गिरिराज सिंह ने लालू यादव को दी चुनौती

*हिम्मत है तो बिहार में आरएसएस को बैन करके दिखाएं*

नई दिल्ली 29 Sep. (Rns): केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरएसएस को बैन करने के लालू यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि अगर उनमें हिम्मत है तो बिहार में आरएसएस को बैन करके दिखाएं।

सिंह ने लालू यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि लालू यादव पहली बार 1990 में जब बिहार के मुख्यमंत्री बने थे तब वो इसी आरएसएस और बीजेपी का गुणगान किया करते थे, लेकिन आज वोट बैंक के लालच में वो पीएफआई जैसे संगठन की तारीफ कर रहे हैं।

गिरिराज सिंह ने लालू यादव को चुनौती देते हुए ट्वीट कर कहा, “हमें आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर गर्व है, क्या लालू यादव कह सकते हैं कि वह पीएफआई के सदस्य हैं? बिहार में उनकी सरकार है, हिम्मत है तो बिहार में आरएसएस को बैन कर दो।”

लालू यादव को 1990 की याद दिलाते हुए सिंह ने आगे कहा, “लालू यादव की याददाश्त कमजोर हो गई है, 1990 में जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब वे इस आरएसएस और बीजेपी का गुणगान कर रहे थे, आज वोट बैंक की जरूरत है तो पीएफआई की तारीफ कर रहे हैं।”

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को पीएफआई पर बैन लगाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी बैन लगाने की मांग की थी। जिस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरजेडी सुप्रीमो को यह चुनौती दी है।

************************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Exit mobile version