचित बैधनिक कार्यवाही करेंगे। कोर्ट ने बिना जमानत पत्र दाखिल कराए उसे छोड़ दिया। मामले में किरकिरी होता देख देर शाम पुलिस ने गिरफ्तार किए गए हरकेश पुत्र राम अजोर को घर भेज दिया। इस संबंध में जयसिंहपुर उप जिला अधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है किसी व्यक्ति पर गलत ढंग से मुकदमा नहीं दर्ज किया जाएगा। इस विषय की कल जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।

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हॉकी की नर्सरी सिमडेगा को जल्द मिलेगा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम

रांची। 06.04.2022 –  हॉकी की नर्सरी सिमडेगा में  मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने 20 अक्तूबर 2021 को  जिस अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की आधारशिला रखी थी, वह अब अपने भव्य स्वरूप में आने लगा है। एस्ट्रोटर्फ मैदान के ठीक बगल में निर्माणाधीन उक्त स्टेडियम का 80 प्रतिशत निर्माण पूर्ण हो चुका है। जल्द यहां के खिलाड़ी नीले और हरे रंग के अंतरराष्ट्रीय मानक पर निर्मित एस्ट्रोटर्फ पर अपना हुनर दिखायेंगे। स्टेडियम में फ्लड लाइट लगाने की तैयारी पूर्ण कर ली गयी है। स्टेडियम में बास्केटबॉल और वालीबॉल कोर्ट का निर्माण भी प्रगति पर है।

अंतरराष्ट्रीय मानक का है स्टेडियम

स्टेडियम को सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यामें रख कर बनाया जा रहा है। इसके पवेलियन भवन में खिलाडियों के लिए चेंजिंग रूम, जिम, चिकित्सक और कोच के लिए रूम, स्टेडियम के पास विशाल पोडियम का भी निर्माण किया जा रहा है। स्टेडियम परिसर में 50 शैय्या वाले महिला और पुरुष खिलाडियों के लिए हॉस्टल का निर्माण हो रहा है। स्टेडियम में तीन हजार दर्शकों को आधुनिक सुविधा के साथ बैठने की व्यवस्था होगी। इसी तर्ज पर खूंटी में भी हॉकी स्टेडियम और स्पोर्ट्स हॉस्टल का निर्माण करीब 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जल्द चाईबासा में  प्रस्तावित फुटबॉल और हॉकी स्टेडियम का भी निर्माण शुरू होगा।

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वाणिज्यकर का वित्तीय वर्ष 2021-22 में 107 प्रतिशत संग्रह

रांची।06.04.2022 –  वाणिज्यकर विभाग की सचिव श्रीमती आराधना पटनायक ने कहा है कि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 19,750 करोड़ वाणिज्यकर संग्रह किया है, जो लक्ष्य का 107 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 18422 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में जो कर संग्रह किया गया है, वह वित्तीय वर्ष 2020-21 के 16,147 करोड़ से 25 प्रतिशत अधिक है। वह आज उत्पाद भवन में वाणिज्यकर विभाग के सभागार में मीडिया को जानकारी दे रही थीं।

सचिव ने कहा कि राज्य में पहली बार इंटेलिजेंस एंड रेवेन्यु एनायलिसिस विंग का गठन कर सेक्टरवार विश्लेषण किया गया, जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आये हैं। उम्मीद है कि चालू वित्तीय वर्ष में भी विभाग लक्ष्य के अनुरूप वाणिज्यकर संग्रह कर सकेगा। उन्होंने बताया कि  ऑडिट विंग को सशक्त करने के लिये कर से जुड़े आयुक्त कार्यालय को ज्यादा सक्षम बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि टैक्स से संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानी अगर करदाताओं को आती है, तो उसके लिये विभाग की टीम हमेशा उपलब्ध रहेगी। चालू वित्त वर्ष में विभाग नियमित रूप से कर दाताओं के साथ उनकी सहूलियत के लिये इंट्रैक्शन करता रहेगा, ताकि उनकी समस्याओं का निष्पादन सहजता के साथ किया जा सके।

विभाग की सचिव श्रीमती आराधना पटनायक ने कहा कि कर संग्रह में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कुल 17 पदाधिकारियों, कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।

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तेलंगाना में नेताओं का झगड़ा सुलझाने उतरे राहुल गांधी

नई दिल्ली ,06 अप्रैल (आरएनएस)। तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी के अंदर गुटबाजी के वजह से बिगड़ते हालात को संभालने के लिए राहुल गांधी मैदान में उतर पड़े हैं। इस तनाव को खत्म करने के लिए राहुल गांधी ने एक पार्टी फोरम बनाने का फैसला किया है। राहुल गांधी ने तेलंगाना के पार्टी नेताओं के साथ लगभग तीन घंटे तक बैठक की। इसमें प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी और एआईसीसी के इनचार्ज

मणिकम टैगोर समेत करीब 35 नेता शामिल हुए थे। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा, किसी को कोई भी दिक्कत है या फिर पार्टी की कार्यप्रणाली से परेशानी है तो यह फोरम की निगाह में लाया जाएगा। इसके लिए किसी को मीडिया में जाने की जरूरत नहीं है। एआईसीसी लीडर ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि वे ऐसे गुटों को सपोर्ट न करें जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी का साथ नहीं देते हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि राज्य में पार्टी नेताओं को समझाने के लिए वह और भी समय देंगे। उन्होंने बताया, राहुल गांधी ने अप्रैल के आखिरी सप्ताह में तेलंगाना जाने का फैसला किया है। वह 28 अप्रैल को वारंगल में जनसभा भी कर सकते हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि वह तेलंगाना कांग्रेस पर पूरा ध्यान देंगे लेकिन अगर नेताओं के अंदर कोई भी गलतफहमी आती है तो उसे सुलझाने के लिए वह हमेशा तत्पर रहेंगे। टैगोर ने बैठक के बाद ट्वीट किया, राहुल गांधी ने 3.30 घंटे तक तेलंगाना के 38 नेताओं की बात सुनी। हम तेलंगाना में मिलकर काम करेंगे और जरूर जीत हासिल करेंगे।

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कैलाश मानसरोवर सड़क के लिए 650 करोड़ रुपये मंजूर करेगा केंद्र

नई दिल्ली ,06 अप्रैल (आरएनएस)। कैलाश मानसरोवर सड़क के लिए 650 करोड़ रुपये मंजूर करेगा. केंद्र नेपाल या चीन के बजाय उत्तराखंड के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा को सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही 650 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क परियोजान को मंजूरी देगा।
केंद्र सरकार भारत-चीन सीमा संपर्क सड़क के अंतिम खंड के लिए काम शुरू करने के लिए तैयार है जो कैलाश मानसरोवर को जोडऩे की सुविधा प्रदान करेगी। उत्तराखंड से यह लिंक रोड वाहनों को तीर्थ स्थल से सिर्फ 75 किमी दूर तक ड्राइव करने की अनुमति देगा।
सरकार परियोजना पर काम में तेजी लाने के लिए लगी हुई है। केंद्र मशीनीकृत निर्माण लाने के लिए एलएंडटी से लेकर टाटा समूह की टॉप कंस्ट्रक्शन कंपनियों और ठेकेदारों को शामिल करने की तैयारी कर रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पहले ही शीर्ष फर्मों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम पूरा कर लिया गया है।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अस्कोट से भारत-चीन सीमा तक पूरे 150 किलोमीटर लिंक का रोड फॉर्मेशन पूरा कर लिया है। रोड फॉर्मेशन में भौगोलिक और भूभाग की चुनौतियों के अलावा उसकी शेप को तय करना शामिल है जिस पर सड़क बनेगी। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को बीआरओ ने दुर्गम हिमालयी इलाके में सफलतापूर्वक पूरा किया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अस्कोट से सीमा तक की आखिरी 80 किलोमीटर सड़क को पक्का करने के लिए फंड मंजूर करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, इस मामले में सबसे कठिन हिस्सा रोड फॉर्मेशन था। अब रोड फॉर्मेशन के साथ, रोड बनना शुरू हो जाएगा। केंद्र द्वारा जल्द ही इसकी मंजूरी दी जाएगी। हम पूरे दो लेन सड़क राजमार्ग को 2-3 साल के भीतर पूरा करने की उम्मीद करते हैं।
एक बार पूरी सड़क बन जाने के बाद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से भारत चीन सीमा तक 5-6 घंटे में पहुंचा जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि वहां से साइट पर पहुंचने में करीब दो घंटे का समय लगेगा। वर्तमान में दो से तीन हफ्ते में कैलाश मानसरोवर पहुंच सकते हैं। अभी के मार्ग सिक्किम या नेपाल के माध्यम से हैं।

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ओसामा सहित 8 पर एमएलसी प्रत्याशी के काफिले पर हुए हमले में केस दर्ज

सिवान ,06 अप्रैल (आरएनएस)। ओसामा सहित 8 पर एमएलसी प्रत्याशी के काफिले पर हुए हमले में  केस दर्ज. बिहार के सिवान जिला के हुसैनगंज थाना क्षेत्र में विधान परिषद चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रईस खान के काफिले पर की गई गोलीबारी के मामले में  ओसामा शहाब सहित 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।

हुसैनगंज के थाना प्रभारी राम बालक महतो ने बुधवार को बताया कि रईस खान के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें ओसामा शहाब सहित आठ लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सोमवार की रात रईस खान अपने काफिले के साथ अपने कार्यालय से वापस अपने गांव ग्यासपुर लौट रहे थे, तभी महुवल गांव के पास अपराधियों ने गोलीबारी प्रारंभ कर दी। इस दौरान एक बोलेरो गाड़ी पर सवार होकर बारात से लौट रहे सिसवन गांव के विनोद यादव की मौत अपराधियों की गोली लगने से हो गई। इस घटना में रईस खान बाल बाल बच गए, लेकिन इनके काफिले में शामिल कई लोग गोली लगने से जख्मी हो गए।

इधर, जदयू के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि इस घटना का हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा भाई रईस खान किसी तरह बच गया इसलिए अब हिसाब तो जरूर दिया जाएगा। आपको बता दें कि इस घटना के बाद से सिवान के लोगों में दहशत का माहौल कायम हो गया है।

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पीएम मोदी बोले तीन दशकों में राज्यसभा में 100 के पार पहुंची कोई पार्टी

नई दिल्ली,06 अप्रैल (आरएनएस)। पीएम मोदी बोले तीन दशकों में राज्यसभा में 100 के पार पहुंची कोई पार्टी. भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। यहां मोदी ने कहा कि बीजेपी एक भारत, श्रेष्ठ भारत के मंत्र पर चल रही है। पीएम ने वो तीन बातें भी बताई जिनकी वजह से बीजेपी का 42वां स्थापना दिवस और ज्यादा खास हो गया है। इससे पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और सीएम योगी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

उन्होंने कहा कि आज नवरात्रि का 5वां दिन है और इस दिन मां स्कंधमाता की पूजा की जाती है। उनका आसन कमल है और दोनों हाथों में भी वह कमल ही रखती हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि मां का आशीर्वाद देश के हर नागरिक और भाजपा के कार्यकर्ता को मिलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा के लोगों ने देश के लिए खुद को खपाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब लोगों ने मान लिया था कि सरकार कोई भी आए, देश का कुछ नहीं होगा। लेकिन आज बदलाव है और लोग मानते हैं कि देश बदल रहा है और तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया में अपने हितों के लिए अडिग होकर खड़ा है।

ऐसे वक्त में जब दुनिया दो गुटों में बंटी है, तब भारत को ऐसे देश के तौर पर देखा जा रहा है जो तटस्थ होकर बात कर सकता है। आज देश के पास नीतियां भी हैं और नीयत भी है। देश के पास आज निर्णय शक्ति भी है और निश्चिय शक्ति भी है। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि आज हम लक्ष्य तय कर रहे हैं और उन्हें पूरा भी कर रहे हैं। पीएम मोदी ने भाजपा की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि आज हमारी पार्टी राज्यसभा में 100 के पार पहुंच गई है। बीते तीन दशकों में यह पहला मौका है, जब किसी दल की संख्या राज्यसभा में 100 के पार पहुंच गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए यह स्थापना दिवस तीन वजहों से बेहद अहम है। पहला यह कि इस साल देश अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। दूसरा यह कि तेजी से बदलती दुनिया में भारत ने अपनी मजबूत स्थिति दर्ज कराई और तीसरा यह कि भाजपा की सरकारें 4 राज्यों में वापस लौटी हैं और तीन दशकों के बाद किसी दल को राज्यसभा में 100 से ज्यादा सीटें मिल पाई हैं। भाजपा परिवारवाद के खिलाफ है। पहली बार भाजपा ने ही इसके खिलाफ बोलना शुरू किया और इसे चुनावी मुद्दा बनाया। अब देश के युवा यह समझने लगे हैं कि परिवारवादी पार्टियां कैसे लोकतंत्र की सबसे बड़ी दुश्मन हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने वाले ये दल संविधान और उसकी व्यवस्थाओं को कुछ नहीं समझते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान खुद को भी भाजपा का एक कार्यकर्ता बताया। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में ज्योतिबा फुले और बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती है। उनके स्मरण में हम अगले 15 दिन सामाजिक न्याय पखवाड़ा मनाने जा रहे हैं, इसके दौरान पार्टी मुझे भी जो आदेश देगी, वह काम मैं करूंगा।

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रणबीर-आलिया की शादी कपूर खानदान के पुश्तैनी घर में होगी 

06.04.2022 – रणबीर-आलिया की शादी कपूर खानदान के पुश्तैनी घर में होगी .रणबीर-आलिया की शादी की खबरों से गपशप गली गुलजार है। पिछले दिनों रणबीर ने भी आलिया से शादी की खबर पर मुहर लगाई थी। हालांकि, उन्होंने इस साल अप्रैल में शादी करने की खबर को नकार दिया था। अब उनकी शादी से जुड़ीं नई जानकारियां सामने आई हैं। शादी की तारीख तो सामने नहीं आई है, लेकिन यह जरूर पता चला है कि दोनों कहां शादी करने वाले हैं।बॉलीवुड में जहां इन दिनों डेस्टिनेशन वेडिंग का चलन है, वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, आलिया और रणबीर की शादी मुंबई में ही होगी। बॉलीवुड की दूसरी जोडिय़ों की तरह दोनों शहर के किसी फाइव या सेवन स्टार होटल में शादी नहीं करेंगे, बल्कि कपूर खानदान के पुश्तैनी घर आरके हाउस में अपने रिश्ते को शादी का नाम देंगे।

जिस दिन से रणबीर ने शादी करने का फैसला किया, उसी दिन से उनका वेन्यू तय हो चुका था।450 लोगों को उनकी शादी का न्योता दिया गया है। कपूर खानदान में सभी लोगों को बोल दिया गया है कि वे अप्रैल के दूसरे हफ्ते में फ्री रहें। शादी के लिए आरके हाउस रणबीर ने फाइनल किया है। दरअसल, रणबीर अपनी दादी कृष्णा राज कपूर के काफी करीब थे। उनके माता-पिता ऋषि कपूर और नीतू की शादी 20 जनवरी, 1980 को आरके हाउस में हुई थी, इसलिए रणबीर भी चेंबूर के घर में अपनी शादी रचाना चाहते हैं।

कहा जा रहा है कि रणबीर-आलिया की शादी अप्रैल के दूसरे हफ्ते में आलिया के नाना नरेंद्र नाथ राजदान के कारण की जा रही है। दरअसल, वह पिछले काफी दिनों से बीमार हैं। हालांकि, अभी दोनों परिवारों ने इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है। रणबीर-आलिया 2018 से एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। सोनम कपूर के वेडिंग रिसेप्शन में दोनों ने पहली बार एकसाथ सार्वजनिक रूप से मौजूदगी दर्ज कराई थी। अयान मुखर्जी की फिल्म ब्रह्मास्त्र के सेट पर दोनों के बीच प्यार पनपा था।

आलिया का कहना है कि 11 साल की उम्र से ही उनका रणबीर पर क्रश था। उनके कमरे में रणबीर की तस्वीरें हुआ करती थीं। उन्होंने रणबीर को पहली बार फिल्म ब्लैक के सेट पर देखा था। फिल्म ब्रह्मास्त्र के जरिए रणबीर और आलिया अपने करियर में पहली बार बड़े पर्दे पर साथ नजर आएंगे। पिछले महीने के अंत में ही इस फिल्म की शूटिंग पूरी हुई है।

इस चुनौतीपूर्ण सफर को पूरा करने में दोनों ने अपने पांच साल दिए हैं। ब्रह्मास्त्र पौराणिक कथाओं और साइंस फिक्शन का मिला-जुला रूप होगा। फिल्म इस साल 9 सितंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। फिल्म को पांच भारतीय भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में रिलीज किया जाएगा। (एजेंसी)

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घर की रसोई की दीवारों पर जमी चिकनाई को इन तरीकों से करें साफ़

06.04.2022 – घर की रसोई की दीवारों पर जमी चिकनाई को इन तरीकों से करें साफ़.घर की रसोई में खाना पकाया जाता हैं और इस दौरान धुआं और तेल के छींटे तो उठते ही हैं। धुएं को निकालने के लिए किचन में एग्जॉस्ट फैन और चिमनी का इंतजाम किया जाता हैं। लेकिन देखा जाता हैं कि इसके बावजूद भी तेल के छींटे उठते हैं और ये दीवारों पर जमने लगते हैं जिसकी वजह से दीवारों पर चिकनाई जमा हो जाती हैं। यह चिकनाई जब बढ़ती जाती हैं तो इसकी सफाई करना बहुत मुश्किल हो जाता हैं।

ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जिनकी मदद से आपके रसोई की दीवारों पर जमी चिकनाई को आसानी से दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में…बेकिंग सोडाबेकिंग सोडा कोई भी जिद्दी दाग निकालने के लिए सबसे आसान उपाय है। किचन में से तेल के दाग हटाने के लिए एक कप गर्म पानी लें और उसमें एक चम्मच बेकिंग सोडा डालें। फिर किसी कपड़े या स्पॉन्ज लेकर दाग वाली जगह पर लगाएं इससे दाग आसानी से निकल जाएगा।कार्न-स्टार्चपानी में कार्नस्टार्च मिलाकर पेस्ट तैयार करे। इस पेस्ट को तेल लगी दीवार पर लगाए और थोड़ी देर तक ऐसे ही रहने दे। इसके बाद गीले कपड़े से दीवार को पोंछते रहे, जबतक साफ न हो जाए।

नमकदाग को साफ करने के लिए नमक भी सबसे आसान तरीका है जिससे किसी भी पुराने दाग को साफ करने के लिए अपनाया जाा सकता है। दाग वाली जगह पर नमक लगा दें । थोड़ी देर के बाद उस जगह पर विनेगर स्प्रे लगा दें । कुछ देर के बाद कपड़े से साफ कर दें । दाग आसनी से साफ हो जाएगा।विनेगरहर घर के किचन में विनेगर बहुत ही आसानी से मिलने वाला लिक्विड है। इसका इस्तेमाल बेहद आसान है। एक बर्तन में विनेगर लें। एक साफ कपड़ा या फिर एक स्पॉन्ज उसमें अच्छे से डूबा कर निचोड़ लें। अब इस कपड़े या स्पॉन्ज से दाग लगी दीवार, स्विच बोर्ड आदि साफ करें।

किचन की दीवार पर लगे दाग आसानी से छूट जाएंगे। अब एक साफ कपड़े से दीवार पोंछ दें। विनेगर आपके घर की दीवार में लगे बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है।नींबू का रस और सोडे का पानीकिचन में लगे जिद्दी दागों को साफ करने के लिए नींबू काटकर चिकनाई वाली जगह पर रगड़ के साफ करें। इसके बाद सोडे वाले पानी में कपड़ा डूबा कर उस जगह को फिर से साफ करें और फिर पानी से धो दें। दाग पूरी तरह से हट जाएंगे।

मैचिंग वॉल पेंटदीवार पर दाग लगे है उस दीवार को आप मैचिंग वॉल पेंट लगाकर दाग धब्बे छिपा सकते है इसके लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी और आसानी से आप दीवारों पर लगे दागों से छुटकारा पा सकते है। (एजेंसी)

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कार की सफाई इन तरीकों से करें लगेगी नई चमचमाती

06.04.2022 – कार की सफाई इन तरीकों से करें लगेगी नई चमचमाती. हर इंसान अपनी मेहनत के पैसे से अपनी पसंद की गाड़ी खरीदता हैं और चाहता हैं कि वह हमेशा नई जैसी चमचमाती हुई रहे। इसके लिए वह अपनी गाड़ी की हमेशा साफाई करता रहता हैं। लेकिन कई बार ऐसे रास्ते पर निकलना पड़ता हैं जहां गाड़ी की हालत ज्यादा खराब हो जाती हैं। ऐसे में लोग सर्विसिंग करवाने से कतराते हैं जो महंगा पड़ जाता हैं।

ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप आसानी से बिना खर्चे के ही गाड़ी की अच्छे से सफाई कर सकते हैं और इसके बाद गाड़ी नई जैसी चमचमाती दिखने लगेगी। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में…कैरोसीन से कीचड़ और जंग से हो सुरक्षा, चमक भी रहे बरकरारएक कप कैरोसीन को तीन गैलन पानी के साथ बाल्टी में डालें और इस मिश्रण में स्पंज भिगोकर कार की सफाई करें। इससे पहले आपको कार पानी से भिगोना या साफ करना जरुरी नहीं है। कैरोसीन के सॉल्यूशन से गाड़ी साफ करने पर बारिश में कीचड़ या जंग लगने से गाड़ी खराब नहीं होगी।

हेयर कंडीशनरअपनी कार को धोते समय हेयर कंडीशनर का इस्तेमाल करें। आप पाएंगे, कि कार बिल्कुल ऐसी चमक उठेगी, जैसे कि नए-नए में उसका वैक्स लुक दिखता है। इतना ही नहीं, उसकी सतह पर पानी भी नहीं टिकेगा यानि कि रिपल रेन सर्फेस।सॉफ्ट ड्रिंक से हटाएं गंदगीजब कभी लंबी दूरी में गाड़ी इस्तेमाल होती है तो उसकी विंड शील्ड्स को साफ करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। साथ ही गाड़ी पर डस्ट के कारण लकीरें धारियां और दाग-धब्बे आ जाते है। इसे साफ करने के लिए आसान तरीका है कि इन पर सॉफ्ट ड्रिंक कोला डाल दिया जाए। ?सा करते समय बस ये ध्यान रखें, कि हुड प्वाइंट को सुरक्षित रखने के लिए विंड शील्ड के नीचे एक मोटा कपड़ा या तौलिया लगा दें। कोला में उठनेवाले बुलबुलों से जमी हुई डस्ट या मिट्टी की पर्त साफ हो जाएगी।

बस अंत में कोला डालने के बाद उसे पानी से अच्छी तरह साफ कर लें अन्यथा बाद में उसकी चिपचिपाहट से गाड़ी पर फिर डस्ट या गंदगी चिपक सकती है।अपनी गाड़ी की हेडलाइट्स की पॉलिश के लिए विंडो क्लीनर का इस्तेमाल करें और पुराने लेकिन नरम मोजे से थोड़ा रगड़कर साफ करें। फिर देखिए, हेडलाइट्स कैसे चमक उठेंगी। आप चाहें, तो हेडलाइट्स या गाड़ी के शीशे चमकाने में बेबी वाइप्स भी इस्तेमाल कर सकते हैं।बेकिंग-सोडाकार क्लीनर-एक गैलन साइज का बर्तन लेकर उसमें एक चौथाई तक बेकिंग-सोडा डालें, इसमें एक चौथाई कप डिशवाशिंग लिक्विड और बर्तन को पूरा ऊपर तक पानी से भर लें।

एक प्लास्टिक की बोतल में इस मिश्रण को डालें और अच्छी तरह मिला लें। जब भी कार को धोना हो, इस बोतल को हिलाएं और इसमें से मिश्रण 1 कप निकालें और 2 गैलन पानी के स्तर वाली बाल्टी में निकाल लें। अब इस बाल्टी को ऊपर तक हल्के गर्म पानी से भर लें और पानी को अच्छी तरह हिला लें। आपकी गाड़ी की सफाई के लिए घर का सस्ता और अच्छी क्लीनिंग सॉल्यूशन तैयार है।

वोदका से कांच की सफाई जब आपके विंडशील्ड वाशर रेसर्वेयर में लिक्विड खत्म हो जाता है, तो आप इसे वोदका यानि शराब से खुद ही बना सकते है। एक ढक्कन वाले जग में 4 कप पानी और 2 चम्मच तरल डिटर्जेंट के साथ 3 कप वोदका (जो सबसे सस्ती आपको मिल जाए) को मिला ले। जग को बंद कर उसे अच्छी तरह हिला लें और ज़रूरत के हिसाब से रेसर्वेयर में भर लें। (एजेंसी)

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सीएम योगी ने कहा समस्याओं को गंभीरतापूर्वक करें निस्तारित

गोरखपुर, 05 अप्रैल (आरएनएस)। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनता की समस्याओं को गंभीरतापूर्वक अपने कार्यालयों में सुने। उनका निस्तारण गुणवत्तापूर्ण एवं निर्धारित अवधि में कराएं। किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। जमीन संबंधी मामलों के निस्तारण में पुलिस का भी सहयोग लिया जाए। टाल-मटोल वाला रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मामले जिनका निस्तारण शासन स्तर पर ही किया जा सकता है.

उन्हें निस्तारण के लिए लखनऊ भेजे।सीएम योगी आदित्यनाथ आज मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर के हिन्दूसेवाश्रम में जनता दर्शन कर रहे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन के इस कार्यक्रम की पुन: शुरूआत सोमवार को 5 कालीदास मार्ग से की है। इसके साथ ही हर शिकायत को पोर्टल पर दर्ज कर अधिकतम एक माह में निस्तरण की व्यवस्था तय कर दी गई है। यही नहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जिन जिलों और विभागों से संबंधित शिकायतें ज्यादा आएंगी, वहां के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

नौकरशाही पर नकेल कसने के लिए कार्रवाई का चाबुक हाथ में उठा चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल में जन शिकायतों एवं भ्रष्टाचार के मामले में दो जिलाधिकारी, एक एसएसपी और एक एसडीएम को अब तक निलंबित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को जनता दर्शन में पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि थाने में आने वाली शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित कराएं। खास और जमीन एवं राजस्व संबंधी मामलों के निस्तारण में विशेष ध्यान दिया जाए। जहां पुलिस बल की आवश्यकता हो, उपलब्ध कराया जाए।विधानसभा चुनाव जनता दर्शन का क्रम टूट गया था।

मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगमन की सूचना पर 95 महिला-पुरुष जनता दर्शन में अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ एक-एक कर सभी के पास गए और उनकी समस्याओं का समाधान किया। जनता दर्शन में कमिश्नर रवि कुमार एनजी, डीएम विजय किरण आनंद, डीआईजी जे रविंद्र गौड़, एसएसपी डॉ विपिन ताड़ा, मंदिर कैंप कार्यालय के प्रभारी मोतीलाल सिंह मौजूद रहे।

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ऑरेंज कैप की दौड़ में दीपक हुड्डा और केएल राहुल ने लगाई लंबी छलांग

नई दिल्ली,05 अप्रैल । ऑरेंज कैप की दौड़ में दीपक हुड्डा और केएल राहुल ने लगाई लंबी छलांग. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 का 12वां मैच लखनऊ सुपर जायन्ट्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच खेला गया। लखनऊ सुपर जायन्ट्स ने यह मैच 12 रन से अपने नाम कर लिया। रोमांचक मैच में लखनऊ सुपर जायन्ट्स के कप्तान केएल राहुल और दीपक हुड्डा का बल्ला जमकर गरजा और दोनों ने ऑरेंज कैप की दौड़ में जबर्दस्त छलांग भी लगाई।

दोनों ही इस रेस में टॉप-5 बैटर्स में शामिल हो गए हैं। राहुल ने 68, जबकि दीपक ने 51 रनों की पारी खेली। लखनऊ सुपर जायन्ट्स ने इस मैच में 27 रनों तक तीन विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद राहुल और दीपक ने मिलकर पारी को संभाला और स्कोर 100 रनों के पार पहुंचाया। सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से सबसे ज्यादा रन राहुल त्रिपाठी ने बनाए। मौजूदा ऑरेंज कैप होल्डर मुंबई इंडियंस के ईशान किशन हैं, जो 135 रन बना चुके हैं, इतने ही रन राजस्थान रॉयल्स के स्टार बल्लेबाज जोस बटलर ने भी बनाए हैं, लेकिन बेहतर औसत और स्ट्राइक रेट के चलते ईशान उनसे आगे हैं।

दीपक हुड्डा और केएल राहुल दोनों 100 रनों का आंकड़ा आईपीएल 2022 में पार कर चुके हैं। टॉप बैटर्स के खाते में 100 से ज्यादा रन हैं। चौथे नंबर पर चेन्नई सुपरकिंग्स के ऑलराउंडर शिवम दुबे हैं, जिन्होंने तीन मैचों में 109 रन बनाए हैं।

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कांग्रेस की मजबूती लोकतंत्र में जरूरी : सोनिया गांधी

नई दिल्ली ,05 अप्रैल (आरएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हमारा एक बार फिर मजबूती से उभरना सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि लोकतंत्र और समाज के लिए भी अहम है। पार्टी सांसदों के साथ मीटिंग में सोनिया गांधी ने एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा डर फैलाने और धमकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन से जिन छात्रों को भारत लाया गया है, उनका करियर कैसे सुरक्षित रहे इस बात की चिंता भी सरकार को करनी चाहिए। सोनिया गांधी का यह बयान पार्टी की ओर से आयोजित होने वाले चिंतन शिविर से पहले आया है।

इस शिविर में यूपी, पंजाब समेत 5 राज्यों में पार्टी की करारी हार को लेकर मंथन किया जाएगा। सोनिया गांधी ने 5 राज्यों में हार को शॉकिंग और दर्द भरा बताते हुए कहा था कि वह निजी तौर पर इसे देखेंगी और हर स्तर पर संगठन को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा। सोनिया गांधी ने सांसदों से कहा, हमारे आगे जो रास्ता है, वह बेहद चुनौतीपूर्ण है, जितना कभी नहीं था। हमारा समर्पण, संकल्प और फिर से उभरने की भावना का परीक्षण होना है। संगठन में हर स्तर पर एकजुटता बेहद अहम है। अपने बारे में बात करूं तो मैं पार्टी को मजबूत करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं।

कांग्रेस का फिर से मजबूत होना, सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि समाज और लोकतंत्र के लिए भी उतना ही जरूरी है।
पार्टी के आंतरिक सूत्रों ने सोनिया गांधी की स्पीच को लेकर कहा कि हर स्तर पर एकजुटता जरूरी होने की बात कहकर उन्होंने कुछ लोगों को संदेश दिया है, जो राज्यों में गुटबाजी कर रहे हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर जी-23 के नेताओं के लिए भी यह एक संदेश माना जा रहा है। 5 राज्यों में करारी हार के पीछे आपसी कलह और नेताओं का असहयोग भी एक वजह माना जा रहा है।

5 राज्यों में हार को सोनिया गांधी ने शॉकिंग और दर्दभरा बताया था। उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमिटी में भी इस मुद्दे पर बात की थी और कहा था कि एकजुटता बेहद जरूरी है। पूरी चर्चा में कई नेताओं ने कहा था कि पंजाब समेत सभी राज्यों में पार्टी गुटबाजी का शिकार हुई। सोनिया गांधी ने यह भी कहा था कि यदि जी-23 के नेताओं के सुझावों में कुछ दम होगा तो वे उन्हें स्वीकार करेंगी। सोनिया गांधी ने कहा, शिविर का आयोजन बेहद जरूरी है। वहां पार्टी के लोगों की राय को सुना जा सकेगा। वे एक क्लियर रोडमैप दे सकेंगे। इससे हम यह तय कर पाएंगे कि भविष्य में चुनौतियों से निपटने के लिए हमें किस तरह से काम को आगे बढ़ाना है।

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सर्वोच्च न्यायालय ने आर्य समाज की शादियों को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत लाने के आदेश पर लगाई रोक

नई दिल्ली,,05अप्रैल(आरएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें आर्य समाज के एक संगठन को निर्देश दिया गया था कि विवाह करते समय उसे विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना चाहिए।

मध्य भारत आर्य प्रतिनिधि सभा का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान और वकील वंशजा शुक्ला ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने आर्य समाज के मंदिरों द्वारा आर्य समाज के मंदिरों द्वारा किए गए आर्य समाज के विवाह को निर्देश देकर विधायिका के क्षेत्र में प्रवेश करके एक त्रुटि की है। मप्र में याचिकाकर्ता समाज को विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप अनुष्ठापन करना होगा। याचिकाकर्ता संगठन ने कहा कि मध्य प्रदेश के सभी आर्य समाज मंदिरों पर उसका अधिकार है।

वकील ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने गलत तरीके से निर्देश दिया कि आर्य समाज मंदिरों को विशेष विवाह अधिनियम की धारा 5, 6, 7 और 8 के प्रावधानों का पालन करने के बाद विवाह की अनुमति देनी चाहिए, जो पूवार्पेक्षा शर्तो के लिए प्रदान करते हैं, जैसे कि इच्छित विवाह की सूचना, प्रकाशन का प्रकाशन। नोटिस, शादी की नोटबुक, शादी पर आपत्ति और प्रक्रिया।

जस्टिस के.एम. जोसेफ और हृषिकेश रॉय ने दलीलें सुनने के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी, जिसने संगठन को अधिनियम के अनुसार अपने दिशानिर्देशों में संशोधन करने का निर्देश दिया, और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया।
यह मामला 2020 में उच्च न्यायालय में एक अंतर-जातीय जोड़े द्वारा दायर एक याचिका से उत्पन्न हुआ, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने आर्य समाज की परंपरा के अनुसार शादी की, और राज्य सरकार को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने के लिए अदालत का रुख किया।

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सरहुल पर्व के शुभअवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन शामिल हुए

सरहुल पर्व के अवसर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन पर सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।मुख्यमंत्री ने पूजा स्थल पहुंच कर सभी को सरहुल पर्व की शुभकामनाएं दी।

सरना स्थल के जीर्णोद्धार का संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां सिरम टोली की पावन भूमि पर आकर सुखद अनुभति हो रही हैं। हमारे मार्ग दर्शक रामदयाल मुंडा जी का कथन था  “हम आदिवासियों का चलना ही नृत्य और बोलना ही संगीत है।” हम सब आज यहां आज जुटे हैं।हमारी विचार धारा हम लोगों को खूबसूरत और सौहार्दपूर्ण जीवन जीने का संदेश देता है।अपनी परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने का प्रयास करना है। जल, जंगल और जमीन हमारा है।इसे बचाना है।हमें अपनी परंपरा और संस्कृति को सहेजने में योगदान देना है।अपनी व्यवस्था को भी मजबूत करना है।इस स्थल के साथ-साथ राज्य के सभी सरना स्थल का जीर्णोद्धार करने का संकल्प सरकार ने लिया है।

इस मौके पर पूर्व सांसद श्री सुबोधकांत सहाय एवं केंद्रीय सरना समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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सरहुल पर्व के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने सभी को शुभकामनाएं दी

रांची,04.04.2022 -सरहुल पर्व की मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने सभी को शुभकामनाएं दी. मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने करमटोली स्थित आदिवासी बालक – बालिका छात्रावास में आयोजित सरहुल पर्व महोत्सव -2022 में शामिल हुए।

आदिवासी द्वेष और घृणा से कोसों दूर हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी के बाद एक बार पुनः हम सब एकत्रित हुए हैं।अपनी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने में सुखद अनुभूति होती है।हम जहां भी हैं, वहां सभी के साथ मिल कर अपनी परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं।आदिवासी हमेशा से द्वेष और घृणा से कोसों दूर हैं।मुख्यमंत्री ने कहा सभी लोग अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट होते रहते हैं।हमें भी आदिकाल से चली आ रही परंपरा को अक्षुण्ण रखने की आवश्यकता है।

हॉस्टल में होंगे रसोईया और चौकीदार

मुख्यमंत्री ने बताया कि कल्याण विभाग द्वारा संचालित हॉस्टल्स का जीर्णोद्धार कर हॉस्टल की सभी खामियों को दूर किया जा रहा है। अब इन बालक – बालिका छात्रावास में रसोईया और चौकीदार की व्यवस्था होगी।यहां रहने वाले स्टूडेंट्स को भोजन भी सरकार उपलब्ध कराएगी। हॉस्टल को नया स्वरूप देने का प्रयास किया जारहा है।सरकार ने आदिवासी बच्चियों के लिए हॉस्टल बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि उन्हें शहर आकर पढ़ाई करने में असुविधा ना हो।

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अफ्सपा को हटाकर केंद्र सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है

04.04.2022 – वेद प्रताप वैदिक – अफ्सपा याने आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पावर्स एक्ट’ को केंद्र सरकार ने असम, नगालैंड और मणिपुर के ज्यादातर क्षेत्रों से हटाकर सराहनीय कदम उठाया है 1958 में यह कानून नेहरु सरकार को इसलिए बनाना पड़ा था कि भारत के इन पूर्वी सीमा के प्रांतों में काफी अराजकता फैली हुई थी। कई बागी संगठनों ने इन प्रांतों को भारत से तोडऩे का बीड़ा उठा रखा था। उन्हें ईसाइयत के प्रचार के नाम पर पश्चिमी मुल्क भरपूर सहायता दे रहे थे और चीन समेत कुछ पड़ौसी देश भी उनकी सक्रिय मदद कर रहे थे।

इसीलिए इस कानून के तहत भारतीय फौज को असाधारण अधिकार प्रदान कर दिए गए थे। इन क्षेत्रों में नियुक्त फौजियों को अधिकार दिया गया था कि वे किसी भी व्यक्ति पर जऱा भी शक होने पर उसे गिरफ्तार कर सकते थे, उसकी जांच कर सकते थे और उसे कोई भी सजा दे सकते थे। उन्हें किसी वारंट या एफआईआर की जरुरत नहीं थी। इन फौजियों के खिलाफ न तो कोई रपट लिखवा सकते थे और न ही उन पर कोई मुकदमा चल सकता था। दूसरे शब्दों में इन क्षेत्रों की जनता मार्शल लॉ’ के तहत जीवन गुजार रही थी।

कई निर्दोष और निरपराध लोग भी इस कानून की चपेट में आते रहे हैं। लगभग इन सभी राज्यों की सरकारें इस कानून को हटाने की मांग करती रही हैं। इस कानून को हटाने की मांग को लेकर मणिपुर से इरोम शर्मिला नामक महिला ने 16 वर्ष तक लगातार अनशन किया। यह विश्व का सबसे लंबा और अहिंसक अनशन था। हालांकि यह कानून अभी हर क्षेत्र से पूरी तरह नहीं हटाया गया है, फिर भी 60 प्रतिशत क्षेत्र इससे मुक्त कर दिए गए हैं।

पिछले 7-8 सालों में उग्रवादी हिंसक घटनाओं में 74 प्रतिशत की कमी हुई है। सैनिकों की मौत में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मौत में 84 प्रतिशत कमी हो गई है। पिछले साल 4 दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में फौज के अंधाधुंध गोलीबार से 14 लोगों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना ने उक्त कानून की वापसी की मांग को काफी तेज कर दिया था। सच्चाई तो यह है कि पूर्वी सीमांत के इन इलाकों में इस तरह का कानून और पुलिस का निरंकुश बर्ताव अंग्रेजों के जमाने से चल रहा था।केंद्र की विभिन्न सरकारों ने समय-समय पर इस कानून में थोड़ी-बहुत ढील तो दी थी लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह से हटाने का रास्ता खोल दिया है।

पिछले कुछ वर्षों में इन इलाकों के लगभग 70,000 उग्रवादियों ने आत्म-समर्पण किया है। लगभग सभी राज्यों में भाजपा या उसकी समर्थक सरकारें हैं याने केंद्र और राज्यों के समीकरण उत्तम है। 2020 का बोदो समझौता और 2021 का कर्बी-आंगलोंग पेक्ट भी शांति की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह खुद इन क्षेत्रों के नेताओं के बीच काफी सक्रिय हैं। यही प्रक्रिया चलती रही तो अगले कुछ ही वर्षों में ये सीमांत के क्षेत्र भी दिल्ली और मुंबई की तरह संपन्न हो सकेंगे।

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जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

04.04.2022 – गजेंद्र सिंह शेखावत – जल शक्ति अभियान  ”कैच द रेन- 2022” का शुभारम्भ राष्ट्रपति द्वारा 29 मार्च, 2022 को किया गया था। यह तीसरा वर्ष है, जब देश वर्षा जल के संरक्षण और भूजल पुनर्भरण के लिए एक जन आंदोलन का मिशन मोड में आयोजन कर रहा है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और उनकी प्रेरणा से, जल शक्ति अभियान को पहली बार वर्ष 2019 में सभी को वर्षा के लिए तैयार करने’ के विजऩ के साथ शुरू किया गया था, ताकि हम वर्षाजल का अधिक से अधिक भण्डारण और उपयोग कर सकें तथा हमारे भूजल भंडार को फिर से भरा भी जा सके।

भूजल को कभी-कभी अदृश्य संसाधन कहा जाता है। हर कोई इसका इस्तेमाल करता है। यह ज्यादातर मामलों में नि:शुल्क है और उन लोगों को उपलब्ध है, जो इन स्रोतों तक पहुंच पाते हैं, या जिनके पास इसे प्राप्त करने के साधन मौजूद हैं। यह झीलों, आर्द्रभूमि और जंगल जैसे महत्वपूर्ण पारितंत्र को बनाए रखता है।भारत दुनिया में भूजल का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और उपलब्ध वैश्विक संसाधनों के एक चौथाई से अधिक का उपयोग करता है। भूजल ने कई दशकों से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यह लाखों नलकूपों के माध्यम से हरित क्रांति की सफलता सुनिश्चित करने में प्रमुख संचालक सिद्ध हुआ है। यह सीमित संसाधन वर्तमान में 60 प्रतिशत से अधिक कृषि की सिंचाई, 85 प्रतिशत ग्रामीण पेयजल आपूर्ति और 50 प्रतिशत से अधिक शहरी जल आपूर्ति की ज़रूरतों को पूरा करता है।भूजल के बढ़ते उपयोग और पुनर्भरण से अधिक दोहन के परिणामस्वरूप इस मूल्यवान संसाधन के भण्डार में महत्वपूर्ण कमी आयी है। बड़े पैमाने पर आजीविका के नुकसान से लेकर प्रवासी लोगों के लिए सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता में कमी से जुड़े स्वास्थ्य मुद्दों तक, जल-संकट का गंभीर प्रभाव पड़ा है।

जलवायु परिवर्तन के कारण यह समस्या और गंभीर हो जाती है, क्योंकि यह वर्षा के पैटर्न को अनिश्चित बनाता है और भूजल पुनर्भरण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। वर्तमान में, देश के लगभग एक तिहाई भू-जल संसाधन विभिन्न स्तरों के संकट झेल रहे हैं। छोटे एवं सीमांत किसान, महिलाएं और समाज के कमजोर वर्ग, भूजल की कमी और दूषित जल का सबसे ज्यादा नुकसान सहते हैं।इस समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री की प्रेरणा से भारत सरकार ने 2019 में जल शक्ति अभियान (जेएसए) की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने स्वयं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा सभी पंचायतों के अग्रणी कर्मियों को पत्र लिखा एवं उनसे अपने-अपने क्षेत्रों में अभियान को नेतृत्व प्रदान करने का अनुरोध किया।यह मिशन मोड में एक समयबद्ध जल संरक्षण अभियान था, जिसे देश में जल-संकट झेल रहे 256 जिलों के 1,592 ब्लॉकों में जुलाई-नवंबर 2019 की अवधि के दौरान लागू किया गया था। ये ब्लॉक भूजल के सन्दर्भ में संकटग्रस्त या अत्यधिक उपयोग किये जाने की श्रेणी में आते हैं, जहां संचय होने की तुलना में भूजल को अधिक मात्रा में निकाला जा रहा था।जेएसए, भारत सरकार और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों का एक परस्पर सहयोगी प्रयास था, जिसका संचालन जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा किया जा रहा था।

इस अभियान के दौरान, भारत सरकार के अधिकारियों, भूजल विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने पांच लक्षित कार्यों के त्वरित कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करते हुए जल संरक्षण और जल संसाधन प्रबंधन के लिए भारत के सबसे जल-संकटग्रस्त जिलों में राज्यों और जिला अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया। जेएसए का उद्देश्य व्यापक प्रचार-प्रसार और समुदायों की भागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण को जन-आंदोलन बनाना है।जेएसए ने पांच बिन्दुओं पर ध्यान केंद्रित किया- जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन, पारंपरिक और अन्य जल निकायों का पुनरुद्धार, पानी का पुन: उपयोग और संरचनाओं का पुनर्भरण, वाटरशेड विकास और गहन वनीकरण। इसके अलावा, विशेष कार्यक्रमों में ब्लॉक जल संरक्षण योजनाओं और जिला जल संरक्षण योजनाओं का निर्माण, कृषि विज्ञान केंद्र मेलों का आयोजन, शहरी अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग और सभी गांवों के लिए 3 डी रूपरेखा मानचित्रण आदि शामिल हैं।

राज्यों ने कई स्रोतों से संसाधनों का इस्तेमाल किया। यह निर्धारित किया गया था कि मनरेगा निधि का कम से कम 60 प्रतिशत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन गतिविधियों, मुख्य रूप से जल संरक्षण पर खर्च किया जाना चाहिए। पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान, कैम्पा निधि, सीएसआर संसाधनों का उपयोग इन कार्यक्रमों को निधि देने के लिए किया गया था।2019 में सभी हितधारकों के संयुक्त प्रयासों से 2.73 लाख जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण हुआ, 45,000 जल निकायों/टैंकों का पुनरुद्धार किया गया, 1.43 लाख पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण हुआ, 1.59 लाख वाटरशेड विकास संबंधी कार्य पूरे किये गए, 12.36 करोड़ पौधे लगाये गए और 1372 ब्लॉक जल संरक्षण योजनाओं की तैयारी की गयी।

इन आंकड़ों से अलग, अभियान ने जल पुनर्भरण और प्रबंधन के लिए काम कर रहे सभी हितधारकों को एक साथ लाने के लिए एक प्रभावशाली वातावरण तैयार किया। कई राज्यों ने मूल रूप से निर्धारित कार्य की तुलना में अधिक कार्य किये। कुछ राज्यों ने अपने सभी जिलों में इस अभियान का विस्तार किया, जबकि प्रारंभ में पानी की कमी वाले जिलों के लिए ही योजना की शुरुआत की गयी थी।वर्ष 2020 में देश ने कोविड महामारी से मुकाबले की शुरुआत की थी। इसलिए, उस वर्ष पूरे तौर पर जन-आंदोलन को लागू करना संभव नहीं था। इसलिए, जल शक्ति मंत्रालय ने वर्षा जल संचयन में वृद्धि के लिए शैक्षणिक संस्थानों, रक्षा प्रतिष्ठानों जैसे बड़े भूखण्डों पर काम किया।

2019 में प्राप्त प्रतिक्रिया से प्रोत्साहित होकर, वर्ष 2021 में जेएसए-2019 के दायरे का विस्तार किया गया और जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (जेएसए: सीटीआर) को देश के सभी जिलों (ग्रामीण और शहरी) में शुरू किया गया। जेएसए: सीटीआर को 22 मार्च, 2021 से 30 नवंबर 2021 के दौरान कैच द रेन, व्हेयर फॉल्स, व्हेन फॉल्स थीम के साथ लागू किया गया था।22 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2021 तक जेएसए: सीटीआर अभियान के दौरान लगभग 42 लाख जल से संबंधित कार्य किए गए और 36 करोड़ पौधे लगाए गए। इसमें 14.76 लाख जल संरक्षण और आरडब्ल्यूएच संरचनाओं का निर्माण/रख-रखाव, 2.78 लाख पारंपरिक जल निकायों का पुनरुद्धार, 7.34 लाख पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण/रख-रखाव और 17.02 लाख वाटरशेड विकास संबंधी कार्य शामिल हैं।

इन कार्यों पर अकेले मनरेगा के तहत 65,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए।देश में जीवन और आजीविका के लिए पानी के महत्व को देखते हुए, जल संरक्षण कार्य को विस्तार देने के लिए वर्षा की तैयारी’ को वार्षिक कार्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। इसलिए इस वर्ष भी जल शक्ति अभियान : कैच द रेन का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है। अभियान 22 मार्च, 2022 से 30 नवंबर, 2022 तक लागू किया जाएगा, जिसमें मानसून-पूर्व और मानसून अवधि को कवर किया जायेगा।पिछले वर्ष की तरह, जल संरक्षण और पुनर्भरण गतिविधियों में निम्न को शामिल किया जायेगा – सरकारी भवनों की प्राथमिकता के साथ सभी भवनों पर छत के ऊपर आरडब्ल्यूएचएस, सभी परिसरों में जल संचयन गड्ढे, पुराने/नए चेक बांधों/तालाबों का रख-रखाव/ निर्माण; तालाबों/झीलों से अतिक्रमणों को हटाना, तालाबों की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए गाद निकालना, जल-प्रवाह के अवरोधों को हटाना, पारंपरिक बावडिय़ों और अन्य आरडब्ल्यूएचएस की मरम्मत करना, जलभृतों के पुनर्भरण के लिए निष्क्रिय बोरवेल/अप्रयुक्त कुओं का उपयोग करना, छोटी नदियों/नालों का कायाकल्प, आर्द्रभूमि का पुनरुद्धार और बाढ़-बांधों की सुरक्षा आदि।पर्वतीय राज्यों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर इस वर्ष झरनों की पहचान, मानचित्रण और प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

प्रत्येक जिले से पुराने राजस्व रिकॉर्ड तथा एनआरएसए और जीआईएस मैपिंग तकनीक से प्राप्त रिमोट सेंसिंग चित्रों का उपयोग करके सभी मौजूदा जल-निकायों/जल संचयन संरचनाओं (डब्ल्यूएचएस) की सूची बनाने और भविष्य में डब्ल्यूएचएस की वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए डेटा का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है। राष्ट्रीय जल मिशन ने जीआईएस आधारित जल संरक्षण योजना तैयार करने और जिलों के जल निकायों की सूची तैयार करने के सन्दर्भ में दिशा-निर्देश तैयार किये हैं और क्रियान्वयन के लिए इन्हें सभी जिलों को भेजा गया है। कई जिलों ने इन योजनाओं को तैयार किया है और उन्हें लागू कर रहे हैं।

इस कार्य को इस वर्ष ही पूरा करने के लिए सभी जिलों को प्रोत्साहित किया जाएगा। जेएसए: सीटीआर अभियान 2021 के एक हिस्से के रूप में, राज्य सरकारों से सभी जिला मुख्यालयों में जल शक्ति केंद्र (जेएसके) स्थापित करने का अनुरोध किया गया था। ये जेएसके; जल, जल संरक्षण की तकनीकों और जल की बचत से संबंधित जानकारी के प्रचार-प्रसार के लिए ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। जेएसके की स्थापना का उद्देश्य स्थानीय लोगों के साथ-साथ जिला प्रशासन को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करना था। अब तक पूरे देश में 336 जेएसके स्थापित किए जा चुके हैं। चालू वर्ष में अभियान के कार्यान्वयन के दौरान, देश के प्रत्येक जिले में जेएसके की स्थापना से संबंधित कार्यों में तेजी लाकर उन्हें पूरा किया जायेगा।

जल प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत नागरिक समाज संगठन, जो केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के जिला प्रशासन और स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रहे हैं, इस अभियान का हिस्सा हैं।लोग और समुदाय हमारे सभी कार्यक्रमों के केंद्र में हैं। चाहे वह हमारी नदियों का फिर से जीर्णोद्धार का प्रयास हो, जल पुनर्भरण और जल उपयोग दक्षता में सुधार हो, भूजल का सतत उपयोग करना हो, खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य हासिल करना हो- जल सुरक्षा के लिए लोगों को शामिल करना, स्थायी परिवर्तन का आधार होता है।

यह जल शक्ति अभियान के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। इसलिए यह आवश्यक है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी व्यक्ति, समूह, निवासी कल्याण संगठन, स्वयं सहायता समूह, कॉर्पोरेट, मीडिया हाउस, शैक्षणिक संस्थान सभी साथ मिलकर कार्य करें।हम पर वर्तमान पीढ़ी के लिए जल-सुरक्षा और आने वाली पीढिय़ों के लिए जल सुरक्षित भारत का उत्तरदायित्व है। जय हिन्द।

(लेखक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, जल शक्ति मंत्रालय हैं)

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