देश की सबसे बड़ी पलटू पार्टी है आम आदमी पार्टी : संबित पात्रा

नई दिल्ली, 01 सितंबर ( आरएनएस/FJ) । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जब भी आम आदमी पार्टी का कोई भ्रष्ट नेता पकड़ा जाता है तब इनका नाटक फिर से शुरु हो जाता है वो कह रहे थे कि सत्येंद्र जैन तो राजा हरिशचंद्र हैं, इनसे ज्यादा कट्टर ईमानदार तो कोई मंत्री है ही नहीं।संबित पात्रा ने कहा कि हर नेता की गिरफ्तारी के पहले इसी प्रकार का ड्रामा केजरीवाल जी का चलता है। सत्येंद्र जैन जब गिरफ्तार होने वाले थे, जब भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबे हुए थे, जब उनकी जांच चल रही थी तब ठीक इसी प्रकार का भाषण केजरीवाल दे रहे थे।

वास्तविकता यह है कि 3,000-4,000 वर्षों के मानव इतिहास की सबसे यू-टर्न या पल्टू पार्टी कोई है, तो वह आम आदमी पार्टी है। संबित पात्रा ने कहा कि कट्टर ईमानदार पार्टी बनेंगे, ये कहने वाले चंद हफ्तों के अंदर किस प्रकार से कट्टर भ्रष्टाचारी बन गए इसका जीता जागता उदाहरण पूरे विश्व में अगर कोई है, तो वो केजरीवाल जी की आम आदमी पार्टी है। जिनकी उंगली पकड़कर केजरीवाल जी बड़े हुए थे, वो अन्ना हजारे जी ने केजरीवाल जी की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं।

संबित पात्रा ने कहा कि पुरानी शराब नीति के तहत रिटेलर्स को 750 एमएल शराब की बोतल पर 33 रुपए प्रति बोतल मिल रहे थे और 330 रुपये सरकारी खजाने में जा रहे थे. लेकिन, नई आबकारी नीति के तहत, रिटेलर्स को 363 रुपए मिलने लग गए और सरकारी खजाने को केवल सिर्फ 8 रुपए ही मिलने लगे ।संबित पात्रा ने कहा कि ‘आप’ सरकार ने शराब कारोबारियों के 144 करोड़ रुपए माफ़ कर दिए, जबकी कोविड महामारी के दौरान जब मजदूर दिल्ली से पलायन कर रहे थे, तो दिल्ली सरकार के पास पलायन करने वाले मजदूरों के लिए टिकटों का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन शराब कारोबारियों के करोड़ों रुपए माफ़ कर दिए।

संबित पात्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जी से 5 सवालों का जवाब चाहती है. आशा है, इधर-उधर की बातें न कर वे उसका जवाब देंगे। नयी आबकारी नीति के लिए तीन सदस्यीय कमिटी बनायी गयी थी. इस कमिटी ने पहले मार्च 2021 में अपनी रिपोर्ट केजरीवाल सरकार को सौंपी थी। क्या यह सही नहीं है कि शराब के ठेके देने के लिए होलसेल और रिटेल को लेकर कमिटी की सिफारिशों को दरकिनार किया गया।

नई शराब नीति से दिल्ली में शराब की बिक्री तो बढ़ी लेकिन राजस्व कम क्यों आया। ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेके क्यों दिए गए? शराब ठेकों का कमीशन 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत क्यों किया गया। शराब माफियाओं को बिना कैबिनेट अप्रुवल के 144 करोड़ रुपए वापस क्यों किया गया।

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