सीबीआई अधिकारी की मृत्यु पर गंदी राजनीति करने वाले सिसोदिया देश से माफी मांगे : मनोज तिवारी

नई दिल्ली, 7 सितम्बर( आरएनएस/FJ) । भाजपा के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि ईडी और सीबीआई पर सवाल खड़े करना एक तरह से देश के कानून पर सवाल खड़े करना है।

क्योंकि ये सरकारी एजेंसियां स्वतत्र रुप से काम करती हैं और उनके अधिकारी की मृत्यु पर राजनीति करना केजरीवाल की गंदी राजनीति का स्तर है।

आज एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए श्री मनोज तिवारी ने कहा कि अधिकारी की पत्नी खुद एक निजी चैनल पर साफ और स्पष्ट रुप से कहती है कि उनके पति फ़रवरी से ही कुछ परेशान थे और नौकरी छोड़ना चाहते थे।

इसलिए केजरीवाल और उनके नेता इसपर राजनीति करना बंद करें और सबसे माफ़ी माँगे। जबकि सीबीआई ने नई आबकारी नीति में जो जांच की है उसमें कोई क्लीन चीट नहीं दी है।

मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल की एक और चोरी पकड़ी गई है। उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर शिक्षा और स्वास्थ्य सम्बंधी एमसीडी के 2 साल से लंबित 383.74 करोड़ जारी करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य की बड़ी बड़ी बात करने वाले केजरीवाल कैसे-कैसे भ्रष्टाचार करके बैठे हुए हैं, उनका एक-एक काला चिट्ठा खुल रहा है।

आज शराब और रेवड़ी की ही देन है कि पंजाब में कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल रहा है। मनोज तिवारी ने कहा कि आज नई आबकारी नीति में हुए भ्रष्टाचार पर आम आदमी पार्टी का कोई भी नेता बोलने को तैयार नहीं है जबकि इसकी चर्चा गली-गली में हो रही है।

आम आदमी पार्टी के ऊपर उसका फ्रस्टेशन साफ देखने को मिल रहा है। आज उनके सांसद गाली-गलौज पर उतर गए हैं और संवैधानिक पद पर बैठे उपराज्यपाल को भी अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने जब लीगल नोटिस जारी किया है तो उसे आम आदमी पार्टी के सांसद फाड़कर अपनी हाताशा को दर्शा रहे हैं।

***********************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Exit mobile version