बारिश से हुए नुकसान से निपटने के लिए बेंगलुरु को 300 करोड़ रुपए

बेंगलुरु 06 Sep. (Rns/FJ): कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि मौजूदा बारिश की स्थिति से निपटने के साथ-साथ बेंगलुरु में बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए 300 करोड़ रुपए जारी करने का फैसला किया गया है।

बोम्मई ने सोमवार को बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियो के बैठक के बाद मीडियाकर्मीयों से बातचीत में कहा कि बेंगलुरु में बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए शहर के लिए विशेष रूप से राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) की एक कंपनी स्थापित करने और उपकरण उपलब्ध कराने के लिए 9.50 करोड़ रूपये जारी किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ की यह कंपनी सिर्फ बेंगलुरु सिटी की देखभाल करेंगी। शेष राज्य के लिए सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों को शामिल कर दो और कंपनियां स्थापित की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में बारिश और बाढ़ की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक केंद्रीय दल मंगलवार रात बेंगलुरु पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय दल को बारिश और बाढ़ से मौजूदा नुकसान के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।

बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करने के बाद दल के सदस्यों के साथ बैठक की जायेगी।

बोम्मई ने कहा कि उन्होंने कावेरी नदी से शहर को पीने के पानी की आपूर्ति करने वाले मांड्या के मालवल्ली तालुक में स्थित टी.के.हल्ली पंपहाउस का दौरा किया है, जोकि क्षतिग्रस्त है इसे ठीक करने में दो दिन का समय लग सकता हैं।

उन्होंने कहा कि इस बीच बेंगलुरु को पानी की आपूर्ति के लिए एक वैकल्पिक योजना तैयार की गई है। लगभग 8,000 बोरवेल बीडब्ल्यूएसएसबी के नियंत्रण में हैं और इनके जरिए क्षेत्र में फिर से पानी की आपूर्ति की जोयगी।

मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक शुक्रवार तक दक्षिण और उत्तर आंतरिक कर्नाटक में भारी बारिश की अनुमान व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु शहर के कुछ इलाकों में एक सितंबर से पांच सितंबर के बीच सामान्य बारिश की तुलना में 150 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।

महादेवपुरा, बोम्मनहल्ली और के.आर.पुरम में 307 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। यह पिछले 42 वर्ष में सबसे अधिक बारिश है।

बेंगलुरु में सभी 164 टैंक पूरी तरह से भर गए हैं और बारिश का पानी दक्षिण बेंगलुरु के रिहायशी इलाकों में पानी भर रहा है।

*******************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version