उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद बना सबसे साफ शहर

*स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में देशभर में मिला 12वां स्थान*

गाजियाबाद ,01 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के परिणामों की घोषणा कर दी गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को दिल्ली एक कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विजेताओं को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022 प्रदान किए। इस मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य भी मौजूद थे।

स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में गाजियाबाद नगर निगम, उत्तर प्रदेश में पहले स्थान पर रहा। गाजियाबाद प्रदेश का सबसे साफ सुधरा शहर है। गाजियाबाद को देश में 12वां स्थान मिला है। पिछले साल गाजियाबाद को प्रदेश में दूसरा और देश में 18वां स्थान मिला था। महापौर आशा शर्मा और नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड ने उत्तर प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने पर खुशी जताई है। शहर को प्रथम स्थान मिलने का श्रेय जनता को दिया।
तत्कालीन नगर आयुक्त ने किए काफी काम

शहर से रोजाना 1200 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इसके निस्तारण के लिए तत्कालीन नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने काफी काम किए। उन्होंने दो गार्बेज फैक्ट्री चालू कराई। गाजियाबाद प्रदेश का पहला शहर बना, जहां गार्बेज फैक्ट्री शुरू की गई। इन फैक्ट्री में सूखा और गीला कूड़ा अलग किया जाता है। शहर से 200 से ज्यादा ढलावघर खत्म कराए। प्लास्टिक और पॉलीथिन का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद कूड़े को बेचने का काम किया। सूखा कूड़ा बेचा जा रहा है। कूड़े से एक साल में एक करोड़ की आए होगी।

जमीन पर उतारी गई योजनाएं

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार ने सभी योजनाओं को जमीन पर उतारा। उन्होंने सफाई निरीक्षक से लेकर सफाई कर्मचारियों से संपर्क साधा। सूखा और गीला कूड़ा अलग करने पर जोर दिया गया।
इंदौर लगातार छठी बार सबसे स्वच्छ शहर

बता दें कि, स्वच्छ सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार छठी बार सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है, जबकि सूरत दूसरे और नवी मुंबई तीसरा स्थान पर रहा। स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है, इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का स्थान है।

**************************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version