बड़ी साजिश नाकाम! बांग्लादेशी आतंकी संगठन के 12 जिहादी असम में गिरफ्तार

गुुवाहाटी ,28 जुलाई (आरएनएस/FJ)।  असम पुलिस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन अंसारुल इस्लाम से जुड़े 12 जिहादियों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि एक दिन पहले ही असम पुलिस ने एक स्लीपर सेल का भंडाफोड़ किया था। वह बांग्लादेशी आतंकी को अपने घर में पनाह दे रहा था।

जानकारी के मुताबिक पुलिस ने कई जगहों पर आतंकी ठिकानों का भंडाफोड़ किया है। ऑपरेशन अब भी जारी है।
बता दें कि अंसारुल  इस्लाम आतंकी संगठन की जड़ें कई देशों में फैली हुई हैं।

हाल ही में रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा से भारत में घुसकर आतंकी भारत के अलग-अलग राज्यों तक पहुंचते हैं। कई बार आतंकी संगठन इस तरह के प्रयास कर चुके हैं लेकिन एजेंसियों की सख्ती की वजह से उनके इरादे कामयाब नहीं हो पाते।
असम के कई जिलों में पुलिस और सुरक्षाबल ऐक्टिव हैं। खुफिया एजेंसियों से जानकारी मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की जाती है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच सालों में 2021 में बांग्लादेश और पाकिस्तान से सबसे ज्यादा घुसपैठ हुई है।

बड़ी संख्या में घुसपैठिए पकड़े भी गए हैं।

असम पुलिस ने मोरीगांव में भी एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। बताया जा रहा है कि यहां पर एक मदरसे में जिहादी गतिविधियां चलाई जा रही हैं।

यहां से एक संदिग्ध जिहादी को गिरफ्तार किया गया है जिसकी पहचान मुफ्ती मुस्तफा के तौर पर हुई है।

**************************************

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के मायने

Leave a Reply

Exit mobile version