जयललिता मौत मामला : न्यायिक आयोग ने की पूर्व मंत्री शशिकला के खिलाफ जांच की मांग

चेन्नई ,18 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत की जांच करने वाले न्यायमूर्ति अरुमुगासामी आयोग ने जयललिता की पूर्व सहयोगी वी.के. शशिकला, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर और पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ जे. राधाकृष्णन और डॉ सी. शिवकुमार के खिलाफ जांच की सिफारिश की है। आयोग ने मंगलवार को तमिलनाडु विधानसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की।

राज्य सरकार ने 22 सितंबर, 2016 को अस्पताल में भर्ती होने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच के लिए आयोग का गठन किया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में चश्मदीदों का हवाला देते हुए दावा किया कि जयललिता की मौत 5 दिसंबर के बजाय 4 दिसंबर को हुई थी। अरुमुगसामी आयोग ने पहले मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को रिपोर्ट पेश की थी।

रिपोर्ट में सवाल किया गया है कि डॉ. रिचर्ड बीले के जयललिता को विदेश ले जाने के लिए तैयार होने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री को इलाज के लिए विदेश क्यों नहीं ले जाया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ब्रिटेन और अमेरिका के जाने-माने डॉक्टरों, जो राज्य सरकार के निमंत्रण पर अपोलो अस्पताल पहुंचे थे, ने एंजियोप्लास्टी का सुझाव दिया था, उसके बाद भी यह नहीं किया गया।

आयोग ने आगे कहा, इन सभी पहलुओं से, आयोग ने निष्कर्ष निकाला है कि वीके शशिकला वी.के. शशिकला, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर और पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ जे. राधाकृष्णन और डॉ सी. शिवकुमार के खिलाफ जांच के आदेश दिए जाने चाहिए।

********************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version