मैं किसी भाषा का विरोधी नहीं, मगर अपनी मातृभाषा को जिंदा रखना होगा : अमित शाह

नई दिल्ली ,31 अक्टूबर (एजेंसी)। सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर दिल्ली के सरदार पटेल स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिरकत की। इस मौके पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा मैं किसी भाषा के सीखने का विरोधी नहीं हूं, मगर अपनी मातृभाषा को जिंदा रखना होगा।

अमित शाह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बुनियादी शिक्षा स्थानीय भाषा में दी जानी चाहिए, मैं छात्रों से अपनी मूल भाषा और बोली को जीवित रखने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से अंग्रेजी की जानकारी को बुद्धि की क्षमता के साथ जोड़ दिया गया है। भाषा सिर्फ अभिव्यक्ति है, क्षमता का परिचायक नहीं है। अगर आपके अंदर क्षमता है, तो दुनिया को आपको सुनना ही होगा, चाहे आप किसी भी भाषा में बोले।

अमित शाह ने कहा कि अगर आपको अपनी क्षमता बढ़ाना है, तो ये आपकी अपनी मातृभाषा में ही होगा। दूसरी भाषा में सोचने से उसकी प्रिक्रिया कम हो जाती है। मातृभाषा को जिंदा रखना होगा और उसे आगे बढ़ाना होगा। अगर हम सोचते हैं कि अंग्रेजी जिसको अच्छी आती है, वो ही देश के विकास में योगदान कर सकता है, तो हम सिर्फ 5 प्रतिशत लोगों को ही देश के विकास से जोड़ते हैं। अगर अपनी भाषा में बोलने, लिखने और अनुसंधान करने वाला बच्चा देश के विकास की प्रक्रिया में नहीं जुड़ता है, तो हम 95 प्रतिशत बच्चों को देश के विकास की प्रक्रिया से काट देते हैं।

अमित शाह ने कहा कि इससे समाज के दो हिस्से हो जाते हैं। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि बच्चों से अपनी मातृभाषा में ही बात करें। उन्होंने बताया कि हमारी नई शिक्षा नीति जो आई है, उसमें सबसे महत्वपूर्ण आयाम है कि बच्चों की प्राथमिक शिक्षा अपनी भाषा में होनी चाहिए। टेक्निकल शिक्षा और मेडिकल शिक्षा भी अपनी भाषा में उपलब्ध होना चाहिए। अनुसंधान भी स्थानीय भाषा में ही होना चाहिए।

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