भाजपा की महिला नेताओं के खिलाफ द्रमुक प्रवक्ता की टिप्पणी पर कनिमोझी ने मांगी माफी

चेन्नई 28 Oct. (Rns/FJ): तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की बहन, द्रमुक नेत्री कनिमोझी करुणानिधि ने अभिनेत्री से भाजपा नेत्री बनीं खुशबू सुंदर, नमिता, गौतमी और गायत्री रघुराम के खिलाफ अपनी पार्टी के प्रवक्ता सैदाई सादिक द्वारा की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगी। सादिक ने इन चार भाजपा नेत्रियों को ‘आइटम’ करार दिया था और उनके साथ-साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी।

खुशबू ने कनिमोझी को टैग करते हुए एक ट्वीट में इस पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या महिलाओं का अपमान करना ‘न्यू द्रविड़ मॉडल’ का हिस्सा है? जब पुरुष महिलाओं को गाली देते हैं, तो कहा जाता है कि देखो, इसकी किस तरह की परवरिश की गई है और उन्हें किस तरह के जहरीले वातावरण में लाया गया है। ऐसे ही पुरुष महिला के गर्भ का अपमान करते हैं। ऐसे पुरुष खुद को कलैग्नर के अनुयायी कहते हैं। क्या यह सीएम स्टालिन के शासन के तहत नया द्रविड़ मॉडल है?”

कनिमोझी ने तुरंत माफी मांगते हुए कहा, “जो कहा गया उसके लिए मैं एक महिला और इंसान के रूप में माफी मांगती हूं। इसे कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, चाहे किसी भी व्यक्ति ने कहा हो। इसके लिए मैं माफी मांगती हूं। मेरे नेता स्टालिन और मेरी पार्टी द्रमुक ऐसे लोगों को माफ नहीं करती है।”

सादिक का बयान भाजपा कार्यकर्ताओं को पसंद नहीं आया। कनिमोझी उनका गुस्सा शांत करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन देखना होगा कि भाजपा इस मसले को और आगे कैसे ले जाती है।

*****************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Exit mobile version