पटना ,24 अगस्त (आरएनएस/FJ)। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की सरकार ने बुधवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। इस दौरान हालांकि विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया।
सदन का संचालन कर रहे विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने विश्वास मत पर बहस के बाद ध्वनि मत से विश्वास का प्रस्ताव पारित कर दिया। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा उपाध्यक्ष से मतदान कराने की मांग की। इधर, भाजपा के तार किशोर प्रसाद ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब ध्वनिमत से विश्वास मत हासिल हो ही गया तो वोटिंग की क्या जरूरत। इसके बाद भाजपा ने सदन का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद वोटिंग कराई गई, जिसमे सत्ता पक्ष के पक्ष में 160 मत पड़े, जबकि अविश्वास को लेकर एक भी मत नहीं पड़ा।
इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड को खत्म करने की साजिश रची गई थी, उसके बाद पार्टी के सदस्य के साथ चार पार्टी थीं, लेकिन आज आठ पार्टी हमारे साथ हैं। उल्लेखनीय है कि 2020 के चुनाव में नीतीश के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी, लेकिन इस महीने के प्रथमार्ध में नीतीश कुमार ने एनडीए के सीएम पद से त्यागपत्र दे दिया और महागठबंधन से मिलकर सरकार बना ली।
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