जगदानंद सिंह ने RJD अध्यक्ष पद से इस्तीफा

*अब्दुल बारी शिद्दकी बनेंगे बिहार के नए मुखिया!*

पटना 10 Oct. (Rns/FJ): बिहार की सियासी भूचाल आ गया है। राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष पर से इस्तीफा दे दिया है। आरजेडी अब जगदानंद सिंह की जगह अब्दुल बारी शिद्दकी को कमान सौंपने का मन बना चुकी है।

जगदानंद सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा सौंपकर पार्टी से किनारा कर लिया है। राष्ट्रीय अधिवेशन से दूर रहकर जगदानंद सिंह ने अपनी नाराजगी साफ ज़ाहिर कर दी थी।

जगदानंद सिंह पिछले कुछ दिनों से आरजेडी के पार्टी ऑफिस से भी दूरी बनाए हुए थे जबकि हाल ही में उनका दोबारा चुनाव आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर हुआ था।

कहा जा रहा है कि बेटे सुधाकर सिंह से कृषि मंत्री पद का छीना जाना जगदानंद सिंह को नागवार गुजरा है। इसलिए वो पिछले कुछ दिनों से काफी नाराज चल रहे हैं।

दरअसल सुधाकर सिंह नीतीश कुमार की सरकार में सहज नहीं थे और लगातार सरकार और नौकरशाह के खिलाफ बयान देकर महागठबंधन सरकार की किरकिरी कर रहे थे।

जगदानंद सिंह ने अपने बेटे सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद इसे बलिदान करार दिया था जिसपर जेडीयू के कई नेताओं कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

इन वजहों से लालू प्रसाद सहित तेजस्वी के साथ बढ़ गई थी दूरियां

जगदानंद सिंह द्वारा पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए एक आदेश 1 अक्टूबर को निकाला गया जिसमें पार्टी नेताओं को सरकार, संगठन के बड़े मुद्दे पर बोलने से परहेज करने को कहा गया।

बतौर प्रदेश अध्यक्ष औपचारिक आदेश जगदानंद सिंह का था लेकिन ऐसा आरजेडी नेता लालू प्रसाद और तेजस्वी के कहने पर किया गया था।

दरअसल लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पार्टी नेताओं द्वारा दिए जा रहे अनर्गल बयान पर रोक लगाना चाहते थे वहीं जगदानंद सिंह सरीखे नेता लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के इन फैसलों से बंधा हुआ महसूस करने लगे थे।

इससे पहले भी जगदानंद सिंह और शिवानंद तिवारी ने नीतीस कुमार को केन्द्र की राजनीति करने की सलाह देते हुए तेजस्वी को बिहार की सत्ता सौंपने की मांग कर चुके थे।

ज़ाहिर है जेडीयू नेता नीतीश कुमार पर किए गए ऐसे हमलों से बचने के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद ने जगदानंद सिंह से वो फरमान जारी करा दिया जिसके तहत वरिष्ठ नेताओं को भी बोलने से बचने का फरमान जारी किया गया था।

इतना ही नहीं पिता जगदानंद सिंह की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि नीतीश कुमार के साथ सरकार बनाने को लेकर चल रही गतिविधियों में जगदानंद सिंह को शामिल नहीं किया गया था।

ज़ाहिर है जगदानंद सिंह आरजेडी में हाशिए पर धकेले जाने से भी नाराज थे । वैसे जगदानंद सिंह की नाराजगी पहले भी कई बार दिखी थी

जब लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव द्वारा उन्हें अपमानित होना पड़ा था लेकिन लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव द्वारा मनाए जाने पर जगदानंद सिंह पार्टी में बने रहे।

रविवार को दिल्ली में तेजस्वी यादव के बयान में साफ हो गया कि जगदानंद सिंह को मनाने के लिए आरजेडी के दो बड़े नेता लालू प्रसाद और सुपुत्र तेजस्वी यादव तैयार नहीं हैं।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी माइ समीकरण यानि की मुस्लिम और यादव के गठजोड़ को और मजबूत करना चाहती है। इसलिए काफी समय से पार्टी में हाशिए पर जा चुके पुराने दिग्गज नेता अब्दुल बारी शिद्दकी को आरजेडी अध्यक्ष पद पर बिठाने जा रही है।

अब्दुल बारी शिद्दकी आरजेडी सरकार में मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं और लालू प्रसाद सहित तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के साथ उनके रिश्ते मधुर रहे हैं।

ज़ाहिर है महागठबंधन सरकार को बेहतर चलाने के उद्देश्य से आरजेडी अपने प्रदेश अध्यक्ष का पद ऐसे नेता को सौंपना चाहती है जो जेडीयू के सर्वपरि नेता नीतीश कुमार के साथ बेहतर तालमेल रख सके।

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