कब्जाधारियों ने दिखाया बड़ा दिल, 300 एकड़ गौचर जमीन स्वेच्छा से छोड़ी

भोपाल ,09 अगस्त (आरएनएस/FJ)। मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले में कब्जाधारियों ने बड़ा दिल दिखाते हुए गौचर की खातिर तीन सौ एकड़ जमीन को स्वेच्छा से छोड़ दिया है। अब आने वाले दिनों में गायों को इस जमीन पर चारा आदि आसानी से सुलभ हो सकेगा। राज्य के बड़े हिस्से की गौचर जमीन गुम हो गई है, अवैध कब्जाधारियों ने इन जमीनों पर कब्जा कर लिया है और इस जमीन पर या तो खेती हो रही है या फिर लोगों ने निर्माण कार्य कर लिए है। आगर-मालवा जिले के बरगढ़ी गांव में भी गौचर जमीन पर लोगों का कब्जा था।

गौ संवर्धन बोर्ड कार्य-परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने इस गांव के लोगों से आह्वान किया कि वे इस जमीन को छोड़ दें, उनके इस आह्वान पर 137 लोगों ने 300 एकड़ शासकीय गोचर भूमि स्वेच्छा से छोड़ दी।

स्वामी गिरि ने ग्रामीणों को समझाया था कि गाय का गोबर जंगल का आहार है। गाय जंगल में चरती है और गोबर से जमीन, उर्वरा शक्ति पुन प्राप्त करती है। पेड़-पौधे स्वस्थ विकास, स्वस्थ प्राणवायु देते है। इस चक्र से मानव सहित सभी प्राणियों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। बेहतर जंगल से पर्यावरण भी संतुलित रहता है, जो हमारी आगे आने वाली पीढिय़ों के लिये अच्छा रहेगा।

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने श्री कृष्ण योगेश्वर गौ-शाला का भी निरीक्षण किया। गौ-शाला में 1200 गौ-वंश की देखभाल की जा रही है। उन्होंने गोचर भूमि के संरक्षण, गाय और जंगल के समीकरण को विशेष रूप से रेखांकित किया। इससे लोगों पर इतना असर हुआ कि उन्होंने शासकीय भूमि पुन गायों की चरनोई के लिये सौंपने का निर्णय लिया।

************************************

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version