नई दिल्ली ,02 सितंबर (आरएनएस/FJ)। संस्कृत भाषा को देश की राष्ट्रीय भाषा घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह ऐसा मसला है जिसपर संसद को फैसला लेना है, इसके लिए संविधान में बदलाव की जरूरत है, नीति में बदलाव की जरूरत है, इसपर फैसला कोर्ट नहीं ले सकता है।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हम नोटिस नहीं जारे करेंगे, जिससे किसी भी तरह की इस याचिका को लोकप्रियता मिले।
यह जनहित याचिका सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और वकील केजी वंजारा ने दायर की थी। याचिका में केंद्र सरकार को संस्कृत को राष्ट्रभाषा के रूप में अधिसूचित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया है कि इस तरह के कदम से मौजूदा संवैधानिक प्रावधानों में खलल नहीं पड़ेगी जो अंग्रेजी और हिंदी को देश की आधिकारिक भाषाओं के रूप में रखते हैं।
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