शील धाभाई ने फिर महापौर का पद संभाला

जयपुर 28 Sep. (Rns/FJ): राजस्थान में नगर निगम जयपुर ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर को बर्खास्त कर देने के बाद शील धाभाई ने आज यहां फिर कार्यवाहक महापौर का पद संभाल लिया।

श्रीमती धाभाई ने कार्यवाहक महापौर का पद संभालने के बाद कहा कि वह जयपुर शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाने का प्रयास करेगी।

उन्होंने कहा कि रोशनी का पर्व दीपावली को लेकर शहर में उत्साह हैं और इस मौके निगम की तरफ से साफ सफाई आदि का ध्यान रखते हुए लोगों की खुशियों को दुगना कर सके, ऐसा प्रयास किया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि चार जून 2021 को तत्कालीन निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ मारपीट एवं बदसलूकी के आरोप के मामले में छह जून को श्रीमती गुर्जर को निलंबित कर दिया गया था।

इसके बाद श्रीमती गुर्जर के विरुद्ध प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर इस मामले की न्यायिक जांच कराई गई जिसकी गत 10 अगस्त को जारी रिपोर्ट में श्रीमती गुर्जर को दोषी पाया गया था।

श्रीमती गुर्जर को निलंबित करने के बाद राज्य सरकार ने शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर नियुक्त कर दिया था।

इस मामले को लेकर श्रीमती गुर्जर ने अदालत की शरण ली और मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा और गत फरवरी में न्यायालय ने उनके निलंबन आदेश को स्टे कर देने से उन्होंने फिर जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर का पद संभाल लिया था।

हाल में उच्चत्तम न्यायालय ने राज्य सरकार को इस मामले में कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र करते हुए याचिका का निस्तारण कर देने के बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को श्रीमती गुर्जर को महापौर पद से बर्खास्त कर दिया।

गौरतलब है कि श्रीमती धाभाई इससे पहले पिछले वर्ष सात जून से गत एक फरवरी तक कार्यवाहक महापौर रही। इससे पहले भी वह जयपुर नगर निगम की महापौर निर्मला वर्मा के निधन के बाद वर्ष 2001 में महापौर बनी।

***************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

 

Leave a Reply

Exit mobile version