मुंबई इंडियंस से जुड़े कीरोन पोलार्ड

नई दिल्ली,16 मार्च। आईपीएल 2022 को शुरू होने में अब सिर्फ 10 दिन बचे हुए हैं। ऐसे में सभी टीमों के खिलाड़ी अपनी फ्रेंचाइजी से जुड़ रहे हैं। इस सीजन आईपीएल 2022 में सिर्फ तीन दिन का क्वारंटीन है। ऐसे में खिलाडिय़ों के लिए टीम से जुडऩा काफी आसान बन गया है। मुंबई इंडियंस की टीम के अहम सदस्य रहे कीरोन पोलार्ड भी फ्रेंचाइजी से जुड़ गए हैँ। कीरोन पोलार्ड ने आईपीएल में 178 मैच खेलते हुए 3268 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 65 विकेट चटकाए हैं। इससे पहले लगातार 9वीं साल मुंबई इंडियंस की कप्तानी करने के लिए रोहित शर्मा तैयार हैं। वहीं टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भी फ्रेंचाइजी से जुड़ गए हैं। मुंबई इंडियंस ने ट्वीट करके बुमराह और रोहित के फ्रेंचाइजी से जुडऩे की पुष्टि की है। मुंबई ने ट्वीट करके लिखा, देखो वो आ गए। वहीं एक और तस्वीर फ्रेंचाइजी ने शेयर की है, जिसमें जसप्रीत बुमराह नजर आ रहे हैं। फ्रेंचाइजी ने शेयर करते हुए लिखा, टिक टिक बूम।
पांच बार की आईपीएल विजेता मुंबई इंडियंस ने हाल ही में अपनी नई जर्सी को भी लॉन्च कर दिया है। इस बार मुंबई की जर्सी का लुक थोड़ा अलग है, क्योंकि ब्लू और गोल्डन जर्सी में आगे और पीछे अलग तरह का पैटर्न देखने को मिलता है, जो शायद प्रकृति की ओर इशारा करता है। (एजेंसी)

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इंग्लैंड को लगातार तीन हार के बाद नसीब हुई जीत

भारत को 4 विकेट से हराया

नई दिल्ली ,16 मार्च। इंग्लैंड ने भारत को आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप के 15वें मुकाबले में 4 विकेट से हराकर टूर्नामेंट में अपनी जीत का खाता खोला है। जबकि भारतीय टीम को टूर्नामेंट में दूसरी हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले न्यूजीलैंड ने भारत को 62 रन से हराया था। इंग्लैंड ने मैच में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय बल्लेबाजों ने इंग्लैंड की चार्लोट डीन के सामने घुटने टेक दिए। डीन के 4 विकेट की मदद से इंग्लैंड ने भारत को सिर्फ 134 रन पर ही ढेर कर दिया। इसके जवाब में इंग्लैंड ने 31.1 ओवर में 6 विकेट पर 136 रन बनाकर मैच अपने नाम किया।
भारत की ओर से स्मृति मंधाना ने सर्वाधिक 35 रन बनाए। मंधाना के अलावा ऋचा घोष ने 33 और झूलन गोस्वामी ने 20 रन बनाए। हरमनप्रीत 14 रन बनाकर पवेलियन लौटी। इंग्लैंड की ओर से चार्लोट डीन ने 4, श्रुबसोल ने दो और एक्लेस्टोन, क्रास को 1-1 विकेट मिला।
135 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत खराब रही। मेघना और गोस्वामी ने इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। हालांकि नताली साइवर ने तेजी से रन बनाते हुए इंग्लैंड की पारी को संभाला और आउट होने से पहले 46 गेंदों में 45 रन की पारी खेली। इस दौरान उन्होंने 8 चौके लगाए। कप्तानी हीथर नाइट ने शानदार अर्धशतकीय पारी खेली। भारत की ओर से मेघना को तीन विकेट, झूलन, गायकवाड और पूजा को 1-1 विकेट मिला।
इससे इंग्लैंड की टीम का वर्ल्ड के अपने पहले मैच में मजबूत ऑस्ट्रेलिया से सामना हुआ था, जहां उसको ऑस्ट्रेलिया ने 12 रन से हराया था। दूसरे मैच में वेस्टइंडीज ने 7 रन से हराया। तीसरे मैच में दक्षिण अफ्रीका ने 3 विकेट से मात दी। हालांकि इन तीनों मैचों में इंग्लैंड जीत के काफी नजदीक पहुंचकर हारी थी। मिताली राज के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप में अपने अभियान की शुरुआत 6 मार्च को चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ किया था। टीम ने पाकिस्तान को 107 रन से करारी शिकस्त देकर दमदार आगाज किया था। हालांकि दूसरे मैच में ही भारतीय टीम की बल्लेबाजी की पोल खुल गई और टीम को न्यूजीलैंड ने 62 रन से शिकस्त दी। अपने आखिरी मैच में भारतीय महिला टीम ने वेस्टइंडीज को 155 रनों से हराकर बड़ी जीत हासिल की। लेकिन इंग्लैंड ने भारत को हराकर एक बार फिर वर्ल्ड कप में टीम के अभियान को तगड़ा झटका दिया है। (एजेंसी)

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चुनाव जीतने की मशीनरी

कुछ समय पहले जब कहा जाता था कि चुनाव अब नेता नहीं..

अजीत द्विवेदी – कुछ समय पहले जब कहा जाता था कि चुनाव अब नेता नहीं, बल्कि रणनीतिकार लड़ाएंगे और मुकाबला रैलियों, रोड शो में नहीं, बल्कि ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सऐप पर लड़ा जाएगा तो पार्टियों के नेता कहते थे कि भारत कोई अमेरिका नहीं है।

भाजपा के पास एक शानदार मशीनरी है, जिसके दम पर उसने कांग्रेस से उसकी 70 साल की उपलब्धियां छीन ली हैं।भाजपा की यह मशीनरी सिर्फ चुनाव के समय काम नहीं करती है, बल्कि 365 दिन और 24 घंटे काम करती है।पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों ने भारतीय राजनीति की एक अहम जरूरत को रेखांकित किया है। वह जरूरत है चुनाव लड़ाने और जिताने वाली मशीनरी की। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसका जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इसलिए चार राज्यों में चुनाव जीती क्योंकि उसके पास चुनाव लड़ाने वाली आधुनिक मशीनरी है, कांग्रेस को भी ऐसी मशीनरी तैयार करनी होगी।

सवाल है कि इस मशीनरी में क्या क्या चीजें हैं, जो चुनाव लडऩे और सकारात्मक नतीजे हासिल करने के लिए जरूरी हैं? और क्या आम आदमी पार्टी जैसी नई बनी पार्टी ने भी वह मशीनरी विकसित कर ली है, जिसके दम पर उसने पंजाब का चुनाव जीता?राहुल गांधी ने जिस आधुनिक मशीनरी का जिक्र किया उसका एक हिस्सा नए सॉफ्टवेयर और अल्गोरिदम आधारित मशीनरी है, जिसके बिना इन दिनों चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है। चुनाव रणनीतिकार, सर्वेक्षण करके फीडबैक जुटाने वाली टीम, उस फीडबैक के आधार पर नैरेटिव गढऩे वाली टीम, सोशल मीडिया में इस नैरेटिव को वायरल करने और उस पर ओपिनियन बनवाने वाली टीम, अपने प्रतिद्वंद्वियों की गलतियां निकालने और उस पर ट्रोल कराने वाली टीम, ये सब इस आधुनिक मशीनरी का हिस्सा हैं। भाजपा के पास इसकी एक शानदार मशीनरी है, जिसके दम पर उसने कांग्रेस से उसकी 70 साल की उपलब्धियां छीन ली हैं और तमाम झूठी-सच्ची असफलताओं के लिए उसे जिम्मेदार बनाया है। इसी मशीनरी के दम पर भाजपा ने गांधी परिवार को कांग्रेस और देश के लिए एक लायबिलिटी साबित किया है।

भाजपा की यह मशीनरी सिर्फ चुनाव के समय काम नहीं करती है, बल्कि 365 दिन और 24 घंटे काम करती है।भाजपा के उलट कांग्रेस अब भी पारंपरिक तरीके से चुनाव लड़ती है। उम्मीदवार तय करने से लेकर प्रचार सामग्री तैयार करने और प्रचार करने तक का कांग्रेस का तरीका पारंपरिक है। सोशल मीडिया में भी कांग्रेस की जो उपस्थिति दिखती है वह कांग्रेस की वजह से कम और भारतीय जनता पार्टी व उसकी सरकार का विरोध करने वाले सोशल मीडिया के स्वंयभू योद्धाओं की वजह से ज्यादा है। इसलिए यह ज्यादा असरदार नहीं है। यह बुनियादी रूप से वैचारिक है, इसमें कोई नियोजन नहीं है और कोई तालमेल नहीं है। इनकी दूसरी सीमा यह है कि ये किसी घटना के हो जाने के बाद उस पर प्रतिक्रिया देते हैं। किसी एजेंडे के तहत कोई विमर्श इनके दम पर खड़ा नहीं किया जा सकता है। उसके लिए पार्टियों के पास अपना पूरा तंत्र होना चाहिए।अगर पांच राज्यों में हुए चुनाव और उसके नतीजे देखें तो जीतने वाली दोनों पार्टियों- भाजपा और आप को देख कर साफ लगेगा कि चुनाव प्रबंधन, रणनीतिकार और मशीनरी की कितनी जरूरत है।

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इन तीन चीजों की कमी के चलते हारे। भाजपा की राज्य सरकारों के खिलाफ लोगों में गुस्सा था, सरकार के कामकाज से निराशा थी और बदलाव की चाहत भी थी फिर भी सपा और कांग्रेस इस हालात का फायदा नहीं उठा पाए तो उसका कारण यह था कि इन पार्टियों के साथ रियल टाइम में फीडबैक जुटाने, उस पर प्रतिक्रिया देने, आकर्षक नारे गढऩे, झूठे-सच्चे नैरेटिव तैयार करने वाली टीम नहीं थी। मिसाल के तौर पर पंजाब का चुनाव देखें। जिस दिन कांग्रेस पार्टी ने दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया उस दिन से आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया में उनको नकली दलित बताना शुरू किया। उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और अरविंद केजरीवाल ने पता नहीं अपने किस सर्वेक्षण के आधार पर कहना शुरू किया कि चन्नी दोनों सीटों- चमकौर साहिब और भदौर से चुनाव हार रहे हैं।मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री पद के घोषित दावेदार दोनों सीटों से चुनाव हार रहे हैं, इसका ऐसा प्रचार आम आदमी पार्टी ने किया कि सचमुच कांग्रेस के नेता चुनाव से पहले ही मान लिए वे हार रहे हैं।

यह मनोवैज्ञानिक लड़ाई है, जो टेलीविजन चैनलों के स्टूडियो या सोशल मीडिया के स्पेस में लड़ी जाती है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में यह और भी जरूरी इसलिए है क्योंकि चुनाव कई चरण में होते हैं और हर चरण के मतदान के बाद चुनाव बदलता जाता है। अगर किसी पार्टी के पास अच्छा चुनाव रणनीतिकार हो और अच्छी मशीनरी हो तो वह हर चरण के बाद बदलते चुनाव को अपने पक्ष में मोड़ सकता है। सोचें, उत्तर प्रदेश के जाट और मुस्लिम बहुल पश्चिमी हिस्से में पहले चरण की 58 सीटों में से 48 सीटें भाजपा को मिली हैं, जबकि माना जा रहा था कि किसान आंदोलन की वजह से जाट बुरी तरह से नाराज हैं और भाजपा को वोट नहीं देंगे।

लेकिन क्या यह फीडबैक सपा प्रमुख अखिलेश यादव को मिली थी? अगर मिली तो उन्होंने दूसरे और तीसरे चरण के लिए अपनी रणनीति में क्या बदलाव किया?कुछ समय पहले जब कहा जाता था कि चुनाव अब नेता नहीं, बल्कि रणनीतिकार लड़ाएंगे और मुकाबला रैलियों, रोड शो में नहीं, बल्कि ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सऐप पर लड़ा जाएगा तो पार्टियों के नेता कहते थे कि भारत कोई अमेरिका नहीं है। ध्यान रहे अमेरिका का 2016 का राष्ट्रपति चुनाव पूरी तरह से ट्विटर पर लड़ा गया था। अब भारत में यह नहीं कहा जा सकता है कि भारत कोई अमेरिका नहीं है। अब यहां भी चुनाव स्मार्टफोन और सोशल मीडिया में लड़ा जा रहा है। उसी के जरिए धारणा बनाई और बदली जा रही है। नेताओं और मुद्दों को लोगों के मानस में स्थापित किया जा रहा है।

हालांकि ऐसा नहीं है कि तकनीक और मशीनरी के इस दौर में कार्यकर्ता और संगठन की जरूरत खत्म हो गई है। लेकिन अब उनकी भूमिका बदल गई है। वे इस तकनीक या मशीनरी का सहायक पुर्जा है, जिनका काम पार्टियों या नेताओं के चुनाव रणनीतिकारों द्वारा गढ़े गए नैरेटिव और नारे को आम लोगों तक पहुंचाना है। वह भी फिजिकल तरीके से कम और इलेक्ट्रोनिक तरीके से ज्यादा। जितने ज्यादा लोगों तक पहुंच बनेगी और उस पहुंच में जितनी निरंतरता रहेगी, उतना फायदा होगा। प्रशांत किशोर और उनकी कंपनी इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी यानी आईपैक यहीं काम करती है। पोलिटिकल एक्शन कमेटी यानी पैक्स पूरी तरह से अमेरिकी राजनीति से लिया गया विचार है। वहां पार्टियों के पैक्स और सुपर पैक्स होते हैं, जो सारे चुनावी मुद्दे, नारे और नैरेटिव तय करते हैं और उन्हें लोगों तक पहुंचाने के उपाय करते हैं। यह सब लोगों की राय के आधार पर किया जाता है। भारत के लिए यह नया विचार है और इसलिए सब इस विचार के मोहपाश में बंधे हैं। ध्यान रहे भारत में जैसे ही कोई नया विचार आता है या नई तकनीक आती है, उसका इस्तेमाल करने वाला सबको पराजित कर देता है। भारतीय राजनीति का वहीं दौर अभी चल रहा है, जो इस दौर के साथ नहीं चलेगा वह पिछड़ जाएगा।

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कांग्रेस और जी-हुजूर—23

वेद प्रताप वैदिक –
16.03.2022, पांच राज्यों के चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में वही हुआ, जो पहले भी हुआ करता था।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यदि पार्टी कहे तो हम तीनों (माँ, बेटा और बेटी) इस्तीफा देने को तैयार हैं। पांच घंटे तक चली इस बैठक में एक भी कांग्रेसी की हिम्मत नहीं पड़ी कि वह नेतृत्व-परिवर्तन की बात खुलकर कहता। जो जी-23 समूह कहलाता है, जिस समूह ने कांग्रेस के पुनरोद्धार के लिए आवाज बुलंद की थी, उसके कई मुखर सदस्य भी इस बैठक में मौजूद थे लेकिन जी-23 अब जी-हुजूर-23 ही सिद्ध हुए।

उनमें से एक आदमी की भी हिम्मत नहीं पड़ी कि वह कांग्रेस के नए नेतृत्व की बात छेड़ता। सोनिया गांधी का रवैया तो प्रशंसनीय है ही और उनके बेटे राहुल गांधी को मैं दाद देता हूं कि उन्होंने कांग्रेस-अध्यक्ष पद छोड़ दिया लेकिन मुझे कांग्रेसियों पर तरस आता है कि उनमें से एक भी नेता ऐसा नहीं निकला, जो खम ठोककर मैदान में कूद जाता। वह कैसे कूदे? पिछले 50-55 साल में कांग्रेस कोई राजनीतिक पार्टी नहीं रह गई है। वह पोलिटिकल पार्टी की जगह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है।उसमें कई अत्यंत सुयोग्य, प्रभावशाली और लोकप्रिय नेता अब भी हैं लेकिन वे नेशनल कांग्रेस (एनसी) याने नौकर-चाकर कांग्रेस’ बन गए हैं। मालिक कुर्सी खाली करने को तैयार हैं

लेकिन नौकरों की हिम्मत नहीं पड़ रही है कि वे उस पर बैठ जाएं। उन्हें दरी पर बैठे रहने की लत पड़ गई है। यदि कांग्रेस का नेतृत्व लंगड़ा हो चुका है तो उसके कार्यकर्ता लकवाग्रस्त हो चुके हैं। कांग्रेस की यह बीमारी हमारे लोकतंत्र की महामारी बन गई है। देश की लगभग सभी पार्टियां इस महामारी की शिकार हो चुकी हैं।भारतीय मतदाताओं के 50 प्रतिशत से भी ज्यादा वोट प्रांतीय पार्टियों को जाते हैं। ये सब पार्टियां पारिवारिक बन गई हैं। कांग्रेस चाहे तो आज भी देश के लोकतंत्र में जान फूंक सकती है। देश का एक भी जिला ऐसा नहीं है, जिसमें कांग्रेस विद्यमान न हो। देश की विधानसभाओं में आज भाजपा के यदि 1373 सदस्य हैं तो कांग्रेस के 692 सदस्य हैं।                                                     लेकिन पिछले साढ़े छह साल में कांग्रेस 49 चुनावों में से 39 चुनाव हार चुकी है। उसके पास नेता और नीति, दोनों का अभाव है।मोदी सरकार की नीतियों की उल्टी-सीधी आलोचना ही उसका एक मात्र धंधा रह गया है। उसके पास भारत को महासंपन्न और महाशक्तिशाली बनाने का कोई वैकल्पिक नक्शा भी नहीं है। कांग्रेस अब पचमढ़ी की तरह नया चिंतन-शिविरÓ करनेवाली है। उसे अब चिंतन शिविर नहीं, चिंता शिविर करने की जरुरत है। यदि कांग्रेस का ब्रेक फेल हो गया तो भारतीय लोकतंत्र की गाड़ी कहां जाकर टकराएगी, कुछ नहीं कहा जा सकता।

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उनके जीने के अधिकार का हो सम्मान

 चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

 रूस पर प्रतिबंधों का मकडज़ाल

पूरी तरह से रूस के कब्जे में आया खेरसन

कीव में फिर लगा कर्फ्यू

मॉस्को ,15 मार्च । रूसी सैन्य बलों ने यूक्रेन के दक्षिण में स्थित खेरसन क्षेत्र पर पूर्णत: कब्जा कर लिया है। रूस ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने मंगलवार को यह बात कही। कोनाशेकोव ने कहा कि रूसी सैनिकों ने कीव के पास हुता-मेजिहिर्स्का क्षेत्र में यूक्रेनी व दूसरे देशों से आए सैनिकों को कब्जे में लेने की और अमेरिकी द्वारा निर्मित 10 जेवलिन एंटी टैंक मिसाइल सिस्टम जब्त करने सूचना दी है। कोनाशेकोव ने कहा,रूसी सैन्य बलों ने खेरसोन के पूरे भूभाग पर कब्जा कर लिया है। प्रवक्ता ने कहा, 14 मार्च की शाम को हुता-मेजिहिर्स्का गांव के समीप रूसी हवाई सैनिक इकाइयों ने यूक्रेनी व विदेशी सैनिकों के एक गढ़ को कब्जे में ले लिया। रूसी सैनिकों ने 10 अमेरिका निर्मित जेवलिन एंटी टैंक मिसाइल सिस्टम और पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को दिये गए कई हथियार जब्त किए।
स्पूतनिक ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान जब्त किए गए सभी जेवलिन एंटी टैंक सिस्टम और अन्य विदेशी हथियारों को डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक की नागरिक सेना इकाइयों के हवाले कर दिया गया है। उधर, यूक्रेन की राजधानी कीव में एक बार फिर से कर्फ्यू लगाया गया है। यह कर्फ्यू 15 मार्च रात आठ बजे से 17 मार्च सुबह सात बजे तक लागू रहेगा। कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने बताया कि नागरिकों को बम धमाके से बचने के लिए सिर्फ बंकरों में जाने की अनुमति होगी। (एजेंसी)

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इजरायल में साइबर हमला

क्रैश हुयीं सरकारी वेबसाइटें

यरुशलम ,15 मार्च । इजरायल की कई सरकारी वेबसाइटें क्रैश हो गईं, जिनमें प्रधानमंत्री कार्यालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आंतरिक, न्याय और कल्याण मंत्रालय की वेबसाइटें शामिल हैं।
इजरायल के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े साइबर हमले के रूप में देखा जा रहा है। उधर, इजरायल के राष्ट्रीय साइबर निदेशालय ने एक बयान में कहा कि ये सभी वेबसाइट अब फिर से शुरू हो गयी हैं।
इजरायल के साइबर प्राधिकरण ने कहा कि यह हमला एक डिजिटल-डिनायल ऑफ सर्विस (डीडीओएस) हमला था। इसके जरिए सरकारी वेबसाइट तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया था।
सोमवार शाम को बड़े पैमाने पर साइबर हमला किया गया था। माना जा रहा है इस हमले लिए एक अभिनेता या बड़ा संगठन जिम्मेदार है।
रक्षा प्रतिष्ठान और राष्ट्रीय साइबर निदेशालय ने अब नुकसान का अध्ययन करने के लिए आपातकाल स्थिति घोषित कर दी है। साथ यह पता लगाया जा रहा है कि क्या रणनीतिक इजऱायली वेबसाइटों और सरकारी बुनियादी ढांचे, जैसे कि इजऱायल की बिजली और जल आपूर्ति करने वाली कंपनियों पर भी हमले हुए हैं।
रक्षा प्रतिष्ठान ने यह भी कहा कि हमले से डोमेन का उपयोग करने वाली वेबसाइटें प्रभावित हुई हैं, जिसका उपयोग रक्षा संबंधी वेबसाइटों को छोड़कर सभी सरकारी वेबसाइटों के लिए किया जाता है। इस डोमेन का उपयोग करने वाली एक अन्य वेबसाइट सरकारी डेटाबेस है। कुछ वेबसाइटों को अभी भी स्मार्टफोन के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।
इजरायल के संचार मंत्री योआज हेंडेल ने हमले के मद्देनजर संचार मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई और दूरसंचार कंपनियां बाधित हुयीं वेबसाइटों को फिर से शुरू करने के लिए काम कर रही हैं। धीरे-धीरे सेवा बहाल की जा रही है। (एजेंसी)

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आईपीएल 2022  से पहले दिल्ली कैपिटल्स से जुड़ेंगे शेन वॉटसन

सीएसके का हिस्सा रहे शेन वॉटसन अब दिल्ली कैपिटल्स की जर्सी में नजर आएंगे

नई दिल्ली ,15 मार्च । ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व ऑलराउंडर और आईपीएल 2020 तक चेन्नई सुपर किंग्स यानी एमएस धोनी की कप्तानी वाली सीएसके का हिस्सा रहे शेन वॉटसन अब दिल्ली कैपिटल्स की जर्सी में नजर आएंगे। हालांकि, ये जर्सी उनको एक क्रिकेटर के तौर पर नहीं, बल्कि सपोर्ट स्टाफ के तौर पर मिलने वाली है। जी हां, आईपीएल 2022 के लिए दिल्ली कैपिटल्स ने शेन वॉटसन को असिस्टेंट कोच के रूप में अपने साथ जोड़ा है। इस बात की पुष्टि खुद कंगारू टीम के पूर्व क्रिकेटर शेन वॉटसन ने कर दी है।
आईपीएल में कई फ्रेंचाइजियों के साथ खेल चुके शेन वॉटसन 2020 में प्रोफेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन अब उन्होंने कोचिंग में हाथ आजमाने का फैसला किया है। इसी वजह से वॉटसन दिल्ली कैपिटल्स के साथ जुड़ रहे हैं। शेन वॉटसन इसी सप्ताह दिल्ली कैपिटल्स के साथ जुड़ जाएंगे। इस बात की पुष्टि उन्होंने खुद मंगलवार को की है। अभी तक दिल्ली कैपिटल्स के असिस्टेंट को मोहम्मद कैफ थे, जिन्होंने शानदार काम टीम के लिए किया था।
शेन वॉटसन आईपीएल में 2008 से लेकर 2015 तक राजस्थान रॉयल्स के लिए खेले थे, जबकि 2016 और 2017 के सीजन में वे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा थे। वहीं, 2018 से 2020 तक वे एमएस धोनी की कप्तानी वाली टीम चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा थे। आप सभी को याद होगा कि वे आईपीएल 2019 के फाइनल में चोटिल घुटने के साथ खेले थे। हालांकि, फाइनल मैच में चेन्नई की टीम को एक रन से हार मिली थी। (एजेंसी)

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आईपीएल 2022 से पहले मुंबई इंडियंस को लगा बड़ा झटका

सूर्यकुमार यादव के पहले मैच में खेलने पर संशय

नई दिल्ली ,15 मार्च । मुंबई इंडियंस को इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के 15वें सीजन के पहले मैच से पहले एक बड़ा झटका लगाने की पूरी उम्मीद है। रिपोर्ट्स की मानें तो मुंबई इंडियंस के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव पहले मैच के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। मुंबई इंडियंस ने आईपीएल 2022 से पहले उनको मोटी रकम में रिटेन किया था। हालांकि, ये बल्लेबाज चोट के कारण पहले मैच में नहीं खेल पाएगा और ये रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम के लिए एक बड़ा झटका है। आईपीएल 2022 की शुरुआत 26 मार्च से हो रही है, लेकिन मुंबई की टीम को पहला मैच रविवार 27 मार्च को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में खेलना है। आईपीएल के मुंबई इंडियंस बनाम दिल्ली कैपिटल्स मैच के लिए सूर्यकुमार यादव उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि उनके हाथ के अंगूठे में हेयरलाइन फ्रैक्चर है, जो उनको वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज के दौरान हुआ था। इस चोट से अभी उबरने में सूर्यकुमार यादव को समय लगेगा।
हालांकि, माना जा रहा है कि सूर्यकुमार यादव शनिवार 2 अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ होने वाले मुंबई इंडियंस के दूसरे मैच के लिए उपलब्ध होंगे। ऐसे में मुंबई इंडियंस के लिए सूर्यकुमार यादव का एक मैच से बाहर होना कोई ज्यादा बड़ा झटका नहीं है, लेकिन फिर भी मोममेंट बनाए रखने के लिए जरूरी है कि मुंबई इंडियंस अपनी मजबूत प्लेइंग इलेवन के साथ मैदान पर उतरे। इस तरह सूर्यकुमार यादव का पहले मैच में उपलब्ध न होना मुंबई इंडियंस के लिए एक झटका है। (एजेंसी)

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मैन ऑफ द सीरीज बने ऋषभ पंत

नई दिल्ली ,15 मार्च । टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को श्रीलंका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया है। टेस्ट सीरीज में प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए पंत पहले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। पंत ने इस सीरीज के दौरान अपनी बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेटकीपिंग से भी खूब प्रभावित किया। पंत ने डीआरएस के लिए कप्तान रोहित शर्मा की खूब मदद की और साथ ही विकेट के पीछे भी अपना काम बखूबी निभाया। इस बीच संजय मांजरेकर का सालभर पुराना ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने पंत की विकेटकीपिंग पर तंज कसा था। इंग्लैंड के खिलाफ पंत ने अश्विन की गेंद पर जैक लीच को स्टंपिंग करने का मौका गंवाया था, जिसको लेकर मांजरेकर ने उन पर तंज कसा था। (एजेंसी)

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650 से बढ़ाकर 2000 स्क्रीन्स पर रिलीज की जाएगी द कश्मीर फाइल्स

विवेक रंजन अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स को बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रतिक्रिया मिली है। लिमिटेड स्क्रीन्स में रिलीज होने के बावजूद फिल्म ने कमाई के मामले में कई कमर्शियल फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है। फिल्म ऐसे मुद्दे पर बनी है, जिससे हर किसी की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। बीते शुक्रवार को यानी 11 मार्च को फिल्म को 650 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया था। अब इसे 2000 स्क्रीन्स पर रिलीज किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, द कश्मीर फाइल्स को मिली शानदार प्रतिक्रिया के बाद थिएटर्स के मालिक और एग्जीब्यूटर्स इसे 650 से बढ़ाकर 2000 स्क्रीन्स पर रिलीज करेंगे। फिल्म के शोज को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक कमाई की जा सके। खबरों की मानें तो कुछ लोकेशंस पर फिल्म के शोज सुबह 6.30 बजे से शुरू हो रहे हैं। इससे फिल्म के बिजनेस पर सकारात्मक असर पड़ेगा। फिल्म का निर्देशन विवेक अग्निहोत्री ने किया है।

ऐसा नहीं है कि द कश्मीर फाइल्स को कोई टक्कर नहीं मिल रही है। फिल्म को राधे श्याम से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। राधे श्याम भी 11 मार्च को रिलीज हुई है और इसने दो दिनों में 100 करोड़ रुपये के क्लब में एंट्री कर ली है। द कश्मीर फाइल्स ने ओपनिंग डे को 3.55 करोड़ रुपये कमाए। दूसरे दिन फिल्म ने 8.50 करोड़ बटोर लिए हैं। फिल्म ने दो दिनों में भारत में 12 करोड़ रुपये कमाए। फिल्म को मिले अपार समर्थन का ही परिणाम है कि गुजरात सरकार ने अपने राज्य में द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ट्विटर पर फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा की। इससे पहले हरियाणा में इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया था। इतना ही नहीं, अब तो यह फिल्म मध्य प्रदेश में भी टैक्स फ्री हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इस संबंध में जानकारी दी है।

इंटरनेट मूवी डेटाबेस (आईएमडीबी) पर भी द कश्मीर फाइल्स ने नया कीर्तिमान बनाया है। इस फिल्म को आईएमडीबी पर दस में से दस रेटिंग्स मिले हैं, जोकि एक रिकॉर्ड है। आज तक कोई भी भारतीय फिल्म यह उपलब्धि हासिल नहीं कर पाई है। खबर लिखते वक्त इस फिल्म की रेटिंग्स आईएमडीबी पर 9.9 है। कुल 76 हजार से अधिक लोगों ने फिल्म को रेटिंग्स दिए हैं। इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जाएगा। फिल्म की कहानी सच्ची घटना को केंद्र में रखकर बुनी गई है, जिसमें कश्मीरी पंडितों की पीड़ा और दर्द को फिल्माया गया है।

1990 के कश्मीरी पंडि़तों की जो स्थिति थी, उसको पर्दे पर उतारने की कोशिश की गई है। अनुपम खेर ने फिल्म में पुष्कर नाथ पंडित का किरदार निभाया है, जो पेशे से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। इसमें मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी और चिन्मय मंडलेकर दिखे हैं। इसका निर्माण जी स्टूडियोज ने किया है। द कश्मीर फाइल्स पहली फिल्म नहीं है, जिसमें कश्मीरी पंडितों के दर्द को उकेरा गया है। इससे पहले विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा में भी कश्मीरी पंडितों के पलयान की कहानी दिखाई गई थी। (एजेंसी)

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‘प्यार निभाना सजना’ का होली गीत जारी 

हमराही फिल्मस के बैनर तले निर्मित भोजपुरी फिल्म ‘प्यार निभाना सजना’ का होली गीत जारी कर दिया गया है। इस होली गीत में स्वर दिया है भोजपुरी फिल्म जगत के जाने माने गायक आलोक कुमार ने।

वैसे गीतकार  बीरेंद्र कुमार पांडे व संतोष शिवपुरी के द्वारा लिखे गए इस फिल्म के अन्य गीतों में भी संगीतकार राजेश गुप्ता ने अपने संगीत के माध्यम से बिहार की लोक कला संस्कृति, प्रचलित पारम्परिक गीतों व मधुर संगीत का एहसास कराने का प्रयास किया है। यह फिल्म बहुत जल्द ही सिनेदर्शकों तक पहुँचने वाली है। निर्माता त्रय वरुण पांडेय, दियाशशि प्रकाश एवं रामजी सिंह की इस फिल्म के निर्देशक राजेश राजपूत और एडिटर अमित आनंद हैं। इस फिल्म की कथा,पटकथा एवं संवाद लिखा है मीडिया जगत के चर्चित पत्रिका ‘सिने आजकल’ के प्रधान संपादक एवं सिहेक्ट मीडिया के जी एम डी  कुमार  समत ने। इस फिल्म के मुख्य कलाकार प्रदीप हमराही, अभिलाषा, प्रिया राजपूत, अनिता सिंह, गोपाल राय,नीरज बादशाह , आर के गोश्वामी और आर आर भोजपुरी आदि हैं।

प्रस्तुति – काली दास पाण्डेय 

सैफ अंडर-18 महिला फुटबॉल प्रतियोगिता जमशेदपुर में 15 से 25 तक

*अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए झारखण्ड तैयार

*भारत, नेपाल और बांग्लादेश के खिलाड़ी लेंगे भाग

रांची (दिव्या राजन)। राज्य गठन के बाद पहली बार सैफ अंडर 18 (SAFF U-18) महिला फुटबॉल चैंपियनशिप की मेजबानी झारखण्ड करेेगा। जमशेदपुर में प्रतियोगिता का आयोजन 15 मार्च से होना है। इसको लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है। 15 से 25 मार्च तक आयोजित चैंपियनशिप में तीन देश भारत, नेपाल और बांग्लादेश के खिलाड़ी भाग लेंगे। राज्य सरकार, राष्ट्रीय फुटबॉल फेडरेशन और टाटा स्टील के संयुक्त तत्वाधान में प्रतियोगिता आयोजित होगी।

प्रतियोगिता के सभी मैच में लोगों के लिए निःशुल्क प्रवेश का प्रावधान किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मैच देख सकें।

बेटियां कर रहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन

जमशेदपुर में आयोजित होने वाले सैफ अंडर-18 महिला फुटबॉल प्रतियोगिता में भारतीय टीम में झारखण्ड की 6 खिलाड़ियों अमीषा बाखला, अस्तम उरांव, सुनीता मुंडा, अनिता कुमारी, नीतू लिंडा और पूर्णिमा कुमारी का चयन हुआ है। ज्ञात हो की ये सभी खिलाड़ी अगले वर्ष फीफा अंडर-17 विश्व कप के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर में भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं हैं।

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श्रीलंका के कप्तान दिमुथ करुणारत्ने ने ठोका शतक, दूसरे छोर से गिरते रहे विकेट

ऋषभ पंत ने तोड़ा 40 साल पुराना रिकॉर्ड

भारत ने श्रीलंका को 238 रनों से हराया

 

 

होली में सखी मंडल के हर्बल रंग- गुलाल की धूम

*फूल, पत्तियों, फल, जैस्मिन तेल, चंदन, मुल्तानी मिट्टी से बना है पलाश गुलाल

*सखी मंडल की बहनें प्राकृतिक गुलाल का कर रही हैं निर्माण

*राज्य के पलाश मार्ट में बिक्री के लिए उपलब्ध है पलाश हर्बल गुलाल

रांची (दिव्या राजन)   रंगों के त्योहार होली के लिए सखी मंडल की महिलाएं हर्बल गुलाल का निर्माण कर रही हैं। होली को लेकर बाजार में रंग और अबीर की बिक्री जोरों पर है। इस होली में सखी मंडल की ग्रामीण महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक उत्पादों से तैयार ऑर्गेनिक हर्बल अबीर लोगों के आकर्षण का केन्द्र है। होली के त्योहार में लोग रंगों में सराबोर होते हैं और एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर सामाजिक समरसता एवं भाईचारगी का संदेश बिखेरते है। सखी मंडल की दीदियों ने रंगों के इस पर्व को मनाने और साथ ही इससे आजीविका के वैकल्पिक साधन को तराशने का काम किया है। हज़ारीबाग एवं धनबाद के सखी मंडलों ने होली के बाजार की अग्रिम तैयारी करते हुए केमिकल रहित हर्बल गुलाल तैयार किया है। इसके अतिरिक्त महिलाएं गुलाल को पेशेवर तरीके से पलाश ब्रांड के अंतर्गत पैकेजिंग और मार्केटिंग कर रही हैं। ग्रामीण विकास विभाग व जेएसएलपीसी संपोषित सखी मंडलों की ग्रामीण महिलाओं की श्रम शक्ति से बाजार में केमिकल रहित प्राकृतिक गुलाल उपलब्ध कराया जा रहा है। हजारीबाग, धनबाद एवं गिरिडीह की सखी मंडल की दीदियां मुख्य रूप से प्राकृतिक गुलाल निर्माण से जुड़ी हैं। सखी मंडल की दीदियों के मुताबिक यह गुलाल त्वचा के लिए फायदेमंद है। इसमें किसी प्रकार का कोई नुकसानदेह या आर्टिफिशियल सामग्री का उपयोग नहीं किया जाता है। तो इस होली आप भी सखी मंडल की दीदियों द्वारा निर्मित अबीर का उपयोग कर त्वचा को सुरक्षित रख सकते हैं। सखी मंडल की दीदियां वनोपज एवं एवं फूलों के जरिए प्राकृतिक हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं। प्राकृतिक रूप से तैयार पलाश गुलाल लोगों को काफी पसंद आ रहा है। राज्य के सभी जिलों में स्थित पलाश मार्ट से पलाश प्राकृतिक गुलाल की खरीदारी की जा सकती है।

गेंदा, पलाश व गुलाब के फूलों से तैयार कर रही हैं विभिन्न रंगों के गुलाल

हर्बल गुलाल बनाने के लिए विभिन्न जिलों की सखी मंडल की दीदियों द्वारा फूल, फल एवं पत्तियों का उपयोग किया जा रहा है। हरे रंग के लिए पालक, गुलाबी के लिए गुलाब के फूल, पीले और भगवा रंग के लिए पलाश एवं गेंदा फूल, लाल रंग के लिए चुकंदर और अन्य रंगों के लिए चंदन सहित अन्य प्रकार के फूल एवं पत्तियों के रंगो का प्राकृतिक रूप से उपयोग किया जा रहा है। सखी मंडल की बहनों द्वारा तैयार ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल निर्माण के बाद आकर्षक पैकेजिंग के जरिए विभिन्न पलाश मार्ट्स में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।

अच्छी आमदनी कर रही हैं दीदियां

दारु प्रखण्ड के दारूडिह गांव की पूजा महिला समूह की सदस्य पुष्पा कुशवाहा बताती हैं कि उनलोगों ने पिछले साल से प्राकृतिक अबीर का निर्माण शुरू किया था, जिसकी काफी मांग थी। इस साल ऑर्गेनिक अबीर का निर्माण चार रंगों पीला, गुलाबी, हरा एवं लाल रंग में किया गया है। उन्होंने बताया कि पलाश मार्ट एवं सेल काउंटर के जरिए अबीर व गुलाल बिक्री के लिए उपलब्ध है। पुष्पा कुशवाहा बताती हैं कि रंगों में केमिकल का उपयोग होता है इसलिए वे लोग सिर्फ प्राकृतिक गुलाल का निर्माण कर रही हैं। कहा, उम्मीद है कि इस सीजन में हमलोगों की आमदनी 25 हजार से ज्यादा होगी।धनबाद के गोविंदपुर में प्राकृतिक अबीर निर्माण से जुड़ीं बलजीत कौर बताती हैं कि अभी तक हम महिलाओं ने मिलकर करीब डेढ़ क्विंटल प्राकृतिक अबीर का उत्पादन किया है। एक हफ्ते में वह करीब 10 हजार की आमदनी कर चुकी हैं।

पलाश हर्बल गुलाल है पूरी तरह सुरक्षित और प्राकृतिक

गुलाल तैयार करने में जुटी सखी मंडल की दीदियों के मुताबिक इसमें उपयोग होनेवाला हरेक सामग्री पोषणयुक्त है। चेहरे के लिए लाभप्रद है। इसमें किसी प्रकार का कोई नुकसानदेह या आर्टिफिशियल सामग्री का उपयोग नहीं किया जाता है।पलाश ब्राण्ड का गुलाल मात्र 30 रुपये में रांची में भी बिक्री के लिए हेहल स्थित पलाश मार्ट, पलाश होली स्पेशल काउंटर – प्रोजेक्ट बिल्डिंग, एफएफपी भवन एवं पिस्का मोड़ में उपलब्ध है।

दीदियों की आमदनी में बढ़ोतरी सुनिश्चित करने एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए पलाश ब्राण्ड अंतर्गत सखी मंडल की बहनों को प्राकृतिक गुलाल के निर्माण से जोड़ा गया है। होली के त्योहार में प्राकृतिक गुलाल की काफी मांग है। पलाश ब्राण्ड के तहत सखी मंडल की दीदियों द्वारा निर्मित प्राकृतिक गुलाल लोगों को काफी पसंद आ रहा है। इस पहल से दीदियों को त्योहार के समय अतिरिक्त आमदनी हो रही है। पलाश ब्राण्ड से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और सफलता की नई कहानियां गढ़ रही हैं।

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बैतूल की बेटी अब अमेरिका में मलेरिया वैक्सीन पर करेगी रिसर्च

बैतूल,14 मार्च (आरएनएस)। जरूरी नहीं है कि प्रतिभावान बनने के लिए बड़े और महंगे स्कूलों में पढ़ाई की जाए। ये भी जरूरी नहीं है कि बड़ा नाम कमाने के लिए शहरों में रहकर तैयारी की जाए। जरूरी है खुद में प्रतिभा को निखारना। यही काम किया है बैतूल के कालगांव की बेटी ने। इस गांव की एक बेटी ने साबित कर दिया कि वो अब अमेरिका में मलेरिया में वैक्सीन टारगेट पर रिसर्च करेगी। इससे पहले डॉ. सोनल काल के आस्टे्रलिया और इंडोनेशिया में रिसर्च पेपर पब्लिश हुए हैं जिसके कारण उनका चयन अमेरिका के लिए संभव हो पाया है। दुनिया में मलेरिया का कोई वैकसीन न होना और देश में मलेरिया की खौफनाक त्रासदी उसकी रिसर्च का कारण बनी है।

दरअसल बैतूल के कोलगांव हायर सेकंडरी स्कूल में प्रिंसिपल दिलीप काले और संस्कृत की शिक्षिका उषा काले की बेटी डॉ. सोनल काले ने 24 मार्च को बोथेसंडा अमेरिया जाएंगी। जहां वे दो साल मलेरिया वैक्सीन टारगेट पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में लेबोरेटरी ऑफ मलेरिया इम्यनोलॉजी एंड वैक्सिनोलॉजी पर दो साल रिसर्च करेंगी। सोनल इसके पहले भी अन्य विषयों पर रिसर्च कर चुकी हैं। वल्र्ड साइंस सेमीनार आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया में आपने रिसर्च पब्लिकेशन के चलते उनका चयन हुआ है। वर्तमान में सोनल जबलपुर में रिसर्च कर रही थी। वहां से उसका चयन नेशनल इंस्टीट्यट हेल्थ अमेरिका में बेथेस्डा रिसर्च सेंटर के लिए किया गया है। पिता ने बताया कि सोनल की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में हिंदी मीडियम से हुई है। सोनल वापसी के बाद देश में मलेरिया नियंत्रण और उससे होने वाली मौतों पर नियंत्रण के लिए काम करेंगी। सोनल के मुताबिक देश में मलेरिया की मृत्यु दर ज्यादा है और अभी इसका कोई वैक्सीन नहीं है। इसे समस्या को लेकर उन्होंने पीएचडी में इसे अपना विषय चुना था। इसी पर वे आगे भी रिसर्च जारी रखेंगी।
अनिल पुरोहित/अशफाक

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रूस ने युद्ध विरोधी प्रदर्शन को कवर करने वाले पत्रकारों को किया गिरफ्तार

मॉस्को ,14 मार्च (आरएनएस) । यूक्रेन में जारी रूसी सैन्य कार्रवाई के खिलाफ रूस में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया।
एम आर 7 के रूसी पत्रकार अनास्तासिया रोमानोवा, एव्टोज़क लाइव से एंजेलिना ट्रोफिमेंको, एसओटीए से अनास्तासिया रोगचेवा, ज़क्सरू से एंड्री ओकुन और नोवाया गज़ेटा से एलेना लुक्यानोवा को सेंट पीटर्सबर्ग में युद्ध-विरोधी विरोध प्रदर्शनों को कवर करने के दौरान हिरासत में लिया गया।
पत्रकार एंड्री ओकुन ने कहा,मैं आज एक मिनट भी काम नहीं कर पाया। जैसे ही मैंने फोन निकाला, दंगा पुलिस मेरे पास पहुंची और मुझे जबरन गाड़ी में ले गई। हिरासत में लेने का कारण नहीं बताया गया।

पेट्रोल, डीजल के दाम 130वें दिन भी स्थिर

नईदिल्ली,14 मार्च (आरएनएस) । रूस यूक्रेन संकट से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार चल रहे उतार-चढ़ाव के बावजूद घरेलू स्तर पर आज लगातार 130वें दिन भी पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर रहे। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल रूस यूक्रेन संकट के बाद ही शुरू हो गया था। जिसकी कीमत लगातार 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 2.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 109.92 डॉलर प्रति बैरल पर थी।
केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच और 10 रुपये घटाने की घोषणा के बाद 04 नवंबर 2021 को ईंधन की कीमतों में तेजी से कमी आई थी। इसके बाद राज्य सरकार के मूल्य वर्धित कर (वैट) कम करने के फैसले के बाद राजधानी दिल्ली में भी वैट को कम करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद राजधानी में 02 दिसंबर 2021 को पेट्रोल लगभग आठ रुपये सस्ता हुआ था। डीजल की भी कीमतें हालांकि जस की तस बनी रहीं।
केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद अधिकांश राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) कम कर दिया था, जिससे आम आदमी को काफी राहत मिली थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यूयार्क में ब्रेंट क्रूड में 2.44 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी, जिससे कीमत 109.92 डॉलर प्रति बैरल पर थी, जबकि अमेरिकी क्रूड 2.79 प्रतिशत की गिरावट से 106.28 डॉलर प्रति बैरल पर था।
पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की नित्य प्रतिदिन समीक्षा होती है और उसके आधार पर प्रतिदिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।

कैटरीना कैफ ने शुरू की फिल्म मैरी क्रिसमस की शूटिंग

एक्ट्रेस कैटरीना कैफ हाल ही में अपनी फिल्म टाइगर 3 की शूटिंग खत्म करके वापस आयीं थी, और इसके तुरंत बाद ही उन्होंने अपनी एक नई फिल्म मैरी क्रिसमस की शूटिंग शुरू कर दी है। अभिनेत्री ने अपने सोशल मीडिया पर फिल्म मैरी क्रिसमस के सेट से एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें फिल्म का क्लैपबोर्ड रखा दिखाई दे रहा है। अपने इस पोस्ट के जरिये अभिनेत्री ने बताया कि उन्होंने शूटिंग शुरू कर दी है। इस फिल्म में कैटरीना कैफ के साथ साउथ के सुपरस्टार विजय सेतुपति नजर आएंगे। फिल्म का निर्देशन श्रीराम राघवन कर रहे हैं। हालांकि फिल्म की कहानी को लेकर मेकर्स ने अभी कुछ रिवील नहीं किया है, लेकिन विजय सेतुपति और कैटरीना को एकसाथ पर्दे पर देखना बहुत ही खास होने वाला है। बता दें कि कैटरीना कैफ ने पिछले साल दिसंबर महीने में अपनी इस नई फिल्म का ऐलान किया था। फिल्म का ऐलान करते हुए उन्होंने लिखा था, नई शुरुआत…. श्रीराम राघवन सर के साथ मैरी क्रिसमस के सेट पर वापस आ गई हूं….मैं हमेशा ही श्रीराम सर के साथ काम करना चाहती थी, जब भी थ्रिलर को पर्दे पर दिखाने की बात आती है तो वह एक मास्टर हैं। उनके साथ जुडऩे के लिए बहुत एक्साइटेड हूं।फिल्म को रमेश तौरानी की टिप्स इंडस्ट्रीज मैचबॉक्स पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रोड्यूस किया जा रहा है। कैटरीना कैफ और विजय सेतुपति की यह फिल्म इसी साल क्रिसमस पर सिनेमाघरों में रिलीज हो सकती है।  (एजेंसी)

 

सलमान और कैटरीना की फिल्म टाइगर 3 की रिलीज डेट जारी

सलमान खान जल्द ही कई बड़ी फिल्मों में नजर आएंगे।

टाइगर 3 भी उनकी आने वाली बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक है। सलमान और कैटरीना कैफ के फैंस लंबे समय से इस फिल्म को पर्दे पर देखने की राह देख रहे हैं और अब आखिरकार उनका यह इंतजार खत्म होने वाला है। दरअसल, टाइगर 3 की रिलीज डेट सामने आ गई है। सलमान ने एक टीजर शेयर कर यह जानकारी दी है।सलमान ने ट्विटर पर कैटरीना संग फिल्म का टीजर वीडियो शेयर कर लिखा, हम सब अपना अपना ख्याल रखें। 2023 ईद पर टाइगर 3 आ रही है। फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगु में भी रिलीज हो रही है। यशराज फिल्म्स की टाइगर 3 को 21 अप्रैल, 2023 को अपने आसपास के सिनेमाघरों में जाकर जरूर देखें। टीजर की शुरुआत कैटरीना के एक्शन से होती है। उनके फाइट सीन बयां करते हैं कि फिल्म इस बार ज्यादा खतरनाक होने वाली है। सलमान अपने फैंस के लिए ईद पर कोई ना कोई फिल्म जरूर लाते हैं। खास बात ये है कि एकाध को छोड़कर ईद पर आई उनकी सभी फिल्में ब्लॉकबस्टर रही हैं।

सलमान की पिछली फिल्म राधे: योर मोस्ट वॉन्टेड भाई भी ईद पर आई थी। रेस 3 और ट्यूबलाइट को छोड़ ईद के मौके पर रिलीज हुई उनकी हर फिल्म सुपरहिट रही। इस फेहरिस्त में दबंग, बॉडीगार्ड, एक था टाइगर, किक, बजरंगी भाईजान, सुल्तान और भारत जैसी फिल्में शामिल हैं। यशराज फिल्म्स की सफल फ्रेंचाइजी टाइगर की शुरुआत कबीर खान निर्देशित एक था टाइगर से हुई थी। इसकी दूसरी फिल्म टाइगर जिंदा है का निर्देशन अली अब्बास जफर ने किया था। ये दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थीं। अब इसके तीसरे पार्ट का निर्देशन मनीष शर्मा कर रहे हैं।

टाइगर फ्रेंचाइजी की तीसरी किस्त में सलमान के साथ कैटरीना भी जबरदस्त एक्शन सीन करने वाली हैं। इमरान हाशमी इस फिल्म में विलेन बने हैं। यशराज बैनर ने पिछले दिनों फिल्म पठान की रिलीज डेट का ऐलान किया। यह अगले साल 25 जनवरी को रिलीज होगी। बीते दिन यशराज फिल्म्स ने फिल्म जयेशभाई जोरदार की रिलीज डेट भी बताई। यह फिल्म इसी साल 13 मई को रिलीज होने वाली है। सलमान सुपरहिट तमिल फिल्म मास्टर के हिंदी रीमेक में नजर आएंगे। वह फिल्म पठान का भी हिस्सा हैं। सलमान दबंग 4 में भी नजर आएंगे। वह बजरंगी भाईजान के सीच्ल पवनपुत्र भाईजान में भी काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ कैटरीना साउथ के सुपरस्टार विजय सतेुपति के साथ फिल्म मैरी क्रिसमस में दिखाई देंगी। उनकी हॉरर कॉमेडी फिल्म फोन भूत आने वाली है। वह फरहान अख्तर की रोड ट्रिप पर आधारित फिल्म जी ले जरा का भी हिस्सा हैं। (एजेंसी)

भारत ने श्रीलंका को 238 रनों से हराया

सीरीज में 2-0 से किया क्लीन स्वीप

नई दिल्ली ,14 मार्च (आरएनएस)। भारत और श्रीलंका के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मुकाबला बेंगलुरु में खेला जा रहा है। आज यानी सोमवार 14 मार्च को मुकाबले का तीसरा दिन है और तीसरे दिन का खेल जारी है। श्रीलंका की टीम ने 57.3 ओवर में 8 विकेट खोकर 206 रन बना लिए हैं।  कप्तान दिमुथ करुणारत्ने ने शतक ठोका। कुसल मेंडिस ने अर्धशतकीय पारी खेली थी। मैच का नतीजा तीसरे दिन निकलने की पूरी संभावना है, क्योंकि भारतीय टीम को मुकाबला जीतने के लिए अब सिर्फ 2 विकेटों की तलाश है।
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे इस पिंक बॉल टेस्ट मैच में भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी थी और पहली पारी में 252 रन बनाए थे। इसके जवाब में श्रीलंका की टीम 109 रन पर ढेर हो गई। इस तरह पहली पारी के आधार पर भारत को 143 रन की बढ़त मिली थी। ऐसे में अपनी दूसरी पारी में भारत ने 9 विकेट खोकर 303 रन बनाए और श्रीलंका के सामने जीत के लिए 447 रन का लक्ष्य रखा, जिसके जवाब में श्रीलंका की टीम ने दो दिन के खेल समाप्त होने तक 1 विकेट खोकर 28 रन बनाए हैं।
इस दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला भारत पहले ही जीत चुका है और अगर इस मैच में टीम इंडिया को आज जीत मिलती है तो फिर श्रीलंका की टीम का टेस्ट सीरीज में भी सूपड़ा साफ हो जाएगा, क्योंकि तीन मैचों की टी20 सीरीज में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम ने मेहमान टीम का क्लीन स्वीप किया था।

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ऋषभ पंत ने तोड़ा 40 साल पुराना रिकॉर्ड

टेस्ट में बने सबसे तेज फिफ्टी लगाने वाले भारतीय खिलाड़ी

बेंगलुरु ,14 मार्च(आरएनएस)) । भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वह भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम गेंद पर अर्धशतक बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में ऋषभ पंत ने ताबड़तोड़ फिफ्टी जड़ दिया है। उन्होंने महान क्रिकेटर कपिल देव के रिकॉर्ड को तोड़ा है। पंत ने सिर्फ 28 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। भारत और श्रीलंका के बीच बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दौरान ऋषभ पंत ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 28 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। अपनी पारी के दौरान पंत ने 7 चौके और दो छक्के लगाए। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव का नाम है। कपिल देव ने पाकिस्तान के खिलाफ 1982 में कराची में 30 गेंदों में फिफ्टी जड़ी थी।
शीर्दुल ठाकुर ने इंग्लैंड के खिलाफ 2021 में ओवल में 31 गेदों में अपना अर्धशतक पूरा किया था। चौथे नंबर पर भारत के खतरनाक सलामी बल्लेबाज रहे वीरेंद्र सहवाग है, जिन्होंने 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में 32 गेंदों में फिफ्टी लगाई थी।
टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे तेज 50 का रिकॉर्ड (गेंद का सामना)
28 ऋषभ पंत बनाम श्रीलंका बेंगलुरु 2022*
30 कपिल देव बनाम पाक कराची 1982
31 शार्दुल ठाकुर बनाम इंग्लैंड ओवल 2021
32 वी सहवाग बनाम इंग्लैंड चेन्नई 2008

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अब खत्म हो यूक्रेन-संकट

वेद प्रताप वैदिक –

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन के इस दावे का यूक्रेन ने खंडन कर दिया है कि रूस-यूक्रेन वार्ता में कुछ प्रगति हुई है। इधर तुर्की में रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों के बीच पिछले तीन दिनों से बराबर संवाद चल रहा है। जब यूक्रेन पर रूस का हमला शुरु हुआ था तो ऐसा लग रहा था कि दो-तीन दिन में ही झेलेंस्की-सरकार धराशायी हो जाएगी और यूक्रेन पर रूस का कब्जा हो जाएगा लेकिन दो हफ्तों के बावजूद यूक्रेन ने अभी तक घुटने नहीं टेके हैं। उसके सैनिक और सामान्य नागरिक रूसी फौजियों का मुकाबला कर रहे हैं। इस बीच सैकड़ों रूसी सैनिक मारे गए हैं और उसके दर्जनों वायुयान तथा अस्त्र-शस्त्र मार गिराए गए हैं। यूक्रेनी लोग भी मर रहे हैं और कई भवन भी धराशायी हो गए हैं। यूक्रेन का इतना विध्वंस हुआ है कि उससे पार पाने में उसे कई वर्ष लगेंगे। अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्र उसकी क्षति-पूर्ति के लिए करोड़ों-अरबों डॉलर दे रहे हैं। रूसी जनता को भी समझ में नहीं आ रहा है कि इस हमले को पूतिन इतना लंबा क्यों खींच रहे हैं? जब झेलेंस्की ने नाटो से अपने मोहभंग की घोषणा कर दी है और यह भी कह दिया है कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा तो फिर अब बचा क्या है? पूतिन अब भी क्यों अड़े हुए हैं? शायद वे चाहते हैं कि नाटो के महासचिव खुद यह घोषणा करें कि यूक्रेन को वे नाटो में शामिल नहीं करेंगे। इस झगड़े की जड़ नाटो ही है। नाटो के सदस्य यूक्रेन की मदद कर रहे हैं, यह तो अच्छी बात है लेकिन वे अपनी नाक नीची नहीं होना देना चाहते हैं। उन्हें डर है कि यदि नाटो ने अपने कूटनीतिक हथियार डाल दिए तो उसका असर उन राष्ट्रों पर काफी गहरा पड़ेगा, जो पूर्वी यूरोप और सोवियत संघ के हिस्सा थे। लेकिन अमेरिका और नाटो अब भी संकोच करेंगे तो यह हमला और इसका प्रतिशोध लंबा खिंच जाएगा, जिसका बुरा असर सारी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। यूरोपीय राष्ट्रों को अभी तक रूसी गैस और तेल मिलता जा रहा है। उसके बंद होते ही उनकी अर्थव्यवस्था लंगड़ाने लगेगी। एशियाई और अफ्रीकी राष्ट्र भी उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे। जहां तक रूस का सवाल है, उसकी भी दाल पतली हो जाएगी। पूतिन के खिलाफ रूस के शहरों में प्रदर्शन होने शुरु हो गए हैं। प्रचारतंत्र पर तरह-तरह के प्रतिबंध लग गए हैं। पूतिन ने यूक्रेन में युद्धरत आठ कमांडरों को बर्खास्त कर दिया है। पूतिन को यह समझ में आ गया है कि यूक्रेन पर रूसी कब्जा बहुत मंहगा पड़ेगा। कीव में थोपी गई कठपुतली सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर पाएगी। खुद पूतिन की लोकप्रियता को रूस में धक्का लगेगा। यूक्रेन में होनेवाली फजीहत का असर मध्य एशिया के गणतंत्रों के साथ रूस के संबंधों पर भी पड़ेगा। यूक्रेनी संकट के समारोप का यह बिल्कुल सही समय है। रूसी और अमेरिकी खेमों, दोनों को अब यह सबक सीखना होगा कि एक फर्जी मुद्दे को लेकर इतना खतरनाक खेल खेलना उचित नहीं है।

 

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बदलाव वक्त की मांग

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद अगर कांग्रेस के अंदर से असंतोष के स्वर उठने शुरू हुए तो इसे अस्वाभाविक नहीं कहा जा सकता। यह जरूर पूछा जा सकता है कि ये स्वर कितने मजबूत हैं और पार्टी के अंदर सुधार की प्रक्रिया को किसी तार्किक परिणति तक ले जा सकते हैं या नहीं। इसमें दो राय नहीं कि ये चुनावी नतीजे कांग्रेस के लिए करारा झटका हैं। पांच राज्यों की कुल 690 विधानसभा सीटों पर हुए हुए चुनावों में कांग्रेस बमुश्किल 55 सीटें जीत पाई। यूपी में 403 सीटों पर लड़कर वह महज दो सीटें हासिल कर सकी। पंजाब में आम आदमी पार्टी की आंधी के सामने वह टिक नहीं पाई। उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर कहीं से भी ऐसी कोई खबर नहीं आई, जिससे थोड़ी बहुत भी तसल्ली मिल पाती। इसके बाद जी-23 के एक प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह पार्टी को इस तरह मरते नहीं देख सकते। जी-23 के ही एक और अहम सदस्य शशि थरूर ने भी कहा कि अगर पार्टी कामयाब होना चाहती है तो बदलाव अनिवार्य हैं। ध्यान रहे जी-23 नाम तब सामने आया, जब कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने अगस्त 2020 में पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठनात्मक सुधार का सुझाव देते हुए पत्र लिखा था। हालांकि पार्टी नेतृत्व ने इनके प्रमुख सुझावों पर सहमति जताते हुए संगठनात्मक चुनाव का इरादा भी घोषित किया था, लेकिन कोरोना के कारण उन पर अमल नहीं हो सका।बहरहाल, विचार-विमर्श को लेकर पार्टी नेतृत्व ने भी तैयारी दिखाई है। सोनिया गांधी ने चुनाव परिणामों पर विचार के लिए जल्द ही पार्टी कार्यसमिति की बैठक बुलाने की बात कही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि विचार-विमर्श के नाम पर क्या होने वाला है और पार्टी के अंदर किस हद तक बदलाव स्वीकार किए जाने वाले हैं। क्या पार्टी को गांधी परिवार की अगुआई से मुक्ति मिलने वाली है? हालांकि गांधी परिवार से बाहर के किसी शख्स को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने भर से इस बात की गारंटी नहीं हो जाती कि पार्टी में गांधी परिवार का प्रभाव समाप्त हो जाएगा। पहले भी कई बार पार्टी का नेतृत्व गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति के हाथों में गया है, लेकिन पार्टी इस परिवार के आभामंडल से बाहर नहीं निकल पाई। फिर यह बात भी है कि अच्छा हो या बुरा, पर पिछले काफी समय से यही परिवार पार्टी की मुख्य प्राण शक्ति भी बना हुआ है। ऐसे में पार्टी और गांधी परिवार, संकट दोनों के सामने है। वे जिन मूल्यों की भी बात करें, उन्हें बचाने की उनकी कवायद का कोई मतलब तभी बनता है, जब वे राजनीति में प्रासंगिक बने रहें। और राजनीति पूरी तरह बदल चुकी है। अगर देश की सबसे पुरानी पार्टी को इतिहास में दफन हो जाने से बचना है तो अपना कायाकल्प करना ही होगा।

कोरोना से मौत के झूठे दावे पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित

कहा-हमने इस बारे में कभी सोचा नहीं था

नईदिल्ली,14 मार्च (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोविड से हुई मौत के संबंध में मुआवजे के फर्जी दावों पर अपनी चिंता जताई और कहा कि वह इस मामले में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को जांच का निर्देश दे सकता है। शीर्ष अदालत ने सुझाव दिया कि कथित फर्जी मौत के दावों की जांच महालेखा परीक्षक कार्यालय को सौंपी जा सकती है।
न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा: हमने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह के फर्जी दावे आ सकते हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि इस योजना का दुरुपयोग किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि अगर इसमें कुछ अधिकारी भी शामिल हैं तो यह बहुत गंभीर है। अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 52 की ओर इशारा किया, जो इस तरह की चिंताओं को दूर करता है। न्यायमूर्ति शाह ने कहा, हमें शिकायत दर्ज करने के लिए किसी की आवश्यकता है।
एक वकील ने राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों द्वारा मुआवजे के दावों की रैंडम जांच करने का सुझाव दिया। बच्चों को मुआवजे के पहलू पर, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उसके द्वारा आदेशित 50,000 रुपये का अनुग्रह भुगतान, कोविड -19 के कारण प्रत्येक मृत्यु के लिए किया जाना है, न कि प्रभावित परिवार के प्रत्येक बच्चे को। 7 मार्च को, सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों द्वारा कोविड की मौतों के लिए अनुग्रह मुआवजे का दावा करने के लिए लोगों को नकली चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने पर चिंता व्यक्त की, और कहा कि वह इस मामले की जांच का आदेश दे सकता है।
केंद्र ने प्रस्तुत किया था कि कोविड की मृत्यु से संबंधित दावों को प्रस्तुत करने के लिए एक बाहरी सीमा तय की जा सकती है, अन्यथा प्रक्रिया अंतहीन हो जाएगी, और कहा कि कुछ राज्य सरकारों को डॉक्टरों द्वारा जारी किए गए नकली चिकित्सा प्रमाण पत्र मिले हैं। मेहता ने यह भी बताया कि कुछ मामलों में डॉक्टर के प्रमाण पत्र के माध्यम से अनुग्रह मुआवजे पर शीर्ष अदालत के आदेश का दुरुपयोग किया गया है।
फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट पर चिंता जताते हुए पीठ ने कहा, चिंता की बात यह है कि डॉक्टरों द्वारा दिया गया फर्जी सर्टिफिकेट बहुत गंभीर बात है। शीर्ष अदालत ने मेहता की इस दलील से भी सहमति जताई कि कोविड की मौत के दावों को दर्ज करने की समय सीमा होनी चाहिए। पीठ ने कहा, कुछ समय-सीमा होनी चाहिए, अन्यथा प्रक्रिया अंतहीन रूप से चलेगी..।
शीर्ष अदालत अधिवक्ता गौरव बंसल द्वारा कोविड पीडि़तों के परिवारों को राज्य सरकारों द्वारा अनुग्रह मुआवजे के वितरण के संबंध में दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। शीर्ष अदालत विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा कोविड -19 मौतों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि के वितरण की निगरानी कर रही है।

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16 मार्च को सिर्फ भगवंत मान लेंगे सीएम पद की शपथ

अन्य मंत्रियों को लेकर फैसला जल्द

नईदिल्ली,14 मार्च (आरएनएस)। पंजाब में आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत के बाद अब 16 मार्च को भगवंत मान मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि 16 मार्च को भगवंत मान अकेले ही शपथ लेंगे। इस दिन कोई भी मंत्री शपथ ग्रहण नहीं होगा। भगवंत मान 16 मार्च को नवांशहर जिले में महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। जबकि बाकी मंत्री बाद में शपथ लेंगे।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने फैसला किया है कि केवल मान ही शपथ लेंगे क्योंकि शपथ ग्रहण एक विशेष और ऐतिहासिक स्थान पर हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 16 अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।
बता दें, मान ने केजरीवाल को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। रविवार को आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल एक दिन के अमृतसर दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने पंजाब में पार्टी को दो-तिहाई बहुमत देने के लिए राज्य के लोगों का आभार व्यक्त करने के लिए एक रोड शो में हिस्सा लिया। मान और केजरीवाल ने रविवार को जलियांवाला बाग का दौरा किया और अमृतसर में रोड शो से पहले स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
स्मारक जाने से पहले आप के दो वरिष्ठ नेताओं ने आशीर्वाद लेने के लिए स्वर्ण मंदिर का दौरा किया। इस बीच, आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा अपने मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपने मंत्री सहयोगी चुनने की छूट देने की खबरों के बीच मंत्रिमंडल के संभावित गठन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।

 

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