नोटबंदी पर सुनवाई 12 अक्टूबर तक स्थगित

*SC ने कहा- देखना होगा इसे सुनने की जरूरत है या नहीं*

नई दिल्ली 28 Sep. (Rns/FJ) : नोटबंदी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई 12 अक्टूबर तक के लिए स्थगित हो गई है। कोर्ट ने कहा कि पहले यह जांच की जाएगी कि नोटबंदी को चुनौती दे रही याचिकाएं अकादमिक तो नहीं बन गई हैं। कोर्ट के अनुसार, यह भी पता लगाना होगा कि सुनवाई योग्य है या नहीं। कोर्ट के अनुसार, यह भी पता लगाना होगा कि इसे सुना जा सकता है या नहीं। सरकार ने साल 2016 में नोटबंदी का ऐलान किया था।

बुधवार को जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना की संविधान बेंच 58 याचिकाओं पर विचार कर रही थी। ये याचिकाएं केंद्र सरकार के साल 2016 में लिए गए नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दायर की गई थी।

सुनवाई के दौरान जस्टिस नजीर ने सवाल किया, ‘क्या अब भी यह बचा है।’ इसपर वकील ने जवाब दिया कि शीर्ष न्यायालय ने साल 2016 में कई मुद्दों की पहचान की थी और मामले को संविधान बेंच के पास भेज दिया था। उन्होंने बताया कि इस मामले पर उच्च न्यायालयों में सुनवाई पर रोक लगा दी थी। बाद में जस्टिस गवई की तरफ से भी इसी तरह का सवाल किया गया।

एक अन्य वकील ने कहा कि मामले के दो पहलु हैं। पहला कि इसमें सरकार के निर्णय की वैधता और लोगों की तरफ से किए गए परेशानियों का दावे शामिल हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘व्यवहारिक उद्देश्यों के लिहाज से ये मुद्दे अब नहीं बचे हैं। अगर शैक्षणिक उद्देश्य से बेंच इन पर विचार करना चाहती है, तो हम मदद कर सकते हैं।’

इसपर जस्टिस गवई ने सवाल किया, ‘इतने बड़े स्तर पर लंबित होने के बाद भी पांच जजों की बेंच के अकादमिक मुद्दों पर विचार करना चाहिए? क्या अकादमिक मुद्दों के लिए समय है?’ जस्टिस नजीर ने मामले पर सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर की तारीख तय की है। उन्होंने कहा, ‘पहला सवाल है कि हम यह जांच करेंगे कि क्या यह मुद्दा अकादमिक बन गया है और इसे सुना जा सकता है या नहीं।’

**************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version