केजरीवाल शराब माफियाओं को फायदा पहुँचाने के लिए काम करते रहे हैं : भाजपा

नई दिल्ली, 2 अगस्त ( आरएनएस/FJ) । दिल्ली की केजरीवाल सरकार के द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति को लेकर मनीष सिसोदिया के द्वारा दिए गए बयान पर कि दिल्ली सरकार को  3000 करो रुपया का अधिक रेवलों इकट्ठा हुआ है इस पर दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि ठीक उलट दिल्ली सरकार की कैबिनेट नोट में कमाई में कमी बताई गई है।

आदेश गुप्ता ने कहा कि2019-20 में रेवेन्यू 8911 करोड़ रुपया  का अनुमान था, लेकिन यह घटकर 7029 करोड़ रुपया हो गया। वहीं 2021-22 की बात करें तो 37.5 फीसदी की रेवेन्यू में भारी कमी यानि 2151 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यानि नई आबकारी नीति से दिल्ली की राजस्व में भारी कमी आई है। आदेश गुप्ता ने आज राष्ट्रीय कार्यालय में नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कैबिनेट नोट में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि एक ओर राजस्व में कमी आई है तो दूसरी तरफ शराब बोतलों की बिक्री में भारी बढ़ोतरी हुई है।

इससे स्पष्ट होता है कि दिल्ली सरकार के खजाने को गलत तरीके से लूटा जा रहा है और इसका सीधा फायदा शराब माफियाओं को पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो महीने का वक्त देकर और फायदा पहुंचाने का काम केजरीवाल सरकार ने किया है। पहले भी 144 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया है। दिल्ली सरकार का पूरा फोकस शराब माफिया को फायदा पहुंचाया जाए चाहे इसके लिए दिल्ली के सरकारी खजाने को खोखला कर दिया जाए।

नेता प्रतिपक्ष  रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि हर साल 10,000 करोड़ रुपये का फायदा और शराब की क्वालिटी अच्छी होने का दावा करने वाली केजरीवाल सरकार का पोल उस वक्त खोल गया जब 2022-23 की पहली तिमाही में 2375 करोड़ रुपये का रेवेन्यू आने का अनुमान था लेकिन सिर्फ 505 करोड़ रुपये का रेवेन्यू आया। जबकि 980 करोड़ रुपये तो सेक्योरिटी के रुप में जमा है। जबकि विस्की की सेल में 59.46 फीसदी और वाईन 87.25 फीसदी की वृद्धि हुई है।

उन्होंने केजरीवाल सरकार से सवाल किया कि विस्की पर 30 से 300 फीसदी तक एक्साइज ड्यूटी वसूलते हैं, वाइन पर 65 फीसदी और बियर पर 150 फीसदी वसूला जाता है। ऐसे में एक बोतल पर एक फ्री देने पर जो एक्साइज ड्यूटी बनी वह किसने वसूली और वह कहां गई? रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा के अंदर स्वीकार किया है कि दिल्ली में 100 नगर निगम वार्ड्स ऐसे हैं जहां शराब के ठेके नहीं खोले जा सकते तो फिर इन्होंने शराब के ठेकेदारों से मोटी-मोटी रकम लेकर मास्टर प्लान का उल्लंघन करके शराब के ठेके क्यों खोले गए हैं

अब इसकी जांच सीबीआई करेगी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने शराब माफियाओं की हर वह बात मानी चाहे ड्राइ डे कम करना हो, कमीशन बढ़ाना हो, उम्र सीमा घटाना हो, समय सीमा बढ़ानी हो या फिर खुद की शराब जांच हो।

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