रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के अगले सीडीएस नियुक्त

नई दिल्ली ,28 सितंबर (आरएनएस/FJ)। भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया है।

पिछले साल हेलिकॉप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से ही यह पोस्ट खाली पड़ी थी। जिसके बाद अब करीब 10 महीने बाद सरकार ने अगले सीडीएस की नियुक्ती की है। रावत देश के पहले सीडीएस भी थे।

रक्षा मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया। वे भारत सरकार में सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे।

महत्वपूर्ण कमानों की संभाल चुके हैं जिम्मेदारी

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के बारे में आपको बता दें इन्हें साल 1981 में सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था।

मेजर जनरल के रैंक में चौधरी ने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी।

बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली और सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में सेवा से रिटायरमेंट होने तक इस पद पर बने रहे।

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कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे दिग्विजय सिंह

नई दिल्ली ,28 सितंबर (आरएनएस/FJ)। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने का फैसला किया है, जिसके लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है। उनके बुधवार रात तक दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है।

सिंह के करीबी सूत्रों ने बुधवार को कहा कि चुनाव लडऩे का फैसला उनका निजी है, गांधी परिवार से किसी ने भी उन्हें ऐसा करने के लिए नहीं कहा है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं।

कांग्रेस सबसे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी के शीर्ष पद के लिए मैदान में उतारने की सोच रही थी, लेकिन राजस्थान में हाई-वोल्टेज ड्रामे ने गांधी परिवार को नाराज कर दिया।

इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा, गहलोत को अभी दौड़ से बाहर नहीं किया गया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल ने पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) से नामांकन फॉर्म लिया है।

अपनी ओर से बंसल ने कहा कि वह केवल एक प्रस्तावक हैं, उम्मीदवार नहीं। सीईए के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने मंगलवार को कहा था, अब तक शशि थरूर और पवन बंसल ने सीईए से नामांकन फॉर्म लिया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ जिनका नाम भी सामने आया था और उन्होंने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, उन्होंने कहा कि, वह पार्टी प्रमुख नहीं बनना चाहते हैं, और मध्य प्रदेश में पार्टी के लिए काम करना जारी रखना चाहते हैं।

राजस्थान में ड्रामे ने कांग्रेस नेतृत्व को पार्टी के शीर्ष पद के लिए ‘प्लान बी’ के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है।

इससे पहले गहलोत को एक दावेदार के रूप में देखा जा रहा था। उनके प्रति वफादार उनके विधायकों द्वारा खुली अवहेलना ने कांग्रेस हाईकमान को नाराज कर दिया और ऐसा लगता है इस रेस से भी गहलोत को बाहर कर दिया है।

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डब्ल्यूबीबीपीई घोटाला : एससी ने माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी से सुरक्षा शुक्रवार तक बढ़ाई

कोलकाता ,28 सितंबर (आरएनएस/FJ)। सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य को एक अस्थायी राहत देते हुए बुधवार को सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी से उनकी सुरक्षा शुक्रवार तक के लिए बढ़ा दी।

पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष भट्टाचार्य को रात 8 बजे तक सीबीआई के सामने पेश होने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के कुछ ही घंटों बाद सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल विधायक को गिरफ्तारी से राहत दी थी।

हालांकि, शीर्ष अदालत ने बुधवार को डब्ल्यूबीबीपीई से जुड़े करोड़ों रुपये के प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई की जांच पर रोक नहीं लगाई।

मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। नवीनतम विकास का मतलब है कि 2014 में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा में ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट से छेड़छाड़ और नष्ट करने के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश, और भट्टाचार्य को सीबीआई का सामना करने से कोई राहत नहीं है।

उच्च न्यायालय ने सीबीआई को जांच प्रक्रिया में सहयोग न करने के मामले में भट्टाचार्य को गिरफ्तार करने की छूट भी दी थी। हालांकि, भट्टाचार्य, जो अभी दिल्ली में हैं, को कोलकाता में सीबीआई कार्यालय में मौजूद रहने के फैसले का पालन करना बाकी है।

अब देखना यह है कि भट्टाचार्य कब कोलकाता पहुंचते हैं और पूछताछ का सामना करने के लिए सीबीआई कार्यालय पहुंचते हैं। कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि शीर्ष अदालत ने बुधवार को उन्हें दो और दिनों के लिए गिरफ्तारी से अस्थायी रूप से बचा लिया, लेकिन इसने उन्हें मामले में सीबीआई द्वारा पूछताछ से बचने की अनुमति नहीं दी।

आरोप है कि 2014 में कुल 20.90 लाख उम्मीदवार लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे, जिनमें से 12 लाख ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ की गई और उन्हें नष्ट कर दिया गया, जिससे भर्ती में गड़बड़ी का रास्ता साफ हो गया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई को इस बात की जांच करनी चाहिए कि भट्टाचार्य के डब्ल्यूबीबीपीई अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान ओएमआर शीट क्यों और कैसे नष्ट की गईं।

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कुलगाम मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी ढेर

श्रीनगर ,28 सितंबर (आरएनएस/FJ)। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में बीती शाम सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी मारे गये।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुलगाम के अहवाटू इलाके में उस समय मुठभेड़ शुरू हो गई जब सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया।

सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम एक विशेष स्थान पर पहुंची तो वहां छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दीं। बल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद भीषण मुठभेड़ शुरू हो गयी।

उन्होंने कहा कि शुरुआती गोलीबारी के दौरान एक आतंकवादी मारा गया था। मुठभेड़ में आज रात एक अन्य आतंकवादी भी मारा गया, जिससे मरने वालों की संख्या दो हो गई।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि दोनों आतंकवादी स्थानीय थे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए और कई आतंकी अपराधों में शामिल थे।

एडीजीपी कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान कुलगाम में बटपोरा के मोहम्मद शफी गनी और टाकिया गोपालपोरा के मोहम्मद आसिफ वानी उर्फ यावर के रूप में हुई है।

घटनास्थल से आपत्तिजनक सामग्री सहित दो एके 47 राइफल और गोला-बारूद बरामद बरामद किया गया। पिछले 24 घंटों के दौरान जिले में यह दूसरी मुठभेड़ थी।

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के बटपोरा इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के अबू हुराह के रूप में पहचाने गए एक पाकिस्तानी आतंकवादी की मौत हो गई और दो नागरिकों सहित तीन लोग घायल हो गए थे।

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आमिर खान के क्रिप्टोकरंसी वॉलेट से 14.53 करोड़ रुपए जब्त

*गेमिंग ऐप के जरिए लोगों को लगाई ठगी*

कोलकाता ,28 सितंबर (आरएनएस.FJ)। कोलकाता पुलिस ने मोबाइल गेमिंग ऐप ई-नगेट्स के जरिए कई लोगों को ठगने के मुख्य आरोपी आमिर खान के एक क्रिप्टोकरंसी वॉलेट से 14.53 करोड़ रुपये जब्त किए हैं।

यह राशि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 10 सितंबर को कोलकाता के गार्डन रीच इलाके में शाही अस्तबल लेन में आमिर खान के पिता नसीर खान के आवास से बरामद 17.32 करोड़ रुपये की नकदी के अतिरिक्त है।

उस बिनेंस की पहचान कर ली गई है, जहां आमिर खान के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट प्लेटफॉर्म से 14.53 करोड़ रुपये जमा किए गए थे।

आमिर खान, जिसे 24 सितंबर को कोलकाता पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था, इस समय शहर की पुलिस की हिरासत में है और कोलकाता की निचली अदालत में पेश होने की उसकी अगली तारीख 8 अक्टूबर है।

इस बीच, ईडी घोटाले के अन्य लाभार्थियों को ट्रैक करने के लिए आमिर खान को अपनी हिरासत में लेने के लिए भी उत्सुक था। 8 अक्टूबर को अदालत के घटनाक्रम के आधार पर केंद्रीय एजेंसी मामले में कानूनी कार्यवाही के अपने अगले पाठ्यक्रम पर फैसला करेगी।

ईडी ने 10 सितंबर को कोलकाता में छह परिसरों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की थी।

आमिर खान ने ई-नगेट्स नाम से एक मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन लॉन्च किया था, जिसे जनता को ठगने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया था।

शुरुआत में उपयोगकर्ताओं को कमीशन के साथ पुरस्कृत किया गया था और बटुए में शेष राशि को परेशानी मुक्त तरीके से निकाला जा सकता था.

जिससे उपयोगकर्ताओं को प्रारंभिक विश्वास मिला, जिन्होंने कमीशन के अधिक प्रतिशत के लिए बड़ी मात्रा में निवेश करना शुरू किया और अधिक संख्या में खरीद आदेश दिया।

जनता से अच्छी खासी रकम इकठ्ठा करने के बाद किसी न किसी बहाने उस ऐप से अचानक निकासी पर रोक लगा दी गई। इसके बाद उस ऐप सर्वर से प्रोफाइल जानकारी सहित सभी डेटा को मिटा दिया गया था।

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80 करोड़ लोगों को तीन महीने और मिलेगा मुफ्त राशन

*मोदी सरकार का राहत भरा फैसला*

नई दिल्ली ,28 सितंबर (आरएनएस/FJ)। महंगाई की मार झेल आम लोगों के लिए अच्छी खबर है। मोदी सरकार ने बुधवार को गरीबों को मुफ्त अनाज देने की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि तीन माह के लिए बढ़ा दी है।

अब गरीबों को दिसंबर, 2022 तक मुफ्त अनाज मिल सकेगा। माना जा रहा है कि महंगाई से गरीबों को कुछ राहत देने के अलावा गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह निर्णय किया गया है।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि योजना शुक्रवार को समाप्त हो रही थी। इसे अक्टूबर से दिसंबर, 2022 तक के लिए बढ़ाया गया है।

इस पर 44,700 करोड़ रुपए की लागत आएगी। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित गरीबों को राहत देने के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अप्रैल, 2020 में लाई गई थी।

योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को 5 किलो गेहूं और चावल हर महीने दिया जाता है।

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पीएफआई और आरएसएस दोनों पर लगे प्रतिबंध : लालू

पटना ,28 सितंबर (आरएनएस/FJ)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को समज में नफरत और द्वेष फैलाना वाला बताया और कहा कि इन दोनों संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए।

यादव ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, पीएफआई की तरह जितने भी नफरत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, जिसमें आरएसएस भी शामिल है। सबसे पहले आरएसएस को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है। आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है। सनद रहे, सबसे पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था।

वहीं, बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार तो राजद अध्यक्ष से और एक कदम आगे बढ़कर पीएफआई और आरएसएस के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कह दी। कुमार ने बुधवार को यहां जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित ‘कार्यकर्ताओं के दरबार में माननीय मंत्री’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवाल के जवाब देते हुए कहा कि भाजपा एवं आरएसएस दोनों पर प्रतिबंध लगना चाहिए।

उन्होंने पीएफआई पर प्रतिबंध से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा कि जो भी संगठन समाज में गैर बराबरी, तनाव एवं नफरत फैलाते हैं उन सब पर प्रतिबंध लगाया जाए।

मंत्री ने भाजपा के एक नेता द्वारा जदयू में एक राजा और बाकी सबको नौकर बताने संबंधी बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जबसे भाजपा को दूध की मक्खी के समान निकाल बाहर फेंका है तब से उसके नेता बौखलाहट में हैं, मानसिक संतुलन खो चुके हैं तथा हताशा और निराशा में अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।

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केंद्र सरकार ने पीएफआई पर लगाया 5 साल का प्रतिबंध

*8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई*

नई दिल्ली 28 Sep. (Rns/FJ): केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए 5 साल के लिए बैन कर दिया है। केंद्र सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संबंध और कई आतंकी मामलों में शामिल होने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाया गया है।

जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने पीएफआई को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। पीएफआई के अलावा उसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार यूएपीए की धारा 3 (1) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीएफआई और उसके सहयोगियों या सहयोगियों या मोर्चो को गैरकानूनी संघ घोषित करती है।

गौरतलब है कि 22 सितंबर और 27 सितंबर को एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस ने पीएफआई पर छापेमारी की थी। पहले राउंड की छापेमारी में 106 और दूसरे राउंड की छापेमारी में पीएफआई से जुड़े लोग 247 गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए। पीएफआई को बैन करने की मांग लगातार उठ रही थी।

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यूपी में सीएम योगी के निर्देश पर तीन और महिला पीएसी बटालियन की होगी स्थापना

*सीएम योगी की संस्तुति के शुरू हुई भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही*

लखनऊ(आरएनएस/FJ)। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर प्रदेश में तीन और महिला पीएसी बटालियन की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत जालौन, बलरामपुर और मिर्जापुर में महिला पीएसी बटालियन के लिए जमीन को चिन्हित कर लिया गया है।

जिसकी रिपोर्ट का प्रस्ताव बनाकर पुलिस मुख्यालय को भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हरी झंडी मिलते ही भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।

गौरतलब है कि योगी सरकार ने इससे पहले भी प्रदेश की बेटियों और महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के साथ उन्हे आत्मनिर्भर बनाने के लिए तीन महिला पीएसी बटालियन की घोषणा की थी। इसके लिए भूमि आवंटित होने के बाद निर्माण कार्य चल रहा है।

साथ ही बटालियन के लिए पद भी स्वीकृत किए जा चुके हैं। जल्द ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजा गया

एडीजी पीएसी केएस प्रताप सिंह ने बताया कि सीएम योगी ने प्रदेश में तीन और महिला पीएसी बटालियन की स्थापना करने का आदेश दिया था। इसी के तहत प्रदेश में झांसी और जालौन में से एक जनपद, बलरामपुर व मिर्जापुर और भदोही में से एक-एक महिला पीएसी बटालियन की स्थापना के लिए आदेश दिया गया था।

ऐसे में जालौन के ऊरई तहसील के ग्राम ऐर थाना डकोर के तहत ग्राम समाज की 17.150 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है। यह भूमि पहले से ही 33 वीं वाहिनी पीएसी झांसी के कब्जे में है। इस महिला पीएसी बटालियन का नाम रानी लक्ष्मी बनाई रखा जाएगा।

इस प्रस्ताव बनाकर पुलिस मुख्यालय को बनाकर भेज दिया गया है। इसी तरह बलरामपुर में ग्राम गिधरैया, तहसील बलरामपुर सदर में 20.381 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है। इसके अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव बनाकर पुलिस मुख्यालय को भेज दिया गया है।

एडीजी पीएसी ने बताया कि मिर्जापुर और भदोही में से एक जनपद में महिला पीएसी बटालियन की स्थापना के लिए मिर्जापुर के ग्राम देवरी कलां, तहसील मड़ियन में 26.225 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है। इसके अधिग्रहण के लिए 39 वीं वाहिनी पीएसी सेनानायक और जिलाधिकारी मिर्जापुर की ओर से कार्यवाही की जा रही है। इसका प्रस्ताव भी बनाकर पुलिस मुख्यालय को भेज दिया गया है।

एडीजी पीएसी केएस प्रताप सिंह ने बताया कि बटालियन के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हरी झंडी मिलने के बाद आगे की कार्यवाही को तेज कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला सुरक्षा की दिशा में अहम कदम बढ़ाए थे। इसी कड़ी में उन्होंने पहली बार सूबे में पीएसी की महिला बटालियन के गठन की घोषणा भी की थी। लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में पीएसी की तीन महिला पुलिस बटालियन की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है।

जल्द ही इन तीन महिला बटालियन में 1262 पदों पर तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इनमें एक सेनानायक, तीन उपसेनानायक, नौ सहायक सेनानायक के साथ ही एक शिविरपाल, 24 इंस्पेक्टर, 75 सब इंस्पेक्टर, 108 हेड कांस्टेबल व 842 कांस्टेबल के साथ सफाईकर्मी रसोइया आदि शामिल होंगे।

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राम जन्मभूमि अयोध्या में जारी किया जाएगा ‘आदिपुरुष’ का पोस्टर और टीजर 

28.09.2022 – ओम राउत द्वारा निर्देशित टी सीरीज और रेट्रोफाइल्स द्वारा निर्मित बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘आदिपुरुष’ का  पोस्टर और टीजर 2 अक्टूबर को भगवान राम की पवित्र भूमि, अयोध्या, उत्तर प्रदेश में सरयू नदी के तट पर जारी किया जाएगा।

इस फिल्म में प्रभास, कृति सेनन, सैफ अली खान और सनी सिंह नजर आएंगे और डायरेक्टर ओम राउत की इस फिल्म ने शुरुआत से ही सभी का ध्यान खींचा है। मेगा भारतीय फिल्म ‘आदिपुरुष’ तमिल, मलयालम और कन्नड़ में डब किए गए संस्करणों के साथ हिंदी और तेलुगु में 12 जनवरी, 2023 को आईमैक्स और 3डी में रिलीज के लिए निर्धारित है ।

यह फिल्म रामायण के महाकाव्य पर आधारित है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में फिल्म के ग्रैंड इवेंट का आयोजन करना अपने आप में खास है क्योंकि यह धार्मिक शहर भगवान राम का जन्मस्थान भी है।

इस ग्रैंड इवेंट में निर्देशक ओम राउत और निर्माता भूषण कुमार के साथ साउथ स्टार प्रभास और कृति सेनन भी मौजूद रहेंगे।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय 

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भारत जोड़ो यात्रा में भारी संख्या में लोग जुटे

मलप्पुरम 28 Sep. (Rns/FJ): कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ों यात्रा ‘ के 21 वें दिन बुधवार को यहां पांडिकड से भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग जुटे। केरल में चल रही इस यात्रा का यह 18वां दिन है यह सुबह 10.30 बजे वंदूर में रुकेगी और शाम 5 बजे फिर से शुरू होकर शाम 7 बजे मलप्पुरम के नीलांबुर पहुंचेगी।

शाम को एक जनसभा में बोलते हुए राहुल ने कहा, “भारत की महिलाएं हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। लेकिन भाजपा द्वारा उनके साथ ‘वस्तु’ जैसा व्यवहार किया जा रहा है। सबसे घृणित उदाहरण उत्तराखंड में अंकिता की हत्या है। भाजपा के मुख्यमंत्री ने सभी सबूतों को कुचल दिया। आरोपियों की रक्षा के लिए। हम भाजपा को महिलाओं के साथ दूसरे दर्जे के नागरिक के रूप में व्यवहार करने की अनुमति नहीं देंगे।”

राज्य में 19 दिनों में यात्रा एक अक्टूबर को कर्नाटक में शुरू होने से पहले, 450 किलोमीटर से अधिक की दूरी और सात जिलों मे होकर गुजरेगी। भारत जोड़ो यात्रा पांच महीने की है जो कन्याकुमारी से श्रीनगर तक 3,500 किलोमीटर से अधिक लंबी पैदल यात्रा है। यह सामाजिक ध्रुवीकरण, आर्थिक असमानताओं और राजनीतिक केंद्रीकरण को उजागर करने के उद्देश्य से पार्टी के राष्ट्रीय जन संपर्क कार्यक्रम का हिस्सा है।

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रांची मेन रोड स्थित मंदिर में भगवान हनुमान की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया

*आरोपी गिरफ्तार, इलाके में पुलिस बल तैनात*

रांची 28 Sep. (Rns/FJ) : झारखंड की राजधानी के मेन रोड में एक मंदिर में स्थित भगवान हनुमान की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया। बुधवार अहले सुबह यह खबर रांची में तेजी से फैली और देखते-देखते मंदिर के पास लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई।

तनाव की स्थिति बनते देख मौके पर भारी तादाद में पुलिस बल की तैनाती की गई है। रांची के एसएसपी किशोर कौशल सहित कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटना के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने दावा किया है कि यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति ने अंजाम दी है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। हालात नियंत्रण में हैं।

घटना की जानकारी मिलते ही कई हिंदू संगठनों से जुड़े लोग मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने इन्हें समझा-बुझाकर वापस भेजा है। पुलिस के आला अफसरों ने आश्वस्त किया है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्षतिग्रस्त प्रतिमा का दुबारा निर्माण कराया जाएगा। रांची में दुगार्पूजा पर पूजा पंडालों और मंदिरों में लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं। इसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। लोगों से संयम बरतने की अपील की गई है।

पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि प्रतिमा खंडित करने वाला व्यक्ति मनोरोगी है। उससे पूछताछ की जा रही है।

उधर, भाजपा के कई नेताओं ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार को निशाने पर लिया है और इसे तुष्टिकरण की नीति का नतीजा बताया है।

गौरतलब है कि रांची मेन रोड में बीते जून महीने में भी एक धार्मिक जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी और यहां एक मंदिर पर पथराव की वजह से तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।

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पीएफआई पर बैन के फैसले का भाजपा ने किया स्वागत

*कांग्रेस पर लगाया बढ़ावा देने का आरोप*

नई दिल्ली 28 Sep. (Rns/FJ) : केंद्र सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच वर्ष के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में पीएफआई को गैर-कानूनी संस्था घोषित करते हुए यूएपीए एक्ट के तहत इस पर बैन लगाया गया है। इसके साथ ही सरकार ने पीएफआई से जुड़े कई अन्य सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाने की घोषणा की है। केंद्र सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले का स्वागत करते हुए गृहमंत्री अमित शाह को बधाई दी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पीएफआई पर बैन लगाने के गृह मंत्रालय की अधिसूचना की कॉपी को शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा, “बाय बाय पीएफआई!”

भाजपा राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने भी पीएफआई पर बैन लगाने के गृह मंत्रालय की अधिसूचना की कॉपी को शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा, “घरेलू स्तर पर बढ़ रहे आतंकवाद के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है।”

रवि ने कांग्रेस पर पीएफआई को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए आगे कहा, “कांग्रेस द्वारा पोषित पीएफआई के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई।”

वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एवं वर्तमान राज्यसभा सांसद बृज लाल ने पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई को भाजपा सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति का परिचायक बताते हुए ट्वीट कर कहा, “पीएफआई को प्रतिबंधित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह को साधुवाद। एक अतिवादी इस्लामिक संगठन का अब समूल नष्ट किया जा सकेगा, जो देश की एकता, अखंडता के लिए खतरा बन चुका था।”

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पीओपीएसके पीसीसी सेवाएं प्रदान करेंगे

नई दिल्ली 28 Sep. (Rns/FJ): विदेश मंत्रालय ने पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि को दूर करने के लिए पूरे देश में सभी ऑनलाइन पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केन्द्रों (पीओपीएसके) पर पीसीसी सेवाओं के लिए आवेदन करने की सुविधा को शामिल करने का निर्णय लिया है।

केंद्र सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा पासपोर्ट संबंधी सेवाओं का लाभ उठाने के दौरान नागरिकों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में यह एक और कदम है। देशभर में पीओपीएसके बुधवार शुरू हो रहे हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा पीओपीएसके को इस पीसीसी आवेदन सुविधा का विस्तार करने में मंत्रालय द्वारा की गई कार्रवाई से न केवल विदेशों में रोजगार चाहने वाले भारतीय नागरिकों को मदद मिलेगी, बल्कि अन्य पीसीसी आवश्यकताओं की भी पूर्ति होगी, जैसे कि शिक्षा, दीर्घकालिक वीजा आदि के मामले में।

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नोटबंदी पर सुनवाई 12 अक्टूबर तक स्थगित

*SC ने कहा- देखना होगा इसे सुनने की जरूरत है या नहीं*

नई दिल्ली 28 Sep. (Rns/FJ) : नोटबंदी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई 12 अक्टूबर तक के लिए स्थगित हो गई है। कोर्ट ने कहा कि पहले यह जांच की जाएगी कि नोटबंदी को चुनौती दे रही याचिकाएं अकादमिक तो नहीं बन गई हैं। कोर्ट के अनुसार, यह भी पता लगाना होगा कि सुनवाई योग्य है या नहीं। कोर्ट के अनुसार, यह भी पता लगाना होगा कि इसे सुना जा सकता है या नहीं। सरकार ने साल 2016 में नोटबंदी का ऐलान किया था।

बुधवार को जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना की संविधान बेंच 58 याचिकाओं पर विचार कर रही थी। ये याचिकाएं केंद्र सरकार के साल 2016 में लिए गए नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दायर की गई थी।

सुनवाई के दौरान जस्टिस नजीर ने सवाल किया, ‘क्या अब भी यह बचा है।’ इसपर वकील ने जवाब दिया कि शीर्ष न्यायालय ने साल 2016 में कई मुद्दों की पहचान की थी और मामले को संविधान बेंच के पास भेज दिया था। उन्होंने बताया कि इस मामले पर उच्च न्यायालयों में सुनवाई पर रोक लगा दी थी। बाद में जस्टिस गवई की तरफ से भी इसी तरह का सवाल किया गया।

एक अन्य वकील ने कहा कि मामले के दो पहलु हैं। पहला कि इसमें सरकार के निर्णय की वैधता और लोगों की तरफ से किए गए परेशानियों का दावे शामिल हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘व्यवहारिक उद्देश्यों के लिहाज से ये मुद्दे अब नहीं बचे हैं। अगर शैक्षणिक उद्देश्य से बेंच इन पर विचार करना चाहती है, तो हम मदद कर सकते हैं।’

इसपर जस्टिस गवई ने सवाल किया, ‘इतने बड़े स्तर पर लंबित होने के बाद भी पांच जजों की बेंच के अकादमिक मुद्दों पर विचार करना चाहिए? क्या अकादमिक मुद्दों के लिए समय है?’ जस्टिस नजीर ने मामले पर सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर की तारीख तय की है। उन्होंने कहा, ‘पहला सवाल है कि हम यह जांच करेंगे कि क्या यह मुद्दा अकादमिक बन गया है और इसे सुना जा सकता है या नहीं।’

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राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों पर हो कार्रवाई : शिवराज

भोपाल 28 Sep. (Rns/FJ): मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज श्योपुर जिले की समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि जिले को कुपोषण के कलंक से मुक्त कराना है और राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

चौहान आज सुबह जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर को जिले के कराहल में आयोजित कार्यक्रम की व्यवस्था और अनुशासन के लिए जिला प्रशासन को बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों का गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में क्रियान्वयन हो, योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति को‍ मिले।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि श्योपुर को कुपोषण के कलंक से मुक्त करना है। जिले में गरीब कल्याण की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो, राशन वितरण में कोई गड़बड़ न हो, यह सुनिश्चित करना और जनता को सुशासन देना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

राशन वितरण की समीक्षा के दौरान उन्होंने कुछ गाँवों में केवल पाँच-छह दिन राशन की दुकानें खुलने, कियोस्क से पर्ची नहीं देने की शिकायतों पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन में सामग्री की गुणवत्ता, कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करना और खोदी गई सड़कों का तत्काल रिस्टोरेशन प्राथमिकता पर सुनिश्चित किया जाए।

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शील धाभाई ने फिर महापौर का पद संभाला

जयपुर 28 Sep. (Rns/FJ): राजस्थान में नगर निगम जयपुर ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर को बर्खास्त कर देने के बाद शील धाभाई ने आज यहां फिर कार्यवाहक महापौर का पद संभाल लिया।

श्रीमती धाभाई ने कार्यवाहक महापौर का पद संभालने के बाद कहा कि वह जयपुर शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाने का प्रयास करेगी।

उन्होंने कहा कि रोशनी का पर्व दीपावली को लेकर शहर में उत्साह हैं और इस मौके निगम की तरफ से साफ सफाई आदि का ध्यान रखते हुए लोगों की खुशियों को दुगना कर सके, ऐसा प्रयास किया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि चार जून 2021 को तत्कालीन निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ मारपीट एवं बदसलूकी के आरोप के मामले में छह जून को श्रीमती गुर्जर को निलंबित कर दिया गया था।

इसके बाद श्रीमती गुर्जर के विरुद्ध प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर इस मामले की न्यायिक जांच कराई गई जिसकी गत 10 अगस्त को जारी रिपोर्ट में श्रीमती गुर्जर को दोषी पाया गया था।

श्रीमती गुर्जर को निलंबित करने के बाद राज्य सरकार ने शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर नियुक्त कर दिया था।

इस मामले को लेकर श्रीमती गुर्जर ने अदालत की शरण ली और मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा और गत फरवरी में न्यायालय ने उनके निलंबन आदेश को स्टे कर देने से उन्होंने फिर जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर का पद संभाल लिया था।

हाल में उच्चत्तम न्यायालय ने राज्य सरकार को इस मामले में कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र करते हुए याचिका का निस्तारण कर देने के बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को श्रीमती गुर्जर को महापौर पद से बर्खास्त कर दिया।

गौरतलब है कि श्रीमती धाभाई इससे पहले पिछले वर्ष सात जून से गत एक फरवरी तक कार्यवाहक महापौर रही। इससे पहले भी वह जयपुर नगर निगम की महापौर निर्मला वर्मा के निधन के बाद वर्ष 2001 में महापौर बनी।

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पीएफआई पर प्रतिबंध आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक : गृह मंत्री, मध्यप्रदेश

भोपाल 28 Sep. (Rns/FJ): मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध के कदम का स्वागत करते हुए आज कहा कि ये एक तरह से आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक है।

डॉ मिश्रा ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश में अब तक पीएफआई से जुड़े 25 लाेग हिरासत में लिए गए हैं। इनसे पूछताछ के बाद जैसे-जैसे सबूत मिलते जाएंगे, वैसे-वैसे सारी स्लीपर सेल पकड़ में आती जाएंगी।

उन्होंने कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक के समान है। इससे इस संगठन के पूरे तंत्र नेस्तनाबूद होंगे। भाजपा की सरकार तुष्टिकरण में यकीन नहीं करती।

केंद्र सरकार का ये कदम स्वागतयोग्य है। गृह मंत्री ने कहा कि जिस संगठन के देश में विभिन्न स्थानों पर हत्याओं में शामिल होने के सबूत मिले हैं, ऐसे संगठन पर प्रतिबंध स्वागतयोग्य कदम है।

इसी बीच मध्यप्रदेश में भी इस संगठन पर लगातार कार्रवाई का सिलसिला जारी है। उज्जैन में पीएफआई कार्यालय को सील किए जाने की भी सूचना है।

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मलबा आने से चार घंटे तक बाधित रहा बदरीनाथ हाईवे

टिहरी ,27 सितंबर (आरएनएस/FJ)। ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर मुल्यागांव के समीप लगातार पहाड़ी से भारी बोल्डर गिरने से यातायात अवरुद्ध हो गया। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद एनएच ने हाईवे पर आये मलबे और पत्थरों को हटाकर यातायात बहाल करवाया।

मंगलवार सुबह ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे पर मुल्यागांव के समीप पहाड़ी से आये मलबे के कारण बदीनाथ हाईवे चार घंटे तक बाधित रहा। बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते रविवार से लगातार पहाड़ी से भारी बोल्डर और मलबा आने का सिलसिला हाईवे पर बना हुआ है।

मंगलवार सुबह करीब छह बजे अचानक पहाड़ी से भारी बोल्डर के साथ मलबा सड़क पर आ गिरा, घंटों की मशक्त के बाद एनएच द्वारा जेसीबी और पोकलैंड मशीन के जरिए हाईवे पर आया मलबा हटा दिया गया, जिसके बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई।

देवप्रयाग कोतवाल देशराज शर्मा ने बताया कि मार्ग अवरुद्ध होने से श्रीनगर और ऋषिकेश की ओर आवाजाही करने वाले वाहनों की हाईवे पर लंबी कतार लग गई। जिससे बदरी केदार सहित हेमकुंड आने जाने वाले यात्री हाईवे पर फंसकर रह गए।

देवप्रयाग से 11 किमी. दूर स्थित मुल्यागांव में फिलहाल यातायात बहाल होने से यात्रियों व स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है मगर अभी भी पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है।

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उद्धव गुट को SC से झटका: असली शिवसेना तय करने वाली EC की कार्रवाई पर रोक नहीं

नई दिल्ली 27 Sep. (Rns/FJ)- महाराष्ट्र में सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है। उद्धव गुट की अर्जी को खारिज करते हुए शीर्ष अकालत ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस फैसले से एकनाथ शिंदे कैंप को राहत मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग को यह निर्णय लेने की अनुमति दे दी कि शिवसेना का कौन सा धड़ा असली है और किसे शिवसेना का चुनावी चिन्ह दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए मामले में कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और साथ ही उद्धव ठाकरे खेमे की याचिका को खारिज कर दिया। बता दें कि यहां मामले में दूसरे धड़े का नेतृत्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं। शिंदे गुट का तर्क है कि शिवसेना के ज्यादातर विधायक और सांसद उनके खेमे का हिस्सा है। ऐसे में शिवसेना का चुनाव चिन्ह उन्हें दिया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि इससे पहले शिवसेना सुप्रीमो और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि उनकी टीम विद्रोही के खिलाफ कानूनी लड़ाई में विजयी होगी। शिंदे ने जून माह में भाजपा की मदद से उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी सरकार गिरा दी थी और 30 जून को सीएम पद की शपथ ली।

23 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे और शिंदे के नेतृत्व वाले गुटों द्वारा दायर याचिकाओं को पांच-न्यायाधीशों की पीठ के पास भेजा था, जिसमें दलबदल, विलय और अयोग्यता से संबंधित कई संवैधानिक प्रश्न उठाए गए थे। ठाकरे के वकीलों ने पहले कहा था कि शिंदे के प्रति वफादार पार्टी विधायक किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ विलय करके ही संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से खुद को बचा सकते हैं। जवाब में शिंदे समूह ने तर्क दिया था कि दलबदल विरोधी कानून उस नेता के लिए हथियार नहीं हो सकता जिसने अपनी ही पार्टी का विश्वास खो दिया हो।

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कश्मीर मुठभेड़ में मारे गए पाक आतंकी की हुई पहचान

श्रीनगर 27 Sep. (Rns/FJ): दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान मारे गए एक आतंकवादी की पहचान प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद संगठन के पाकिस्तानी सदस्य के रूप में की गई है। इस बात की जानकारी सेना के अधिकारियों ने मंगलवार को दी।

अधिकारियों के मुताबिक, अबू हुरेर्राह वेलबटापुरा गांव में हुई मुठभेड़ में मारा गया। इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर गांव में सेना, पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त तलाश अभियान शुरू किया था।

सुरक्षा बलों द्वारा गांव में घरों के संदिग्ध समूहों के चारों ओर त्वरित घेराबंदी स्थापित की गई थी। एक घर में एक से दो आतंकवादियों की मौजूदगी का संदेह होने पर, सुरक्षा बलों ने आसपास के नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर निकालना शुरू कर दिया।

जैसा कि पहले के अभियानों में भी देखा गया है, आतंकवादियों ने भागने के अवसर का फायदा उठाने की उम्मीद में नागरिकों को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। नागरिक जीवन के लिए खतरे को भांपते हुए और व्यक्तिगत सुरक्षा की अवहेलना करते हुए, सैनिकों ने निकासी प्रक्रिया को तेज कर दिया, साथ ही आतंकवादी को मार गिराया।

सेना ने कहा कि, नागरिकों को बचाने और उन्हें गोलाबारी क्षेत्र से बाहर निकालने का प्रयास करते हुए, एक अधिकारी को बंदूक की गोली लगी और उसे 92 बेस अस्पताल, श्रीनगर ले जाया गया।

दो नागरिकों को भी चोटें आईं, जब उन्हें ग्रेनेड फेंककर आतंकवादी ने निशाना बनाया। इनमें से एक को 92 बेस अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। लक्षित घर के आसपास कोई नागरिक उपस्थिति नहीं होने की सकारात्मक पुष्टि पर, सेना ने आतंकवादी को बेअसर करने के लिए एक अभियान चलाया।

आतंकवादी को बाद में बेअसर कर दिया गया और जेकेपी द्वारा पाकिस्तान के निवासी अबू हुर्राह और जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के कट्टर सदस्य के रूप में पहचाना गया। सेना ने कहा, “एक एके सीरीज राइफल, एक पिस्टल, ग्रेनेड और अन्य जंगी सामान बरामद किए गए हैं।”

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गहलोत समर्थक विधायकों के बदले सुर

*अब सचिन पायलट को CM बनाने का किया समर्थन*

जयपुर 27 Sep. (Rns/FJ): राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर उठा सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंत्री पद को लेकर मचे इस घमासान पर कांग्रेस आलाकमान काफी सख्ती दिखा रहा है। आलाकमान की सख्ती का असर अब विधायकों पर दिखने लगा है। इंदिरा मीणा, जितेंद्र सिंह और मदन प्रजापति के बाद अब अशोक गहलोत समर्थक चौथे विधायक संदीप यादव ने भी अपना पाला पलट लिया है। दरअसल पहले ये विधायक अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन कर रहे थे, लेकिन अब इन विधायकों ने अपना पलड़ा पलट लिया है। अब ये विधायक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का राग अलापने लगे हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये चारों विधायक रविवार की शाम गहलोत के वफादार मंत्री शांति धारीवाल के घर हुई बैठक में शामिल थे। इसके बाद मंगलवार सुबह ही गहलोत खेमे के विधायक संदीप यादव ने एक वीडियो जारी कर कहा कि, ”मैं कांग्रेस हाईकमान के साथ हूं। उनका हर फैसला मुझे मंजूर है।” वहीं, मदन प्रजापति ने भी अपना रुख बदलते हुए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने पर एतराज नहीं होने की बात कह डाली।

सचिन CM बनते तो हमारे लिए अच्छा रहेगा -इंदिरा मीणा

गहलोत का समर्थन करने वाली विधायक इंदिरा मीणा ने कहा, हमें पहले मुख्यमंत्री निवास बुलाया गया था। मगर बाद में कहा गया कि शांति धारीवाल के घर आओ। वहां जाने पर एक कागज पर साइन करा लिया और वो हमने पढ़ा नहीं। हमारा सचिन पायलट से कोई विरोध नहीं है। वह सीएम बनते हैं तो हमारे लिए अच्छा रहेगा।

त्यागपत्र का काम गलत है -जितेंद्र सिंह

गहलोत के वफादार शांति धारीवाल के घर इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक जितेंद्र सिंह जो गहलोत के खेमे के विधायक थे उन्होंने कहा था, त्यागपत्र का काम गलत है। मैं आलाकमान के साथ हूं, चाहे जिसे मुख्यमंत्री बनाए मैं साथ दूंगा। मुझे विधायक दल की बैठक के लिए मुख्यमंत्री निवास बुलाया गया था, जहां से फोन कर धारीवाल के बंगले पर बुला लिया गया।

82 विधायकों ने सौंपा इस्तीफा

बता दें बीते रविवार को कांग्रेस विधायक दल की हुई बैठक मुख्‍यमंत्री निवास आहूत की जानी थी, लेकिन इससे पहले ही गहलोत के वफादार संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर जमा हो गए। इसके बाद शांति धारीवाल के बंगले से विधायक का गुट रात को 8 बजे के बाद विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी के बंगले पर पहुंचा। जहां करीब 82 विधायकों ने सामूहिक रूप से स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। गौरतलब है कि राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 108 विधायक हैं। पार्टी को 13 निर्दलीयों का भी समर्थन प्राप्त है।

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मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख को फाल्के पुरस्कार

नई दिल्ली 27 Sep. (Rns/FJ): कटी पतंग, मेरा गाँव मेरा देश और लव इन टोक्यो जैसी यादगार फिल्मों में भूमिका निभाने वाली हिंदी रजतपटल की अपने समय की महान अभिनेत्री आशा पारेख को वर्ष 2020 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पारेख को यह पुरस्कार नयी दिल्ली में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह में 30 सितंबर को प्रदान करेंगी।

52वें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के निर्णायक मंडल के इस निर्णय की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए सम्मानित महसूस हो रहा है कि दादासाहेब फाल्के चयन जूरी ने आशा पारेख जी को भारतीय सिनेमा में उनके अनुकरणीय जीवन भर के योगदान के लिए मान्यता और पुरस्कार देने का निर्णय लिया है।ठाकुर ने यह भी घोषणा की कि 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 30 सितंबर को नयी दिल्ली में आयोजित किए जाएंगे और इसकी अध्यक्षता भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी।

आशा पारेख ने फिल्मों में अभिनय के अलावा निर्देशक और निर्माता की भूमिका में भी भारतीय सिनेमा को समृद्ध किया। उन्होंने सिनेमा और नृत्यकला प्रेमियों के मन पर एक कुशल भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना के रूप में भी अपनी अमिट डाली है। एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू करते हुए उन्होंने दिल देके देखो में मुख्य नायिका के रूप में अपनी शुरुआत की और 95 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने तीसरी मंजिल, आया सावन झूम के, आन मिलो सजना, मेरा गांव मेरा देश जैसी मशहूर फिल्मों में भी यादगार अभिनय किया है। पारेख को फाल्के पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय पांच सदस्यों की जूरी द्वारा लिया गया था। इसमें आशा भोसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लो, टी. एस. नागभरण, उदित नारायण शामिल थे। आशा पारेख को 1992 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1998-2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख के रूप में भी काम किया है।

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राजस्थान सरकार ने बीजेपी मेयर सौम्या गुर्जर को किया बर्खास्त

*6 साल चुनाव लड़ने पर लगाई रोक*

जयपुर 27 Sep. (Rns/FJ): राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच गहलोत सरकार ने मंगलवार को भाजपा की मेयर सौम्या गुर्जर को पद से बर्खास्त कर दिया। 23 सितंबर को इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया और राज्य सरकार को दो दिन बाद कार्रवाई करने को कहा गया। सोमवार को छुट्टी होने के कारण राज्य सरकार ने मंगलवार को मेयर को बर्खास्त करने का प्रस्ताव तैयार कर शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल को भेज दिया। मंत्री की स्वीकृति मिलने पर स्वायत्तशासी शासन विभाग ने महापौर को पद से बर्खास्त करने और अगले छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने का आदेश जारी किया। गौरतलब है कि जून 2021 में जयपुर नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय में मेयर सौम्या गुर्जर, तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव और अन्य पार्षदों के बीच हुई बैठक में विवाद की सूचना मिली थी।

पार्षद और मेयर के बीच कमिश्नर से बहस हो गई। कमिश्नर बैठक को बीच में ही छोड़ कर चले गए थे। लेकिन पार्षदों ने उन्हें गेट पर ही रोक लिया, जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। आयुक्त ने तीन पार्षदों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए सरकार को लिखित शिकायत दी और ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज कराया। 5 जून को सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए मेयर सौम्या गुर्जर व पार्षद पारस जैन, अजय सिंह, शंकर शर्मा के खिलाफ मिली शिकायत की जांच स्वायत्त शासन निदेशालय के क्षेत्रीय निदेशक को सौंप दी।

सरकार ने छह जून को जांच रिपोर्ट में चारों को दोषी मानते हुए सभी (महापौर और तीन पार्षदों) को पद से निलंबित कर दिया था। उसी दिन, सरकार ने उन सभी के खिलाफ न्यायिक जांच शुरू की। उसी महीने, राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया और पार्षद शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर नियुक्त किया। मेयर गुर्जर ने निलंबन को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन 28 जून को हाईकोर्ट ने निलंबन आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जुलाई में सौम्या गुर्जर ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर न्यायिक जांच पर रोक लगाने और निलंबन आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।

1 फरवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने निलंबन आदेश पर रोक लगा दी, जिसके बाद सौम्या गुर्जर ने 2 फरवरी को मेयर की कुर्सी फिर से संभाल ली। सौम्या और तीन अन्य पार्षदों के खिलाफ न्यायिक जांच की रिपोर्ट 11 अगस्त को आई, जिसमें सभी को दोषी पाया गया था। 22 अगस्त को सरकार ने भाजपा के तीन पार्षदों की सदस्यता समाप्त कर दी। इस न्यायिक जांच के आधार पर उन्हें सरकार ने हटा भी दिया है। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर न्यायिक जांच की रिपोर्ट पेश की और मामले की जल्द सुनवाई की मांग की। शीर्ष अदालत ने 23 सितंबर को सरकार को आगे बढ़ने की अनुमति दी थी।

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