चंडीगढ़ 30 Jully (Rns/FJ): राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने आज पंजाब सरकार के संवैधानिक मुखिया राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलकर पंजाब में लगातार दलित समुदाय के लोगों के अधिकारों को नजरअंदाज करे जाने एवं दिन प्रतिदिन उन पर बढ़ते अत्याचारों का संज्ञान न लेने जैसे गंभीर विषय उनके समक्ष रखे।
सांपला ने राज्यपाल को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा दलित भाईचारे के बच्चों को पढ़ा-लिखा यां शैक्षणिक तौर पर योग्य बनाने हेतु चलाई जा रही पोस्ट मेट्रिक स्कालर्शिप के संदर्भ में बहुत सारी शिकायतें आयोग को प्राप्त हुई हैं जो यह दर्शाती हैं कि नीचे जरुरतमन्द अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों तक स्कालर्शिप नहीं पहुँच रही।
केंद्र सरकार द्वारा पिछले की वर्षों से समय पर पोस्ट मेट्रिक स्कालर्शिप कि राशि दिए जाने के बाबजूद पंजाब सरकार पोस्ट मेट्रिक स्कालर्शिप का भुगतान कॉलेजों को नहीं कर रही यां समय पर नहीं कर रही। इस कारण से ड्रॉप रेट 2 लाख तक पहुँच चुका है। भारत के संविधान द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को दी गई कोर्ट कि शक्तियों के तहत इन सभी शिकायतों का संज्ञान ले पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगे गए, पर दुखदायी बात है कि राज्य सरकार उपयुक्त कारवाई कर एक्शन टेकन रिपोर्ट नहीं दे रही।
इसी तरह ला ऑफिसर की नियुक्ति में जब पंजाब सरकार को उनके अपने बनाए हुए कानून के तहत आरक्षण लागू करने के लिए कहा गया तो पंजाब सरकार अपने ही बनाए हुए कानून के विरोध में हाई कोर्ट चली गई लेकिन बाद में अनुसूचित जाति का रोष की बढ़ोतरी देख केस वापिस ले लिया पर नियुक्ति में आरक्षण अभी भी लागू नहीं किया है।
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी पंजाब सरकार सरकारी विभागों में रोस्टर नहीं बना। जिला अदालतों में कार्यरत न्यायाधीशों के प्रमोशन में आरक्षण के संदर्भ में प्राप्त शिकायतों के निवारण के समय आयोग के समक्ष हामी भरने के बाबजूद पंजाब सरकार उसे लागू नहीं कर रही।
दशकों से जिन ज़मीनों पर दलित भाईचारा खेती कर रहा था यां रहने के लिए मकान बनाए हुए थे, चाहे उसे उनसे जबरन बापिस लेने का मामले हों यां फिर हर साल जमीन पट्टे पर देने के मामले में हों इन सब में पंजाब सरकार पुख्ता कारवाई करती नहीं दिखती। राज्यपाल ने सांपला को उचित कारवाई का आश्वासन दिया।
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