नई दिल्ली, 8 सितम्बर( आरएनएस/FJ) । दिल्ली के भाजपा विधायकों ने शराब घोटाले की जांच को और व्यापक व गहन करने के लिए सीबीआई निदेशक को एक पत्र लिखा है। विधायकों ने कहा है कि हाल ही में स्टिंग ऑपरेशन के बाद जो नए तथ्य सामने आए हैं, उन्हें देखते हुए इस कांड की जांच का दायरा बढ़ाना जरूरी है। स्टिंग से यह बात स्पष्ट हो गई है कि शराब ठेकेदारों का कमीशन इसलिए बढ़ाया गया था कि उसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का हिस्सा था।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दी। त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जब पद ग्रहण किया था तो जनता से कहा था कि आप स्टिंग ऑपरेशन करके दीजिए, हम बेइमान लोगों के खिलाफ इस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर कार्रवाई करेंगे। अरविंद केजरीवाल खुद स्टिंग ऑपरेशन के बाद मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि स्टिंग ऑपरेशन में सारी बातें साफ हैं कि किस तरह शराब पॉलिसी में ठेकेदारों का कमीशन बढ़ाया गया और किस तरह आप नेताओं को उसका लाभ पहुंचाया गया।
त्रिवेदी ने कहा कि शराब पॉलिसी की अनियमितताओं के बारे में जब भी अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछे गए हैं तो वह पूरे मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। आज उनकी साख के लिए जबरदस्त खतरा पैदा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि नई शराब पॉलिसी पर विधानसभा के भीतर और बाहर जब भी केजरीवाल सरकार से सवाल पूछे गए तो उन्होंने जवाब नहीं दिया।
नई शराब पॉलिसी पहले दिन से ही शक के घेरे में आ गई थी। विधानसभा में हमने पूछा कि शराब के ठेकों की संख्या 639 से बढ़ाकर 849 कैसे की जा रही है, शराब परोसने का समय रात 11 बजे से 3 बजे तक कैसे किया जा रहा है, शराब ठेकेदारों का कमीशन 2 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कैसे किया जा रहा है और रिहायशी और नॉन कनफर्मिंग इलाकों में 300 से ज्यादा ठेके खोलकर मास्टर प्लान का उल्लंघन कैसे किया जा रहा है।
दिल्ली सरकार का दावा था कि यह वर्ल्ड क्लास एक्साइज पॉलिसी है और इससे दिल्ली सरकार की आमदनी 6 हजार करोड़ रुपए से 10 हजार करोड़ पहुंच जाएगी। उन्होंने सवाल उठाया कि अब सरकार को यह नीति वापस क्यों लेनी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन से साफ हो गया है कि ठेकेदारों के बढ़ाए गए कमीशन में से आधा यानी 6 फीसदी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जेब में गया है। यह भेद खुलने के बाद अब इस मामले को भी सीबीआई जांच में शामिल करना आवश्यक है।
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