प्रधानमंत्री ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने तमिलनाडु में एक हेली‍कॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा –

‘तमिलनाडु में हेली‍कॉप्टर दुर्घटना से मैं अत्‍यंत दुखी हूं, जिसमें हमने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को खो दिया। उन्होंने अत्यंत कर्मठता से भारत की सेवा की। मेरी गहरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।

जनरल बिपिन रावत एक उत्कृष्ट सैनिक थे। एक सच्चे देशभक्त के रूप में उन्होंने सशस्त्र बलों और समस्‍त सुरक्षा व्‍यवस्‍था के आधुनिकीकरण में बहुमूल्‍य योगदान दिया। सामरिक मामलों में उनकी दूरदृष्टि असाधारण थी। उनके निधन से मुझे गहरा सदमा पहुंचा है। ओम शांति।

भारत के प्रथम ‘सीडीएस’ के रूप में जनरल बिपिन रावत ने रक्षा सुधारों सहित सशस्त्र बलों से संबंधित विभिन्न आयामों पर उत्‍कृष्‍ट काम किया। उन्‍हें सेना में अपनी सेवाएं देने का व्‍यापक अनुभव था। भारत कभी भी उनकी असाधारण सेवा को नहीं भूलेगा।’

 

 

22 माह से बंद नर्सरी से पांच की पढ़ाई शुरू करें हेमन्त सरकार – रामप्रकाश तिवारी

स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी ने 22 माह से बंद कक्षा नर्सरी से लेकर पांचवीं की पढ़ाई लिखाई सभी स्कूलों में शूरू करने के लिए और यू-डायस कोडधारी गैर मान्यता प्राइवेट स्कूलों के लाखों बच्चों बच्चियों को तत्काल आठवीं बोर्ड परीक्षा-2022 में शामिल करने हेतु जैंक द्वारा पंजीयन करने और परीक्षा में शामिल करने हेतु मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से तत्काल कार्रवाई करने का मांग किया।
प्राइमरी शिक्षा नर्सरी से पांच की पढ़ाई लिखाई बंद रखने के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आदेश के बावजूद झारखंड राज्य के सभी सरकारी स्कूलों, प्राइवेट स्कूलों में कक्षा नर्सरी से पांच कक्षा के बच्चों बच्चियों को पिछले दो माह से लगातार बुलाकर पढ़ाई लिखाई शुरू करने वाले सभी साहसी शिक्षकों शिक्षिकाओं के प्रति झारखंड के करोड़ों अभिभावक गण ऋणी है इस दौरान एक भी बच्चा कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है नर्सरी से पांचवीं की पढ़ाई शुरू करने वाले प्राइवेट स्कूलों में बीआरसी,प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा भयादौहन कार्रवाई करने के धमकियों का विरोध करने वाले हजारो प्राइवेट स्कूल संचालक गण बधाई के पात्र हैं।
प्रदेश अध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी ने यूपीए कांग्रेस,राजद, झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की नेतृत्व में चल रही सरकार हर मोर्चे पर विफल है सभी सरकारी कार्यालयों में खुले आम रिश्र्वत लिया जा रहा है, ठेकेदारों द्वारा घटिया सड़क निर्माण किया जा रहा है बाकी विकास के कार्य ठप्प है। मजदूरों को मनरेगा के तहत काम नहीं मिल रहा है बेमौसम बारिश में धान की फसल,सब्जी,अन्य फसल खराबे होने के नुकसान झेल रहे लाखों किसानों को मुआवजा देने के लिए और आगे खेती-बाड़ी करने के लिए बीज खाद सिंचाई की सुविधा किसानों को उपलब्ध नहीं कराने के हेमन्त सोरेन की सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों का स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी कड़ा विरोध करती है।
श्री रामप्रकाश तिवारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की सरकार ने अभी तक पांच लाख बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी उपलब्ध नहीं कराया और लाखों शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अपने चुनावी वादेनुसार प्रति माह सात हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता अभी तक नहीं दिया,यह युवा विरोधी सरकार है जल्द युवाओं को संगठित करके आंदोलन किया जायेगा। सबसे बुरा हाल बेरोजगार महिलाओं, लड़कियों का है बढ़ती मंहगाई में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।
झारखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों, प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों के साथ हेमन्त सरकार घोर अन्याय कर रही है यह सरकार भ्रष्टाचारियो, माफियाओं, अपराधियों,दलालों ठेकेदारों की रहनुमा सरकार है मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन अपने कैबिनेट के कांग्रेसी मंत्रियों के मांग पर कोरोना महामारी कम होने के बावजूद सभी प्राइमरी,मिडिल स्कूलों में नर्सरी से पांच की पढ़ाई स्कूलों में शुरू नहीं करने के तानाशाही रूख अपनाये हूए है ऐसे जन विरोधी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है कांग्रेस तत्काल हेमन्त सरकार से समर्थन वापस ले।
उक्त जानकारी रामप्रकाश तिवारी,प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी, झारखंड प्रदेश,राॅंची ने दी

रोजमर्रा के कई कामों को आसान बना सकते हैं स्किन टोनर से जुड़े ये हैक्स

स्किन टोनर एक तरह का स्किन केयर प्रोडक्ट है, जो त्वचा को गहराई से साफ करने और त्वचा के रोमछिद्रों को टाइट करने में भी मदद कर सकता है। हालांकि, आप चाहें तो स्किन टोनर का इस्तेमाल त्वचा के साथ-साथ अपनी रोजमर्रा की कई छोटी-मोटी समस्याओं को हल करने के लिए कर सकते हैं। चलिए फिर आज हम आपको स्किन टोनर से जुड़े कुछ ऐसे बेहतरीन हैक्स के बारे में बताते हैं, जिनके बारे में आपको शायद ही पता हो।
दीवार से इंक और मार्कर के निशान हटाएं
अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं तो आपको आए दिन घर की दीवारों से इंक और मार्कर के निशान साफ करने के लिए मेहनत करनी पड़ती होगी। आप चाहें तो इस काम को आसान बनाने के लिए स्किन टोनर की मदद ले सकते है। इसके लिए एक कपड़े के थोड़े से हिस्से पर स्किन टोनर लगाएं और फिर इसे इंक और मार्कर के निशान पर रगड़ें। इससे इंक और मार्कर के निशान तुरंत गायब हो जाएंगे।
शीशों को साफ करने में करें मदद
बाथरूम या फिर ड्रेसिंग टेबल के शीशे पर लगे जिद्दी दागों को कुछ ही मिनट दूर करने के लिए भी स्किन टोनर का इस्तेमाल किया जा सकता है। बस इसके लिए आप एक कटोरी में सफेद सिरके के साथ स्किन टोनर को बराबर मात्रा में मिलाएं, फिर एक खाली स्प्रे बोतल में घोल डालें और इसे अपने बाथरूम या फिर ड्रेसिंग टेबल के शीशों पर अच्छे से छिड़कें। 10 मिनट बाद एक नम कपड़े का इस्तेमाल करके इन्हें पोंछें।
मेकअप साफ करने के आए काम
रात को सोने से पहले अगर मेकअप न साफ किया जाए तो इससे त्वचा का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। अगर आपके पास मेकअप रिमूवर नहीं है तो आप मेकअप हटाने के लिए स्किन टोनर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए मेकअप वाले चेहरे पर थोड़ा सा स्किन टोनर लगाकर थोड़ी मसाज करें। इसके बाद अपने चेहरे को टिश्यू पेपर से पोंछ लें और अंत में अपना चेहरा पानी से धो लें।
लैपटॉप को साफ और सैनिटाइज करें
लैपटॉप को साफ-सुथरा न रखने की वजह से इसकी ऑपरेटिंग में समस्या आने लगती है। इसलिए समय-समय पर लैपटॉप की सफाई आवश्यक हो जाती है। इसके लिए आप स्किन टोनर का इस्तेमाल कर सकते हैं। सफाई लिए पहले रूई पर थोड़ा सा स्किन टोनर लगाएं, फिर इससे अपने पूरे लैपटॉप को साफ करें। इसके बाद लैपटॉप को एक साफ माइक्रोफाइबर कपड़े से पोंछे। आप चाहें तो ऐसे ही अपने मोबाइल को भी साफ कर सकते हैं। (एजेंसी)

प्राइवेट प्रेक्टिस में लगे सरकारी डाक्टरों पर कार्रवाई करें सरकार – रामप्रकाश तिवारी

रांची, स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता से मांग करते हुए कहा है कि झारखंड राज्य के तमाम जिलों,प्रखंडो, अनुमंडल स्थित सभी सरकारी अस्पतालों और राजधानी राॅंची के सदर अस्पताल,रिम्स अस्पताल, रिस्पांस अस्पताल में कार्यरत अधिकांश डाक्टर प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं जिसके कारण सरकारी अस्पतालों में ईमानदारी से अपनी सेवा नहीं दे रहे हैं उल्टे मरीजों को समय पर जिम्मेदारी से इलाज न करके अपने द्वारा संचालित प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए मरीजों को बुलाने और मोटी रकम फीस वसुलते रहते हैं सरकारी वेतन,भत्ता लेने के साथ प्राइवेट प्रेक्टिस से हजारों लाखों रूपए की कमाई करते हैं उनके विरुद्ध तत्काल जांच करवाकर नौकरी से बर्खास्त करने और नए डाक्टरों की बहाली के लिए झारखंड सरकार जरूरी कदम उठाये।
प्रदेशाध्यक्ष श्री तिवारी ने कहा है कि झारखंड की लाखों गरीब जनता को सरकारी अस्पतालों में अच्छी इलाज,दवा की सुविधा नहीं मिलने से  गरीब मरीजों की मृत्यु होने के मामले आ रहे हैं। गरीब मरीजों को मुफ्त दवा उपलब्ध नहीं किया जा रहा है करोड़ों रूपए के दवाओं के खरीद, वितरण में भारी घोटालों की खबरें मिल रही है।पांच सौ करोड़ में बने सदर अस्पताल,राॅंची मे दवाओं की भारी  कमी और गंदगी फैला हुआ है सरकार तत्काल सदर अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करें, विशेष पुरे परिसर, अस्पताल के सभी कमरों,फर्नीचरों की रख-रखाव, सफाई की व्यवस्था ठीक करें।
रामप्रकाश तिवारी ने मांग करते हुए कहा है कि मरीजों को समय पर बेहतर इलाज कि सुविधा देने के लिए सभी डाक्टरों ,नर्सो, कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करें।ताकि गरीब जनता को बेहतर इलाज की सुविधा मिल सके।
श्री तिवारी ने चेतावनी देते हुए कहा है किअगर स्वास्थ्य मंत्री,अपर मुख्य सचिव सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार नहीं करते हैं और गरीब मरीजों को दवाओं को उपलब्ध नहीं कराती है साथ ही प्राइवेट प्रेक्टिस में लगे सरकारी डाक्टरों को नौकरी से बर्खास्त नहीं किया जाता है तो स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी आंदोलन करेगी।
इसकी जानकारी रामप्रकाश तिवारी  प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी  झारखंड,राॅंची  ने दी

आज का राशिफल

मेष : आज आप का दिन अनुकूल है। स्वस्थ तन-मन से आज सारे कार्य कर पाएंगे, परिणामस्वरूप आपमें ऊर्जा एवं उत्साह छलकेगा। लक्ष्मीजी की कृपा आप पर रहेगी। पारिवारिक सदस्यों के साथ आनंद में समय बीतेगा। मित्र एवं स्नेहीजनों के मिलने से घर में खुशी का वातावरण रहेगा।

वृषभ: आपको सूचित करते हैं कि आज का दिन सावधानीपूर्वक बिताएं। आप का मन अनेक प्रकार की चिंताओं से ग्रस्त होगा। स्वास्थ्य बिगड़ सकता है एवं आँखों में पीड़ा होने की संभावना है। आत्मजनों एवं परिवारजनों से विरोध होगा। फिजूल खर्ची हो सकती है। दुर्घटना से सावधान रहें। गहन परिश्रम के बाद भी आज फल प्राप्ति कम रहेगी।

मिथुन: आज का दिन आप के लिए बहुत लाभप्रद है। अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी मिल जाए ऐसे योग हैं। धन प्राप्ति के लिए शुभ दिन है। मित्रों से मुलाकात आनंदप्रद होगी और उनसे लाभ भी हो सकता है। पत्नी एवं पुत्र की ओर से लाभ रहेगा। उत्तम भोजन सुख है। संतान की तरफ से शुभ समाचार मिलेंगे।

ककर्: आज आप धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ आदि में व्यस्त रहेंगे। धार्मिक स्थान की मुलाकात से आनंद प्राप्त होगा। परिवारजनों के साथ आनंदपूर्वक समय बीतेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मन भी चिंता रहित होगा। आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। आज आपके भाग्य में अच्छा परिवर्तन योग है।

सिंह: आज आपको संभलकर चलने की सलाह देते हैं। आज आप को विपरित संयोग का प्रतिकार करना पड़ेगा। स्वास्थ्य के प्रति ध्यान दें। स्वास्थ्य बिगडऩे से आकस्मिक खर्च का प्रसंग आ सकता है। परिवारजनो के साथ संयमपूर्वक व्यवहार करें। अनैतिक कार्य से दूर रहें।

कन्या: सामाजिक तथा अन्य क्षेत्रों में ख्याति या सम्मान प्राप्त होगा। सुंदर वस्त्राभुषण की खरीदी भी हो सकती है। वाहनसुख प्राप्त होगा। भागीदारों के साथ संबंध अच्छे रहेंगे। पति-पत्नी के बीच अगर तकरार हुआ होगा तो वह दूर होगा तथा घनिष्ठता भी बढ़ेगी।

तुला: आज घर में सुख-शांति का वातावरण बने रहने से आपकी प्रसन्नता में वृद्घि होगी। कार्यालय में सहकर्मियों के साथ सहकारपूर्वक कार्य कर सकेंगे। कार्य में यश की प्राप्ति होगी। माता-पिता की ओर से कोई अच्छे समाचार मिलेंगे।

वृश्चिक: आपका दिन मध्यम फलदायी होगा। विद्यार्थियों को अभ्यास में सफलता मिल सकती है। नए कार्यों का प्रारंभ आज न करें। आर्थिक आयोजन के लिए अनुकूल दिन होने से आपका परिश्रम फलदायी सिद्ध होगा। फिर भी शेर-सट्टे से दूर रहिएगा। प्रवास भी संभवत: टालें।.

धनु: आज के दिन मन में उदासीनता छाई रहेगी। शरीर में स्फूर्ति तथा मन में प्रफुल्लितता का अभाव रहेगा। परिवारजनों के साथ तनाव के प्रसंग बनने से घर का वातावरण कलुषित रहेगा। आपका स्वभिमान भंग न हो इसका ध्यान रखें।

मकर: आज का दिन नए कार्यों का प्रारंभ करने के लिए शुभ है। नौकरी, व्यापार तथा दैनिक हर कार्य में अनुकूल परिस्थिति रहने से मन मे प्रसन्नता बनी रहेगी। भाई-बंधुओं से लाभ तथा सहकार मिलेगा। आर्थिक लाभ के योग हैं। विद्यार्थी अपना अभ्यास सरलता पूर्वक कर सकेंगे।

कुंभ: धार्मिक कार्य में खर्च हो सकता है। पारिवारिक वातावरण बिगड़ सकता है। कार्य में असफलता मन में असंतोष तथा निराशा जगाएगी। इसलिए स्वास्थ्य के प्रति ध्यान दें। निर्णयशक्ति का अभाव होगा।

मीन: आप का दिन शुभ फलदायी है। उत्साह तथा स्वस्थता बनी रहेगी। नए कार्य के प्रारंभ के लिए दिन अच्छा है। परिवार के सदस्यों तथा मित्रो के साथ भोजन का अवसर प्राप्त होगा। धन लाभ होगा, फिर भी अधिक खर्च न हो जाए इसका ध्यान रखें। धार्मिक कार्य तथा यात्रा का योग है।

 

संसद में मोदी, बिरला ने बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि

Modi, Birla pay tribute to Birsa Munda in Parliament

नई दिल्ली ,15 नवंबर (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज यहां संसद भवन परिसर में महान आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मोदी करीब पौने 11 बजे संंसद भवन परिसर में पहुंचे जहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एवं राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते भी उपस्थित थे। मोदी और बिरला ने झारखंड के आदिवासी समुदाय में भगवान की तरह पूज्य बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन किया। इस मौके पर आदिवासी कलाकारों के एक दल ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। प्रधानमंत्री ने कलाकारों के समीप जाकर उनसे बातचीत की और उत्साहवर्द्धन किया।

महिलाओं को कितना लुभाएगी प्रियंका की मुहिम

क्षमा शर्मा –
लखनऊ में प्रेस कॉनफ्रेंस करके कांग्रेस की नेता, प्रियंका गांधी ने कहा कि अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव में, चालीस प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए जाएंगे। बैक ग्राउंड में लिखा था-लड़की हूं, लड़ सकती हूं। सुनने में नारा बहुत आकर्षित करता है। लड़कियों को संघर्ष और अपने अधिकारों के लिए लडऩे की प्रेरणा भी दे सकता है। जब से देश में शिक्षित, नौकरीपेशा मध्य वर्ग की महिलाओं की संख्या बढ़ी है, वे बड़ी संख्या में वोट देने लगी हैं। उनकी राय का मायने भी समझा जाने लगा है, तब से जैसे हर राजनीतिक दल उन्हें अपने पाले में खींचना चाहता है।
अतीत में जो लोग 33 प्रतिशत महिला रिजर्वेशन बिल का संसद में विरोध कर चुके हैं, कह चुके हैं कि अगर ऐसा हुआ तो परकटी आ जाएंगी, वे इस बिल में विभिन्न धर्मों और जातियों की महिलाओं को अलग से प्रतिनिधित्व देने की मांग कर चुके हैं, वे महिलाओं को भी जाति और धर्म के चश्मे से ही देखते हैं। जबकि अनुभव कहता है कि जिस तरह गरीब का कोई जाति–धर्म नहीं होता, महिलाओं का भी नहीं होता। वे हर जाति–धर्म में सताई जाती हैं। लेकिन प्रियंका गांधी की इस घोषणा के बाद, ऐसे ही एक दल के प्रवक्ता ने टीवी पर कहा कि वे तो हमेशा से ही इस बिल का समर्थन कर रहे थे, भाजपा और कांग्रेस ने ही इसे पास नहीं होने दिया।
इन दिनों अपना ही बोला हुआ आज का सच, कल का झूठ हो सकता है। जिसने कल जो बात कही थी, आज वही उसे झुठला सकता है। इन दिनों हर बात पर महिलाओं का नाम जपने वाले महिलाओं के ये नए हितू, सचमुच उनके लिए क्या करेंगे। या कि चुनाव के बाद सब भूल जाएंगे। आने वाले दिनों में जब कांग्रेस में टिकटों का बंटवारा होगा तो हो सकता है कि इसी दल के पुरुष अपने-अपने घर की महिलाओं के लिए टिकट की मांग करें, तब उनसे कैसे निपटा जाएगा। यदि उन्हें टिकट दिया गया तो सत्ता पुरुष से खिसक कर महिला के हाथ में आ जाएगी, मगर परिवार के पास ही रहेगी। क्योंकि प्रियंका गांधी ने कहा भी है कि जिन महिलाओं को लोग जानते होंगे, जो अपने क्षेत्र में लोकप्रिय होंगी, पार्टी का टिकट उन्हें ही मिलेगा।
हम जानते ही हैं कि एक साधारण औरत को लोकप्रिय होने के कितने मौके मिलते हैं। अक्सर ही लोकप्रियता की सारी ताकत साधन सम्पन्नों के पास ही पहुंचती है। फिर मान लीजिए यदि तमाम पुराने नेताओं के परिवारों की महिलाओं को टिकट नहीं मिला, तो क्या वे प्रियंका के खिलाफ मोर्चा नहीं खोल देंगे। जिसे टिकट नहीं मिलता है, वह फौरन पुराने दल को छोड़, टिकट मिलने की आस में नए दल में चला जाता है।
आखिर प्रियंका भी ऐसे ही परिवार से आती हैं। क्या उनकी जगह कांग्रेस की कोई साधारण महिला ले सकती है। उसे यह पद मिल सकता है। इसके अलावा एक दिलचस्प बात यह भी है कि जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ा था, तो अध्यक्ष उनके सुपुत्र राहुल गांधी को ही बनाया गया था। चलिए तब तो प्रियंका राजनीति में इतनी एक्टिव नहीं थीं। मगर पिछले दिनों कांग्रेस की जो मीटिंग हुई, उसमें कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बहुत से वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग की। आखिर उन्होंने प्रियंका को अध्यक्ष बनाने की मांग क्यों नहीं की। वह भी तब, जब मां सोनिया गांधी यानी कि एक महिला ही से यह मांग की जानी थी। यानी कि परिवार या दल की सत्ता में जब चुनो, तब पुरुष को ही चुनो। प्रियंका की यह प्रतिज्ञा अच्छी है कि वे लड़कियों को एमपावर्ड करना चाहती हैं, तो पहले यह बदलाव घर से ही शुरू क्यों नहीं किया जाता। उन्हें कुछ संकोच हो तो राहुल गांधी या सोनिया गांधी खुद उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने का निर्णय ले सकते हैं। या कि लड़कियों के प्रति इतनी संवेदना सिर्फ चुनाव जीतने का स्टंट भर है।
वैसे भी पूरे देश में लड़कियों के प्रति तरह-तरह के अपराध होते हैं। एनसीआरबी के आंकड़े इसकी गवाही भी दे सकते हैं। मगर नेताओं को उन्हें उठाने की याद वहीं आती है, जहां विपक्षियों की सरकार हो और चुनाव होने वाले हों। इस तरह की रणनीति बनाने में कोई भी दल कम नहीं है। प्रेस कानफ्रेंस में जब पत्रकारों ने प्रियंका से पूछा कि अन्य जिन राज्यों में चुनाव होंगे, क्या वहां भी कांग्रेस यही नीति अपनाएगी, तो उन्होंने बहुत चतुराई से कहा कि वह उत्तर प्रदेश की इंचार्ज हैं। वहीं के बारे में बता सकती हैं।
कई बार यह भी लगता है कि सरकारें अपने कामों का ढोल पीटने के लिए अरबों रुपए खर्च करती हैं। अगर सचमुच जमीनी स्तर पर काम हों तो लोग खुद उनका ढोल पीटते हैं, चर्चा करते हैं। और ऐसे नेताओं को बारंबार चुनते हैं।
दरअसल नेता अपनी गद्दी सुरक्षित करने, सत्ता प्राप्त करने के लिए तरह-तरह के नारे उछालते हैं, जो जनता के एक वर्ग को लुभाएं और वोटों से उनकी झोली भर दें। लेकिन मीडिया का बड़ा वर्ग इस स्ट्रेटेजी को ही सही मान, ले उड़ता है और कभी इसे गेम चेंजर कहता है, कभी मास्टर स्ट्रोक। अजीब-सी बात यह है कि जिसे मास्टर स्ट्रोक कहा जाता है, कई बार वही चुनाव हरवा देता है।
पिछले चुनावों में राहुल और अखिलेश ने मिलकर चुनाव लड़ा था । नारा था- लोगों को यह साथ पसंद है। उनके बारे में मीडिया में स्लोगन छाया हुआ था-यूपी के लड़के। इसे युवाओं को लुभाने का बहुत अच्छा नारा माना गया था। लड़कियों की बात यहां कहीं नहीं थी। हालांकि राहुल और अखिलेश युवा होने की उम्र कब की पार कर चुके थे। लेकिन इस तरह के नारे कांग्रेस या समाजवादी पार्टी के कुछ काम नहीं आए थे। आने वाले चुनावों में देखना होगा कि जिसे प्रियंका का औरतों का दिल जीतने वाला नारा बताया जा रहा है, वह कितना कारगर होता है। औरतों को वह कितना लुभा पाती हैं।

बच्चो के शैक्षणिक भविष्य चौपट न करें सरकार – रामप्रकाश तिवारी

रांची, झारखंड राज्य में 21 माह लगातार कक्षा नर्सरी से पांच की पढ़ाई लिखाई बंद रखने के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के शिक्षा विरोधी नीतियों, निर्णयों की कड़ी आलोचना करते हुए स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी ने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा है कि आप बच्चों का शैक्षणिक भविष्य चौपट मत किजिए, तत्काल नर्सरी से पांच की पढ़ाई लिखाई शुरू करने के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक बुलाकर सरकार की तरफ से दिशानिर्देश जारी करे, झारखंड सरकार ने 17 मार्च 2020 से कोरोना से बचाव के नाम पर सभी स्कूलों को बंद रखा था अब कक्षा-6 से 12 के बच्चों की पढ़ाई लिखाई स्कूलों में चल रही है एक भी बच्चा कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ ऐसे में नर्सरी से पांच कक्षा के बच्चों की स्कूलों में पढ़ाई लिखाई बंद रखने का कोई औचित्य दिखाई नहीं देता है।
स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि झारखंड राज्य में बेरोजगार युवाओं ने भाड़े के मकान में लाखों प्ले स्कूल, प्राइमरी स्कूलों को चला रहे हैं उन प्राइवेट स्कूलों को बंद कराने के साजिश के तहत् 21 माह से प्राइमरी स्कूलों की पढ़ाई लिखाई बंद रखकर हेमन्त सरकार ने झारखंड राज्य में पूर्ण रूप से प्राइमरी शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है जिसके कारण 90% किराये में चल रहे अधिकांश प्राइवेट स्कूल बंद हो गए हैं लाखों शिक्षित युवा लड़के लड़कियां बेरोजगार हो गए हैं झारखंड राज्य से अधिक कोरोनावायरस से अधिक प्रभावित राज्य केरल दिल्ली तमिलनाडु महाराष्ट्र बिहार यूपी राजस्थान छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश पंजाब उड़िसा तेलंगाना इत्यादि राज्यों में कक्षा नर्सरी से पांच की पढ़ाई लिखाई लगभग शुरू कर दिया है।
श्री तिवारी ने कहा है कि पढ़ाई लिखाई बंद होने से छोटे बच्चे बच्चियां पहले पढ़ें पढ़ाई को भूल गए हैं अब बच्चों को शुरू से पढ़ाई करना पड़ेगा, अभिभावकों को अपने बच्चों के शैक्षणिक भविष्य की चिंता हो रही है आगे उनके बच्चों का भविष्य कैसे बचेगा? बच्चें आगे की प्रतियोगिता, नौकरी में केसे सफल होंगे? इसकी चिंता मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को नहीं है फिर झारखंड को अशिक्षित आदमयुग में ले जा रहे हैं और लाखों प्राइवेट शिक्षकों, कर्मचारियों को बेरोजगार करने पर तुली हुई है।
श्री राम प्रकाश तिवारी ने कहा है कि हेमन्त सरकार ने अगर 16 नवंबर 2021 को नर्सरी से पांच की स्कूलों में पढ़ाई लिखाई शुरू नहीं करती है तो स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी 18 नवंबर 2021 को प्रात 11.30 बजे से राजभवन,रांची के सामने हेमन्त सोरेन सरकार के शिक्षा विरोधी, बेरोजगार विरोधी नीतियों के खिलाफ एकदिवसीय धरना देकर पुरे झारखंड राज्य में आंदोलन का बिगुल फूंकेंगी।

इसकी जानकारी रामप्रकाश तिवारी  प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी  झारखंड,राॅंची  ने दी

डीसी रांची के निर्देश पर मोराबादी मैदान में मॉर्निंग वॉकर्स के लिए विशेष वैक्सीनेशन कैम्प

रांची, उपायुक्त रांची श्री छवि  रंजन के निदेशानुसार  रांची जिला में कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार  अभियान के तहत लोगों का कोविड टीकाकरण कराया जा रहा है।

इसी अभियान के तहत 1 नवम्बर 2021 को मोराबादी मैदान स्थित बापू वाटिका में कोविड-19 वैक्सीनशन हेतु विशेष कैम्प लगाया गया। यह विशेष कैम्प मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों के लिए लगाया गया।

यह कैम्प सवेरे 6 बजे से 10 बजे तक संचालित किया जाता है। इस कैम्प में ऑन स्पॉट रेजिस्ट्रेशन की सुविधा है।

इस वैक्सीनशन कैम्प में सवेरे टहलने वाले लोगों के अलावा सवेरे कार्यालय जाने वाले तथा अन्य लोग भी अपना कोविड टीकाकरण करवा सकते हैं।

रिम्स की बेहतरी के लिए जल्द बनेगा रोडमैप

*रिम्स के अपर निदेशक शशि प्रकाश सिंह ने रिम्स के विभिन्न विभागों का किया निरीक्षण

रांची,  रिम्स के अपर निदेशक श्री शशि प्रकाश सिंह ने कहा है कि जल्द ही रिम्स के निदेशक के साथ वार्ता कर अस्पताल की बाकी बची समस्याओं का समाधान किया जाएगा। साथ ही रिम्स के बेहतर संचालन के लिए एक रोडमैप भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रयास होगा कि राज्य के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान को उसकी गरिमा के अनुसार रूप दिया जा सके। रोडमैप में मरीजों से लेकर चिकित्सकों, मेडिकल छात्रों और स्वास्थ्य कर्मियों को बेहतर माहौल देना भी शामिल होगा। वह गुरुवार को रिम्स के डीन श्री सतीश चंद्रा के साथ रिम्स के विभिन्न विभागों का निरीक्षण कर रहे थे।

विभिन्न विभागों का किया निरीक्षण

श्री शशि प्रकाश सिंह ने माइक्रोबायोलॉजी, एनाटोमी, पैथोलॉजी, फॉरेंसिक इत्यादि विभागों का निरीक्षण किया। उन्होंने पैथोलॉजी विभाग में रोज कितनी जांच होती है तथा मरीजों को कितनी देर में रिपोर्ट मिलती है आदि की जानकारी ली और उनके रजिस्टर की जांच की। वहीं उन्होंने रिम्स में पढ़ रहे फाइनल ईयर के मेडिकल छात्रों से भी बातचीत की।

रिसर्च के लिए करें प्रेरित

रिम्स के अपर निदेशक ने अस्पताल के विभिन्न विभागों के प्रमुखों से मैनपावर, उपकरणों आदि की भी जानकारी ली। उन्होंने विभाग प्रमुखों से रिसर्च के लिए प्रेरित करने तथा रिसर्च के प्रकाशन पर जोर दिया।

“अपराध और नक्सल परिदृश्य“ पर एक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी

राँची, आज पुलिस मुख्यालय, राँची स्थित सभागार में महानिदेशक सह पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड की अध्यक्षता में वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से “अपराध और नक्सल परिदृश्य“ पर एक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। इस बैठक में पुलिस महानिदेशक, झारखण्ड के द्वारा सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षकों एवं जिलों के पुलिस अधीक्षकों से उनके क्षेत्र एवं जिलों में आपराधिक, वतर्मान नक्सल परिदृश्य तथा विधि-व्यवस्था में आ रही कठिनाईयों एवं उसके निराकरण हेतु बनायी गई ठोस नीति पर कार्य करने तथा नक्सल अभियानों की जानकारी सहित पूर्व से दिये गये एजेंडा बिन्दुओं पर विस्तृत चचार्यें कीं। उन्होंने नक्सलियों के विरूद्ध चलाये जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों में आ रही कठिनाईयों के संबंध में जानकारी लेते हुये उसके तत्काल निवारण हेतु आवष्यक दिशा-निर्देश दिये।
1. वामपंथी उग्रवाद और उनके विरूद्ध किये जाने वाली कारर्वाई हेतु विशेष शाखा एवं अभियान शाखा द्वारा विस्तृत प्रस्तुति दी गई, तथा राज्य में घट रही नक्सली घटनाओं को रोकने के लिये बनाये गये रोडमैप के क्रियान्वयन हेतु विशेष दिशा-निर्देश दिये गये।
2. पुलिस अधीक्षक, अपराध अनुसंधान विभाग एवं ए0टी0एस0 के द्वारा संगठित अपराध को रोकने, उनके विरूद्ध कड़ी कारर्वाई करने का निर्देश दिया गया तथा की गई कारर्वाई की जानकारी भी ली गई तथा भविष्य के लिए रोडमैप की जानकारी दी गई।
3. पुलिस अधीक्षक, अपराध अनुसंधान विभाग, द्वारा अपराध परिदृश्य पर एक विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
4. पुलिस अधीक्षक,अपराध अनुसंधान विभाग, द्वारा प्रस्तुतिकरण के द्वारा अनुसंधानित काण्डों की जाँच, लंबित वारँट/कुर्की के निष्पादन में हो रहे विलंब तथा कठिनाईयों पर राज्य के सभी जिलों को दिशा-निर्देश दिये गये।
5. राज्य में विधि-व्यवस्था से संबंधित मुद्दे और उनकेे निराकरण हेतु की जाने वाली कारर्वाई के संदभर् में विस्तृत चचार्यें की गई।
6. पुलिस मुख्यालय से आवश्यक सहायता के संबंध में प्रस्तुत किए गए ठोस प्रस्तावों की समीक्षा भी की गई।
इस बैठक में क्षेत्रवार सभी क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षकों यथा-पलामू क्षेत्र, राँची क्षेत्र, कोल्हान क्षेत्र, हजारीबाग क्षेत्र , बोकारो क्षेत्र तथा दुमका क्षेत्र के स्तर से झारखण्ड राज्य में नक्सल एवं आपराधिक गतिविधियों तथा उन पर अंकुश लगाने के लिए की जा रही कारर्वाही तथा नक्सल काण्डों की मॉनिटरिंग की प्रस्तुतियों सहित अन्य जानकारी दी गयीं । इसके अतिरिक्त बैठक में विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षकों एवं सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-महा निरीक्षकों को विशेष दिशा- निर्देश दिये गये।
इस बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक, अप0अनु0वि0, झारखण्ड, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय, झारखण्ड, अपर पुलिस महानिदेशक अभियान, झारखण्ड, ,पुलिस महानिरीक्षक, मानवाधिकार, झारखण्ड, पुलिस महानिरीक्षक, अभियान, झारखण्ड, पुलिस महानिरीक्षक, प्रोविजन, झारखण्ड, पुलिस उप-महानिरीक्षक, राँची, पुलिस उप-महानिरीक्षक, विशेष शाखा, झारखण्ड, पुलिस अधीक्षक, अप0अनु0विभाग, पुलिस अधीक्षक, विशेष शाखा, पुलिस अधीक्षक, ए0टी0एस0 तथा वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के द्वारा सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक, तथा सभी जिला के पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया।

कनाडा की पहली हिंदू मंत्री अनीता आनंद को मिला रक्षा मंत्रालय

टोरंटो, कनाडा की पहली हिंदू कैबिनेट मंत्री अनीता आनंद ने देश की दूसरी महिला रक्षा मंत्री बनकर इतिहास रच दिया।
वह भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक हरजीत सज्जन की जगह लेंगी। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा की है, जिसमें पता चला है कि अनीता आनंद देश की रक्षा मंत्री होंगी।
सज्जन को अंतर्राष्ट्रीय मामलों का मंत्री बनाया गया है।
एक अन्य भारतीय-कनाडाई महिला कमल खेड़ा, जो ब्रैम्पटन वेस्ट से 32 वर्षीय सांसद हैं, ने भी वरिष्ठ नागरिकों के लिए मंत्री के रूप में शपथ ली, जिससे ट्रूडो कैबिनेट में भारतीय-कनाडाई महिला मंत्रियों की संख्या तीन हो गई है।
कनाडा की विविधता, समावेशन और युवा मंत्रालय संभालने वाली मौजूदा भारतीय-कनाडाई महिला मंत्री बर्दिश चागर को हटा दिया गया है।
नए मंत्रिमंडल में छह महिला मंत्रियों में दो भारतीय-कनाडाई महिलाएं शामिल हैं।
ट्रूडो ने कनाडाई सेना में यौन दुराचार के आरोपों को दूर करने में विफल रहने के लिए हरजीत सज्जन को पदावनत कर दिया और अनीता आनंद और कमल खेड़ा को महामारी के दौरान उनके काम के लिए पुरस्कृत किया।
महामारी के चरम पर स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के रूप में काम पर वापस जाने के लिए आनंद की ओर से खरीद मंत्री और खेड़ा – एक पंजीकृत नर्स के रूप में उनके काम के लिए प्रशंसा की गई है। 2015 से तीन बार के सांसद, खेरा ने स्वास्थ्य और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्रियों के संसदीय सचिव के रूप में भी काम किया है।
अनीता का जन्म 1967 में नोवा स्कोटिया में भारतीय मूल के माता-पिता के घर हुआ था, जो दोनों चिकित्सा पेशेवर थे। उनकी मां सरोज डी. राम पंजाब से और पिता एस. वी. आनंद तमिलनाडु से संबंध रखते हैं।
अनीता, जो टोरंटो विश्वविद्यालय में कानून की प्रोफेसर के रूप में छुट्टी पर हैं, को टोरंटो के पास ओकविले से सांसद के रूप में चुने जाने के बाद 2019 में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी।
अनीता ने व्यापक शोध के साथ एयर इंडिया जांच आयोग की सहायता की। आयोग ने 23 जून 1985 को एयर इंडिया कनिष्क उड़ान 182 की बमबारी की जांच की थी, जिसमें सभी 329 लोग मारे गए थे।
मॉन्ट्रियल-दिल्ली की उड़ान में जो बम फटा था, उसे एक साल पहले 1984 में स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई का बदला लेने के लिए वैंकूवर स्थित खालिस्तानियों द्वारा लगाया गया था।
अनीता आनंद से पहले, कनाडा की एकमात्र महिला रक्षा मंत्री पूर्व प्रधानमंत्री किम कैंपबेल थीं, जिन्होंने 1993 में 4 जनवरी से 25 जून तक छह महीने के लिए पोर्टफोलियो संभाला था।(एजेंसी)

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने नवनिर्मित वेजिटेबल मार्केट एवं सरदार पटेल पार्क का लोकार्पण किया

रांची, वेजिटेबल मार्केट सभी सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। नागा बाबा सब्जी बाजार की पूर्व की स्थिति से हम सभी अवगत हैं।

सरकार का प्रयास रहता है कि हर चीज व्यवस्थित रूप में राज्य की जनता को प्राप्त हो। अब यहां स्वच्छ वातावरण में सब्जियों की खरीद बिक्री होगी। हमें इसे अपना बाजार समझ कर रख रखाव में सहयोग करना है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने नागा बाबा सब्जी बाजार स्थित नवनिर्मित वेजिटेबल मार्केट के लोकार्पण समारोह में कही। मुख्यमंत्री ने कहा यहां दुकान लगाने वालों के लिए यह मार्केट उनके परिवार के जीवन यापन का साधन बनने जा रहा है। इसे स्वच्छ और सुरक्षित रखना बड़ी जिम्मेवारी है। यह जिम्मेदारी हम सब को उठानी पड़ेगी।

हमें पर्यावरण को चुनौती नहीं देनी चाहिए

मुख्यमंत्री ने हरमू हाउसिंग कॉलोनी स्थित सरदार पटेल पार्क के उद्घाटन समारोह में कहा कि शहरीकरण बढ़ रहा है। वृक्षों को काटकर गगनचुंबी इमारतें बन रहीं है। जबकि हमें पर्यावरण को कभी चुनौती नहीं देनी चाहिए। यहां के निवासियों के लिए यह पार्क भौतिकवादी समय में जीवन के अमूल्य क्षण को व्यतीत करने में सहायक बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा सरकार की इस सम्पति का मालिक हरमुवासियों को बनाया जा रहा है। यहां के निवासी इसकी सुरक्षा करें। ताकि खूबसूरत पार्क की खूबसूरती हमेशा बनी रहे।

सब्जी विक्रेताओं को मिलेगी दुकान

नवनिर्मित वेजिटेबल मार्केट में 300 से अधिक सब्जी विक्रेताओं को दुकानें मिलेंगी। इसके लिए नगर निगम ने 191 प्लेटफार्म का निर्माण मार्केट में कराया है। बड़े प्लेटफार्म में दो-दो दुकानदारों को बसाया जाएगा। इसके अलावा मार्केट के दोनों तरफ बनाए गए सेड में ठेला पर फल बेचने वालों को जगह दी जाएगी।

मार्केट की छत पर बना है फूड कोर्ट, जाम से मिलेगी मुक्ति

वेजिटेबल मार्केट की छत पर फूड कोर्ट बनाया गया है। यहां सात अलग-अलग किचन की व्यवस्था निगम ने की है। मार्केट के आसपास पार्किंग की व्यवस्था की गई है। नागा बाबा सब्जी मार्केट में सड़क पर दुकान लगने के कारण दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है। अब इससे लोगों को राहत मिलेगी।

इस अवसर पर सांसद श्री संजय सेठ, राज्यसभा सांसद श्री दीपक प्रकाश,  विधायक श्री सीपी सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे, नगर आयुक्त नगर निगम श्री मुकेश कुमार, महापौर श्रीमती आशा लकड़ा, उपमहापौर श्री संजीव विजयवर्गीय एवं अन्य उपस्थित थे

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ बैगा और माडिय़ा जनजाति के प्रमुख लोक नृत्य

ललित चतुर्वेदी
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, लोक गीत, नृत्य और संपूर्ण कलाओं से परिचित होगा देश और विदेश। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में यह आयोजन 28 से 30 अक्टूबर तक किया जा रहा है। राजधानी का साईंस कॉलेज मैदान आयोजन के लिए सज-धज कर तैयार हो चुका है। इस महोत्सव में विभिन्न राज्यों के आदिवासी लोक नर्तक दल के अलावा देश-विदेश के नर्तक दल भी अपनी प्रस्तुति देंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य की 5 विशेष पिछड़ी जनजातियों में से एक बैगा जनजाति है। राज्य के कबीरधाम, मुंगेली, राजनांदगांव, बिलासपुर और कोरिया जिले में निवासरत है। बैगा जनजाति अपने ईष्ट देव की स्तुति, तीज-त्यौहार, उत्सव एवं मनोरंजन की दृष्टि से विभिन्न लोकगीत एवं नृत्य का गायन समूह में करते हैं। इनके लोकगीत और नृत्य में करमा, रीना-सैला, ददरिया, बिहाव, फाग आदि प्रमुख हैं। इसी प्रकार दण्डामी माडिय़ा जनजाति गोंड जनजाति की उपजाति है। सर डब्ल्यू. वी. ग्रिगसन ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘द माडिय़ा जनजाति के सदस्यों द्वारा नृत्य के दौरान पहने जाने वाले गौर सिंग मुकुट के आधार पर ‘बायसन हार्न माडिय़ा’ जनजाति नाम दिया। प्रसिद्ध मानव वैज्ञानिक वेरियर एल्विन का ग्रंथ ‘द माडिय़ा-मर्डर एंड सुसाइड’ (1941) दण्डामी माडिय़ा जनजाति पर आधारित है। बैगा और माडिय़ा जनजाति के रस्मों-रिवाजों पर आधारित प्रमुख लोक नृत्य इस प्रकार हैं।
‘रीना सैला नृत्य’
बैगा जनजाति का प्रकृति एवं वनों से निकट संबंध है। जिसका बखान इनके लोक संस्कृति में व्यापक रूप से देखने को मिलता है। बैगा जनजाति की माताएं, महिलाएं अपने प्रेम एवं वात्सल्य से देवी-देवताओं और अपनी संस्कृति का गुणगान गायन के माध्यम से उनमें गीत एवं नृत्य से बच्चों को परिचित करने का प्रयास करती है। साथ ही बैगा माताएं अपने छोटे शिशु को सिखाने एवं वात्सल्य के रूप में रीना का गायन करती हैं। वेशभूषा महिलाएं सफेद रंग की साड़ी धारण करती हैं। गले में सुता-माला, कान में ढार, बांह में नागमोरी, हाथ में चूड़ी, पैर में कांसे का चूड़ा एवं ककनी, बनुरिया से श्रृंगार करती हैं। वाद्य यंत्रों में ढोल, टीमकी, बांसुरी, ठीसकी, पैजना आदि का प्रयोग किया जाता है।
सैला बैगा जनजाति के पुरूषों के द्वारा सैला नृत्य शैला ईष्ट देव एवं पूर्वज देव जैसे-करमदेव, ग्राम देव, ठाकुर देव, धरती माता तथा कुल देव नांगा बैगा, बैगीन को सुमिरन कर अपने फसलों के पक जाने पर धन्यवाद स्वरूप अपने परिवार के सुख-समृद्धि की स्थिति का एक दूसरे को शैला गीत एवं नृत्य के माध्यम से बताने का प्रयास किया जाता है। इनकी वेशभूषा पुरूष धोती, कुरता, जॉकेट, पगड़ी, पैर में पैजना, गले में रंगबिरंगी सूता माला धारण करते है। वाद्य यंत्रों में मांदर,ढोल, टीमकी, बांसुरी, पैजना आदि का प्रमुख रूप से उपयोग करते हैं। बोली बैगा जनजाति द्वारा रीना एवं शैला का गायन स्वयं की बैगानी बोली में किया जाता है। यह नृत्य प्राय: क्वार से कार्तिक माह के बीच मनाए जाने वाले उत्सवों, त्यौहारों में किया जाता है।
‘दशहेरा करमा नृत्य’
बैगा जनजाति समुदाय द्वारा करमा नृत्य भादो पुन्नी से माधी पुन्नी के समय किया जाता है। इस समुदाय के पुरूष सदस्य अन्य ग्रामों में जाकर करमा नृत्य के लिए ग्राम के सदस्यों को आवाहन करते हैं। जिसके प्रतिउत्तर में उस ग्राम की महिलाएं श्रृंगार कर आती है। इसके बाद प्रश्नोत्तरी के रूप में करमा गायन एवं नृत्य किया जाता है। इसी प्रकार अन्य ग्राम से आमंत्रण आने पर भी बैगा स्त्री-पुरूष के दल द्वारा करमा किया जाता है। करमा रात्रि के समय ग्राम में एक निर्धारित खुला स्थान जिस खरना कहा जाता है में अलाव जलाकर सभी आयु के स्त्री, पुरूष एवं बच्चे नृत्य करते हुए करते है। अपने सुख-दु:ख को एक-दूसरे को प्रश्न एवं उत्तर के रूप में गीत एवं नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करते है।
करमा नृत्य के माध्यम से बैगा जनजाति में परस्पर सामन्जस्य, सुख-दु:ख के लेन देन के साथ ही नव युवक-युवतियां भी आपस में परिचय प्राप्त करते है। इस नृत्य में महिला सदस्यों द्वारा विशेष श्रृंगार किया जाता है। जिसमें यह चरखाना (खादी) का प्राय: लाल एवं सफेद रंग का लुगड़ा, लाल रंग की ब्लाउज, सिर पर मोर पंख की कलगी, कानों में ढार, गले में सुता-माला, बांह में नागमोरी, कलाई में रंगीन चूडिय़ा एवं पैरों में पाजनी और विशेष रूप से सिर के बाल से कमर के नीचे तक बीरन घास की बनी लडिय़ां धारण करती हैं, जिससे इनका सौंदर्य एवं श्रृंगार देखते ही बनता है। पुरूष वर्ग भी श्रृंगार के रूप में सफेद रंग की धोती, कुरता, काले रंग की कोट, जाकेट, सिर पर मोर पंख लगी पगड़ी और गले में आवश्यकतानुसार माला धारण करते हैं। वाद्य यंत्रों में मांदर, टिमकी, ढोल, बांसुरी, ठिचकी, पैजना आदि का उपयोग किया जाता है।
‘करसाड़ नृत्य’
दण्डामी माडिय़ा जनजाति नृत्य के दौरान पहने जाने वाले गौर सिंग मुकुट, बस्तर, दशहरा के अंतिम दिनों में चलने वाले विशालकाय काष्ठ रथ को खींचने का विशेषाधिकार और स्वभाव के लिए प्रसिद्ध है। इस नृत्य में दण्डामी माडिय़ा पुरूष सिर पर कपड़े की पगड़ी या साफा, मोती, माला, कुर्ता या शर्ट, धोती एवं काले रंग का हाफ कोट धारण करते हैं। वहीं महिलाएं साड़ी, ब्लाउज, माथे पर कौडिय़ा से युक्त पट्टा, गले में विभिन्न प्रकार की माला और गले, कलाई, पैरों पर बाजार में मिलने वाले सामान्य आभूषण पहनती हैं।
करसाड़ नृत्य के लिए पुरूष सदस्य अपने गले में लटका कर ढोल एवं मांदर का प्रयोग करता है। महिलाएं लोहे के रॉड के उपरी सिरे में लोहे की विशिष्ट घंटियों से युक्त ‘गुजिड़’ नामक का प्रयोग करती है। एक पुरूष सदस्य सीटी का प्रयोग करत है, नृत्य के दौरान सीटी की आवाज से ही नर्तक स्टेप बदलते हैं। नृत्य के प्रदर्शन का अवसर दण्डामी माडिय़ा जनजाति में करसाड़ नृत्य वार्षिक करसाड़ जात्रा के दौरान धार्मिक उत्सव में करते हैं। करसाड़ दण्डामी माडिय़ा जनजाति का प्रमुख त्यौहार है। करसाड़ के दिन सभी आमंत्रित देवी-देवाताओं की पूजा की जाती हैं और पुजारी, सिरहा देवी-देवताओं के प्रतीक चिन्हों जैसे-डोला, छत्रा, लाट बैरम आदि के साथ जुलूस निकालते हैं। जुलूस की समाप्ति के पश्चात् शाम को युवक-युवतियां अपने विशिष्ट नृत्य पोषाक में सज-सवरकर एकत्र होकर सारी रात नृत्य करते हैं।
‘मांदरी नृत्य’
दंडामी माडिय़ा जनजाति नृत्य के दौरान पहने जाने वाले गौर सिंग मुकुट, बस्तर दशहरा के अंतिम दिनों में चलने वाले विशालकाय काष्ठ रथ को खींचने का विशेषाधिकार और स्वभाव के लिए प्रसिद्ध है। दंडामी माडिय़ा जनजाति के सदस्य नृत्य के दौरान पहने जाने वाले गौर सिंग मुकुट को माडिय़ा समुदाय के वीरता तथा साहस का प्रतीक मानते हैं।
इस नृत्य की वेशभूषा में दंडामी माडिय़ा पुरूष सिर पर कपड़े की पगड़ी या साफा, मोती माला, कुर्ता या शर्ट, धोती एवं काले रंग का हाफ कोट धारण करते हैं। वहीं महिलाएं साड़ी, ब्लाउज, माथे पर कौडिय़ों से युक्त पट्टा, गले में विभिन्न प्रकार की माला और गले, कलाई, पैरों पर बाजार में मिलने वाले सामान्य आभूषण पहनी हैं। वाद्य यंत्र मांदरी नृत्य के लिए पुरूष सदस्य अपने गले में लटकाकर ढोल एवं मांदर वाद्य का प्रयोग करते हैं। महिलाएं लोहे के रॉड के उपरी सिरे में लोहे की विशिष्ट घंटियों से युक्त ‘गुजिड़’ का प्रयोग करती हैं। एक पुरूष सदस्य सीटी का प्रयोग करता है, नृत्य के दौरान सीटी की आवाज से ही नर्तक स्टेप बदलते हैं।
यह नृत्य दंडामी विवाह, मेला-मंड़ई, धार्मिक उत्सव और मनोरंजन के अवसर पर किया जाता है। विवाह के दौरान अलग-अलग गांवों के अनेक नर्तक दल विवाह स्थल पर आकर नृत्य का प्रदर्शन करते हैं। जिसके बदले में उन्हें ‘लांदा’ (चावल की शराब) और ‘दाडग़ो’ (महुए की शराब) दी जाती हैं। दंडामी माडिय़ा जनजाति के सदस्यों का मानना है कि गौर सिंग नृत्य उनके सामाजिक एकता, सहयोग और उत्साह में वृद्धि करता है। वर्तमान में दंडामी माडिय़ा जनजाति का गौर सिंग नृत्य अनेक सामाजिक तथा सांस्कृतिक आयोजनों में भी प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया जाता है।
(लेखक उप संचालक जनसंपर्क हैं)

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने जैप – 9 में पारण परेड (पासिंग आउट) का निरीक्षण किया और सलामी ली 

*मुख्यमंत्री ने  प्रशिक्षण के उपरांत आयोजित परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ

प्रदर्शन करने वाले 15 आरक्षियों को  सम्मानित किया 

*गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ मुठभेड़ में

शहीद साहिबगंज के शहीद सैनिक

कुंदन कुमार ओझा की आश्रिता को

मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्रदान किया

*श्रीनगर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में

शहीद सीआरपीएफ जवान कुलदीप

उरांव की आश्रिता और  छत्तीसगढ़ में उग्रवादी हमले में

शहीद मुन्ना यादव( सीआरपीएफ)  की आश्रिता

को 10 -10 लाख रुपए की अनुग्रह

अनुदान राशि मुख्यमंत्री ने प्रदान की

*आपने  प्रशिक्षण में जो सीखा है , उसका इस्तेमाल

अपने दायित्व निर्वहन में करेंगे – श्री हेमन्त सोरेन  मुख्यमंत्री झारखंड

साहिबगंज, मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज जैप -9, साहिबगंज में  प्रशिक्षु आरक्षियों के पारण परेड (पासिंग आउट) का निरीक्षण किया और आकर्षक परेड की सलामी ली । मुख्यमंत्री ने बुनियादी प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए आरक्षियों को शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की । मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपके कंधों पर आज से एक नई जिम्मेदारी आ रही है । मुझे पूरा विश्वास है कि आप अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का भलीभांति निर्वहन करेंगे । मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्रशिक्षण के उपरांत आयोजित परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 15 सर्वश्रेष्ठ आरक्षियों को मेडल और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया ।

ट्रेनिंग में जो सीखा है उसका इस्तेमाल अपने कार्यों में करेंगे

मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षु आरक्षियों से कहा कि आपने बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम में जो कुछ सीखा है , उसका बखूबी इस्तेमाल अपने कार्यों एवं दायित्व निर्वहन में करेंगे । मुझे पूरा विश्वास है कि आप परिवार और समाज के साथ तालमेल बनाकर अपने उत्तरदायित्व और जनता के प्रति संवेदना दिखाएंगे ।

 महिला सशक्तिकरण का परिचायक

मुख्यमंत्री ने गर्व जताते हुए कहा कि बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 502 आरक्षियों में 94 महिलाएं हैं ।  यह दर्शाता है कि पुलिस महकमे में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है । आज महिलाएं हर मोर्चे पर अपने दायित्वों को सफलतापूर्वक निभा रही हैं ।मुख्यमंत्री ने महिला प्रशिक्षु आरक्षण का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपने जो जिम्मेदारी मिल रही है उसमें वे  बेहतर समाज बनाने में अपना अमूल्य योगदान देंगी ।

शहीदों के आश्रिता को नियुक्ति पत्र और अनुग्रह अनुदान की राशि मिली

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर  गलवान घाटी में 16 जून 2020 को चीनी सेना के साथ मुठभेड़ में शहीद   साहिबगंज के जांबाज़ सैनिक कुंदन कुमार ओझा की आश्रिता नम्रता कुमारी को नियुक्ति पत्र प्रदान किया ।  उन्हें पहले 10 लाख रुपए शहीद सहायता राशि दी जा चुकी है । मुख्यमंत्री ने 2 जुलाई 2020 को श्रीनगर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद सीआरपीएफ के जवान कुलदीप उरांव की आश्रिता श्रीमती वंदना उरांव को 10 लाख रुपये अनुग्रह अनुदान की राशि प्रदान की । वे बंगाल पुलिस में पहले से ही कार्यरत हैं । मुख्यमंत्री ने 11 मई 2020 को छत्तीसगढ़ में उग्रवादी हमले में शहीद साहिबगंज के रहनेवाले मुन्ना यादव (सीआरपीएफ)  की आश्रिता श्रीमती निताई कुमारी  को 10 लाख की अनुग्रह अनुदान की राशि प्रदान की । उन्हें नियुक्ति पत्र पहले ही मिल चुका है ।

इस मौके पर सांसद श्री विजय हांसदा, विधायक श्री अनंत कुमार ओझा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक श्री नीरज सिन्हा, एडीजी श्री संजय लाटकर, पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती प्रिया दुबे, साहिबगंज के उपायुक्त श्री रामनिवास यादव, पुलिस अधीक्षक श्री अनुरंजन किस्पोट्टा और पदमा हजारीबाग पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के पुलिस अधीक्षक श्री कौशल किशोर समेत कई पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे।

विधवा पेंशन के लिए जरूरी नहीं होगा राशनकार्ड – मुख्यमंत्री

*मुख्यमंत्री ने किया गोड्डा जिले में विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन

*सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत 650 लाख रुपये की राशि लाभुकों के बीच किया वितरित

गोड्डा। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान भी जीवन को सामान्य बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। सुदूर प्रखंड में आज हम एकत्रित हुए हैं। सरकार की कई योजनाओं से लोगों को जोड़ा गया है। करोड़ों रुपये की जनहित योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ है, जिससे जनसामान्य की समस्यायों के निराकरण में सहयोग प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधवा पेंशन के लिए राशन कार्ड आदि की आवश्यकता नहीं रहेगी। जो विधवा असहाय हैं, उनको सरकार द्वारा पेंशन उपलब्ध करायी जाएगी। वे आज गोड्डा जिले के राजाभिट्टा स्टेडियम में राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्धघाटन के साथ लाभुकों के बीच परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा जिले में 3458.17 लाख रुपये से संचालित विभिन्न योजनाओं का उद्धघाटन एवं 2618.49 लाख रुपये की लागत से संचालित होनेवाली विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया गया।  मुख्यमंत्री ने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र का वितरण, प्रधानी पट्टा का वितरण, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभुकों को घर की चाबी एवं स्वीकृति पत्र का वितरण भी किया। कार्यक्रम में लाभुकों को फूलो झानों योजना के लाभुकों के बीच चेक का वितरण किया गया। कार्यक्रम में सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभुकों के बीच  650 लाख रुपये की परिसंपत्ति वितरित की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत ही दुर्गम क्षेत्र होने के कारण यहां बिजली की समस्या रहती थी। बिजली व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए यहां पावर सब स्टेशन का भी उद्घाटन किया गया है। उन्होंने कहा कि सुंदर डैम को लेकर हमेशा चर्चा की जाती है कि इसके आसपास के गांवों में कैसे खुशहाली आए, इसके लिए सरकार प्रयासरत है। विस्थापित गांव में लिफ्ट इरिगेशन के तहत सिंचाई योजना का भी शिलान्यास किया गया है । 10 स्कूल भवनों का निर्माण किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवा के लिए आठ एंबुलेंस जिला स्तर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सरकार मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, फूलों झानों योजना आदि से लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए कृतसंकल्पित है।

सरकार मुख्यमंत्री पशुधन योजना का लाभ दे रही है, जिससे ग्रामीण बकरी पालन, गाय पालन, सूअर पालन आदि कर खुद को स्वावलंबी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूली बच्चों को हफ्ते में 6 दिन अंडा देने का काम कर रही है। इसके लिए निकटवर्ती राज्य से अंडा खरीदना होता है। यदि ग्रामीण मुर्गी पालन करें, तो उनसे सरकार अंडा खरीद लेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार महुआ हड़िया बेचने वाली महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए फूलों झानों योजना के तहत लोन उपलब्ध करा रही है, जिससे वे एक सम्मानजनक व्यवसाय कर इस दलदल से बाहर निकलने का काम कर सकती हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष को सरकार नियुक्ति वर्ष के रूप में मना रही है। विभिन्न विभागों द्वारा नियमावली तैयार की जा रही है, जिससे जल्द से जल्द सभी विभागों में रिक्त पद भरे जा सकेंगे। साथ ही रोजगार के नए अवसर से लोगों को जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आप सब को भी जागरूक रहना होगा। सरकार आपके हित के लिए कई तरह के नियम बना रही है, जिसका फायदा आप सजग रह कर उठा सकते हैं।

इस अवसर पर राजमहल के सांसद श्री विजय कुमार हांसदा,  मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार श्री अभिषेक प्रसाद, उपायुक्त गोड्डा श्री भोर सिंह यादव, पुलिस अधीक्षक श्री वाईएस रमेश सहित गोड्डा जिले के अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

झारखण्ड प्रदेश के क्षत्रिय महासम्मेलन का आयोजन संपन्न

रांची,अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वाधान में झारखण्ड प्रदेश के क्षत्रिय महासम्मेलन का आयोजन फोकस क्लब एंड रिसोर्ट, रिंग रोड, दलादिली में किया गया |इस कार्यक्रम में प्रदेश कार्य समिति एवं जिला कमिटी का विस्तार किया गया | साथ ही कार्यक्रम में पूरे झारखण्ड से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के कोडरमा, गिरिडीह, सिमडेगा, हजारीबाग, चतरा, खूंटी, खलारी आदि जिला का विस्तार किया गया | साथ ही साथ सर्वसम्मति से लिया गया की संगठन को और व्यापक स्तर पर विस्तार करने हेतु व्यापक सदस्यता अभियान चलाया जायेगा | शिक्षा, चिकित्सा एवं व्यावसायिक रूप से समाज को मजबूती प्रदान करने के लिए शिक्षा, चिकित्सा एवं व्यावसाय प्रकोष्ठ का गठन किया गया | इस दौरान विगत कुछ दिनों पहले माननीय मुख्यमंत्री द्वारा हिन्दी, भोजपुरी, मगही भाषा पर गलत टिप्पणी का विरोध किया गया एवं भोजपुरी, मगही, अंगिका भाषा को झारखंड की सूची मे शामिल करने की मांग की गयी। साथ ही महासभा द्वारा यह चेतावनी भी दी गयी की अगर इन भाषाओं को जल्द ही सूची में शामिल नहीं किया तो महासभा द्वारा प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में प्रदेश कार्य समिति एवं जिला कमिटी का विस्तार किया गया |

इस कार्यक्रम के दौरान झारखण्ड प्रदेश संरक्षक श्री अजय कुमार सिंह जी ने रांची जिला में क्षत्रिय भवन बनाने हेतु 51लाख रूपए की राशि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा को देने की घोषणा की | इस कार्यक्रम के दौरान अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री विनय कुमार सिंह उर्फ बीनू सिंह एवं कार्यकारी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार पंकज उर्फ ललन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिला कमिटी का विस्तारीकरण किया गया | इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में हुसैनाबाद के विधायक सह झारखण्ड सरकार के पूर्व मंत्री श्री कमलेश सिंह, डा० सूर्यमणि सिंह, डा० सुरेश प्रसाद सिंह (पूर्व कुलपति), शिवपूजन सिंह, रेणु सिंह, अजय सिंह, नवीन नाथ शाहदेव, विजय सिंह (पूर्व आइ०ए०एस०), प्रतुल शाहदेव, पूनम सिंह, अर्चना सिंह आदि उपस्थित हुए | कार्यक्रम का संचालन मुख्य रूप से श्री आदर्श सिंह एवं श्री विजय सिंह ने संयुक्त रूप से किया |

इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से संतोष सिंह, कामख्या सिंह, धीरेन्द्र सिंह, देव कुमार सिंह, सुधीर सिंह, विजय सिंह, सुनील सिंह बादल, चेतन सिंह, प्रभाकर सिंह, अलका सिंह, प्रीती सिंह, पूनम सिंह, यश सिंह परमार आदि प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित हुए |

उक्त जानकारी मनोज कुमार सिंह उर्फ ललन सिंह कार्यकारी अध्यक्ष ने दी है

संयुक्त राष्ट्र संघ-शक्तियां ,शांति प्रस्ताव एवं दुर्बलताएं

( 24 अक्टूबर, संयुक्त राष्ट्र दिवस पर विशेष)
विकास कुमार
युद्ध दोनों पक्ष के लिए भयानक होता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्त होने के पश्चात संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे संगठन का संरचनात्मक विचार अमेरिका के राष्ट्रपति रूजवेल्ट के मस्तिष्क में आया। उनकी मृत्यु हो जाने के कारण इसका उद्घाटन उनकी पत्नी ने किया था। यह संगठन कई सम्मेलनों और बैठकों के परिणाम स्वरूप स्थापित हुआ क्योंकि प्रथम विश्व युद्ध के समय राष्ट्र संघ का निर्माण किया गया था जिसकी नीतियों का संचालन और क्रियान्वयन नहीं हो पाया और अंतत: वह स्थिर होकर समाप्त हो गया था। 24 अक्टूबर, 1945 को इसकी स्थापना 51 देशों में मिलकर किया ।हालांकि पोलैंड का प्रतिनिधि वहां पर उपस्थित नहीं था, परंतु मूल रूप से 51 देशों के सदस्य प्रतिनिधि एकमत होकर इस पर हस्ताक्षर किए थे ।भारत भी इसका संस्थापक सदस्य था और भारत के लक्ष्मण मुदलियार प्रतिनिधि थे। वर्तमान समय में इस संगठन के कुल 193 देश सदस्य हैं। जिसमें पांच स्थाई सदस्य हैं और 10 अस्थाई सदस्य हैं। पांच स्थाई सदस्य जिनके पास निषेध अधिकार है ,को लेकर कई देशों के मध्य विवाद चलता रहता है, क्योंकि इन देशों ने अपने हितों को देखते हुए उस अधिकार का गलत प्रयोग किया है । शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ और अमेरिका में वैचारिक द्वंद उत्पन्न हुआ जिसके परिणाम स्वरूप इन देशों ने अपनी और देशों को मिलाना चाहा जिससे इनका गुट मजबूत हो सके। यहीं से वीटो पावर का गलत प्रयोग प्रारंभ हुआ क्योंकि जिस देश का मुद्दा होता था। अगर वह किसी गुट के विचारधारा से संबंधित होता था तो उस के पक्ष में वीटो पावर का प्रयोग करते थे ।अगर उसके विपक्ष में होता था तो विपक्ष में वीटो शक्ति का प्रयोग किया जाता था। उस समय विजित राष्ट्रों को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थाई सदस्यता दे दी गई थी एक आधार इसमें यह भी देखा गया था कि उनकी आर्थिक और सैन्य शक्ति मजबूत हो। आज मुख्यत: भारत, जर्मनी ,ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिए प्रयासरत हैं। क्योंकि इन देशों की जनसंख्या आर्थिक शक्ति सैन्य शक्ति और संयुक्त राष्ट्र पर आर्थिक अनुदान पूर्ववत सदस्य देशों के बराबर होता दिख रहा है। आवश्यकता भी इस बात की है की भारत जैसे संपन्न और विशाल देश को आज सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता दे देनी चाहिए। इसके पीछे कई कारण और तर्क बताया जा सकते हैं। भारत ने सदैव शांति के पक्ष में ही अपना निर्णय दिया है और जो भी काम इस संगठन ने भारत को सौंपा, उसे बखूबी सफलता के साथ पूरा किया है। आज आतंकवाद , पर्यावरण शरणार्थी समस्या, सतत विकास लक्ष्य की पूर्ति, भुखमरी एवं मानव अधिकार जैसे कई मुद्दे ऐसे हैं जिन का मुकाबला मिलजुल कर ही किया जा सकता है। जिसमें संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों की भूमिका प्रमुख व महत्वपूर्ण बन सकती है। आतंकवाद को लेकर भी आज कई देशों और संगठनों में मतभेद है ।2001 के पहले अमेरिका यह मानने को ही तैयार नहीं होता था कि भारत जैसा देश पाकिस्तान जैसे देशों के आतंकी गतिविधियों से परेशान रहता है । जब उसके ट्रेड सेंटर में अलकायदा का हमला हुआ तब उसने ऑपरेशन ड्यूरिंग फ्रीडम नाम से एक मूवमेंट चलाया । जिसका मिशन था आतंकवाद को खत्म करना। आतंकवाद और मानव अधिकार को लेकर अमेरिका अपने निजी हितों के लिए कई देशों पर बेवजह हस्तक्षेप किया है। यही दृष्टिकोण चीन का भी रहता है ।उसने पाकिस्तान को लेकर सदैव अपने वीटो शक्ति का प्रयोग किया है। म्यांमार में सैन्य शासन एवं अफगानिस्तान में तालिबानी संगठन का सत्ता में आना । इसके बावजूद भी इस संगठन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई। आज शरणार्थियों की समस्या व्यापक रूप से बढ़ती जा रही है ।इसमें भी संयुक्त राष्ट्र संघ को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। क्योंकि इससे उन शरणार्थियों के आने वाले भविष्य और भावी पीढ़ी का जीवन अंधकार में हो जाता है। इसकी कई विशिष्टक्रित एजेंसियां हैं जो अपने काम विशेष रूप से करती है जैसे ए किसी की एजेंसी है यूनिसेफ वह बच्चों के विकास के लिए वैश्विक स्तर पर काम करती है। मानवाधिकार परिषद वैश्विक स्तर पर मानव अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यरत एवं प्रयासरत रहती है। इस के चार्टर में कुल 111 अनुच्छेद एवं 19 अध्याय हैं जिसमें अनुच्छेद प्रथम में संयुक्त राष्ट्र संघ के सिद्धांतों का विवेचन किया गया है इसमें विश्व शांति बनाए रखना एवं युद्ध को रोकना प्रथम सिद्धांत के रूप में दर्शाया गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ के सिद्धांतों में यह भी पंडित है कि कोई भी देश किसी भी देश की एकता ,अखंडता और संप्रभुता पर हस्तक्षेप नहीं करेगा। परंतु अनुच्छेद 2(7) में प्रावधान है कि अगर मानव अधिकारों का उल्लंघन कोई देश करता है तो संयुक्त राष्ट्र संघ अपने सिद्धांतों के अनुसार वहां पर हस्तक्षेप कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने कई मामलों में अपनी भूमिका तटस्थ रूप से निभाई है जिसकी पहल की सराहना बस शुक्र ऊपर हो रही है परंतु वह आज संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष कई बड़ी चुनौतियां हैं जिनसे निपटना उसके लिए अत्यंत आवश्यक है। हाल ही में तालिबान का सत्ता में आना और संयुक्त राष्ट्र संघ का वहां हस्तक्षेप ना करना, यह संयुक्त राष्ट्र संघ पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा किया।
यह संगठन सेना , संसाधन और वित्तीय सहायता के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता है जिस कारण से विकसित देश इसका फायदा उठा लेते हैं क्योंकि आर्थिक रूप से अनुदान उन्हीं का अधिक होता है । भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रमुख रूप से वित्तीय अनुदान प्रदान करने वाला देश है। भारत में कभी भी किसी भी देश पर आक्रमण की पहल नहीं की और सदैव शांति का रास्ता अपनाया है। साथ ही उसके समस्त सिद्धांतों और प्रावधानों को मान्यता प्रदान किया है इसलिए भारत की सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता होनी चाहिए संयुक्त राष्ट्र संघ को भी चाहिए कि वह तटस्थ रहकर अपनी भूमिका निभाई ,क्योंकि इस संगठन के साथ विश्व के नागरिकों की आस्था जुड़ी हुई है। संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख पदों की नियुक्तियों में भी तटस्थता होनी चाहिए और सदैव हां चार्टर के अनुच्छेदों की आधार पर होना चाहिए
(लेखक- केंद्रीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में रिसर्च स्कॉलर है एवं राजनीति विज्ञान में गोल्ड मेडलिस्ट हैं।)

रांची एअरपोर्ट के बाहर ख़राब टैक्सी सर्विस का शिकार हुआ एक परिवार

रांची, रांची एयरपोर्ट टर्मिनल से बाहर ट्रेवल एजेंसी में हुआ हंगामा .सूत्रों के अनुसार एयरपोर्ट से बाहर आने वाले एक परिवार ने पहले से टैक्सी बुक कर रखा था लेकिन लगभग डेढ़ घंटे इंतज़ार करने के बाद भी टैक्सी नहीं मिलने पर उक्त परिवार की महिला सदस्य ने संबंधित  ट्रेवल एजेंसी के बाहर  जमकर हंगामा कर दिया. एयरपोर्ट थाना प्रभारी के आने के बाद मामला शांत हुआ. यह जानकारी वहाँ मौजूद  प्रत्यक्षदर्शी के द्वारा फाइनल जस्टिस डिजिटल मीडिया कार्यालय में दी गयी. इस संबध में उक्त महिला यात्री से उनका पक्ष नहीं लिया जा सका है. उक्त ट्रेवल एजेंसी से हमारी बात हुयी उन्होंने बताया की ट्रैफिक के कारण टैक्सी समय पर नहीं पहुँच पाया बाद में हमने उन्हें टैक्सी मुहैया करा दिया था.

प्राइवेट स्कूलों को बर्वाद करने पर तुली है झारखण्ड  सरकार – रामप्रकाश तिवारी

रांची, स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष श्री राम प्रकाश तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि झारखण्ड  सरकार हजारों सरकारी स्कूलों की पढ़ाई लिखाई को सुधारा नहीं अब अच्छी शिक्षा दे रहे प्राइवेट प्ले, प्राइमरी स्कूलों को बर्वाद करने पर तुल गए हैं लगातार बीस महीने  से सभी प्राइमरी स्कूलों के कक्षा-नर्सरी से पांच की पढ़ाई लिखाई बंद रखा है। कोरोना लाॅकडाउन में झारखंड सरकार के आदेश लाॅकडाउन बंदी के दौरान किराये के मकान में चल रहे हजारों प्राइमरी, मिडिल हाई स्कूल बंद हो गए हैं लाखों प्राइवेट स्कूल संचालक,
शिक्षक शिक्षिका, कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं, झारखण्ड  सरकार के शिक्षा विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि कक्षा-नर्सरी से पांच की लगातार बीस महीने  से स्कूली पढ़ाई लिखाई बंद रखकर झारखण्ड  सरकार लाखों गरीब आदिवासी दलित पिछड़े अगड़े अल्पसंख्यक बच्चों बच्चियो का शैक्षणिक भविष्य बर्वाद कर रहे हैं कक्षा-6 से काॅलेज स्तर के सभी कक्षाओं की पढ़ाई लिखाई शुरू हो गई है बच्चों की कम उपस्थिति चिंता का विषय है पढ़ाई शुरू होने के दौरान किसी भी स्कूल काॅलेज में छात्र-छात्राओं को कोरोनावायरस से संक्रमित होने के मामले नहीं मिले,कोरोना महामारी लगभग नियंत्रित होने के बावजूद मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अभी तक कक्षा-नर्सरी, एलकेजी,यूकेजी,और कक्षा-1 से पांच की पढ़ाई लिखाई शुरू नहीं करके झारखंड राज्य के प्राइमरी शिक्षा को लगभग चौपट कर दिया है।
श्री राम प्रकाश तिवारी ने कहा है कि झारखण्ड  सरकार के कैबिनेट वित्तमंत्री श्री रामेश्वर उरांव सार्वजनिक रूप से बयान देते रहते हैं की कक्षा-नर्सरी से पांच की पढ़ाई दशहरा पूजा के बाद शुरू करेंगी लेकिन आजतक पढ़ाई शुरू नहीं हुआ, हेमंत सरकार के वरिष्ठ वित्तमंत्री श्री रामेश्वर उरांव आजकल शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में अधिक शामिल होकर मात्र अखबारों में बयानबाजी करके प्राइवेट स्कूलों को राजनीतिक मोहरा बना रहे है कैबिनेट की विभिन्न बैठकों में कांग्रेस के चारो कैबिनेट मंत्री श्री रामेश्वर उरांव, कैबिनेट मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, कैबिनेट मंत्री श्री बादल पत्रलेख, कैबिनेट मंत्री श्री आलमगीर आलम प्राइमरी कक्षा नर्सरी से पांच की पढ़ाई लिखाई शुरू करने हेतु आवाज नहीं उठाया और न ही मुख्यमंत्री पर दबाव डाला लेकिन पढ़ाई-लिखाई जल्द शुरू करने का बयान देकर खानापूर्ति कर रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष श्री रामप्रकाश तिवारी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि प्राइमरी कक्षा नर्सरी से पांच एवं कक्षा-6 से 12 में पढ़ने वाले लाखों बच्चे मोबाइल गेम खेलते हैं झारखण्ड  सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर छोटे बच्चों बच्चियो को मोबाइल के गंदे आदत लगा दिया है अब अपने बच्चों के बीस माह से लगातार बंद स्कूली पढ़ाई लिखाई के नुक़सान से बच्चो के भविष्य को लेकर अभिभावक लोग चिंतित है और प्राइमरी प्ले स्कूलो को बंद रखने के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के अड़ियल रूख से जन आक्रोश भड़क रहा है।तीन से पांच वर्ष के बच्चे कभी स्कूल नहीं गए,आज अशिक्षित बनके प्राथमिक शिक्षा से वंचित लाखो बच्चे अपने घर के गली मोहल्ले में खेल-कूद रहे है सबसे बुरा हाल ग्रामीण बच्चों का है जो बकरी,भैड़ चढ़ाते दिखाई देते हैं सरकारी स्कूलों के साथ प्राइवेट स्कूलों के बच्चे पढ़ाई लिखाई से पिछड़ गए है,सबसे बुरा हाल प्राइवेट शिक्षकों, कर्मचारियों का है बीस माह तक सभी छोटे मध्यम प्ले प्राइमरी स्कूल बंद रहने से आज हजारो शिक्षक, कर्मचारी दाने दाने के मोहताज हो गए हैं भूखमरी के कगार पर है विडंबना है आज प्राइवेट शिक्षक शिक्षिका अंडा,सब्जी का दुकान लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए मजबूर हैं। उन्ह प्राइवेट शिक्षकों को हर जिला में सम्मानित करने का कार्य करने के लिए कैबिनेट मंत्री श्री रामेश्वर उरांव बहुत फुर्सत में दिखाई दे रहे हैं उन्हें राज्य के लाखों गरीब बच्चों बच्चियो के भविष्य की चिंता नहीं है अब राजनीति की हदें पार हो गई है सरकारी शिक्षकों के खिलाफ बयान देने वाले कैबिनेट वित्तमंत्री श्री रामेश्वर उरांव अब पासवा के बैनर तले सरकारी शिक्षकों को सम्मानित करने का भी कार्यक्रम के आयोजन करने वाले हैं आज शिक्षक सम्मान के पवित्र कार्य को मजाक बना दिया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष श्री रामप्रकाश तिवारी ने कहा झारखण्ड  सरकार को गरीब,मध्यम वर्ग के लाखों गरीब बच्चों की शैक्षणिक भविष्य की चिंता नहीं है आने वाले दिनों में बच्चों के भविष्य चौपट होने का खामियाजा खुद अभिभावकों को झेलना पड़ेगा।
श्री तिवारी ने झारखण्ड  सरकार से अपील करते हुए कहा है कि लाखों गरीब बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए कोविंद गाइडलाइन में कक्षा नर्सरी से पांच की स्कूली पढ़ाई लिखाई को जल्द शुरू करें।
प्रदेश अध्यक्ष श्री रामप्रकाश तिवारी ने यह प्रेस बयान जारी किया।

टीम इंडिया- सफलतापूर्वक चुनौतियों का सामना – नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

*भारत ने टीकाकरण की शुरुआत के मात्र 9 महीनों 

में टीके की 100 करोड़ खुराक का लक्ष्य हासिल कर लिया

*21 अक्टूबर, 2021 को टीके की 100 करोड़ खुराक का लक्ष्य हासिल कर लिया है

*मानवता 100 साल बाद इस तरह की वैश्विक महामारी का सामना कर रही थी

*चिंता से आश्वासन तक की यात्रा पूरी हो चुकी है

*इसे वास्तव में एक भगीरथ प्रयास मानना चाहिए,

जिसमें समाज के कई वर्ग शामिल हुए हैं

न्यू दिल्ली, भारत ने टीकाकरण की शुरुआत के मात्र 9 महीनों बाद ही 21 अक्टूबर, 2021 को टीके की 100 करोड़ खुराक का लक्ष्य हासिल कर लिया है। कोविड -19 से मुकाबला करने में यह यात्रा अद्भुत रही है, विशेषकर जब हम याद करते हैं कि 2020 की शुरुआत में परिस्थितियां कैसी थीं। मानवता 100 साल बाद इस तरह की वैश्विक महामारी का सामना कर रही थी और किसी को भी इस वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। हमें यह स्मरण होता है कि उस समय स्थिति कितनी अप्रत्याशित थी, क्योंकि हम एक अज्ञात और अदृश्य दुश्मन का मुकाबला कर रहे थे, जो तेजी से अपना रूप भी बदल रहा था।
चिंता से आश्वासन तक की यात्रा पूरी हो चुकी है और दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के फलस्वरूप हमारा देश और भी मजबूत होकर उभरा है।
इसे वास्तव में एक भगीरथ प्रयास मानना चाहिए, जिसमें समाज के कई वर्ग शामिल हुए हैं। पैमाने का अंदाजा लगाने के लिए, मान लें कि प्रत्येक टीकाकरण में एक स्वास्थ्यकर्मी को केवल 2 मिनट का समय लगता है। इस दर से, इस उपलब्धि को हासिल करने में लगभग 41 लाख मानव दिवस या लगभग 11 हजार मानव वर्ष लगे।
गति और पैमाने को प्राप्त करने तथा इसे बनाए रखने के किसी भी प्रयास के लिए, सभी हितधारकों का विश्वास महत्वपूर्ण है। इस अभियान की सफलता के कारणों में से एक, वैक्सीन तथा बाद की प्रक्रिया के प्रति लोगों का भरोसा था, जो अविश्वास और भय पैदा करने के विभिन्न प्रयासों के बावजूद कायम रहा।
हम लोगों में से कुछ ऐसे हैं, जो दैनिक जरूरतों के लिए भी विदेशी ब्रांडों पर भरोसा करते हैं। हालाँकि, जब कोविड -19 वैक्सीन जैसी महत्वपूर्ण बात सामने आयी, तो देशवासियों ने सर्वसम्मति से ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन पर भरोसा किया। यह एक महत्वपूर्ण मौलिक बदलाव है।
भारत का यह टीका अभियान इस बात का एक उदाहरण है कि अगर यहां के नागरिक और सरकार जनभागीदारी की भावना से लैस होकर एक साझा लक्ष्य के लिए मिलकर साथ आएं, तो यह देश क्या कुछ हासिल कर सकता है। जब भारत ने अपना टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया, तो 130 करोड़ भारतीयों की क्षमताओं पर संदेह करने वाले कई लोग थे। कुछ लोगों ने कहा कि भारत को 3-4 साल लगेंगे। कुछ अन्य लोगों ने कहा कि लोग टीकाकरण के लिए आगे नहीं आएंगे। कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने कहा कि टीकाकरण प्रक्रिया घोर कुप्रबंधन और अराजकता की शिकार होगी। कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि भारत सप्लाई चेन को व्यवस्थित नहीं कर पाएगा। लेकिन जनता कर्फ्यू और उसके बाद के लॉकडाउन की तरह, भारत के लोगों ने यह दिखा दिया कि अगर उन्हें भरोसेमंद साथी बनाया जाए तो परिणाम कितने शानदार हो सकते हैं।
जब हर कोई जिम्मेदारी उठा ले, तो कुछ भी असंभव नहीं है। हमारे स्वास्थ्य कर्मियों ने लोगों को टीका लगाने के लिए कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में पहाडिय़ों और नदियों को पार किया। हमारे युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कर्मियों, सामाजिक एवं धार्मिक नेताओं को इस बात का श्रेय जाता है कि टीका लेने के मामले में भारत को विकसित देशों की तुलना में बेहद कम हिचकिचाहट का सामना करना पड़ा है।
अलग-अलग हितों से संबद्ध विभिन्न समूहों की ओर से टीकाकरण की प्रक्रिया में उन्हें प्राथमिकता देने का काफी दबाव था। लेकिन सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि हमारी अन्य योजनाओं की तरह ही टीकाकरण अभियान में भी कोई वीआईपी संस्कृति नहीं होगी।
वर्ष 2020 की शुरुआत में जब दुनिया भर में कोविड -19 फैल रहा था, तो हमारे सामने यह बिल्कुल स्पष्ट था कि इस महामारी से अंतत: टीकों की मदद से ही लडऩा होगा। हमने जल्दी तैयारी शुरू कर दी। हमने विशेषज्ञ समूहों का गठन किया और अप्रैल 2020 से ही एक रोडमैप तैयार करना शुरू कर दिया।
आज तक केवल कुछ चुनिंदा देशों ने ही अपने स्वयं के टीके विकसित किए हैं। 180 से भी अधिक देश टीकों के लिए जिन उत्पादकों पर निर्भर हैं वे बेहद सीमित संख्या में हैं। यही नहीं, जहां एक ओर भारत ने 100 करोड़ खुराक का अविश्वसनीय या जादुई आंकड़ा सफलतापूर्वक पार कर लिया है, वहीं दूसरी ओर दर्जनों देश अब भी अपने यहां टीकों की आपूर्ति की बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं! जरा कल्पना कीजिए कि यदि भारत के पास अपना टीका नहीं होता तो क्या होता। भारत अपनी इतनी विशाल आबादी के लिए पर्याप्त संख्या में टीके कैसे हासिल करता और इसमें आखिरकार कितने साल लग जाते? इसका श्रेय निश्चित रूप से भारतीय वैज्ञानिकों और उद्यमियों को दिया जाना चाहिए जिन्होंने इस बेहद कठिन चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने में अपनी ओर से कोई भी कसर नहीं छोड़ी। उनकी उत्कृष्ट प्रतिभा और कड़ी मेहनत की बदौलत ही भारत टीकों के मामले में वास्तव में ‘आत्मनिर्भरÓ बन गया है। इतनी बड़ी आबादी के लिए टीकों की व्यापक मांग को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए हमारे टीका निर्माताओं ने अपना उत्पादन स्तर वृहद रूप से बढ़ाकर यह साबित कर दिया है कि वे किसी से भी कम नहीं हैं।
एक ऐसे राष्ट्र में जहां सरकारों को देश की प्रगति में बाधक माना जाता था, हमारी सरकार इसके बजाय बड़ी तेजी से देश की प्रगति सुनिश्चित करने में सदैव अत्यंत मददगार रही है। हमारी सरकार ने पहले दिन से ही टीका निर्माताओं के साथ सहभागिता की और उन्हें संस्थागत सहायता, वैज्ञानिक अनुसंधान एवं आवश्यक धनराशि मुहैया कराने के साथ-साथ नियामकीय प्रक्रियाओं को काफी तेज करने के रूप में भी हरसंभव सहयोग दिया। ‘संपूर्ण सरकारÓ के हमारे दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप सरकार के सभी मंत्रालय वैक्सीन निर्माताओं की सहूलियत और किसी भी तरह की अड़चन को दूर करने के लिए एकजुट हो गए।
भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में सिर्फ उत्पादन करना ही काफी नहीं है। इसके लिए अंतिम व्यक्ति तक को टीका लगाने और निर्बाध लॉजिस्टिक्स पर भी फोकस होना चाहिए। इसमें निहित चुनौतियों को समझने के लिए जरा इसकी कल्पना करें कि टीके की एक शीशी को आखिरकार कैसे मंजिल तक पहुंचाया जाता है। पुणे या हैदराबाद स्थित किसी दवा संयंत्र से निकली शीशी को किसी भी राज्य के हब में भेजा जाता है, जहां से इसे जिला हब तक पहुंचाया जाता है। फिर वहां से इसे टीकाकरण केंद्र पहुंचाया जाता है। इसमें विमानों की उड़ानों और ट्रेनों के जरिए हजारों यात्राएं सुनिश्चित करनी पड़ती हैं। टीकों को सुरक्षित रखने के लिए इस पूरी यात्रा के दौरान तापमान को एक खास रेंज में बनाए रखना होता है, जिसकी निगरानी केंद्रीय रूप से की जाती है। इसके लिए 1 लाख से भी अधिक शीत-श्रृंखला (कोल्ड-चेन) उपकरणों का उपयोग किया गया। राज्यों को टीकों के वितरण कार्यक्रम की अग्रिम सूचना दी गई थी, ताकि वे अपने अभियान की बेहतर योजना बना सकें और टीके पूर्व-निर्धारित तिथि को ही उन तक सफलतापूर्वक पहुंच सकें। अत: स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह निश्चित रूप से एक अभूतपूर्व प्रयास रहा है।
इन सभी प्रयासों को कोविन के एक मजबूत तकनीकी मंच से जबर्दस्त मदद मिली। इसने यह सुनिश्चित किया कि टीकाकरण अभियान न्यायसंगत, मापनीय, ट्रैक करने योग्य और पारदर्शी बना रहे। इसने सुनिश्चित किया कि टीकाकरण के काम में कोई पक्षपात या बिना पंक्ति के टीका लगवाने की कोई गुंजाइश ना हो। इसने यह भी सुनिश्चित किया कि एक गरीब मजदूर अपने गांव में पहली खुराक ले सकता है और उसी टीके की दूसरी खुराक तय समय अंतराल पर उस शहर में ले सकता है जहां वह काम करता है। टीकाकरण के काम में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए रियल-टाइम डैशबोर्ड के अलावा, क्यूआर-कोड वाले प्रमाणपत्रों ने सत्यापन को सुनिश्चित किया। इस तरह के प्रयासों का न केवल भारत में बल्कि दुनिया में भी शायद ही कोई उदाहरण मिले।
2015 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में मैंने कहा था कि हमारा देश ‘टीम इंडिया’ की वजह से आगे बढ़ रहा है और यह ‘टीम इंडिया’ हमारे 130 करोड़ लोगों की एक बड़ी टीम है। जनभागीदारी लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। यदि हम 130 करोड़ भारतीयों की भागीदारी से देश चलाएंगे तो हमारा देश हर पल 130 करोड़ कदम आगे बढ़ेगा। हमारे टीकाकरण अभियान ने एक बार फिर इस ‘टीम इंडिया’ की ताकत दिखाई है। टीकाकरण अभियान में भारत की सफलता ने पूरी दुनिया को यह भी दिखाया है कि ‘लोकतंत्र हर उपलब्धि हासिल कर सकता है’।
मुझे उम्मीद है कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में मिली सफलता हमारे युवाओं, हमारे शोधकर्ताओं और सरकार के सभी स्तरों को सार्वजनिक सेवा वितरण के नए मानक स्थापित करने के लिए प्रेरित करेगी जो न केवल हमारे देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी एक मॉडल होगा

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श्री हेमन्त सोरेन ने 11वीं राष्ट्रीय महिला जूनियर हॉकी प्रतियोगिता 2021 का शुभारंभ किया

*मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने सिमडेगा में 11वीं राष्ट्रीय महिला जूनियर हॉकी प्रतियोगिता 2021

का शुभारंभ एवं अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम का शिलान्यास किया

*27 करोड से अधिक की लागत से 25 योजनाओं का शिलान्यास 

32 करोड़ से अधिक की लागत 35  योजनाओं का उद्घाटन हुआ है

*28 करोड़ से अधिक की राशि की कुल 6 योजनाओं के जरिये 990 लाभुकों को लाभान्वित किया गया

एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के स्वावलंबन हेतु बकरी, मुर्गी, सुकर पालन हेतु आर्थिक सहायता दी गई।

क्रेडिट लिंकेज से लाभान्वित हुईं एसएचजी की महिलाएं

*कुल 101.590 करोड़ की विकासशील एवं कल्याणकारी योजनाओं

उद्घाटन और शिलान्यास एवं परिसंपत्तियों का वितरण

*मुख्यमंत्री ने सांकेतिक तौर पर 12 युवक एवं युवतियों को नियुक्ति पत्र सौंपा, कुल 79 युवाओं को मिला नियुक्ति पत्र

सिमडेगा के लिये अविस्मरणीय दिन है। सिमडेगा में पुनः राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। एक ओर 11वीं राष्ट्रीय महिला जूनियर हॉकी प्रतियोगिता 2021 का शुभारंभ हो रहा है। वहीं दूसरी ओर, बड़े पैमाने पर सिमडेगा में विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास,उद्घाटन एवं युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा गया। हॉकी को उसकी पराकाष्ठा और खिलाड़ियों को उम्दा संसाधन उपलब्ध कराने के

उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी स्टेडियम के निर्माण की आधारशिला रखी गई। यह सुखद क्षण है। यहां आयोजित प्रतियोगिता की गूंज दूर तलक जाएगी। ये बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री सिमडेगा के एस एस बालिका उच्च विद्यालय परिसर में 11वीं राष्ट्रीय महिला जूनियर हॉकी प्रतियोगिता 2021 के शुभारंभ एवं अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के शिलान्यास और परिसंपत्तियों के वितरण समारोह में बोल रहे थे।

खिलाड़ियों को मिल रहा है सम्मान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकार अपना अंग बनाकर सीधी नियुक्ति दे रही है। झारखण्ड के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के संकल्प के साथ निरंतर कार्य किया जा रहा है। आज उसके तहत 79 नवयुवकों व नवयुवतियों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया।

जहां भी है संभावना, वहां सरकार बढ़ावा देगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सब जूनियर टूर्नामेंट का आयोजन कुछ माह पूर्व ही सम्पन्न हुआ। पुनः राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। राज्य के लिए यह सौभाग्य की बात है कि यहां देश भर से हॉकी खिलाड़ी आये हैं। देश की बच्चियां जो देश-विदेश में अपना जौहर दिखाती हैं। आज वे सिमडेगा की भूमि पर आईं हैं। झारखण्ड के खिलाड़ियों को बहुत कुछ सीखने का अवसर मिलेगा। खेल एक ऐसा कार्यक्रम है जहां सौहार्द और प्रेम का सम्प्रेषण होता है। झारखण्ड सिर्फ खनिज के लिए ही नहीं बल्कि खेल के लिए भी जाना जाएगा। सरकार का संकल्प है कि खेल में जहां की संभावना है वहां सरकार खेल को बढ़ावा देगी।

खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति मिली

सिमडेगा विधायक श्री भूषण बाड़ा ने कहा कि आज का काफी अहम है। आज यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी स्टेडियम का शिलान्यास हुआ है। राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों को सम्मान देने का कार्य कर रही है। सरकार ने 39 खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति दी है। राज्य भर में खेल के मैदान का निर्माण पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर किया जा रहा है।

खेल सामुहिक एकता को प्रतिविम्बित करता है

कोलेबिरा विधायक श्री नमन विक्सल कोंगाडी ने कहा कि खेल हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। खेल सामुहिक एकता को प्रतिविम्बित करता है। यह रोजगार पाने का बड़ा साधन है। यही वजह है कि राज्य सरकार खेल के विकास को लेकर कार्य कर रही है। खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा प्रदान करने की कोशिश की जा रही है।

 खिलाड़ियों से मिले मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने 11वीं राष्ट्रीय महिला जूनियर हॉकी प्रतियोगिता 2021 में भाग ले रहीं सभी टीमों के खिलाड़ियों से मिलकर उन्हें शुभकामनाएं दीं और प्रतियोगिता के शुभारंभ की घोषणा की। इस प्रतियोगिता में देश भर की 26 टीमें भाग ले रहीं हैं।

इस अवसर पर सिमडेगा विधायक श्री भूषण बाड़ा, कोलेबिरा विधायक श्री नमन विक्सल कोंगाडी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे, सचिव पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग श्री अमिताभ कौशल, उपायुक्त सिमडेगा श्री सुशांत गौरव, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष श्री ज्यान्द्रों दियोंगम, अध्यक्ष हॉकी झारखण्ड के अध्यक्ष श्री भोलानाथ सिंह, खिलाड़ी एवं अन्य उपस्थित थे।

 

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मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से श्री राजीव लोचन बख्शी ने शिष्टाचार भेंट की

रांची, मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, झारखण्ड रांची के पद पर नवनियुक्त निदेशक श्री राजीव लोचन बख्शी ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से श्री राजीव लोचन बख्शी की यह  शिष्टाचार भेंट थी. ज्ञातव्य  है कि श्री राजीव लोचन बक्शी पुनः सुचना एवं जनसंपर्क विभाग झारखण्ड  का निदेशक बनाया गया है। इसके पहले वे मुख्य. वन संरक्षक-सह-परियोजना निदेशक, परियोजना समन्वय ईकाई, झारखण्ड सहभागी वन प्रबन्धन परियोजना, रॉची व सेवा वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखण्ड, राँची  के पद पर पदस्थापित थे।

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श्री राजीव लोचन बक्शी पुनः सुचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक बने

रांची, श्री राजीव लोचन बक्शी पुनः सुचना एवं जनसंपर्क विभाग झारखण्ड  का निदेशक बनाया गया है। इसके पहले वे मुख्य. वन संरक्षक-सह-परियोजना निदेशक, परियोजना समन्वय ईकाई, झारखण्ड सहभागी वन प्रबन्धन परियोजना, रॉची व सेवा वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखण्ड, राँची  के पद पर पदस्थापित थे।

 

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