अब शहीदों के परिजनों को 10 की जगह देगी 50 लाख रुपए

धामी सरकार का बड़ा ऐलान

देहरादून 26 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । । कारगिल विजय दिवस पर उत्तराखंड सरकार ने शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि में बड़े बदलाव का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित समारोह में कहा कि सम्मान स्वरूप आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़कर ₹50 लाख कर दी गई है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल शहीदों की याद में आयोजित समारोह में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने शहीदों के परिजनों को मिलने वाली राशि को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की है कि अब शहीदों के परिजन सरकारी नौकरी के लिए 2 साल नहीं, बल्कि 5 साल तक आवेदन कर सकते हैं।

उन्होंने एक्स पर इसकी जानकारी दी। लिखा, कारगिल विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क, देहरादून स्थित शहीद स्मारक पर अमर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वीर शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया।

इस दौरान शहीद आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख करने, वीरगति प्रमाण पत्र प्राप्त होने के उपरांत सरकारी नौकरी के लिए आवेदन की अवधि दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष करने और शहीद आश्रितों हेतु जिलाधिकारी कार्यालय में पद न होने पर अन्य विभागों में नौकरी प्रदान करने के साथ ही सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों के समतुल्य अवकाश देने की घोषणा की।

हम सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सरकार अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने पर भी कार्य कर रही है, जल्द ही इस निर्णय को भी लागू किया जाएगा।

बता दें, प्रदेश में कारगिल विजय दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। हरिद्वार के ऋषिकुल स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय के सभागार में शहीदों को नमन किया

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रोहतक : गन पॉइंट पर एक्सिस बैंक से 6.70 लाख की लूट

CCTV फुटेज में कैद हुए बदमाश

रोहतक 26 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । हरियाणा के रोहतक में गुरुवार शाम एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब चार बदमाशों ने गन पॉइंट पर एक्सिस बैंक से 6.70 लाख रुपए लूट लिए। यह सनसनीखेज वारदात शाम 4 बजकर 57 मिनट पर हुई, जिसकी CCTV फुटेज अब सामने आई है। CCTV फुटेज में दिखाया गया है कि 25 जुलाई की शाम 4:57:22 बजे चार बदमाश बैंक में दाखिल होते हैं। बदमाशों ने बैंक में प्रवेश करते ही कर्मचारियों को हथियारों के बल पर डराना शुरू कर दिया। उन्होंने कर्मचारियों के साथ मारपीट की और महज 170 सेकेंड में 6.70 लाख रुपए लेकर फरार हो गए। 5:00:12 बजे वे बैंक से बाहर निकलते हुए दिखाई देते हैं।

बदमाशों ने न केवल बैंक में लूटपाट की, बल्कि बैंक मैनेजर के साथ बर्बरता भी की। उन्होंने मैनेजर को बुरी तरह से पीटा और उसे बाथरूम में बंद कर दिया। जाते-जाते बदमाश मैनेजर का मोबाइल फोन भी अपने साथ ले गए।

बदमाशों के फरार होने के बाद पुलिस को तुरंत सूचना दी गई। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है और CCTV फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। इस घटना ने शहर में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

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नये स्वरूप में शीघ्र संचालित होगा सांसद रुडी कंट्रोल रूम

छपरा, 26 जुलाई (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । आम जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए चौबीस घंटे कार्य करने वाले सांसद कंट्रोल रूम को अपग्रेडेशन करने के लिए कुछ दिनों के लिए स्थगित किया गया है। विदित हो कि सांसद कंट्रोल रूम टॉल फ्री नं॰ 18003456222 पर चौबीस घंटे कार्यरत है जिसे अगले निर्देश तक के लिए स्थगित किया गया है।

शीघ्र ही नये स्वरूप और नई सुविधाओं के साथ पुनः इसका संचालन आरंभ किया जायेगा। इस संदर्भ में सांसद ने बताया कि कंट्रोल रूम सीधे-सीधे जनता से जुड़ा है और उनकी समस्याओं का उचित हल यहां मिलता है इसलिए हमें खेद है कि कुछ अवधि के लिए यह सुविधा उन्हें प्राप्त नहीं हो पायेगी, तथापि सांसद ने बताया कि जन समस्याओं के निराकरण के लिए कार्यालय पहले की भांति तत्पर है और आम जनता को मार्गदर्शन मिलता रहेगा।

इसके माध्यम से केवल देश ही नहीं विदेश में भी संबंधित लोगों को लाभ पहुंचाया जाता है। सारण सांसद का यह कंट्रोल रूम देश के 543 लोकसभा क्षेत्रों में अपनी तरह की एक मात्र सांसद के निर्देशन में संचालित और आमजन की सेवा में दिन रात सेवारत यह कंट्रोल रूम संचालित था जिसकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होती रहती है।

सांसद रुडी के कंट्रोल रूम में चिकित्सीय सहायता, बिजली की समस्या, विदेश में किसी प्रकार की समस्या, अगलगी आदि महत्वपूर्ण समस्याओं के निदान में सहायता मिलती है और आमजन लाभान्वित होते है।

सारण सांसद ने वर्ष 2018 में सांसद कंट्रोल रूम की स्थापना की थी जिसके माध्यम से सारण के आमजनों को लाभ पहुंचाया जाता था। कुछ समय बाद ही कोविड काल में रुडी ने राज्य के सभी जिलों के निवासियों के लिए कंट्रोल रूम की सेवा शुरू कर दी।

अपनी स्थापना से लेकर आज तक कंट्रोल रूम में विभिन्न सेवाओं के लिए 7 लाख फोन कॉल आये जिससे हजारों लोग लाभान्वित हुए है।

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राजनैतिक दुर्भावना से ये मुकदमा दर्ज करवाया-राहुल गांधी

सुलतानपुर 26 jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता एवं सांसद राहुल गांधी आज सुल्तानपुर पहुंचे। इस दौरान एमपी एमएलए कोर्ट में वे पेश हुए और अपना बयान दर्ज करवाया। उन्होंने कहा परिवाद मे कहे गए कथन झूठे और निराधार हैं।

उन्होंने कहा कि मेरी और पार्टी की छवि को नष्ट करने के लिए राजनैतिक दुर्भावना से ये मुकदमा दायर किया गया। उन्होंने सारे आरोप झूठे और निराधार बताए हैं। बहरहाल अब इस मामले में 12 अगस्त को सुनवाई होगी, वहीं कोर्ट ने साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। वहीं राहुल के दौरे को लेकर पूरा दीवानी परिसर छावनी में तब्दील रहा, वहीं राहुल से मिलने के लिए भारी संख्या में नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

दरअसल करीब साढ़े 5 वर्ष पूर्व कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने एक अपत्तिजनक बयान दिया था। इसी से नाराज सुल्तानपुर के बीजेपी नेता विजय मिश्रा मिश्रा ने परिवाद दाखिल किया था जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। इस मामले में राहुल गांधी बीते 20 फरवरी को सुल्तानपुर पहुंचे हुए थे और अपनी जमानत करवा ली थी।

फिलहाल पिछली कई पेशियों से राहुल गांधी पेश नहीं हुए थे। लिहाजा एमपी एमएलए कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए उन्हें अंतिम मौका दिया था। लिहाजा आज राहुल कोर्ट में पेश हुए और अपना बयान दर्ज करवाया। राहुल के अधिवक्ता की माने तो कोर्ट में राहुल ने परिवाद मे कहे गए कथन झूठे और निराधार बताए हैं। उन्होंने कहा कि मेरी और पार्टी की छवि को नष्ट करने के लिए राजनैतिक दुर्भावना से ये मुकदमा दायर किया गया। उन्होंने सारे आरोप झूठे और निराधार बताए हैं।

बहरहाल अब इस मामले में 12 अगस्त को सुनवाई होगी, वहीं कोर्ट ने साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। वापस जाते समय राहुल गांधी विधायक नगर चौराहे के समीप गुमटी में एक मोची की दूकान पर रूके और उससे उसके व्यवसाय पर चर्चा की। जिसके बाद मोची चैतराम भावुक हो उठा और बोला साहब मेरे पास आपके लिए उपहार में एक चरण पादुका है जिस पर राहुल मुस्कुराये और बोले शादी के लिए आपसे ही लेकर जाउगा।

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शांतिपूर्ण कांवड़ यात्रा के लिए नेमप्लेट लगाने के दिए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट में UP सरकार का जवाब

नई दिल्ली 26 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए नेमप्लेट लगाने का निर्देश जारी किया गया था। राज्य सरकार ने कहा कि निर्देश जारी करने के पीछे का मकसद कांवड़ियों की यात्रा के दौरान उनके भोजन को लेकर सूचित विकल्प पेश करना था, ताकि उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे।

सहारनपुर के संभागीय आयुक्त द्वारा शपथ-पत्र में कहा गया है, “कांवड़ियों को परोसे जाने वाले भोजन के बारे में छोटी-छोटी भ्रांतियां भी उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं और खासकर मुजफ्फरनगर जैसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में तनाव पैदा कर सकती हैं।”

यूपी सरकार ने कहा है कि यह निर्देश 2 सप्ताह से भी कम अवधि के लिए कांवड़ यात्रा मार्ग तक ही सीमित था, केवल कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन को सुनिश्चित करने के लिए। सालाना 4.07 करोड़ से अधिक कांवड़िए ये यात्रा करते हैं।

यूपी सरकार ने अपने जवाब मे कहा है कि राज्य द्वारा जारी निर्देश दुकानों और भोजनालयों के नामों से होने वाले भ्रम के बारे में कांवड़ियों की ओर से मिली शिकायतों के बाद किए गए थे। शिकायतें मिलने पर ही पुलिस अधिकारियों ने कांवड़ियों की चिंताओं को दूर करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की।

यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से कर सकते हैं। मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी भ्रम से बचने के लिए किया गया है।

राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार, राज्यों में सभी खाद्य दुकानों, भोजनालयों और फूड जॉइंट्स को मालिकों/प्रोपराइटरों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने वाली “नेमप्लेट” लगानी होगी। ऐसा श्रावण मास में कांवड़ यात्रा करने वाले हिंदू श्रद्धालुओं की “आस्था की पवित्रता” को बनाए रखने के लिए किया गया।

सावन का महीना सोमवार से शुरू हो गया। इस दौरान भक्त और श्रद्धालु कांवड़ लेकर भोले शंकर को जल चढ़ाने के लिए कई किलोमीटर की यात्रा करते हैं। इसी यात्रा के दौरान कई दुकानों और ढाबों से वो खाने का सामान व अन्य चीजें खरीदते हैं।

यूपी सरकार ने सबसे पहले आदेश जारी कर इन दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया था, ताकि श्रद्धालु अपनी पसंद की दुकान से सामान खरीद सकें। उसके बाद ऐसा ही आदेश उत्तराखंड सरकार ने भी जारी किया।

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अग्निपथ योजना पर विपक्ष के दावों की पीएम मोदी ने खोली पोल

नई दिल्ली 26 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)  । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना पर विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे देश की रक्षा और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े एक संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने द्रास (लद्दाख) में कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा करने के बाद ये बात कही। उन्होंने विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई और 1999 के युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा, “अग्निपथ योजना हमारे रक्षा बलों के लिए आवश्यक है। दशकों से इस बात पर बहस और चर्चा होती रही है कि कैसे सुनिश्चित किया जाए कि सशस्त्र बल युवा रहे और हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहे। एक भारतीय सैनिक की औसत आयु वैश्विक औसत से अधिक है जो एक चिंता का विषय है। विभिन्न समितियों ने इस पर चर्चा की लेकिन किसी भी सरकार ने सही कदम उठाने की जहमत नहीं की।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “अग्निपथ योजना के माध्यम से इस मुद्दे को संबोधित किया गया। इस योजना का मकसद सेना को युवा और युद्ध के लिए तैयार रखना है।”

पीएम मोदी ने योजना पर राजनीति करने के लिए विपक्ष की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, कुछ लोग अपने निजी लाभ के लिए इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो विभिन्न रक्षा-संबंधी घोटालों में शामिल थे और हमारी सेनाओं को कमजोर किया। वे कभी नहीं चाहते थे कि वायुसेना को आधुनिक लड़ाकू विमान मिलें। ये वही लोग हैं जो तेजस लड़ाकू विमान परियोजना को ठंडे बस्ते में डालने की योजना बना रहे थे।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “कुछ लोग अग्निपथ योजना के बारे में झूठ फैला रहे हैं कि सरकार पैसे बचाने के लिए ऐसा कर रही है। लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं – पेंशन का मुद्दा 30 साल बाद आएगा, सरकार आज फैसला क्यों लेगी… इसे भविष्य की सरकार के लिए छोड़ सकती थी। लेकिन, हमने सेनाओं के फैसले का सम्मान किया। हमारे लिए यह राजनीति नहीं है… हमारे लिए देश की सुरक्षा सबसे पहले है।

पीएम मोदी ने आगे कहा, जो लोग युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, इतिहास गवाह है कि उन्हें कभी सैनिकों की चिंता नहीं रही। उन्होंने वन रैंक वन पेंशन पर झूठ बोला। यह मेरी सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन योजना लागू की… ये वही लोग हैं जिन्होंने पिछले सात दशकों में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनवाया। ये वही लोग हैं जिन्होंने हमारे सैनिकों के लिए पर्याप्त संख्या में बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं बनवाए।”

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बजट में कटौती कर शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करना चाहती है

नई दिल्ली 25 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2024-25 का बजट पेश किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा-आरएसएस पर भारत की शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने का आरोप लगाया लगाया है।

खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भाजपा-आरएसएस भारत के शिक्षा क्षेत्र में कटौती कर इसे नष्ट करना चाहती है! उच्च शिक्षा के बजट में 9,600 करोड़ की भारी कटौती की गई है।

अंतरिम बजट में भी इसमें 16.38 प्रतिशत की कटौती की गई है। आईआईटी और आईआईएम के बजट में लगातार दूसरे साल कटौती की गई है। यूजीसी के बजट में 61 प्रतिशत की भारी कटौती की गई है।”

उन्होंने आगे लिखा, “यूजीसी एक वैधानिक निकाय है, और इसे देश में एकमात्र अनुदान देने वाली एजेंसी माना जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने इसकी शक्ति छीन ली है, जिससे इसकी स्वायत्तता खत्म हो गई है। यूजीसी की ‘अनुदान’ निधि की कार्यप्रणाली को उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (एचईएफए) ने हड़प लिया है, जो केनरा बैंक और शिक्षा मंत्रालय के बीच एक उद्यम है।

यह न केवल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अधिक स्व-वित्तपोषण पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए मजबूर करेगा, बल्कि एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस छात्रों की वित्तीय समस्याओं को भी बढ़ाएगा।”

उन्होंने आगे लिखा, “भारत की शिक्षा प्रणाली पर मोदी सरकार का पांच तरफा हमला जारी है। विश्वविद्यालयों को नियंत्रित करना, स्वायत्त संस्थानों के धन को गला घोंटना, उनकी स्वायत्तता को कम करना, सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करना और युवाओं को धोखा देने के रूप में हमला लगातार जारी है!”

मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें बुनियादी शिक्षा, उच्च शिक्षा और रोजगार सृजन पर फोकस किया गया है।

स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को सर्वाधिक 73,498 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है। उच्च शिक्षा विभाग को 47,619.77 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में 3,525.15 करोड़ रुपए (7.99 प्रतिशत) की वृद्धि को दर्शाता है।

वहीं एक करोड़ युवाओं को मासिक भत्ते के साथ इंटर्नशिप प्रदान करने की योजना शुरू करने का ऐलान किया गया है।

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पेपर लीक पर सरकार सिर्फ कागजी कार्रवाई कर रही

बड़े मुर्गों को पकड़ने से पीछे हट रही – सचिन पायलट

जयपुर 25 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । राजस्थान में पेपर लीक की गूंज फिर से सुनाई देने लगी है। किरोड़ी लाल मीणा के एसओजी दफ्तर जाने के एक दिन बाद ही सचिन पायलट ने भी पेपर लीक में कार्रवाई को लेकर बड़ा बयान दिया है। राजधानी जयपुर में एनएसयूआई के एक कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट ने कहा, पेपर लीक पर सरकार सिर्फ कागजी कार्रवाई कर रही है, सरकार बड़े मुर्गों को पकड़ने से पीछे हट रही है। दरअसल बुधवार को बीजेपी नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर पेपर लीक मामले में कांग्रेस सरकार और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मीणा ने एसओजी दफ्तर पहुंचकर एडीजी वीके सिंह को नए सबूत सौंपे और आरोप लगाया कि एसओजी अफसरों ने रिश्वत ली और कुछ लोगों को बचाने तथा कुछ को फंसाने का काम किया।

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी के एडीजी वीके सिंह को एक पत्र सौंपा, जिसमें जेल में बंद भूपेंद्र सारण ने एसओजी अफसरों को समय-समय पर रिश्वत देने का आरोप लगाया है। पत्र में 60 रुपये की रिश्वत के लेन-देन का उल्लेख किया गया है। इस आरोप को लेकर मीणा ने मीडिया को भी जानकारी दी और एसओजी के कुछ अधिकारियों के नाम उजागर किए हैं, जिनमें सीआई मोहनलाल पोसवाल और एक सिपाही शामिल हैं।

मीणा ने एसओजी दफ्तर में लगभग सवा दो घंटे बिताए और एडीजी वीके सिंह से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को और भी नामों की जानकारी दी है और आगामी समय में बड़ी मछलियों की बारी आने की बात कही है। मीणा ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार के कई नेता भी इस मामले में शामिल हैं, हालांकि उन्होंने अभी तक उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।

किरोड़ी लाल मीणा ने पूर्ववर्ती सरकार पर आरएएस (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) भर्ती में घोटाले का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया की जांच की जानी चाहिए और आरपीएससी (राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन) के चेयरमैन से भी पूछताछ की जानी चाहिए। उनका कहना था कि अगर इस मामले की जांच नहीं की जाती है, तो वे और सबूत अधिकारियों के सामने पेश करेंगे।

मीणा ने कहा कि जो स्टूडेंट्स धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, उन्हें न्याय मिलना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस मामले की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके।

पिछले पांच महीने में भी, किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी दफ्तर पहुंचकर एसआई भर्ती 2021 में नकल गिरोह से जुड़े सबूत पेश किए थे। उन्होंने 400 अभ्यर्थियों के फर्जी चयन और आरएएस-2018 तथा 2021 में भी फर्जी चयन के दावे किए थे।

इस नए घटनाक्रम ने पेपर लीक मामले को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है और राजनीतिक तथा प्रशासनिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। अब देखना यह है कि इस मामले में कौन-कौन से नए तथ्य सामने आते हैं और न्याय की प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है।

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बंगलादेशी घुसपैठियों की बढ़ती आबादी चिंता का विषय

नई दिल्ली 25 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान से सदन में ही नहीं, सदन के बाहर भी हलचल मच गई है। लोकसभा में उन्होंने आदिवासियों की आबादी और बंगलादेशी घुसपैठियों की बढ़ती आबादी का जिक्र करते हुए राज्य में एनआरसी लागू करने की मांग की।

निशिकांत दुबे के सवाल पर भाजपा सांसद राजू बिस्टा और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया सामने आई है। भाजपा सांसद राजू बिस्टा ने कहा कि हिंदुस्तान में हिंदुओं को गाली देना फैशन बन गया है। इंडी गठबन्धन के साथी हिंदुओं को हर दिन गाली देते हैं और ऐसा कर वह बड़ा गर्व महसूस करते हैं।

भारत एक सेकुलर राष्ट्र है और सब के लिए एक जैसा है। आज बंगाल की स्थिति देखिए, बाहर से लोग आकर वहां बस रहे हैं, आबादी बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है। यह एक बहुत बड़ी समस्या और चिंता का विषय है।

वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके बयान पर कहा कि वह अपना सदन देखें, झारखंड में इनका कोई नहीं है।

भाजपा सांसद ने लोकसभा में कहा था कि बिहार से अलग होकर जब झारखंड एक अलग राज्य बना था तब संथाल परगना क्षेत्र में 2000 में आदिवासियों की संख्या 36 फीसदी थी जो आज 26 फीसदी है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि दस फीसदी आदिवासी कहां खो गए? झारखंड सरकार भी इस पर कोई एक्शन नहीं ले रही है।

बांग्लादेश से घुसपैठ हमारे यहां लगातार बढ़ रही है, जो आदिवासी महिलाएं हैं उनके साथ बांग्लादेशी घुसपैठिये शादी कर रहे हैं। हमारे यहां से चुनाव लड़ने वाली आदिवासी महिलाओं के पति मुसलमान हैं, जिला परिषद की जो अध्यक्ष हैं उनके पति मुसलमान हैं। हमारे यहां एक लाख आदिवासी मुखिया हैं, जिनके पति मुसलमान हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि पाकुड़ जिला में तारानगर इलामी, डांगापाड़ा में दंगा हो गया। दंगा इसलिए हुआ क्योंकि बंगाल से ममता बनर्जी की पुलिस और मालदा, मुर्शिदाबाद से लोग आकर हमारे लोगों को भगा रहे हैं।

हिंदू का गांव का गांव खाली हो रहा है। मालदा, मुर्शिदाबाद, अररिया, कटिहार, किशनगंज से आकर लोगों ने हिंदुओं पर जुल्म किया। भारत सरकार से मैं इस मामले में हस्तक्षेप करने और इन इलाकों को यूनियन टेरिटरी बनाने की मांग करता हूं।

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दलबदल केस में सत्ता पक्ष के दो विधायकों की सदस्यता खत्म

रांची  25 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। दलबदल के मामले में झारखंड के दो विधायकों जयप्रकाश भाई पटेल और लोबिन हेंब्रम की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। स्पीकर रबींद्र नाथ महतो के न्यायाधिकरण ने दोनों के खिलाफ इस संबंध में दायर शिकायत पर संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत सुनवाई के बाद गुरुवार को यह फैसला सुनाया।

यह फैसला 26 जुलाई से प्रभावी माना जाएगा। खास बात यह है कि दोनों विधायक सत्ता पक्ष से संबद्ध थे। मांडू विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय जनता पार्टी के जयप्रकाश भाई पटेल लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे और उसके टिकट पर हजारीबाग सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे।

इसी तरह झारखंड मुक्ति मोर्चा के बोरियो क्षेत्र के विधायक लोबिन हेंब्रम राजमहल लोकसभा सीट पर अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ मैदान में उतरे थे। हालांकि, ये दोनों विधायक चुनाव हार गए थे।

जयप्रकाश भाई पटेल के खिलाफ भाजपा और लोबिन हेंब्रम के खिलाफ झामुमो ने स्पीकर न्यायाधिकरण में दलबदल की शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर लगातार दो दिनों तक सुनवाई के बाद बुधवार को न्यायाधिकरण ने बहस की कॉपी 25 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक पेश किए जाने का आदेश देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।

जयप्रकाश भाई पटेल के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई के दौरान बीजेपी की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने कहा था कि जिस तरह से कांग्रेस में शामिल होकर हजारीबाग क्षेत्र से जेपी पटेल ने लोकसभा चुनाव लड़ा, वह सार्वजनिक है और चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में है।

ऐसे में साक्ष्य मांगा जाना और उसके बाद जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग करना न्यायाधिकरण का समय जानबूझकर बर्बाद करने जैसा है। यह मामला पूरी तरह से विधानसभा की 10वीं अनुसूची के तहत दलबदल के दायरे में आता है।

इसी तरह लोबिन हेम्ब्रम के मामले में अधिवक्ता अनुज कुमार ने पक्ष रखते हुए कहा था कि यह दल-बदल का नहीं बल्कि पार्टी का अंदरूनी मामला है। जेएमएम की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता अंकितेश कुमार झा ने कहा कि लोबिन हेम्ब्रम ने पार्टी लाइन से हटकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। ऐसे में उनकी सदस्यता खत्म की जाए।

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35 लाख रुपये की झांकी के साथ अनोखी कांवड़ यात्रा

मेरठ  25 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । मेरठ में आस्था का एक अनोखा दृश्य सामने आया, जहां लोग कांवड़ यात्रा में भगवान राम के अयोध्या में बने राम मंदिर के मॉडल की झांकी लेकर हरिद्वार गंगा जल लेने जाते दिखे।

झांकी में बने राम मंदिर में भगवान राम को बाकायदा विराजमान किया गया है। झांकी की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये 35 लाख रुपये में बनी है।

इस झांकी में शामिल करीब 250 लोगों का एक समूह पूरे साज-सज्जा के साथ हरिद्वार जा रहा है। कावड़ में झांकी का नाम राम मंदिर के नाम पर रखा गया है।

कावड़ के आयोजक गोपाल शर्मा की मानें तो पूर्व में वह लोगों के साथ इस तरह की कावड़ यात्रा लेकर जाते रहे हैं। राम मंदिर निर्माण से पहले उन्होंने मन्नत मांगी थी कि अयोध्या में जैसे ही राम का निर्माण पूर्ण हो जाएगा, वैसे ही ये लोग भगवान राम के भव्य मंदिर की कावड़ यात्रा लेकर हरिद्वार जाएंगे। इसके बाद वो लोग गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक कर वापस घर लौटेंगे।

बताया जा रहा है कि भगवान राम मंदिर के इस पूरे भव्य मॉडल को राजस्थान के कारीगरों ने बनाया है। इसे बनाने में 35 लाख रुपये का खर्च आया है।

आयोजक गोपाल शर्मा  कहते हैं, “हमारा कांवड़ ले जाने का सिलसिला 2018 में शुरू हुआ। हमने मेरठ के सिद्धनाथ पीठ के बाबा अमरनाथ मंदिर से यात्रा आरम्भ की थी। तब करीब 150 लोग हमारे साथ गए थे।

सभी के मन में एक ही कामना थी कि कोर्ट से शीघ्र ही राम मंदिर के पक्ष में फैसला आए। जल लेकर हमने बाबा औघड़नाथ का जलाभिषेक किया, जिसके बाद बाबा ने हमारी मनोकामना सुनी और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो गया”।

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हिमाचल के सिरमौर में भारी भूस्खलन, नेशनल हाईवे 707 पर आवागमन ठप

सिरमौर 25 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । हिमाचल के सिरमौर जिले में भीषण भूस्खलन हुआ है। यह भूस्खलन नेशनल हाईवे 707 पर चिल्लन के पास हुआ है। इसके चलते यातायात बाधित हो गया है। हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। पत्थर के टुकड़े गिरने से कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

बता दें कि पहाड़ दरकने के कारण यह हादसा हुआ है। इस कारण हाईवे पर मलबे का ढेर लग गया है। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय प्रशासन मलबा हटाने में जुटा है। राजमार्ग को बहाल होने में काफी समय लग सकता है। अधिकारियों ने लोगों से दूसरा रास्ता तलाशने को कहा है। भूस्खलन के कारण लोगों को इस रास्ते से दूर रहने की सलाह दी गई है।

सिरमौर जिला प्रशासन ने यात्रियों से धैर्य रखने और यातायात कर्मियों के निर्देशों का पालन करने को कहा है। राजमार्ग से मलबा जल्द से जल्द हटाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही यातायात बहाल कर दिया जाएगा।

बता दें कि पिछले साल भीषण बाढ़ और भूस्खलन की आपदा झेलने वाले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार पर मंगलवार को संसद में पेश बजट में राज्य की अनदेखी का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में आपदा के लिए कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “हमने उम्मीद की थी कि आपदा के बाद पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट) मिलेगा, लेकिन राज्य को यह नहीं मिला।”

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, सिक्किम और गोवा के लिए “असिस्टेंट” शब्द का उल्लेख किया गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश के लिए “मल्टीलेटरल डेवलपमेंट असिस्टेंट” की बात कही गई है। बाढ़ और आपदा के लिए उत्तराखंड, गोवा और सिक्किम के लिए सीधे “असिस्टेंट” देने की बात कही गई है, लेकिन हिमाचल के साथ ऐसा नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के लिए राज्य सरकार ने नौ हजार करोड़ रुपये की सहायता का अनुरोध केंद्र सरकार को भेजा है “जो हमें जरूर मिलना चाहिए”। इसके अलावा अलग से भी प्रदेश के लिए बजट आवंटित करना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल के साथ भेदभाव किया जा रहा है। यह बहुत दुख की बात है।

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4.25 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किये बाबा बर्फानी के दर्शन

अमरनाथ यात्रा : 26 दिन

जम्मू 25 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । 29 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही है। पिछले 26 दिनों में अमरनाथ यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 4.25 लाख को पार कर गई है। 3,089 श्रद्धालुओं का एक और जत्था गुरुवार को जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना हुआ।बीते साल पूरी अवधि के दौरान केवल 3.50 लाख यात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की थी। इस साल केवल 26 दिनों में 4.25 लाख तीर्थयात्री पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं।

गुरुवार को 3,089 यात्रियों का जत्था दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि दोनों सुरक्षा काफिले सुबह 3:25 बजे घाटी के लिए रवाना हुए।

पहला सुरक्षा काफिला 43 वाहनों में 1 हजार 286 तीर्थयात्रियों को लेकर उत्तरी कश्मीर के बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। दूसरा सुरक्षा काफिला 63 वाहनों में 1 हजार 803 तीर्थयात्रियों को लेकर दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ।

गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना ​​है कि यह बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।

यह गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं।

श्रद्धालु या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग से यात्रा करते हैं या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं। पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार से पांच दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर ‘दर्शन’ करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं।

इस वर्ष की यात्रा 52 दिनों के बाद 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन त्योहार के साथ संपन्न होगी।

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बजट में पूरी तरह झलक रहा मोदी के विकसित भारत का सपना

नई दिल्ली 24 जुलाई (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)।  विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रतिमान रखे है, उन्हें गति देने में ये बजट मील का पत्थर साबित होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवर को पेश किए गए बजट में विकसित भारत के साथ-साथ गऱीब कल्याण और मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं का भी पूरा ध्यान रखा है। यह बजट संतुलित, सर्वस्पर्शी,सर्वसमावेशी और विकासोन्मुखी है।

ये शब्द भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा संसद में वर्ष-2024-25 के लिए प्रस्तुत किए गए बजट का स्वागत करते हुए प्रेस को जारी एक बयान में  कहे। उन्होंने कहा कि आम बजट 2024-25 विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज है। बजट में गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवान समेत समाज के सभी तबकों के समग्र विकास का संकल्प हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दृष्टि और वंचित को वंचना से मुक्त कराने का रोडमैप है।

मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रदान करते हुए प्रत्यक्ष कर प्रणाली के संबंध में नए प्रावधानों की घोषणा स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि बजट में आम लोगों की जरूरतों का ख्याल रखा गया है। कैंसर की दवा, सोना-चांदी, प्लेटिनम, मोबाईल फोन व चार्जर, बिजली की तार, एक्स-रे मशीन, सौलर सिस्टम, लैदर व सी-फूड पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 15 प्रतिशत कर दी गई है। जबकि सोना-चांदी के आभूषणों पर ड्यूटी घटाकर 6 प्रतिशत की गई है। उन्होंने कहा कि वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए नई टैक्स प्रणाली के तहत 7.75 लाख तक आय के टैक्स में छूट के साथ साथ  फैमिली पेंशन पर टैक्स में छूट दी गई है।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षा लोन के लिए सरकारी सेवाओं के तहत अब लाभ मिलेगा, इस कारण उन्हे विभिन्न संस्थाओं में प्रवेश लेने के लिए लोन मिलेगा। इतना ही नहीं, शिक्षा लोन में 3 प्रतिशत तक पैसा सरकार देगी। डा. लक्ष्मण ने कहा कि किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी।

5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे, युवाओं के लिए मुद्रा लोन की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है, 500 टॉप कंपनियों में 5 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का वायदा किया गया है, महिलाओं व लड़कियों के लिए लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के तहत 3 लाख करोड़ रूपये के प्रावधान किए गए है।

उन्होंने कहा कि सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत एक करोड़ घरों को 300 यूनिट तक हर महीने नि:शुल्क बिजली प्रदान की जाएगी। बजट के प्रावधानों से आम आदमी को खासी राहत मिलेगी। डा. लक्ष्मण ने कहा कि यह बजट भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में मदद करेगा।

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कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस मुस्तैद, कई मार्ग परिवर्तित

अधिकारियों ने किया निरीक्षण

नोएडा/गाजियाबाद 24 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)  । कांवड़ यात्रा को लेकर नोएडा और गाजियाबाद में पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। पुलिस के आला अधिकारी तैयारियों का निरीक्षण करने लगातार कांवड़ मार्ग और अन्य जगहों पर पहुंच रहे हैं। कांवड़ यात्रा को देखते हुए नोएडा और गाजियाबाद दोनों जगह पर डाइवर्जन लागू किया गया है।

नोएडा में भी कांवड़ यात्रा मार्ग का जॉइंट सीपी के साथ अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया। कांवड़ यात्रा मार्ग पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स लगा दी गई है। नोएडा के ज्वाइंट सीपी ने दूसरे स्टेट के पुलिस अधिकारियों से भी बातचीत करके कांवड़ यात्रा के लिए समन्वय बनाया है।

नोएडा में जॉइंट सीपी के साथ बम स्क्वायड, डॉग स्क्वाड और अन्य फोर्स ने भी कांवड़ यात्रा मार्ग की चेकिंग की है। वहीं गाजियाबाद में भी पुलिस ने भारी वाहनों के बाद हल्के वाहनों के लिए भी ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। जिसके मुताबिक कई ऐसे मार्ग है जहां पर 27 जुलाई से लेकर 5 अगस्त तक प्राइवेट वाहनों का भी जाना पूरी तरीके से बंद रहेगा और साथ ही साथ वहां चलने वाले ऑटो रिक्शा को भी इन मार्गों पर चलने की अनुमति नहीं होगी।

इसके साथ ही कई ऐसे मार्ग है जहां पर 29 जुलाई की रात 12 बजे से पूरी तरीके से सभी वाहनों का आवागमन बंद हो जाएगा। गाजियाबाद यातायात विभाग द्वारा जारी की गई ट्रैफिक एडवाइजरी के मुताबिक हल्के मोटर वाहनों (निजी चार पहिया, हल्के मालवाहक वाहन और ऑटो) का रूट डायवर्जन 27 जुलाई को रात 12 बजे से 5 अगस्त को 8 बजे तक के लिए जारी किया गया है। जिसके मुताबिक गंगनहर पटरी कांवड़ मार्ग एवं पाइपलाइन मार्ग पर सभी वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 34 (पूर्व में एनएच-58) पर मोहननगर, मेरठ तिराहा, राजनगर एक्सटेंशन, हापुड़ चुंगी से मेरठ की ओर वाहनों की आवाजाही को सिंगल लेन चलने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही 29 जुलाई रात 12 बजे से पूरी तरह बंद कर दी जाएगी। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के माध्यम से पलवल, कुंडली से आने वाले वाहनों को 29 जुलाई रात 12 बजे से दुहाई चौराहे से गाजियाबाद सिटी, मुरादनगर, मोदीनगर साइड की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

ये सभी वाहन डासना चौराहे और फिर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 9 का उपयोग करके अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे। मेरठ तिराहा से मोहननगर, सीमापुरी सीमा की ओर जाने वाले वाहन एक विपरीत लेन में चलेंगे। इस मार्ग पर भी 29 जुलाई से आवागमन बंद रहेगा। ट्रैफिक एडवाइजरी के मुताबिक चौधरी मोड़, न्यू बस स्टैंड, गौशाला फाटक, हापुड़ तिराहा कैला भट्टा की ओर से दूधेश्वर मंदिर की ओर तथा पटेल नगर फ्लाईओवर पर भी वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही गीता चौक, घूकना मोड़, डीपीएस कट, सिहानी चुंगी, संजय नगर फ्लाईओवर से राष्ट्रीय राजमार्ग-34 (पूर्व में एनएच-58) की ओर जाने वाले वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेंगे।

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैंपस में फायरिंग

2 कर्मचारी घायल; हमलावर को लोगों ने दबोचा

नई दिल्ली 24 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैंपस में फायरिंग का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक 2 कर्मचारियों पर फायरिंग की गई। घटना के बाद सुरक्षाकर्मियों ने 2 हमलावरों को पकड़ लिया है।

इसके अलावा फायरिंग के दौरान घायल दोनों लोगों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया। गोली चलते ही आस-पास मौजूद सुरक्षाकर्मी चौकन्ने हो गए और हमलावरों को तुरंत धर दबोचा। पुलिस को मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची और आगे की जांच की जा रही है।

पिछले साल सितंबर में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में फायरिंग का मामला सामने आया था। जनाकारी के मुताबिक, घटना को अंजाम देने वाले बदमाश कैंटीन संचालक से हफ्ता मांग रहे थे।

जब कैंटीन संचालक ने हफ्ता देने से इनकार कर दिया तो आरोपियों ने वहां फायरिंग कर दी। यह वारदात जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्पेशल वार्ड के पास स्थित कैंटीन के बाहर हुई थी।

आधा दर्जन से ज्यादा फायरिंग के चलते मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। इस घटना में एक महिला घायल हो गई थी। बताया गया कि कैंटीन के विवाद को लेकर यहां पहले भी लड़ाई और फायरिंग हो चुकी है।

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रेलवे के लिए रिकॉर्ड 2,62,200 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय आवंटित

नई दिल्ली 24 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था आज पहले से कहीं अधिक लचीली है और मजबूत स्थिति में है। उन्होंने कहा कि आज की अर्थव्यवस्था कल्याण, राजकोषीय विवेक, पूंजी निवेश और विनिर्माण में निवेश का संयोजन है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा आज प्रस्तुत बजट प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की समावेशी विकास पर केंद्रित आर्थिक नीतियों की निरंतरता है, जो पिछले दस वर्षों में इस सरकार का मुख्य आधार रही है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने पर विशेष जोर दिया है। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया। इस वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने रेलवे के लिए रिकॉर्ड 2,62,200 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय आवंटित किया है। 2024-25 के दौरान रेलवे के लिए सकल बजटीय समर्थन 2,52,200 करोड़ रुपये है। इससे पहले, 2023-24 में सकल बजटीय सहायता 2,40,200 करोड़ रुपये होगी जो 2013-14 में केवल 28,174 करोड़ रुपये थी।

पूंजीगत व्यय के परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं क्योंकि भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2023-24 में 1588 मीट्रिक टन का सर्वकालिक उच्च माल लदान हासिल किया है जो 2014-15 में 1095 मीट्रिक टन था और रेलवे 2030 तक 3,000 मीट्रिक टन के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। रेलवे ने 2023-24 में 2,56,093 करोड़ रुपये की सर्वकालिक उच्च कुल प्राप्तियां हासिल कीं और पूंजीगत व्यय के पूरक के लिए 3,260 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व उत्पन्न किया।

बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को रेलवे के लिए 2,62,200 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आवंटन के लिए धन्यवाद देता हूं। रेलवे में सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण निधि निर्धारित की गई है। इस सरकार के तीसरे कार्यकाल में रेलवे को बढ़ावा मिलना जारी है।”

रेलवे ने बुनियादी ढांचे में भी कई उपलब्धियां हासिल की हैं। पिछले 10 वर्षों में रेलवे ने 31,180 किलोमीटर ट्रैक चालू किए हैं। ट्रैक बिछाने की गति 2014-15 में 4 किलोमीटर प्रतिदिन से बढक़र 2023-24 में 14.54 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है। 2014-2024 के दौरान भारतीय रेलवे ने 41,655 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया है, जबकि 2014 तक यह आंकड़ा केवल 21,413 रूट किलोमीटर था।

इस वर्ष के बजट में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित की गई है। ये धनराशि रणनीतिक नोड्स पर औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का समर्थन करेगी: विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे पर कोप्पार्थी, आंध्र प्रदेश में हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे पर ओर्वाकल और बिहार में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे पर गया। इस पहल का उद्देश्य भारत के पूर्वी क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति देना है।

रेलवे ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक नया दृष्टिकोण अपनाया है। मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को सक्षम करने के लिए पीएम गति शक्ति मिशन के तहत तीन आर्थिक रेलवे कॉरिडोर- ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर (192 परियोजनाएं); बंदरगाह कनेक्टिविटी कॉरिडोर (42 परियोजनाएं) और उच्च यातायात घनत्व कॉरिडोर (200 परियोजनाएं) की पहचान की गई है। क्षमता वृद्धि, उच्च घनत्व वाले नेटवर्क की भीड़भाड़ को कम करना, देश में लॉजिस्टिक्स लागत में कमी लाना, यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना और उनकी सुरक्षा सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र बने हुए हैं।

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लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली AIIMS में भर्ती

नई दिल्ली 24 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की  देर रात को अचानक तबीयत बिगड़ गई, इसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में एडमिट करवाया गया है।

डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है और इसके साथ ही अब उनकी हालत स्थिर बताई गई है। हालांकि डॉक्टरों की तरफ से अभी कोई बयान सामने नहीं आया है। लालू प्रसाद यादव के साथ उनके परिवार के लोग अस्पताल में मौजूद हैं।

बढ़ती उम्र के कारण लालू प्रसाद यादव पहले से ही कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहें हैं, उन्हें पहले से ही कई गंभीर बीमारियां है। इस वजह से अब वे राजनीति में भी इतने ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आते।

लालू प्रसाद यादव को लंबे समय से शुगर है साथ ही उनकी किडनी डेमेज भी हो गई थी। बता दें कि लालू प्रसाद यादव का कुछ समय पहले किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें किडनी डोनेट की थी।

लालू यादव यादव की अस्पताल में भर्ती होने की तस्वीर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तब से आरजेडी के समर्थक और लालू यादव के प्रशंसक उनके जल्द ठीक होने की प्रार्थना करने लगे।

इस बात की सबसे पहले जानकारी आरजेडी के नवनिर्वाचित सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव के फेसबुक पोस्ट से हुई। सुरेंद्र प्रसाद यादव ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि लालू यादव की तबीयत खराब है, जिसके चलते उनको एम्स में भर्ती कराया गया है।

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कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़

एक आतंकी ढेर; एक जवान घायल

श्रीनगर 24 Jully (एजेंसी) : जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच रात से मुठभेड़ जारी है। एनकाउंटर के बीच सुरक्षाबलों के जवानों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया है। मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी घायल है।

बता दें कि सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच यह मुठभेड़ जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा की लोलाब घाटी के त्रिमुखा टॉप पर जारी है। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को उस समय घेर लिया जब वह वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास जंगल में भागने की कोशिश कर रहे थे।

एक दिन पहले ही 23 जुलाई को पुंछ के बट्टल सेक्टर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों को बैकफुट पर ला दिया था। हालांकि, भारी गोलीबारी में सेना का एक जवान घायल हो गया था, जो इलाज के दौरान शहीद हो गया।

सेना के मुताबिक, जवान अलर्ट थे। हाल ही में 17 जुलाई को भी जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो आतंकी ढेर हो गए थे। एनकाउंटर नॉर्थ कश्मीर के कुपवाड़ा के केरन सेक्टर के नजदीक LOC के पास हुआ था।

इससे पहले डोडा के कास्तीगढ़ इलाके में मुठभेड़ होने की बात सामने आई थी। इस मुठभेड़ में सेना का एक जवान घायल हुआ था। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है। इसके बाद सेना ने भी अपने ऑपरेशन तेज कर दिए हैं।

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कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्री और तमिलनाडु के CM का ऐलान

नीति आयोग की बैठक का करेंगे बहिष्कार

नई दिल्ली 24 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : आम बजट में राज्यों को हुए धन आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाते हुए तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की 27 जुलाई को होने वाली बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में भाजपा सरकार के आम बजट को देश के लिए विभाजनकारी और खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट संघीय ढांचे और निष्पक्षता के खिलाफ है।

वह अपने पोस्ट में आगे लिखते हैं, इस बजट का विरोध करते हुए कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का विरोध करेंगे। यह सरकार एकदम संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ काम कर रही है। हम ऐसे किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे जो विभाजनकारी और सत्य को छिपाने वाला हो। कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों में तेलंगाना के रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के सिद्दारमैया और हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुखू शामिल हैं।

सिद्दारमैया ने सोशल मीडिया पोस्ट में कन्नड लोगों की बात बजट में नहीं सुने जाने का आरोप लगाते हुए नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार का ऐलान किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “कर्नाटक की आवश्यक जरूरतों पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने के मेरे प्रयासों के बावजूद केंद्रीय बजट ने हमारे राज्य की मांगों की उपेक्षा की है।

यहां तक ​​कि मेकेदातु जलाशय परियोजना और महादयी नदी परियोजनाओं पर हमारे किसानों की मांगों को भी नजरअंदाज किया। विभिन्न श्रेणियों के तहत हमारे राज्य को मिलने वाले फंड को कम कर राज्य को नुकसान पहुंचाया गया है। मेट्रो और अन्य इंफ्रा परियोजनाओं के लिए धन अभी भी एक दूर का सपना है। पीएम ने अपनी सरकार को बचाने के लिए बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार से आगे नहीं देखा।”

उन्होंने अपने पोस्ट में मोदी सरकार पर बजट में किसानों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए लिखा, “यह बजट जनविरोधी है और इसमें गरीबों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। इस बजट में किसानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया गया है। किसान पांच साल से न्यूनतम समर्थन मूल्य अधिनियम बनाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन बजट में इसका कोई जिक्र नहीं है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी आम बजट पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बजट में तमिलनाडु को “सबसे बड़ा विश्वासघात” झेलना पड़ा है। उन्होंने भाजपा सरकार के धन आवंटन पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने तमिलनाडु की जरूरतों और मांगों को लगातार नजरअंदाज किया है। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए आवंटन में नगण्य वृद्धि पर भी प्रकाश डाला और इसे राज्य की मौजूदा जरूरतों को देखते हुए चिंताजनक बताया।

उन्होंने आगे कहा, “राज्य की कल्याणकारी योजनाओं के लिए दिए जाने वाले धन में भारी कटौती की गई है, जिसमें तमिलनाडु के आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए किसी भी नई पहल का उल्लेख नहीं है”। राज्य सरकार लगातार केंद्रीय निधियों के उचित हिस्से की मांग कर रही है, लेकिन इस बजट ने एक बार फिर हमारी सारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया है।

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सिस्टम पर सवाल उठाने को लेकर राहुल पर किरेन रिजिजू का पलटवार

नई दिल्ली 24 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)  : संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए नीट पेपर लीक मामले पर बयान दिया। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा में दिए गए बयान पर भी प्रतिक्रिया दी।

किरेन रिजिजू का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि पेपर लीक में जो भी शामिल हैं, उसे सजा मिलेगी। राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संसद से माफी मांगनी चाहिए। राहुल गांधी ने जो भी कहा वो बहुत गलत था।

जो छात्र या जो भी लोग पेपर लीक में शामिल हैं, या किसी ने पेपर लीक करने की कोशिश की है, या कहीं भी कोई दोषी या लिंक पाया गया, उस पर अलग से कार्रवाई होगी।

लेकिन राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा है कि पूरा सिस्टम ही बिक चुका है। रिजिजू ने कहा कि इसके लिए राहुल गांधी को सदन से माफी मांगनी चाहिए। हमारे देश में कितने अच्छे-अच्छे लोग परीक्षा देकर, आज अच्छे पदों पर काम कर देश की सेवा कर रहे हैं।

अगर एक दो लोग गलत हो जाते हैं, दो चार लोग दोषी पाये जाते हैं तो पूरे सिस्टम को दोष देना गलत है। सदन में राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि इंडिया का एजुकेशन सिस्टम कोई भी खरीद सकता है। उन्होंने इस तरह का जो गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है यह बहुत निंदनीय है। इसलिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।

किरेन रिजिजू ने आम बजट 2024 को बहुत शानदार बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट का सभी ने स्वागत किया है। लेकिन विपक्ष ने गुमराह करने की कोशिश की है। विपक्ष का कहना है कि यह दो राज्यों के लिए बजट है।

मान लीजिए 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर एलोकेशन हुआ है, क्या वो एक दो राज्य के लिए है, यह पूरे देश के लिए है। तीन करोड़ जो आवास बनाना है वह पूरे देश के लिए होता है। इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर मेडिकल रिलीफ और मिडिल क्लास लोगों को रिलैक्सेशन देने का या किसानों के लिए जो सुविधा देने समेत कई कार्यक्रम हुए हैं, वो देशभर का होता है। इस तरह आम बजट को एक या दो राज्य का कहना गलत बात है।

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मोदी सरकार का बजट सबके कल्याण को सुनिश्चित करेगा : रुडी

नई दिल्ली , 23 जुलाई (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वरा पेश बजट पर कहा कि नये भारत के निर्माण में यह बजट महत्पूर्ण रूप से उत्प्रेरक है जो, अन्नदाताओं के कल्याण से लेकर उद्योगों के द्रुत विकास तक एक समान योजनागत लाभ पहुंचाने वाला है। विद्यार्थियों, महिलाओं के उत्थान, बालिकाओं के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र समृद्धि में यह बजट मील का पत्थर साबित होगा।   राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि लोकप्रिय और प्रगतिवादी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला आम बजट सबके कल्याण को सुनिश्चित करेगा।

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आज देश का आम बजट पेश किया। सांसद ने कहा कि मोदी सरकार ने बजट से यह बता दिया है कि उनका फोकस गरीब, युवा, अंत्योदय और नारी पर है। इसके अन्तर्गत युवाओं के रोजगार के लिए सरकार ने दो लाख करोड़ रुपये की 5 योजनाएं पेश की है। राजीव प्रताप रुडी ने बजट में बिहार के हिस्से की परियोजनाओं को बताते हुए कहा कि बजट में बिहार को विकसित राज्य बनाने के लिए हर एक क्षेत्र में विशेष पैकेज युक्त योजना की घोषणा की गई है जो अत्यंत प्रशंसनिय और प्रगतिवादी है।

उन्होंने कहा कि नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना, बिहार में दो नए एक्सप्रेसवे, विष्णुपद और महाबोधि मंदिर को काशी विश्वनाथ की तर्ज पर विकसित करने की योजना,  21,400 करोड़ रुपये की लागत से बिहार के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का नया बिजली संयंत्र स्थापित करने की योजना, बक्सर में गंगा नदी पर 2 लेन पुल के लिए 26,000 करोड का आवंटन, बाढ़ के लिए बिहार को 11,500 करोड़ रुपये अलग से आवंटन, बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की अवसंरचना का निर्माण, पूंजीगत निवेशों में सहायता के लिए अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध कराने की व्यवस्था के साथ ही राजगीर के तीर्थ क्षेत्रों के विकास की योजना बिहार के विकास के लिए वरदान साबित होंगी।

राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि ये योजनाएं देश की  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली लोकप्रिय और प्रगतिवादी सरकार की बिहार के विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्वोदय योजना की घोषणा की है।

राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि सबके कल्याण को सुनिश्चि करने वाले इस बजट में कृषि के लिए 1.52 लाख करोड़, शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन, एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप स्कीम जिसके तहत टॉप 500 कंपनियों को इंटर्नशिप देनी होगी के साथ ही सरकार ने हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर उपलब्ध कराने की घोषण की है जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी शामिल होगा। इन योजनाआंे के माध्यम से सरकार ने हर क्षेत्र का ध्यान रखा है।

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इतिहास की सबसे छोटी शादी! दूल्हे से हो गई एक चूक

पत्नी ने शादी के 3 मिनट के अंदर ही दे दिया तलाक

नई दिल्ली 23 Jully (एजेंसी): शादियों को लेकर युवाओं के मन में तरह तरह के सपने होते हैं। उनमें जिंदगी के नयी पारी के शुरू होने का उत्साह होता है। लेकिन इस उत्साह पर शादी के तीन मिनट बाद ही पानी फिर जाए तो इसे आप क्या कहेंगे?

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक दुल्हन ने शादी के तीन मिनट में ही दुल्हे की हरकत से इतनी नाराज हो गई कि उसने पति से तलाक लेने का ऐलान कर दिया। कोर्ट मैरिज की औपचारिकता के बाद पति -पत्नी अदालत से बाहर निकल रहे थे, तभी बीबी लड़खड़ा कर गिर गई। शौहर ने बीबी के गिरने पर उसे स्टूपिड यानी बेवकूफ कह कर का मजाक बनाया

यह सुनकर दुल्हन का पारा एकाएक चरम पर पहुंच गया। युनती उसी जज के पास पहुंची जहां तीन मिनट पहले उसकी शादी हुई थी और उसे तलाक देने का आग्रह किया। जज ने भी युवती के दलील को मान लिया और शादी के तीन मिनट बाद ही निकाह को रद्द कर दिया। इसे कुवैत के इतिहास में सबसे छोटी शादी भी कहा जा रहा है।

दरअसल घटना साल 2019 की बताई जा रही है। कुवैत की यह घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। शौहर के स्टूपिड कहने से बीबी इतनी नाराज हुई की। उसने तलाक लेने का ऐलान कर दिया। घटना कुवैत में हुआ है। अब इसका वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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NEET UG की परीक्षा दोबारा नहीं होगी,सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली 23 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि परीक्षा रद्द करने की मांग सही नहीं है। इसका मतलब है कि नीट-यूजी परीक्षा दोबारा नहीं होगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिससे ये साबित हो कि पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है।

बता दें कि कई छात्र नीट-यूजी की परीक्षा दोबारा कराने की मांग कर रहे थे। उन लोगों ने इसमें कई अनियमितताओं का आरोप लगाया था। यहां तक कि पेपर लीक का भी आरोप लगा। बताया गया कि इसमें कई खामियां हैं। नीट-यूजी परीक्षा 571 शहरों के 4750 केंद्रों के अलावा 14 विदेशी शहरों में भी आयोजित की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, रीनीट यानी दोबारा परीक्षा नहीं होगी, इसमें काफी ज्यादा खर्च आएगा। एडवोकेट श्रुति चौधरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी की दलीलें सुनी, सीबीआई की जांच रिपोर्ट देखी, और फिर फैसला किया कि रिकॉर्ड पर इतना सबूत ही नहीं है दोबारा परीक्षा का आदेश पारित किया जाय। जो चीटिंग हुई थी वो पटना और हजारीबाग के अलावा कहीं नहीं हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इतने कम सबूत के आधार पर अगर दोबारा परीक्षा होगी तो 23 लाख उम्मीदवारों के लिए सुविधाजनक नहीं होगा। कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से भौतिकी के एक विवादास्पद प्रश्न के संबंध में आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ पैनल द्वारा दी गई राय के मद्देनजर अंकों को नए सिरे से मिलान करने को कहा, जिसमें कहा गया कि दो विकल्पों को एक प्रश्न का सही उत्तर नहीं माना जा सकता।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के निदेशक को सही विकल्प पर अपनी राय बनाने के लिए तीन विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने और 23 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक अपनी राय अदालत के रजिस्ट्रार को भेजने को कहा था।

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