स्ट्रॉबेरी के इस्तेमाल से बनाएं ये 5 स्वादिष्ट पेय

*जानें इनकी आसान रेसिपी*

06.03.2023 – (एजेंसी)  –  खट्टे-मीठे स्वाद से भरपूर स्ट्रॉबेरी आवश्यक पोषक तत्वों और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होती हैं। इस सुपरफूड में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और कई विटामिन्स भी होते हैं। यह किडनी, हृदय और आंखों के लिए भी बहुत अच्छे हैं। इस वजह से इसे डाइट में शामिल करना अच्छा है।

आइए आज हम आपको 5 ऐसे पेय की रेसिपी बताते हैं, जिनके जरिए आप स्ट्रॉबेरी को आसानी से अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।

स्ट्रॉबेरी मिल्कशेकसबसे क्लासिक और पौष्टिक पेय में से एक स्ट्रॉबेरी मिल्कशेक स्वाद में खट्टा और मीठा होने के साथ मलाईदार भी होता है। इसे बनाने के लिए चीनी और ताजा स्ट्रॉबेरी को थोड़े से दूध के साथ मिक्सर में ब्लेंड करें। अब इसमें हैवी क्रीम दूध और स्ट्रॉबेरी आइसक्रीम डालकर दोबारा ब्लेंड करने के बाद सर्व करें। आप चाहें तो इस मिल्कशेक में कुछ बर्फ के टुकड़े भी डाल सकते हैं।

स्ट्रॉबेरी और तुलसी का सोडागर्मी का मौसम लगभग आ गया है और ऐसे में कुछ रिफ्रेशिंग पीने की इच्छा सबसे ज्यादा रहती है। स्ट्रॉबेरी और तुलसी का सोडा आपको भरपूर ऊर्जा देने के साथ सक्रिय रखने में भी मदद कर सकता है। इसे बनाने के लिए स्ट्रॉबेरी, शहद, तुलसी के पत्ते, संतरे का जूस और बाल्समिक सिरका मिलाकर ब्लेंड करें। अब इसमें सोडा पानी और बर्फ मिलाकर मेहमानों को सर्व करें।

स्ट्रॉबेरी लस्सी ताजा स्ट्रॉबेरी और दही से बनने वाला यह पेय गर्मियों के लिए सबसे अच्छा है, जो पाचन के साथ-साथ पूरे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकता है। इसे बनाने के लिए एक मिक्सर में चीनी, पानी और दही डालकर अच्छे से ब्लेंड करें। इसके बाद इसे एक लंबे गिलास में स्ट्रॉबेरी प्यूरी और कुछ बर्फ के टुकड़ों के साथ डालें और अच्छी तरह मिलाएं। अंत में इस पर स्ट्रॉबेरी के टुकड़े डालकर इसे ठंडा-ठंडा परोसें।

स्ट्रॉबेरी और कोको पाउडर की स्मूदीअगर आप चॉकलेट और स्ट्रॉबेरी के शौकीन हैं तो यह स्मूदी आपके लिए एकदम सही है। विटामिन-ष्ट और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर स्ट्रॉबेरी मुक्त कणों से लड़ती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है। इसी तरह कोको पाउडर आयरन, जिंक और सेलेनियम ये युक्त होता है, जो तनाव दूर कर सकता है। स्मूदी बनाने के लिए फ्रोजन स्ट्रॉबेरी, बादाम का दूध, बादाम का मक्खन, कोको पाउडर और शहद को ब्लेंड करें और फिर इसे गिलास में डालकर पीएं।

स्ट्रॉबेरी मेलन फिज़ स्ट्रॉबेरी और खरबूजे के गुणों से बना यह पेय पार्टियों और गेट-टुगेदर में परोसने के लिए एकदम बेहतरीन विकल्प है। इसे बनाने के लिए एक सॉस पैन में चीनी, पानी और पुदीने की पत्तियां उबालकर उन्हें ठंडा होने के लिए छोड़ दें। अब स्ट्रॉबेरी और खरबूजे को साथ में ब्लेंड करें और इसे एक गिलास में पुदीने वाला मिश्रण और जिंजर एले के साथ डालकर सर्व करें।

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पेट की अतिरिक्त चर्बी कम करने में कारगर साबित हो सकती हैं ये 5 एक्सरसाइज

06.03.2023 (एजेंसी)  –  फिटनेस विशेषज्ञों के मुताबिक, पेट की चर्बी वाले लोगों को हृदय रोग, मधुमेह, स्ट्रोक और कैंसर की चपेट में आने का अधिक खतरा रहता है। इस अतिरिक्त चर्बी से छुटकारा पाना आसान नहीं है। हालांकि, एक्सरसाइज और अपनी जीवनशैली में बदलाव कर इसको कम जरूर किया जा सकता है।

आइए आज हम आपको पेट की चर्बी कम करने वाली 5 प्रभावी एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं।

लेग रेजइस एक्सरसाइज के लिए एक मैट पर सीधे लेट जाएं। इस दौरान दोनों हाथों को सीधा फर्श से चिपका के रखें और इसमें हथेली नीचे के तरफ जमीन से चिपकी हुई होनी चाहिए। अब सांसों को सामान्य रखते हुए दोनों पैरों को इस तरह ऊपर की ओर सीधा करें कि शरीर से 90 डिग्री का कोण बन जाएं। दोनों पैरों को इस स्थिति में 15 से 20 सेकंड के लिए रोक कर रखें और फिर प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।

एब्डॉमिनल क्रंचसबसे पहले एक्सरसाइज मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए तलवों को फर्श पर रखें। इसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाएं और उन्हें सिर के पीछे के हिस्से पर रखें। इस दौरान गर्दन को सीधा रखें और फिर सांस छोड़ते हुए अपने कंधों को फर्श से थोड़ा ऊपर उठाएं। अब सांस लेते हुए सिर और कंधों को नीचे फर्श पर रखें। ऐसा 15-20 बार करें।

सिट अप्ससिट अप्स के लिए सबसे पहले एक्सरसाइज मैट पर सीधे लेट जाएं। अब दोनों हाथों को सीधा फर्श पर रखें और दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर जमीन पर रखें। इसके बाद दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर सिर के पीछे रख लें और सांस छोड़ते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाकर घुटनों के करीब लाएं। अब सांस लेते हुए फिर से लेट जाएं। इस तरह से 10’2 रेप्स करें।

रशियन ट्विस्टसबसे पहले एक्सरसाइज मैट पर बैठकर पैरों को सामने की ओर खोले और शरीर को सिट-अप की मुद्रा में लाएं। अब पैरों को जमीन से लगभग 6 इंच ऊपर उठाएं और घुटने मोड़ें। इसके बाद पेट के सामने दोनों हाथों से मेडिसिन बॉल रखें और अपनी कोहनियों को मोड़ें। पीठ को सीधा रखते हुए मेडिसिन बॉल पकड़कर सबसे पहले बाईं ओर लाएं और फिर से दाईं ओर ले जाएं। इस तरह से एक रेप्स होगा। ऐसे ही 15-20 रेप्स करें।

बर्पी सबसे पहले पैरों को समांतर रूप से एक फीट की दूरी पर खोलकर खड़े हो जाएं। अब स्क्वाट करें और हाथों को फर्श पर रखें। इसके बाद कूदते हुए पैरों को प्लैंक की मुद्रा में लाएं और पुश-अप करें। फिर दोनों पैरों को उछालते हुए अपने हाथों के पास लाएं और फिर ऊपर की ओर उछलते हुए सीधे खड़े हो जाएं। अंत में दोनों हाथों को ऊपर की ओर सीधा करते हुए दोबारा कूदें और प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।

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होली खेलने के लिए घर पर इस तरह बनाएं रंग

*त्वचा संबंधित समस्याओं से रहेंगे दू*

05.03.2023 (एजेंसी)  –  होली रंगों का त्योहार है और इस साल यह 8 मार्च को मनाई जाएगी। हर इंसान को होली का बेसब्री से इंतेजार होता है, क्योंकि इसमें रंगों से खेलने का मजा भी अलग होता है। हालांकि, बाजारों में मिलने वाले रसायन युक्त रंगों से त्वचा संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इस कारण इनकी जगह घर पर प्राकृतिक रंग बनाना एक बढिय़ा विकल्प है।

आइए आज हम आपको होली खेलने के लिए 6 रंग बनाने के कुछ तरीके बताते हैं।

होली के लिए इस तरह बनाए लाल रंग तरीका 1: सबसे पहले लाल गुलाब की पंखुडिय़ों को अच्छे से धूप में सुखा लें। इसके बाद सभी पंखुडिय़ों को मिक्सर में डालकर पाउडर बना लें। इसके लिए आप गुलाब की पंखुडिय़ों की जगह लाल गुड़हल की पंखुडिय़ां भी चुन सकते हैं।

तरीका 2: पानी आधारित प्राकृतिक लाल रंग तैयार करने के लिए लाल रंग की गुलाब की पंखुडिय़ों या अनार के छिलकों को पानी में लाल होने तक अच्छे से उबालें। इसके बाद पानी को छान लें।

होली के लिए पीला रंग बनाने का तरीका तरीका 1: सबसे पहले बेसन और हल्दी को 1:2 के अनुपात में मिलाएं। इस मिश्रण को समान रूप से मिलाने के लिए दोनों हथेलियों से रगड़ें। इसका बारीक पाउडर बनाने के लिए इस मिश्रण को 2-3 बार छान लें। तरीका 2: यदि आप पानी आधारित पीला रंग बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए पानी में कुछ गेंदे के फूलों को उबालें या पानी में हल्दी मिलाएं।

इस तरह बनाए नीला रंगहोली खेलने के लिए नीला रंग बनाने के लिए जकरांदा के फूलों (नील गुलमोहर) या नीले मटर के फूल की कुछ पंखुडिय़ों को सुखा लें। जब सभी पंखुडिय़ां अच्छे से सूख जाएं, तो उन्हें पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर में आप आटा भी मिला सकते हैं। जकरांदा का फूल गर्मी के मौसम में खिलता है और आसानी से मिल जाता है।इससे तैयार मिश्रण त्वचा को नमी देने का काम करेगा।

इन तरीकों से बनाए हरा रंग तरीका 1: हरा रंग बनाने के लिए मेंहदी पाउडर और आटे को बराबर मात्रा में मिलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि आप जिस मेंहदी पाउडर का इस्तेमाल कर रहे हैं वह रासायनिक के बजाय प्राकृतिक हो। तरीका 2: यदि आप पानी आधारित हरा रंग बनाना चाहते हैं तो इसके लिए पानी में कुछ ताजे पुदीने के पत्ते डालकर अच्छे से उबालें।जब यह पानी ठंडा हो जाए तो होली खेलने के लिए इसका इस्तेमाल करें।

नारंगी रंग बनाने के लिए अपनाएं ये तरीकेतरीका 1: होली के लिए नारंगी रंग बनाने के लिए टेसू के फूल की कुछ पंखुडिय़ां लें और उन्हें सुखा लें। पंखुडिय़ों के पूरी तरह से सूख जाने और करारे होने पर उन्हें पीसकर बारीक पाउडर बना लें।तरीका 2: टेसू के फूलों की जगह आप संतरे के कुछ छिलके भी सुखा सकते हैं और फिर उन्हें मकई के आटे और हल्दी के साथ पीसकर पाउडर बना लें। पाउडर को चिकना करने के लिए 2-3 बार छान लें।

घर पर इस तरह बनाए गुलाबी रंगगुलाबी रंग बनाने के लिए 2 चुकंदर को कद्दूकस करके 1 कप पानी में मिला लें। अब इसे छान लें और फिर इसमें 1 बड़ी चम्मच गुलाब जल मिलाएं। इसके बाद छाने हुए पानी में टेलकम पाउडर या 3 कप मकई का आटा डालकर अच्छे से मिलाएं ताकि इसमें कोई गांठ न रह जाए। जब यह अच्छे से मिल जाए तो इसे धूप में सूखने के लिए रख दें और फिर से अच्छी तरह मिलाकर इस्तेमाल करें।

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घर में ह्यूमिडिफायर क्यों रखना चाहिए?

*जानिए इसके इस्तेमाल से होने वाले 5 फायदे*

04.03.2023 (एजेंसी) – बहुत से लोग अपने घरों में ह्यूमिडिफायर नामक हवा साफ करने वाला उपकरण रखते हैं। इससे आस-पास की हवा में मौजूद प्रदूषण और हानिकारक गैसों के तत्वों को आसानी से खत्म किया जा सकता है। इसकी मदद से हवा में नमी बढ़ती है और घर का वातावरण साफ और सुरक्षित रहता है।

आइए आज ह्यूमिडिफायर के इस्तेमाल से होने वाले 5 प्रमुख फायदे जानते हैं।

त्वचा और बालों के लिए अच्छा है ह्यूमिडिफायर बहुत से लोग त्वचा और स्कैल्प में जलन जैसी ड्राइनेस से जुड़ी कई समस्याओं का अनुभव करते हैं। इससे राहत पाने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह उपकरण घर के अंदर की हवा में नमी बढ़ाता है, जो बेहद ड्राई मौसम की स्थिति के कारण खो जाती है। इसके अलावा इससे त्वचा और बालों में नमी वापस आती है, वे मुलायम होते हैं और किसी भी तरह की परेशानी से मुक्त हो जाते हैं। गले की खराश और खांसी से राहत दिलाने में है सहायक कुछ लोगों को ड्राई हवा की वजह से गले में खराश हो जाती है। यह असुविधाजनक और दर्दनाक हो सकता है। इसके अलावा जब सर्दी-जुकाम के कारण आप मुंह से सांस लेते हैं, तब गला भी ड्राई हो जाता है।

हालांकि, ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करके इस स्थिति से बचा सकता है क्योंकि यह हवा को नम करता है। यह खांसी से भी छुटकारा दिला सकता है और यह श्वसन की मांसपेशियों को शांत करता है। साइनस से राहत दिलाने में है मददगार साइनस नाक से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें बंद नाक, सिर में दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं। हालांकि, इसके लक्षणों को कम करने या राहत पाने के लिए ह्यूमिडिफायर मदद कर सकता है।

इस उपकरण के इस्तेमाल से बंद नाक को खोलने में मदद मिलती है और यह हवा में नमी बढ़ाकर अतिरिक्त बलगम के वोकल कॉर्ड को साफ करने में मदद कर सकता है। एलर्जी को कम करने में है कारगर एलर्जी और उसके असुविधाजनक लक्षणों को कम करने के सबसे बढिय़ा तरीकों में से एक नम हवा में सांस लेना है। ह्यूमिडिफायर ड्राई हवा के कारण होने वाले ऊतकों की सूजन को कम कर सकता है, जिससे जलन और एलर्जी से राहत मिलती है।

हालांकि, इसका इस्तेमाल करने से पहले यह जरूर ध्यान दें कि उपकरण पूरी तरह से साफ है और उसमें बिल्कुल भी धूल न हो। नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में है सहायक घर के अंदर या कमरे में हवा ड्राई होती है तो अक्सर सोने में कठिनाई होती है।

इससे नींद की कमी या अनिद्रा की समस्या हो सकती है। इस मामले में ह्यूमिडिफायर काफी मदद कर सकता है। इसके अलावा यह अक्सर सीपीएपी मशीनों में भी इस्तेमाल किया जाता है।

इसकी वजह से स्लीप एपनिया वाले रोगियों को आराम से सोने में मदद मिलती है।

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आंखों के नीचे की सूजन को दूर करने के लिए अपनाएं ये 5 घरेलू नुस्खे

04.03.2023 (एजेंसी) – आंखों के आस-पास के ऊतक विशेष रूप से पलकों को सहारा देने वाली मांसपेशियां जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं, वे लचीलापन खोती जाती हैं और थकान के साथ-साथ अनिद्रा इसे प्रभावित कर सकती है। इसके कारण आंखों के नीचे सूजन आने की संभावना बढ़ जाती है और इससे पूरे चेहरे का निखार फीका पड़ सकता है।

आइए आज हम आपको इस समस्या से छुटकारा दिलाने वाले घरेलू नुस्खे बताते हैं।

टी बैग्स का करें इस्तेमाल टी बैग्स लगाने से आंखों के नीचे सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि टी बैग्स ग्रीन हो या ब्लैक। इसमें मौजूद कैफीन सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। लाभ के लिए दो टी बैग्स को गुनगुने पानी में करीब 5 मिनट के लिए भिगो दें, फिर टी बैग्स को अपनी बंद आंखों पर रखें और इन्हें एक मुलायम कपड़े से ढककर लगभग आधे घंटे के लिए छोड़ दें।

खीरा भी है बेहतर विकल्पखीरे का इस्तेमाल करके भी आप आंखों से जुड़ी कई समस्याओं से राहत पा सकते हैं और इसमें आंखों के नीचे की सूजन को ठीक किया जा सकता है। आंखों की सूजन से राहत पाने के लिए 2 से 3 मिनट के लिए खीरे की 2 मोटी स्लाइस को ठंडे पानी में भिगोएं और फिर इसे 10 मिनट के लिए अपनी बंद आंखों पर रखें। इससे न सिर्फ आंखों को ठंडक मिलेगी बल्कि सूजन भी धीरे-धीरे कम होने लगेगी।

एसेंशियल ऑयल्स भी हैं प्रभावीलैवेंडर के तेल का नसों पर शांत और सुखदायक प्रभाव पड़ता है, जबकि नींबू का तेल तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है और कैमोमाइल तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-इरिटेंट गुण होते हैं। ये गुण आंखों के नीचे की सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। लाभ के लिए एसेंशियल्स तेल को मिलाएं और उन्हें पानी में अच्छी तरह मिला लें, फिर सोने से पहले मिश्रण से आंखों के नीचे हल्के हाथ से मालिश करें।

अनानास और हल्दी का आई मास्क लगाएंजब आपको आंखों के निचले हिस्से पर सूजन का अहसास हो तो उसे कम करने के लिए आप अनानास और हल्दी के आई मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक कटोरी में 4 बड़ी चम्मच अनानास का रस और 1 चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं और इस मिश्रण को आंखों के निचले भाग पर लगाकर 25 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। इसके बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।

गुलाब जल और एलोवेरा जेल का मिश्रण लगाएंयह आंखों की खूबसूरती बढ़ाने में काफी मदद कर सकता है। इसके लिए सबसे पहले एक कटोरी में 1 छोटी चम्मच गुलाब जल, 1 बड़ी चम्मच एलोवेरा जेल और आधी छोटी चम्मच शहद मिलाएं। अब इस मिश्रण में कॉटन पैड्स को डुबोकर आंखों के नीचे लगा लें और 20 मिनट बाद ही हटाएं। इसके बाद आप आंखों को ठंडे पानी से धोकर तौलिये से सुखा लें।

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घर पर खुशबूदार परफ्यूम बनाने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके, आसान है प्रक्रिया

03.03.2023 (अगेन्क्य)- परफ्यूम रोजाना इस्तेमाल करने वाले जरूरी उत्पादों में से एक है। इसे लगाने से मूड अच्छा रहता है और इसकी महक से आप दिन भर तरोताजा महसूस कर सकते हैं। कुछ लोग तो परफ्यूम के इतने शौकीन होते हैं कि महंगे से महंगे परफ्यूम खरीद लेते हैं। हालांकि, ऐसा हर कोई नहीं कर सकता है।

ऐसे में घर पर ही परफ्यूम बनाना एक बढिय़ा विकल्प है। आइए आज 5 खुशबूदार परफ्यूम बनाने के तरीके जानते हैं।

फूलों का परफ्यूम सबसे पहले फूलों की पंखुडिय़ों को धोकर रात भर कपड़े में रखकर पानी में भिगोकर रखें। अब एक पैन पर फूलों की थैली को अच्छे से निचोड़ें। इसके बाद इस पानी को आधा होने तक धीमी आंच पर उबालें।अब इस फूल वाले पानी में ठंडा पानी डालें और फिर इसे बोतल में स्टोर कर लें। इसे सेट होने के लिए रातभर के लिए रख दें। अब आपका फूलों वाला परफ्यूम तैयार है।

साइट्रस परफ्यूम इस परफ्यूम को बनाने के लिए एक कटोरे में जोजोबा ऑयल और अल्कोहल डालें। अब इसमें 10 बूंदें अंगूर, 10 बूंदें संतरे के रस और 5 बूंदें लैवेंडर ऑयल की डाल दें। इसके बाद इसमें उबला हुआ पानी मिलाएं। इन सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलाने के बाद एक कांच की बोतल में डाल दें। करीब 48 घंटे तक इसे सेट होने के लिए रखें और फिर इस्तेमाल करें।

वैनिला बीन परफ्यूम बनाने का तरीका सबसे पहले वैनिला बीन पाउडर को उसे एक बोतल में भरकर रख दें। अब इसमें सूरजमुखी का तेल डाल दें और बोतल को बंद करके दो हफ्ते तक ठंडी और अंधेरे वाली जगह पर रखें। इसके बाद एक कांच की स्प्रे बोतल में बरगामोट, सेडरवुड ऑयल और सौंफ का एसेंशियल ऑयल डालें। अब वैनिला बीन वाले मिश्रण को स्प्रे बोतल में डालकर अच्छे से मिला लें। यह परफ्यूम इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।

नारियल के तेल की मदद से बनाएं परफ्यूम इस परफ्यूम को बनाने के लिए सबसे पहले एक कांच के जार में नारियल का तेल और मोम डालें। अब एक पैन में थोड़ा सा पानी उबालें और फिर इस पर जार को रख दें। जब मोम अच्छे से पिघल जाए तो इसे गैस से उतारकर 5 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद इसमें अपना मनपसंदीदा एसेंशियल ऑयल डालकर अच्छे से मिला लें। अब यह तैयार है, इसे एक परफ्यूम बोतल में भरकर इस्तेमाल करें।

गुलाब का परफ्यूम इसे बनाने के लिए सबसे पहले गुलाब की पंखुडिय़ों को कांच के जार पर रखकर उसमें वोडका डालें। अब एक दिन के लिए इस जार को ढककर रखें। इसके बाद पंखुडिय़ों को चम्मच की मदद से कुचल दें और फिर इसमें उबला हुआ पानी और एसेंशियल ऑयल डालें। अब दोबारा इसे ढककर 1 हफ्ते के लिए छोड़ दें। इसके बाद इसे स्प्रे की बोतल में छान लें और फिर इस्तेमाल करें।

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पतली कमर चाहते हैं तो वर्कआउट में शामिल करें ये 5 ट्विस्ट एक्सरसाइज

01.03.2023  (एजेंसी)  –  कमर के आस-पास जमा अतिरिक्त चर्बी कम करने के तरीके खोज रहे हैं तो अपनी दिनचर्या में कम कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों के साथ-साथ ट्विस्ट एक्सरसाइज जरूर शामिल करें। ट्विस्ट एक्सरसाइज कमर की कैलोरी को तेजी से जलाने और कोर की मांसपेशियों को मजबूती देने में मदद कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त इनसे आकर्षक एब्स भी बन सकते हैं।

आइए आज हम आपको 5 ट्विस्ट एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं। रशियन ट्विस्टसबसे पहले जमीन पर बैठकर पैरों को सामने की ओर खोले और शरीर को सिट-अप की मुद्रा में लाएं। अब पैरों को जमीन से लगभग 6 इंच ऊपर उठाएं और घुटनों को मोड़ें। इसके बाद पेट के सामने दोनों हाथों से मेडिसिन बॉल रखें और अपनी कोहनियों को मोड़ें। पीठ को सीधा रखते हुए मेडिसिन बॉल पकड़कर सबसे पहले बाईं ओर लाएं और फिर से दाईं ओर ले जाएं। इस तरह से एक रेप्स होगा। ऐसे ही 15-20 रेप्स करें।

क्रिस क्रॉससबसे पहले पीठ के बल लेटकर पैरों को ऊपर उठाएं। अब दोनों हाथों को सिर के पीछे रखते हुए सिर और कंधों को ऊपर उठाएं। इसके बाद दाएं पैर को फैलाएं और साथ ही शरीर के ऊपरी हिस्से को बाईं ओर मोड़ते हुए प्रारंभिक स्थिति में वापस आएं। अब बाएं पैर को फैलाकर शरीर के ऊपरी हिस्से को दाईं ओर मोड़ें और बाएं कोहनी को दाएं घुटने से छूने की कोशिश करें। इसी तरह 10’2 रेप्स करने का प्रयास करें।

ट्विस्टेड नी प्लैंक इस एक्सरसाइज को करने के लिए सबसे पहले अपने शरीर को हाई प्लैंक अवस्था में रखें। अब दाहिने तरह के कूल्हे को फर्श की ओर लाएं और अब सेंटर की तरफ वापस लौट जाएं। इसके बाद दाईं कोहनी की ओर बाएं घुटने को खींचे। अब इस अवस्था में कुछ देर के लिए रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य प्लैंक की अवस्था में आ जाएं। अंत में बाई कोहनी की ओर दाएं घुटने को लाएं। इस एक्सरसाइज को 20-30 सेकंड तक दोहराएं।

रोटेटर डिस्क ट्विस्ट इसके लिए सबसे पहले रोटेटर डिस्क को जमीन पर रखें। अब उस पर पैर रखें और घुटनों को थोड़ा मोड़ते हुए हाथों की मु_ियां बनाकर उन्हें अपनी छाती के करीब लाएं। यदि आप असंतुलित महसूस कर रहे हैं तो कुर्सी या दीवार के पिछले हिस्से को पकड़ें। इसके बाद पैरों को पहले दाईं ओर फिर बाईं ओर घुमाएं। ऐसे एक रेप्स होगा। इसी तरह एक्सरसाइज के 10’5 रेप्स करें।

माउंटेन क्लाइंबरमाउंटेन क्लाइंबर एक्सरसाइज के लिए पहले जमीन पर घुटनों के बल बैठें और फिर दोनों हथेलियों को जमीन पर रखें। अब दोनों पैरों को पीछे की ओर सीधा कर लें। इसके बाद दाएं पैर के घुटने को मोड़ें और इसे छाती की ओर लाएं। इसके बाद इसे सीधा करें। जब आप दाएं पैर को सीधा करें तो बाएं पैर के घुटने को छाती की ओर लाएं। ऐसे एक रेप्स पूरा होगा और इसी तरह 15 से 20 रेप्स पूरे करें।

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डबल चिन की समस्या से राहत पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, जल्द मिलेगा फायदा

01.03.2023  (एजेंसी) – डबल चिन की समस्या वजन बढऩे से ठुड्डी के नीचे बढऩे वाली फैट से होती है। इसे सबमेंटल फैट भी कहा जाता है। इसके अलावा उम्र बढऩे के कारण त्वचा ढीली हो जाती है, जिससे डबल चिन की समस्या हो सकती है। हालांकि, चेहरे से जुड़े एक्सरसाइज और कुछ उपचार ठुड्डी की सतह में मांसपेशियों को मजबूत और टाइट बनाने में मददगार है।

आइए आज डबल चिन से राहत पाने के लिए 5 घरेलू नुस्खे जानते हैं। गेहूं के तेल से करें मालिश गेहूं का तेल विटामिन- ई से भरपूर होता है, जो शरीर में कोलेजन को बढ़ाने में मदद करता है। इसकी वजह से त्वचा टाइट होती है। इसके अलावा इस तेल की मालिश से जबड़ों का ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है, जिसकी वजह से ठुड्डी के नीचे की फैट से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।

लाभ के लिए रोजाना रात में सोने से पहले तेल की कुछ बूंदें लेकर जबड़े की 10 मिनट तक मालिश करें। दिन में दो बार पीएं ग्रीन टी डबल चिन अचानक वजन बढऩे से भी हो सकती है। ऐसे में इसे कम करने के लिए फिट रहना जरूरी है। इसके लिए कैटेचिन और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी काफी मददगार साबित हो सकती है।

लाभ के लिए गर्म पानी में ग्रीन टी बैग डालकर 10 मिनट के लिए भिगो दें। अंत में इसमें शहद डालकर पीएं। जल्दी फायदा देखने के लिए इस टी को रोजाना दो बार पीएं और साथ ही वर्कआउट भी करें। जीभ की एक्सरसाइज करें जीभ की एक्सरसाइज करने से निचले जबड़े की मांसपेशियां भी शामिल होती हैं, जो चेहरे की मांसपेशियों को सीधा करने में मदद करते हैं।

इस कारण फैट कम हो जाता है और एक परफेक्ट जॉ-लाइन का लुक मिलता है। लाभ के लिए जितना हो सकें उतना जीभ को बाहर की ओर फैलाएं। अब जीभ को नाक की तरफ ऊपर की ओर उठाएं और 30 सेकंड तक इसी अवस्था में रहें। इस एक्सरसाइज को रोजाना कम से कम 10 बार करें। सिंहासन (लायन पोज) का अभ्यास करें यह योगासन डबल चिन को कम करने में और अच्छी जॉ-लाइन लाने में मददगार है।

इससे चेहरे के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और चेहरे की मांसपेशियों मजबूत भी होती है। सिंहासन के लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें और फिर घुटनों को खोलते हुए दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर रखें। अब चेहरे की मांसपेशियों पर दबाव डालते हुए जीभ को नीचे की ओर से बाहर निकालें और मुंह खोलकर शेर की तरह दहाड़ लगाएं।

नियमित रूप से च्युइंग गम चबाएं डबल चिन को कम करने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका नियमित रूप से च्युइंग गम चबाना है। च्युइंग गम चबाने से जबड़े की मांसपेशियां मजबूत होती है और इन्हें टाइट रखने में भी मदद करता है।

जब मांसपेशियां टाइट हो जाएंगी तो ठुड्डी अपने आप ऊपर उठ जाती है। इस वजह से गालों की चर्बी कम करने के लिए कम से कम 1 घंटे तक नियमित रूप से शुगर फ्री च्युइंग गम चबाएं।

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मोशन सिकनेस की समस्या होने पर इन 5 खाद्य पदार्थों का करें सेवन

28.02.2023  (एजेंसी)  –  मोशन सिकनेस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें इंसान को लंबी यात्रा के दौरान चक्कर, उल्टी और बेचैनी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि आप भी यात्रा के दौरान इन्हीं लक्षणों को महसूस करते हैं तो आपको मोशन सिकनेस है। इससे बचाव के लिए आपको यात्रा से पहले, यात्रा के दौरान और बाद में अपने खान-पान को लेकर सावधान रहना चाहिए।

आइए आज इस समस्या से राहत दिलाने वाले पांच खाद्य पदार्थों के बारे में जानते हैं।

सौंफ

– यात्रा के दौरान जब भी आप मिचली या बेचैनी महसूस करें तो सौंफ का सेवन बेझिझक कर सकते हैं। दरअसल, सौंफ में कार्मिनोटिव गुण होते हैं, जो गैस और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इस वजह से कुछ रेस्टोरेंट में खाने के बाद अक्सर सौंफ भी दिया जाता है। अगली बार जब भी आप लंबी यात्रा करें और आपको मोशन सिकनेस के लक्षण महसूस होने लगें तो सौंफ का सेवन जरूर करें।

इलायची

– इलायची रसोई में आराम से मिल जाती है और यात्रा के दौरान बेचैनी महसूस होने पर इसका सेवन काफी प्रभावी होता है। यह मोशन सिकनेस से राहत दिलाने के अलावा मुंह की बदबू को दूर करने में और तनाव को कम करने में भी मदद करती है। इसके अलावा यह पाचन से जुड़ी समस्याओं और सर्दी-खांसी के उपचार में भी बहुत कारगर है।

मुलेठी

– मुलेठी झाड़ीनुमा पौधे का तना होता है, जिसे काटने के बाद सुखाया जाता है और फिर इसका इस्तेमाल छोटे-छोटे टुकड़ों में या फिर पाउडर के रूप में किया जाता है। लंबी यात्रा करने से पहले इसके पाउडर को चाय में डालकर पीने से मोशन सिकनेस की समस्या से राहत मिलेगी। इसके अलावा मुलेठी में गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों को दूर करने में भी सहायक हैं।

केला

-केला का सेवन ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में काफी मददगार है। यदि आपको यात्रा के दौरान उल्टी और दस्त की समस्या होती है तो इसकी वजह से कमजोरी महसूस होना लाजमी है क्योंकि इनसे शरीर में पोटैशियम की कमी हो जाती है। इसी वजह से मोशन सिकनेस से राहत पाने के लिए केला का सेवन एक अच्छा विकल्प है। इसके अलावा यह पाचन क्रिया को भी ठीक करने में मददगार होता है।

अदरक

– मोशन सिकनेस से राहत दिलाने में अदरक दवाई की तरह काम कर सकता है। इसका सेवन यात्रा के दौरान होने वाले अजीब से अहसास और प्लाज्मा वैसोप्रेसिन (हार्मोन) में वृद्धि को रोककर मोशन सिकनेस को कम कर सकता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए अदरक के छोटे टुकड़े को धीरे-धीरे चबाते रहें। जब भी किसी यात्रा की शुरूआत करें तो इस उपाय को जरूर अपनाएं। इससे आपको काफी फायदा होगा।

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परीक्षा के लिए पढ़ाई करते समय ध्यान केंद्रित रखने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स

28.02.2023  (एजेंसी)  –  परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन के लिए छात्र बड़ी मेहनत से सालभर इनकी तैयारी करते हैं। हालांकि, तैयारी करते वक्त छात्रों का दिमाग भटकता रहता है और उनका मन पढ़ाई में नहीं लग पाता है, जिसकी वजह से उनका समय बर्बाद होता है और फिर तनाव बढ़ जाता है। जीवनशैली में कुछ बहुत बदलाव करके इससे बचा जा सकता है।

आइए आज हम आपको पढ़ाई के दौरान भटकते दिमाग को फिर से केंद्रित करने के तरीके बताते हैं। एक समय में एक काम पर ध्यान दें किसी भी काम को करने के लिए जरूरी है कि आप उस पर अच्छे से ध्यान लगाएं। दरअसल, एक ही समय पर कई काम करने से ध्यान बंट जाता है। इसकी वजह से एक भी काम ठीक तरीके से नहीं होता है।

इसके विपरीत एक समय में एक काम पर ध्यान केंद्रित करने से आपका दिमाग इधर-उधर नहीं भटकेगा और काम भी बेहतर तरीके से होगा। डे-ड्रीमिंग के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लें जब आप डे-ड्रीमिंग के इरादे से दिन में ब्रेक लेते हैं तो इसका मतलब है कि आप अपने मन को भटकने के लिए समय दे रहे हैं।

इसके बाद जब आप दोबारा पढ़ाई करने के लिए बैठते हैं तो ब्रेक के बाद आपको बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। इस दौरान अपका दिमाग इधर-उधर नहीं भटकता है और आप अपने विचारों पर ध्यान अच्छे से केंद्रित कर पाते हैं। इसकी वजह से आपका फोकस भी बढ़ सकता है। अपने विचारों पर ध्यान दें पढ़ाई के दौरान कभी-कभी मन अपने आप भटकने लगता है और फिर वापस से ध्यान केंद्रित करने में बहुत समय निकल जाता है। इस वजह से काफी समय बर्बाद हो जाता है और आप कुछ भी अच्छा नहीं कर पाते हैं।

इसके बचाव के लिए जब भी आपका मन भटकने लगे तो उस दौरान मन में आने वाले विचारों पर ध्यान दें। इस तरह से आप समझ जाएंगे कि आपका दिमाग फोकस से बाहर कब जा रहा है।

शारीरिक गतिविधियां करेंदिन में कुछ शारीरिक गतिविधियां करने से दिमाग के तनाव को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, इसलिए खुद को किसी शारीरिक गतिविधि या व्यायाम में व्यस्त रखें।

इसके लिए आपको जिम जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि आप घर की सीढिय़ां चढ़कर, बाहर टहलकर, कमरे की सफाई करके या घर पर ही कुछ योगासन करके तनाव को नियंत्रित कर सकते हैं।

हालांकि, यह सिर्फ कम समय के लिए डे-ड्रीमिंग से बाहर निकालने में मदद करता है। प्रकृति के बीच समय बिताएं प्रकृति के बीच समय बिताने से आपका मूड बेहतर होगा और आप तंदुरूस्त और फ्रेश महसूस करेंगे।

इसके अलावा इससे तनाव के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी, जो वापस से पढ़ाई में अच्छी तरह से ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

यदि आप हरियाली वाली जगह रोजाना नहीं जा सकते हैं तो आप खिड़की से बाहर का नजारा देखने और धूप में कुछ देर बैठने से भी आपको अच्छा महसूस हो सकता है।

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स्पाइडर वेंस से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये 5 घरेलू नुस्खे

27.02.2023  (एजेंसी)  –  स्पाइडर वेंस पैरों और चेहरे पर होने वाली समस्या है। यह मुड़ी हुई रक्त वाहिकाओं से होती है और इसे टेलैंजिक्टासिया भी कहा जाता है। ये लाल, बैंगनी या नीले रंग की होती हैं और इसके कारण प्रभावित जगह पर दर्द भी हो सकता है। अमूमन यह समस्या 50 वर्ष से अधिक उम्र में होती है, लेकिन अब युवाओं में भी इसका प्रभाव दिख रहा है।

आइए आज हम आपको इससे राहत पाने के लिए 5 घरेलू नुस्खे बताते हैं। विच हेजल का करें इस्तेमाल विच हेजल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण स्पाइडर वेंस के दुष्प्रभाव कम करने में मदद कर सकता है और इससे होने वाले दर्द के साथ-साथ सूजन भी कम कर सकता है। लाभ के लिए कॉटन पैड से विच हेजल तेल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं और 20 से 30 मिनट के लिए छोड़ दें। इसे रोजाना 2 से 3 बार स्पाइडर वेंस पर लगाएं। इससे आपको कुछ ही दिनों में आराम महसूस होने लगेगा।

एप्सम नमक आएगा कामएप्सम नमक अपने डिटॉक्सिफाइंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम स्पाइडर वेंस का इलाज करने में मदद करती है और उनकी उपस्थिति कम कर सकती है। लाभ के लिए नहाने के पानी में 2 से 3 कप एप्सम नमक मिलाएं, फिर इससे पैरों को धोएं। वैकल्पिक रूप से पानी से भरी बाल्टी में एक कप एप्सम नमक मिलाकर इसमें पैरों को डूबोकर बैठें। ऐसा सप्ताह में 3-4 बार जरूर करें। ठंडी सिकाई करें स्पाइडर वेंस के दुष्प्रभाव कम करने के लिए ठंडी सिकाई के तौर पर बर्फ का इस्तेमाल करना लाभदायक है।

बर्फ में कई ऐसे गुण होते हैं जो इस समस्या को दूर करके आराम दे सकते हैं। इसके लिए एक मुलायम तौलिए या फिर सूती कपड़े में बर्फ का एक टुकड़ा लपेटें और इसे प्रभावित हिस्से पर हल्के हाथों से 1 से 2 मिनट तक मलें। इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार दोहराएं। लहसुन आएगा कामलहसुन में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर स्पाइडर वेंस का इलाज करने में मदद कर सकता है।

लाभ के लिए लहसुन की 6 कलियां लें और उन्हें पीसकर बारीक पेस्ट बना लें। इसके बाद पेस्ट को रबिंग अल्कोहल की कुछ बूंदों के साथ मिलाएं और इससे प्रभावित जगह पर मालिश करें। 15-30 मिनट के बाद त्वचा को पानी से धो लें। बेहतर परिणाम के लिए आप अपने आहार में लहसुन को शामिल भी कर सकते हैं।

हरा टमाटर भी कर सकता है मददहरे टमाटर के बीजों में एक अम्लीय पदार्थ होता है, जो शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर स्पाइडर वेंस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। सबसे पहले टमाटर को धोकर काटें और इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। उसके बाद इस पर एक लंबी पट्टी लपेटें। इसे तब तक लगा रहने दें जब तक आपको ढके हुए हिस्से में झुनझुनी महसूस न हो। इसके बाद पट्टी हटाएं और अपनी त्वचा को पानी से अच्छी तरह धो लें।

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एनर्जी ड्रिंक्स घर पर बनाना है बेहद आसान, जानें 5 रेसिपी

27.02.2023  (एजेंसी)  –  आजकल बाजार में कम कीमत पर अलग-अलग स्वाद वाली एनर्जी ड्रिंक्स उपलब्ध हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर का सेवन स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में बाजार से खरीदने की बजाय घर पर ही एनर्जी ड्रिंक्स बनाकर पीना लाभदायक है। आइए आज हम आपको एनर्जी ड्रिंक की 5 आसान रेसिपी बताते हैं। ये ड्रिंक्स शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने के साथ-साथ थकान को तुरंत दूर करने में मदद कर सकती हैं। अदरक और इलायची वाली एनर्जी ड्रिंकअदरक और इलायची के गुणों से भरपूर एनर्जी ड्रिंक का सेवन आपको दिनभर तरोताजा रखने में मदद करेगा।

अदरक और इलायची दोनों ही मेटाबॉलिज्म और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। एनर्जी ड्रिंक बनाने के लिए सबसे पहले एक कप में अदरक के दो पतले स्लाइस और थोड़ा अदरक का रस डालें, फिर इसमें गर्म पानी, हल्दी पाउडर, हरी इलायची का पाउडर और शहद मिलाएं। अब इस ड्रिंक का आनंद लें। अनानास और संतरे की एनर्जी ड्रिंक इससे न सिर्फ आपके शरीर को भरपूर ऊर्जा और ठंडक मिलेगी, बल्कि यह एक हाइड्रेटिंग ड्रिंक भी है।

इसे बनाने के लिए सबसे पहले अनानास और संतरे को छीलकर टुकड़ों में काट लें, फिर इन्हें एक जूसर में डालकर पीसें। अब जूस को बारीक छन्नी से छानकर गिलास में डालें और फिर गिलास में बर्फ के कुछ टुकड़े डालें। अब इस ताजी और ठंडी-ठंडी ड्रिंक का सेवन करें। केला और पालक की स्मूदी केले और पालक की स्मूदी का सेवन भरपूर ऊर्जा देने के साथ-साथ काफी देर तक आपका पेट भरा रख सकती है।

इस स्मूदी को बनाने के लिए सबसे पहले एक ब्लेंडर में लो फैट दूध, दही, केला, ताजा पालक और पीनट बटर अच्छे से ब्लेंड करें। आप चाहें तो इस स्मूदी में बर्फ के कुछ टुकड़े और शहद भी डाल सकते हैं। इसके बाद स्मूदी का सेवन करें। हिबिस्कस आइस टी हिबिस्कस यानी गुड़हल की आइस टी बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में पानी और एक चौथाई कप सूखे गुड़हल के फूल डालकर उबालें और जब पानी आधा हो जाए तो गैस बंद करके मिश्रण को छानकर गिलास में डालें।

इसके बाद इसमें स्वादानुसार शुगर सीरप या शहद और ठंडा पानी मिलाएं, फिर इसमें बर्फ के कुछ टुकड़े और पुदीने की पत्तियां डालकर इसका सेवन करें।

नारियल पानी और नींबू के रस की ड्रिंककई तरह के विटामिन्स और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर नारियल पानी आपको पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखेगा, वहीं नींबू में मौजूद विटामिन सी शरीर को ताजगी का एहसास कराएगी। यह एनर्जी ड्रिंक बनाने के लिए सबसे पहले एक ब्लेंडर में ताजा नारियल पानी, नींबू का रस, शहद, पानी, सी सॉल्ट और अदरक डालकर ब्लेंड करें और फिर इस मिश्रण को एक गिलास में कुछ बर्फ के टुकड़ों के साथ डालकर पीएं।

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च्युइंग गम चबाना सेहत के लिए है बेहद फायदेमंद, जानिए इससे मिलने वाले 5 प्रमुख फायदे

26.02.2023  (एजेंसी)  –  बहुत से लोग च्युइंग गम इसलिए चबाते हैं ताकि वह सांस की बदबू से छुटकारा पा सकें। वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो सिर्फ कूल दिखने के लिए च्युइंग गम चबाते हैं। हालांकि, हजारों साल पहले से इसका इस्तेमाल दांतों को साफ करने और भूख शांत करने के लिए होता आ रहा है। इसके अलावा भी च्युइंग गम चबाने के कई फायदे हैं, जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे तो आइए आज इससे जुड़े 5 फायदे जानते हैं।

याददाश्त में सुधार करने में है मददगारच्युइंग गम चबाने से कमजोर याददाश्त में काफी हद तक सुधार होता है। दरअसल, यह मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे महत्वपूर्ण जानकारियां याद रखने में मदद मिलती है। प्रोफेसर एंड्रयू शोले ने अपने शोध में पाया कि च्युइंग गम चबाकर शॉर्ट-टर्म मेमोरी को 35 प्रतिशत तक सुधारा जा सकता है।

इसके अलावा पुदीने और अनानास के स्वाद वाली च्युइंग गम ध्यान और कॉग्निटिव क्षमता को बढ़ाने के लिए मददगार होती हैं। सीने की जलन को कम करने में है सहायक एसिड रिफ्लक्स के कारण कई बार खाना खाने के बाद सीने में जलन या दर्द महसूस होने लगता है। इसके बचाव के लिए च्युइंग गम चबाया जा सकता है, क्योंकि यह निगलने की प्रक्रिया को तेज करता है और पेट से एसिड को साफ करता है।

दरअसल, जब च्युइंग गम चबाया जाता है तो लार ज्यादा बनती है। इससे दांतों की सडऩ और एसिड रिफ्लक्स के कारण होने वाली मुंह के स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से बचा जा सकता है। उल्टी की समस्या को दूर करने में है कारगरजब भी उल्टी या मिचली जैसा महसूस होता है तो ऐसे समय पर पुदीने वाली च्युइंग गम इससे राहत दिलाने में काफी मदद कर सकती है।

एक अध्ययन के मुताबिक, जिन महिलाओं को सर्जरी के बाद बीमार और अजीब महसूस हुआ और उन्हें चबाने के लिए पेपरमिंट च्युइंग गम दिया गया, उन्हें उल्टी से राहत मिली। इसके अलावा मोशन सिकनेस के कारण पेट खराब होने पर शुगर-फ्री और अदरक के स्वाद वाली च्युइंग गम चबाना काफी प्रभावी है।

वजन कम करने में है प्रभावीच्युइंग गम चबाने से रोजाना उपभोग की जाने वाली अतिरिक्त कैलोरी को आसानी से कम किया जा सकता है। इसे चबाने से बाहर का खाना खाने का मन कम हो जाता है, क्योंकि यह क्रेविंग को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा इससे भूख को भी नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलेगी।

रोड आइलैंड विश्वविद्यालय के शोध के मुताबिक, जो लोग च्युइंग गम चबाते हैं, वे 67 प्रतिशत कम कैलोरी लेते हैं। तनाव और चिंता को भी करती है कमखराब जीवनशैली की वजह से तनाव और चिंता महसूस करना आम हो गया है। इससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

हालांकि, च्युइंग गम चबाने से तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है। 2011 में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, जिन लोगों ने 14 दिनों तक दो बार च्युइंग गम चबाया है, उनकी चिंता उन लोगों की तुलना में काफी कम थी, जो च्युइंग गम नहीं चबाते थे।

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रात के समय होती है सिर में खुजली? इन तरीकों पाएं छुटकारा

26.02.2023  (एजेंसी)  –  यदि रात में सिर में खुजली होना आपके लिए एक सामान्य है तो आपको बता दें कि यह स्थिति जल्दी से अधिक गंभीर हो सकती है। स्कैल्प को तेजी से खुजलने से बालों के रोमछिद्रों को नुकसान हो सकता है और बालों के टूटने और झडऩे का कारण बन सकता है।

आइए आज हम आपको रात में होने वाली सिर की खुजली को दूर करने के लिए 5 तरीके बताते हैं।

सेब के सिरके का करें इस्तेमालसेब का सिरका अपने एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-फंगल गुणों के लिए जाना जाता है, जो सिर की खुजली को कम करने में मदद कर सकते हैं। लाभ के लिए एक स्प्रे बोतल को आधा सेब का सिरका और आधा पानी भर लें। इसके बाद इसे अच्छी तरह मिलाकर स्टोर कर लें। जब भी आपकी स्कैल्प में खुजली हो तो इस मिश्रण का इस्तेमाल करें। हालांकि, इस मिश्रण के इस्तेमाल से पहले त्वचा पर पैच टेस्ट जरूर करें।

पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल करेगा मददपेपरमिंट एसेंशियल ऑयल का स्कैल्प पर ठंडा प्रभाव पड़ता है, जो सिर की खुजली को दूर करने में मदद कर सकता है। लाभ के लिए पेपरमिंट एसेंशिल ऑयल की 2 बूंदें और नारियल या जैतून के तेल की 5 बूंदें मिलाकर सिर में लगाएं और हल्के हाथों से मालिश करें। 20 मिनट बाद सिर को पहले शैंपू से साफ करें और फिर इस पर कंडीशनर का इस्तेमाल करें। इससे आपको खुजली से तत्काल राहत मिलेगी।

टी ट्री ऑयल भी है प्रभावीटी ट्री ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है। यह स्कैल्प की खुजली या जलन को कम करने में मदद कर सकता है। लाभ के लिए टी ट्री ऑयल की 5’0 बूंदों को मीठे बादाम या जोजोबा तेल की 10 बूंदों के साथ मिलाएं और इसे अपने सिर में लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें। कुछ देर बाद सिर धो लें। वैकल्पिक रूप से आप टी ट्री ऑयल वाले शैंपू और अन्य उत्पादों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

लैवेंडर का तेल भी है कारगरलैवेंडर का तेल सिर की खुजली और स्कैल्प का रूखापन दूर करने में काफी मदद कर सकता है। लाभ के लिए लैवेंडर के तेल की 2 बूंदों को जैतून के तेल की 5 बूंदों के साथ मिलाएं और इस मिश्रण को अपने बालों और स्कैल्प पर लगाकर मालिश करें। 20 से 30 मिनट के बाद अपने सिर को शैंपू और कंडीशनर से धो लें। हफ्ते में 2 बार इस उपाय को दोहराएं।

मेडिटेशन करेंकई शोध के मुताबिक, मेडिटेशन चिंता और तनाव को कम कर सकता है। इससे सिर की खुजली को दूर करने में काफी मदद मिलती है। इसलिए आप रात में अपने स्कैल्प को खुजली से बचाने के लिए मेडिटेशन भी आजमा सकते हैं.

लेकिन यदि खुजली बनी रहती है तो पूर्ण उपचार के विकल्पों के लिए ट्राइकोलॉजिस्ट से परामर्श करें। इसका कारण है कि खुजली के पीछे कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी हो सकती है।

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फूड पॉइजनिंग से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं ये 5 घरेलू नुस्खे

25.02.2023   (एजेंसी)  – लोग जहां भी जाते हैं नए भोजन विकल्पों को आजमाना पसंद करते हैं, लेकिन उनसे फूड पॉइजनिंग का खतरा अधिक रहता है। फूड पाइजनिंग स्टैफिलोकोकस नामक बैक्टीरिया, वायरस या अन्य जीवाणु के कारण हो सकता है। इससे पेट दर्द, उलटी और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

आइए आज हम आपको 5 ऐसे घरेलू नुस्खे बताते हैं, जो फूड पॉइजनिंग की समस्या को दूर करने में प्रभावी हो सकते हैं। सेब का सिरका है उपयोगीसेब के सिरके में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो फूड पॉइजनिंग का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ बहुत प्रभावी हैं। लाभ के लिए 1-2 बड़ी चम्मच कच्चे और अनफिल्टर्ड सेब के सिरके को एक गिलास गर्म पानी डालकर अच्छे से मिलाएं। समस्या ठीक होने तक इस पेय का रोजाना 2-3 बार सेवन करें। हालांकि, अगर आपको सेब का सिरका सूट नहीं करता है तो आप इस उपाय को न आजमाएं।

अदरक और शहद भी हैं प्रभावीअदरक और शहद का मिश्रण भी फूड पॉइजनिंग का प्राकृतिक रूप से इलाज करने में मदद कर सकता है। लाभ के लिए एक कप पानी में 1-2 इंच कटी हुई अदरक डालें और इसे सॉस पैन में उबालें। 5 मिनट के बाद मिश्रण को छाने और इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन करें। आप चाहें तो अदरक के रस की कुछ बूंदों को शहद में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।

शहद और तुलसी का मिश्रण है सहायकतुलसी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुणों खाद्य जनित रोगजनकों को मारने के लिए जाने जाते हैं। यह आपके पेट को स्वस्थ रखने के साथ फूड पॉइजनिंग से जुड़े लक्षणों को भी कम कर सकता है। लाभ के लिए तुलसी के कुछ पत्तों को पीसकर उसका रस निकालें और फिर एक चम्मच तुलसी के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर तुरंत सेवन करें।

वैकल्पिक रूप से आप एक कप पानी में तुलसी के तेल की एक बूंद डालकर भी पी सकते हैं।

आंवले के जूस का करें सेवनआंवले के जूस का सेवन फूड पॉइजनिंग के दौरान होने वाले लक्षण जैसे जी मचलाना और उल्टी आना आदि की समस्या से राहत दिला सकता है। इतना ही नहीं इसमें प्रचुर मात्रा में सम्मिलित विटामिन- सी जैसे गुण पेट की समस्याओं को भी दूर करने का काम करते हैं। लाभ के लिए थोड़े-से आंवले के जूस को एक कप पानी में डालकर अच्छे से मिलाएं और उसके बाद इसका सेवन करें।

केले का सेवन भी हो सकता है लाभकारीकेला शरीर में खोए हुए पोटेशियम की भरपाई करके फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। लाभ के ले रोजाना एक केला खाएं। आप चाहें तो केले के पेस्ट को दूध में मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। ऐसा आप दिन में 2 से 3 बार कर सकते हैं।

इसी तरह समस्या के पूरी तरह खत्म होने तक इस उपाय को दोहराते रहना चाहिए।

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पूरे शरीर का वर्कआउट कर सकती हैं ये 5 हुला हूप एक्सरसाइज

25.02.2023 (एजेंसी)  – अगर आप अपने वर्कआउट सेशन को मजेदार बनाना चाहते हैं तो इसके लिए हुला हूप एक्सरसाइज को अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं। हुला हूप एक्सरसाइज फुल बॉडी वर्कआउट है, जो शरीर की शक्ति बढ़ाने, कैलोरी जलाने और तनाव जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों से निपटने में मदद कर सकती हैं। आइए आज हम आपको 5 हुला हूप एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं, जिन्हें आप घर पर बहुत आसानी से कर सकते हैं।

हुला हूपिंग क्या है?काफी समय से हुला हूपिंग का इस्तेमाल फिटनेस के लिए हो रहा है, लेकिन विदेशों में इसका ज्यादा चलन है। वयस्कों के लिए हुला घेरा लगभग 45 इंच व्यास का होता है और इससे की जाने वाली एक्सरसाइज किकबॉक्सिंग या एरोबिक्स जितनी कैलोरी जलाती हैं। स्टैंडिंग ट्विस्टसबसे पहले अपने हुला हूप को दोनों हाथों से पकड़ें और पैरों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ा चौड़ा रखें। अब निचले शरीर को सीधा रखते हुए बाईं ओर मुड़ें और फिर दाईं ओर मुड़ें। ऐसा 5 सेकेंड तक लगातार करें।

यह एक्सरसाइज एब्स बनाने में काफी मदद कर सकती है। एब्स केवल शारीरिक ढांचे को आकर्षक बनाने का काम नहीं करते बल्कि मुख्य तौर पर इनसे शारीरिक ताकत भी मिलती है। रोलिंग रीच रोलिंग रीच पीठ और पैरों के लिए एक प्रभावी एक्सरसाइज है। इसे करने के लिए अपने सामने हुला हूप पकड़ें और आगे की ओर झुकते हुए पैरों को कंधे की चौड़ाई जितना खोलकर सीधे खड़े हो जाएं। अब पीठ को सीधा रखते हुए हुला हूप को दाईं ओर घुमाएं। इसे तब तक करें जब तक आप कमरे के एक छोर तक न पहुंच जाएं। इसके बाद हुला हूप को बाईं ओर घुमाएं और अपनी शुरुआती स्थिति में वापस आ जाएं।

ट्री प्रेसइस एक्सरसाइज में हुला हूप को डंबल की तरह इस्तेमाल करना होता है। ट्री प्रेस के लिए हुला हूप को अपने सिर के पीछे पकड़ें। अब दाएं पैर को उठाकर इसके तलवे को बाएं पैर के अंदरूनी हिस्से पर रखें। इसके बाद हाथों को कोहनियों को मोड़ते हुए हुला हूप को अपने पीछे से नीचे करें और फिर इसे शुरुआती स्थिति में वापस लाएं। पैर बदलने से पहले ऐसा 10 बार करें।

हुला हूप वी-सिट इसके लिए सबसे पहले एक्सरसाइज मैट पर बैठें और हुला हूप पकड़ें। अब पैरों को हूप के दूसरे सिरे पर रखें और पीछे की ओर झुकें। इस दौरानअपनी पीठ को सीधा रखकर दोनों पैरों को इस तरह ऊपर उठाएं कि वे 60 डिग्री पर हों। इसके बाद हाथों को आगे की ओर फैलाकर रखें, फिर हाथों और पैरों को ऊपर उठाकर उन्हें तब तक नीचे करें जब तक कि आपके पैर न थक जाएं। इसे कुछ मिनट ऐसे ही दोहराएं।

हुला हूप रशियन ट्विस्ट सबसे पहले एक्सरसाइज मैट पर बैठ जाएं और दोनों हाथों से हुला हूप को पकड़ लें। अब दोनों घुटनों को थोड़ा सा मोड़ें और दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। इसके बाद थोड़ा पीछे की ओर झुकें और हुला हूप के साथ दाईं ओर मुड़कर एक क्षण के लिए रुकते हुए अपनी बाईं ओर मुड़ें। एक सेट पूरा करने के लिए इसे 25 बार दोहराएं।

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केले से तैयार ये 5 हेयर मास्क बन सकते हैं बालों की कई समस्याओं का इलाज

23.02.2023 (एजेंसी)   – केला आवश्यक विटामिन, मैग्नीशियम, पोटैशियम और सिलिकॉन का बेहतरीन स्रोत है, जो इसे बालों की देखभाल के लिए आदर्श फल बनाते हैं। इसमें मौजूद सिलिकॉन यौगिक स्कैल्प को मॉइस्चराइज करके बालों को मजबूती देने और चमकदार बनाने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त यह डैंड्रफ को दूर रखने में मददगार हो सकता है।

आइए आज हम आपको पांच तरह के केले के मास्क बनाने के तरीके बताते हैं, जिनका इस्तेमाल बालों के लिए फायदेमंद है। केले और एवोकाडो का हेयर मास्कयह हेयर मास्क रूखे बालों के लिए आदर्श है। इसमें मौजूद उच्च स्तर का प्रोटीन बालों को नमीयुक्त बनाए रखने के साथ उनके विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

लाभ के लिए आधे पके एवोकाडो, एक पका केला और दो चम्मच नारियल तेल मिक्सी में डालकर पीसें। इसके बाद अपने साफ बालों में मास्क लगाकर शॉवर कैप लगाएं और 30 मिनट के बाद सिर को गुनगुने पानी से धो लें। इसके बाद सिर को शैंपू से साफ करें। केले और जैतून के तेल का हेयर मास्कजैतून के तेल में मौजूद मॉइस्चराइजिंग गुण बालों का झडऩा और दोमुंहे बालों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

हेयर मास्क बनाने के लिए एक पके केले का पेस्ट और दो बड़ी चम्मच जैतून के तेल को आपस में मिलाकर अपने बालों की जड़ों में लगाएं। अब अपने बालों को एक ढीले जूड़े में बांध लें। 30 मिनट के बाद अपने सिर को ठंडे पानी और शैंपू से साफ कर लें। केले और शहद का हेयर मास्कयह हेयर मास्क पतले बालों के लिए आदर्श है।

इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बालों को मजबूती दे सकता है। लाभ के लिए एक पके केले को कटोरी में अच्छी तरह मैश करें और फिर इसमें आधा चम्मच शहद मिलाएं। अब अपने बालों को सेक्शन में बांटकर हेयर मास्क को जड़ों से सिरों तक लगाएं। इसके बाद सिर को शॉवर कैप से ढक लें। 20-30 मिनट के बाद सिर को गुनगुने पानी और शैंपू से साफ कर लें।

केले और एलोवेरा का हेयर मास्कएलोवेरा में मौजूद विटामिन- ए, बी, सी और ई डैंड्रफ से बचाने के साथ बालों के प्राकृतिक रंग को बढ़ाने में मदद करता है। हेयर मास्क के लिए दो पके केले और ताजा एलोवेरा का गूदा मिक्सी में डालकर बारीक पीसें। इस मिश्रण को साफ सिर पर अच्छे से लगाएं। अब सिर को शॉवर कैप से ढक लें। दो घंटे के बाद बालों को ठंडे पानी से धो लें और अच्छी तरह शैंपू कर लें। गाजर और केले का हेयर मास्कयह हेयर मास्क बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

लाभ के लिए एक पके केले का पेस्ट, एक गाजर का पेस्ट, दो बड़ी चम्मच शहद और एक बड़ी चम्मच जैतून का तेल मिलाकर इस मास्क को स्कैल्प और बालों की पूरी लंबाई पर लगाएं। 45 मिनट के बाद सिर को ठंडे पानी से धो लें और इसके बाद हल्के शैंपू से सिर को साफ कर लें।

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गैस्ट्राइटिस क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और इलाज

23.02.2023  (एजेंसी)   –  गैस्ट्राइटिस पेट की परत में होने वाली सूजन को कहा जाता है और यह दो प्रकार (एक्यूट और इरोसिव) की होती है। एक्यूट में अचानक और गंभीर सूजन शामिल है, जबकि इरोसिव गैस्ट्राइटिस स्थिति का एक सामान्य रूप है। हालांकि, अगर समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है।

आइए आज हम आपको इस बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में बताते हैं। गैस्ट्राइटिस के कारणलंबे समय तक शराब का सेवन पेट की परत में सूजन पैदा कर सकता है। ऑटोइम्यून रोग भी पेट की परत में स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करके सूजन का कारण बन सकते हैं। एच पाइलोरी बैक्टीरिया और पेट में अल्सर भी गैस्ट्राइटिस का मुख्य कारण है। नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा या कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का लगातार सेवन भी पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकता है।

गंभीर बीमारी या चोट से भी गैस्ट्राइटिस हो सकता है। गैस्ट्राइटिस से जुड़े लक्षणगैस्ट्राइटिस वाले कई लोगों में लक्षण नहीं होते हैं और जिन लोगों में लक्षण होते हैं, वे अक्सर उन्हें अपच समझ लेते हैं। ब्लोटिंग, जी मिचलाना, बार-बार पेट खराब होना, पेट में दर्द, उल्टी, खट्टी डकार, पेट में जलन, हिचकी और भूख में कमी गैस्ट्राइटिस के मुख्य लक्षण हैं। इसके अलावा पसीना, दिल की धड़कन का तेज होना, बेहोशी या सांस की कमी और सीने में दर्द भी इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।

गैस्ट्राइटिस और अपच में क्या अंतर है? अमूनन लोग गैस्ट्राइटिस को अपच समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इसके लक्षण अपच से मिलते-जुलते होते हैं, लेकिन दोनों ही अलग हैं। अपच भोजन को पचाने में कठिनाई होने से जुड़ी समस्या है, जिसके कारण पेट में दर्द या बेचैनी होती है। यह आपकी निचली पसलियों के बीच जलन भी पैदा कर सकती है।

वहीं गैस्ट्राइटिस पेट की परत में होने वाली सूजन है, जो गंभीर रोग का कारण बन सकती है। गैस्ट्राइटिस का इलाजगैस्ट्राइटिस के लिए उपचार कारण के आधार पर भिन्न होता है। कुछ दवाएं इस स्थिति के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन डॉक्टरी सलाह के बाद ही उनका सेवन करें। एंटीबायोटिक्स: एंटीबायोटिक्स दवा गैस्ट्राइटिस का इलाज कर सकती हैं।

एंटासिड: कैल्शियम कार्बोनेट दवाएं पेट के एसिड को कम करके सूजन को दूर करने में मदद कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त जीवनशैली में कुछ सुधार करके भी इस बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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अधिक स्क्रिन टाइम से बालों पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव, जानिए बचने के तरीके

22.02.2023 (एजेंसी)  – लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल जैसे डिजीटल गैजेट्स से निकलने वाली नीली रोशनी के अधिक संपर्क में रहने से न सिर्फ आंखों और त्वचा पर बल्कि बालों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।एक अध्ययन के अनुसार, मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से विद्युत चुम्बकीय विकिरण बालों के विकास चक्र को बुरी तरह से प्रभावित करता है। इससे बाल झडऩे लगते हैं।

आइए आज हम आपको इस स्थिति से बचने के तरीके बताते हैं। सीमित करें मॉर्डन गैजेट्स का उपयोग डिजिटल उपकरणों के उपयोग को सीमित करना बालों के स्वास्थ्य को बेहतर रखने वाले उपायों में से एक है। सोने से पहले फोन का उपयोग करने की बजाय किताब पढऩे की आदत डालें। इसके अलावा सोने से कम से कम दो-तीन घंटे पहले मोबाइल का इस्तेमाल करना बंद कर दें।

हालांकि, अगर उपयोग करना बहुत जरूरी है तो अपने लैपटॉप, मोबाइल, टीवी और अन्य उपकरणों को नाइट मोड सेटिंग पर ले जाकर कार्य करें। पर्याप्त नींद लेना भी है जरूरीअच्छी गुणवत्ता वाली नींद शरीर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करती है। मोबाइल को दूर करके हर रात एक ही समय पर सोने का नियम बनाएं और अच्छी नींद के लिए आरामदायक माहौल तैयार करें।

इसके लिए शोरगुल और रोशनी से मुक्त जगह का चयन करें। इसी तरह अपने बिस्तर का गद्दा और तकिए मुलायम चुनें। अगर आपका गद्दा और तकिया चुभने वाला होगा तो वह आपको पूरी रात परेशान करेगा और आपको अच्छी नींद नहीं आएगी। संतुलित आहार का है विशेष महत्वबालों को स्क्रिन टाइम से पडऩे वाले प्रभाव से बचाने के लिए संतुलित आहार और प्रोटीन भी जरूरी है।

बालों की मजबूती के लिए खाने में प्रोटीन का सेवन बढ़ाना फायदेमंद रहेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, महिलाओं के लिए न्यूनतम प्रोटीन की आवश्यकता प्रतिदिन 46 ग्राम है, जबकि पुरुषों के लिए प्रतिदिन 56 ग्राम है। सोया उत्पाद, दुग्ध उत्पाद, पीनट बटर, चिया बीज, हरी मटर और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन प्रोटीन का बेहतरीन स्त्रोत हैं।

तनाव को करें कम डिजीटल उपकरणों का अधिक उपयोग तनाव का कारण बनता है और अत्यधिक भावनात्मक या शारीरिक तनाव से बालों का झडऩा बढ़ सकता है। ऐसे में इसे नियंत्रित करना जरूरी है। इसके लिए नियमित रूप से मेडीटेशन करें। वहीं अक्सर लोग तनाव या स्ट्रेस की वजह से अकेला रहना पसंद करते हैं, लेकिन इससे आपकी समस्या और भी बढ़ सकती है।

इसलिए ऐसा न करें और लोगों से बातचीत करें। बालों के सीरम का करें इस्तेमालअगर डिजीटल उपकरणों के नकारात्मक प्रभाव के कारण होने वाली बालों की समस्या से राहत चाहते हैं तो अपने हेयरकेयर रूटीन में सीरम को शामिल करें।

सीरम बालों का विकास करने के साथ-साथ रूखे और बेजान बालों को ठीक करने में बड़ी मदद कर सकता है। यही नहीं, बालों का सीरम लगने के बाद एक लाइट रिफलेक्टर की तरह काम करता है, जिसके कारण बाल काफी चमकदार दिखते हैं।

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केराटिन ट्रीटमेंट के बाद बालों की देखभाल के लिए अपनाएं ये 5 तरीके

20.02.2023 – (एजेंसी)   केराटिन बालों को सीधा करने वाला ट्रीटमेंट है। यह रासायनिक प्रक्रिया केराटिन (बालों में पाया जाने वाला एक रेशेदार प्रोटीन) की कमी को पूरा करके बालों को सीधा और चमकदार बना सकती है। हालांकि, केराटिन ट्रीटमेंट के फायदे बरकरार रखने और बालों को टूटने से बचाने के लिए जरूरी है कि आप अपने बालों की खास देखभाल करें। आइए आज हम आपको केराटिन बालों की देखभाल से जुड़े कुछ उपाय बताते हैं।

हीट स्टाइलिंग उपकरणों का कम करें इस्तेमालअगर आपने हाल ही में केराटिन ट्रीटमेंट करवाया है तो ऐसे हीट स्टाइलिंग उपकरणों का इस्तेमाल कम से कम करें और इस्तेमाल के दौरान इनका ताप सामान्य से मध्यम ताप सीमा में रखें। इसका कारण है कि कर्लिंग आयरन, ब्लो ड्रायर और स्ट्रेटनर जैसे हीट स्टाइलिंग उपकरणों के इस्तेमाल से बालों की नमी दूर होने लगती है, जिससे वे शुष्क और बेजान हो सकते हैं। ऐसे बाल आसानी से टूट सकते हैं।

सही तरह से करें उत्पादों का इस्तेमालकेराटिन ट्रीटमेंट के बाद उसी तरह से उत्पादों का इस्तेमाल करें, जो सैलून वाले न बताया हो। जैसे कि हफ्ते में दो बार बालों को शैंपू और कंडीशनर करना और हफ्ते में एक बार हेयर मास्क लगाना आदि। आप अपने बालों की देखभाल के प्रति जितने सतर्क रहेंगे, बालों को नुकसान पहुंचने की संभावना उतनी ही कम होगी। इसके अतिरिक्त सल्फेट वाले उत्पादों का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि इनसे स्कैल्प और बालों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

असाई तेल का करें इस्तेमालअसाई तेल विटामिन्स, एंटीऑक्सिडेंट और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो बालों को गहराई से पोषण देने में मदद कर सकते हैं। यह न केवल स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है, बल्कि बालों को मजबूती प्रदान करने में भी कारगर हो सकता है। केराटिन ट्रीटमेंट के बाद भी इस तेल का इस्तेमाल करना लाभदायक हो सकता है।

यह बालों की जड़ों को नमीयुक्त बनाए रखने में सहायक है। रसायन युक्त उत्पादों का न करें इस्तेमालबाजार में मौजूद केराटिन बालों की देखभाल के लिए उत्पाद कितने प्रभावी होते हैं यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन इनमें मौजूद हानिकारक रसायनों से बालों को काफी नुकसान जरूर पहुंच सकता है।

ऐसे में अगर आप इनकी जगह अगर प्राकृतिक तत्वों से भरपूर उत्पादों और नैचुरल ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करते हैं तो इससे केराटिन बालों की खूबसूरती और मजबूती को बरकरार रखा जा सकता है। ब्लीच से बनाएं दूरीअगर आप अपने केराटिन बालों पर ब्लीच कराने की सोच रहे हैं तो जरा रूकिए क्योंकि इससे आपके बालों को काफी नुकसान पहुंच सकता है।

केराटिन ट्रीटमेंट के तीन या चार सप्ताह बाद ही बालों पर ब्लीच जैसे उत्पादों का इस्तेमाल करें। इसके अतिरिक्त क्लोरीन युक्त पानी से भी दूरी बनाएं क्योंकि इनके बालों की चमक पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए अगर आप एक तैराक हैं तो कैराटिन के तीन-चार सप्ताह बाद ही तैराकी करें।

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व्हाइटहेड्स से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये 5 घरेलू नुस्खे

20.02.2023 – (एजेंसी) व्हाइटहेड्स बिना सूजन वाले मुंहासें होते हैं और ये त्वचा के रोमछिद्रों में गंदगी, बैक्टीरिया और अतिरिक्त सीबम के फंसने से होते हैं। गर्भावस्था, मासिक धर्म और मेनोपॉज के दौरान होने वाला हार्मोनल असंतुलन व्हाइटहेड्स का मुख्य कारण है। इसके अतिरक्त अधिक वसायुक्त आहार, तैलीय सौंदर्य उत्पाद और आनुवांशिकता भी इसके कारण हो सकते है। ऐसे में आइए आज इनसे छुटकारा दिलाने में मदद करने वाले पांच घरेलू नुस्खों को के बारे में जानते हैं। एलोवेरा और नींबू के तेल का मिश्रण है असरदार एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एक्ने गुण होते हैं। यह त्वचा को मॉइस्चराइज करता है और कोलेजन उत्पादन बढ़ाता है।

इसी तरह नींबू के छिलके का तेल व्हाइटहेड्स पैदा करने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी है। लाभ के लिए एक बड़ी चम्मच एलोवेरा जेल में नींबू के छिलके के तेल की कुछ बूंदें मिलाएं। इसके बाद तैयार मिश्रण को प्रभावित जगह पर लगाकर तीन-चार मिनट तक मसाज करें। 10’2 मिनट के बाद त्वचा को पानी से साफ कर लें। मुनका शहद भी है प्रभावीमुनका शहद में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और यह व्हाइटहेड्स पैदा करने वाले बैक्टीरिया पी एक्ने और एस ऑरियस स्ट्रेन को कम कर सकता है।

लाभ के लिए एक बड़ी चम्मच मुनका शहद को हल्का गर्म करके प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं। इसे 20 मिनट तक त्वचा पर लगा रहने दें और फिर साफ पानी से धो लें। जब तक व्हाइटहेड्स दूर न हो जाए तब तक इस उपाय को हर दिन दोहराएं। सेब का सिरका आएगा कामसेब का सिरका एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और ये व्हाइटहेड्स को कम करने में मदद कर सकता है।

लाभ के लिए एक कटोरी में सेब के सिरके और पानी की बराबर मात्रा मिलाएं और इसे रूई से सीधे व्हाइटहेड्स से प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इसे कुछ मिनट के लिए प्राकृतिक रूप से सूखने के लिए छोड़ दें। इस दौरान ध्यान रखें कि इस उपाय के बाद त्वचा को धोना नहीं है। बेकिंग सोडा भी कर सकता है मददबेकिंग सोडा में एक्सफोलिएटिंग गुण होते हैं।

यह अशुद्धियों और त्वचा के रोमछिद्रों को साफ करके व्हाइटहेड्स को कम करने में मदद कर सकता है। लाभ के लिए दो-तीन चम्मच बेकिंग सोडा और पानी मिलाकर इसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं और फिर 15-20 मिनट के बाद त्वचा को गुनगुने पानी से धो लें। व्हाइटहेड्स पूरी तरह खत्म होने तक इस उपाय को हफ्ते में एक-दो बार दोहराएं।

हल्दी भी है कारगरहल्दी में करक्यूमिन, एंटी-बैक्टीरियल गुण और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो किसी भी प्रकार के मुंहासों को प्रभावी रूप से कम करने में मदद कर सकते हैं। लाभ के लिए आधा चम्मच हल्दी पाउडर में पानी या शहद मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें और फिर इसे व्हाइटहेड्स पर लगाएं। 15-20 मिनट के बाद त्वचा को गुनगुने पानी से साफ कर लें। रोजाना दिन में दो बार इस उपाय को दोहराएं।

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विटामिन- ए की कमी को दूर करने के लिए खांए ये फल

01.02.2023  –  अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन- ए मौजूद हो तो यह फेफड़ों को कई तरह की समस्याओं से बचाए रखने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, यह अग्नाश्य और आंतों को स्वस्थ रखने में भी सहायक है। आमतौर पर लोग विटामिन- ए की कमी को दूर करने के लिए सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन आप चाहें तो कुछ फलों के सेवन से भी इसकी कमी दूर कर सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ फलों के बारे में जानते हैं। चकोतराचकोतरा संतरे की तरह दिखने वाला फल है, जिसका अंदरूनी भाग गुलाबी रंग का होता है। यह फल विटामिन- सी और फोलेट के साथ-साथ विटामिन- ए का अच्छा स्त्रोत है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देने से लेकर आंतों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इसलिए चकोतरा को डाइट में शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है।

बता दें कि एक मध्यम आकार का चकोतरा खाने से लगभग 143 एमसीजी विटामिन- ए मिल सकता है। गोजी बेरीजगोजी बेरीज विटामिन- ए का बेहतरीन स्त्रोत है, इसलिए इसका सेवन फेफड़ों और आंतों में रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लडऩे में मदद कर सकता है। इसके अलावा, गोजी बेरीज में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड भी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं, जो मस्तिष्क, हृदय और रक्त वाहिकाओं के लिए अच्छे होते हैं। बता दें कि आधी कटोरी गोजी बेरीज में लगभग 26,822 आइयू विटामिन- ए होता है, इसलिए इसे भी डाइट में जरूर शामिल करें।

पपीतास्वाद में मीठा और रसीला पपीता एक बारहमासी फल है यानी आपको हर मौसम में यह आसानी से बाजार में मिल सकता है और इस फल में भरपूर मात्रा में विटामिन- ए पाया जाता है। बता दें कि 100 ग्राम पपीता में करीब 1000 आइयू विटामिन- ए पाया जाता है। ऐसे में विटामिन- ए की पूर्ति के लिए इस स्वास्थ्यवर्धक फल को एक अच्छे विकल्प के तौर पर डाइट में शामिल किया जा सकता है।

आड़ूशरीर से विटामिन- ए की कमी को दूर करने में आड़ू का सेवन भी मदद कर सकता है क्योंकि यह भी विटामिन- ए से समृद्ध होता है। इसके अतिरिक्त, आड़ू में फाइबर के साथ कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं, जो शरीर में गैस्ट्रिक एंजाइम के उत्पादन को सुविधाजनक बनाकर पाचन क्रिया को बेहतर बनाने का काम करते हैं।

इसके साथ ही आड़ू में शामिल एंटी-माइक्रोबियल गुण पाचन संबंधित समस्याओं से भी निजात दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं।

आजकल मार्केट कई तरह के विटामिन- ए सप्लीमेंट्स मौजूद हैं, लेकिन भूल से भी डॉक्टरी सलाह के बिना उनका सेवन न करें क्योंकि गलत एमजी के विटामिन- ए सप्लीमेंट्स स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने का कारण बन सकते हैं।

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मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से दिमाग पर पड़ सकते हैं ये 5 नकारात्मक प्रभाव

01.02.2023 – आज के समय में मोबाइल फोन जीवन की हर समस्या का समाधान बन गया है। आप चाहें अपने मन को बहला रहे हों या गणित के मुश्किल सवालों का हल खोज रहे हों, मोबाइल के पास सभी सवालों के जवाब हैं। इसी वजह से लोग मोबाइल उपकरणों पर ज्यादा निर्भर हो गए हैं। हालांकि, मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से आपके दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

आइए इसके पीछे के विज्ञान को समझते हैं। कॉग्निटिव क्षमता को कर सकता है खराबशोध से पता चला है कि मोबाइल आपकी अनुभूति पर खराब प्रभाव डाल सकता है। यह विचार, अनुभव और इंद्रियों के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने और लागू करने की प्रक्रिया है। दरअसल, मोबाइल के वजह से अब मानसिक रूप से संख्याओं की गणना करने, चीजों को याद रखने या किसी रास्ते को भी याद रखने की जरूरत नहीं है। इसी वजह से आप अपने दिमाग पर काम नहीं करते हैं, जिससे कॉग्निटिव क्षमताएं धीरे-धीरे कम हो जाती हैं।

सामाजिक और भावनात्मक स्किल्स पर डालता है नकारात्मक प्रभाववास्तविक दुनिया की समस्याओं के लिए वास्तविक दुनिया के समाधानों की ही जरूरत होती है, न कि डिजिटल समाधान की। इसी लिए हर छोटी या बड़ी असुविधा के लिए मोबाइल पर निर्भर न रहें क्योंकि यह आपकी स्किल्स को कमजोर कर सकता है। मोबाइल का इस्तेमाल तब एक समस्या बन जाता है, जब यह आपकी व्यावहारिक गतिविधियों और दूसरों के साथ बातचीत को कम कर देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे समस्या को सुलझाने की स्किल्स कम हो जाती हैं।

नींद के पैटर्न को कर सकता है खराबयदि आप ध्यान देंगे तो आपको पता चलेगा कि सोने से पहले मोबाइल फोन का इस्तेमाल वास्तव में आपकी नींद की गुणवत्ता और इसकी साइकिल को खराब कर देता है। यह देर रात तक सोशल मीडिया फीड चेक करने से ही नहीं है, बल्कि मोबाइल फोन से निकलने वाली खतरनाक नीली रोशनी के कारण ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह आपके मेलाटोनिन के स्तर को गंभीर रूप से कम कर सकता है, जो नींद लाने में मदद करता है। मानसिक रूप से बना सकता है आलसीअब आपको अपने प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए मोबाइल फोन पर केवल एक टच करने की जरूरत है, न कि लाइब्रेरी जाकर किताबों को खोजने और उन्हें पढऩे की।

इसके अलावा अब आपको अपने प्रियजनों के फोन नंबर भी याद रखने की कोई जरूरत नहीं होती क्योंकि वह सभी फोन में सेव होते हैं। इन्हीं कारणों से लोग मोबाइल पर ज्यादा निर्भर हो गए हैं, जिसका मानसिक स्वास्थ्य पर खराब असर होता है और यह आलसी बना देता है।

आंखों को भी प्रभावित कर सकता है मोबाइलयदि आप अपने फोन को बिना किसी रुकावट के लंबे समय तक लगातार पास से देखते हैं तो यह मायोपिया का कारण बन सकता है। मायोपिया एक ऐसी आंख की बीमारी है, जिसमें आप पास की चीजों को तो स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, लेकिन दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं। महामारी के बाद से लोगों के स्क्रीन टाइम में तेजी से वृद्धि हुई है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए एक चिंता का विषय है।

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कंटोला के सेवन से मिलते हैं ये 5 प्रमुख स्वास्थ्य लाभ, डाइट में जरूर करें शामिल

09.01.2023 – (एजेंसी) – कंटोला मुलायम कांटेदार वाली सब्जी है, जिसे ककोड़ा और मीठा करेला के नाम से भी जाना जाता है। इस सब्जी का वैज्ञानिक नाम मोमोरडिका डायोइका है, जबकि अंग्रेजी में यह स्पाइन गार्ड के नाम से जानी जाती है। कंटोला आवश्यक विटामिन्स, खनिज, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होती है। इसिलए इसे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। आइए जानते हैं कि कंटोला के सेवन से क्या-क्या स्वास्थ्य से जुड़े लाभ मिल सकते हैं। पाचन क्रिया के लिए फायदेमंदफाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर कंटोला पाचन क्रिया की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और पेट दर्द, ऐंठन जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों से बचा सकता है।

इस सब्जी का सेवन पेट के संक्रमण का खतरा भी कम कर सकता है। यह कब्ज और लिवर की बीमारियों से सुरक्षित रखने में भी मदद करती है। कंटोला का सेवन बवासीर और गैस्ट्रिक अल्सर से सुरक्षित रखने में भी मदद कर सकता है। त्वचा के लिए भी है लाभकारीएंटी-एजिंग फ्लेवोनोइड्स जैसे बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन, जैंथिन आदि से भरपूर कंटोला आपकी त्वचा की बनावट में सुधार करने में मदद कर सकता है और इसे स्वस्थ बनाए रख सकता है।

कंटोला में लगभग 84 प्रतिशत पानी होता है। ऐसे में यह त्वचा की नमी को बनाए रखने में भी सहायक है और यह मुंहासे, काले धब्बे, झुर्रियां और महीन रेखाओं से भी बचा सकता है। यह स्वास्थ्यवर्धक सब्जी त्वचा के विकारों जैसे एक्जिमा, सोरायसिस आदि के खिलाफ भी प्रभावी है। वजन घटाने में भी है मददगारकंटोला में कैलोरी की मात्रा कम होती है, जो वजन घटाने को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है और पूरे दिन सक्रिय रखता है। इसमें मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक चीजों को खाने की लालसा खत्म करता है। इससे उचित वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।

इसमें मौजूद उच्च पानी की मात्रा शरीर में वसा जलने की प्रक्रिया को बढ़ाकर वजन घटाने में भी मदद करती है। आंखों के लिए हो सकता है लाभदायकविटामिन- ए से भरपूर कंटोला आंखों के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। इस सब्जी में ल्यूटिन जैसे कैरोटीनॉयड होते हैं, जो आंखों की कई बीमारियों से सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं और आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं।

इसके अतिरिक्त यह मोतियाबिंद और उम्र से संबंधित आंखों की समस्याओं के जोखिम कम करने में भी सहायक हो सकता है। मधुमेह को नियंत्रित रखने में सहायककंटोला के हाइपोग्लाइसेमिक गुण इंसुलिन संवेदनशीलता और इंसुलिन स्राव दोनों में सुधार करने में मदद करते हैं, जो मधुमेह नियंत्रित करने में सहायता कर सकता है।

यह अग्नाशयी बीटा कोशिकाओं की सुरक्षा और पुनर्जनन में भी मदद करता है। इसकी उच्च पानी और फाइबर सामग्री ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में भी मदद कर सकती है, जिससे यह मधुमेह के रोगियों के लिए एकदम सही है। यह सब्जी आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायक है।

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