समुद्र में डूबा हांगकांग का मशहूर तैरता रेस्तरां, 46 साल से खिला रहा था खाना

हांगकांग,22 जून(RNS) । हांगकांग का प्रसिद्ध तैरता रेस्तरां दक्षिणी चीन सागर की गहराइयों में समा गया। उसे बांध कर पैरासेल द्वीप के करीब ले जाया गया जहां वह समुद्र में डूब गया। आबेरडीन रेस्ट्रॉन्ट एंटरप्राइजेज ने एक बयान जारी कर बताया कि रेस्तरां विपरीत परिस्थितियों का सामना नहीं कर पाया और उसमें पानी भरने लगा था। हादसे में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। रेस्त्रां को बचाने के प्रयास जारी हैं।

जंबो रेस्त्रां जहां डूबा है, वहां गहराई एक हजार मीटर से ज्यादा है, इसलिए बचाव व राहत कार्य में मुश्किल आ रही है। यह रेस्त्रां ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ और हॉलीवुड के सुपरस्टार टॉम क्रूज जैसे तमाम दिग्गजों की मेहमाननवाजी कर चुका है। हांगकांग आने वाले पर्यटकों के लिए यह मुख्य आकर्षण हुआ करता था।

जंबो रेस्टॉरेंट के डुबने की यह घटना उस वक्त हुई, जब 46 साल बाद उसे बोटों द्वारा दूसरी जगह ले जाया जा रहा था। हांगकांग का यह जंबो रेस्टॉरेंट सालों से पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र था। यह 1976 में शुरू हुआ था। इसका कैंटोनीज खाना बेहतरीन माना जाता था।
जंबो रेस्टॉरेंट कोरोना महामारी के बाद से नहीं खुला था। इसे नए सिरे से संवारने के लिए कोई निवेशक आगे नहीं आया।

मालिकों ने इसके पुनरुद्धार के लिए काफी कोशिशें की थीं, लेकिन विफल रहने से उसे हांगकांग के एबरडीन हार्बर से हटाया जा रहा था, तभी यह डूब गया।

इसका संचालन करने वाली एबरडीन रेस्तरां एंटरप्राइजेज के अनुसार इस तैरते रेस्त्रां को चलाने की लागत लगातार बढ़ रही थी। वह लगातार पैसा लगाने में असमर्थ हो गए थे। इसके रखरखाव पर ही हर साल लाखों डॉलर खर्च हो रहे थे।

कंपनी ने कहा कि लगता नहीं है कि यह निकट भविष्य में फिर से शुरू होगा। इस तैरते हुए रेस्टोरेंट को कई नावों की मदद से दूर ले जाया गया है। इसे विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग जमा हुए थे।

*********************************************

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के मायने

इसे भी पढ़ें : संकटकाल में नयी चाल में ढला साहित्य

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version