ओटीटी ‘क्वीन’ राजश्री वर्मा की नई फिल्म ‘तन बदन’ 

02.07.2022 –  मयूरी मीडिया वर्क्स  के बैनर तले निर्मित वेब फिल्म ‘तन बदन’ में ओटीटी  की दुनिया की ‘क्वीन’ राजश्री वर्मा अपने अभिनय और हुस्न का जलवा बिखेरती नज़र आएगी। इस वेब फिल्म के लेखक, निर्देशक तन्मय गोपाल और निर्माता प्रसिद्ध फिल्म प्रचारक और पत्रकार पुनीत खरे हैं। राजश्री वर्मा के अलावा इस फिल्म में अनिल धवन, सोनिका गिल, बीरबल, जोहरा मुगल, बबीता मिश्रा, राजू टाक, प्रीतम ओबराय, अंजलि अग्रवाल, जीता शाही और आशा ठाकुर की मुख्य भूमिका है।

संगीतकार राजा अली के संगीत से सजी इस फिल्म के गीतकार अनिता सोनी, गायिका खुशबू जैन, पटकथा व संवाद  प्रज्ञा शर्मा, छायांकन थम्मन के, नृत्य जगन्नाथ दास (जे.डी.), प्रोडक्शन डिजाइनर मंटू गुप्ता, संपादन संजय    सिंह, ध्वनि अक्की सुरेश  और कार्यकारी निर्माता हितेश नवानी हैं। 400 से भी अधिक फीचर फिल्में और 2000 से भी ज्यादा अलबम का प्रचार  कर चुके पी आर ओ पुनीत खरे इस फिल्म के निर्माण के पूर्व नाना पाटेकर, परेश रावल अभिनीत फिल्म ‘आंच’ के कार्यकारी निर्माता भी रह चुके हैं।

उन्होंने एक म्यूजिक कंपनी के लिए 25 विडियो एल्बम का भी निर्माण किया है और वो पिछले 36 वर्षों से बॉलीवुड में सक्रिय हैं। पुनीत खरे को कई तरह के अवार्ड से नवाजा चुका है। साथ ही साथ पिछले 5 वर्षों से सिनेमा आजतक ऐचीवर्स ऐवार्ड सहित देश के हर हिस्से में होने वाले अवार्ड समारोह के हिस्सा भी रहे हैं।

वेब फिल्म ‘तन बदन’ के निर्देशक तन्मय गोपाल ने हिन्दी, भोजपुरी, बंगाली, गुजराती और उडिया  फिल्मों का निर्माण और निर्देशन  भी किया है और विज्ञापन फिल्में और वेब सीरीज का भी निर्देशन कर चुके हैं।

बकौल निर्देशक तन्मय गोपाल ‘तन बदन’ के माध्यम से हमने यह दिखाने का प्रयास किया है कि वक्त रहते लड़की लडके का विवाह हो जाना चाहिए, नहीं तो वो एक उम्र के बाद भटकने लगते हैं।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

***************************

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के मायने

इसे भी पढ़ें : संकटकाल में नयी चाल में ढला साहित्य

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version