बारामूला मुठभेड़ में एक आतंकवादी ढेर

श्रीनगर 30 Jully (Rns/FJ): जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में शनिवार सुबह सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि बारामूला जिले के वानीगाम बाला गांव में आज सुबह मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया।

सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “तलाश अभियान के दौरान जब सुरक्षा बल आतंकवादियों के संदिग्ध ठिकाने की ओर बढ़ रहे थे तभी छिपे हुए आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से सुरक्षा बलों पर गोली चलानी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों के जवाबी कार्रवाई शुरू करते हुए मुठभेड़ शुरू हो गयी। मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। मारे गए आतंकवादी की अभी पहचान नहीं हो सकी है।

पुलिस ने कहा कि इलाके में तलाश अभियान जारी है। पुलिस ने ट्वीट में कहा, “मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया है। तलाश अभियान जारी है। विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।”जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में शनिवार सुबह सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि बारामूला जिले के वानीगाम बाला गांव में आज सुबह मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया।

सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “तलाश अभियान के दौरान जब सुरक्षा बल आतंकवादियों के संदिग्ध ठिकाने की ओर बढ़ रहे थे तभी छिपे हुए आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से सुरक्षा बलों पर गोली चलानी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों के जवाबी कार्रवाई शुरू करते हुए मुठभेड़ शुरू हो गयी। मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। मारे गए आतंकवादी की अभी पहचान नहीं हो सकी है।

पुलिस ने कहा कि इलाके में तलाश अभियान जारी है। पुलिस ने ट्वीट में कहा, “मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया है। तलाश अभियान जारी है। विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।”

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कैमूर में 675 कार्टून विदेशी शराब बरामद, तीन गिरफ्तार

भभुआ 30 Jully (Rns/FJ): बिहार के कैमूर जिले मे कुदरा थाना क्षेत्र से पुलिस ने ट्रक पर लदी 675 कार्टून  विदेशी शराब के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि शुक्रवार की देर रात कुदरा थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय उच्च पथ-2 वाहनों की जांच की जा रही थी। इसी क्रम में एक ट्रक को रोककर तलाशी ली गयी। तलाशी के दौरान ट्रक पर लदी 675 कार्टून  विदेशी शराब बरामद की गयी।

सूत्रों ने बताया कि इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों की पहचान उत्तरप्रदेश के अयोध्या जिले के तारून थाना क्षेत्र के परवरपुर गांव निवासी मनजीत कुमार,अरविंद कुमार और ज्ञानप्रकाश के रूप में की गयी है। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है।

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महेन्द्र भट्ट बने उत्तराखड भाजपा के अध्यक्ष

नयी दिल्ली 30 Jully (Rns):श्री महेंद्र भट्ट उत्तराखंड में बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पार्टी की प्रदेश इकाई की कमान सौंप दी है।

पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से शनिवार को यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने श्री महेंद्र भट्ट को उत्तराखंड भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

श्री भट्ट इस समय 50 वर्ष के हैं। वह 2017 से 2022 तक बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। इस वर्ष के चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था।

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NALSA में जजों और वकीलों से बोले PM मोदी: कमजोर वर्ग को मिले न्याय, जस्टिस डिलीवरी जरूरी

नई दिल्ली 30 Jully (Rns/FJ): NALSA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पहली अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया। इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण और केंद्रीय क़ानून मंत्री किरन रिजिजू भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘देश की इस अमृत यात्रा में “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” और “ईज ऑफ लिविंग” की तरह ही “ईज ऑफ जस्टिस” भी जरूरी है।’ प्रधानमंत्री ने वकीलों और जजों से कहा, ‘आप सब यहां संविधान के एक्सपर्ट और जानकार हैं। हमारे संविधान के आर्टिकल 39A, जो डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स ऑफ स्टेट पॉलिसी के अंतर्गत आता है, उसने लीगल एड को बहुत प्राथमिकता दी है।’

उन्होंने कहा, ‘न्याय का ये भरोसा हर देशवासी को ये एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं। इसी सोच के साथ देश ने नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी की स्थापना भी की ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके।’

पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है। इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है। पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है।

इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि पहली बार अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक दिल्ली में हो रही है। देश में जन-जन तक न्याय की पहुंच आज भी एक बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई है। रिजिजू ने कहा कि कानूनी सेवाओं के वितरण में समता, जवाबदेही और सुलभ पहुंच के लिए हम नागरिकों की भागीदारी को अमल में ला सकते हैं।

किरेन रिजिजू ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने पात्र कैदियों की पहचान और अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी को उपयुक्त मामलों में रिहाई की सिफारिश करने के लिए 16 जुलाई से एक अभियान ‘रिलीज UTRC@75’ शुरू किया है।

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कैसीनो संचालकों के ठिकानों पर ED ने मारा छापा, 3 मंत्री और 15 विधायकों से भी कनेक्शन

हैदराबाद 30 Jully (Rns/FJ): प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हैदराबाद और आंध्र प्रदेश में आठ स्थानों पर कैसीनो के आयोजकों और एजेंटों के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) नियमों के उल्लंघन के लिए छापेमारी की। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने कथित हवाला लेनदेन की भी पड़ताल की। एक अधिकारी ने विस्तृत ब्योरा दिए बिना कहा, ‘फेमा के प्रावधानों के तहत आठ जगहों पर छापेमारी की गई।’ आरोप लगाया गया है कि कैसीनों डीलरों और एजेंटों ने इस साल जून में नेपाल में कैसीनों का आयोजन किया और कैसीनों में खेलने वालों के लिए विशेष उड़ानों की व्यवस्था की गई और विजेताओं को हवाला लेनदेन के माध्यम से भुगतान किया गया।

कैसीनो ऑर्गेनाइजर चिकोटी प्रवीण और माधव रेड्डी का दावा है कि वे लोग कानून का पालन करते हुए कैसीनो बिजनेस करते हैं। कैसीनो विज्ञापन के लिए अभिनेताओं को भुगतान की गई बड़ी रकम की वजह से प्रवर्तन निदेशालय की नजर उस ओर गई। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि बड़े ट्रांजेक्शन हवाला के जरिए किए गए हो। दोनों ने कथित तौर पर नेपाल के होटल मेची क्राउन में भारतीयों की ओर से कैसीनो दांव लगाया।

प्रवीण ने कथित “चार दिन के पैकेज” के लिए कथित तौर पर 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच फीस ली थी। ज्यादातर ग्राहक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से हैं। प्रवर्तन निदेशालय को 10 से 13 जून के बीच कथित मनी लॉन्ड्रिंग की भनक लगी थी।

व्हाट्सएप चैट और प्रवीण का लैपटॉप खंगालने पर जांचकर्ताओं को पता चला कि कसीनो खेलने में तीन मंत्री, 15 विधायक और 250 अन्य ग्राहक शामिल थे, जिनमें कुछ सोने के कारोबारी भी शामिल हैं।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री बालिनेनी श्रीनिवास रेड्डी ने कहा है कि वह कैसीनो जाते हैं और उन्होंने जुआ और ताश खेलने की बात तक कबूल की। लेकिन प्रवीण या उसके कथित हवाला डील से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया।

कई इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज चलाने वाले तेलंगाना के श्रम मंत्री मल्ला रेड्डी ने कहा है कि उन्हें नहीं पता कि उन्हें आवंटित किया गया एक MLA स्टिकर कैसीनो आयोजक माधव रेड्डी की कार पर कैसे दिखाई दिया उन्होंने प्रवीण के साथ किसी भी तरह के संबंध से भी इनकार किया है।

कैसीनो के आयोजक कथित तौर पर अपने वीआईपी ग्राहकों को गोवा, नेपाल और इंडोनेशिया ले गए, और 5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के बीच फीस वसूल की।

जांचकर्ताओं ने कहा है कि प्रवीण के कैसीनो इवेंट्स को प्रमोट करने वाले अभिनेताओं के नाम उसके मोबाइल फोन में हैं। प्रवीण ने राजनेताओं और अभिनेताओं के साथ अपनी तस्वीरें भी शेयर की हैं।

वन विभाग ने भी, तेलंगाना के कडथल में प्रवीण के फार्महाउस पर छापा मारा। इस दौरान यह देखा गया कि उसने कहीं किसी लुप्तप्राय या संरक्षित जानवरों को अपने घर में रखा हुआ तो नहीं है। क्योंकि उसने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर कई रेपटाइल्स के साथ तस्वीरें पोस्ट की हुई हैं। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उसके फार्म हाउस पर दर्जनों विदेशी जानवर मिले हैं। जांच एजेंसी ने सोमवार को पूछताछ के लिए प्रवीण और उसके सहयोगी रेड्डी दोनों को बुलाया है।

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नई शिक्षा नीति युवाओं के लिए अधिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है: मोदी

चेन्नई 29 Jully (Rns/FJ): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि नयी शैक्षिक नीति बदलती परिस्थितियों में युवाओं को निर्णय लेने में अधिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है। मोदी यहां अन्ना विश्वविद्यालय के 42वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह को संबोधित करने वाले श्री माेदी 70 साल के बाद दूसरे प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस विश्विविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हम भाग्यशाली हैं कि आप लोग भारत के भविष्य के साथ-साथ अपने भविष्य का निर्माण करेंगे।आपका विकास भारत का विकास है, आपकी सीख भारत की सीख है, आपका भविष्य है भारत का भविष्य। हर अवसर का लाभ उठाएं और इसका सर्वोत्तम लाभ उठाएं।”

मोदी ने कहा कि एक मजबूत सरकार प्रतिबंधात्मक नहीं बल्कि उत्तरदायी होती है। यह हर क्षेत्र में दखल नहीं देती बल्कि खुद को सीमित करके लोगों की प्रतिभा के लिए उचित स्थान बनाती है।

उन्होंने कहा,“ पहले धारणा थी कि मजबूत सरकार वही है जो सब कुछ और हर किसी को नियंत्रित करती है। हमने इसे बदल दिया है। मजबूत सरकार सब कुछ और सभी को नियंत्रित नहीं करती बल्कि यह व्यवस्था को नियंत्रित करती है। एक मजबूत सरकार प्रतिबंधात्मक नहीं बल्कि उत्तरदायी है। मजबूत सरकार हर क्षेत्र में दखलंदाजी नहीं करती है।

वह खुद को सीमित करती है और लोगों की प्रतिभा के लिए जगह बनाती है। इसलिए आप सभी क्षेत्रों में सुधार देखते हैं। लोगों को अपने दम पर निर्णय लेने की स्वतंत्रता है। नयी शिक्षा नीति बदलती परिस्थितियों में युवाओं को उनके अनुसार निर्णय लेने की अधिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है।”

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“बाघ प्रदेश” बनने में राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन की मुख्य भूमिका

भोपाल (एजेंसी) सभी वन्य जीवों में बाघ को विशाल हृदय वाला संभ्रांत प्राणी माना जाता है। यह गर्व की बात है कि देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्यप्रदेश में है और मध्यप्रदेश को बाघ प्रदेश का दर्जा मिला है। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई मध्यप्रदेश के लिये विशेष महत्व का दिन है। यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाघों की जातियों की घटती संख्या, उनके अस्तित्व और संरक्षण संबंधी चुनौतियों के प्रति जन-जागृति के लिए मनाया जाता है।

प्रत्येक वर्ष विश्व बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाए जाने का निर्णय वर्ष 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग बाघ सम्मेलन में किया गया था। इस सम्मेलन में बाघ की आबादी वाले 13 देशों ने वादा किया था कि वर्ष 2022 तक वे बाघों की आबादी दोगुनी कर देंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मध्यप्रदेश में बाघों के प्रबंधन में निरंतरता और उत्तरोत्तर हुए सुधार बहुत महत्वपूर्ण हैं।

बाघों की संख्या में 33 प्रतिशत की वृद्धि चक्रों के बीच अब तक सबसे अधिक दर्ज की गई है, जो वर्ष 2006 से 2010 तक 21 प्रतिशत और वर्ष 2010 से 2014 तक 30 प्रतिशत थी। बाघों की संख्या में वृद्धि, वर्ष 2006 के बाद से बाघों की औसत वार्षिक वृद्धि दर के अनुरूप थी। मध्यप्रदेश में देश में सबसे अधिक संख्या में 526 बाघ हैं। इसके बाद कर्नाटक में 524 बाघ और उत्तराखंड 442 बाघ के साथ तीसरे नंबर पर है। यह देश और विशेष रूप से मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है। वर्ष 2022 की समय-सीमा से काफी पहले सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से यह उपलब्धि हासिल कर ली गयी है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की संवेदनशील पहल के परिणामस्वरूप बाघों की संख्या में वृद्धि के लिये निरंतर प्रयास हो रहे हैं। बाघ रहवास वाले क्षेत्रों के सक्रिय प्रबंधन के फलस्वरूप बाघों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। विश्व वन्य-प्राणी निधि एवं ग्लोबल टाईगर फोरम द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार विश्व में आधे से ज्यादा बाघ भारत में हैं। मध्य भारत भू-दृश्य भारत में बाघों के अस्तित्व के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश के कॉरिडोर से ही उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत के बाघ रिजर्व आपस में जुड़े हुए हैं।

प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ाने में राष्ट्रीय उद्यानों के बेहतर प्रबंधन की मुख्य भूमिका है। राज्य शासन की सहायता से 50 से अधिक गाँवों का विस्थापन किया जाकर बहुत बड़ा भू-भाग जैविक दबाव से मुक्त कराया गया है। संरक्षित क्षेत्रों से गाँवों के विस्थापन के फलस्वरूप वन्य-प्राणियों के रहवास क्षेत्र का विस्तार हुआ है।

कान्हा, पेंच और कूनो पालपुर के कोर क्षेत्र से सभी गाँव को विस्थापित किया जा चुका है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का 90 प्रतिशत से अधिक कोर क्षेत्र भी जैविक दबाव से मुक्त हो चुका है। विस्थापन के बाद घास विशेषज्ञों की मदद लेकर स्थानीय प्रजातियों के घास के मैदान विकसित किये जा रहे हैं, जिससे शाकाहारी वन्य-प्राणियों के लिये वर्ष भर चारा उपलब्ध होता रहे।

सभी संरक्षित क्षेत्रों में रहवास विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सक्रिय प्रबंधन से विगत एक वर्ष में 500 से अधिक चीतलों को अधिक संख्या वाले हिस्से से कम संख्या वाले एवं चीतल विहीन क्षेत्रों में सफलता से स्थानांतरित किया गया है। इससे चीतल, जो कि बाघों का मुख्य भोजन है, उनकी संख्या में वृद्धि होगी और पूरे भू-भाग में चीतल फैल जायेंगे।

राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन में मध्यप्रदेश शीर्ष पर

मध्यप्रदेश ने टाइगर राज्य का दर्जा हासिल करने के साथ ही राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों के प्रभावी प्रबंधन में भी देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल किया गया है।

भारत सरकार द्वारा जारी टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन की प्रभावशीलता मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार पेंच टाइगर रिजर्व ने देश में सर्वोच्च रैंक हासिल की है। बांधवगढ़, कान्हा, संजय और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन वाले टाइगर रिजर्व माना गया है। इन राष्ट्रीय उद्यानों में अनुपम प्रबंधन योजनाओं और नवाचारी तरीकों को अपनाया गया है।

वन्य-जीव संरक्षण मामलों पर नीतिगत निर्णय लेने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा प्रभावी प्रबंधन के आकलन से संबंधित आँकड़ों की आवश्यकता होती है। ये आँकडे़ संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के विश्व संरक्षण निगरानी केंद्र में रखे जाते हैं।

टाइगर रिजर्व की प्रबंधन शक्तियों का आकलन कई मापदण्डों पर होता है- योजना, निगरानी, सतर्कता, निगरानी स्टाफिंग पैटर्न, उनका प्रशिक्षण, मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन, सामुदायिक भागीदारी, संरक्षण, सुरक्षा और अवैध शिकार निरोधी उपाय आदि।

पेंच टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को देश में उत्कृष्ट माना गया है। फ्रंटलाइन स्टाफ को उत्कृष्ट और ऊर्जावान पाया गया है। वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम 1972 में दर्ज सभी मामलों में पैरवी कर आरोपियों को दंडित करने में प्रभावी काम किया गया है। मानव-बाघ और बाघ-पशु संघर्ष के मामलों में पशु मालिकों को तत्काल वित्तीय राहत दी जा रही है। साथ ही उन्हें विश्व प्रकृति निधि भारत से भी सहयोग दिलवाया जा रहा है।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने बाघ पर्यटन द्वारा प्राप्त राशि का उपयोग कर ईको विकास समितियों को प्रभावी ढंग से पुनर्जीवित किया है। वाटरहोल बनाने और घास के मैदानों के रखरखाव और वन्य-जीव निवास स्थानों को रहने लायक बनाने का कार्यक्रम भी चलाया गया है।

कान्हा टाइगर रिजर्व ने अनूठी प्रबंधन रणनीतियों को अपनाया है। कान्हा-पेंच वन्य-जीव विचरण कारीडोर भारत का पहला ऐसा कारीडोर है, जिसमें कारीडोर का प्रबंधन स्थानीय समुदायों, सरकारी विभागों, अनुसंधान संस्थानों और नागरिक संगठनों द्वारा सामूहिक रूप से किया जाता है। पार्क प्रबंधन ने वन विभाग कार्यालय परिसर में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किया है, जो वन विभाग के कर्मचारियों और आस-पास क्षेत्र के ग्रामीणों के लिये लाभदायी सिद्ध हुआ है।

पन्ना टाइगर रिजर्व ने बाघों की आबादी बढ़ाने में पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया है। शून्य से शुरू होकर अब इसमें 25 से 30 बाघ हैं। यह भारत के वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में एक अनूठा उदाहरण है। सतपुड़ा बाघ रिजर्व में सतपुड़ा नेशनल पार्क, पचमढ़ी और बोरी अभ्यारण्य से 42 गाँव को सफलतापूर्वक दूसरे स्थान पर बसाया गया है। यहाँ सोलर पंप और सोलर लैंप का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। वन्य जीव संरक्षण में अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करने की पहल करते हुए पन्ना टाइगर रिजर्व ने “ड्रोन स्क्वाड” का संचालन करना शुरू कर दिया है। प्रत्येक महीने “ड्रोन स्क्वाड” संचालन की मासिक कार्य- योजना तैयार की जाती है। इससे वन्य जीवों की खोज, उनके बचाव, जंगल की आग का स्त्रोत पता लगाने और उसके प्रभाव की तत्काल जानकारी जुटाने, संभावित मानव-पशु संघर्ष के खतरे को टालने और वन्य जीव संरक्षण संबंधी कानूनों का पालन करने में मदद मिल रही है। पन्ना टाइगर रिजर्व में ड्रोन दस्ता काफी उपयोगी सिद्ध हो रहा है।

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श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट सिटी उद्यान में किया पौध-रोपण

भोपाल : शुक्रवार, जुलाई 29, 2022 श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट सिटी उद्यान में बरगद, नीम और पिंक केसिया के पौधे लगाए। युवा धर्मश्री संस्था के श्री आयुष कटारे, श्री भूपेंद्र जैन शास्त्री, श्री अपूर्व जैन, श्री अभिषेक किरार और श्री उज्जवल सोनी ने पौध-रोपण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ श्री सचिन कपूर और श्रीमती खुशबू कपूर ने भी पौधे लगाए।

संस्था स्वच्छता और पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रही है। साथ ही भोपाल, विदिशा और रायसेन में जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने एवं रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित करने में भी सक्रिय है।

पौधों का महत्व

आज लगाए बरगद का धार्मिक औषधीय महत्व है। आयुर्वेद के अनुसार बरगद की पत्तियों, छाल आदि से कई बीमारियों का इलाज संभव है। इसका काढ़ा बना कर पीने से इम्युनिटी बढ़ती है। एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। यह औषधीय गुणों से भी समृद्ध है। पिंक केसिया की छाल और पत्तियों का उपयोग आयुर्वेदिक दवाएँ बनाने में किया जाता है।

संदीप कपूर

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आरती सिंह की लेटेस्ट फोटोशूट ने बढ़ा दी फैंस के दिलों की धड़कनें

30.07.2022 – बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा की भांजी और टीवी एक्ट्रेस आरती सिंह बिग बॉस 13 का हिस्सा बनने के बाद से ही लगातार चर्चा में बनी हुई हैं. इन दिनों वह अपने बोल्ड फोटोशूट्स के कारण सुर्खियां बटोर रही हैं. लगभग हर दिन फैंस को आरती का नया लुक देखने को मिल जाता है. अब एक बार फिर से एक्ट्रेस के चाहने वालों के होश उड़ गए हैं. आरती ने हाल ही में इंस्टाग्राम पेज अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें वह ब्लैक शॉर्ट ड्रेस में नजर आ रही हैं.

कॉमेडियन कृष्णा अभिषेक की बहन आरती आज किसी पहचान की मोहताज नहीं रह गई हैं. बेशक वह पिछले लंबे वक्त से किसी शो में नजर नहीं आ रही हैं, लेकिन इसके बावजूद भी आरती चर्चा में रहती हैं. वह अपने प्रोजेक्ट्स से ज्यादा बोल्ड और सिजलिंद अदाओं के कारण सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं. इसी बीच आरती ने एक बार फिर से अपने लेटेस्ट फोटोशूट के जरिए फैंस के दिलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं.

इंस्टाग्राम पर शेयर की गई तस्वीरों में आरती इतनी बोल्ड लग रही हैं कि उन पर से लोगों के लिए नजरें हटाना मुश्किल हो गया है. इन तस्वीरों में एक्ट्रेस ब्लैक शॉर्ट ड्रेस पहने नजर आ रही हैं. इस लुक को कंप्लीट करने के लिए आरती ने लाइट मेकअप किया है और बालों को ओपन रखा है. यहां वह कैमरे के सामने अलग-अलग अदाएं दिखा रही हैं.

अब आरती की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी रही हैं. एक्ट्रेस इस लुक में बेहद हॉट दिख रही हैं. कुछ ही देर पहले शेयर की गई इन तस्वीरों पर ताबड़तोड़ कमेंट्स आने शुरू हो गए हैं. बता दें कि बिग बॉस के घर से बाहर आने के बाद आरती सिंह का जबरदस्त ट्रांसफॉर्मेशन देखने को मिला, जिसने सबको चौंका कर रख दिया था. (एजेंसी)

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ऐश्वर्या राय की हमशक्ल मानसी नाइक सोशल मीडिया पर धमाल मचा रही हैं 

30.07.2022 – ऐश्वर्या राय की हमशक्ल मानसी नाइक. साल 2005 में आई फिल्म ‘लकी : नो टाइम फॉर लव’ में सलमान के अपोजिट नजर आईं अभिनेत्री स्नेहा उल्लाल को लेकर भी यही धारणा बनी थी कि वह बिल्कुल ऐश्वर्या की तरह नजर आती हैं. मराठी अभिनेत्री मानसी नाइक बॉलीवुड सुपरस्टार ऐश्वर्या राय बच्चन की तरह दिखने के कारण सोशल मीडिया पर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं.

इंटरनेट पर मानसी की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं. ऐसे में कई लोगों को लगता है कि मानसी का लुक और चेहरा बिल्कुल वैसा ही है, जैसा कि फिल्म उद्योग में ऐश्वर्या अपने शुरुआती दिनों में दिखाई देती थीं.

उनकी तस्वीर पर एक यूजर ने लिखा, ऐश्वर्या की हमशक्ल. वहीं अन्य ने लिखा, ऐश्वर्या की कार्बन कॉपी. साल 2005 में आई फिल्म ‘लकी : नो टाइम फॉर लव’ में सलमान के अपोजिट नजर आईं अभिनेत्री स्नेहा उल्लाल को लेकर भी यही धारणा बनी थी कि वह बिल्कुल ऐश्वर्या की तरह नजर आती हैं.

ऐसे में कई लोगों को लगता है कि मानसी का लुक और चेहरा बिल्कुल वैसा ही है, जैसा कि फिल्म उद्योग में ऐश्वर्या अपने शुरुआती दिनों में दिखाई देती थीं. हालांकि, मानसी का ऐश्वर्या की तरह दिखना उनके लिए फायदेमंद होगा या नहीं, यह वक्त ही बताएगा.

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बालों की हर समस्या का इलाज हैं अंडा, इसके ये 10 होममेड हेयर मास्क दिखाएंगे अपना कमाल

30.07.2022 – बालों की हर समस्या का इलाज हैं अंडा. चहरे के साथ-साथ बालों की भी अच्छी देखभाल करने की जरूरत होती हैं, खासतौर से मॉनसून के इन दिनों में। बाल घने और मजबूत बने रहें इसके लिए आपको इन्हें पोषण देने की जरूरत होती हैं। बाल प्रोटीन से बने होते हैं और इन्हें पोषण देने का सबसे अच्छा जरिया बनता हैं प्रोटीन से भरपूर अंडा। जी हां, अंडे में मौजूद प्रोटीन, ओमेगा-3 और मिनरल्स आदि बालों की ग्रोथ के साथ ही अन्य समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित होते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको अंडे से बने कुछ होममेड हेयर मास्क बताने जा रहे हैं जिनके इस्तेमाल से बालों को झडऩे से रोकने के साथ ही इन्हें चमकदार, काले और खूबसूरत बनाया जा सकता हैं। आइये जानते हैं अंडे से बने इन हेयर मास्क के बारे में..

मिल्क क्रीम और अंडे का हेयर मास्क

अगर आपके सफेद बाल हैं तो आप अंडे और मिल्क क्रीम की मदद से हेयर पैक बना सकती हैं। इसके लिए सबसे पहले एक बाउल लें। अब बाउल में दो चम्मच मिल्क क्रीम डालें। इसके बाद 2 अंडों को फेंट लें। फेंटे हुए अंडे को मिल्क क्रीम वाले बाउल में डालें। अब दोनों चीजों को अच्छे से मिक्स कर लें। लीजिए तैयार है आपका होममेड हेयर पैक। इसे अपने बालों में लगा लें। हेयर पैक लगाने के बाद अपने सिर को शॉवर कैप या किसी पन्नी से ढक लें। करीब 30 मिनट बाद अपने बालों को शैंपू से धो लें। आपको शैंपू करने के बाद एक बार फिर अपने बालों को केवल ठंडे पानी से धोना चाहिए। हफ्ते में दो बार इस हेयर पैक को अपने बालों में जरूर लगाएं।

अंडा, नींबू और दही का मास्क

यह मास्क आपको झड़ते बालों की समस्या से निजात दिलाएगा। नींबू का रस आपकी स्कैल्प को साफ करेगा और डैन्ड्रफ से छुटकारा दिलाएगा। वहीं अंडा और दही बालों को स्वस्थ बनाएंगे। दही भी प्रोटीन का अच्छा स्रोत है जो बालों का गिरना कम करके उन्हें चमक देता है। इसके लिए एक अंडा, 3 से 4 चम्मच दही और एक चम्मच नींबू का रस एक कटोरे में मिक्स करें। इसे स्कैल्प पर लगाएं। मास्क को आधे से एक घण्टे लगा रहने दें और फिर शैम्पू कर लें। इन अंडे के चमत्कारी मास्क को इस्तेमाल करके देखें, आपको तीसरे इस्तेमाल से ही असर नजर आने लगेगा।

अंडा और ऑलिव ऑयल का हेयर मास्क

अगर आपके बाल डैमेज हो गए हैं तो आपको बालों पर अंडे का इस्तेमाल करना चाहिए। काले, घने और सिल्की बालें के लिए अंडे की जर्दी यानी एग योक से बेहतर और कुछ नहीं है। इसमें ऐसे विटमिन्स होते हैं जो बालों को डैमेज होने से बचाते हैं और उनकी ग्रोथ में मदद करते है। इसके लिए आप एग योक में ऑलिव ऑयल मिलाएं और फिर ग्लव्स की मदद से बालों की जड़ों से लेकर टिप तक लगाएं। इसके आधे घंटे बाद शैंपू कर लें। आप चाहे तो पूरा अंडा भी सिर में लगा सकते हैं।

अंडा, दही व शहद का हेयर मास्क

इस हेयर मास्क को बनाने के लिए 2-3 एग योक में थोड़ा-सा दही और शहद की कुछ बूंदे डालकर एक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को बालों की जड़ों और बालों के सिरों पर अच्छी तरह से लगाएं और आधे घंटे तक छोडऩे के बाद माइल्ड शैंपू से बाल धो लें। आपके बाल हल्के और काफी स्मूद हो जाएंगे।

अंडा, केला और शहद का मास्क

यह मास्क आपके डैमेज हुए बालों की मरम्मत करेगा और बालों को प्रोटीन देगा। इस मास्क में केले, अंडे और शहद के अलावा जैतून का तेल और दूध भी इस्तेमाल होता है। केला और शहद बालों को मॉइस्चर प्रदान करते हैं, वहीं जैतून का तेल और दूध बालों को चमक देते हैं। इसके लिए एक पूरा अंडा लें, उसमें एक पिसा हुआ केला, 3 चम्मच दूध, 3 चम्मच शहद और 5 चम्मच जैतून का तेल मिलाएं। इसे अच्छी तरह मिला लें और पेस्ट बना लें। इस मास्क को बालों और जड़ों पर अच्छे से लगाएं और शावर कैप बांध लें। मास्क को एक घण्टे लगा रहने दें और फिर शैम्पू कर लें। ठंडे पानी का ही प्रयोग करें।

अंडे और नींबू का हेयर पैक

अंडा बालों से डैंड्रफ दूर करने में मदद करता है और उन्हें तेज धूप और पसीने से होने वाले इंफेक्शन से भी बचाता है। इसके लिए एक एग योक में 2 से 3 चम्मच नींबू का रस मिलाएं और फिर उसे अच्छी तरह मिक्स करके जड़ों में लगा लें। आधा घंटा ऐसे ही रहने दें और फिर शैंपू से बाल धो लें। नींबू में विटमिन सी, बी और एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं जो स्कैल्प से पूरी गंदगी निकाल देते हैं और उसे हेल्दी रखते हैं। साथ ही डैंड्रफ की समस्या से भी मुक्ति मिलती है।

अंडा, नारियल तेल और बादाम का तेल

बादाम और नारियल तेल दोनों ही विटामिन ई से भरपूर होते हैं जो बालों को नमी देते हैं और सॉफ्ट बनाते हैं। अंडे में मौजूद प्रोटीन बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है। इसके लिए 5 चम्मच बादाम तेल, अंडे की सफेदी और 1 से 2 चम्मच नारियल तेल मिलाएं और अच्छे से फेंट लें। इस मास्क को बालों में लगाकर हल्के हाथ से मसाज करें। बालों को ठंडे पानी से धोएं और शैम्पू कर लें।

अंडे और मेहंदी का हेयर पैक

बालों की अच्छी ग्रोथ और मजबूती के लिए आप अंडे को मेहंदी में मिलाकर लगा सकते हैं। इसके लिए मेहंदी में एक अंडा, थोड़े से मेथी के दाने और कॉफी मिलाकर कम से कम 4 घंटे के लिए रख दें। अब इसे बालों में लगाएं और 3 घंटे बाद बालों को पानी से धो लें। सिर से मेहंदी धोने के बाद तुरंत शैंपू न करें। जब बाल अच्छी तरह से सूख जाएं तो उनमें सरसों या फिर नारियल के तेल से मालिश करें और फिर अगले दिन बालों में शैंपू करें। इससे मेहंदी का रंग भी बालों से जल्दी नहीं निकलेगा और वह मजबूत भी बने रहेंगे।

अंडा, एलोवेरा और जैतून का तेल

अंडे और एलोवेरा मिलकर बालों को मजबूती देते हैं और ऑलिव ऑयल बालों को सॉफ्ट बनाता है। एलोवेरा बालों को हाइड्रेट भी करता है और इस मास्क के इस्तेमाल से आपके बाल थिक नजर आते हैं। इसके लिए एक कटोरे में 2 से 3 चम्मच अंडे का योक लें जिसमे 4-5 चम्मच एलोवेरा जेल लगाएं। एक चम्मच जैतून का तेल लें और उसे इस मिश्रण में मिलाने से पहले हल्का गुनगुना कर लें। इस मास्क को बालों और स्कैल्प पर अच्छी तरह लगाएं। जड़ों पर खास ध्यान दें। इसे 30 मिनट तक रखने के बाद ठंडे पानी से धो लें।

अरंडी का तेल और अंडा

एक अंडे को तोड़कर एक बाउल में फेंट लें। फेंटे हुए अंडे में दो बड़े चम्मच अरंडी का तेल डालें और एक साथ मिलाएं। अपने बालों और स्कैल्प पर हेयर मास्क लगाएं। अपनी उंगलियों से धीरे से मसाज करें। इसे 30-40 मिनट तक लगा रहने दें और फिर माइल्ड शैंपू और ठंडे पानी से धो लें। सप्ताह में एक या दो बार इसका इस्तेमाल करें। (एजेंसी)

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रात में आंखों से काजल साफ करके सोएं, ले इन 10 आसान टिप्स की मदद

30.07.2022 – रात में आंखों से काजल साफ करके सोएं.जब भी मेकअप की बात की जाती हैं तो काजल को जरूर शामिल किया जाता हैं जो भारतीय महिलाओं के मेकअप का अभिन्न हिस्सा बन चुका हैं। काजल मुरझाई हुई आंखों में भी नई जान डाल देता हैं। काजल कई प्रकार के मिलते हैं, जैसे पेन्सिल, रोल और या फिर बॉक्स में। आजकल तो वाटरप्रूफ काजल भी आने लगा हैं।

काजल का इस्तेमाल करना तो सभी पसंद करते हैं लेकिन इसे रात को सोने से पहले हटाना मुश्किल हो जाता हैं क्योंकि इसे आंख की वॉटरलाइन पर लगाया जाता है। कई बार ऐसा होता हैं कि हटाने के बाद भी काजल रह ही जाता हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ आसान तरीके बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आसानी से काजल को हटाया जा सकता हैं और संवेदनशील आंखों को भी नुकसान नहीं होगा। आइये जानते हैं इन तरीकों के बारे में…

नारियल तेल

नारियल का तेल सबसे सुरक्षित और सबसे प्रभावी चीजों में से एक है जिसका उपयोग आप सभी प्रकार के मेकअप को हटाने के लिए कर सकती हैं, विशेष रूप से आंख और होंठों के लिए यह तेल बहुत ही अच्छा होता है। इसके लिए आप वर्जिन या कोल्ड प्रेस्ड वेरिएंट तेल का इस्तेमाल करें। आप क्यू-टिप पर या कॉटन पैड पर नारियल लेकर और धीरे से इसे वॉटरलाइन को साफ करें। कुछ सेकंड के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें और धीरे से प्रोडक्ट को हटा दें।

बेबी ऑयल और बेबी वाइप्स

यह सबसे जेंटल आई मेकअप रिमूवर है जिसे आप बाजार से प्राप्त कर सकते हैं। बेबी ऑयल की कुछ बूंदों के साथ एक कॉटन बॉल को गीला करें और आसानी से आँखों पर स्वाइप करें। इसके बाद आंखों को गुनगुने पानी से धो लें। मेकअप वाइप्स और बेबी वाइप्स दोनों ही जिद्दी काजल और उसके स्मज से छुटकारा पाने के असरदार तरीके हैं।

ऑलिव ऑयल

ऑलिव ऑयल एक और पोषक तत्वों से भरपूर तेल है जिसका इस्तेमाल आप मेकअप हटाने और आंखों के नाजुक हिस्से को मॉइश्चराइज करने के लिए भी कर सकती हैं। आंखों से काजल हटाने के लिए आप तेल आर्गेनिक और वर्जिन वेरिएंट तेल का उपयोग करें और नारियल तेल की तरह इसका भी इस्तेमाल करें

कच्चा दूध

जी हां, आंखों का मेकअप साफ करने के लिए हम कच्चे दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं। वास्तव में, आप त्वचा की रंगत को निखारने के लिए कच्चे दूध को पूरे चेहरे पर लगा सकते हैं। कच्चे दूध के इस्तेमाल से नॉन वाटरप्रूफ काजल को आसानी से हटाया जा सकता है। आप अपने पूरे चेहरे को साफ करने के लिए कच्चे दूध का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

क्लींजिंग मिल्क

अगर तेल का इस्तेमाल करना आपको अच्छा नहीं लगता है तो आप क्लींजिंग मिल्क का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। इसके लिए कॉटन बॉल पर पर्याप्त मात्रा में क्लींजिंग मिल्क लें और इससे काजल को धीरे-धीरे पोंछ लें। आप इसे 2-3 बार दोहरा सकती हैं जब तक कि काजल पूरी तरह से साफ न हो जाए।

गीले कपडे का इस्तेमाल करें

यदि आप जल्दी में हैं तो सबसे आसान चीज जो आप अपना सकते हैं वह है कपड़े का एक गीला टुकड़ा। यह सुरक्षित है और आपको केवल यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आप इसे आंखों पर धीरे से रगड़ें और बहुत कठोर न हों। काजल को आँखों से हटाने के सबसे तेज़ तरीकों में से एक यह है कि रुमाल की तरह एक बहुत ही नरम कपड़ा लें और इसे कुछ सेकंड के लिए नल के नीचे रखें। कपड़े से अतिरिक्त पानी निकाल दें और इसका इस्तेमाल काजल को धीरे से पोंछने के लिए करें।

मिस्लर वॉटर

आंखों पर काजल के अवशेष से छुटकारा पाने के लिए मिस्लर वॉटर एक और बेहतरीन विकल्प है। अपनी त्वचा के टाइप के अनुसार किसी भी मिस्लर वॉटर को चुनें। इसे बाउल में थोड़ा सा डालें और इसमें क्यू-टिप डुबोएं। जब एक बार क्यू-टिप प्रोडक्ट को सोख लेती है तो आप इसे काजल को धीरे से पोंछने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।

गुलाब जल

आंखों के मेकअप को हटाने के लिए गुलाब जल बहुत ही कोमल और प्रभावी घटक है। यह आंखों को बिल्कुल नहीं चुभता है और काजल के सभी निशान को प्रभावी रूप से हटा देता है।

पेट्रोलियम जैली

आप अपनी आंखों से काजल अवशेषों को हटाने के लिए वैसलीन जैसी पेट्रोलियम जैली का उपयोग कर सकती हैं। अपनी उंगलियों पर थोड़ी सी वैसलीन लें और जहां भी काजल के निशान हो वहां पर मसाज करें। अब कॉटन पैड लें और धीरे से काजल को हटा दें।

बादाम का तेल

आंखों के आस-पास थोड़े से बादाम के तेल से मसाज करें और इस तेल से वॉटरप्रूफ काजल को साफ करें। बादाम के तेल में मौजूद विटामिन ई आंखों के आस-पास मौजूद झुर्रियों से भी छुटकारा दिलाता है। (एजेंसी)

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दिल्ली: हिरण पर क्यों लादें घांस

वेद प्रताप वैदिक – इसमें जरा भी शक नहीं है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई नई और अच्छी पहल की हैं। उसकी नई शिक्षा पद्धति को देखकर कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी काफी प्रभावित हुई हैं। अब दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि वह 50 केंद्रों में एक लाख ऐसे बच्चे तैयार करेगी, जो फर्राटेदार अंग्रेजी बोल सकें। अंग्रेजी की अनिवार्य पढ़ाई तो भारत के सभी विद्यालयों में होती है लेकिन अंग्रेजी में संभाषण करने की निपुणता कम ही छात्रों में होती है।

इसी वजह से वे न तो अच्छी नौकरियां ले पाते हैं और वे जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी हीनता-ग्रंथि से ग्रस्त रहते हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान गरीब और पिछड़े परिवारों के छात्रों को होता है। उन्हें घटिया पदों और कम वेतन वाली नौकरियों से ही संतोष करना पड़ता है। ऐसे छात्रों को जीवन में आगे बढऩे का मौका मिले, इसीलिए दिल्ली सरकार अब 12 वीं पास छात्रों को अंग्रेजी बोलने का अभ्यास मुफ्त में करवाएगी। शुरु में वह उनसे 950 रुपए जमा करवाएगी ताकि वे पाठ्यक्रम के प्रति गंभीर रहें।

यह राशि उन्हें अंत में लौटा दी जाएगी। यह पाठ्यक्रम सिर्फ 3-4 माह का ही होगा। 18 से 35 साल के युवकों के लिए यह अंग्रेजी बढिय़ा बोलो अभियान खुला रहेगा। मोटे तौर पर दिल्ली सरकार की इस योजना के पीछे उसकी मन्शा पूरी तरह सराहनीय है लेकिन दिल्ली की ही नहीं, हमारे सभी राज्यों और केंद्र की सरकार ने क्या कभी सोचा कि हमारी शिक्षा और नौकरियों में अंग्रेजी की अनिवार्यता ने भारत का कितना बड़ा नुकसान किया है? यदि सरकारी नौकरियों से अंग्रेजी की अनिवार्यता हटा दी जाए तो कौन माता-पिता अपने हिरण-जैसे बच्चों पर घांस लादने की गलती करेंगे?

चीनी भाषा के अलावा किसी भी विदेशी भाषा को सीखने के लिए साल-दो साल काफी होते हैं लेकिन भारत में बच्चों पर यह घांस दस-बारह साल तक लाद दी जाती है। अपने छात्र-काल में मैंने अंग्रेजी के अलावा जर्मन, रूसी और फारसी भाषाएं साल-साल भर में आसानी से सीख ली थीं। अंग्रेजी से कुश्ती लडऩे में छात्रों का सबसे ज्यादा समय नष्ट हो जाता है। अन्य विषयों की उपेक्षा होती है। मौलिकता नष्ट होती है। हीनता ग्रंथि पनपने लगती है। अहंकार और ढोंग पैदा हो जाता है। हमारी शिक्षा-व्यवस्था चौपट हो जाती है।

आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं लेकिन अभी भी हम भाषाई और बौद्धिक गुलामी में जी रहे हैं। महात्मा गांधी और लोहिया- जैसा एक भी नेता आज तक देश में इतना साहसी नहीं हुआ कि वह मैकाले की इस गुलामगीरी को चुनौती दे सके। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री मनीष सिसोदिया से मैं आशा करता हूं कि वे अन्य मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्रियों की तरह पिटेपिटाए रास्ते पर तेज रफ्तार से चलने की बजाय ऐसा जबर्दस्त अभियान चलाएं कि भारत में नौकरियों और शिक्षा से अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म हो जाए। जिन्हें उच्च शोध, विदेश व्यापार और कूटनीति के लिए विदेशी भाषाएं सीखनी हों, वे जरुर सीखें। उन्हें पूर्ण सुविधाएं दी जाएं।

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आज का राशिफल

मेष : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज आपका दिन अच्छा रहने वाला है। आज रचनात्मक ऊर्जा से भरा महसूस करेंगे। आप जिस काम को काफी दिनों से टाल रहे हैं, उस अधूरे काम को आज पूरा करने के लिये भी दिन ठीक है। मित्रों और परिवारजनों के साथ पर्यटन स्थल पर जाने का आनंद प्राप्त होगा। आज समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा।
वृष : (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी ,वु, वे, वो)

स्वभाव में उग्रता और वाणी में संयम रखें। शारीरिक शिथिलता और मानसिक चिंता से आपका मन व्यग्र रहेगा। छात्र आज जिस भी काम को पूरे मन से करेंगे, सफलता जरूर मिलेगी। विवाहित आज पार्टनर की उपलब्धियों से बेहद खुश होंगे। दूरस्थ शिक्षा से जुड़े छात्रों को आज कोई बड़ी सफलता मिलेगी।
मिथुन : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज आपको व्यापार-सम्बंधित कार्यों में लाभ होगा। उगाही, प्रवास, आय आदि के लिए अच्छा दिन है। सरकार तथा मित्रों, सम्बंधियो से लाभ होगा। उनसे भेंट-उपहार मिलने से आनंद होगा। लेकर थोड़ा चिंतित हो सकते हैं। डाक्टर की सलाह अवश्य लें। शाम होने तक सेहत में सुधार होगा।
कर्क : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज कारोबार में स्थिति अच्छी रहेगी। आज आप बेहतर मुनाफा ले पाएंगे। आपकी आर्थिक स्थिति पहले बेहतर होगी। आज सामाजिक कार्यों में बड़ा योगदान देंगे। इससे मान-सम्मान में वृद्धि होगी। राजकीय सहयोग से काम आसान होंगे। छात्र पढ़ाई से विचलित हो सकते हैं। स्वास्थ्य के विषय में आज विशेष ध्यान देना पड़ेगा।
सिंह : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आपका आज का दिन मिश्र फलदायी है। शारीरिकरूप से आपको अस्वस्थता का अनुभव होगा। फिर भी आप मानसिकरूप से स्वस्थ रहेंगे। शरीर में स्फूर्ति कम रहने के कारण कार्य करने का उत्साह कम रहेगा। अचानक आए अप्रत्याशित खर्चे आपके ऊपर आर्थिक तौर पर बोझ डाल सकते हैं।
कन्या : (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आप व्यवस्थित रूप से आर्थिक योजना बना सकेंगे। आपकी सृजनात्मक शक्ति आज श्रेष्ठ रहेगी। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ अनुभव करेंगे। आज कोई व्यक्ति आपके करियर को नई दिशा देने में मददगार साबित होगा। आज किसी भी काम में अतिरेक या उत्साह से बचें।

तुला : (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

परिवार में आनंद का वातावरण रहेगा। वाक्माधुर्य से आप अपना निर्धारित कार्य कर सकेंगे। आरोग्य अच्छा रहेगा। आज आपके अंदर नई उर्जा का संचार होगा। आज आप अपनी बुद्धि और कौशल से बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाल लेंगे। आज आपके विरोधी भी दोस्ती का हाथ बढ़ाएंगे।

वृश्चिक : (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन सुख-शांतिपूर्वक बीतेगा। अपने सहोदर के साथ सम्बंधों में निकटता का अनुभव आप करेंगे, उनका साथ भी आपको मिलेगा। आज किस्मत आपका पूरा साथ देगी। आज आपकी पदोन्नति पर मुहर भी लग जायेगी। छात्र आज किसी नये कोर्स को ज्वाइन कर सकते हैं।

धनु : (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज परिवार में किसी से चल रहा मन-मुटाव खत्म हो जायेगा। आज आप दूसरों से बात करते वक्त संतुलित विचार रखें। किसी के बारे में चर्चा करना आपको हानि पहुंचा सकता है। संतान पक्ष की सफलता आज आपकी खुशियों को दोगुना कर देगी। आज आपके कष्ट दूर होंगे।

मकर : (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज आपका दिन अच्छा रहने वाला है। कारोबार में धनलाभ का योग बन रहा है। आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा। आज आपके कामों को असफल करने के शत्रु पक्ष के प्रयास असफल रहेंगे। आप आसानी से अपने काम पूरे कर लेंगे। इस राशि के लोग आज किसी नये बिजनेस में निवेश करेंगे तो लाभ अवश्य होगा।

कुंभ : (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आपका आज का दिन आनंदपूर्वक बीतेगा। मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा। आज आपके सीधेपन का दूसरे फायदा उठा सकते हैं। आज ऑफिस में काम का बोझ बढ़ सकता है। सीनियर्स का दबाव रहेगा। आज अधूरे कार्य पूर्ण होंगे।

मीन : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज धन लाभ का योग है। ऑफिस में आज आपके काम से बॉस खुश रहेंगे। लवमेट के लिये आज का दिन काफी अच्छा है। आज आपका आकर्षक व्यक्तित्व सभी को आकर्षित करेगा। आज आपको मन में आए नकारात्मक विचार परेशान कर सकते हैं।

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संसद में महंगाई पर सोमवार को होगी चर्चा, दो हफ्ते तक हंगामे के बाद जागी सरकार

नई दिल्ली ,29 जुलाई (आरएनएस/FJ)। संसद में दो सप्ताह के भारी हंगामे के बाद केंद्र सरकार महंगाई पर चर्चा के लिए तैयार हो गई है। सोमवार को लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर बहस होगी। लोकसभा में नियम 193 के तहत मूल्य वृद्धि पर सोमवार, 1 अगस्त को चर्चा होगी और इसके लिए शिवसेना नेता विनायक राउत और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की ओर से एक नोटिस प्राप्त हुआ है। इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विपक्ष के सवालों के जवाब देंगी।

गौरतलब है कि राज्यसभा की बैठक शुक्रवार को अलग-अलग मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है।

इस महीने की शुरुआत में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून में भारत की वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति एक साल पहले के 6.26प्रतिशत से बढ़कर जून में  7.01प्रतिशत हो गई। यह महंगाई दर केंद्रीय बैंक (आरबीआई) के 2 से 6 फीसदी के तय दायरे से भी ज्यादा है। इसके अलावा विपक्ष आवश्यक वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने को लेकर भी विरोध प्रदर्शन कर रहा है। कई ऐसी चीजों को त्रस्ञ्ज के तहत लाया गया है जो पहले इसके दायरे से बाहर थीं।

संसद में विपक्ष ने कहा कि इन मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए और बाकी सभी को अलग रखा जाना चाहिए। सरकार ने बार-बार दावा किया कि वह सभी मुद्दों पर बहस करने के लिए तैयार है, लेकिन सीतारमण की अनुपस्थिति का हवाला देते हुए कहा कि वह इसीलिए मूल्य-वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा नहीं कर सकी।

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संदर्भ में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी को लेकर उठा विवाद थम नहीं रहा है और इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष एवं कांग्रेस सदस्यों के परस्पर आरोप-प्रत्यारोप एवं हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कराए। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य ‘सोनिया गांधी माफी मांगो के नारे लगा रहे थे। भाजपा के सदस्य बृहस्पतिवार से ही चौधरी की ‘राष्ट्रपत्नी वाली टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग कर रहे हैं।

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दिल्ली उच्च न्यायालय का कांग्रेस नेताओं को ट्वीट डिलीट करने का आदेश

स्मृति ईरानी की बेटी पर अवैध बार चलाने के लगाए थे आरोप

नई दिल्ली ,29 जुलाई (आरएनएस)।  दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेरा और नेट्टा डिसूजा को केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दायर एक दीवानी मानहानि के मुकदमे पर समन जारी किया है। इस मानहानि मुकदमे में कथित तौर पर उनके और उनकी बेटी के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए 2 करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्ण की पीठ ने कांग्रेस के तीन नेताओं को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का प्रभार संभालने वाली ईरानी के खिलाफ लगे आरोपों के संबंध में सोशल मीडिया से ट्वीट, रीट्वीट, पोस्ट, वीडियो और फोटो हटाने का निर्देश भी दिया है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर प्रतिवादी 24 घंटे के भीतर उसके निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब सामग्री को हटा देंगे।

ईरानी की यह कार्रवाई कांग्रेस नेताओं द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद आई है कि उनकी 18 वर्षीय बेटी जोइश ईरानी ने गोवा में अवैध रूप से एक बार चलाया और इस पर मंत्री पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।
आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने उनकी बेटी पर अवैध बार चलाने के आरोप लगाया था।

स्मृति ने इस आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि मेरी बेटी 18 साल की है, जो राजनीति नहीं करती। एक कॉलेज की छात्रा है। वो बार नहीं चलाती है। कांग्रेस ने आरटीआई के आधार पर मेरी बेटी पर आरोप लगाए हैं। लेकिन, जिस आरटीआई की बात की जा रही है, उसमें मेरी बेटी का कहीं कोई जिक्र नहीं है।

उन्होंने कहा था कि अमेठी में गांधी फैमिली अपनी हार को पचा नहीं पाई, इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है। उन्होंने कोर्ट जाने की बात कही थी।

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राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर अधीर रंजन चौधरी ने माफी मांगी

नई दिल्ली, 29 जुलाई (आरएनएस/FJ) । कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पत्र लिखकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से माफी मांगी है। अधीर रंजन चौधरी ने चिट्ठी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अनुरोध किया है कि मेरे द्वारा बोले गए शब्द जिसका मतलब गलत निकल रहा था

इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं और मैं आपको भी भविष्य में यह आश्वस्त करता हूं कि ऐसी गलती फिर दोबारा नहीं होगी इसके लिए मैं अनुरोध करता हूं कि मुझे माफ किया जाए।

अधीर रंजन चौधरी ने जब से उनके बयान को लेकर भाजपा उन्हें घेरने में लग गई उसके बाद से ही मीडिया में आकर उन्होंने कहा कि मेरी हिंदी थोड़ी कमजोर है इस वजह से मुझसे गलती हो गई।

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मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का किया शिलान्यास

रांची,29.07.2022 (FJ) – मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का किया शिलान्यास. झारखंड व्यापक संभावनाओं वाला राज्य है। इस कड़ी में यहां के औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को देश -दुनिया से जोड़ने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।  मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज राजधानी रांची के कोर कैपिटल एरिया में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषकर निर्यात संवर्धन से संबंधित तमाम गतिविधियां एक ही छत के नीचे से संचालित होंगी। यह सेंटर यहां की आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने में अहम रोल निभाएगा।

दशकों से चली आ रही है औद्योगिक गतिविधियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिजों से संपन्न राज्य है। यहां कोयला- लोहा से लेकर यूरेनियम तक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।  इस वजह से यहां औद्योगिक गतिविधियां दशकों से चली आ रही है। टाटा, बिड़ला और डालमिया  समेत कई  औद्योगिक व्यावसायिक समूह के उद्योग और कंपनियां यहां स्थापित है।  देश के उद्योगों को खड़ा करने वाला और “मदर फैक्ट्री” के नाम से दुनिया में विख्यात एचईसी इसी रांची में है । इन उद्योगों को अब व्यापार -निर्यात से जुड़ी सारी सुविधाएं वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के माध्यम से देने की दिशा में राज्य में कदम बढ़ा दिया है ।अब ये कदम रुकेंगे नहीं बल्कि अनवरत आगे बढ़ेंगे

 ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना विशेष प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना सरकार की विशेष प्राथमिकताओं में शामिल है ।यहां के ग्रामीण परिवेश में लोग विविध गतिविधियों में जुड़े हुए हैं । इन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में कई योजनाओं को शुरू किया गया है। इस सिलसिले में महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा बनाए गए उत्पादों को पलाश ब्रांड के माध्यम से बाजार में लाया गया है । ये उत्पाद बड़े बड़े मॉल और शॉपिंग कंपलेक्स में मिल रहे हैं । पलाश ब्रांड के टर्नओवर को एक हज़ार करोड़ रुपए सालाना करने के लक्ष्य के साथ सरकार काम कर रही है।

 वन उत्पादों को बढ़ावा,  उत्पादकों को सीधा फायदा देने की हो रही कोशिश

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में वन उत्पादों के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं ।अब तक यह देखने को मिला है कि यहां के स्थानीय उत्पादों को बाजार नहीं मिलने की वजह से लोग काफी कम कीमत में बेच देते हैं । वहीं, दूसरे राज्यों की बड़ी-बड़ी कंपनियां इन उत्पादों को खरीद कर हमारे ही राज्य में महंगे मूल्य पर बेचने का काम कर रही हैं ।सरकार ने इसे काफी गंभीरता से लिया है । अब यहां के वन एवं अन्य उत्पादों का सीधा फायदा उत्पादकों को मिले, इस दिशा में सरकार कार्य योजना बना रही है।

 रोजगार के लिए पलायन ना हो,  अपने ही घर में लोगों को दे रहे हैं काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में बच्चे -बच्चियां रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन करती हैं। वहां इनका शोषण किया जाता है ।ऐसे कई मामले हमारे सामने आ चुके हैं । बंधक बनाई गई कई बच्चियों को सरकार ने रिहा करा कर रोजगार से जोड़ने का काम कर रही है ।रोजगार की खातिर यहां के ग्रामीणों का पलायन नहीं हो ।उन्हें अपने ही घर में रोजगार मिले,  इस दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है ।

एग्रो फूड प्रोसेसिंग से कपड़ा उद्योग का लगातार हो रहा है विस्तार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एग्रो फूड प्रोसेसिंग, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और तसर से लेकर कपड़ा उद्योग तक लगातार विस्तार हो रहा है ।इससे यहां के बड़ी संख्या में युवक- युवतियों को रोजगार मिल रहा है । इस दिशा में बड़े उद्योगों के साथ छोटे मध्यम और लघु उद्योगों को भी सहायता देने की दिशा में सरकार काम कर रही है। इसके अलावा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत अनुदान आधारित ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

जुडको और सिडबी में एमओयू

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के शिलान्यास समारोह में जुडको और सिडबी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इसके जरिए राज्य में औद्योगिक संरचना को विकसित करने और उद्योग लगाने वालों को सिडबी के द्वारा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस मौके पर पीएमएफएमआई योजना के तहत बीज पूंजी सहायता के लिए 515 लाभुकों को लगभग एक करोड़ 87 लाख रुपए की पूंजी दी गई।

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की खासियत

*वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय कारोबार से संबंधित सारी सुविधाएं एक ही परिसर में मिलेंगी।

*इस सेंटर में व्यापार महानिदेशालय का क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय निर्यात परिषद से जुड़े कार्यालय होंगे । इसके अलावा आयात निर्यात से जुड़ी कंपनियों के लिए स्थान मुहैया कराया जाएगा। यहां करेंसी एक्सचेंज से लेकर मनी ट्रांसफर तक की सुविधाएं मिलेंगी।

*वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से होगा । यह 3.45 एकड़ भूमि में बनेगा। इसकी कुल परियोजना लागत 44.59 करोड़ होगी।

*यहां अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने वाली कंपनियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन और उसके प्रचार-प्रसार के लिए भी जगह उपलब्ध कराया जाएगा।

*वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में कृषि और खाद्य उत्पाद, वस्त्र, तसर उत्पाद तथा इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

*वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण 2 सालों में पूरा होगा। यहां बहुउद्देशीय सम्मेलन कक्ष, सेमिनार हॉल, आयात निर्यात बैंक के अलावा कई और सुविधाएं होंगी।

शिलान्यास समारोह में मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता,  विधायक श्री नवीन जायसवाल,  कार्मिक और उद्योग विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती वंदना डाडेल एवं  मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे विशेष तौर पर उपस्थित थे।

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वैष्णव केंद्र के रूप में विकसित होगी अयोध्या

*हर मोहल्ले में दिखेगी पौराणिक चरित्रों की झलक

लखनऊ 29 Jully (Rns/FJ) भगवान राम की नगरी अयोध्या को वैष्णव केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की तैयारी हो रही है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को न सिर्फ श्रीराम के दर्शन होंगे, बल्कि यहां के हर मोहल्ले में वैष्णव परम्परा की आभा देखने को मिलेगी, साथ ही भवनों के नाम भी पौराणिक चरित्रों पर आधारित होंगे। इसके तहत यहां बनने वाले विभिन्न नए सरकारी भवनों एवं होटल में नागर शैली की वास्तुकला की झलक देखने को मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी की मंशा है कि अयोध्या आने वाले पर्यटकों को सिर्फ राम धुन ही न सुनाई दे बल्कि त्रेतायुगीन चरित्रों के दर्शन भी हों। इसके लिए वहां बन रहे भवनों के नाम कौशल्या, वशिष्ठ, उर्मिला, श्रुतिकीर्ति, मांडवी जैसे पौराणिक चरित्रों के नाम पर रखे जाएंगे। वहां बने हवाई अड्डे का नाम मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के नाम पर और मेडिकल कॉलेज का नाम राजा दशरथ के नाम पर रखा जा चुका है।

साथ ही विशिष्ट वास्तुकला के बारे में जानकारी देते हुए भवनों पर पट्टिका भी लगाई जाएगी, जिससे आने वाली पीढ़ी को वैष्णव सम्प्रदाय की वास्तुकला के बारे में जानकारी मिल सके। सदर तहसील के पीछे 2 एकड़ से ज्यादा की भूमि पर 46 करोड़ 30 लाख रूपये की लागत से बन रहे नए नगर निगम भवन की वास्तुकला में वैष्णव संस्कृति के दर्शन होंगे। यह भवन भूतल के साथ चार तल का होगा।

साथ ही इसमें सभी पार्षदों का एक-एक कक्ष होगा। चूंकि नगर निगम किसी भी शहर का सबसे मुख्य भवन होता है इसको देखते हुए इसमें एक पुस्तकालय बनाया जाएगा। जिसमें शहर के गजेटियर के साथ-साथ अयोध्या के इतिहास से जुड़ीं सभी पुस्तकें, शोध एवं काव्य उपलब्ध होंगे।

इसके साथ ही 37 करोड़ रुपये की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाएगी, जिसमें व्यवसायिक गतिविधियां भी संचालित होंगी। चार मंजिला बन रहे इस मल्टीलेवल पार्किंग में 282 चार पहिया वाहन और 309 दो पहिया वाहन खड़े हो पाएंगे। इसके अलावा 15 दुकानें एवं एक कैंटीन की व्यवस्था भी रहेगी।

राम नगरी में बन रहा श्मशान घाट में सुन्दरीकरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। 16 संस्कारों को दर्शाते हुए संस्कार वाटिका बनाई जाएगी, जिसमें सनातन धर्म के महत्वपूर्ण संस्कारों को प्रदर्शित करते हुए 16 खम्भे होंगे। योजना के अंतर्गत बैकुंठ धाम 2 विद्युत फायर शेड, 2 ग्रीन फायर शेड, 10 पारम्परिक फायर शेड और दशगात्र के लिए 1 शेड होगा।

अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय कहते हैं कि अयोध्या को आधुनिक और आध्यत्मिक नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पर रामायण कालीन पौधे भवन की बनावट भी उसी प्रकार से कराने के प्रयास हो रहे हैं।

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भारतीय सेना ने महज 4 घंटे में पूरा किया रेस्क्यू ऑपरेशन

700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची को सुरक्षित निकाला बाहर

सुरेंद्रनगर 29 Jully (Rns/FJ): भारतीय सेना की एक टीम ने गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के गजनवाव गांव में एक बोरवेल से 12 साल की बच्ची का रेस्क्यू किया है। रेस्क्यू करने के बाद लड़की को इलाज और निगरानी के लिए सरकारी चिकित्सा अस्पताल भेज दिया गया है।

ध्रांगधरा डिप्टी कलेक्टर एम.पी. पटेल ने बताया, 12 वर्षीय मनीषा खेत में खेल रही थी, जहां उसके माता-पिता काम कर रहे थे। खेलते समय वह 600 से 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई। गांव के सरपंच ने स्थानीय अधिकारियों को सूचित किया और आग और चिकित्सा टीमों को भेजा गया। जिला कलेक्टर ने ध्रांगधरा में स्थित सेना से एक टीम की प्रतिनियुक्ति करने का अनुरोध किया।

बोरवेल में गिरी बच्ची, (जो 60 से 70 फीट की ऊंचाई पर ही थी) को निकालने में सेना की टीम को महज चार घंटे का समय लगा। इसके लिए सेना की टीम की खूब प्रशंसा भी हो रही है। अधिकारी ने कहा कि सुबह करीब 11.30 बजे लड़की को निकाला गया और फिर उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां उसे कुछ समय के लिए निगरानी में रखा जाएगा।

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करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी ने खुद को बताया ‘साजिश का शिकार’, सदमे में अर्पिता

कोलकाता 29 Jully (Rns/FJ): करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को शुक्रवार को यहां ईएसआई अस्पताल लाया गया। उन्हें ईडी अधिकारी नियमित चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे। दोनों में से अर्पिता मुखर्जी को सबसे पहले अस्पताल लाया गया। जैसे ही ईडी का वाहन उन्हें लेकर अस्पताल परिसर पहुंचा, वह फूट-फूट कर रोने लगी।

उन्होंने वाहन से बाहर आने से भी इनकार कर दिया और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और साथ में केंद्रीय सशस्त्र बलों की महिला कर्मचारियों को उन्हें बाहर खींचकर अस्पताल की इमारत में ले जाना पड़ा। अर्पिता मुखर्जी का व्यवहार देखते हुए स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि वह मामले में घिरने के बाद सदमें में हैं और इस बीच उन्होंने प्रतीक्षारत मीडियाकर्मियों से एक शब्द भी नहीं कहा।

उन्हें इमारत के अंदर ले जाने के तुरंत बाद, पार्थ चटर्जी को लेकर ईडी का एक अन्य वाहन अस्पताल परिसर पहुंचा। लेकिन मुखर्जी के विपरीत, उन्होंने किसी भी भावनात्मक ²श्य का सहारा नहीं लिया और ईडी कर्मचारियों द्वारा धकेले गए व्हीलचेयर पर अस्पताल की इमारत में जाते समय, उन्होंने मीडिया को सिर्फ वन-लाइनर (एक लाइन में) जवाब देते हुए कहा, “मैं साजिश का शिकार हूं।”

हालांकि, उनके द्वारा एक लाइन का दिया गया जवाब राजनीतिक हलकों की तीखी प्रतिक्रियाओं को भड़काने के लिए काफी था। चटर्जी के इस वन-लाइनर का मजाक उड़ाते हुए, राज्य तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ऐसे मामलों में स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती – मैं निर्दोष हूं। घोष ने कहा, हालांकि, अगर पार्थ चटर्जी वास्तव में सोचते हैं कि वह साजिश का शिकार हैं, तो उन्हें अदालत में इसे साबित करना चाहिए।

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी सांसद दिलीप घोष ने कहा कि यह अजीब है कि पूरे डब्ल्यूबीएसएससी साजिश में एक मुख्य आरोपी रो रहा है और दावा कर रहा है कि वह साजिश का शिकार है। घोष ने कहा, “अर्पिता मुखर्जी के लिए मैं केवल इतना कह सकता हूं कि अगर वह वास्तव में पछता रहीं हैं, तो उन्हें इस घोटाले के बारे में जो कुछ भी पता है, उसे ईडी और सीबीआई को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए।”

माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य और पश्चिम बंगाल विधानसभा में वामपंथी विधायक दलों के पूर्व नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि वास्तविक साजिश तो उन हजारों योग्य उम्मीदवारों के खिलाफ हुई है। कांग्रेस सांसद और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पार्थ चटर्जी की साजिश का सिद्धांत एक अप्रत्यक्ष स्वीकार है कि वह इस पूरे घोटाले में अकेले नहीं हैं। उन्होंने कहास “यह सिर्फ ट्रेलर है और फिल्म अभी शुरू होनी है।”

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जल, जंगल, जमीन राज्यवासियों का वजूद – हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री

झारखंड विधान सभा परिसर में वन विभाग द्वारा आयोजित 73वां राज्यव्यापी वन महोत्सव 2022

रांची, 29.07.2022 (FJ) विधानसभा अध्यक्ष श्री रबीन्द्र नाथ महतो एवं मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज झारखंड विधान सभा परिसर में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित 73वां राज्यव्यापी वन महोत्सव, 2022 कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जंगलों में आग लगने पर अविलम्ब उसकी सूचना आम व्यक्ति भी वन विभाग के पदाधिकारियों को दे सकें इस निमित्त विभाग टोल फ्री नंबर जारी करे।

जंगलों में पेड़ कटाई से लेकर आग लगने तथा अन्य गतिविधियों की शिकायत लोग विभाग के पदाधिकारियों को कर सकें इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन संरक्षण के लिए मैनुअली के साथ-साथ तकनीक का भी उपयोग करें। जल, जंगल, जमीन झारखंड वासियों का वजूद है। इनका संरक्षण हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि पेड़ है तभी जीवन है।

उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड विधान सभा परिसर में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित 73वां राज्यव्यापी वन महोत्सव, 2022 कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहीं।

पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर विकास की लकीर नही खींच सकते

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में विकास की ऊंचाइयों को छूते-छूते कहीं न कहीं पर्यावरण पर भी चोट पहुंच रहा है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर हम विकास की लकीर नही खींच सकते। सड़क चौड़ीकरण, कारखानों का निर्माण, शहरीकरण, जलाशय निर्माण सहित कई ऐसी योजनाएं हैं जिनके विकास तथा जीर्णोधार के लिए अनगिनत पेड़ों की कटाई की जाती है। हमें इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि विकास कार्यों के लिए जितनी पेड़ों की कटाई की जाती है उससे कई गुना पेड़ों को लगाकर ही इसकी भरपाई की जा सकेगी।

हम सभी लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और दूसरों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करें यह जिम्मेदारी उठानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन महोत्सव कोई एक दिन का कार्यक्रम नही बल्कि वन महोत्सव हर दिन होना चाहिए। प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर ही पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है। वन आधारित क्षेत्रों पर आरा मशीन प्लांट के जरिए कुछ असामाजिक लोग धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। ऐसी चीजों पर अविलंब रोक लगनी चाहिए नही तो बचे हुए पेड़ भी कट जाएंगे।

वन्य प्राणियों का विचरण जंगल कटने के स्पष्ट संकेत

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जो लोग अपने कैंपस में वृक्ष लगाएंगे उन्हें प्रति वृक्ष 5 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है। शहरी क्षेत्रों में लोग अपने-अपने घर आंगन पर पेड़ लगाकर यह लाभ ले सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आज 73वां वन महोत्सव मना रहे हैं। इन 73 वर्षों में वन और पर्यावरण संरक्षण के लिए जितना कार्य हुआ है वह संतोषप्रद नही दिख रहा है। जितनी हरियाली दिखनी चाहिए थी वर्तमान में उतनी हरियाली नही दिख रही है जो चिंता का विषय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के साथ-साथ अब शहरी क्षेत्रों में भी जंगली जीव-जंतुओं का विचरण देखा जा रहा है। जंगली जीवों का निरंतर आवागमन स्पष्ट संकेत देता है कि वनों की कटाई निरंतर जारी है। वन्य प्राणियों के घरों को उजाड़ कर उन्हें बेघर किया जा रहा है तभी वे गांव और शहरों की ओर अपना विचरण कर रहे हैं। हम जंगलों को कटने से बचाकर ही वन्य प्राणियों को संरक्षित कर सकेंगे।

इस अवसर पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री रबीन्द्र नाथ महतो, मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन सहित माननीय विशिष्ट अतिथियों द्वारा झारखंड विधानसभा परिसर में पौधा-रोपण भी किया गया।

इस अवसर पर मंत्री श्री आलमगीर आलम, मंत्री श्री चंपाई सोरेन, मंत्री श्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता, सभी विधायकगण, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एल.खियांग्ते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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झूलन और मिताली के बिना भारतीय टीम एक नई शुरुआत

बर्मिंघम, 29 जुलाई(एजेंसी)। कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह भारतीय महिला क्रिकेट का एक नया दौर है। टीम में अब मिताली राज और झूलन गोस्वामी नहीं है। ये दोनों खिलाडी कम से कम एक फ़ॉर्मेट के लिए वनडे विश्व कप तक उपलब्ध थीं। हालांकि अब ये दोनों खिलाड़ी टीम के साथ नहीं हैं। पिछले 25 सालों से यह जोड़ी भारतीय महिला क्रिकेट का पर्याय रही है। 1997 में मिताली 14 साल की थीं, जब उन्हें घरेलू धरती पर भारत के 50 ओवरों के विश्व कप टीम में चुना गया था।

इस पर केवल यह कहा जा सकता था कि वह अंतिम एकादश में जगह बनाने के लिए बहुत छोटी थीं। उसी संस्करण में झूलन ईडन गार्डन्स में उस प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड फ़ाइनल में एक बॉल गर्ल थीं।

इसके बाद से यह दोनों खिलाड़ी एक ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा रही हैं। साल 2002 में साउथ अफ्ऱीका में टेस्ट जीत से लेकर साल 2005 में विश्व कप के उपविजेता बनने तक यह साथ रहीं। इसके बाद साल 2006 और 2014 में इंग्लैंड को टेस्ट क्रिकेट में मात देना। साल 2016 में आठ नए खिलाडिय़ों के साथ ऑस्ट्रेलिया में सीरीज़ जीतना। इन दोनों खिलाडिय़ो के सह यात्रा का हिस्सा रहा है। हालांकि मैदान पर आये, इस बदलाव के लिए मैदान के बाहर भी उन्होंने महिला क्रिकेट को मिलने वाली सुविधाओं के लिए संघर्ष किया।

इसके लिए उन्होंने बीसीसीआई से भी टक्कर लिया। उनके संघर्ष के बाद सेकेंड क्लास ट्रेन का जमाना ख़त्म होकर महिला खिलाडिय़ों को एयर टिकट मिलने लगा। छोटे कमरों वाले होटलों की जगह पर बढिय़ा होटल मिलने लगे।

मैदान से बाहर उन्होंने हज़ारों युवाओ को क्रिकेट खेलने के लिए प्रति प्रेरित किया। यह उनके सबसे बड़े योगदानों में से एक था लेकिन इसके अलावा उन्होंने महिला खिलाडिय़ों के केंद्रीय अनुबंधों के लिए सक्रिय रूप से पैरवी की जो अंतत: 2016 से अस्तित्व में आया। एक मायने में मिताली और झूलन के बिना सक्रिय क्रिकेटरों के रूप में वैश्विक आयोजन में भारत के बारे में सोचना अब लगभग असंभव है। लंबे समय तक टीम के दो साथी और दोस्त अपने करियर में एक-दूसरे के नीचे खेले। कई बार निराश होने के बावजूद वह अपने खेल को और टीम को आगे बढ़ाते रहीं।

झूलन ने 2018 में टी20 से संन्यास ले लिया था और मिताली ने भी 2019 में इस प्रारूप को अलविदा कह दिया था। फिर भी टीम पर हमेशा उनकी मौजूदगी थी, क्योंकि वे अभी भी 50 ओवर के खिलाड़ी सक्रिय थे। मिताली के मामले में कप्तान होने का मतलब था कि समूह पर उनका अब भी गहरा प्रभाव था।इसलिए भले ही हरमनप्रीत कौर के पास टी20 में टीम को चलाने का एक निश्चित तरीका था, लेकिन हमेशा से एक भावना यह भी थी कि यह उनकी टीम नहीं थी।

एक तरह से यह अजिंक्य रहाणे की तरह था जो विराट कोहली के आराम करने पर हर बार भारत का नेतृत्व करने के लिए आगे आए। जब दो अलग-अलग कप्तान होते थे, तो कभी-कभी चीज़ें आसान नहीं होती थीं क्योंकि हम (मिताली और मैं) दोनों के विचार अलग थे। अब मेरे लिए उनसे (अपने साथियों से) यह पूछना आसान हो गया है कि मैं उनसे क्या उम्मीद कर रही हूं।

यह कोई रहस्य नहीं है कि मिताली और हरमनप्रीत दो अलग-अलग शैली की कप्तान थी, जिन्हें अक्सर बीच का रास्ता खोजने की ज़रूरत होती थी। दो सुपरस्टार अपने आप में एक समान दृष्टिकोण साझा नहीं करते थे। जून में श्रीलंका दौरे से पहले पूर्णकालिक एकदिवसीय कप्तान बनाए जाने पर अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरमनप्रीत को आखऱिकार एक सुकून का एहसास हुआ जो यह जानने से उपजी थी कि यह उनकी टीम थी।

हरमनप्रीत कौर ने कहा, जब दो अलग-अलग कप्तान होते थे, तो कभी-कभी चीज़ें आसान नहीं होती थीं क्योंकि हम (मिताली और मैं) दोनों के विचार अलग थे। अब मेरे लिए उनसे (अपने साथियों से) यह पूछना आसान हो गया है कि मैं उनसे क्या उम्मीद कर रही हूं। चीज़ेें मेरे लिए बहुत आसान होंगी और मेरे साथियों के लिए भी स्पष्ट होंगी। आप इसे किसी भी तरह से देखें राष्ट्रमंडल खेलों से पहले श्रीलंका दौरा मिताली-झूलन युग के बाद भारत का पहला कदम था।

दोनों दिग्गजों के पास इस खेल में योगदान देने के लिए अभी भी काफ़ी कुछ है। शायद ज़मीनी स्तर पर या प्रशासक के रूप में लेकिन मैदान पर, एक व्यापक भावना है कि टीम आखऱिकार दो सितारों की छाया से आगे बढ़ गई है। आखऱिकार यह एक ऐसी पीढ़ी है जिसके लिए मिताली और झूलन ने कड़ी मेहनत की है।

यह अब उनके लिए पहचान और भविष्य के लिए एक सकारात्मक रास्ता तय करने का मौक़ा है।राष्ट्रमंडल खेल अभी भी इस दिशा में एक छोटा कदम या एक बड़ी छलांग हो सकती है।

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बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की रंगारंग शुरुआत, भारतीय खिलाड़ी दिखायेंगे दम

बर्मिंघम, 29 जुलाई (एजेंसी)। ब्रिटेन की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और समावेशिता के अद्भुत प्रदर्शन के साथ यहां 22वें राष्ट्रमंडल खेलों की रंगारंग शुरुआत हो गयी जिसमें खिलाड़ी अब एक दूसरे से स्वयं को अव्वल साबित करने की कोशिश करेंगे। ड्रम वादक अब्राहम पैडी टेटेह ने ‘राफ्टर्स से भरे अलेक्जेंडर स्टेडियम में उद्घाटन समारोह की शुरुआत की। इसके बाद भारतीय शास्त्रीय गायक और संगीतकार रंजना घटक ने कार्यक्रम की अगुवाई की।

राष्ट्रमंडल खेल पहले ऐसे बड़े स्तर के खेल हैं जिन्हें कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद विभिन्न प्रतिबंधों के बिना आयोजित किया जा रहा है। इस बीच लाल, सफेद और नीले रंग की 70 कारों ने मिलकर ब्रिटेन का ध्वज ‘यूनियन जैक बनाया। यहां तक कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रिंस चार्ल्स भी ‘डचेस ऑफ कॉर्नवाल के साथ अपनी एस्टन मार्टिन कार में पहुंचे। शहर के मोटर उद्योग इतिहास को बताने के लिए कारों को इस तरह से पेश किया गया।

बर्मिंघम की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने के बाद महान विदूषक चार्ली चैपलिन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस महान हास्य अभिनेता को शहर के नायक के रूप में पेश किया गया। असल में लंदन से लेकर बर्मिंघम तक उनका जन्म स्थान चर्चा का विषय रहा है। महान लेखक विलियम शेक्सपियर का भी जिक्र किया गया। प्रसारक ने ‘शेक्सपियर फर्स्ट फोलियो के बारे में चर्चा की जो कि बर्मिंघम में नया पुस्तकालय है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा सार्वजनिक पुस्तकालय है।

औद्योगिक क्रांति को दर्शाने के लिए एक उग्र सांड का सहारा लिया गया जिसने इस रंगारंग समारोह में सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। खेलों का शुभंकर ‘पेरी द बुल है।

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के अध्यक्ष लुई मार्टिन ने अपने संबोधन में कहा, ”हमारे 72 सदस्य यहां हैं और बर्मिंघम शानदार दिखता है।   मुझे विश्वास है कि यह आयोजन हमारे 92 साल के इतिहास में राष्ट्रमंडल खेलों के सबसे शानदार और महत्वपूर्ण संस्करणों में से एक होगा। इसके बाद भागीदार राष्ट्रों की परेड शुरू हुई। राष्ट्रमंडल खेलों की परंपरा के अनुसार पिछली बार के खेलों का मेजबान आस्ट्रेलिया परेड में सबसे पहले आया और उसके बाद ओसेनिया क्षेत्र के अन्य देश आये।

इसके बाद अन्य देशों ने अपने क्षेत्र की वर्णमाला के अनुसार स्टेडियम में प्रवेश किया। ऑस्ट्रेलिया के बाद अफ्रीका, अमेरिका, एशिया और कैरेबियाई क्षेत्र के देश स्टेडियम में आए। जब 2010 के खेलों के मेजबान भारत का नंबर आया तो लोगों ने तालियां बजाकर करतल ध्वनि के साथ खिलाडिय़ों का स्वागत किया। ओलंपिक में दो बार की पदक विजेता पीवी सिंधू और पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे थे। परंपरा के अनुसार मेजबान इंग्लैंड ने अंतिम राष्ट्र के रूप में स्टेडियम में प्रवेश किया। जब इंग्लैंड की टीम स्टेडियम में पहुंची तो ”वी विल, वी विल रॉक यू  गीत बज रहा था।

इसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों का ध्वज फहराया गया और फिर सीजीएफ के अध्यक्ष मार्टिन ने अपना भाषण दिया। आखिर में ‘प्रिंस ऑफ वेल्स ने खेलों की शुरुआत करने के लिये महारानी के संदेश को पढ़ा। ब्रिटिश ओलंपिक चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों की तैराकी में 4 स्वर्ण पदक जीतने वाले टॉम डेली समलैंगिक ध्वजवाहकों के दल के साथ क्वीन्स बैटन मशाल को अलेक्जेंडर स्टेडियम में लेकर आए। डेली समलैंगिकता के समर्थक हैं। ढाई घंटे तक चले इस रंगारंग समारोह का आकर्षण दुरान दुरान बैंड भी रहा जिससे कार्यक्रम का समापन भी हुआ।

‘ब्लैक सब्बाथ और ‘सिटी ऑफ़ बर्मिंघम सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा के प्रसिद्ध संगीतकार टोनी इओमी ने भी दिलकश कार्यक्रम पेश किया, जबकि ‘रिबल वैली के प्रतिभाशाली युवा गायक सामंथा ऑक्सबोरो ने ब्रिटिश राष्ट्रगान गॉड सेव द क्वीन गाया। ग्रैमी पुरस्कार विजेता गिटारवादक इयोमी और सैक्सोफोनिस्ट सोवेटो किंच ने भी दर्शकों मोहित किया। इसके बाद लगभग 2000 से अधिक कलाकारों ने शहर के समृद्ध अतीत और वर्तमान का प्रदर्शन किया।

उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े 72 देशों के बीच आपसी संबंधों का भी प्रदर्शन किया। लंदन ओलंपिक 2012 के बाद यह खेल ब्रिटेन के सबसे बड़े और खर्चीले खेल बनने जा रहे हैं। लंदन ओलंपिक खेलों के ठीक 10 साल बाद इनका आयोजन किया जा रहा है।

उद्घाटन समारोह के साथ ही 11 दिन तक चलने वाले खेलों की शुरुआत भी हो गई जिसमें 72 देशों के 5000 से अधिक खिलाड़ी 15 स्थलों पर 19 खेलों की 280 स्पर्धाओं में अपनी चुनौती पेश करेंगे।

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