अलवर में अयोध्या से लाई गई रज पर खड़े होकर होगा रावण के पुतले का दहन

अलवर 04 Oct. (Rns/FJ): राजस्थान में अलवर शहर में दशहरा पर्व पर इस बार 75 फुट का रावण, 55 फुट का कुंभकरण एवं 50 फुट ऊंचे मेघनाथ के पुतले का दहन किया। इस अवसर पर शहर के दशहरा मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में राम बनकर राम जन्म भूमि अयोध्या से लाई गई रज पर खड़े होकर रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। पुरुषार्थी समाज के प्रतिनिधि अयोध्या से रज लेकर अलवर पहुंचे हैं।

दशहरे पर आयोजित रावण दहन के लिए दिल्ली के कारीगर पुतला बनाने में जुटे हैं। इस बार खास तकनीक से पुतले बनाए गये है। इस बार रावण दहन धीरे-धीरे होगा। विशेष लाइटिंग होगी। इस मौके आयोजित शोभायात्रा में पंजाबी बैंड होगा। अलवर जिला पुरुषार्थी समिति के प्रवक्ता सौरभ कालरा ने बताया कि पांच अक्टूबर को अपराह्न ढाई बजे शोभायात्रा समाज की धर्मशाला अशोका टॉकीज से आरम्भ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई दशहरा मैदान पहुंचेगी। इस वर्ष पंजाब का विशेष आमंत्रित बेग पाइपर बेंड विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। जिसमें सिक्खी पोशाक पहने कलाकर पंजाबियत की छठा बिखेरेंगे।

दशहरा मैदान में डीग के प्रधान ठेकेदार गुड्डू के निर्देशन में मेरठ , आगरा व डीग के कारीगरों 10 दिनों से पुतला बनाने में लगे हैं। दशहरा ग्राउंड व्यवस्था देख रहे अशोक आहूजा ने बताया कि इस वर्ष रावण पुतला 75 फुट, कुम्भकर्ण 55 फुट व मेघनाथ 50 फुट का होगा। पुतला निर्माण में गोवर्धन से विशेष बांस व खप्पची तथा दिल्ली से आकर्षक एको फ्रेंडली पेपर उपयोग में लिया गया है। पुतलों का दहन धीरे धीरे के लिए खास तकनीक काम में ली जाएगी। ग्राउंड पर चार हजार से अधिक कुर्सियां होंगी ताकि दर्शकों को असुविधा न हो। पांच अक्टूबर को शाम छह से साढे छह बजे तक जयपुरी नवरंगी आतिशबाजी का विशेष शो होगा। इस आयोजन को सफल बनाने में 60 लोगों की टीम तैयारी में जुटी है।

*********************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Exit mobile version