तेलंगाना : विधायक खरीदने की कोशिश मामले के आरोपी न्यायिक हिरासत में भेजे गए

हैदराबाद 30 Oct. (Rns/FJ): ‘विधायकों को खरीदने की कोशिश’ के सनसनीखेज मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश पर फिर से गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटे बाद शहर की एक अदालत ने तीनों आरोपियों को शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। साइबराबाद पुलिस ने रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, कोरे नंदा कुमार उर्फ नंदू और सिम्हायाजी को एसीबी कोर्ट के जज के सामने सरूरनगर स्थित उनके आवास पर पेश किया।

न्यायाधीश ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बाद में आरोपियों को चंचलगुडा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।

इससे पहले हाईकोर्ट ने कथित तौर पर भाजपा से जुड़े आरोपी की रिमांड खारिज करने के एसीबी कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया था।

हाईकोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि अगर पुलिस दोबारा पेश करती है तो आरोपी को रिमांड पर भेज दें।

आदेश के बाद साइबराबाद पुलिस ने आरोपियों को फिर से गिरफ्तार कर लिया और उन्हें मोइनाबाद पुलिस स्टेशन ले गई, जहां 26 अक्टूबर को फार्महाउस पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के चार विधायकों को भारी मात्रा में धन देने की पेशकश के साथ लुभाने की कोशिश करते हुए पकड़े जाने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति चिलाकुर सुमलता ने साइबराबाद पुलिस द्वारा दायर एक आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर आदेश पारित किया, जिसमें एसीबी विशेष अदालत के न्यायाधीश के आदेश को खारिज करने की मांग की गई थी, जिसमें आरोपी की रिमांड खारिज कर दी गई थी।

एसीबी कोर्ट के जज ने गुरुवार की देर रात उनके सामने पेश किए जाने के बाद आरोपियों को रिमांड पर भेजने की अर्जी खारिज कर दी थी।

न्यायाधीश ने कहा था कि पुलिस आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत आरोपी को नोटिस जारी करने की अनिवार्य प्रक्रिया का पालन करने में विफल रही।

इस आदेश को चुनौती देते हुए साइबराबाद पुलिस ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि निचली अदालत ने सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार नहीं किया। न्यायाधीश ने कहा कि यदि जांच अधिकारी को लगता है कि नोटिस जारी करने की कोई जरूरत नहीं है।

कथित तौर पर भाजपा के एजेंट कहे जाने वाले तीनों आरोपियों को पुलिस ने 26 अक्टूबर की रात हैदराबाद के पास मोइनाबाद के एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया था, जब वे कथित तौर पर टीआरएस के चार विधायकों को मोटी रकम का लालच देकर लुभाने की कोशिश कर रहे थे।

साइबराबाद पुलिस ने एक विधायक पायलट रोहित रेड्डी की गुप्त सूचना पर छापेमारी की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये और तीन अन्य को 50-50 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी।

आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

उन्हें 27 अक्टूबर की रात को एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, लेकिन उन्होंने सबूतों के अभाव में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने से इनकार कर दिया।

कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने आरोपी को रिहा कर दिया। बाद में पुलिस ने निचली अदालत के आदेशों को चुनौती देते हुए तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

टीआरएस टीम ने शुक्रवार को रामचंद्र भारती और रोहित रेड्डी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के ऑडियो टेप लीक कर दिए। आरोपियों ने विधायकों को खरीदने के ‘सौदे’ पर चर्चा की और भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं के नाम भी बताए।

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