समाजवादी पार्टी लगातार चौथा चुनाव हारेगी : यूपी भाजपा अध्यक्ष

लखनऊ 29 Sep. (Rns/FJ): समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल के विधानसभा चुनावों में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए योगी सरकार पर तीखा हमला बोला, जिसपर भाजपा ने यह कहते हुए पलटवार किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा चौथी बार फिर से हार जाएगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा, “सपा को पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कोई और नहीं मिल रहा है। यह भाई-भतीजावाद का सबसे बड़ा उदाहरण है।”

उल्लेखनीय है कि नरेश उत्तम पटेल बुधवार को फिर से प्रदेश अध्यक्ष चुने गए और पार्टी के दो दिवसीय अधिवेशन के दौरान गुरुवार को अखिलेश फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने वाले हैं।

चौधरी ने कहा, “सपा का सम्मेलन झूठ और झांसे की बुनियाद पर टिका है। इसके नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का अगले चुनाव में लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भ्रष्टाचार, अराजकता और सांप्रदायिक तुष्टीकरण की ब्रांड एंबेसडर बन गई है सपा!”

उन्होंने कहा कि लोगों ने सपा सरकार के चार शासन देखे हैं और उनकी अपनी सरकारों में सुरक्षा का अभाव है। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर उपद्रवियों, माफियाओं और दंगाइयों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।

उन्होंने उत्तर प्रदेश की छवि को महत्वपूर्ण रूप से बदलने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना करते हुए कहा, “आज जब राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, तो सपा प्रमुख को दर्द हो रहा है।”

********************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version