केंद्र सरकार के खिलाफ केजरीवाल को मिला KCR का साथ, बोले- वर्तमान समय इमरजेंसी से भी बदतर

Kejriwal got KCR's support against the central government, said - the present time is worse than Emergency

हैदराबाद 27 May, (एजेंसी) : आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की। ये मुलाकात दिल्ली पर लाए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने की कवायद का एक हिस्सा है। आज की बैठक में पंजाब के सीएम भगवंत मान और आप सांसद राघव चड्डा भी बैठक में मौजूद रहे।

मुलाकात के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया गया। प्रेस कांफ्रेंस में केसीआर ने कहा कि, पीएम मोदी को अध्यादेश वापस लेना चाहिए, हम इसकी मांग करते हैं। यह समय आपातकाल के दिनों से भी बदतर है, आप (केंद्र) लोगों द्वारा चुनी गई सरकार को काम करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, 8 साल दिल्ली के लोगों को अपंग करके रखा, हमें 8 साल लगा उस नोटिफिकेशन को कैंसिल कराने में लेकिन उसके 8 दिन के अंदर ही सरकार ने ऑर्डिनेंस लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया।

दरअसल केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल करने के लिए गैर-भाजपा दलों के नेताओं से संपर्क साध रहे हैं, ताकि इस बारे में संसद में विधेयक लाए जाने पर केंद्र की कोशिश विफल हो जाए। इस हफ्ते की शुरुआत में केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर इस मामले में उनका समर्थन मांगा था।

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नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक खत्म, PM मोदी ने की अध्यक्षता- 8 मुख्यमंत्री नहीं हुए शामिल

NITI Aayog's Governing Council meeting ends, PM Modi presides - 8 chief ministers did not attend

नई दिल्ली 27 May, (एजेंसी): दिल्ली के प्रगति मैदान में नए कन्वेंशन सेंटर में ‘विकसित भारत @ 2047: टीम इंडिया की भूमिका’ विषय पर नीति आयोग की 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का आमंत्रण सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल को भेजा गया, लेकिन 8 राज्यों के मुख्यमंत्री इसमें शामिल नहीं हुए।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और केरल के सीएम पिनाराई विजयन इस बैठक में शामिल नहीं हुए। इसके अलावा जापान और सिंगापुर की यात्रा पर गए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी आज की बैठक में उपस्थित नहीं रहे।

नीति आयोग की बैठक के दौरान आठ प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई जिनमें विकसित भारत@2047, एमएसएमई पर जोर, बुनियादी ढांचा और निवेश, जटिलताओं को कम करना, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास और क्षेत्र के विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति शामिल थे।

वहीं कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शामिल थे। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बैठक में हिस्सा लिया।

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मोदी सरकार के नौ साल, BJP ने गिनाए नौ कमाल 

नई दिल्ली 27 May, (एजेंसी): भाजपा ने केंद्र में मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल के दौरान सरकार के नौ कमाल को गिनाते हुए अपनी उपलब्धियों का जिक्र किया है, कांग्रेस की सरकारों से तुलना की है और साथ ही कांग्रेस पर राजनीतिक हमला भी बोला है। भाजपा ने नौ साल, नौ कमाल – सेवा,समर्पण और गरीब कल्याण के टैग लाइन के साथ सरकार की नौ उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि यूपीए सरकार के दौरान मुद्रास्फीति की औसत दर 8.7 प्रतिशत रही है, जबकि एनडीए सरकार में यह 4.8 प्रतिशत ही है। वर्ष 2017 से 2023 के बीच एमएसएमई क्षेत्र में 6.76 करोड़ नौकरियां सृजित की गई हैं और 41 करोड़ से अधिक लोगों को अत्यधिक गरीबी से निकाला गया है। भाजपा ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने दोस्तों और रिश्तेदारों को कोयला खदानें आवंटित की जबकि एनडीए ने एक पारदर्शी नीलामी की स्थापना की।

कृषि और किसान के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए यह दावा किया गया है कि पीएम-किसान के माध्यम से 11 करोड़ से ज्यादा किसान लाभान्वित हुए हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2006 से 2014 के बीच चावल के लिए 3.09 लाख करोड़ रुपये एमएसपी का भुगतान किया गया था, जबकि एनडीए सरकार ने वर्ष 2014 से 2022 के दौरान 10.64 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है। वर्ष 2016 से 2023 के दौरान किसानों की आय में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की बात कहते हुए 9 वर्षों में इसके दोगुना होने का भी दावा किया गया है। भ्रष्टाचार और क्रोनिज्म के मोर्चे पर कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा ने कहा कि एक साल में एलआईसी का मुनाफा 27 गुना बढ़ा वहीं एसबीआई ने अब तक का सबसे अधिक तिमाही मुनाफा दर्ज किया है।

क्रिश्चियन मिशेल का उदाहरण देते हुए यह दावा किया गया है कि धोखाधड़ी के मामले में आरोपियों को वापस लाने में एनडीए का अब तक का सबसे अच्छा रिकॉर्ड रहा है। यह भी दावा किया गया है कि बीजेपी और उसके सहयोगियों का शासन में सबसे अच्छा रिकॉर्ड है। इसलिए, कांग्रेस सिर्फ 4 राज्यों की सत्ता तक ही सिमट गई है जबकि वे वर्तमान में 15 राज्यों में सरकार चला रहे हैं। चीन और राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर भी मोदी सरकार के कमाल की बात करते हुए यह कहा गया है कि चीन ने केवल एक बार भारतीय भूमि पर कब्जा किया था, जब नेहरू के कार्यकाल में 1962 में भारत पराजित हुआ था। डोकलाम और गलवान का उदाहरण देते हुए भाजपा ने यह दावा किया कि एनडीए सरकार के दौरान भारत ने चीन के साथ आंख में आंख मिलाकर जवाब दिया।

दोनों देशों के बीच 18 बैठकें हो चुकी हैं क्योंकि संसद में 2013 में एके एंटनी द्वारा दिए गए बयान के विपरीत अब भारत हिल नहीं रहा है। सामाजिक सद्भाव के मामले में कांग्रेस पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा कि सिर्फ एक राज्य का चुनाव जीतने के लिए एक भारतीय ब्रांड के खिलाफ भावनाओं को भडक़ाने से नफरत की राजनीति का बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है? कांग्रेस और नफरत की राजनीति एक दूसरे के पर्यायवाची हैं, और इसलिए भारत के अधिकांश हिस्सों से कांग्रेस का सफाया हो गया है।

जनादेश की दिनदहाड़े लूट भी नहीं होने दी जाएगी: भाजपा

सामाजिक न्याय के मोर्चे पर सरकार के कमाल का जिक्र करते हुए भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का विरोध किया। कांग्रेस ने भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान किया। उन्होंने तीन तलाक बिल का विरोध किया। कांग्रेस अपने शीर्ष नेता पर उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली कांग्रेस कार्यकर्ता को बदनाम कर रही है। लोकतंत्र और संघवाद को लेकर विपक्षी दलों द्वारा लगातार लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस ने एक सीजेआई पर महाभियोग चलाने की धमकी दी, जिन्होंने कांग्रेस के वकीलों के कहने पर फैसला लिखने से इनकार कर दिया था। सीवीसी में कांग्रेस की नियुक्तियों को घोर अवैधता के लिए शून्य माना गया। कांग्रेस ने 90 बार अनुच्छेद 356 लगाकर राज्य की वैध सरकारों को बर्खास्त किया। दावा किया गया कि एनडीए को इस बुराई को समाप्त करना है और जनादेश की दिनदहाड़े लूट भी नहीं होने दी जाएगी। कल्याणकारी योजनाओं की बात करते हुए भाजपा ने यह दावा किया है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कल्याणकारी योजनाओं के लीक-प्रूफ वितरण के लिए जानी जाती है। डीबीटी के माध्यम से 28 लाख से अधिक ट्रांसफर से लेकर 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने तक के रिकॉर्ड के बराबर कोई नहीं है। कोविड 19 के महामारी के दौरान भी सरकार के बेहतर प्रबंधन का दावा करते हुए भाजपा ने कहा है कि महामारी के दौरान, कांग्रेस डर, दहशत और फर्जी खबरें फैला रही थी। कांग्रेस ने न केवल भारतीय टीकों और वैज्ञानिकों का अपमान किया बल्कि वह अंतर्राष्ट्रीय बड़ी फार्मा के लिए लॉबिस्ट भी बन गई।

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पक्षी को बचाने के चक्कर में गूगल से ढूंढा एनिमल रेस्क्यू संगठन, खाते से उड़ गए 1 लाख

नई दिल्ली 27 May, (एजेंसी): क्या हो अगर आप किसी की मदद के लिए कोई काम करें और वही काम आपके लिए मुसीबत बन जाए। ऐसा ही कुछ हुआ मुंबई की एक 30 वर्षीय महिला के साथ जिन्होंने एक घायल पक्षी को बचाने के प्रयास में करीब 1 लाख रुपये गंवा दिए। ऐसा पक्षी के इलाज के दौरान नहीं हुआ बल्कि पीड़िता साइबर फ्रॉड का शिकार हो गईं। साइबर फ्रॉड का यह मामला ध्वनि मेहता नामक 30 वर्षीय महिला के साथ हुआ है।

यह घटना 17 मई की है। ध्वनि एक अतंरराष्ट्रीय फिल्म स्टूडियो की कर्मचारी हैं। सुबह वह अपने काम पर जा रही थीं तभी उन्होंने एक पक्षी को घायल देखा। उन्होंने उसकी मदद करनी चाही और गूगल पर एनिमल रेस्क्यू संगठन सर्च किया। उन्होंने एक animalrescueteam.com नाम से एक वेबसाइट मिली। यहां से उन्हें एक नंबर मिला और उन्होंने उस पर कॉल किया। सामने से ध्वनि को बताया गया कि मदद उनके पास जल्द ही पहुंच जाएगी। इससे पहले उन्हें एक फॉर्म भरना होगा।

उनसे कहा गया कि फॉर्म भरने के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए 1 रुपये की पेमेंट करनी होगी। ध्वनि ने ऐसा ही किया। उनसे फिर कहा गया कि बस टीम आपके पास पहुंचती ही होगी। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ। पूरे दिन वहां कोई नहीं आया। ध्वनि शाम को जब ऑफिस से काम कर के वापस घर के लिए निकली तो उन्हें फोन पर मैसेज मिला कि उनके अकाउंट से 99,988 रुपये कट चुके हैं। ध्वनि के साथ जो हुआ उस पर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ।

ध्वनि ने इस मामले में एक एफआईआर दर्ज कर दी है। पुलिस के अनुसार, उन्होंने अनजाने में अपना यूपीआई पिन ठगों को सौंप दिया था। उन्होंने फॉर्म भरने के दौरान ही यह गलती की थी। इस मामल में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की घारा 419, 420 और 465 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। साथ ही आईटी एक्ट के प्रावधानों के तहत भी मामला दर्ज हुआ है।

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टेरर केस में बड़ा एक्शन, 1 दर्जन IPS अफसरों और 200 पुलिसकर्मियों के साथ कई जगहों पर NIA की रेड

जबलपुर 27 May, (एजेंसी): मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से बड़ी खबर सामने आ रही है। जबलपुर में अचानक भारी पुलिस बल देख लोग चकित हो गए। NIA ने सुबह 7 जगहों पर रेड मारा है जिसमे भारी पुलिस बल का उपयोग किया गया है। बड़ी ओमती स्थित एडवोकेट ए उस्मानी के घर पर भी NIA के अधिकारियों ने छापा मारा है। आज सुबह दिल्ली और भोपाल से करीब एक दर्जन आईपीएस अफसर और 200 पुलिसकर्मियों की टीम उस्मानी के घर पर पहुंची। टीम ने आते ही घर के आसपास के इलाकों को घेर लिया।

जानकारी के मुताबिक, उस्मानी के घर के कुछ सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। NIA ने जिस इलाके में रेड की है, वह इलाका मुस्लिम बाहुल्य है। NIA की टीम ने सर्च वारंट के साथ यह छापा मारा है। वहीं, ओमती में एक डाक्टर सहित शहर के अन्य छह स्थानों पर भी छापेमारी की खबर है।एडवोकेट ए उस्मानी के घर के पास बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती है। ये छापेमारी टेरर रिलेटेड केस में बताई जा रही है।

पुलिस अफसरों ने उस्मानी के घर के आसपास के रास्तों को पूरी तरह से सील कर दिया है। दिल्ली से आई अधिकारियों की टीम उस्मानी के परिवार वालों से पूछताछ कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक, जबलपुर के खान क्लासेज एवं मकसूद कबाड़ी पर भी एनआईए की टीम ने छापा मारा है। इस छापेमारी से इलाके में अफरातफरी की स्थिति है।

बताया जा रहा है कि NIA के अधिकारी उस्मानी के घर के कमरों की तलाशी कर रहे हैं। उन्हें कुछ दस्तावेज भी मिले हैं। हालांकि, उन दस्तावेजों में क्या है, अभी तक इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। घर के सभी सदस्यों के मोबाइल को NIA ने एक जगह जमा करवा दिया है। साथ ही किसी भी सदस्य को घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं है। NIA के अधिकारियों ने इस छापेमारी को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। दिल्ली में दर्ज एक FIR के कनेक्शन को लेकर NIA की टीम जबलपुर पहुंची है । एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किए जाने की खबर है।टेरर फ़ंडिंग और युवाओं को बरगलाने का भी एंगल सामने आया है।

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पौधरोपण में फिर अपना रिकॉर्ड तोड़ेगा यूपी, एक दिन में 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य

लखनऊ 27 May, (एजेंसी): प्रदेश में हरियाली बढ़ाने, बेहतर आबोहवा एवं पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बारिश के आगामी सीजन में योगी सरकार एक बार फिर एक दिन में पौधरोपण का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेगी। इस बार लक्ष्य एक दिन में 35 करोड़ पौधरोपण का है। पौधरोपण की नोडल एजेंसी वन विभाग की निगरानी में सरकार के 27 विभाग मिलकर रिकॉर्ड पौधरोपण के इस अभियान को सफल बनाएंगे। संबंधित विभागों को कितना पौधरोपण करना है, इसका लक्ष्य पहले से तय है।

पौधरोपण के लिए वन विभाग एवं उसकी देखरेख में कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) की नर्सरियों में करीब 54 करोड़ पौधे स्वस्थ्य पौधे तैयार हैं। किस दिन पौधरोपण का यह रिकॉर्ड बनेगा, यह समय अभी तय नहीं है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार मानसून के रुख को देखकर यह तय होगा। अधिक उम्मीद इस बात की है कि जुलाई में किसी दिन यह अभियान चलेगा। ऐसा इसलिए कि पर्याप्त मात्रा में नमीं मिलने से रोपे गये पौधों में से अधिकतम का सर्वाइवल हो। उल्लेखनीय है कि अपने पहले कार्यकाल से ही प्रदेश में हरीतिमा बढ़ाने एवं इससे होने वाले अन्य दूरगामी लाभों के मद्देजर योगी सरकार का जोर अधिक्तम पौधरोपण पर रहा है। इस क्रम में अब तक अपने पहले कार्यकाल में प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए हर साल रिकॉर्ड पौधरोपण के क्रम में 100 करोड़ से अधिक का पौधरोपण हुआ इसका नतीजा भी सामने है।

स्टेट ऑफ फारेस्ट की रिपोर्ट 2021 के अनुसार उत्तर प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के 9.23 फीसद हिस्से में वनावरण है। 2013 में यह 8.82 फीसद था। रिपोर्ट के अनुसार 2019 के दौरान कुल वनावरण एवं वृक्षावरण में 91 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।

वर्ष 2030 तक सरकार ने इस रकबे को बढ़ाकर 15 फीसद करने का लक्ष्य रखा है। इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने के लिए योगी सरकार 2.0 ने अगले पांच साल में 175 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा है। इस क्रम में पिछले साल भी 35 करोड़ पौधे लगाए गए थे। इस साल और इसके अगले चार साल के लिए लिए भी 35-35 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य है।

सरकार के अफसरों के मुताबिक वर्षा काल में जो पौधरोपण हो वह संबंधित क्षेत्र के एग्रोक्लाइमेट जोन (कृषि जलवायु क्षेत्र) के अनुसार हो। अलग अलग जिलों के लिए चिन्हित 29 प्रजाति और 943 विरासत वृक्षों को केंद्र में रखकर पौधरोपण का अभियान चलेगा। इसमें राष्ट्रीय वृक्ष बरगद के साथ देशज पौधे पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल और सहजन जैसे औषधीय पौधों को वरीयता दी जाएगी।

इस अभियान को सफल बनाने में पर्यावरण सेनानियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। पर्यावरण सेनानी में कृषक एवं प्रधानमंत्री सम्मान के लाभार्थी, गंगा प्रहरी, सशक्त बल, महिलाएं, दिव्यांग, कम आय समूह, ²ष्टिबाधित, मनरेगा जॉब कार्ड धारक, स्वयंसहायता समूह, ग्राम स्तरीय एवं नगर विकास कर्मी, वनकर्मी, आदिवासी-वनवासी, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लाभार्थी, शिक्षक-विद्यार्थी और महिलाएं शामिल हैं।

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यूपीएससी में चौथी रैंक हासिल करने वाली स्मृति का है गोरखपुर से खास नाता

गोरखपुर 27 May, (एजेंसी): देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी में चौथी रैंक हासिल करने वाली स्मृति मिश्रा की पूरे देश में चर्चा है। स्मृति का मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर से है खास रिश्ता। दरअसल उनके पिता और मौजूदा समय में बरेली में डिप्टी एसपी राजकुमार मिश्रा की सेवा के शुरुआती दिन गोरखपुर में ही गुजरे। वह उस समय भी विभागीय भीड़ से अलग नजर आते थे। हालांकि वह तिवारीपुर, गगहा और शाहपुर के थानेदार भी रहे, पर कभी इस होड़ में नहीं रहे कि थानेदारी ही करनी है।

लिहाजा उनकी सर्विस का अधिकांश समय एसएसपी या आईजी के पेशकार के रूप में ही गुजरा। बाद की पोस्टिंग में भी यही उनकी पसंद रही। इससे वह उनकी पत्नी अनिता बच्चों की पढ़ाई पर खास तौर पर फोकस कर सके। राजकुमार मूलरूप से इलाहाबाद के हैं। सैनिक स्कूल की पढ़ाई और एक स्पोर्ट्स मैन (बाक्सर) के रूप में जो संस्कार एवं अनुसाशन उनको मिला था, उसका असर बच्चों पर भी पड़ना स्वाभाविक है।स्मृति मिश्रा का जन्म गोरखपुर में हुआ। बाद में उनके पिता का ट्रांसफर आगरा में हो गया। उन्होंने आगरा के सेंट क्लेयर्स से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की है। स्मृति 12वीं के बाद आगरा से दिल्ली आ गईं और मिरांडा हाउस से बीएससी ऑनर्स करने के बाद से ही सिविल सर्विसेस की तैयारियों में जुट गईं।

स्मृति का कहना है कि यूपीएससी एक दिन की परीक्षा नहीं है। छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर पढ़ाई करें। धैर्य और निरंतरता सफलता का सबसे बड़ा राज है। अच्छे नोट्स बनाकर उन्हें सही से पढ़ने पर सफलता की संभावना बढ़ जाती है। ‘मैंने इन्हीं टिप्स पर ध्यान दिया, पढ़ने के घंटे पर कभी बहुत गौर नहीं किया।’ स्नातक की पढ़ाई के बाद उन्होंने अपने भाई एडवोकेट लोकेश मिश्र के साथ नोएडा में किराए के मकान में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। कोरोना संक्रमण के दौरान उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग से पढ़ाई की। मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल वह सिर्फ पढ़ाई के लिए करती रहीं।

उनके मुताबिक यूपीएससी की तैयारी समग्रता में करें। प्री के साथ ही मेंस पर भी समान रूप के फोकस करें। क्योंकि प्री निकलने के बाद मेंस के लिए समय बहुत कम मिलता है। एनसीईआरटी की किताबें फंडामेंटल क्लीयर करने में बहुत उपयोगी हैं। एक बार कांसेप्ट क्लीयर होने के बाद स्टैंडर्ड किताबों का सहारा लें।

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कांग्रेस नेताओं ने पंडित नेहरू को उनकी 59वीं पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली 27 May, (एजेंसी): कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के पूर्व नेता राहुल गांधी ने शनिवार को प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी 59वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। खड़गे, राहुल गांधी, पार्टी के कोषाध्यक्ष पवन बंसल और अन्य ने यहां शांति वन स्मारक पर नेहरू को पुष्पांजलि अर्पित की। नेहरू को याद करते हुए, खड़गे ने ट्विटर पर लिखा: आप चित्रों के चेहरों को दीवार की ओर मोड़कर इतिहास के पाठ्यक्रम को नहीं बदलते हैं।

प्रथम प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, पंडित नेहरू के योगदान के बिना 21वीं सदी के भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। लोकतंत्र के निडर प्रहरी, उनके प्रगतिशील विचारों ने चुनौतियों के बावजूद भारत के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास को गति प्रदान की। मेरी श्रद्धांजलि। ‘हिन्द का जवाहर’।

वेणुगोपाल ने भी ट्विटर पर कहा, एक महान स्वतंत्रता सेनानी, दूरदर्शी प्रधानमंत्री। एक लोकतंत्र जिसने हमारे गणतंत्र की नींव रखी। राजनेता दुनिया भर में सम्मानित हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने सभी उत्तराधिकारियों के अनुसरण के लिए एक उदाहरण पेश किया। पंडित जी को उनकी पुण्यतिथि पर याद कर रहे हैं।

नेहरू ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख भूमिका निभाई। वह 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले प्रधान मंत्री भी बने। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से थे।

27 मई, 1964 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ने अंतिम सांस ली। उन्होंने 1947 से 1964 तक 16 से अधिक वर्षों तक सेवा की।

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दीवारों पर एंटी PM स्लोगन लिखे जाने का डर, नए संसद भवन की बढ़ाई सुरक्षा- ACP रैंक के अधिकारी ड्यूटी पर लगाए

नई दिल्ली 27 May, (एजेंसी): नए संसद भवन का कल उद्घाटन होना है जिसको लेकर राजनीति गरमाई हुई है। इसी बीच अब दिल्ली पुलिस को इनपुट मिला है कि नए संसद भवन के बाहर दीवारों पर एंटी सरकार और एंटी पीएम स्लोगन लिखे जा सकते हैं। इस इनपुट के आधार पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक नए संसद भवन के आस-पास दिल्ली पुलिस का स्टाफ तैनात किया गया है। करीब 70 पुलिसकर्मियों के स्टाफ को सुरक्षा में लगाया गया है। साथ ही एसीपी रैंक के अधिकारी मोनिटरिंग कर रहे हैं। अब संसद भवन के पास 24 घंटे सुरक्षा तैनात होगी और सीसीटीवी के जरिए भी यहां नजर रखी जा रही है।

दरअसल दिल्ली में नई संसद का 28 मई को पीएम उद्घाटन करेंगे। इस दौरान कई वीवीआईपी/वीआईपी और अन्य लोग कार्यक्रम में शामिल होंगे। ऐसे में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से एडवाजरी जारी की गई है। पुलिस ने लोगों को जरूरत नहीं होने पर नई दिल्ली के इलाके में आने से बचने की सलाह दी है। वहीं, भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों के समर्थन में उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायत ने 28 मई को ही नए संसद भवन के सामने महापंचायत बुलाई है। इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड में है।

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DU के सिलेबस से बाहर हुए मोहम्मद इकबाल, कभी लिखा था- ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’

नई दिल्ली 27 May, (एजेंसी): दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की अकादमिक परिषद ने राजनीतिक विज्ञान के पाठ्यक्रम से पाकिस्तान के राष्ट्र कवि मोहम्मद इकबाल से जुड़ा एक अध्याय हटाने के लिए शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया। अकादमिक परिषद के सदस्यों ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि परिषद ने विभाजन अध्ययन, हिंदू अध्ययन और जनजातीय अध्ययन के लिए नए केंद्र स्थापित करने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। आपको बता दें कि इकबाल ने ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय ‘सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा’ गीत लिखा था।

इकबाल भारतीय उपमहाद्वीप के प्रमुख उर्दू और फारसी शायरों में से एक हैं। वह पाकिस्तान के राष्ट्रीय शायर थे। पाकिस्तान के गठन में उनके विचारों का भी योगदान माना जता है।

डीयू के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने कहा कि शुक्रवार को परिषद की बैठक में पाठ्यक्रम और विभिन्न केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव पारित किए गए। गुप्ता ने कहा, ”विभाजन, हिंदू और जनजातीय अध्ययन के लिए केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव पारित किए गए हैं। मोहम्मद इकबाल को पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।” इकबाल को बीए राजनीति विज्ञान के पेपर “आधुनिक भारतीय राजनीतिक विचार” में शामिल किया गया था। आपको बता दें कि प्रस्तावों पर विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद से अनुमोदन के अंतिम मुहर की आवश्यकता होगी। जो कि 9 जून को मिलने वाली है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की दिल्ली इकाई ने एक बयान में इकबाल को पाठ्यक्रम से हटाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ”दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद ने डीयू के राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से कट्टर धार्मिक विद्वान मोहम्मद इकबाल को हटाने का फैसला किया। मोहम्मद इकबाल को ‘पाकिस्तान का दार्शनिक पिता’ कहा जाता है। वह जिन्ना को मुस्लिम लीग में नेता के रूप में स्थापित करने में प्रमुख खिलाड़ी थे। मोहम्मद इकबाल भारत के विभाजन के लिए उतने ही जिम्मेदार हैं जितने कि मोहम्मद अली जिन्ना हैं।”

आपको बता दें कि अकादमिक परिषद में 100 से अधिक सदस्य हैं। इकाबल को हटाने पर इन्होंने दिन भर विचार-विमर्श किया। इनमें से कम से कम पांच सदस्यों ने विभाजन अध्ययन पर प्रस्ताव का विरोध किया। इसे विभाजनकारी बताया है। इन सदस्यों ने कहा, ”केंद्र के लिए प्रस्ताव विभाजनकारी है। इसका उद्देश्य बताता है कि केंद्र 1300 वर्षों में पिछले आक्रमणों, पीड़ा और गुलामी का अध्ययन करेगा।”

एडहॉक शिक्षकों को नौकरी से हटाने के मुद्दे पर असंतुष्ट शिक्षकों ने कहा कि विश्वविद्यालय मूक दर्शक बना हुआ है। उन्होंने कहा, ”राजनीतिक रूप से प्रेरित भाई-भतीजावाद और अनुचित साक्षात्कार प्रक्रिया के बहुत गंभीर आरोप लग रहे हैं। इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवारों को अपमानित किया गया, उनका मजाक उड़ाया गया और उनसे ऐसे सवाल पूछे गए जिनका उनके करियर से कोई संबंध नहीं है।”

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नौ साल में देश को बदलते दुनिया देख रही : योगी

*सीएम योगी और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने हवाई अड्डे का नया टर्मिनल का किया उद्घाटन*

*डबल इंजन के साथ चलना चाहते हैं तो ट्रिपल इंजन सरकार बनाइए*

कानपुर 26 मई,(एजेंसी)। कानपुर हवाई अड्डे का नया टर्मिनल शुक्रवार को उड़ान भरने के लिए तैयार हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कानपुर में शुक्रवार को फीता काटकर उद्घाटन किया। चकेरी एयरपोर्ट से ढाई किमी दूर मवइया में बना यह नया टर्मिनल पुराने एयरपोर्ट से 16 गुना बड़ा है।

एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि लगता है आप सब चुनाव की थकान मिटा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नौ साल में देश को बदलते दुनिया देख रही। इसका सीधा लाभ उप्र को मिला है।
विकास व विरासत का संगम टर्मिनल में दिख रहा

बदलाव देखना है तो नागर विमानन के क्षेत्र में देखिए। नौ क्रियाशील, 12 पर काम हो रहा। हर मंडल स्तर पर  जल्द ही एक एयरपोर्ट होगा। वायु सेवाओं को जोडऩे के लिए देश के अंदर लोगों की जरूरतों लायक बनाया गया है। कानपुर नए सिविल टर्मिनल से जुड़ गया है। 2017 से पहले बंद उद्योग,गंगा प्रदूषण में कानपुर पर आरोप थे। अब रोड,वायु,मेट्रो,सीसामऊ नाले से 14 करोड़ नाला टेप करने व सेल्फी प्वाइंट बनाया। भले लाल इमली नहीं चली और डिफेंस कॉरिडोर लाकर गौरव लौटाया है। ऐतिहासिक व औद्योगिक विरासत वाले शहर को फिर नए युग का सूत्रपात हो रहा है। लोगों की कनेक्टिविटी जितनी आसान, उतना ही लोग आगे बढ़ते हैं। नए उद्यम आए हैं। न्यू एज टेक्नोलॉजी में नया उत्साह दिखा है। मेट्रो 2021 से पहचान बन चुकी है।

जाजमऊ में सुधार किया,प्रदूषण गंगा में रुका। अविरल,निर्मल गंगा दिख रही। विकास व विरासत का संगम टर्मिनल में दिख रहा। प्राचीन मंदिरों की शैली उकेरी है। यहां आने-जाने वाले यहां की अमिट छाप ले जाएंगे। कानपुर नई उड़ान भरेगा। डबल इंजन की सरकार डबल रफ्तार से काम कर रही है।

एक करोड़ युवाओं को नौकरी की गारंटी

इसलिए कानपुर-लखनऊ के बीच नया एक्सप्रेस वे बन रहा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुआ, जहां कोई आना नहीं चाहता था, वहां उद्यमी आ रहे। 35 लाख करोड़ निवेश के प्रस्ताव,एक करोड़ युवाओं को नौकरी की गारंटी है। युवाओं के स्केल को स्किल से जोडऩा होगा। सकारात्मक भाव से यह हम सबके लिए आसान होगा। डबल इंजन के साथ चलना चाहते हैं तो ट्रिपल इंजन सरकार बनाइए। नौ साल में कानपुर को मिला, आगे और मिलेगा। प्रधानमंत्री के संकल्पों के साथ जुडऩे से भारत को ग्रोथ इंजन बनाएंगे।

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द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल का ट्रेलर रिलीज होते ही बंगाल में मचा बवाल

*डायरेक्टर व लेखक को भेजा लीगल नोटिस*

कोलकाता 26 मई,(एजेंसी)। द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल का ट्रेलर रिलीज होते ही बवाल खड़ा हो गया है. इस फिल्म के डायरेक्टर व लेखक को पश्चिम बंगाल की पुलिस ने लीगल नोटिस भेजा है और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ये फिल्म वेस्ट बंगाल के कट्टरपंथी संगठन रोहिंग्या मुस्लिमों को आधार कर बताई जा रही है. मेकर्स पर आरोप लगाया गया है कि ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के जरिये पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की कोशिश की गई है. वसीम रिजवी फिल्म्स प्रेजेंट्स ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह हैं और इस फिल्म के डायरेक्टर और राइटर फेमस फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा. बता दें कि डायरेक्टर को वेस्ट बंगाल के अमहर्स्ट पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत नोटिस भेजा गया है.

इसके बाद अब निर्देशक सनोज मिश्रा को पुलिस स्टेशन में इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी सुभाब्रता कर के सामने 30 मई को 12 बजे पूछताछ के लिए मौजूद होना पड़ेगा. बता दें कि ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ फि़ल्म को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 120(बी), 153ए, 501, 504, 505, 295 एऔर आईटी एक्ट की धारा 66 डी, 84बी और सिनेमेटोग्राफ़ी एक्ट की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की है. वहीं कानूनी नोटिस मिलने के बाद सनोज़ कुमार मिश्र के वकील नागेश मिश्रा ने कहा की एफआईआर दर्ज हुई है और हम लीगल लड़ाई लड़ेंगे.

बता दें कि लखनऊ में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के दौरान निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह ने कहा था कि पिछले कुछ सालों में पश्चिम बंगाल के हालात बेहद खतरनाक होते जा रहे हैं. वहां पर बड़े स्तर पर बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया जा रहा हैं. जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल की सरकार रोहिंग्याओं को अपना वोट बैंक बनाकर उनका आधार कार्ड और वोटर लिस्ट में नाम डलवा रही हैं.

फिल्म के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह ने कहा था कि इस वजह से पश्चिम बंगाल में खास करके बांग्लादेश के बॉर्डर से सटे हुए क्षेत्रों में एक बहुत बड़ी रोहिंग्या मुसलमानों की आबादी बसती जा रही है. ये रोहिंग्या मुसलमान पश्चिम बंगाल से आईडी बनवा कर पूरे देश में फैल रहे हैं और इन्हें विदेशी आतंकी संगठन खास मकसद के लिए पूरे हिंदुस्तान में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के जरिये फैलाया जा रहा है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि इस कारण बंगाल में हिंदुओं पर जुल्म हो रहे हैं और वे अपना घर छोडऩे को मजबूर हो रहे हैं. उन्होंने दावा किया था कि बंगाल की इसी सच्चाई को फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है. बता दें कि इस फिल्म के अगस्त 2023 में रिलीज होने की उम्मीद है.

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जीरो बैलेंस खाते में आए सौ करोड़ तो मजदूर के उड़ गए होश

मुर्शिदाबाद 26 May, (एजेंसी) । दिन-रात मेहनत मजदूरी करके मुश्किल से 200 से 300 रुपये कमा पाने वाले मजदूर मो. नसीरुल्लाह को घर चलाना मुश्किल होता है। सुबह से शाम तक कड़ी मेहनत के बाद शाम को जो रुपये मिलते हैं उससे परिवार का खर्च किसी तरह चल जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार आई तो नसीरुल्लाह ने जीरो बैलेंस खाता खुलवाया। उसे उम्मीद थी कि केंद्र सरकार उसकी मदद करेगी और खाते में उसके रकम आएगी।

नसीरुल्लाह के खाते में महज 17 रुपये थे। हाल ही में जब उसे पता चला कि उसके अकाउंट में 100 करोड़ रुपये हैं। इसकी जानकारी उन्हें तब हुई, जब साइबर सेल ने उन्हें नोटिस भेजा। बैंक जाने पर पता चला कि उनका अकाउंट बैंक ने ब्लॉक कर दिया है। गूगल ऐप पर उन्होंने चेक किया तो अकाउंट में 100 करोड़ होने की जानकारी मिली।

नसीरुल्लाह के रातों की नींद उड़ गई है, परिवार टेंशन में हैं।मामला पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद का है। दिहाड़ी मजदूर नसीरुल्लाह ने कहा कि उसे जब से यह पता चला है कि उसके खाते में सौ करोड़ रुपये हैं, तब से वह सो नहीं पाया है। उसने कहा कि आज तक उसने हजार रुपये एक साथ नहीं देखे और इतनी बड़ी रकम ने उसके होश उड़ा दिए हैं।नसीरुल्लाह ने बताया कि उसे डेगाना साइबर सेल ने नोटिस दिया है। उसे पूछताछ के लिए 30 मई को पुलिस के सामने पेश होना है।

उसने कहा कि पुलिस का फोन आने के बाद से वह परेशान है। उसका पूरा परिवार डरा हुआ है कि उसे जेल भेज दिया जाएगा।मजदूर नसीरुल्लाह ने बताया कि वह बासुदेबपुर गांव का रहने वाला है। उसने जोरी बैलेंस से अपना खाता खुलवाया था। जब उसे साइबर सेल का नोटिस मिला तो यकीन नहीं हुआ। वह बैंक गया। बैंक में उसे पता चला कि उसका अकाउंट ब्लॉक हो गया है। ब्लॉक होने से पहले उसके खाते में 17 रुपये थे। अब अकाउंट में सौ करोड़ कहां से आए? नहीं पता।

नसीरुल्लाह ने बताया कि उसने अपने मोबाइल पर गूगल ऐप चेक किया तो उसमें 7 अंकों की संख्या वाली रकम दिखाई दी। वह पढ़ालिखा नहीं है इसलिए उसने एक अन्य शख्स से चेक करवाया। उसने बताया कि उसके अकाउंट में 100 करोड़ रुपये की राशि जमा होना दिखा रहा है।नसीरुल्लाह ने बताया कि उसे बैंक में बताया गया कि उसका अकाउंट ब्लॉक है। इससे ज्यादा डीटेल नहीं बताई जा सकती है क्योंकि उसके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज किया गया है। फिलहाल वह अपने अकाउंट से कोई लेनदेन नहीं कर सकता है।

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अभिषेक बनर्जी के काफिले के वाहनों पर हमला

झारग्राम 26 May, (एजेंसी) । जंगल महल के झारग्राम में पुलिस व प्रशासनिक महकमे में तब हड़कंप मच गया जब कथित तौर पर तृणमूल सांसद व पार्टी के सर्व भारतीय महा सचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले में हमले की घटना घटी। प्राथमिक जानकारी में दावा किया जा रहा है कि, अभिषेक बनर्जी के काफिले ने आज जब झारग्राम के शालबनी में प्रवेश किया तो कुछ वाहनों पर हमला किया गया।

खबर है कि अभिषेक बनर्जी के काफिले में मंत्री बीरबाह हांसदा की कार भी शामिल थी और कहा जा रहा है कि मंत्री बीरबाह हांसदा की कार में भी हमला हुआ है और उनकी कार के शीशे क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्राथमिक तौर पर कहा जा रहा है कि कुर्मी प्रदर्शनकारियों द्वारा उक्त हमले को अंजाम दिया गया है।बीरबाह अभिषेक बनर्जी के ‘नवज्वार’ कार्यक्रम में शामिल हुईं।

आरोप है कि अभिषेक के काफिले ने आज जब झारग्राम के शालबनी में प्रवेश किया तो कुछ वाहनों पर हमला किया गया। इनमें एक बीरबहार कार भी थी। इधर इस घटना के बाद बीरबाह ने कहा, “मैं खुद आदिवासी समुदाय से हूं। लेकिन यह कैसा आंदोलन है! यह असभ्य है। मुझे जो करना है करुंगी। मिली जानकारी में बताया जा रहा है कि, स्टेट हाईवे नंबर 5 के दोनों ओर कुर्मी आंदोलनकारी प्रदर्शन कर रहे थे। आरोप है कि इस दौरान तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक को लेकर  ‘चोर चोर’ के नारे लगाए गए।

इसके बाद तृणमूल नेता के काफिले के आखिरी छोर पर खड़ी बीरबहार की कार पर भी ईंटें फेंकी गईं। मंत्री की कार का आगे का शीशा टूटा गया। तृणमूल ने  आरोप लगाया कि पार्टी कार्यकर्ताओं को बांस और लाठियों से भी मारा गया। बीरबाह ने उक्त हमले के लिए माकपा और बीजेपी को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ”तृणमूल ने कभी कुर्मी आंदोलन का विरोध नहीं किया।

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प्रियंका चोपड़ा ने बोल्ड ड्रेस में हिलाया इंटरनेट, देखें तस्वीरें

27.05.2023 (एजेंसी)  – ग्लोबल स्टार बन चुकी अदाकारा प्रियंका चोपड़ा ने हाल ही में अपनी लेटेस्ट फोटोशूट्स से फैंस के बीच खलबली मचा दी है। अदाकारा का लेटेस्ट फोटोशूट सोशल मीडिया पर आते ही छा गया। इस फोटोशूट में अदाकारा एक नामी इंटरनेशनल मैगजीन के लिए बोल्ड ड्रेसेस में पोज करती दिखीं।

अदाकारा की ये तस्वीरें इंस्टाग्राम की दुनिया मे आते ही तहलका मचाती दिख रही हैं। अदाकारा की इन तस्वीरों को देखने के बाद फैंस उनकी बोल्डनेस को देख हैरान होते दिखे। यहां देखें अदाकारा प्रियंका चोपड़ा की सामने आईं लेटेस्ट फोटोशूट की फोटोज।

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हीरामंडी की शूटिंग से नाखुश हैं संजय लीला भंसाली, दोबारा करेंगे शूटिंग

27.05.2023 (एजेंसी)  – संजय लीला भंसाली की अगली महत्वाकांक्षी परियोजना, हीरामंडी, नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होगी। इसकी शूटिंग वर्तमान में मुंबई में की जा रही है। हाल ही में, नेटफ्लिक्स ने सोशल मीडिया पर ऋचा चड्ढा, सोनाक्षी सिन्हा, मनीषा कोइराला, अदिति राव हैदरी और संजीदा शेख सहित प्रमुख महिलाओं की पहली उपस्थिति साझा की। फर्स्ट लुक ने सभी को हैरान कर दिया। हालांकि, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, संजय लीला भंसाली सीरीज के लिए शूट के एक हिस्से से खुश नहीं हैं।

हीरामंडी से जुड़े सूत्र बताते हैं, हीरामंडी के अलग-अलग एपिसोड अलग-अलग निर्देशकों द्वारा निर्देशित किए जा रहे हैं, जिन्होंने पहले संजय लीला भंसाली के तहत काम किया है। भंसाली श्रृंखला के लिए केवल प्रमुख दृश्यों का निर्देशन कर रहे हैं। हालांकि, हाल ही में, जब संजय लीला भंसाली ने अन्य निर्देशकों द्वारा शूट किए गए एपिसोड के कुछ दृश्यों को देखा, तो जाहिर तौर पर वह खुश नहीं थे। संजय लीला भंसाली उन एपिसोड्स के कुछ हिस्सों को फिर से शूट करने पर जोर दे रहे हैं, जिनके बारे में वह आश्वस्त नहीं है। प्रोडक्शन हाउस और कर्मचारी दुविधा में हैं क्योंकि शो का अधिकांश हिस्सा लगभग पूरा हो चुका था।

इससे नेटफ्लिक्स पर सीरीज की रिलीज में देरी होगी या नहीं, यह अभी पता नहीं चल पाया है। संजय लीला भंसाली की हीरामंडी को नेटफिलिक्स पर प्रदर्शित किए जाने की घोषणा कुछ समय पूर्व ही एक भव्य समारोह आयोजित करके की गई थी। नेटफ्लिक्स ने इस घोषणा से पहले कहा था, एक और समय, एक और युग, संजय लीला भंसाली द्वारा बनाई गई एक और जादुई दुनिया जिसका हम हिस्सा बनने का इंतजार नहीं कर सकते। यहां हीरामंडी की खूबसूरत और दिलचस्प दुनिया की एक झलक है।

जल्द आ रहा है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार हीरामंडी 1940 के दशक के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की उथल-पुथल भरी पृष्ठभूमि के खिलाफ तवायफों और उनके संरक्षकों की कहानियों के माध्यम से, चकाचौंध करने वाले जिले, हीरामंडी की सांस्कृतिक वास्तविकता का पता लगाएगी। कोठों में प्रेम, विश्वासघात, उत्तराधिकार और राजनीति का मिश्रण। हीरामंडी ने संजय लीला भंसाली की जीवन से बड़ी कहानियों, जटिल और आत्मीय चरित्रों की हस्ताक्षर शैली, और भारत के लिए एक परिभाषित समय अवधि के दौरान संघर्ष के साथ एक विश्व व्याप्त की लहरदार गतिशीलता का वादा किया है।

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केदारनाथ धाम 2023 : बाबा केदारनाथ के धाम पहुंची बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत

27.05.2023 (एजेंसी)  – बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत इन दिनों देवभूमि उत्तराखंड में हैं। कल मंगलवार को कंगना रनौत ने हरिद्वार में साधु-संतों से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया था। तो आज कंगना बाबा केदारनाथ में दर्शन करने केदारनाथ धाम पहुंची। उन्होंने बाबा केदार के दर पर माथा टेका। कंगना रनौत के साथ खानपुर विधायक उमेश कुमार भी केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। बदरी-केदार मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहित समाज ने कंगना रनौत का स्वागत किया।

वहीं, महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद महाराज भी कंगना रनौत के साथ ही भगवान केदारनाथ के दर्शन को पहुंचे थे। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने कंगना रनौत का स्वागत कर उनको भगवान केदारनाथ जी का प्रसाद, भस्म और रुद्राक्ष की माला भेंट की। मंदिर समित ने अभिनेत्री कंगना रनौत को केदारनाथ धाम का महाप्रसाद दिया। अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि वह समर्पण भाव से केदारनाथ पहुंची हैं और उन्होंने भगवान केदारनाथ सभी के कल्याण की प्रार्थना की है।

यहां आकर सनातन धर्म के प्रति उनकी आस्था और प्रण को अधिक बल मिला है। दर्शन के बाद कंगना तीर्थयात्रियों और तीर्थ पुरोहितों से भी मिलीं।बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि कंगना बदरीनाथ दर्शन को भी जाना चाहती थीं लेकिन मौसम खराब होने के कारण बदरीनाथ के कार्यक्रम में बदलाव किया गया। गौरतलब हो कि कंगना रनौत कुछ समय पहले ही हरिद्वार आई थी, लेकिन तब वो केदारनाथ धाम नहीं आ पाई थीं।

उन्होंने केदारनाथ धाम आने की इच्छा जताई थी। हालांकि, इस बार उनकी ये इच्छा पूरी हो गई है। अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा भी केदारनाथ पहुंचे हैं।आपको बता दें कि, एक दिन पहले ही बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार भी केदारनाथ पहुंचे थे। उन्होंने भी बाबा के दर पर माथा टेका था। इसके बाद अभिनेता अक्षय कुमार ने देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी। बता दें कि बीते महीने 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए थे। इन एक महीने में अभीतक करीब 5 लाख श्रद्धालु बाबा केदार के दर पर पहुंच चुके हैं।

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कैनेडी में सनी की हंसी को परफेक्ट करने पर अड़े रहे थे अनुराग कश्यप

27.05.2023 (एजेंसी)  – एक्ट्रेस सनी लियोनी अनुराग कश्यप की फिल्म कैनेडी से कान फिल्म फेस्टिवल में डेब्यू कर रही हैं। फिल्म एक अनिद्राग्रस्त पूर्व पुलिस अधिकारी केनेडी की कहानी है, जिसे सालों से मृत मान लिया गया है। सनी लियोन ने फिल्म में चार्ली नाम की एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी हैं।

अपने किरदार के बारे में बात करते हुए एक्ट्रेस ने कहा: यह एक जटिल किरदार है। वह जिस चीज को सबसे ज्यादा छिपाती है, वह है हंसी। मेरा मानना है कि वह एक ऐसी महिला है जो दो अलग-अलग दुनिया में फंसी हुई है, एक वह है जिसमें वह रहना चाहती है और एक वह है जिसमें वह फंसी हुई है। मुझे इस किरदार को निभाने में बहुत मजा आया।

वह हर पल जितना संभव हो सके, उतना मजबूत होने की पूरी कोशिश कर रही है।फिल्म में लियोन की हंसी बेहद खास है। उन्होंने बताया कि मेरी हंसी को मेरे करेक्टर से मैच करने के लिए कश्यप अड़े रहे थे।एक्ट्रेस ने वैराइटी को बताया: यह कुछ ऐसा है, जो मैंने पहले कभी नहीं किया, इसलिए मुझे काफी प्रैक्टिस करनी पड़ी।

मैंने कार चलाने की प्रैक्टिस की, मैंने अपने परिवार, अपने बच्चों, अपने पति, अपने दोस्तों के सामने प्रैक्टिस की। मैंने सेट पर गाने की शूटिंग या किसी चीज की शूटिंग के बीच में चार्ली की तरह हंसने की प्रैक्टिस की।एक्ट्रेस ने कहा, इस तरह, जब मैं सेट पर पहुंची, तो यह मेरे सिस्टम से बाहर था, ऐसा कुछ नहीं था जिसके बारे में मुझे अजीब लगा हो, यह सिर्फ मेरे करेक्टर का हिस्सा था।

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इन तरीकों से जमाये घर पर बाजार जैसा दही, स्वाद बेमिसाल

27.05.2023 (एजेंसी)  – गर्मी के मौसम में आहार में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जो शरीर को ठंडक प्रदान करती हों। आप घर पर अपने परिजनों को कई प्रकार के ठंडे पेय पदार्थ पिला सकती हैं। इन पेय पदार्थों में आपको ठंडी लस्सी को शामिल करना चाहिए। लस्सी वो भी घर की जमी हुई दही की। अक्सर महिलाओं को शिकायत रहती है कि घर पर दही बाजार जैसा नहीं जमता है। कई लोगों के वैसा गाढ़ा दही नहीं जम पाता है जैसा बाजार में हलवाई के पास मिलता है। कुछ लोगों के दही जमाने में कुछ ना कुछ कमी रह जाती है। कभी इसमें खटास ज्यादा आती है तो कभी पानी ज्यादा रह जाता है। लेकिन रोज बाजार से तो दही लाने से रहे। आज हम अपने पाठकों को कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप घर पर भी बाजार जैसा गाढ़ा दही जमा सकेंगे।

आइए डालते हैं एक नजर इन उपायों पर— जोरन का करें इस्तेमालसबसे पहले दूध को अच्छी तरह से उबाल लें और ठंडा करें। जब दूध गुनगुना हो तो इसमें थोड़ा सा दही यानी कि जोरन डालें और अच्छी तरह से मिलाएं। अब इसे ढक दें और रातभर छोड़ दें। सुबह दही जम जाएगा तो इसे एक घंटे के लिए फ्रिज में रख दें।मिल्क पाउडर का करें इस्तेमालसबसे पहले दूध को उबालकर थोड़ा सा ठंडा करें। अब एक बाउल में चार पांच चम्मच मिल्क पाउडर लें और उसमें दही मिलाएं।

उसे दो बर्तन की मदद से अच्छी तरह से फेटें। ऐसा करने से दही बिल्कुल भी खट्टा नहीं होता है और दही में मौजूद पानी सूख हो जाता है। इसे किसी कपड़े से ढक कर रातभर छोड़ दें।माइक्रोवेव ओवन का करें इस्तेमालअगर आप कम समय में दही जमाना चाहते हैं तो आप माइक्रोवेव ओवन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। पहले माइक्रोवेव को 180 डिग्री पर दो मिनट के लिए प्री हीट करें और बंद कर दें। अब गुनगुने दूध में जोरन या जामन डालकर ढकें और माइक्रोवेव में उस बर्तन को रखें।

ओवन चलाने की जरूरत नहीं है। ऐसा तीन से चार घंटे तक रहने दें। दही जम जाएगा। इसे आप फ्रिज में रख सकते हैं।मिर्च का करें इस्तेमालजी हां, आप दही जमाने के लिए मिर्च का प्रयोग कर सकते हैं। सबसे पहले दूध उबालें और उसे ठंडा करें। गुनगुना दूध हो तो उसमें कुछ सूखी साबुत लाल मिर्च बिना तोड़े दूध में डालें। दरअसल, सूखी लाल मिर्च में लैक्टोबैसिल्ली नाम का एक प्रकार का बैक्टीरिया होता जो दूध जमने में मदद करता है। आप इस दूध से थोड़ा सा दही बनाएं और अब इस दही से और दही बनाएं। दूसरा दही इससे बहुत थिक बनेगा। यह जोरन के रूप में बहुत बढिय़ा काम करता है।

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स्थापत्य एवं वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है उदयपुर, झीलों को देखने आते हैं पर्यटक

27.05.2023 (एजेंसी)  भारतीय राज्य राजस्थान के दक्षिणी भाग में, उदयपुर समुद्र तल से 598 मीटर ऊपर स्थित एक शहर है। राजस्थान में छुट्टियां बिताने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है। उदयपुर का मनमौजी शहर झीलों, शानदार महलों, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और चटपटे स्वादिष्ट व्यंजनों का केंद्र है।उदयपुर के किलों और महलों को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। उदयपुर के शाही आकर्षण को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक उदयपुर आते हैं। लुभावनी वास्तुकला राजस्थान के महाराजाओं की शाही जीवन शैली की झलक देती है। उदयपुर के किलों और महलों की भव्यता इसे राजस्थान के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक बनाती है।

उदयपुर में यात्रा करने के लिए कुछ सबसे लोकप्रिय किले और महल हैं सिटी पैलेस, जग मंदिर महल, फतेह प्रकाश पैलेस, ताज लेक पैलेस, बागोर की हवेली आदि। तो, परिवार की छुट्टी के साथ-साथ दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाने के लिए, उदयपुर सबसे बेहतरीन विकल्प है।उदयपुर, निश्चित रूप से आपके शरीर और आत्मा को फिर से जीवंत कर देगा क्योंकि कई झीलें इस शहर को सुशोभित करती हैं। इसी खास वजह से उदयपुर को पूरब का वेनिस भी कहा जाता है। उदयपुर की झीलें आकर्षण और मंत्रमुग्धता की कविता हैं जो युगों से पर्यटकों को लुभाती रही हैं।

उदयपुर का सिटी पैलेससिटी पैलेस की स्थापना 16वीं शताब्दी में आरम्भ हुई। इसे स्थापित करने का विचार एक संत ने राजा उदयसिंह द्वितीय को दिया था। इस प्रकार यह परिसर 400 वर्षों में बने भवनों का समूह है। यह एक भव्य परिसर है। इसे बनाने में 22 राजाओं का योगदान था। इस परिसर में प्रवेश के लिए टिकट लगता है। बादी पॉल से टिकट लेकर आप इस परिसर में प्रवेश कर सकते हैं। परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य त्रिपोलिया गेट दिखेगा। इसमें सात आर्क हैं। ये आर्क उन सात स्मवरणोत्सैवों का प्रतीक हैं जब राजा को सोने और चांदी से तौला गया था तथा उनके वजन के बराबर सोना-चांदी को गरीबों में बांट दिया गया था।

इसके सामने की दीवार अंगद कहलाती है। यहां पर हाथियों की लड़ाई का खेल होता था। इस परिसर में एक जगदीश मंदिर भी है। इसी परिसर का एक भाग सिटी पैलेस संग्रहालय है। इसे अब सरकारी संग्रहालय घोषित कर दिया गया है। वर्तमान में शम्भूक निवास राजपरिवार का निवास स्थानन है। इससे आगे दक्षिण दिशा में फतह प्रकाश भवन तथा शिव निवास भवन है। वर्तमान में दोनों को होटल में परिवर्तित कर दिया गया है।पिछोला झीलपिछोला झील उदयपुर के पश्चिम में पिछोली गांव के निकट इस झील का निर्माण राणा लखा के काल (14वीं शताब्दी के अंत) में पीछू चिडि़मार बंजारे ने करवाया था। महाराणा उदयसिंह द्वितीय ने इस शहर की खोज के बाद इस झील का विस्तार कराया था।

झील में दो द्वीप हैं और दोनों पर महल बने हुए हैं। एक है जग निवास, जो अब लेक पैलेस होटल बन चुका है और दूसरा है जग मंदिर, उदयपुर। दोनों ही महल राजस्थानी शिल्पकला के बेहतरीन उदाहरण हैं, इन्हें नाव द्वारा जाकर देखा जा सकता है।इस झील पर चार द्वीप है—1. जग निवास, जहाँ पर लेक पैलेस बना हुआ है।2. जग मंदिर, जहाँ पर इसी नाम से महल बना हुआ है।3. मोहन मंदिर, जहाँ से राजा वार्षिक गणगौर उत्सव को देखते थे।4. अरसी विलास, एक छोटा द्वीप जो पहले गोलाबारूद गोदाम था, एक छोटा महल भी है।

यह उदयपुर के महाराणा द्वारा झील से सूर्यास्त का आनंद लेने के लिए बनाया गया था।यह झील मीठे पानी की कृत्रिम झील है। इस झील का मनोरम दृश्य इतना सुंदर है कि यह बरबस ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस झील के किनारे दूध तलाई स्थित है। झील के तट पर एक नटनी का चबूतरा है और समीप ही हवालाग्राम या शिल्पग्राम है, उत्तर में अमर कुंड स्थित है इसी में राजस्थान की प्रथम सौर ऊर्जा संचालित नाव चलाई गई।सज्जनगढ़ मानसून पैलेसमानसून पैलेस, जिसे सज्जन गढ़ पैलेस के रूप में भी जाना जाता है, भारत के राजस्थान के उदयपुर शहर में फतेह सागर झील के दृश्य के साथ एक पहाड़ी महलनुमा निवास है।

इसका नाम मेवाड़ राजवंश के महाराणा सज्जन सिंह (1874’884) के नाम पर सज्जनगढ़ रखा गया है, जिनके लिए इसे 1884 में बनाया गया था। महल शहर की झीलों, महलों और आसपास के ग्रामीण इलाकों का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। यह मुख्य रूप से मानसून के बादलों को देखने के लिए बनाया गया था; इसलिए, इसे लोकप्रिय रूप से मानसून पैलेस के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि महाराणा ने इसे अपने पैतृक घर चित्तौडगढ़़ का नजारा लेने के लिए पहाड़ी की चोटी पर बनवाया था। पहले मेवाड़ शाही परिवार के स्वामित्व में था, अब यह राजस्थान सरकार के वन विभाग के नियंत्रण में है और हाल ही में इसे जनता के लिए खोल दिया गया है। महल सूर्यास्त का एक सुंदर दृश्य प्रदान करता है।इसके निर्माता महाराणा सज्जन सिंह ने मूल रूप से इसे पांच मंजिला खगोलीय केंद्र बनाने की योजना बनाई थी।

महाराणा सज्जन सिंह की अकाल मृत्यु से योजना रद्द हो गई। इसके बाद इसे मानसून महल और शिकार लॉज में बदल दिया गया। उदयपुर के ठीक बाहर, अरावली पहाडिय़ों में ऊँचा, महल शाम को रोशन होता है, जिससे सुनहरी नारंगी चमक मिलती है। महल का उपयोग 1983 की जेम्स बॉन्ड फिल्म ऑक्टोपसी में निर्वासित अफगान राजकुमार कमाल खान के निवास के रूप में किया गया था।जग मंदिरजग मंदिर पिछोला झील में एक द्वीप पर बना एक महल है। इसे लेक गार्डन पैलेस भी कहा जाता है। महल भारत के राजस्थान राज्य के उदयपुर शहर में स्थित है। इसके निर्माण का श्रेय मेवाड़ राज्य के सिसोदिया राजपूतों के तीन महाराणाओं को जाता है। महल का निर्माण 1551 में महाराणा अमर सिंह द्वारा शुरू किया गया था, महाराणा कर्ण सिंह (1620’628) द्वारा जारी रखा गया और अंत में महाराणा जगत सिंह प्रथम (1628’652) द्वारा पूरा किया गया। इसका नाम अंतिम महाराणा जगत सिंह के सम्मान में जगत मंदिर रखा गया है। शाही परिवार ने महल का उपयोग गर्मियों के रिसॉर्ट और पार्टियों के आयोजन के लिए आनंद महल के रूप में किया।जग मंदिर पिछोला झील (निकटवर्ती पिछोली गाँव के नाम पर) के दक्षिणी छोर पर दो प्राकृतिक द्वीपों में से एक में स्थित है।

झील को शुरू में 15 वीं शताब्दी में एक स्थानीय बंजारा आदिवासी सरदार द्वारा धाराओं के पार अनाज ले जाने के लिए बनाया गया था। महाराणा उदय सिंह द्वितीय के शासनकाल के दौरान, 1560 में, दो धाराओं में बांधों का निर्माण करके झील का काफी विस्तार किया गया था। उस समय महाराणा ने झील के बीच में द्वीपों पर जग मंदिर और लेक पैलेस (जग निवास होटल) भी बनवाया था। उदयपुर शहर अपने सिटी पैलेस और अन्य स्मारकों और मंदिरों के साथ झील की परिधि पर बनाया गया था।बागोर की हवेली संग्रहालयउदयपुर में एक हवेली है। यह गंगोरी घाट पर पिछोला झील के तट पर है। मेवाड़ के प्रधानमंत्री अमर चंद बडवा ने इसे अठारहवीं शताब्दी में बनवाया था। महल में सौ से अधिक कमरे हैं, जिनमें वेशभूषा और आधुनिक कला के प्रदर्शन हैं।

अंदरूनी हिस्सों में कांच और दर्पण हवेली का काम है। यह रानी के कक्ष की दीवारों पर मेवाड़ चित्रकला का बेहतरीन नमूना है। रंगीन कांच के छोटे-छोटे टुकड़ों से बने दो मोर कांच के काम के उदाहरण हैं।अमरचंद बडवा, एक सांध्य ब्राह्मण, जो 1751 से 1778 तक मेवाड़ के प्रधानमंत्री थे, ने क्रमश: महाराणा प्रताप सिंह द्वितीय, राज सिंह द्वितीय, अरी सिंह और हमीर सिंह के शासनकाल में इस हवेली का निर्माण किया था। अमरचंद की मृत्यु के बाद, भवन मेवाड़ी शाही परिवार के अधिकार क्षेत्र में आ गया और बागोर की हवेली पर तत्कालीन महाराणा के रिश्तेदार नाथ सिंह का कब्जा था। 1878 में, सज्जन सिंह के प्राकृतिक पिता, बागोर के महाराज शक्ति सिंह ने हवेली का विस्तार किया और ट्रिपल-धनुषाकार प्रवेश द्वार का निर्माण किया। यह 1947 तक मेवाड़ राज्य के कब्जे में रही। स्वतंत्रता के बाद, राजस्थान सरकार ने इसका उपयोग किया लेकिन इसकी सार-सम्भाल सही तरीके से नहीं हुई, लगभग चालीस वर्षों में हवेली की स्थिति बहुत खराब हो गई। अंतत: सरकार को हवेली पर अपनी पकड़ छोडऩे के लिए राजी किया गया और 1986 में इसे पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र को सौंप दिया गया था।

एकलिंग जी मंदिरएकलिंगजी उदयपुर जिले में एक हिंदू मंदिर परिसर है। यह मेवाड़ की पूर्व राजधानी यानी नागदा के पास कैलाशपुरी गाँव गिरवा तहसील, उदयपुर में स्थित है। एकलिंगजी को मेवाड़ रियासत का शासक देवता माना जाता है और महाराणा उनके दीवान के रूप में शासन करते हैं।एकलिंगजी के मूल मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी के शासक बप्पा रावल ने किया था। दिल्ली सल्तनत के शासकों द्वारा आक्रमण के दौरान मूल मंदिर और मूर्ति को नष्ट कर दिया गया था। सबसे पुरानी मौजूदा मूर्ति हमीर सिंह 14वीं शताब्दी द्वारा स्थापित की गई थी, जिन्होंने मुख्य मंदिर का व्यापक जीर्णोद्धार भी किया था। राणा कुंभा (15वीं शताब्दी) ने विष्णु मंदिर के निर्माण के अलावा, मंदिर का पुनर्निर्माण किया। उनका 1460 का शिलालेख उन्हें एकलिंग का निजी नौकर के रूप में वर्णित करता है।15वीं सदी के अंत में मालवा सल्तनत के गियाथ शाह ने मेवाड़ पर हमला किया और एकलिंगजी के मंदिर को तबाह कर दिया।

कुंभा के बेटे राणा रायमल 1473’509 ने उसे हरा दिया और उसे पकड़ लिया, और उसकी रिहाई के लिए फिरौती प्राप्त की। इस फिरौती के साथ, रायमल ने मंदिर परिसर के अंतिम प्रमुख पुनर्निर्माण का संरक्षण किया और वर्तमान मूर्ति को मुख्य मंदिर में स्थापित किया।मूल रूप से, मंदिर संभवत: पशुपत संप्रदाय का था और बाद में नाथ संप्रदाय की हिरासत में था। 16वीं शताब्दी में, यह रामानंदियों के नियंत्रण में आ गया।जगदीश मंदिरउदयपुर के मध्य में शाही महल के ठीक बाहर एक बड़ा हिंदू मंदिर है। यहाँ 1651 से लगातार पूजा हो रही है। एक बड़ा पर्यटक आकर्षण, मंदिर को मूल रूप से जगन्नाथ राय का मंदिर कहा जाता था, लेकिन अब इसे जगदीश मंदिर कहा जाता है। यह उदयपुर का एक प्रमुख स्मारक है।जगदीश मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना है और 1651 में बनकर तैयार हुआ था।

यह एक दो मंजिला मंडप (हॉल) को एक दो मंजिला संधारा (एक ढकी हुई एंबुलेंस के साथ) गर्भगृह से जोड़ता है। मंडप में पिरामिड समवर्ण (बेलरूफ) के भीतर एक और मंजिल है, जबकि गर्भगृह के ऊपर खोखले गुच्छेदार शिखर में दो और गैर-कार्यात्मक कहानियां हैं। मुख्य मंदिर तक पहुँचने के लिए, 32 संगमरमर की सीढिय़ाँ चढऩी पड़ती हैं। जगदीश मंदिर हिंदू आइकनोग्राफी का सबसे सुंदर उदाहरण है, जिसमें हाथ से नक्काशीदार पत्थर की तीन मंजिलें हैं, जिसमें लगभग 79 फीट ऊंची एक मीनार है और यह उदयपुर का सबसे बड़ा मंदिर है।

कई शहरपनाह (शहर की दीवार) से निकलने वाली गलियाँ जगदीश मंदिर पर मिलती हैं। मंदिर में सबसे खूबसूरत घटना वार्षिक रथ यात्रा है। इसे 1651 में महाराणा जगत सिंह ने बनवाया था। जगदीश मंदिर महा मारू या मारू-गुर्जर वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है, सुंदर और अलंकृत नक्काशी से सजाया गया है। सिटी पैलेस से थोड़ी दूर चलने पर आप इस मंदिर तक पहुंच जाएंगे। मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ की एक मूर्ति है, जो भगवान विष्णु या भगवान कृष्ण की है, जो एक ही काले पत्थर से उकेरी गई है, जो चार भुजाओं, फूलों और सज्जा के साथ देदीप्यमान है। भगवान गणेश, सूर्य, देवी शक्ति और भगवान शिव को समर्पित चार छोटे मंदिर, मुख्य मंदिर के चारों ओर एक घेरा बनाते हैं, जिसमें भगवान विष्णु की मूर्ति है। ऐसा कहा जाता है कि 1651 में भवन के निर्माण के लिए अनुमानित रुपये 1.5 मिलियन खर्च किए गए थे।फतेह सागर झीलफतेह सागर उदयपुर स्थित एक सुंदर झील है।

इसका निर्माण महाराणा फतेहसिंह द्वारा करवाया गया था। पिछोला झील से यह झील जुड़ी हुई है। यह पिछोला झील से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नाशपाती के आकार की यह एक ख़ूबसूरत और कृत्रिम झील है। फतेहसागर झील उदयपुर की चार प्रसिद्ध झीलों में से है, जिसे शहर का गौरव माना जाता है।राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित इस मीठे पानी की झील का निर्माण मेवाड़ के शासक जयसिंह ने 1678 ई. में करवाया था। कुछ वर्षों बाद यह झील अतिवृष्टि होने के कारण नष्ट हो गई। तब इसका पुर्नर्निमाण 1889 में महाराजा फतेहसिंह ने करवाया तथा इसकी आधार शिला ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा रखी गई थी, जो महारानी विक्टोरिया के पुत्र थे। अत: इस झील को फतेहसागर झील कहा गया। पिछोला झील और रंग सागर झील से फतह सागर झील एक नहर के द्वारा जुड़ी हुई है।

अपने सुंदर नीले पानी और हरे-भरे परिवेश की वजह से इस झील को दूसरा कश्मीर के रूप में जाना जाता है। इस झील में टापू है, जिस पर नेहरू उद्यान बना हुआ है। झील में सौर वैद्यशाला भी बनी है, जिसे अहमदाबाद संस्थान ने 1975 में बनवाया था। यह भारत की पहली सौर वैद्यशाला है। इसी झील के समीप बेल्जियम निर्मित टेलिस्कोप की स्थापना सूर्य और उसकी गतिविधियों के अध्ययन के लिए की गई।

फतेहसागर झील से उदयपुर को पेय जल की आपूर्ति की जाती है। उदयपुर के देवाली नामक गांव में स्थित होने के कारण इसे देवाली तालाब भी कहा जाता है। रामप्रताप पैलेस फतेहसागर झील के तट पर ही स्थित है।सहेलियों की बारीसहेलियों की बारी (आंगन या दासियों का बगीचा) भारतीय राज्य राजस्थान के उदयपुर में एक प्रमुख उद्यान और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह शहर के उत्तरी भाग में स्थित है और इसमें फव्वारे और कियोस्क, एक कमल पूल और संगमरमर के हाथी हैं।

इसे राणा संग्राम सिंह ने बनवाया था। यहां एक छोटा संग्रहालय भी है जिसमें भारतीय इतिहास के बारे में काफी जानकारी है।सहेलियों की बाड़ी को अड़तालीस युवतियों के समूह के लिए रखा गया था। यह उद्यान फतेह सागर झील के तट पर स्थित है, इसे 1710 से 1734 के बीच महाराणा संग्राम सिंह ने शाही महिलाओं के लिए बनवाया था। किंवदंती के अनुसार, बगीचे को स्वयं राजा ने डिजाइन किया था और उन्होंने इस उद्यान को अपनी रानी को उपहार में दिया था। विवाह में रानी के साथ 48 दासियां थीं।

उन सभी को कचहरी के राजनीतिक षडय़ंत्रों से दूर सुखद क्षण प्रदान करने के लिए यह उद्यान बनाया गया था। यह बगीचा शाही महिलाओं के आराम करने का लोकप्रिय स्थान हुआ करता था। रानी अपनी दासियों और सखियों के साथ यहां घूमने आती थीं और फुरसत में अपना समय व्यतीत करती थीं।छुट्टियों के लिए उदयपुर जाने का सबसे अच्छा समयउदयपुर एक उष्णकटिबंधीय जलवायु का आनंद लेता है।

अरावली पर्वतमाला और झीलों की उपस्थिति उदयपुर के मौसम को राजस्थान के अन्य राज्यों की तुलना में सहने योग्य और सुखद बनाती है। उदयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का होता है। गर्मियों की चिलचिलाती गर्मी के अभाव में सर्दियों के दौरान पर्यटन स्थलों का भ्रमण बिल्कुल आनंददायक होता है।

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आज का राशिफल

मेष : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आप सुख-सुविधा के लिए प्रयास करेंगे। परिवार के साथ आपकी निकटता होगी। निजी मामलों में संवेदनशीलता दिखाएं। भवन व वाहन के क्षेत्र में उन्नति करें। भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति संभव है। सहयोग का प्रतिशत अधिक रहेगा। पारिवारिक कार्यों में रुचि रहेगी। अधिकारियों से निकटता बनाए रखें। स्वजनों से संबंध बनाकर आगे बढ़ें। प्रबंधन में सुधार होगा। पैतृक सहयोग मददगार रहेगा। स्वाभाविक रहो। बड़ों की सुनें। आप एक अच्छे कम्युनिकेटर होंगे। निजी मामलों पर ध्यान बढ़ेगा।

वृष : (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वु, वे, वो)

आप साहसिक व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि करेंगे। पारिवारिक मामलों में रुचि लें। यात्रा संभव हो सकती है। संचार और संपर्क पर जोर दें। आलस्य त्यागें। नकारात्मक चर्चाओं से बचें। संकोच से मुक्त रहें। कामकाज की स्थिति में सुधार होगा। आपके दृढ़ निश्चय से सभी प्रभावित होंगे। सामाजिक गतिविधियों में सक्रियता बनाए रखें। अनुभव और योग्यता से लाभ। गति को बनाए रखने के। सबके साथ सदभाव बनाए रखें। प्यार और स्नेह के मामलों में मजबूती हासिल करें। संचार बढ़ेगा। तत्काल लक्ष्यों को पूरा करें। भाग्य अनुकूल रहेगा।

मिथुन : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आप पूरे परिवार की भलाई के लिए प्रयास बढ़ाएंगे। सुख-शांति बनी रहेगी। प्रियजनों का आगमन अपेक्षित है। सहयोग का प्रतिशत अधिक रहेगा। आनंद और आनंद में वृद्धि होगी। आप अपनी वाणी और व्यवहार से सबका दिल जीत लेंगे। आकर्षक प्रस्ताव आपके मार्ग में आएंगे। रिश्तेदारों से मेलजोल बढ़ाएं। मेहमानों का सत्कार करें। रक्त संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। पैतृक कार्य को आगे बढ़ाएं। एक अच्छी मेजबान छवि बनाए रखें। संगठन पर ध्यान दें। सकारात्मकता प्रबल होगी। सफलता से प्रेरित रहें। अपनों का भरोसा बनाए रखें। मेहमान आएंगे।

कर्क : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

रचनात्मकता के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। कार्यों को नए तरीके से पूरा करने का प्रयास करें। शुभ प्रस्तावों में वृद्धि होगी। आप सबके सहयोग से आगे बढ़ेंगे। याददाश्त मजबूत होगी। कलात्मक कार्यों में रुचि बनाए रखें। परंपराओं पर जोर दें। सिद्धांतों और रणनीतियों का पालन करें। आपका जीवन स्तर ऊंचा होगा। रचनात्मक परियोजनाओं में उन्नति। आपके व्यक्तित्व में सौम्यता का संचार होगा। पारिवारिक मामलों में रुचि बढ़ाएं। सकारात्मकता बढ़ेगी। वातावरण में अनुकूलता रहेगी। इच्छित कार्यों को आगे बढ़ाएं। नवाचार को महत्व दें।

सिंह : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

निवेश गतिविधियों पर ध्यान दें। खर्चों को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आय में सुधार बना रहेगा। आप प्रबंधन और अनुशासन के साथ आगे बढ़ेंगे। जरूरी कार्यों को गति दें। बातचीत में स्वाभाविक रहें। रिश्तों के प्रति संवेदनशीलता बनाए रखें। प्रियजनों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापारिक गलतियां करने से बचें। आर्थिक और व्यावसायिक मामलों में सतर्कता बढ़ाएं। सावधानी से आगे बढ़ें। संबंधों को निभाने का प्रयास करें। नीतियों और नियमों का पालन बनाए रखें। वाद-विवाद और विवाद में पडऩे से बचें।

कन्या : (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

हर कार्य में मनचाही सफलता मिलने के संकेत हैं। आर्थिक उत्थान होगा। लाभ व सुधार की स्थिति बनी रहेगी। कार्य विस्तार पर जोर दें। सहकर्मियों और मित्रों के साथ बने रहें। स्थिति पर नियंत्रण बढ़ाएं। व्यावसायिक अवसरों का फायदा उठाएं। उपलब्धियों को बढ़ाने का समय है। प्रभावशाली परिणामों से प्रेरित रहें। प्रबंधन में सुधार होगा। साहस में वृद्धि होगी। महत्वपूर्ण प्रयासों को गति दें। पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखें। अनुशासन से काम लें। विभिन्न उपलब्धियों को बल मिलेगा।

तुला : (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

अपनी भूमिका में जिम्मेदार रहें। अथॉरिटी आपकी मदद करेगी। विभिन्न प्रयास अनुकूल रहेंगे। पद, प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त करें। उल्लेखनीय प्रदर्शन बनाए रखें। विभिन्न स्रोतों से लाभ में वृद्धि होगी। वांछित परिणामों से प्रेरित रहें। सहायक रवैया बनाए रखें। पैतृक और प्रशासनिक कार्यों को कुशलता से निपटाएं। नि:संकोच आगे बढ़ते रहें। टाइम मैनेजमेंट का ख्याल रखें। प्रबंधकीय योजनाओं को समर्थन और सहयोग प्राप्त होगा। सुचारू संचार बनाए रखें। प्रफेशनल मामलों में सुधार आएगा। आपके करियर या व्यवसाय में उन्नति होगी।

वृश्चिक : (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

भाग्य वृद्धि की संभावनाओं में आपको बल मिलेगा। सफलता का परचम लहराता रहेगा। व्यावसायिकता पर जोर दें। लक्ष्यों पर ध्यान बढ़ेगा। लंबी दूरी की यात्रा संभव है। आप अपने सहयोगियों के साथ सहयोग करेंगे। संचार और सहभागिता बढ़ाएँ। धार्मिक आयोजनों में रुचि दिखाएं। आस्था और विश्वास से असंभव भी संभव हो सकता है। कार्य व व्यवसाय में गति बनाएरखें। आप बिना किसी हिचकिचाहट के आगे बढ़ेंगे। पेशेवर संबंधों का पोषण करें। इच्छित सिद्धियाँ प्रकट होंगी। बुद्धि और सूझबूझ से काम लें। अपने लक्ष्यों को पूरा करें। शुभ समाचार प्राप्त होंगे।

धनु : (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

सहजता और सद्भाव बनाए रखें। आवश्यक कार्यों में धैर्य और विनम्रता से काम लें। अपने घर और परिवार में सरल रहें। अपनों के सहयोग से कार्यों को पूरा करें। आपसी विश्वास बनाए रखें। व्यवस्था का उल्लंघन करने से बचें। विनम्रता से काम निकालें। अपनी दिनचर्या प्रबंधित करें। दूसरे लोगों की बातचीत में शामिल होने से बचें। व्यायाम सावधानी। वाणी और संचार में मधुरता बढ़ाएं। सबका सम्मान करो। नियमों और विनियमों पर केंद्रित रहें। अनावश्यक पहल से बचें। समय सामान्य है। अपनी सेहत का ख्याल रखना। आधारहीन आशंकाओं के आगे न झुकें। शांत रहना।

मकर : (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आप महत्वपूर्ण मामलों में गतिविधि का अनुभव करेंगे। औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियां फलें-फूलेंगी। संवाद और संवाद में सहजता बनाए रखें। सकारात्मक समय का लाभ उठाएं। प्रभावशाली परिणामों के लिए प्रयासों को गति मिलेगी। स्वाभिमान बना रहेगा। जिम्मेदारियों को बखूबी निभाएं। आवश्यक कार्य पूर्ण करें। सहयोगी प्रयासों को बढ़ाएं। सबको साथ लेकर आगेबढ़ें। निजी संबंधों में सहजता का अनुभव करें। नेतृत्व क्षमता का विकास होगा। साझेदार सहायक और सहयोगी रहेंगे। निर्माण व भूमि संबंधी कार्य में प्रगति होगी। शुद्धता बनाए रखें। अपनी सेहत का ख्याल रखना।

कुंभ : (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

कामकाज से जुड़े मामलों में आप तालमेल बनाकर रखेंगे। मेहनत और लगन पर जोर दें। अग्रिम कार्य योजनाएं। अपना समय प्रभावी ढंग से प्रबंधित करें। निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी। परिश्रम और समर्पण को बनाए रखें। आर्थिक प्रयास स्वाभाविक रूप से आएंगे। सेवा-उन्मुख क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन प्रदान करें। सलाह लें और अनुभवी व्यक्तियों से सीखें। लापरवाही पर नियंत्रण रखें। अनावश्यक कर्ज लेने से बचें। अनुशासन बनाए रखें और नियमों का पालन करें। चर्चाओं, वार्तालापों और बैठकों में नियंत्रण बनाए रखें। अपने स्वास्थ्य के लिए सावधानी बरतें। लालच और मोह से दूर रहें। कार्यकुशलता में सुधार होगा।

मीन : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

बौद्धिक शक्ति से आप सभी कार्य सहजता से कर पाएंगे। परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करें। प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखें। मित्रता में सुधार होगा। लाभ-संबंधी मामलों की अपनी समझ बढ़ाएँ। प्रोफेशनल मामलों में जोश दिखाएं। अपनी प्रतिभा से जगह बनाएं। कार्य प्रदर्शन अच्छी तरह से प्रबंधित होगा। बड़ों की सलाह को ध्यान से सुनें। रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रहेंगे। तत्काल लक्ष्यों को पूरा करें। आधुनिक विषयों में रुचि बनाए रखें। संगठन को मजबूत रखें। सफलता का प्रतिशत अधिक रहेगा। निश्चिंत होकर आगे बढ़ें। गति बनाए रखें।

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राहुल गांधी को नया पासपोर्ट बनाने की इजाजत, 3 साल के लिए मिली NOC

नई दिल्ली 26 May, (एजेंसी): राहुल गांधी को नया पासपोर्ट जारी होने को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। खबर यह है कि राहुल को 3 साल के लिए नया पासपोर्ट मिलेगा। आज इस मामले पर दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नया पासपोर्ट जारी करने की याचिका मंजूर कर ली लेकिन कहा है कि कोर्ट का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट केवल तीन साल के लिए वैध होगा।

दरअसल बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी को पासपोर्ट के मामले में एनओसी दिए जाने का यह कहते हुए विरोध किया था, नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी जमानत पर चल रहे हैं और इस केस में मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उनको पासपोर्ट बनने के लिए एनओसी नहीं दी जानी चाहिए।

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नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

नई दिल्ली 26 May, (एजेंसी)-नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर जहां देश की सियासत गरमाई हुई है वहीं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में बड़ी खबर सामने आई है। खबर यह है कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने की मांग वाली याचिका शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं सुनी। कोर्ट ने बस इतना कहा- समझ में नहीं आता आप लोग ऐसी याचिका लाते ही क्यों हैं? इसमें आपका क्या इंटरेस्ट है? याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि यह याचिका क्यों दाखिल हुई। ऐसी याचिकाओं को देखना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है। कोर्ट ने पूछा कि इस याचिका से किसका हित होगा? इसके बाद याचिकाकर्ता एडवोकेट जया सुकिन ने पिटिशन वापस ले ली। उन्होंने कहा कि वे हाईकोर्ट भी नहीं जाएंगे।

सुनवाई के दौरान जस्टिस माहेश्वरी ने कहा- काफी देर तक बहस करने के बाद याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी गई है। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल से पूछा- मिस्टर SG, आपको कोई समस्या? इस पर SG मेहता ने कहा- याचिका वापस लेने का मतलब है कि वह हाईकोर्ट जाएंगे और बहस करेंगे। अदालत को कहना चाहिए कि इन मामलों में बहस ही नहीं करनी है।

अधिवक्ता सीआर जया सुकिन द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि लोकसभा सचिवालय, भारत संघ, गृह मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय ने संविधान का उल्लंघन किया है और इसका सम्मान नहीं किया जा रहा है। 18 मई को लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बयान और नए संसद भवन के उद्घाटन के बारे में लोकसभा के महासचिव द्वारा जारी किया गया निमंत्रण पत्र प्राकृतिक न्याय के मूल सिद्धांतों का पालन किए बिना और संविधान के अनुच्छेद 21, 79, 87 का उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि, संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है।

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पहले शराब पी फिर पीएम मोदी को दी जान से मारने की धमकी, पुलिस ने कॉल ट्रेस कर पकड़ा

नई दिल्ली 26 May, (एजेंसी) : दिल्ली पुलिस ने एक व्यक्ति को पीसीआर कॉल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। फोन करने वाले की पहचान करोल बाग के रैगर पुरा निवासी हेमंत कुमार के रूप में हुई है। पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) प्रणव तायल ने कहा, गुरुवार रात पीसीआर कॉल मिलने के बाद, एक पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया। कुमार को पुलिस स्टेशन लाया गया और एक संयुक्त पूछताछ की गई। अधिकारी ने कहा, वह पिछले छह साल से बेरोजगार है और उसे शराब पीने की आदत है।

कुमार ने जब पीसीआर कॉल की तो वह नशे में था। बता दें कि इससे पहले अप्रैल महीने में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी मिली थी। किसी अज्ञात शख्स द्वारा 112 नंबर पर मैसेज कर ये धमकी दी गई थी। इसके बाद पुलिस महकमें में मचे हड़कंप के बाद एजेंसियां अलर्ट हो गईं। सीएम योगी को धमकी मिलने के बाद एजेंसियों ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था।

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