*यहां 25 फीट के नंदी भी आकर्षण का केंद्र*
राजसमंद ,10 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। तद पदम उपवन के अन्तर्गत निर्मित विश्व की सबसे ऊंची 369 फीट की शिव प्रतिमा के साथ भगवान शिव के द्वारपाल नंदी भी अपने आप में यहां पर एक रिकॉर्ड बनकर सामने आए हैं। मान्यता है कि जहां शिव होंगे वहां नंदी भी होंगे।
भगवान शिव के यहां पहले नंदी की प्रतिमा लगी होती है, फिर भोले का दीदार होता है। भक्तों को पहले नंदी के दर्शन होते हैं, फिर भगवान शिव के। इसी मान्यता को ध्यान में रखकर श्रीजी की नगरी नाथद्वारा के गणेश टेकरी पर बनाई गई नंदी की प्रतिमा भी शिव प्रतिमा की तरह ही विश्वभर में आकर्षण का केंद्र होगी।
यहां बनाई गई नंदी प्रतिमा की ऊंचाई 25 फीट और चौड़ाई 37 फीट की है। यह 369 फीट की विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा विश्वास स्वरुपम के सामने खड़े रूप में मस्ती की मुद्रा में है।
सामान्यत: नंदी शिव प्रतिमा के समक्ष बैठे हुए होते हैं, लेकिन यहां नंदी महादेव को अल्हड़ मस्ती की मुद्रा में देख कर स्वयं खड़े हैं। नंदी के तीन पैर जमीन पर और एक हवा में स्थापित किया गया है।
पौरणिक कथाओं के अनुसार देवताओं और असुरों के समुद्र मंथन के दौरान जो समुद्र से चीजें निकलीं उसे लेकर देवता और असुरों में लड़ाई होने लगी। ऐसे में शिवजी ने समुद्र मंथन के दौरान निकले हलाहल विष को पीकर संसार की रक्षा की थी।
इस दौरान विष की कुछ बूंदे जमीन पर गिर गई थीं। इन बूंदों को नंदी ने अपनी जीभ से चाट लिया था। नंदी का ये प्रेम और लगाव देख शिवजी ने नंदी को सबसे बड़े भक्त की उपाधि दी। साथ ही ये भी कहा कि लोग शिवजी की पूजा के साथ उन्हें भी प्रणाम करेंगे।
इतना ही नहीं भगवान शिव ने नंदी को मंदिर में अपने समक्ष बैठने का भी वरदान दिया और ये भी कहा कि जहां नंदी निवास करेंगे, वहीं भगवान शिव निवास करेंगे। यही कारण है कि हर शिव प्रतिमा के पास में नंदी की स्थापना की जाती है।
इसके चलते ही सभी शिवालयों में नंदी की प्रतिमा स्थापित होती है। इसके चलते विश्व की इस सबसे अविस्मरणीय एवं इतिहास को बनाने जा रही शिव प्रतिमा के साथ यहां स्थापित किए गए नंदी भी खड़ी मुद्रा में आकर्षित तो कर रहे हैं।
साथ ही कई भक्तों में एक जिज्ञासा को भी जन्म दे रहे हैं कि खड़े नंदी का भाव भी भोलेनाथ को अतिप्रिय क्यों लगा।
उल्लेखनीय है कि यहां स्थापित शिव प्रतिमा के साथ नंदी एवं उसके बाद पूरे गार्डन में गणपति जी, बजरंगबली आदि की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है.
इनके साथ ही अन्य कई आकर्षण से यहां आने वाला पर्यटक को भ्रमण का पूरा आनंद मिलेगा।
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