दो और मुक्त व्यापार समझौते जल्द: पीयूष गोयल

नई दिल्ली 10 Sep. (Rns/FJ): वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका की सरकारी यात्रा के दौरान शनिवार को कहा कि इस वर्ष पहले ही दो देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को अंतिम रूप दे दिया गया है और साल के अंत तक ऐसे कम से कम दो और समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। गोयल लॉस एंजिल्स में यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा आज जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गोयल ने भारत में आर्थिक वृद्धि की उभरती नयी संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा, इस साल दो एफटीए को पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया है, और साल के अंत तक कम से कम दो और एफटीए वार्ताओं को पूरा किए जाने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि भारत ने इस साल की शुरुआत में रिकॉर्ड समय में ऑस्ट्रेलिया और यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) के साथ एफटीए संपन्न किया। कनाडा और ब्रिटेन के साथ एफटीए वार्ता भी चल रही है और काफी आगे बढ़ चुकी है। ब्रिटेन के साथ एफटीओ को इस साल दीवाली तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। एफटीए वार्ता प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ संतुलित व्यापार समझौते बनाने और व्यापार और निवेश में सुधार के लिए मौजूदा व्यापार समझौतों को सुधारने के लिए भारत की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

इस साल जून में, भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत फिर से शुरू की। यह भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण एफटीए में से एक होगा क्योंकि ईयू अमेरिका के बाद इसका दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। भारत-यूरोपीय संघ के बीच वर्ष 2021-22 में 43.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 116.36 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था जो अब तक का रिकार्ड है। इस दौरान यूरोपीय संघ को भारत का निर्यात 57 प्रतिशत बढ़कर 65 अरब डॉलर हो गया।

***********************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version