*भैसों के मालिकों के खिलाफ FIR दर्ज*
नई दिल्ली 07 Oct. (Rns/FJ): भारत की पहली हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन एक दुर्घटना का शिकार हो गई थी। इस दुर्घटना में जान माल का नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था।
वंदे भारत को मुंबई सेंट्रल कोचिंग केयर सेंटर में ठीक किया गया है। वंदे भारत और रेलवे इंजीनियर सुपरवाइजर और काम करने वाले लोगों ने इसे मिलकर ठीक किया है।
इसके अगले हिस्से को फिर से जोड़ दिया गया है। अब ये ट्रेन फिर से अहमदाबाद और मुंबई ट्रैक पर दौड़ेगी।
उधर, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने भैंसों के मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
वटवा रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा ने कहा कि रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 147 के तहत एफआईआर दर्ज की गई, जो रेलवे के किसी भी हिस्से में अनधिकृत प्रवेश और उसकी संपत्ति के दुरुपयोग से संबंधित है।
उन्होंने बताया कि चार भैंसों के मारे जाने की घटना के मामले में गुरुवार शाम को एफआईआर दर्ज की गई थी।
हालांकि अबतक रेलवे पुलिस भैंसों के मालिकों की पहचान नहीं कर पाई है।
दरअसल हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन गुरुवार सुबह 11:18 बजे हादसे का शिकार हो गई थी। ट्रेन वटवा और मणिनगर स्टेशन के पास जानवरों के झुंड से टकरा गई थी।
यह ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के लिए आ रही थी। हादसे में वंदे भारत ट्रेन के फ्रंट का हिस्सा टूट कर नीचे गिर गया।
रेल मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक हादसे के बाद ट्रेन को करीब 20 मिनट रुकना पड़ा था। फिलहाल ट्रेन को ठीक करके रवाना कर दिया गया है।
इस वंदे भारत ट्रेन को 30 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। यह ट्रेन 180 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। यह देश की तीसरी वंदे भारत ट्रेन है।
इससे पहले नई दिल्ली और वाराणसी तथा नई दिल्ली और माता वैष्णो देवी कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेन चल रही थी। यह ट्रेन गांधीनगर से अहमदाबाद होते हुए मुंबई तक जाती है और फिर वापस इसमें रोड पर गांधीनगर आती है।
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