किसी एक व्यक्ति की गलती के लिए सभी को दोष देना ठीक नहीं है: ममता बनर्जी

*सीएम ममता ने कहा- कभी-कभी अच्छे लोग भी संगत में खराब हो जाते हैं*

कोलकाता ,05 सितंबर (आरएनएस/FJ)। एक व्यक्ति की गलती के लिए सभी को दोष देना सही नहीं है। उक्त बात आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कही।मुख्यमंत्री आज विश्व बांग्ला मेला परिसर में शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य सरकार के शिक्षा रत्न समारोह को संबोधित कर रही थी।

वहां उन्होंने कई मुद्दों पर मुंह खोला। हलांकि मुख्यमंत्री ने भाषण में किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन अपने शब्दों में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार के हालिया आरोपों और उसके कारण घटनाओं के विषय को शब्दों से उकेरा। सीएम ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का एक बार भी जिक्र नहीं किया गया। लेकिन उन्होंने जो कहा उसका अर्थ यह है कि पार्थ के घटना के कारण सत्ताधारी दल और पूरी सरकार को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शिक्षक दिवस के दिन राज्य के शिक्षकों को शिक्षक रत्न सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर ममता बनर्जी ने कहा कि सभी को भूल करने का अधिकार है, लेकिन न्याय मिलेगा। . इस अवसर पर ममता बनर्जी ने कहा कि वह शिक्षा विभाग से कहेंगे कि सिलेबस में नैतिक चरित्र निर्माण को शामिल किया जाए।

विशेषज्ञों की सहायता से इसका सिलेबस बनाया जाए और इसे पढ़ाई में शामिल किया जाए। उन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले का नाम लिए बिना बोला कि सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि सभी को गलती करने का अधिकार है, लेकिन वह कह सकती हैं कि जिनके साथ न्याय नहीं हुआ है, उन्हें न्याय मिलेगा। भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि, व्यापम घोटाला भी हुआ था, आपलोगों ने देखा। 53 लोगों आत्महत्या कर लिया व वहां के शिक्षा मंत्री को गिरफ्तार किया गया था?

सच तो यह है कि उक्त काम यानी दोष किसी ने नीचे वोलों ने किया! लेकिन दोष ऊपर बैठे लोगों पर आ जाता है! ममता बनर्जी कहा कि शिक्षा विभाग एक बड़ा विभाग है। इतना बड़ा विभाग चलाना एक राज्य चलाने जैसा है। इतना काम और इतनी समस्या है, जिसका कुछ कहना है। यह बहुत ही संवेदनशील विभाग है।

उन्होंने कहा कि हमारा एक ही धर्म है और हम एकजुट हैं। धर्म व्यक्तिगत मामला है, लेकिन उत्सव सभी का है। सीएम ममता ने कहा, समाज में अच्छे लोग भी हैं और खराब लोग भी हैं। एक खराब आदमी खराब किया और सभी को एक नजर से देखना ठीक नहीं है।

कठहल के पेड़ में कभी आम नहीं होता है। कभी-कभी अच्छे लोग भी संगत में खराब हो जाते हैं। उन्हें अच्छा करना होगा। एक शिक्षक यदि कोई गलती करता है,तो हो-हल्ला मचता है, लेकिन उनके कामों को कोई नहीं देखता है।

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