तमिलनाडु में राज्य सरकार का लगभग 40,000 हिंदू मंदिरों पर नियंत्रण

*सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस*

नई दिल्ली 29 Aug. (Rns): सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें राज्य को करीब 40,000 हिंदू मंदिरों पर नियंत्रण देने के तमिलनाडु सरकार के आदेश को चुनौती दी गई थी।

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने स्वामी की याचिका पर भी नोटिस जारी किया जिसमें एम.के. स्टालिन सरकार का कानून मंदिर में गैर-ब्राह्मणों को अर्चक के रूप में नियुक्त करने की अनुमति देता है।

याचिका में तमिलनाडु सरकार द्वारा पारित हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम की विभिन्न धाराओं को चुनौती दी गई थी।

स्वामी ने याचिका में कहा, अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करके, प्रतिवादी-सरकार ने राज्य में हिंदुओं के अधिकारों को मानने, अभ्यास करने और प्रचार करने के अधिकारों की पूर्ण अवहेलना करते हुए राज्य में लगभग 40,000 हिंदू मंदिरों को अपने अधिकार में ले लिया है।

इसमें आगे कहा गया है कि अधिनियम के तहत नियुक्त सरकारी कर्मचारी इन मंदिरों को नियंत्रित करने वाले रीति-रिवाजों की अवहेलना करते हुए, इन मंदिरों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अर्चकों की नियुक्ति सहित विभिन्न कार्यों का अभ्यास करते हैं।

याचिका में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति जो अनुष्ठानों, आगमों और मंदिर को नियंत्रित करने वाली पूजा के तरीकों से अच्छी तरह वाकिफ नहीं है, को इसका अर्चक नियुक्त किया जाता है, तो यह पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को बदलने के बराबर होगा।

************************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version