खुशखबरी : भारतीय डाक विभाग ने शुरू की होम डिलीवरी, घर बैठे मंगवा सकेंगे आटे से लेकर चटनी बनाने का सामान

बेंगलुरू ,16 जुलाई (Rns/FJ)। भारतीय डाक विभाग ने लोगों को राहत देने के लिए एक सर्विस शुरू की है। इस नई सेवा के तहत भारतीय डाक भोजन वितरण सेवा ने इडली और डोसा के आटे सहित भोजन तैयार करने के लिए जरूरी सामानों को घर-घर पहुंचाना शुरू कर दिया है। फिलहाल डाक विभाग ने यह सेवा कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में ही शुरू की है। डाक विभाग ने बेंगलुरु के कुछ घरों में पैकेट के पहले बैच को डिलीवर किया है। जानकारों का कहना है कि अगर इस कारोबार का विस्तार कर्नाटक और अन्य राज्यों में किया जाता है तो विभाग को भविष्य में भारी राजस्व की प्राप्ति होगी। अब तक डोसा का आटा सहित घी, पोंगल खाने के लिए तैयार मिश्रण, चटनी पाउडर, इडली के आटे की डिलीवरी हो चुकी है।

सोमवार तक बुक किए गए 22 पार्सल में से केवल एक पार्सल डिलीवर नहीं हो पाया। बाकी पार्सल पूर्वी बेंगलुरु, दक्षिण बेंगलुरु और पश्चिम बेंगलुरु के घरों में पहुंचा दिये गए हैं। मीडिया से बात करते हुए, कर्नाटक सर्किल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल (सीपीएमजी) एस राजेंद्र कुमार ने कहा कि खाने के सामाग्री की डिलीवरी पूरे बेंगलुरु में पायलट आधार पर शुरू हो गई है। उन्होंने कहा सोमवार को बैटर और विभिन्न इंस्टेंट मिक्स वाले कुल 22 पार्सल बुक किए गए थे। हम अभी उन्हें बिजनेस पार्सल के रूप में बुक कर रहे हैं। डिलीवरी उसी दिन होगी भले ही विभाग के मुताबिक तय समय पूरा हो जाए। इसे अभी एक छोटे से तरीके से शुरू किया गया है, लेकिन अगर इसकी लोकप्रियता बढ़ती है तो हम खाद्य व्यवसाय में शामिल अलग-अलग फर्मों से बड़ी मात्रा में ऑर्डर देख रहे हैं।

बेहद लोकप्रिय डाक विभाग ने पहले ही बेंगलुरु में एक छोटी फास्ट फूड डिलीवरी सेवा शुरू कर दी है। साथ ही कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में अपार लोकप्रियता मिलने की भी संभावना है। वर्तमान में यह सेवा नियमित डाक वितरण कर्मचारियों द्वारा प्रदान की जा रही है। एस। राजेंद्र कुमार ने कहा कि अगर भविष्य में लोगों की ओर से इसकी अच्छी मांग आती है तो फूड डिलीवरी के लिए विशेष टीम का गठन किया जाएगा।

***************************************************

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के मायने

इसे भी पढ़ें : संकटकाल में नयी चाल में ढला साहित्य

Leave a Reply

Exit mobile version