जम्मू/ कश्मीर , 06 अक्टूबर (आरएनएस) । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के बारामुला में सभा को संबोधित करते हुए कहां की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्हूरियत को गाँवों तक जम्हूरियत पहुंचाया है। जम्मू-कश्मीर में अब्दुला परिवार, मुफ्ती परिवार और गांधी परिवार ने लोकतंत्र पर कब्जा किया हुआ था। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र को पंच-सरपंच से लेकर जिला पंचायत तक पहुंचाया है।
जम्मू-कश्मीर का जो इलाका पहले टेररिस्ट हॉटस्पॉट था, अब वह टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन गया है। पहले यहाँ साल में औसतन 6 लाख सैलानी आया करते थे जबकि इस वर्ष जनवरी से लेकर अक्टूबर तक में ही लगभग 22 लाख सैलानी आ चुके हैं। हम जम्मू-कश्मीर को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कटिबद्ध हैं। यहाँ के तीन परिवार चाहते हैं कि हम पाकिस्तान से बात करें लेकिन मैं आप से बात करना चाहता हूँ। वे कहते हैं – पाकिस्तान की सुनिए, हम कहते हैं – घाटी के अवाम की सुनिए।
ये लोग कहते हैं दहशतगर्दी पर कड़े एक्शन न लिए जाएँ जबकि देश और जम्मू-कश्मीर की जनता अब दहशतगर्दी को सहन करने को तैयार नहीं है। दहशतगर्दी या आतंकवाद से कश्मीर का भला नहीं होगा। कश्मीर का भला जम्हूरियत से होगा, उद्योग-धंधे लगने से होगा, एम्स और आईआईएम बनने से होगा। यदि कोई दहशतगर्दों का साथ देता है तो उसे आप लोग समझाएं। उसे समाज की मुख्यधारा में वापस लायें।
अमित शाह ने कहा कि यहाँ दो मॉडल हैं एक माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मॉडल है जो विकास, शांति, सद्भाव और रोजगार देता है जबकि दूसरा है गुपकर मॉडल जो अलगाववाद की बात करता है। यहाँ की जनता ने अब अलगाववाद की बात करने वालों को साइडलाइन कर दिया है।गुपकर पाकिस्तानी आतंकवादियों को करपेट बिछाकर ला रहा है। इसके कारण पुलवामा में अटैक हुआ। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पुलवामा में 2,000 करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल बनाया।
हाथ में पत्थर हैं, हाथ में मशीनगन हैं और बंद कॉलेज हैं जबकि श्री नरेन्द्र मोदी मॉडल में युवाओं के लिए आईआईटी है, आईआईएम है, एम्स है, एनईईटी है। विकास का मोदी मॉडल 56,000 करोड़ रुपये के नवेश को जमीन पर उतार कर बारामूला के युवाओं को रोजगार दे रहा है। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजनैतिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची बनाने का काम जैसे ही पूरा होगा, वैसे ही पूरी पारदर्शिता के साथ जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराये जायेंगे।
अब परिसीमन इस प्रकार से हुआ है कि तीन परिवार के लोग नहीं, जनता के नुमाइंदे ही चुनाव में जीत कर आयेंगे।आजादी के 70 साल में जम्मू-कश्मीर में केवल 15,000 करोड़ रुपये का ही निवेश आया जबकि धारा 370 हटने के बाद के केवल तीन वर्षों में ही जम्मू-कश्मीर में लगभग 56,000 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है। आतंकवाद से कभी किसी का भला नहीं हो सकता है। जम्मू एवं कश्मीर में 1990 से लेकर आज तक लगभग 42 हजार लोग आतंकवाद दहशतगर्दी की भेंट चढ़ गए।
बताइए, इन 42 हजार लोगों की मृत्यु का जिम्मेदार तीन परिवारों का शासन है। मोदी सरकार में आतंकवाद समाप्ति की ओर है।कुछ लोग यहां पर पाकिस्तान की बात करते हैं। बताएं कश्मीर का जो भू-भाग पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है, वहां कितने गाँवों और कितने घरों में बिजली पहुँचती है? कितने अस्पताल हैं? सड़कें कैसी हैं। अमित शाह ने कहा कि आज हमारे कश्मीर के हर गाँव में बिजली है।
कश्मीर के हर घर को आयुष्मान भारत से जोड़ा जा चुका है। एक लाख गरीब लोगों को पक्का घर दिया गया है, 12.41 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है, 11.87 लाख किसानों किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है और 58% घरों में नल से जल पहुँचाया गया है। जब यहां तीन परिवार का शासन था, तब जम्मू-कश्मीर का बजट महज 132 करोड़ रुपये का था।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2022-23 में इस बजट को बढ़ा कर 1,515 करोड़ रुपये कर दिया। 1947 से 2014 तक जम्मू एवं कश्मीर में केवल 4 मेडिकल कालेज थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 से 2022 तक यहाँ 9 नए मेडिकल कॉलेज बनाए हैं। 15 नए नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं।
अमित शाह ने कहा कि धारा 370 के हटने से दलित, पिछड़े, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदाय को आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। जस्टिस शर्मा कमीशन ने भी अपनी रिपोर्ट में इसकी सिफारिश की है। रिपोर्ट की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होते ही पहाड़ी, बकरवाल और गुर्जर भाई-बहनों को आरक्षण का लाभ मिलने वाला है।
उमर अब्दुल्ला और कुछ लोग, लोगों को भड़का रहे हैं कि गुर्जर-बकरवाल का आरक्षण छीना जाएगा, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि ऐसा नहीं होने वाला।
पहाड़ियों को भी मिलेगा और गुर्जर-बकरवाल का हक भी नहीं छीना जाएगा।
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